Xxx पोर्न फॅमिली स्टोरी में पढ़ें कि मेरी बीवी सेक्स की बहुत शौकीन है. एक दिन वो मेरा लंड चूस रही थी कि उसकी भाभी ने मेरा लंड देख लिया. वो मुझसे कैसे चुदी?
मेरा नाम मनोज शर्मा है।
मेरी शादी को 7 साल हो चुके हैं। मेरी बीवी का नाम विनिता है।
शादी के इतने साल होने के बावजूद भी हम दोनों आज भी एक दूसरे को दिलोजान से प्यार करते हैं।
यह Xxx पोर्न फॅमिली स्टोरी कुछ दिनों पहले की है, मैं शाम को एक दो ड्रिंक करने बाद बाथरूम में नहा रहा था।
अचानक मेरी बीवी ने बाथरूम का दरवाजा खटखटाया।
मैंने तौलिया लपेट कर दरवाजा खोला।
देखा तो सामने मेरी बीवी खड़ी थी और शरारत से मुस्कुरा रही थी।
मैं कुछ समझता … इससे पहले उसने एक झटके में मेरा तौलिया खोल दिया।
मैं बिल्कुल नंगा हो गया था।
मैंने पूछा- रुको यार! क्या कर रही हो?
उसने कोई जवाब नहीं दिया और घुटनों के बल बैठ गयी।
मैं कुछ समझता इससे पहले मेरे आंड (अंडकोष) मेरी बीवी के होठों के अंदर थे।
सच कहूं तो मेरी आत्मा तक आनंद से भर गयी; गजब का आनंद महसूस हुआ।
वो बिल्कुल आम की गुठलियों की तरह मेरे आंड चूसने लगी।
मेरा 6 इंच का लंड टनटनाने लगा।
3-4 मिनट आंड चूसने के बाद उसने गप्प से मेरा लंड अपने मुंह में डाल लिया सटासट चूसने लगी।
मैं उसकी इतनी मेहरबानी को बिल्कुल भी नहीं समझ पा रहा था; मैं बस मजे से उसे अपना लंड चुसवा रहा था।
मेरे होठों से ‘आहह आहह’ की मस्ती भरी आवाजें निकल रही थी।
फिर मैंने बीवी को थोड़ा विस्मय से देखा तो वो समझ गयी कि मैं इस मेहरबानी की वजह जानना चाहता हूं।
उसने लंड अपने मुंह से निकाला और कहा- अजी कोई खास बात नहीं. लेकिन पिछले 15-20 दिनों से मैंने आपके लंड का पानी नहीं पीया ना … तो आज मेरा मन आपके लंड के नमकीन पानी को पीने का कर रहा था। पिलाओगे या नहीं?
मैंने हड़बड़ाते हुए कहा- डार्लिंग, मैं तो सारा का सारा तुम्हारा हूं, तुम जो चाहो कर सकती हो!
इतना सुनकर वो सटासट मेरा लंड अपने मुंह के अंदर बाहर करने लगी।
आहह … बड़ा मजा आ रहा था.
अचानक डोरबेल बजी।
“धत्त तेरे की!” मेरी बीवी बोली।
उसने मेरा लंड अपने मुंह से बाहर निकाला।
मैं अपना लंड हाथ में लेकर हिलाने लगा।
मेरी बीवी चिल्लायी- प्लीज यार, अपने पानी को मत निकालना। मैं आपके लंड का पानी अपने मुंह में ही निकालना चाहती हूं। आप एक मिनट रूकना। मैं देख कर आती हूं कि बाहर कौन आया है।
मैंने कहा- लेकिन मेरा लंड एकदम गर्म हो चुका है।
वो बोली- आप बस एक मिनट रूक जाओ, मैं अभी आती हूं। आप बस लंड का पानी मत निकलने देना प्लीज!
उसने हाथ जोड़कर कहा।
मैंने भी हां में सर हिला दिया.
मेरी बीवी 10-15 मिनट तक नहीं आयी.
