इरोटिक किस सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि मेरे दोस्त की शादी हुई तो उसकी दुल्हन मुझे मंडप में ही बहुत पसंद आ गयी. शादी के बाद मैंने उनसे मेल मिलाप बढ़ाया और …
दोस्तो, मेरा नाम राज है. मेरी शादी 4 साल पहले हो चुकी है. इस समय मेरी उम्र 32 साल है.
आज से एक साल पहले मेरे एक मित्र मुकेश की शादी के रिसेप्शन पार्टी में सभी दोस्त गए थे.
जब मैंने रिसेप्शन पार्टी में मुकेश की वाइफ जीनी को देखा, तो मैं भौचक्का रह गया था.
बला की खूबसूरत हसीना थी वो!
उसे देखते ही मेरे दिल में हलचल पैदा हो गए. आखिर वो थी ही इतनी खूबसूरत.
वैसे शादी के जोड़े में कोई भी लड़की खूबसूरत लगती है.
उस दिन जीनी ने पिंक कलर का लहंगा चुन्नी पहना हुआ था और पीछे से बाल भी खुले हुए थे.
ब्लाउज तो बैकलेस था ही, जो कि बालों के पीछे से अपनी दूधिया पीठ को दिखा रहा था.
उसकी कमर तो मानो कत्ल करने का सामान थी, यही कोई 24 इंच की रही होगी.
काफी मनमोहक लग रही थी.
उस दिन जीनी कुछ ज्यादा ही खूबसूरत लग रही थी क्योंकि वह मनमोहिनी सी सजी-धजी भी थी.
मेरा सारा ध्यान जीनी पर ही था.
फिर मैं पार्टी से निकल कर घर आ गया, मेरा और मुकेश का घर पास-पास ही था तो हमारा मिलना हमेशा लगा रहता था.
ऐसे ही धीरे-धरे मेरे और मुकेश के पारिवारिक रिश्ते काफी अच्छे हो गए थे.
धीरे धीरे हमारा उनके घर जाना और उनका हमारे घर आना काफी सामान्य हो गया था.
मेरी वाइफ और जीनी की भी काफी जमने लगी थी.
कभी कभार हमारे घर में कुछ स्पेशल बनता, तो हम उनके यहां देने जाते और उनके घर से भी हमारे यहां आता ही रहता.
मेरा और जीनी भाभी का हंसी मजाक तो होता रहता था.
ऐसे ही एक बार जब मेरे यहां मेरी बीवी ने स्पेशल खीर बनाई थी तो उसे देने मैं मुकेश के यहां गया.
उस समय शाम के 8:00 बजे थे और मुकेश घर पर नहीं था.
मैंने 2-4 बार दस्तक देने के बाद भाभी को आवाज दी.
भाभी की आवाज आई- कौन है?
मैंने बताया कि मैं राज हूं भाभी.
तो उसने दरवाजा खोला.
मैंने उनके हाथ में खीर की का बर्तन दे दिया और देखा कि भाभी ने उस समय अपने चेहरे पर क्रीम लगाई हुई थी.
मैंने हंसी मजाक में कह दिया- अच्छा भाभी, तो आपकी खूबसूरती का राज यह है!
इस पर वह हंसी और बोली- क्या भैया आप भी मेरा मजा ले रहे हो.
लेकिन मेरा नजरिया उसके प्रति कुछ और था.
उसने उस समय टी-शर्ट और लोअर पहना था, जिसमें उसकी फिगर का अंदाजा बड़े अच्छे से लगाया जा सकता था. उसका 34-26-36 का मादक फिगर उस समय मेरे लंड को झझकोरने लगा था.
सच में जीनी भाभी का फिगर एक आकर्षक फिगर था, जिसे कोई भी देख कर उस पर फिदा हो जाए.
उसकी गांड पूरी उठी हुई थी और उसके बाल उनकी कमर तक आते थे. भाभी ने अपने बालों की चोटी बना रखी थी.
कुछ देर बात करने के बाद मैं वहां से निकल आया.
उसका व्हाट्सएप नंबर तो था ही मेरे पास … धीरे धीरे व्हाट्सएप पर हाय बाय होने लगी.
अब तो व्हाट्सएप पर हम दोनों हंसी मजाक वाले जोक्स भी शेयर करने लगे, जिसमें कोई बुराई नहीं थी.
