छोड़कर सामग्री पर जाएँ

चाचा और उनके दोस्तों से चुदी

  • द्वारा


Xxx चाचा भतीजी सेक्स कहानी मेरी चूत चुदाई की है जिसमें मेरे चाचा और उनके चार दोस्तों ने मुझे मिलकर चोदा और मुझे सेक्स का भरपूर मजा दिया.

यह कहानी सुनें.

मेरा नाम शिखा है. मैं राजस्थान की रहने वाली हूँ.
मेरे परिवार में में मेरी मम्मी पापा, मेरा बड़ा भाई और चाचा हैं.

ये Xxx चाचा भतीजी सेक्स कहानी मेरे चाचा और मेरी है.
मैं और मेरे चाचा शुरू से ही बहुत फ्रेंड्ली थे. हम दोनों सेक्स की बातें भी कर लेते थे और मेरे चाचा को मेरी चुदाई की बात भी मालूम थी.
चाचा की जुगाड़ों की जानकारी भी मुझे थी.

एक बार मैं और मेरा पूरा परिवार एक शादी में गए हुए थे.
उस दिन जब मैं शादी के लिए तैयार हो रही थी तब सब मुझे आवाज़ दे रहे थे कि जल्दी चलो वर्ना देर हो जाएगी.

मैंने अभी अपने लहंगे चुनरी को पहन ही था और अपनी चुनरी को, पल्लू के जैसे ठीक से नहीं लिया था कि तभी मेरे चाचा अन्दर आ गए.
मैंने उन्हें देख कर कहा- चाचा, बस दस मिनट और दे दो.

उन्होंने नशे में मेरी चूचियाँ देखते हुए कहा- सब चले गए … बस मैं और तुम ही रह गए हैं. अब हम दोनों दूसरी गाड़ी में जाएँगे, तो आराम से अपना टाइम ले लो.
ये कह कर चाचा ने मेरे पल्लू को बूब्स तक लेकर पिन लगा दी.

उसी बहाने चाचा ने मेरे दूध को दबा भी दिया.
मैं चाचा को देखती रह गई.
मैंने कहा- आज बड़े मूड में हो चाचा, क्या बात है … क्या भतीजी पर दिल आ गया है आपका?
वो हंस दिए.

मैंने मजाक में कह दिया- दारू भी लगाए हुए हो … कहीं मेरे ऊपर चढ़ न जाना!
चाचा बोले- अरे लंड चूत का कोई रिश्ता नहीं होता शिखा मेरी जान. उनका बस चुदाई का ही रिश्ता होता है.

मैं समझ गई कि चाचा आज किसी न किसी की लेकर ही मानेंगे.

‘हमें ले जाने वाली गाड़ी नीचे इंतजार कर रही है … जल्दी आ जाओ.’
ये कहते हुए चाचा नीचे चले गए.

मैं भी जल्दी जल्दी नीचे गई तो देखा कि चाचा के दो दोस्त भी उसमें थे.

एक गाड़ी चला रहे थे और एक आगे की सीट पर बैठे थे.
हम दोनों गाड़ी में बैठ गए.

कुछ देर बाद उन लोगों ने बातें शुरू कर दीं.
रोहित अंकल- साले, तेरी वाली तो माल निकली बे!

तब तक सुरेश अंकल ने बोला- नहीं बे, इसकी वाली तो साली छिनाल है. मैंने भी आज उसकी सुबह सुबह ली थी.

तो रोहित अंकल ने कहा- अरे … साली रात भर मेरे साथ थी रंडी.
मेरे चाचा ने मेरे कंधे पर हाथ रख लिया.

उसके तुरन्त बाद चाचा के दोस्त ने कहा- शिखा तुमने कभी किसी से चुदवाया है?
तो मैंने कुछ नहीं कहा.

फिर वो चाचा ने कंधे से सरका कर अपना हाथ मेरे चूचियों तक लाए और एक हाथ मेरी जांघों पर रख दिया.
फिर बाजू में बैठे रोहित अंकल ने कहा- शिखा शर्माओ मत यार. हम सब यहां अपने ही हैं. अब तुम भी कॉलेज में आ गई हो, ये सब तो दोस्तों में होता ही रहता है.

तब तक चाचा ने अपना हाथ मेरी चूत के ऊपर रख दिया और कहा- अभी चूत ही है या भोसड़ा बन चुका है?
मुझे बहुत शर्म आ रही थी.

सब हंसने लगे.

तभी सुरेश अंकल ने कहा- अबे पूछता क्या है भोसड़ी के … चैक कर ले ना!
इतने में अंकल ने हाइवे पर गाड़ी रोक दी और सामने परमिट शॉप से दो बॉटल दारू मँगवा ली.

अब वो सब मिलकर दारू पीने लगे.

चाचा ने एक गिलास मुझे भी दे दिया.
मैंने भी एक ही सांस में हलक के नीचे उतार लिया

फिर मैंने अंकल से बात करनी चाही कि मैं कितनी परेशान हो रही हूँ.
इतने में उन्होंने खुद से कहा- आज हमारा प्लान है तुम्हें चोदने का. मूड बना लो और मस्ती से चुदवा लो. बहुत दिन अभी तक एक भी ढंग की नहीं मिली है साली.