इधर मेरे लंड की हालत खराब हो रही थी।
खैर! 15-20 मिनट इंतजार के बाद मैं टॉवल लपेट कर बाथरूम से बाहर आया।
जैसे ही कमरे के अंदर जाने लगा, तभी मुझे अपनी सलहज (साले की बीवी) यानि अपनी पत्नी की भाभी की आवाज सुनाई दी।
वो मेरी बीवी से बात कर रही थी।
उसने मुझे देख लिया था।
मुझे देख कर उसने हालचाल पूछे।
मैंने भी उनके हालचाल पूछे और कमरे के अंदर चला आया।
3-4 मिनट के बाद नेरी बीवी कमरे के अंदर आयी।
मैंने उसे देखकर बुरा सा मुंह बनाया।
मेरी बीवी ने आव देखा ना ताव और तौलिये में से मेरा लंड निकाल कर अपने मुंह में गप्प से ले लिया।
लंड तो बेचारा पहले से ही बेताब था तो बस 4-5 झटकों में ही एक पिचकारी के साथ अपना पानी मेरी बीवी के मुंह में छोड़ दिया।
उसने भी फटाफट सारा पानी निगल लिया और लंड को चाट कर बिल्कुल साफ कर दिया।
फिर उसने मुस्कुरा कर मेरी तरफ देखा और कहा- मुझे पता है कि लंड जब खड़ा हो जाता है तो फिर पानी निकलने के बाद ही ठण्डा होता है।
“तुम्हें अपने खड़े लंड का पानी इतनी देर तक रोकना पड़ा इसके लिए आइ एम सॉरी!”
मैंने कोई जवाब नहीं दिया, बस हल्की सी स्माइल कर दी।
फिर मेरी बीवी वहां से चली गयी।
रात के 8 बजने वाले थे।
मैं अपने बेडरूम में पैग लगा रहा था।
मेरी बीवी कमरे में आयी और बोली- खाना तैयार है, चलिए जनाब!
फिर मेरा हाथ पकड़कर मुझे खड़े होने का इशारा किया।
मैं खड़ा होकर उसके साथ चल दिया।
मैंने, मेरी बीवी ने और बीवी की भाभी ने साथ साथ खाना खाया।
फिर मैं छत पर चला गया।
लगभग 10-15 मिनट के बाद मेरी बीवी और उसकी भाभी भी छत पर आ गयी।
मैं व्हिस्की के हल्के से थोड़ा ज्यादा नशे में आराम से छत टहल रहा था।
मेरी बीवी और उसकी भाभी छत पर रखी राउण्ड टैबल के इर्द गिर्द रखी कुर्सियों पर बैठ गयी।
कुछ देर तक वो दोनों आपस में बतियाती रही फिर मेरी बीवी ने मुझे आवाज लगायी- आप भी तो बैठो ना!
फिर उसकी भाभी ने भी कहा- अजी आप भी बैठिये … थोड़ी देर हमारे साथ भी तो बैठिये!
मैं थोड़ा सा हड़बड़ाते हुए उनके पास की कुर्सी पर बैठ गया।
मेरी बीवी और उसकी भाभी आपने सामने बैठी थी तो मुझे उन दोनों के बीच वाली कुर्सी ही खाली मिलनी थी।
हम तीनों आपस में 15-20 मिनट तक घर परिवार के बारे में बात करते रहे।
उसकी भाभी ने मेरे काम धंधे के बारे में पूछा, मैंने भी उनके और उनके परिवार वालों के हालचाल पूछे।
फिर वो दोनों अपनी किसी बात में मशगूल हो गयी, बतियाने लगी।
मैं उन दोनों की बातें सुनने लगा।
मुझे उन दोनों की बाते सुनते बस एक-दो मिनट ही हुए थे कि अचानक मुझे अपनी पैन्ट के जिप वाले हिस्से पर कुछ छुअन सी महसूस हुई।
मैं थोड़ा सा हिला।
अचानक वो छुहन किसी चीज के दबाव में बदल गयी।
मैंने गौर किया तब समझ आया कि वो चीज नहीं किसी के पैर हैं।
मैं अपने आश्चर्य को दबाते हुए बस ये जानने कोशिश कर रहा था कि मेरी बीवी अपनी भाभी की मौजूदगी में ये क्या कर रही है।
वो पैर से 3-4 मिनट तक मेरे जिप वाले हिस्से पर सहलाती रही, दबाती रही।
मेरा लंड तनकर खड़ा था।
अचानक मेरी बीवी बोली- आप लोग कॉल्ड ड्रिंक पियोगे ?
