सिस्टर एंड ब्रदर सेक्स कहानी मेरी मम्मी और मामा के बीच हुए सेक्स की है. मामा हमारे साथ ही रहते हैं और अविवाहित हैं. एक दिन मैंने उन दोनों को नंगे देखा.
दोस्तो, आप लोग अपनी अपनी पैंट और पैंटी में हाथ डाल कर तैयार हो जाइए.
ये मेरी पहली गरम सेक्स कहानी है, जो कि मेरी मां और मामा की चुदाई पर आधारित है.
पहले मैं इस सिस्टर एंड ब्रदर सेक्स कहानी के किरदारों के बारे में बता देता हूं.
मेरा नाम रोहन है और मेरी मां का नाम सोनिया (बदला हुआ) है.
मेरी मम्मी दिखने में बहुत ही ज्यादा सुन्दर और सेक्सी हैं. उनका गोरा रंग, उभरी हुई छातियां और गांड की तो पूछो ही मत.
मॉम की गांड तो इतनी मस्त है कि किसी भी व्यक्ति का लंड एक झटके में खड़ा न हो जाए तो मेरा नाम बदल देना.
मेरे मामा हमारे साथ रहते थे, वे भी दिखने में किसी पहलवान से कम नहीं हैं. उनके लंड का साइज़ तो नहीं मालूम, पर काफी मोटा और लम्बा है. उनकी तब तक शादी नहीं हुई थी.
ये उस समय की घटना है जब मैं 12वीं का पेपर देकर घर में ही रहता था.
मेरे पापा हमारे साथ नहीं रहते थे. वे काम के सिलसिले में बाहर ही रहते थे, कभी कभी ही घर आते थे.
घर में हम सिर्फ तीन लोग ही रहते थे.
एक दिन की बात है. मैं सुबह नहाने गया था, तो मैं बाथरूम में घुसता चला गया.
चूंकि बाथरूम की कुंडी अन्दर से बंद नहीं थी तो मैं अन्दर का नजारा देख कर हतप्रभ रह गया.
मैंने ऐसा नजारा अब तक कभी भी नहीं देखा था.
मेरी मां बाथरूम में नंगी थीं.
मेरी मां एक हाथ से अपनी चूचियों को मसल रही थीं और दूसरे हाथ से चूत में उंगली डाल कर मुठ मार रही थीं.
उनकी आंखें मदहोशी से बंद थीं और उन्हें दीन दुनिया की मानो कोई खबर ही न थी.
चूंकि दरवाजा खोलने से जरा सी भी आहट नहीं आई थी तो मॉम को अहसास भी नहीं हुआ था कि मैंने उन्हें चूत में उंगली करते हुए देख लिया है.
मॉम की ये दशा देखकर मैं शर्म के मारे अपने कमरे में आ गया.
मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा था कि मेरी मां ऐसा कर सकती हैं.
मैंने कुछ देर सोचा तो न जाने क्यों मुझे वो सब मन ही मन काफी अच्छा भी लग रहा था क्योंकि मैं पोर्न वीडियो और अन्तर्वासना की सेक्स कहानी भी पढ़ता था.
उसमें मां बेटे की चुदाई की कहानी याद करके मुझे लगने लगा था कि मैं अपनी मॉम को चोद सकता हूँ.
कुछ देर बाद मेरी मां नहा कर आईं और कपड़े बदलने चली गईं.
मैं भी पीछे से उनको देखने के लिए चला गया पर मॉम ने दरवाजा बंद कर दिया था.
फिर मैं नहाने बाथरूम में गया.
उधर मॉम की गीली ब्रा और पैंटी पड़ी थी, मैंने उसे उठा लिया.
अब मम्मी की ब्रा और पैंटी को मैं कभी जीभ से चाटता, तो कभी लंड में लपेट कर रगड़ता.
मैं ब्रा पैंटी को सूंघ कर मुठ मारने लगा.
कुछ मिनट बाद मैं झड़ गया और नहा कर कमरे में आ गया.
अब मैं अपनी मॉम को देख कर उत्तेजित होने लगा था.
ऐसा पहले कभी नहीं होता था पर जब से मॉम को बाथरूम में नंगी देखा, तब से ऐसा होने लगा था.
दो दिन ऐसा चला, फिर मैं अपने आपको कंट्रोल करने लगा था.
तीसरे दिन बाद मामा नौकरी से जल्दी आ गए थे.
हम तीनों ने मिल कर खाना खाया और हर रोज की तरह मॉम अपने घर के काम में लग गईं.
मामा अपने दोस्त से मिलने चले गए.
