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पसंद की लड़की को सालों बाद चोदा

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Xxx मैरिड गर्ल पोर्न कहानी में पढ़ें कि एक शादी में मैं एक लड़की से मिला, उससे दोस्ती भी हुई पर मैं उससे प्यार का इजहार ना कर सका. फिर कई साल बाद मैंने उसी लड़की को चोदा.

दोस्तो, मेरा नाम अमन (बदला हुआ) है. मेरी उम्र 24 वर्ष है. मैं राजस्थान के कोटा का रहने वाला हूँ.

मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूं.
मुझे भाभी की चुदाई वाली सेक्स कहानियां पढ़ना बहुत अच्छा लगता है.

अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली सेक्स कहानी है.

मैं शुरू से भाभियों की तरफ बहुत आकर्षित होता था और भाभियों के फिगर को देख कर उनकी चुदाई करने की सोचता था.
लेकिन बस उनको देखकर ही अपना मन बहला लेता था और जब सेक्स से थोड़ा ज्यादा परेशान रहने लगा तो मुठ मारके काम चलाने लगा.

मैं बचपन में अपनी बुआ के लड़के की शादी में गया था.
वहां मुझे एक लड़की पसंद आ गयी थी.
उसका नाम पूनम (बदला हुआ नाम) था.

मुझे पूनम से बात करने का मौका भी मिला लेकिन उससे अपने दिल की बात नहीं कह सका.

उसके बाद भी उससे फोन पर बातचीत होती रही लेकिन कभी कुछ कह ही नहीं पाया.
अब पूनम की उम्र 22 वर्ष हो गई थी.

फिर जब मैं ग्रेजुएट हो गया तो मैं पास ही के एक गांव में एक स्कूल में पढ़ाने लगा.
साथ ही मैं पीजी की पढ़ाई भी कर रहा था.

एक दिन स्कूल के बाद मैं किसी काम से उस गांव के बाजार में गया था.
वहां मैंने उस लड़की को अपने पिता के साथ देखा.

उसे देख कर मेरी हालत ऐसी हो गई कि मुझे काटो तो खून नहीं.
क्योंकि मैंने देखा कि उस लड़की ने अपने गले में मंगलसूत्र पहन रखा था और मांग में सिन्दूर लगाया हुआ था.

जैसे ही मैंने उसे इस तरह देखा, समझो उस दिन से रातों को मुझे ठीक से नींद आना बंद हो गई.

अब तो बस मुझे बार बार उस लड़की का ही ख्याल सताने लगा कि मेरी पसंद की लड़की ने किसी दूसरे के नाम का सिन्दूर अपनी मांग में सजा रखा है.

कुछ समय बाद मैंने किसी तरह अपने मन को समझाया और अपने काम में मन लगाने लगा.

जैसे तैसे मैं अब अपने दिन काटने लगा.

फिर एक दिन अचानक मोबाइल चलाते हुए मैंने अपने एफबी अकाउंट पर एक लड़की की फ्रेंड रिक्वेस्ट देखी.
मैंने बिना एक्सेप्ट किए ही उससे उसके बारे में जानकारी पूछ ली.
मुझे पता चला कि यह तो वही लड़की है, जिसको मैं बचपन से ही पसन्द करता आया हूँ.

मैंने उसे अपना परिचय दिया तो पूनम कहने लगी- मुझे कुछ कुछ समझ आ रहा था कि ये तुम ही हो. तुम्हारी फ़ोटो नहीं लगी थी तो बस नाम से अंदाजा लगाया था.

फिर बातों बातों में मुझे पता चला कि उसके पति का और उसका झगड़ा हो गया है और वह रूठ कर अपने पिता के घर आ गई है.
अब उसने दोबारा पढ़ाई शुरू कर दी है.

तब मैंने सोचा कि अब मेरी लाइन क्लियर हो सकती है.

मैंने उससे कहा- मैं तो तुम्हें शुरू से ही पसन्द करता था लेकिन कभी बोलने का मौका ही नहीं मिला … और जब उस दिन गांव में तुम्हें देखा तो तुम्हारी शादी हो चुकी थी. इसी वजह से तुमसे अपने दिल की बात नहीं कही.
उसने कहा- तो अभी कौन सी देर हो गई है. अपने दिल की बात अब बोल दो!

मैंने सोचा कि बेटा अब तेरा काम बन जाएगा.

पर मैंने नखरे दिखाते हुए उससे कहा- अब तो तुम किसी और की हो चुकी हो, अब बोल कर क्या फायदा?
पूनम ने कहा- हम दोनों तो अलग हो चुके हैं और तुम चाहो तो अब भी अपने दिल की बात बोल सकते हो?
मैं चुप रहा.

जब उसे लगा कि मैं नहीं बोलूँगा तो उसने कहा- चलो दोनों साथ में बोलते हैं.
मैंने अपने प्यार का इजहार कर दिया.
और उसका मैसेज आया ‘आई लव यू.’