बीवी की भाभी तपाक से बोला- हां जरूर!
मेरी बीवी उठकर नीचे चली गयी।
लेकिन ये क्या … मेरे जिप वाले हिस्से पर अब भी हलचल हो रही थी।
मैं आश्चर्य व संकोच से बीवी की भाभी की तरफ देखने लगा।
उसने मुस्कुराते हुए मुझे देखा।
मैं थोड़ा सा झेंप गया।
वो मेरे जिप वाले हिस्से को सहलाते सहलाते अचानक राउंड टेबल के नीचे बैठ गयी।
फिर आगे सरक कर बिल्कुल मेरे सामने बैठ गयी।
मैं नशे में हैरान सा उसको देख रहा था।
उसने अपने हाथों से मेरी पैन्ट की जिप खोली और अपनी अंगुलियों से मेरा लंड बाहर निकाल लिया; उसको हिलाते हुए मेरी तरफ देखा और मेरे लंड को गप्प से अपने मुंह में डाल लिया।
मेरे सारे शरीर में मस्ती की तरंग सी फैल गयी।
मैं बिल्कुल चुपचाप था।
मेरी बीवी की भाभी मेरे लंड को लॉलीपोप की तरह चूस रही थी।
अचानक मेरी बीवी छत पर आ गयी।
उसके हाथ में ट्रे थी जिसमें तीन ग्लास रखे थे।
लेकिन उसकी भाभी मेरे लंड को छोड़ ही नहीं रही थी।
मैं अपनी बीवी को छत पर देख कर डर गया; मैं घबराकर बोला- छोड़िये, आपकी ननद छत पर आ गयी।
लेकिन मुझे बहुत ताज्जुब हुआ जब मेरे कहने पर भी उसने मेरा लंड अपने मुंह से नहीं निकाला।
वो तो बिना किसी झिझक और डर के मेरा लंड चूसे जा रही थी।
अब मेरी बीवी राउण्ड टेबल के बिल्कुल पास आ गयी थी।
मेरा चेहरा पसीने से भीगने लगा।
मेरी बीवी ने किर्सी पर बैठकर पूछा- भाभी किधर गयी?
मैं मारे घबराहट के बदहवास सा उसके चेहरे को देख रहा था।
मेरी बीवी ने मेरे चेहरे की तरफ गौर से देखा, फिर पूछा- क्या हुआ जी? आप इतना घबराए हुए क्यों हैं? क्या बात है?
मैं घबराहट में मिमियाने लगा।
मेरी बीवी मेरी बात समझ पाती इससे पहले ही उसे ‘पुच्च पुच्च’ की आवाज सुनाई दी।
मेरी बीवी ने फिर से पूछा- क्या चल रहा है? और ये भाभी किधर है?
इतना बोलकर उसने टेबल के नीचे झुककर देखा।
उसकी भाभी के मुंह में मेरा लंड था।
वो देखकर चिल्लायी- भाभी! ये सब क्या हो रहा है? बाहर निकलिये!
उसकी भाभी बाहर निकली।
मेरी तो हालत ही खराब हो चुकी थी; मेरा पूरा बदन पसीने से तरबतर हो चुका था।
गुस्से से लाल होकर मेरी बीवी कभी मेरे चेहरे की तरफ देख रही थी कभी अपनी भाभी के चेहरे को देख रही थी।
लगभग 1-2 मिनट के बाद अचानक जोर से हंसी की आवाज आयी।
मेरी बीवी और उसकी भाभी मेरे चेहरे की तरफ देखकर हंस रही थी।
मेरे तो कुछ भी समझ नहीं आया कि आखिर ये दोनों हंस क्यों रही हैं।
शायद व्हिस्की के नशे के कारण!?
फिर मेरी बीवी मेरे पास आयी और आकर मेरे कान में बोली- अगर आज रात दो-दो चूत चोदने को मिलें तो कैसा रहेगा?
