Xxx ग्रुप बीच सेक्स का मजा मैंने अपनी दो सहेलियों और तीन लड़कों के साथ गोवा में लिया. मेरी बड़ी इच्छा थी कि मैं अनकटे लंड का मज़ा लूँ। तो मैंने तीन लड़कों से दोस्ती की.
मेरा नाम रेहाना है दोस्तो!
मैं एक मदमस्त, खूबसूरत सेक्सी और हॉट लड़की हूँ, पढ़ी लिखी हूँ, बोल्ड हूँ और वर्किंग गर्ल हूँ।
मुझे अपनी जवानी की ज़िन्दगी एन्जॉय करना खूब आता है।
मेरा मानना है कि जब जवानी कुछ दिन के लिए ही आती है तो फिर उसको भर पूर एन्जॉय क्यों न किया जाए?
जवानी के हर एक पल का मज़ा क्यों न लिया जाये!
इसी बात ने मुझे हमेशा प्रेरित किया है इसीलिए मैंने फ़टाफ़ट अपने कई दोस्त बना लिए।
सच बात तो यह है दोस्तो कि मैंने अभी तक केवल कटे लंड ही देखे हैं, कोई भी लंड ऐसा नहीं देखा जो कटा न हो.
कई कटे लंड से चुद चुकी हूँ मैं … लेकिन मुझे आजतक मालूम ही नहीं कि बिना कटा लंड होता कैसा है.
मेरी बड़ी इच्छा थी कि मैं अनकटे लंड देखूं … अनकटे लंड का मज़ा लूँ और उनसे चुदवाऊँ।
इसलिए मैंने दूसरे मजहब के कई लड़कों को अपना ज़िगरी दोस्त बना लिया, कुछ लड़कियों से भी दोस्ती गाँठ ली जो मेरे मजहब की नहीं थी।
मैं धीरे धीरे उन सबसे नजदीकियां बढ़ाने लगी।
लड़कों से खुल कर गन्दी गन्दी बातें करने लगी।
मजाक मजाक में मैं कभी उन्हें भोसड़ी वाला कह कर पुकारने लगी तो कभी माँ का लौड़ा कह कर!
वे भी मुझे कभी हरामजादी रेहाना कह कर तो कभी बहनचोद रेहाना कह कर जवाब देने लगे.
इससे मैं बहुत ज्यादा खुश होने लगी और रोमांचित भी होने लगी।
लड़कियों से भी खुल्लम खुल्ला लंड, बुर, चूत की खुल कर बातें होने लगीं।
इसी बीच, हमने एक बार अपने सभी साथियों के साथ बैठ कर बीतचीत की और गोवा जाने का प्लान बना लिया।
सबको एक दिन एयरपोर्ट पर पहुँचने का फरमान सुना दिया।
सबसे पहले मैं अपने सामान सहित एयरपोर्ट पहुँच गयी।
मेरे पीछे रम्भा आ गयी।
मैंने कहा- यार रम्भा, टाइम हो रहा है, ये चूत चोदी नेहा कहाँ रह गयी, अभी तक आई नहीं?
तब तक पीछे से आवाज़ आई- अरे यार मैं तो यही हूँ। तेरी गांड के पीछे खड़ी हूँ रेहाना।
मैंने पीछे मुड़ कर देखा और कहा- वैरी गुड, तू आ गई माँ की लौड़ी, बहुत अच्छा हुआ। सामने देखो वो हर्ष साला अपना लंड हिलाता हुआ आ रहा है और उसके पीछे यश भी है।
नेहा बोली- तो फिर वह मादरचोद संजय कहाँ रह गया? पता नहीं कहाँ गांड मरा रहा है अपनी?
रम्भा ने बताया- अरे वो भी आ ही रहा है यार!
फिर वह बोली- वो सामने देखो आ रहा है.