मैंने भी उसके ‘आई लव यू.’ का जवाब ‘आई लव यू टू.’ बोल कर दे दिया.

इस तरह हमारी रोजाना एफबी पर बातें होने लगीं.

हमने धीरे धीरे रोमांटिक बातें करना शुरू कर दीं और बाद में हम दोनों सेक्स की बातें भी करने लगे.
पूनम अपनी चूत की आग से बहुत परेशान थी और जब तब अपनी उसी आग को लेकर मुझे बताती रहती थी.

मगर मैं भी पूरा हरामी था.
मुझे मालूम था कि इसके मन में भी मेरे लौड़े से चुदने की बात छिपी है और ये खुद अपने मुँह से चोद देने की बात कहेगी तब इसको अपने लौड़े के नीचे लूँगा.

एक दिन बातों बातों में उसने मेरी मर्दाना ताकत पर सवाल उठा दिया- क्या तुम में दम है अपनी मर्दाना ताकत को साबित करने का?
मैंने उससे बोला- किसी दिन बेड पर मिलो तो सब बता दूँगा.

उसने कहा- हां तुम जब चाहोगे, मैं तुम्हारे साथ बिस्तर पर आ जाऊंगी.

मैंने कहा- कहना सरल है, पर करने में गांड फट जाएगी.
पूनम- क्यों गांड फट जाएगी?
मैंने कहा- मेरा ले नहीं पाओगी.

पूनम एक पल को तो चुप रही फिर धीरे से बोली- क्यों तुम्हारा क्या गधे के जितना बड़ा है?
मुझे हंसी आ गई और मैंने कहा- तुम क्या हाथी का भी ले चुकी हो?

अब वह भी ठहाका मार कर हंसने लगी और बोली- तुमसे बातों में जीतना बड़ा मुश्किल है.
मैंने कहा- हां बातों में भी और उसमें भी!

वह बोली- वो दिन भी बहुत जल्दी आएगा, जब ये बात तय हो जाएगी कि मैं जीत सकती हूँ या नहीं.

मैंने पूछा- अच्छा एक बात बताओ!
पूनम- क्या बात … पूछो तो बताऊं!

मैंने कहा- तुम मुझसे जीतना चाहती हो या हारना?
वह चुप हो गई और धीरे से बोली- हारना चाहती हूँ. मैं चाहती हूँ कि तुम मुझे कुचल कर रख दो.

उसकी इतनी कामुक बात सुनकर मेरे लंड में आग लग गई.
मैंने कहा- हां, मैं भी तुम्हें कुचल देना चाहता हूँ लेकिन तुमसे हारना भी चाहता हूँ.

वह बोली- कैसे हारना चाहते हो?
मैंने कहा- तुम्हारे प्यार में हार जाना चाहता हूँ.

पूनम बहुत खुश हुई. फिर हम दोनों ने काफी देर तक बात की और फोन रख दिया.

अब मेरे मन में तो जैसे लड्डू फूटने लग गए थे कि वह चुदने को राजी हो गई है.
चोदना तो मैं चाहता ही था, बस जरा उसे भड़का देना चाहता था ताकि बिस्तर पर वह सही से मेरे लौड़े का सम्मान करे.

मैं उस दिन का इंतजार करने लगा … जब मैं उसे चोदूंगा.

इसी तरह बातें करते हुए हम दोनों को लगभग 15 दिन हो गए थे.
मेरे पीजी के एग्जाम आ गए थे. उसके भी पेपर उन्हीं दिनों में थे.

उसके और मेरे एग्जाम का टाइम अलग अलग था.
लेकिन हुआ ऐसा कि उसके और मेरे एग्जाम के बीच में डेढ़ घंटे का अन्तर था.

मैंने उससे कहा- तुम एग्जाम देने मेरे साथ ही चलना.
उसने हां बोल दिया.
पहले मेरा एग्जाम था और बाद में उसका.

मैंने एग्जाम के बाद उससे कहा- अब चलें दम देखने?
उसने झट से हां बोल दिया.

मैंने पहले से ही अपने एक होटल वाले दोस्त से बात करके उसके होटल में रूम बुक कर लिया था.

मैं पूनम को लेकर होटल पहुंच गया और रूम के अन्दर जाकर मैंने उसे अपनी बांहों में भर लिया.
उसने भी कोई विरोध नहीं किया लेकिन उसने मेरा साथ नहीं दिया.

मुझे थोड़ा अटपटा लगा … शायद वह झिझक रही थी.
मैंने उसे चूमना शुरू किया तो उसने भी मुझे चूमना स्टार्ट कर दिया.
इस तरह हमारे रोमांस की शुरूआत हो गई.

उसने एक भूरे रंग का कुर्ता और जींस पहन रखी थी.