मैं मारे खुशी के बावला होने लगा।
अब मुझे समझ में आया कि ये लंड चूसने वाली घटना उन दोनों का प्लान था।
मतलब कि मेरी बीवी मुझसे अपनी भाभी को भी चुदवाना चाहती थी।
मेरी तो जैसे लॉटरी ही निकल पड़ी थी।
लेकिन मैं समझ नहीं पा रहा था कि आखिर मेरी बीवी अपनी मर्जी से और अपने ही सामने अपनी भाभी को मेरे साथ चोदा चोदी क्यों करने देने को राजी है।
मैं सोचने में खोया था कि अचानक मेरी बीवी की आवाज आयी- अजी कहां खो गये?
फिर मेरे पास आकर बोली- दिमाग पर ज्यादा जोर डालने की जरूरत नहीं है! मैं सब समझाती हूं। पहले आप कुर्सी पर बैठिये।
इतना बोलकर वो मुझे कुर्सी पर बैठाने लगी।
मैं कुर्सी पर बैठ गया।
फिर वो दोनों भी अपनी अपनी कुर्सी पर बैठ गयी।
लेकिन वो दोनों अब भी मेरी तरफ देखकर हल्के हल्के मुस्कुरा रही थी।
मैं उन दोनों की तरफ देख तो रहा था लेकिन थोड़ा थोड़ा शरमा भी रहा था।
फिर मेरी बीवी ने कॉल्ड ड्रिंक के गिलास ट्रे से बाहर निकाले और तीनों ने एक एक ले लिया।
लेकिन ये क्या … उन दोनों के गिलास में कॉल्ड ड्रिंक था लेकिन मेरे गिलास में व्हिस्की थी।
बीवी ने मुझे प्यार और शरारत से देखते हुए पीने का इशारा किया।
मैं धीरे धीरे ड्रिंक पीने लगा।
वो दोनों भी अपने अपने कॉल्ड ड्रिंक पीने लगी।
फिर मेरी बीवी बोली- आप इसलिए हैरान हैं ना कि आज ये सब क्यों और कैसे हुआ? तो सुनिए … जब मैं कमरे में आकर आपका लंड चूसकर पानी निकाल रही थी, तभी भाभी ने हमें चुपके से ये सब करते देख लिया था। भाभी को आपका लंड बहुत पसंद आया। और दूसरी बात मेरी भाभी को भी लंड चूसने का बहुत शौक है। पिछले दो महीने से भैया को उनके ऑफिस से छुट्टी नहीं मिली इसलिए भैया दिल्ली से नहीं आ पाये हैं। लेकिन जब भैया घर पर आये होते हैं तब मेरी भाभी उनका लंड दिन में दस बार से भी ज्यादा चूस लेती है।
वो आगे बताने लगी- हां, पानी तो वो भाभी की चूत में ही निकालते हैं लेकिन भाभी की खुशी के लिए वो अपना लंड चुसवाने में कोई आनाकानी नहीं करते. इसलिए आज जब भाभी ने आपका लंड देखा तो उनका फिर से लंड चूसने को करने लगा! भाभी ने मुझसे आपका लंड चूसने की रिक्वेस्ट की तो मैंने भी उनकी हालत समझ कर उन्हें हां कर दी। फिर मैंने भाभी से कहा कि लंड चूसने से ही क्या होगा! आप तो आज मेरे पति के लंड से चुदवा भी लो! मेरे ऐसा कहने पर भाभी ने मारे खुशी के मुझे अपने गले से लगा लिया। और इस तरह आज हम दोनों ने आपको सरप्राइज करने का प्लान बनाया था।
ऐसा बोलने के बाद मेरी बीवी मुस्कुराने लगी।
उसकी भाभी भी मुस्कुरायी।
फिर मेरी बीवी अपनी कुर्सी से उठी और मेरे पास आकर मेरी पैन्ट खोलकर नीचे कर दी; फिर मुझे टेबल पर लेटने को कहा।
मैं मजे से टेबल पर लेट गया।
मेरी बीवी ने मेरी पैन्ट सरका के पैरों से बाहर निकाल दी।
अब मैं अंडरवियर में आ गया था।
फिर मेरी बीवी ने मेरी टी-शर्ट भी खोल दी।
उसकी भाभी मेरे तने हुए अंडरवियर को ललचायी नजरों से देख रही थी।
फिर मेरी बीवी ने जैसे ही मेरा अंडरवियर उतारना चाहा, तभी उसकी भाभी खड़ी होकर जल्दी से आयी और मेरी बीवी का हाथ पकड़कर बोली- दीदी, अब मेरी बारी!