इस तरह हम सब लोग इकट्ठे हो गए।
यानि तीन लड़कियां, मैं रेहाना, रम्भा और नेहा लड़कों में संजय, यश और हर्ष।
हमने टाइम से हवाई जहाज पकड़ लिया।
पणजी एयर पोर्ट पर उतरे, वहां से सीधे दो टैक्सी की और कुछ देर बाद होटल में पहुँच गए।
हमारे कमरे पहले से ही बुक थे।
हमने चेक इन किया और अपने अपने कमरे में चले गए।
तीन तीन बेड वाले दो कमरे अगल बगल में ही थे।
एक में तीनों लड़के और दूसरे में तीनों लड़कियां।
सबने अपना अपना सामान वगैरह ठीक तरह से जमा लिया और फिर सीधे मेरे कमरे में सब लोग आकर इकट्ठे हो गए।
सबने राहत की सांस ली, थोड़ी थकान मिटाई।
सबके चेहरे खिले हुए थे। ख़ुशी सबके चेहरे पर साफ़ साफ़ दिख रही थी।
इतने में संजय ने मेरे गले में बाहें डाल दीं और कहा- यार रेहाना, तुमने बहुत अच्छा काम किया। अब मज़ा आएगा यहाँ गोवा में!
मैंने आँख मारते हुए बड़ी सेक्सी अदा से कहा- मज़ा तो तब आएगा जब मैं तुम सबकी गांड मारूंगी। मैं तो ऐसे ही मौके की तलाश में थी।
मेरी बात सुनकर सब लोग एक साथ हंस पड़े।
रम्भा बोली- हां यार, गांड तो मैं भी मारूंगी सबकी!
नेहा बोली- अच्छा पहले लंड पकड़ना तो सीख ले बुरचोदी रम्भा, फिर गांड मारना।
यह सुनकर सबको खूब मज़ा आया।
रम्भा बोली- यहाँ क्या मैं सबकी झांटें उखाड़ने आई हूँ? यहाँ लंड पकड़ने ही तो आई हूँ! तेरी गांड पहले मारूंगी नेहा।
यह सुनकर लड़कों के लंड में आग लग गई।
सबकी भावनाएं एकदम से भड़क उठीं, सबकी फैंटसीज पूरी होती हुई दिखने लगीं।
सेक्स की उत्तेजना सबके चेहरे पर साफ़ झलकने लगी.
लड़कियां लड़कों के लंड देखने के लिए बेताब होने लगीं और लड़के लड़कियों को नंगी देखने के लिए व्याकुल होने लगे।
अब किसी को भी एक मिनट की भी देरी बर्दाश्त नहीं थी।
उतावले लड़के भी थे और उतावली लड़कियां भी थीं।
सब लोग अपने अपने घर से इतने दूर थे.
यहाँ हम लोग क्या कर रहे हैं किसी भोसड़ी वाले को क्या पता?
यह बात तो सबके मन में घूम रही थी।
तभी अचानक यश ने रम्भा को अपनी बाहों में भर लिया और हर्ष ने नेहा की कमर में हाथ डाल दिया और उसकी चूचियाँ दबाने लगा।
लड़का जब लड़की की चूची दबाता है तो उसे तो मज़ा आता ही है पर लड़की को उससे चौगुना ज्यादा मज़ा आता है।
धीरे धीरे सब लोग कुछ न कुछ करने लगे।
कमरे में एक्शन होने लगा और सन्नाटा छा गया।
कोई कुछ बोल नहीं रहा था।
मैं संजय का लंड टटोलने लगी, रम्भा यशा का लंड और नेहा हर्ष का लंड!