दोपहर होने वाली ही थी.
रात को मैं देर रात तक पोर्न देख रहा था इसलिए अभी मुझे गहरी नींद आ रही थी तो मैं सोने चला गया.
मैं नींद में था, अचानक मुझे लगा कोई चीखा पर मैंने उसे नजरअंदाज कर दिया.
थोड़ी ही देर बाद ही वापस से वही आवाज आई तो अब मैं तुरंत उठ कर खड़ा हुआ और देखने आ गया.
कुछ ही पलों में मुझे पता चला कि ये आवाज़ तो मॉम के रूम में से आ रही थी.
मैंने जाकर देखा तो मॉम के रूम का दरवाजा थोड़ा खुला था. मैंने देखा कि मॉम बेड पर नंगी लेटी थीं और मामा भी नीचे से नंगे मॉम के ऊपर चढ़े हुए थे.
मैं छुप कर सब देखता रहा.
मामा मेरी मॉम को चोद रहे थे.
फिर कुछ देर बाद मामा और मॉम का पानी निकल गया और दोनों एक दूसरे से लिपट कर थोड़े देर पड़े रहे.
मुझे लगा कि इन दोनों की चुदाई खत्म हो गई तो मैं वापस अपने कमरे में जाने लगा.
मैं उनकी चुदाई देख कर अपना लौड़ा हिलाने लगा था, मेरे दिमाग में फिर से मॉम को देखने जाने का मन करने लगा.
मगर अब चुदाई तो खत्म हो गई थी और अभी तक मेरा पानी नहीं निकला था.
मैं अपने कमरे की ओर मुड़ा तो मामा मॉम को छोड़ कर थोड़े बैठे से हो गए थे.
मामा के बैठने के साथ ही उनकी आवाज आई और वे मॉम से कहने लगे- अभी तो एक ही राउंड हुआ है, अभी तो तुम्हें और मजा देना है.
ये सुनकर मॉम से ज्यादा मैं खुश हो गया.
मैं तुरंत मुड़ा और मॉम को देख कर अपना लंड हिलाने लगा.
पहली बार मैंने अपनी मॉम को इतना प्यार और हवस भरी नजरों से देखा.
मॉम की चूचियों पर तेल लगा होने से उनमें एक अलग ही चमक थी.
उनकी चूचियों का आकार खरबूजे के जैसा हो गया था और वो दोनों एकदम लाल हो गई थीं.
तभी मॉम उठीं और मामा के लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं.
मॉम मामा के लंड चूस रही थीं पर मुझे ऐसा लग रहा था कि वे मेरे लंड को चूस रही हों.
मामा का लंड गीला होने से चाटने की ‘चप … चप …’ आवाज हो रही थी और मॉम के मुँह से भी मस्त आवाज आ रही थी ‘उम् … उ्म … उन्हह … हम्म …’
मॉम पूरे दस मिनट तक मामा के लंड को चूसती रहीं और मामा मेरी मां के मुँह को चूत समझ कर पूरे गले तक लंड को पेलने लगे.
कुछ समय बाद मॉम उठीं और मामा के पूरे बदन को चूमने लगीं.
इधर मामा मॉम की चूचियों को हाथ में लेकर दबाने लगे और जोर जोर से चूचियों पर चांटे मारने लगे.
इससे मॉम को दर्द भी हो रहा था, साथ में उन्हें मजा भी आ रहा था.
कुछ देर तक यही सिलसिला चलता रहा.
इतने में मेरा ध्यान मामा के लंड पर गया.
मामा का लंड कड़क हो गया था और सुपारा एकदम लाल दिख रहा था. लंड ऐसे हिल रहा था जैसे काला सांप फुंफकार रहा हो.
मेरी मॉम से रहा नहीं जा रहा था.
वो मामा से बोलीं- साले, मेरा भाई होकर अपनी बहन को तड़पा रहा है … जल्दी कर बहनचोद … मेरी चूत को फिर से चोद कर मेरी प्यास बुझा दे.
मामा ने कहा- हां मेरी रंडी, अभी तेरी प्यास बुझाता हूं.
ये कहते हुए मामा ने मॉम की चूत पर अपना लंड सैट किया और एक जोरदार धक्का दे मारा.
हालांकि मेरी मॉम चुद चुकी थीं पर तब भी मॉम सिहर गईं और चिल्ला उठीं.
उनको ये भी ख्याल नहीं था कि उनका एक बेटा बाजू के कमरे में सो रहा है.
शायद मामा का लंड मॉम की बच्चेदानी को फाड़ने की कोशिश कर रहा था इसलिए शायद मॉम को दर्द हो रहा था.