मेरी बीवी मुस्कुरा कर हट गयी।
उसकी भाभी ने मेरा अंडरवियर एक ही बार में खोलकर टांगों से बाहर निकाल दिया।
अब वो मेरे खड़े लंड को देखने लगी।
मेरी बीवी बोली- अरे भाभी! देख क्या रही हो? आज की रात जो चाहे करो। आज मेरे पति का लंड आपकी सारी प्यास बुझा देगा। हम दोनों मिलकर चूसेंगी और अपनी चूत में भी डलवाएंगी।
मैं उसकी बात सुनकर जैसे मस्ती से उड़ने लगा।
उसकी भाभी ने गप्प से मेरा लंड अपने मुंह में डाला और एक झटके से पूरा लंड अपने गले तक घुसा लिया।
मेरी टांगें मस्ती से कंपकंपाने लगी।
उसकी भाभी वाकयी में बहुत ही शानदार तरीके से लंड चूसती थी, हर बार वो मेरा लंड जड़ तक मुंह के अंदर घुसा रही थी।
उधर मेरी बीवी धीरे धीरे अपने कपड़े भी उतारने लगी।
लगभग एक मिनट में मेरी बीवी ने अपने सारे कपड़े खोल दिये।
अब वो सिर्फ पेंटी थी।
इधर उसकी भाभी गपागप मेरा लंड चूस रही थी, उधर मेरी बीवी मेरे सामने नंगी खड़ी थी।
मारे उत्तेजना के मेरी हालत खराब होने लगी।
उसकी भाभी को मेरा लंड चूसते 6-7 मिनट हो चुके थे.
तभी मेरी बीवी बोली- भाभी, बस करो यार! थोड़ा मुझे भी तो चूसने दो। फिर अपन दोनों को चुदवाना भी तो इसी लंड से है। कहीं पानी ना छूट जाये! आप भी अपने कपड़े खोल दो। इतनी देर में भी लोड़ा चूस लूं।
उसकी भाभी ने मेरे लंड को एक जोरदार ‘पुच्च’ की आवाज करते हुए अपने मुंह से बाहर निकाला।
मस्ती से मेरे मुंह से भी ‘आहह’ की जोरदार आवाज निकली।
अब मेरी बीवी मेरी गोलियाँ अपने मुंह में डालकर चूसने लगी।
उसकी भाभी अपने कपड़े खोलने लग गयी।
मेरी बीवी बारी बारी से मेरी दोनों गोलियाँ चूस रही थी।
एक दो मिनट मेरी गोलियाँ चूसने के बाद उसने मेरा लंड अपने मुंह में दबा लिया और जीभ से मुंह के अंदर अंदर ही मेरे लंड के सुपारे को गोल गोल रगड़ने लगी।
मैं मस्ती से जैसे सातवें आसमान पर पहुँच गया था।
अब उसकी भाभी पूरी नंगी हो चुकी थी।
वो अपना आखिर वस्त्र यानी अपनी पेंटी उतारते हुए बोली- दीदी! अब कंट्रोल नहीं हो रहा है! अब मुझे इस लोड़े को अपनी प्यासी चूत के अंदर लेना है!