हम सबकी नज़र तो लंड पर ही लगी थी, हम तो सबसे पहले सबके लंड ही देखना चाहती थीं।
तब तक लड़के लड़कियों के कपड़ों के अंदर हाथ डालकर उनकी मस्तानी चूचियाँ मसलने लगे।
कोई रुकने वाला नहीं था, सबको बहुत जल्दी थी।
मुझे लगा कि ये लोग सब अभी अपनी अपनी गर्मी निकलवाकर कर ही मानेंगे।
मैं भी भोसड़ी वाली उनमे से एक थीं … मुझे भी बिना सबके लंड देखे चैन नहीं आ रहा था।
फिर मैं सामने पड़े सोफा पर बैठ गयी और संजय की पैंट खोल कर लंड बाहर निकालने लगी।
लंड तो पहले से ही खड़ा था।
मैंने उसकी कई बार चुम्मी ली और कहा- वाह … क्या मस्त लौड़ा है तेरा मादरचोद संजय … मज़ा आ गया यार! अब तो गोवा में बड़ा मज़ा आएगा।
उसका लंड सबको दिखाते हुए मैंने कहा- लो भोसड़ी वालियो, देखो इसे कहते हैं लंड!
तब तक उधर से रम्भा भी यश का लंड दिखाती हुई बोली- ले तू भी देख ले माँ की लौड़ी रेहाना, इसे कहते हैं लौड़ा!
फिर नेहा कहाँ चूकने वाली थी; उसने भी हर्ष का लंड बड़े प्यार से बाहर निकाला उसे थोड़ा हिलाया और सबको दिखाती हुई बोली- लो देख लो मादरचोदियो, अब मैं इसी लंड से फाड़ूंगी तुम सबकी बुर!
फिर हम तीनों लंड से कुछ देर तक खेलती रही, ब्लो जॉब करती रही।
एक दूसरी को ब्लोजॉब करती हुई देखती भी रहीं।
हम सब मस्ती से सटासट, घपाघप मारने लगीं लंड का मुट्ठ।
फिर अपने आप ही आपस में कम्पटीशन होने लगा कि कौन सबसे पहले निकाल लेती है लंड का मक्खन.
सबने मुट्ठ मारने की स्पीड तेज कर दी।
और फिर सबसे पहले रम्भा ने यश के लंड को खलास कर दिया और उसका वीर्य बिल्कुल उसी तरह चाटने लगी जैसे पोर्न में लड़कियां चाटती हैं।
फिर नेहा ने भी लगे हाथ हर्ष के लंड का वीर्य निकाला और चाटा।
सबसे बाद में मैंने संजय के लंड का वीर्य निकाला और उसे भूखी बिल्ली की तरह चाटा।
उसके बाद हम सब नहा धोकर तैयार हो गए और बाहर निकल पड़े।
तब तक लंच का टाइम हो गया था तो सबने बाहर ही लंच लिया और फिर निकल पड़े गोवा घूमने!
खूब घुमाई की, शॉपिंग भी सबने की और शाम को एक सी बीच पर पहुँच गए।
वहां भी खूब एन्जॉय किया और लगभग 8 बजे अपने होटल पर वापस आये।
सब लोग कपड़े चेंज करके मेरे कमरे में आ गए।
हम सब एक गोला बनाकर बैठ गए।
बातें होने लगीं, हंसी मजाक होने लगी, गंदे गंदे नॉन वेज चुटकुले होने लगे।
ठहाके पे ठहाके लगने लगे।
तब मैंने कहा- अच्छा सुनो, मैं लंड के बारे में एक दोहा सुना रही हूँ। लंड भोसड़ी का क्या करता है?
