मदर इन ला सेक्स कहानी में पढ़ें कि मुझे पड़ोस की एक कमसिन लड़की से प्यार हो गया. मैं उसे चोदना चाहता था पर उसने शादी की बात आगे रख दी.
मेरा नाम आयुष है, मैं दिल्ली में रहता हूँ.
मैं अभी पढ़ाई कर रहा हूँ.
पर क्या बताएं दोस्तो, जब मैं जॉब लगने की वजह से अपने गांव से दिल्ली आया था, तो मेरा दिमाग ही घूम गया था.
दिल्ली की लड़कियां बड़ी ही सेक्सी और सुन्दर होती हैं.
मेरी ज़िंदगी में ऐसा ही हुआ, मैंने भी अपना दिल एक कुंवारी को दे दिया था.
मदर इन ला सेक्स कहानी पढ़कर आपको पूरी बात पता लग जायेगी.
मेरे फ्लैट के बगल में ही उसका घर था. कब हम दोनों एक दूसरे को प्यार करने लगे, कुछ पता ही नहीं चला.
फिर हम दोनों पार्क में मिलने लगे.
आए दिन बाजार में, मॉल में हम दोनों का समय व्यतीत होने लगा.
उसका नाम नैना था. वो अभी अभी उन्नीस साल की हुई थी और मेरी उम्र भी 21 साल की ही है.
मैंने नैना से पूछा एक दिन- नैना, तुम्हारी मम्मी क्या करती हैं और तुम्हारे पापा नहीं दिखते हैं?
नैना बोली- मेरी मां का अपना बुटीक है और पापा दुबई में रहते हैं. वो साल में एक बार ही घर आते हैं. मेरा कोई और भाई बहन नहीं है.
नैना बहुत ही ज्यादा हॉट थी.
जब वो मेरे साथ पार्क में या कहीं और सुनसान जगह पर होती तो मैं उसको किस कर लेता.
वो अपनी चूचियां भी दबाने देती, पर अन्दर से नहीं, ऊपर ऊपर से ही.
मुझे तो गुस्सा आ जाता क्योंकि उसको देखते ही मेरे तन बदन में आग लग जाती थी.
पर उसने मुझे अपनी चूत या बूब तक आने नहीं दिया था.
इस वजह से मैं उसके प्यार में और भी पागल और दीवाना हो गया था.
एक दिन पार्क में मैंने उससे कहा- तुम मुझे कब सेक्स करने दोगी?
उसने कहा- मां ने मुझे अपनी कसम दी है कि बेटी शादी के पहले तुम कुछ भी नहीं करना. मैं तुम्हें शादी के बाद ही सेक्स करने की सलाह दूंगी.
मैंने कहा- ठीक है, मैं तुमसे शादी करना चाहता हूँ.
नैना ने अपनी मम्मी से बात की.
मम्मी ने उसको समझाया- देख नैना, तुम्हारी उम्र अभी शादी की नहीं हुई है. ना तो तुम्हारा शरीर अभी ऐसा है कि तुम मर्द को बर्दाश्त कर सको!
पर नैना की जिद के आगे उसकी मां को झुकना पड़ा और हम दोनों ने शादी की बात पक्की कर ली.
नैना के पापा ने भी शादी के लिए हां कर दी.
उन्होंने कहा कि मेरी ख़ुशी मेरी बेटी की ख़ुशी में ही है.
दोस्तो, मेरी सास को हमेशा यही मलाल था कि बेटी अभी छोटी है, शायद वो इस बात से डर रही थीं कि कहीं मेरा मोटा लंड नैना की चूत को फाड़ ना दे.
नैना काफी स्लिम है इस वजह से उनका डर भी सही था.
हमारी शादी मन्दिर में होना तय हो गई थी.
आपको तो पता ही है कि मैं यहां अकेले रहता था और नैना का कीर्ति नगर में अपना मकान था.
हमारी शादी भी आर्य समाज मंदिर में हुई और शाम को हम तीनों घर आ गए.
रात को मेरी सासु मां ने ही घर को सजाया था.
मेरी सुहागरात का कमरा गुलाब की खुशबू से काफी महक रहा था.
मैं काफी खुश था क्योंकि आज मैं नैना को चोद सकता था.
मैंने अपने लंड में पहले से तेल लगा लिया था और मैं पहली बार नैना को खुश करने के लिए मैंने कामोत्तेजक दवाई और तेल भी ले आया था.
रात को सासु मां ने मुझे बुलाया.
उस समय नैना कमरे में मेरा इंतज़ार कर रही थी.
सासू मां बोलीं- दामाद जी, नैना अभी कमसिन है. अभी शायद वो इस लायक नहीं है. क्योंकी उसका शरीर भरा नहीं है. नैना तो आपकी है, पर आप समझ रहे हैं ना कि मैं क्या कहना चाह रही हूँ?
मैंने कहा- मम्मी जी, आप प्लीज साफ़ साफ़ बता दें ताकि कोई कन्फ्यूजन न रहे.