उसके इतना बोलते ही मेरी बीवी ने अपना मुंह मेरे लोड़े से हटाया और सरककर मेरे सीने आ गयी।
उसकी टांगें मेरे कंधे के दोनो तरफ फैली थी और वो घुटनों पर बठी थी।
उसकी भाभी भी घुटनों के बल मेरे लंड पर आ गयी, फिर अपनी चूत को मेरे लंड पर टिका लिया।
फिर उसने अपने सामने पीठ किये बैठी मेरी बीवी के दोनों कंधों को पकड़ा और कस कसके मेरे लंड पर अपनी चूत को धकेला।
तीन चार झटकों में उसने मेरा लंड अपनी चूत में डाल लिया।
उसके झटकों से मेरी बीवी सरक कर बिल्कुल मेरे चेहरे के पास आ गयी।
उसकी चूत मेरे होठों से बस दो तीन इंच ही दूर रह गयी थी।
भाभी ने अब मेरे लंड को अपनी चूत के अंदर बाहर लेना शुरू कर दिया था, वो बढ़िया झटके लगा रही थी।
मैंने अपनी बीवी की कमर को पकड़ा और उसे बिल्कुल चेहरे के पास ले आया।
अब उसकी चूत बिल्कुल मेरे होठों के पास आ गयी।
मैं अपनी जीभ बाहर निकाल कर उसकी ठीठनी को चाटने लगा।
फिर मैंने अपनी जीभ उसकी चूत के अंदर घुसा दी।
मस्ती से भरकर मेरी बीवी ने मेरा सिर पकड़ कर मेरे होठों को अपनी चूत पर कसकर दबा लिया।
अब वह अपनी चूत को आराम आराम से मेरे चेहरे पर धकेल रही थी और मैं अपनी जीभ को उसकी चूत के अंदर घुमा रहा था।
मेरी बीवी पूरी तरह मस्त हो रही थी।
उधर उसकी भाभी मेरे लंड पर कूद रही थी।
मैं मस्त होकर उसके झटकों का मजा ले रहा था।
लंड को मजा आ रहा था तो मस्ती में मैं उसकी चूत को खूब दबा दबा कर चोद रहा था।
हम तीनों ही अपनी अपनी पोजिशन पर चुदाई का मजा ले रहे थे।
अचानक उसकी भाभी ने अपनी स्पीड बढ़ा दी।
उसने मेरी बीवी के बॉल अपने हाथों से कसके पकड़े और तेजी से मेरे लंड पर कूदने लगी।
धीरे धीरे उसके मुंह से निकलती सिसकारियां अब तेज हो गयी- आहह हह आऊच … उफ्फ!
वो चिल्लाते चिल्लाते और तेज धक्के मारने लगी।
एक मिनट के बाद उसने मेरे लंड को कसके अपनी चूत डालना शुरू किया और अगले ही पल वो एक तेज झटके के साथ कंपकंपायी और ‘आहहहह’ की आवाज के साथ अपनी चूत को मेरे लंड पर कस लिया।
अपने सामने पीठ करके बैठी मेरी बीवी को अपने सीने से कसकर जकड़ लिया।
अब वो बिना हिले झड़ रही थी।
लगभग एक मिनट तक बिना हिले डुले वो मेरे लंड पर झड़ती रही।
फिर वो मेरे उपर से उतर कर कुर्सी पर जा बैठी।
मेरी बीवी मेरे चेहरे के आगे से हटी और अब मेरे लंड पर मेरी बीवी की चूत का कब्जा हो चुका था।
मेरी बीवी ने मेरा लंड अपनी चूत में डाला और अगले ही पल तेज तेज धक्के मारने लगी।
लंड चूत में लेते ही बेताब सी होकर मेरे लंड पर कूदने लगी।
मेरे से अपनी चूत चुसवाकर वो पहले ही खूब गर्म हो चुकी थी। लग रहा था कि ज्यादा देर कंट्रोल नहीं रख पायेगी।
और हुआ भी ऐसा ही … सिर्फ 8-10 तेज तेज झटकों के बाद उसकी चूत ने भी पानी छोड़ दिया।
कसकर अपनी चूत को मेरे लंड पर दबाया और ‘आहह हह आहह हहह’ करके झड़ने लगी।
फिर एक मिनट के बाद वो भी मेरे उपर से उतर गयी, नीचे उतर कर लंबी लंबी सांसे लेते हुए कुर्सी पर बैठ गयी।
कुछ सेकेण्ड वो ऐसे ही लंबी लंबी सांसे लेती रही, फिर बोली- क्यों जी! अब आपका लंड हम दोनों में से किसकी चूत में अपना पानी छोड़ना चाहता है?
मैं कुछ बोलता इससे पहले ही उसकी भाभी बोल पड़ी- दीदी, ये आपकी चूत में तो रोज ही पानी निकालते हैं! आज तो मेरी चूत में निकलना चाहिए! है कि नहीं?
मेरी बीवी मुस्कुराते हुए बोली- जरूर भाभी!