लण्ड कभी मुंह में घुसे, कभी चूत में लण्ड
कभी चूचियों में घुसे, कभी गांड में लण्ड
सबने खूब मज़ा लिया और तालियां बजाईं।
मैंने कहा- नेहा, अगर तुम्हें कोई लड़का धोखा दे तो तुम गुस्से में कैसी गालियां दोगी? ज़रा दे के सुनाओ।
वह बोली- भोसड़ी के, मादरचोद, तेरी बहन की बुर, चूतिया साले, मैं तेरी गांड में घुसा दूँगी लंड, तू मुझे धोखा देगा, अरे माँ के लौड़े, तू मेरी एक झांट भी नहीं उखाड़ पायेगा, गांडू, कुत्ते, कमीने, तेरी माँ का भोसड़ा।
सबने खूब एन्जॉय किया।
तब मैंने कहा- यार हर्ष, तुम नंगे होकर एक बच्चे की तरह रम्भा का दूध पी कर दिखाओ।
फिर क्या रम्भा अपनी चूचियाँ खोल कर पल्थी लगाकर बेड पर बैठ गयी।
उसके बड़े बड़े स्तन बड़े सेक्सी दिख रहे थे।
तब तक उधर से हर्ष नंगा नंगा आया और उसने अपना सिर रम्भा की जांघ पर रख दिया और थोड़ा आगे खसक कर उसकी चूची दोनों हाथ से पकड़ीं और निपल मुंह में डाल कर चूसने लगा।
वह बच्चे की तरह दूध पीने लगा।
रम्भा भी बुरचोदी बड़ी मस्ती से उसे पुचकारते हुए दूध पिलाने लगी और साथ ही साथ अपने एक साथ से उसका लंड पकड़ कर सहलाने लगी।
इत्तिफाक से लंड पर एक भी झांट नहीं थी. लंड एकदम चिकना था तो उसे भी मज़ा आने लगा।
सबने खूब तालियां बजाई और एन्जॉय किया।
दोस्तो, मैंने अपना मोबाइल का वीडियो ऑन करके एक जगह रख दिया था इसलिए आज जो भी कुछ हुआ, वह रिकॉर्ड हो गया।
तब तक डिनर का टाइम हो गया।
हम सब लोगों ने एक घटें तक डिनर लिया और फिर सब लोग हमारे कमरे में इकट्ठा हो गए।
कुछ हंसी मजाक तो होने लगा।
अचानक नेहा ने पूछा- रेहाना, तुझे लंड पकड़ने की बड़ी जल्दी है? तू कभी चुदी नहीं है क्या?
मैंने कहा- अरे यार, मैं जितनी बार चुदी हूँ उतनी बार तो मेरी माँ भी नहीं चुदी होगी नेहा … मैं खूब चुदी हुई हूँ।
रम्भा बोली- यार, चुदी हुई तो मैं भी हूँ। लेकिन मुझे लगता है की चुदी हुई लड़कियां ज्यादा चुदक्कड़ होती हैं।
नेहा ने कहा- तो फिर इन सब लड़कों के लंड भी चुदे हुए होंगे?
इस बात का जबाब मैंने दिया- हां बिल्कुल … इन भोसड़ी वालों के लंड भी चुदे हुए हैं।
पर हकीकत यह थी दोस्तो, कि अब किसी को बिना चोदे और बिना चुदाये चैन नहीं था। रात में तो वैसे भी न किसी का लंड काबू में रहता है और न किसी की चूत।
हमने तीसरा बेड भी डबल बेड से मिला लिया था ताकि ग्रुप चुदाई एक साथ हो सके।
हम सबने एक एक लंड तो पकड़ा ही था और बाकी दो दो लंड बहुत पास से ही देखे थे।
मज़ा तो सबको सबके लंड का लेना था।
मैं तो सच में अंदर से बड़ी गर्म हो गयी थी तो मैं हर्ष के बदन से लिपट गई; अपना जिस्म उसके जिस्म से रगड़ने लगी।
तब तक संजय ने रम्भा को अपनी बाहों में भर लिया और यश ने बुरी तरह से नेहा को अपने बदन से चिपका लिया।
हम सब एक दूसरे के कपड़े खोल खोल कर फेंकने लगीं।
लड़के भी लड़कियों के कपड़े उतार कर उन्हें नंगी करने लगे।
सच्चाई यह थी कि हर लड़का नंगा होना चाहता था और हर लड़की नंगी होनी चाहती थी, खुल कर मज़ा लेना चाहती थी।
मकसद तो गोवा आने का खुल्लम खुल्ला सामूहिक चुदाई करना ही था।
सबसे पहले मैं चूत चोदी नंगी हुई और फिर रम्भा और नेहा भी एकदम नंगी हो गई।
लड़कियों को नंगी देख कर लड़कों के लंड काबू के बाहर हो गए।
वो भी तीनों नंगे हुए तो माहौल एकदम से बड़ा गर्म हो गया, बड़ा रंगीन और सेक्सी हो गया।
हम सब एक गोलाकार स्थिति में लेटे हुए थे।
मैंने हर्ष का लंड हाथ बढ़ाकर कर पकड़ लिया और चाटने लगी.