ऐसे ही कुछ समय बीता.
भाभी से मैं जब भी मिलता, तो हमारा हंसी मजाक होता ही था, जिसका रिस्पांस उसकी तरफ से भी वैसा ही होता था.
कुछ दिनों बाद मेरी वाइफ अपने मायके गई थी.
यूं ही शाम के वक्त मैंने सोचा कि चलो आज रेस्टोरेंट में कुछ खाना खाते हैं.
तो मैं निकल पड़ा.
जब मैं रेस्टोरेंट पहुंचा और वहां देखा कि मुकेश और जीनी भाभी पहले से बैठे हैं.
मैं उनसे मिला और बातचीत की.
उन्होंने मुझे अपने साथ ज्वाइन कर लिया.
मेरे काफी ना बोलने के बाद भी वो लोग ना माने.
आखिर में मैं उनके साथ ही टेबल पर खाना खाने बैठ गया.
खाना ऑर्डर किया गया.
उन लोगों का खाना चालू हुआ ही था कि इतने में मुकेश को कोई फोन आया और उसे अर्जेंटली कहीं जाना पड़ गया था.
मुकेश ने जीनी से कहा- मुझे अर्जेंट जाना है, तो एक काम करो, तुम खाना खा लेना और राज, प्लीज यार जीनी को घर तक छोड़ देना.
इतना कहकर वह निकल गया.
इतने में मेरा ऑर्डर भी आ गया.
मैंने देखा कि जीनी भाभी ने उस दिन ग्रीन कलर का शॉर्ट कुर्ता और रेड कलर की लैगी पहनी थी, जिसमें वह काफी हॉट लग रही थी और उसने अपने बालों को साइड से जूड़ा बनाया था.
कानों में छोटे झुमके लटके हुए थे, हाथों में मेहंदी और चेहरे पर हमेशा की तरह खूबसूरती. वह काफी हॉट लग रही थी.
उसका फिगर तो था ही हॉट … कुर्ता थोड़ा टाइट होने के कारण उसके बूब्स साफ समझ आ रहे थे.
फिर हम दोनों खाना खाते खाते बातचीत करने लगे.
बातचीत करते करते मैंने भाभी से कहा- भाभी आप आज बहुत खूबसूरत लग रही हो और हॉट भी.
इस पर वह हंस पड़ी.
फिर मैंने कहा- क्यों भाभी आज मुकेश के साथ डेट पर आई थी क्या?
वह बोली- हां आई तो मुकेश के साथ ही … पर डेट मना तो राज के साथ रही हूं.
इस बात पर हम दोनों हंस पड़े.
मैंने कहा- भाभी, डेट तो बॉयफ्रेंड के साथ मनाते हैं.
इस पर वह बोली- हां, आज तो तुम ही मेरे बॉयफ्रेंड बन गए हो.
हमारी ऐसी नॉन वेज बातें चलती रहीं.
फिर डिनर करने के बाद हम लोग वहां से निकल पड़े.
अब मुझे उसे घर छोड़ने जाना था.
मैं उसके घर के पास पहुंचा ही था कि मुकेश का फोन आ गया.
मालूम हुआ कि उसे आने में एक घंटा लग जाएगा.
भाभी ने भी उसे बताया कि हम लोग घर की ओर निकल पड़े हैं.
फिर हम लोग भाभी के फ्लैट के पास पहुंचे.
भाभी आगे-आगे चल रही थी और मैं उसके पीछे था.
पीछे से उसकी मटकती गांड को देखकर मेरा ईमान डोलने लगा क्योंकि उसका कुर्ता कुछ ज्यादा ही शॉर्ट और टाइट था.
कुर्ते से उसकी कमर दिख रही थी, जो मेरी जान ले रही थी.
फिर भाभी ने दरवाजा खोला और अन्दर चली गई.
मैं दरवाजे पर ही रुका था.
इतने में जीनी भाभी बोली- राज तुम भी आ जाओ.
मैं अन्दर आ गया और दरवाजा भिड़ा दिया.
हम दोनों दरवाजे के पास ही खड़े थे लेकिन कुछ बातचीत नहीं कर रहे थे.
शायद मेरे और उसके दिल में एक ही बात चल रही थी.