मैंने उसका कुर्ता उतारने के लिए ऊपर उठाया तो वो शर्माने लगी और बोलने लगी- बिना कुर्ता उठाए ही कर लो जो करना है.
मैंने कहा- मुझसे किस बात की शर्म है?

उसने कुछ नहीं कहा और मैंने उसका कुर्ता उतार दिया.
अब वो मेरे सामने ब्रा और जींस में थी.

मैंने उसे किस करते हुए बेड पर लेटा दिया और उसके चेहरे को गालों को और होंठों को बारी बारी से चूमने लगा.
वह बोली- एग्जाम के टाइम तक तो एक्सरसाइज़ पूरी कर ही लोगे?
यह कह कर वह हंस दी.

मैंने उसे उठाकर बेड पर बैठा दिया और उसकी बांहों के नीचे हाथ डालकर उसकी ब्रा का स्ट्रेप खोल दिया.
उसके संतरे के आकार के मम्मे मेरे सामने नंगे हो गए.

मैंने उसके एक मम्मे को अपने एक हाथ से सहलाया और दूसरे को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा.
वह कामुक सिसकारियां लेने लगी थी.

मैंने जोश में आकर उसके एक मम्मे के निप्पल को दांतों से काट दिया.
वह एकदम से छटपटा उठी और जोर जोर से आह आह करने लगी.

मैंने उसके पेट को चूमते हुए उसकी नाभि को चूमा, जिससे वो सिहर उठी और उसको गुदगुदी होने लगी.

उसकी हालत को देख कर मुझे थोड़ी शरारत करने का ख्याल आया और मैंने उसे गुदगुदी करना शुरू कर दिया.

इससे वह मचल गई और मुझे गुदगुदी करने से रोकने लगी.

मैंने अब उसकी जींस का बटन खोला और उसे थोड़ा नीचे खींचा तो उसकी मल्टी कलर की पैंटी मुझे दिखने लगी.

मैंने उसकी जींस को खोलकर एक तरफ फेंक दिया और उसको किस करते हुए उसकी पैंटी भी उतार दी.
अब मैं उसे बेतहाशा चुंबन करने लगा.

उसकी चूत गीली हो गई और अब वो चुदने के लिए मचलने लगी.
उसने मेरी शर्ट के बटन खोलना शुरू कर दिए और मेरी शर्ट उतार दी.

मैंने अपनी पैंट भी उतार दी और चड्डी भी.
अब हम दोनों बिल्कुल नंगे हो चुके थे.

मैंने उसे चूमा और उसने मुझे चूमा.
वह मुझसे बोलने लगी- अब दिखाओ अपनी मर्दानगी!

मुझे जोश आ गया और मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुहाने पर रख कर एक जोरदार धक्का लगा दिया.
मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया और वो दर्द के मारे तड़पने लगी.

मैंने उसे किस करना शुरू कर दिया और जब वो थोड़ा नॉर्मल हुई तो मैंने एक और धक्का दे दिया.

अबकी बार मेरा पूरा लंड उसकी चूत की गहराई में समा गया और उसकी आंखों में आंसू आ गए.
वह दर्द के मारे छटपटाने लगी, लेकिन मैंने उसे तेज धक्कों के साथ चोदना शुरू कर दिया.

कुछ ही देर बाद वह भी अपनी गांड उछाल कर मेरा साथ देने लगी.
वह बोलने लगी- अमन, मुझे और जोर से चोदो, मैं तुम्हारे लंड को अपनी चूत की जड़ में महसूस करना चाहती हूँ.

वह इसी के साथ जोर जोर से सिसकारियां भी लेने लगी- अम्म ऊऊऊऊ आआह.
मैंने अपने धक्कों की स्पीड और बढ़ा दी.

कुछ ही देर में वह अब झड़ने वाली थी तो उसने अपने हाथों से मेरे सीने को इस तरह से पकड़ लिया कि उसके नाखून मेरे सीने में चुभने लगे.

उस वक्त मुझे उस दर्द का कोई अहसास ही नहीं हुआ.
मैं लगातार उसकी चुदाई करता जा रहा था.

वो मुझे पकड़े हुए ही झड़ गई और मैं उसे चोदता रहा.
थोड़ी देर की चुदाई के बाद मैं भी झड़ने को हुआ, तो मैंने अपना सारा माल उसकी चूत में ही निकाल दिया और कुछ देर तक उसके ऊपर ही पड़ा रहा.

बाद में हम दोनों ने अपने अपने कपड़े पहने और उसके एग्जाम सेंटर पर पहुंच गए.

उस दिन के बाद से मैंने उसे हर एग्जाम में चोदा.
वह भी अब ब्रा पैंटी को अपने बैग में रख कर लाने लगी थी और चुदाई के बाद ही पहनती थी.

दोस्तो, यह थी मेरी पहली चुदाई की कहानी … जो मैंने अपनी किशोरावस्था की पसन्द की लड़की के साथ की.

आपको कैसी लगी, मुझे जरूर बताना और कमेंट जरूर करना.
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