तो हर्ष उधर रम्भा की चूत चाटने लगा, रम्भा संजय का लंड चाटने लगी तो संजय नेहा की चूत चाटने लगा।
नेहा यशा का लंड चाटने लगी तो यश मेरी चूत चाटने लगा।
अब हम तीनों को डबल मज़ा मिलने लगा।
यश मेरी चूत चाट रहा था और मैं हर्ष का लंड चाट रही थी।
यही हाल सबका था।
लड़के भी लंड किसी और से चटवाने लगे और चूत किसी और की चाटने लगे।
सचमुच सेक्स का यह नज़ारा अपने आप में बड़ा उत्तेजक था।
जिस तरह से यश मेरी चूत चाट था उस तरह से तो मेरी चूत किसी ने भी नहीं चाटी।
यश तो मेरी गांड भी चाटने लगा।
मुझे हर्ष का बिना कटा लंड बहुत ही अच्छा लग रहा था।
हर तरफ लंड चाटने की और चूत चाटने की आवाज़ आ रही थी।
यह मनमोहक आवाज़ सबको उत्तेजित कर रही थी।
इतने में हर्ष ने गच्च से पेल दिया लंड मेरी चूत में और चोदने लगा.
मैं भी मस्त होकर चुदवाने लगी।
मेरे बगल में रम्भा भोसड़ी की संजय से चुदवाने लगी.
तब तक यश ने लंड नेहा की चूत में घुसा दिया।
वह भी उफ़ कह कर मजे से चुदवाने लगी।
अब जो हो रहा था, मैं वही तो चाहती थी, मेरी तमन्ना पूरी हो रही थी।
गोवा में हो रही थी हम सबकी घपाघप सामूहिक चुदाई।
रम्भा बोली- हाय संजय, बड़ा मोटा है लंड तेरा यार। बड़ा मज़ा आ रहा है। मुझे खूब चोदो, फाड़ डालो मेरी बुर। मैं तो यहाँ चूत चुदवाने ही आयी हूँ।
नेहा ने कहा- वॉवो, क्या मस्त लौड़ा है तेरा भोसड़ी के यश। मेरी चूत की खाल उधेड़ रहा है।
मैंने कहा- अरे यार, इधर देखो ये मादरचोद हर्ष किस तरह पागलों की तरह मेरी चूत ले रहा है। और मैं भी रंडी की तरह अपनी गांड उठा उठा कर अपनी चूत दे रही हूँ। आज मुझे किसी अनकटे लंड से चुदवाने का अलौकिक आनंद आ रहा है। खुदा करे की हमारा हर दिन ऐसा ही हो, हर दिन हमें नए नए बिना कटे लंड चोदें। मेरी चूत लें और अपना लंड दें!
सब लोग अपने अपने हिसाब से चूत चोदन करने लगे।
हर्ष मुझे आगे से चोदने लगा.
संजय रम्भा की चूत पीछे से चोदने लगा और यश अपने लंड पर नेहा को बैठा कर चोदने लगा।
सबकी सब चूत चोदी चुदवाने का लुत्फ़ उठाने लगीं.