भाभी ने उस दिन रेड लिपस्टिक लगाई थी, जो उस पर सूट कर रही थी.
हम दोनों एक दूसरे के सामने थे और कभी मैं उनसे नजर चुराता, तो कभी वह मुझसे.
इस तरह करीब एक मिनट हो गए. हम दोनों के चेहरे पर मुस्कान भी थी.
फिर मैं और भाभी दोनों एक साथ बोल पड़े.
हम दोनों के मुँह से ‘मैं …’ शब्द एक साथ निकला था और हम दोनों एक दूसरे की आंखों में डालकर आंखें देखने लगे.
ना जाने उस पल में क्या हुआ कि हम दोनों एक दूसरे के इतने समीप आ गए कि बस गर्म सांसें टकराने लगीं.
अचानक से मैं और वह दोनों आगे बढ़े और एक दूसरे के होंठ पर होंठ रख दिए.
फिर हमारे किस का एक लंबा दौर चला.
इस दौरान ना मैंने उसे छुआ, न ही उसने मुझे!
बस हमारे होंठ एक दूसरे से मिले थे.
हमारी जीभें भी एक दूसरे के मुँह के अन्दर घूम रही थीं.
हमने करीबन दस मिनट तक स्मूच किया.
इसके बाद हम लोग अचानक अलग हो गए और फिर एक दूसरे की ओर देखकर हंसने लगे.
भाभी की सारी लिपस्टिक मेरे होंठों पर थी.
फिर मैंने अपनी जेब से रूमाल निकाल कर अपने होंठों को पौंछ लिया और भाभी से कहा- अब मैं निकलता हूं.
वह कुछ नहीं बोल रही थी.
मैं जैसे ही पलटा और दरवाजे को खोलने ही वाला था कि भाभी पीछे से आकर मुझसे चिपक गई.
उसके बूब्स की गर्माहट और सख्ती को मैं अपनी पीठ पर महसूस कर रहा था.
जीनी ने मुझसे पूछा- कब मिलोगे?
मैंने उसकी इस बात का जवाब दिया- जल्दी ही समय आने पर!
मैं दरवाजा खोल कर वहां से निकल गया.
घर आकर मैं उस स्मूच के बारे में ही सोचता रहा था.
फिर मैं सो गया.
दूसरे दिन सुबह मैं उठा तो जीनी का गुड मॉर्निंग के मैसेज के साथ में किस का इमोजी भी था.
मैं जान चुका था कि भाभी न केवल पट चुकी है, बल्कि चुदने को मचल भी रही है.
बस अब सही समय का इंतज़ार करना था.
फिर मैंने दोपहर के वक्त जीनी से काफी रोमांटिक बातचीत की और कहा- सही समय का इंतजार करो, हम मिलेंगे.
दूसरे दिन मेरी वाइफ आ गई.
जब मैं शाम को घर पहुंचा तो मेरी वाइफ के साथ जीनी पहले से बैठी थी.
हमारा चाय नाश्ता हुआ.
मुकेश का फोन आया कि वो लेट आएगा.
जीनी मेरी तरफ देखती हुई बोली कि अब मैं चलती हूं.
इस पर मेरी वाइफ ने मुझे जीनी भाभी को घर छोड़ने को कहा.
मैंने अपनी बाइक पर जीनी को घर छोड़ा. रास्ते भर हम लोगों में कोई बातचीत नहीं की.
जीनी बाइक पर मुझसे एकदम चिपक कर बैठी थी. उसके बूब्स मेरे पीठ से टकरा रहे थे और उसका हाथ मेरी कमर से होते हुए आगे की ओर था.
वो अपने हाथ से हल्के हल्के से मुझे सहला भी रही थी.
बाइक रुकी तो जीनी ने मुझसे ऊपर चलने के लिए कहा.
मैं भी उसके आग्रह को ठुकरा ना सका और चल दिया.
वह आगे आगे और मैं उसके पीछे पीछे उसकी फ्लैट की ओर चले.
जीनी ने उस दिन पटियाला सूट पहना था, जो कि लाल रंग का कुर्ता ऊपर था और नीचे पीला पजामा था.
उसने पीले रंग की ओढ़नी पहन रखी थी और बालों की चोटी बना रखी थी.
जीनी ने दरवाजा खोला और मुझे अन्दर बुलाया.