फिर मुझसे बोली- चलिए, आज तो अपने लंड का पानी नयी चूत में ही निकालिये। जाइये जाइये!
मैं मुस्कुराते हुए उठा और जाकर उसकी भाभी के पास खड़ा हो गया, फिर अपना लंड उसके मुंह में डाल दिया।
वो फिर से मेरे लंड को गपागप गले तक अंदर डालने लग गयी।
दो तीन मिनट लंड चुसवाकर उसे घोड़ी बना लिया।
फिर पिछे से उसकी चूत पर अपना लंड रखा और सटाक से एक ही जोरदार धक्के में अपना लंड उसकी चूत की जड़ तक घुसा दिया।
धीरे धीरे अब मेरा लंड उसकी चूत के अंदर बाहर हो रहा था, मैं सामान्य गति से धक्के लगा रहा था।
लेकिन मेरी ये सामान्य गति ज्यादा देर सामान्य ना रही क्योंकि उन दोनों ने पहले तो बारी बारी से मेरा लंड चूसा था; फिर दोनों ने बारी बारी से मेरे लंड पर अपनी चूत को भी कुदाया था।
तो मेरी ये सामान्य गति सिर्फ तीन चार मिनट के बाद ही तेज धक्कों में बदल गयी; मेरे धक्के तेजी पकड़ने लगे।
मेरे तेज धक्कों की वजह से मेरी बीवी की भाभी भी जोर जोर से हिल रही थी।
अब बस में भी जाने ही वाला था, मेरे लंड का पानी जैसे किनारे पर आकर अटका हुआ था।
मेरा शरीर मस्ती से अकड़ने लगा।
फच्च फच! की तेज आवाज आ रही थी।
अगले ही पल दो तीन जोरदार धक्कों के बाद मेरा लंड भी पानी छोड़ने वाला था।
लास्ट झटके में मैंने अपने लंड को उसकी चूत की बिल्कुल गहराई में उतार दिया और उसको कसकर अपने चिपका लिया।
मेरे मुंह से ‘आह … आहह’ की आवाज आ रही थी।
और मेरे लंड ने उसकी चूत में एक तेज पिचकारी मारी।
मेरा गरमागरम वीर्य फच्च से उसकी चूत में भरने लगा।
एक मिनट तक मैं उसकी चूत में झड़ता रहा।
मैंने उसको तब तक नहीं हिलने दिया जब तक मेरे लंड का एक एक बूंद पानी उसकी चूत में नहीं निकल गया था।
आखिर दो मिनट के बाद मैंने अपनी पकड़ ढीली की।
अब मेरा लंड पूरी तरह झड़ चुका था, वो अब ढीला होकर खुद ही फच्च से उसकी चूत से बाहर निकल आया।
मैं खड़ा हो गया।
उसकी चूत से मेरे लंड का पानी बाहर टपकने लगा।
वह पीछे से पूरी तरह मेरे वीर्य से गीली हो चुकी थी।
Xxx पोर्न के पश्चात मैं टेबल पर जाकर लेट गया।
उसकी भाभी भी अपनी झरती चूत के साथ उठी और कुर्सी पर बैठ गयी।
हम तीनों की नजरें आपस में टकरायी। हम तीनों मुस्कुराने लगे।
थोड़ी देर की चुप्पी के बाद मेरी बीवी बोली- अब एक चुदाई का दौर नीचे बैडरुम में भी लगा लें?
मैंने और उसकी भाभी ने जल्दी से एक साथ जवाब दिया- हां हां! क्यों नहीं!
मेरी बीवी ये सुनकर शरारत से मुस्कुरायी।
फिर हम तीनों उठे और आपस में एक साथ ही गले लगने लगे।
हम तीनों ही एक दूसरे को चूमने लगे।
तो दोस्तो, यह थी मेरी बीवी और उसकी भाभी की मेरे साथ हुई चुदाई की दास्तान।
अब मिलते हैं किसी अगली दास्तान में!
तब तक मजे कीजिए।
चूत ना मिले तो मुट्ठ मार लें लेकिन अपने लंड को खुश रखें।
कमेंट्स में बताएं कि मेरी Xxx पोर्न फॅमिली स्टोरी कैसी लगी?
धन्यवाद।