यश बोला- यार, कुछ भी हो पर मज़ा तो चुदी हुई चूत चोदने में ज्यादा आता है। मैं तो बहुत एन्जॉय कर रहा हूँ। किसी ने ठीक ही कहा है कि
कोरी चूत न चोदिये, चुद के करे घमंड
चुदी चुदाई चोदिये, लपक के लेवे लंड
हमारी चुदाई का एक मस्त वीडियो बन चुका था।
चुदाई के बाद हम सब नंगे नंगे उस वीडियो को टी वी पर लगा कर देखा।
सच दोस्तो, टी वी पर सबकी चुदाई होती हुई देख कर बहुत ज्यादा ही मज़ा आया, लगा कि हम सब एक लाइव ब्लू फिल्म देख रहे हैं।
चुदाई अगले दिन सुबह हमने एक टैक्सी की और कहा- हमें एक ऐसे सी-बीच में ले चलो जो थोड़ा दूर हो, बिल्कुल सुनसान हो लेकिन साफ़ सुथरा हो।
बस हम लोग 9 बजे एक बहुत अच्छे बीच पर पहुँच गए।
मैंने टैक्सी वाले से कहा- अब तुम दोपहर एक बजे आना हमको ले जाने के लिए!
वह चला गया और हम समंदर के किनारे पहुँच गए।
हमने एक चादर बिछाई और उस पर सारा सामान रख दिया।
बहुत सुंदर जगह थी और मौसम भी सुहावना था।
मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिये … यहाँ तक कि ब्रा भी!
और सिर्फ पैंटी पहन कर बोली- मैं तो जा रही हूँ समंदर में मस्ती करने!
मैं समंदर में लहरों के सामने चली गयी मेरे पीछे रम्भा और नेहा भी आ गयीं।
उनके भी बूब्स एकदम नंगे थे।
सबसे अच्छी बात यह हुई कि वे तीनों लड़के भी नंगे बदन केवल एक एक चड्डी पहन कर आ गए।
मैंने यश का हाथ पकड़ा और उसकी चड्डी निकाल कर फेंकते हुए कहा- भोसड़ी के, तुझे अभी भी शर्म आ रही है माँ के लौड़े? तेरी बहन की बुर … चल आ जा मेरे सामने!
उधर रम्भा ने हर्ष की चड्डी खोल कर उसका लौड़ा पकड़ के पानी में ही हिलाने लगी।
मेरे बगल में नेहा ने संजय को नंगा कर दिया और लंड पकड़ कर आगे पीछे करने लगी।
धीरे धीरे हम सब नंगे नंगे मज़ा लेते रहे।
लड़कियों ने भी पैंटी खोल दी, हम सबकी चूत भी नंगी हो गयी।
अब हम सबको नंगे नंगे समंदर में बड़ा मज़ा आने लगा।
हमने दो घंटा पानी नंगे नंगे मज़ा किया, सबके लंड के साथ खेला और लड़कों ने भी हम लड़कियों के नंगे जिस्म से पानी में खूब खेला।
थोड़ी देर में हम तीनो लड़कियां एकदम नंगी नंगी एक लाइन से रेत में लेट गयी।
इतने में यश आया और उसने मेरी चूत में लंड पेल दिया।
मैं मस्ती से बिंदास चुदवाने लगी।
खुले आकाश के नीचे समंदर के किनारे सबके साथ ग्रुप में चुदवाने में जो मज़ा आ रहा था उसका कोई जवाब नहीं।
हर्ष रम्भा की चूत में लंड पेल कर चोदने लगा और संजय नेहा की चूत में लंड घुसेड़ कर चुदाई का मज़ा लेने लगा।
दो घंटे तक हम सब लंड अदल बदल कर चुदवाती रहीं।
लड़के भी लड़कियां अदल बदल कर चोदते रहे।
इस तरह हम सबने सबके लंड का मजा Xxx ग्रुप बीच सेक्स में लिया।
मैंने तो खास तौर से पहली बार बिना कटे तीन तीन लंड का मज़ा लिया।
मैंने सोच लिया कि अब मैं आगे भी बिना कटे लंड का मज़ा लूंगी।
तो दोस्तो, यह थी हमारी गोवा में Xxx ग्रुप बीच सेक्स की कहानी।
आपको कैसी लगी प्लीज बताइयेगा जरूर।
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लेखिका की पिछली कहानी थी: मैंने दो लंड का मज़ा एक साथ लिया