मैं जैसे ही अन्दर गया तो जीनी ने दरवाजे की चिटकनी लगा दी.
अब मैं और जीनी दोनों रूम में अकेले थे.
मैं और जीनी दोनों एक दूसरे की तरफ बढ़े और एक दूसरे को गले लगाते हुए चिपक गए.
मैंने मानो चुंबनों की बौछार जीनी के गालों पर कर दी. उसके होंठों को चूसने लगा.
जीनी ने अपना हाथ बीच में डालते हुए अपनी ओढ़नी को अपने शरीर से अलग कर दिया.
मैं उसकी बैकलैस कुर्ते वाली पीठ पर अपने हाथों को चला रहा था और उसके चेहरे पर किस किए जा रहा था.
वह बेचैन हो रही थी और वह भी मेरा साथ दे रही थी.
हम दोनों इरोटिक किस करते करते ही उसके बेडरूम तक आ गए. मुझे किस सेक्स का मजा दे रही थी.
बेडरूम में आते ही मैंने उसे उठाकर बिस्तर पर गिराया और उसी के साथ खुद भी गिर गया.
लेकिन हमारी किस की रफ्तार कम ना हुई.
अब मेरा हाथ उसके पूरे शरीर पर घूम रहा था.
उसकी पीठ, कमर को सहलाते हुए मेरा हाथ उसके हिप्स तक पहुंच गया था.
उसके तोप से तने हुए चूतड़ों को मैं दबा रहा था.
मैंने अपने हाथ को उसके कुर्ते के अन्दर डालना शुरू किया और उसकी नंगी कमर पर हाथ चलाने लगा, दबाने लगा.
ऊपर से उसके चेहरे उसके गले और उसके माथे पर किस जारी रखी.
हम दोनों बेड पर ही एक दूसरे के ऊपर नीचे हो रहे थे.
अब मैं थोड़ा नीचे होते हुए सामने की ओर से उसके बूब्स पर किस करने लगा और दबाने भी लगा.
वो भी मस्त होने लगी थी.
अब मैं उसके कुर्ते को हल्का ऊपर करके उसके नंगी पेट पर किस करने लगा.
वह तो मानो मदहोश होने लगी.
मैं भी अपना आपा खो रहा था.
उतने मैं जीनी के फोन पर मुकेश का फोन आया और उसने फोन पर उससे बातचीत करना शुरू किया.
लेकिन मैं अभी भी नहीं रुका था, मैं उसकी कमर पर किस किए जा रहा था.
जीनी हंसती हुई मुकेश से बात कर रही थी.
मुकेश ने बताया कि वह 15 मिनट में आ जाएगा.
जीनी ने फोन काट दिया और मुझे रोकते हुए कहा कि आज के लिए बस इतना ही, चलो जल्दी से बाहर जाओ, मुकेश आने वाला है.
मैंने भी बेड से उठ कर उसे किस करते हुए उसके घर से विदा ली.
आज भी हमारे बीच में शारीरिक संबंध से ज्यादा कुछ ना हुए थे.
फिर कुछ दिनों बाद मेरी वाइफ को मायके जाना पड़ा.
मैं घर पर अकेला था लेकिन जीनी मुझसे अकेले मिलने नहीं आ सकती थी.
एक दिन की बात है, हमारे शहर से कुछ दूर मेरे एक मित्र की शादी थी.
रात में मुझे भी जाना था.
मैं सुबह निकल गया लेकिन वहां पहुंच कर देखा तो मुकेश और जीनी भी वहां आए हुए थे.
इस बात का मुझे पता नहीं था.
जीनी ने मुझसे फोन पर एक दो बार कहा था कि बहुत जल्दी मैं तुमको एक सरप्राइज दूँगी.
पर मैं कभी उसकी इस बात को समझ ना पाया.
दोस्तो, मैं आपको जीनी की चुदाई के बारे में सेक्स कहानी के अगले हिस्से में लिखूँगा.
तब तक आप मुझे बताएं कि आपको मेरी इरोटिक किस सेक्स स्टोरी कैसी लग रही है.
आप मुझे मेल करना न भूलें.
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इरोटिक किस सेक्स स्टोरी का अगला भाग: मेरे दोस्त की वाइफ मुझसे चुदी- 2