मॉम दर्द से कराह रही थीं और मामा उन्हें धकापेल चोदे जा रहे थे.
मॉम को रोते देख कर न जाने मुझे बड़ा मजा आ रहा था और मैं भी मस्ती में अपना लंड पर थोड़ा थूक लगा कर हिला रहा था.
थोड़े समय बाद मॉम को भी मज़ा आने लगा था और वो अपनी गांड उठा उठा कर मज़ा लेने लगी थीं.
उनकी जो चिल्लाने की आवाज़ थी, वो अचानक से सेक्सी धुन बन गई थी.
मॉम मादक सिसकारियां भरने लगी थीं.
मॉम और मामा चुदाई में पूरी तरह से मग्न हो गए थे. मॉम का कमरा सेक्सी आवाजों से पूरा भर गया था ‘चप … चप … फट..फट …’
इसी के साथ मॉम की मादक सिसकारियां भी आ रही थीं ‘उहह … आआह … उई मां … चोद भी दे …’
साथ ही साथ मॉम गालियां भी दे रही थीं- बहनचोद … आंह बहन के लौड़े साले चोद मादरचोद … आज मेरी चूत की बच्चेदानी को भी फाड़ दे मादरचोद आंह और जोर से पेल भोसड़ी के … आंह और जोर से …’
उधर मामा अपनी पूरी ताकत लगा कर मेरी मां चोद रहे थे.
मैं अपनी मॉम को ही चुदते हुए देख रहा था.
मामा ने मेरी मॉम को अलग अलग स्टाइल में काफी देर तक चोदा और वो दोनों चुदाई के साथ में किस भी कर रहे थे.
अचानक से मॉम अकड़ने लगीं और एक तेज आह आह के साथ शांत हो गईं.
मॉम की चूत का पानी निकल गया था पर मामा अभी भी मेरी मां चोदने में लगे हुए थे.
मामा के लंड का पानी नहीं निकला था.
मॉम लेटी रहीं और मामा मॉम को चोदने के साथ चूचियों को अपने मुँह में लेकर चूसते रहे.
वो कभी मॉम की चूचियों पर चांटे मारते, पर मॉम का पानी निकल जाने से मॉम कोई प्रतिक्रिया नहीं कर रही थीं.
वो बस शांत से लेट कर अपने मुँह में उंगली डाल रही थीं.
थोड़ी देर में मामा ने भी अपना पानी मॉम की चूत में ही निकाल दिया और मॉम को किस करके उन पर ही ढेर हो गए.
फिर मामा ने मॉम को इशारा किया तो मॉम हिम्मत करके उठीं.
मामा के लंड में जो वीर्य लगा हुआ था, उसे मॉम ने चाट कर साफ़ किया.
फिर मामा ने अपने कपड़े पहने और बाहर आने लगे.
मैं रूम के साइड में झुपा रहा. मामा बाहर चले गए.
इस चुदाई के दौरान मेरा भी दो बार पानी निकल गया था.
मैंने रूमाल से लंड को साफ़ किया.
कपड़े ठीक करके मैंने सोचा कि मॉम को एक बार और देख लूं.
जब मैंने मॉम को देखा तो मॉम उठ कर चलने की कोशिश कर रही थीं पर वे अच्छे से चल नहीं पा रही थीं.
मैंने ध्यान से देखा तो मॉम की चूत का पानी बाहर टपक रहा था.
इस वक्त वो पोर्न फिल्म की रंडी सी लग रही थीं.
सिस्टर एंड ब्रदर सेक्स देखने के बाद मैं अपने रूम में चला गया और लेट गया.
दो बार मुठ मारने से थकान आ गई थी तो नींद कब आ गई, मालूम ही नहीं चला.
शाम को मैं उठा, तो चाय पीने आ गया.
मैंने देखा कि मॉम को अभी भी दर्द हो रहा था, वो चल नहीं पा रही थीं.
मैंने जानबूझ कर मॉम से पूछा- क्या हुआ मॉम?
मॉम थोड़ा सोच कर बोलीं- कुछ नहीं तो जरा साफ करते समय लग गयी थी.
मैंने मन में सोचा कि हां आपने लंड चूस कर अच्छे से सफाई कर दी थी मॉम, मैंने देखा था.
दोस्तो, ये मेरी सच्ची सिस्टर एंड ब्रदर सेक्स कहानी है. क्या कभी मैं अपनी मॉम को चोद पाऊंगा. प्लीज़ कमेंट या ईमेल करके मुझे जरूर बताइए.
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