सासु मां बोलीं- चलो कोई बात नहीं, जो होगा सो देखा जाएगा.
वो अपने कमरे में चली गईं.
मैं नैना के कमरे में गया.
नैना उस दिन मस्त माल लग रही थी.
वो दुल्हन की तरह सजी हुई मेरा इन्तजार कर रही थी.
मुझे देखते ही वो आदर्श भारतीय नारी की तरह उठ कर आई और मुझे प्रणाम करके झुकी.
मैंने भी उसको एक आदर्श पति की स्टाइल में उठाया और अपने सीने से लगा लिया.
आज मैं भी बहुत खुश था.
नैना को मैंने बेड पर लिटा दिया और उससे पूछा- आज तो इजाजत है?
वो शर्मा कर बोली- आज भी पूछने का दिन है?
ओह्ह्ह … मेरे जिस्म में तो आग लग गयी.
मैं उसके कोमल होंठों को चूसने चूमने लगा, मम्मों को ऊपर से दबाने लगा.
वो भी मेरे बालों को सहलाने लगी.
मैंने धीरे धीरे करके उसके ब्लाउज को खोल दिया.
मैंने पूछा- कौन से नम्बर की ब्रा है?
वो बोली- अभी 32 की है जी.
मैंने कहा- ओके बढ़ा कर कितनी साइज़ करना है?
वो बोली- ज्यादा नहीं. बस 36 से आगे नहीं!
ये दिल्ली की लड़की का जवाब था, यदि कहीं और की होती तो शायद कह देती कि जितनी आपकी मर्जी.
खैर … मैंने उसके माथे को चूमा और साड़ी को उतार दिया.
फिर पेटीकोट के नाड़े को खींचा तो भी सरक कर जमीन पर गिर गया.
वाओ … लाल लाल ब्रा और पैंटी में नैना गजब का माल लग रही थी.
मैंने पीछे हाथ ले जाकर उसकी ब्रा का हुक खोला और बस टूट पड़ा.
वो खुद भी मस्त होने लगी थी और मुझे अपने दूध चुसवा रही थी.
सच में एकदम गुलाबी निप्पल थे, चूस कर मजा आ गया था और उसके पफी निप्पल एकदम कड़क हो गए थे.
मस्त ऐरोला था.
जब मेरा हाथ उसकी पैंटी के अन्दर गया चूत पूरी गीली हो चुकी थी.
मैं एक हाथ से उसके एक दूध को दबा कर मसल रहा था और एक हाथ से चूत को रगड़ रहा था.
गजब का नजारा था.
उस समय नैना सिर्फ आअह आआह आआह आआह कर रही थी.
मैंने उसकी पैंटी को उतार दिया और दोनों पैरों के बीच में बैठ कर लंड निकाल कर, उसके चूत पर रगड़ने लगा.
नैना मादक अंगड़ाई लेने लगी.
मेरा लंड भी अंगड़ाई लेने लगा और तनकर खड़ा हो गया. मेरा मोटा लंबा लंड … आज नैना की चूत को फाड़ने के लिए आतुर था.
मैंने अपने दोनों हाथों से उसकी नन्हीं सी बुर की फांकों को फाड़ कर देखा तो हैरान रह गया.
उसकी बुर का छेद इतना छोटा था कि उसमें लंड क्या, मेरी उंगली तक नहीं जा सकती थी.
मैं समझ गया कि सासु मां मुझे क्या कह रही थीं आज!
मैंने कहा- नैना तुम्हारी बुर का छेद तो बहुत ही छोटा सा है. इसमें लंड अन्दर कैसे जाएगा?
वो चुप रही, कुछ भी नहीं बोली.
पर मेरा लंड सलामी दे रहा था, उसके गोरे गोरे दूध मुझे भड़का रहे थे. मम्मों पर उसके गुलाबी रंग के निप्पल एकदम कड़क थे.
उन पर मेरी नजर पड़ी तो मैं सब भूल गया और हैवान हो गया.
मैंने अपने लंड में थोड़ी सी वैसलीन लगाई और बुर के ऊपर रख कर पैर फैला कर घुसाने की कोशिश करने लगा.
नैना ने अपना जिस्म कड़ा कर दिया और एक पैर मेरे पेट में सटा दिया.
मेरा लंड उसकी टाइट चूत में जा नहीं रहा था.
पर मैं करता भी क्या … मेरे बदन में बिजली दौड़ रही थी.
मैंने उसके होंठों को फिर से चूसना शुरू कर दिया और फिर से नैना की चूत में लंड घुसाने की कोशिश की.
पर नैना रोने लगी.
मैंने कहा- रोती क्यों है, थोड़ा सा दर्द होगा.
ये कह कर मैंने फिर से कोशिश की.
और लंड चार से पांच झटके के बाद नैना की बुर को फाड़ कर अन्दर घुस गया.
उसकी बुर फट गई और मेरा मोटा लंड अन्दर समा गया. उसकी बुर से खून निकलने लगा.
नैना रो रही थी.
दो तीन बार लंड अन्दर बाहर किया, पर वो दर्द से कुछ ज्यादा ही छटपटा रही थी.
वो रोती हुई बोली- आज जो होना था हो गया. कल कर लेना. दो तीन दिन बाद थोड़ी फैल जाएगी, फिर आप जितना मर्जी आप मुझे चोद लेना.
मुझे भी उसकी बात ठीक लगी और मैंने चोदना बंद कर दिया.
मुझे लगा कि चलो बाथरूम में जाकर अपना वीर्य गिरा देता हूँ.
मैंने जैसे ही दरवाजा खोला, सासु मां दरवाजे के बाहर खड़ी थीं.
मैंने कहा- आप और यहां?
वो चुपचाप अपने कमरे में चली गईं.
मैंने सिर्फ टॉयलेट की और वापस आकर देखा तो नैना सो रही थी.
मुझे लगा कि सासु मां से पूछना चाहिए.
शायद वो मेरे कमरे से कुछ लेना तो नहीं चाह रही थीं.
मैंने उनके पास जाकर पूछा- आप कुछ चाह रही थीं?
वो बोलीं- दामाद जी, यही मैं आज आपको समझाने की कोशिश कर रही थी कि नैना अभी उस लायक नहीं है. वो बहुत छोटी है और उसका पार्ट अभी उस लायक नहीं हुआ है. आपसे मेरी ये रिक्वेस्ट है कि आज चाहो तो मुझे कर लो, जो करना है, पर नैना को धीरे धीरे शुरू करना.
इतना सुनते ही मेरा नजरिया बदल गया और मेरी नजर सासु मां के भरे पूरे बदन पर टिक गई.
वो गजब की हॉट आइटम लग रही थीं.
मैंने ध्यान से उनके मम्मों के उभार को देखा, क्या गजब के पहाड़ लग रहे थे. गांड गोल और चौड़ी.
मैं उनके बेड पर लेट गया और उनके साथ चिपक गया.
सास भी चुदासी थीं ससुर ने न जाने कब से नहीं चोदा था.
मैंने कुछ देर चूमाचाटी करने के बाद उनके सारे कपड़े उतार दिए.
गजब का शरीर था, जवान लड़की फेल थी.
उनके जिस्म को देखकर, मैंने उनके होंठों को चूसना शुरू कर दिया और मम्मों को दबाते हुए मजा करने लगा.
वो आअह आआह आअह आअह करने लगीं.
लंड की प्यासी थीं तो वो भी मुझे खूब साथ दे रही थीं.
करीब आधे घंटे तक मैंने उनको सहलाया और खूब गर्म किया.
फिर मैंने अपना मोटा काला लंड निकाल कर उनकी चूत के ऊपर लंड का सुपारा रख दिया.
सास लंड के लिए मचलती दिखीं तो मैंने जोर से धक्का दे दिया.
एक ही झटके में मैंने पूरा लंड चूत में पेल दिया.
सासू मां की आह निकली और वो लंड को जज्ब करने लगीं.
अब वो भी अपनी गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी थीं.
मैं भी धकापेल चोदने लगा था.
वो मुझे भद्दी भद्दी गालियां देने लगीं- आह मादरचोद पहले मुझे तो शांत करके दिखा भोसड़ी के … फिर मेरी बेटी को चोदना … साले आह अठारह साल की लौंडिया के पास लंड फहरा रहा था कमीने. मैं सब देख रही थी दरवाजे के छेद से … ले मैं तुझे देखती हूँ कि कितनी ताकत है … आज तक मेरा पति तो मुझे संतुष्ट कर ही नहीं पाया है … तुमसे क्या होगा.
बस फिर क्या था, मैंने भी जोर जोर से लंड घुसाना शुरू किया और कहने लगा- ले साली रंडी … चुदवा चुत मादरचोद … देख मेरे लंड का कमाल!
अब मैंने इतने जोर जोर से झटके मारे कि सर्दी में भी सास को पसीना ला दिया.
सास कहने लगीं- थोड़ा धीरे … आज मैं पहली बार इतने मोटे लंड से चुद रही हूँ.
मैंने दवा खा रखी थी तो करीब एक घंटे तक सास की चूत को चोदा.
वो निढाल हो गईं और बोलीं- अब नहीं, आज मेरी चूत फट गई … आज मैं संतुष्ट हो गई.
क्या बताऊं दोस्तो, अब तो मेरी दो दो पत्नियां हो गई थीं, जब भी जिसको मन करता चोदने का, उसी को चोदने लगता था.
मदर इन ला सेक्स की बात अभी तक नैना को नहीं पता है कि उसकी मां भी मेरे लौड़े से चुद रही है.
एक न एक दिन तो मालूम चल ही जाएगा, तब दोनों को एक साथ चोदूंगा. वो किस्सा भी लिखूँगा.
आपको ये मदर इन ला सेक्स कहानी कैसी लगी जरूर बताएं.
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