बस ये कह कर चाचा ने मेरे गाल को ज़ोर से पकड़ कर खींच लिया.
मेरा मोबाइल भी अपने पास रख लिया.

मैं बता दूँ कि मेरा ब्वॉयफ्रेंड मेरे ही बैच का है … और हम दोनों कई बार सेक्स कर चुके थे. इसके बारे में मैंने चाचा को बताया भी था.
फिर चाचा ने कहा- एक बार हाइवे की तरफ चलते हैं.

अब पीछे रोहित अंकल भी आ गए थे. मैं समझ गई कि अब मेरी जमकर चुदाई होने वाली है.
अब चाचा ने मेरे जिस दुपट्टे में पिन लगाई थी, वो उसे ही दोबारा खोलने लगे.
मैंने डीप नेक वाला ब्लाउज पहना हुआ था.

उन्होंने मेरी पीठ पर किस करते हुए मेरे ब्लाउस की चैन को भी खोल दिया.
चाचा कहने लगे- साली रांड, इतने दिन से तेरी चड्डियां सूंघ कर मुठ मार रहा था, अब मेरी चूत सूघूँगा. बहुत नखरे दिखाती है साली रंडी छिनाल … इसकी मां के भी बहुत नखरे रहते थे. एक बार लौड़े के नीचे से निकल गई थी, तब से सही से देने लगी थी बहन की लौड़ी.

मुझे ये जानकर जरा हैरत हुई तो मैंने उनसे पूछा- आप मम्मी के साथ भी करते हैं क्या?
तो उन्होंने कहा- तेरी मां को तो सुहागरात के दिन ही पटक कर पेला था. साली तब तो एकदम सीलपैक माल थी. उसको देखकर तो बुड्डों का भी लंड सलामी ठोकने लगता था, ऐसी कड़क माल थी तब वो … लेकिन वो सब तू छोड़, अब आज तेरी ठुकाई होगी और वो भी इसी गाड़ी में!

मैं एकदम से गर्मा गई … एक तो दारू असर करने लगी थी और चाचा से चुदने का मन मेरा भी था.

अब मेरी टांगें अपनी तरफ करके चाचा मेरे लहंगे में घुस गए और मेरी पैंटी के ऊपर से ही मेरी बुर चूसने लगे, चूत में उंगली फेरने लगे.

इधर रोहित अंकल मेरी ब्रा के अन्दर हाथ डाल कर मेरी चूचियों से खेल रहे थे.
सुरेश अंकल आगे कम और पीछे ज़्यादा ध्यान दे रहे थे.

वो कह रहे थे- रंडी को नंगी कर दो बे … साली मस्त माल है. इसके 34 इंच के चूचों के दर्शन तो कर लूँ.
तभी नीचे से चाचा ने मेरी पैंटी फाड़ दी और मेरी चूत में उंगली करने लगे.

मैं पूरी तरह से गीली हो चुकी थी.
मेरा हाथ अपने आप ही उनके बालों में चला गया.

ये देखकर चाचा ऊपर होकर कहने लगे- देखो आज अच्छे से कर लेने दो. अगर अगली बार अगर तुम्हारा मन होगा, तभी करेंगे. अगर मैंने किया और तुम्हें मजा नहीं आया तो मैं उसके आगे कुछ नहीं करूंगा.
मैंने उनका सिर अपनी चूत में धंसा दिया- चाट ना भोसड़ी के … सिर्फ बातें ही चोदना जानता है क्या?

मेरे मुँह से ये सुनकर वो तीनों खुश हो गए और खुल कर गेम होने लगा.
चाचा फिर से मेरी चूत में अपनी जीभ घुसेड़ने लगे और मेरी चूत को चाटने लगे.

इधर मैंने रोहित अंकल के लंड पर हाथ रखा.
तब तक उन्होंने अपना 7 इंच का खड़ा लौड़ा मेरे हाथ में रख दिया और मेरे होंठों को दबोच लिया.

मेरी साँसें बहुत तेज़ चलने लगीं.
अब मैं ‘आहह उहह उफ्फ़ मांआ.’ जैसी कामुक आवाज़ निकालने लगी.

तभी रोहित अंकल ने मेरी ब्रा निकाल दी. अब मैं सिर्फ़ एक घाघरे में दोनों के बीच नंगी पड़ी हुई थी.
आगे से सुरेश चाचा के मुँह से कुछ नहीं निकल रहा था.

उन्होंने गाड़ी बंद कर दी और बोले- अब मुझसे नहीं चलेगी गाड़ी … पहले मुझे चोद लेने दो.
तो चाचा ने कहा- अगर दो घंटे में नहीं पहुंचे … तो दिक्क्त होने लग़ेगी.

पहले सुरेश ही तुम्हें चोदेगा, तब तक मैं गाड़ी चलाता हूँ.
चाचा ने बीच में ही सीट बदल ली और गाड़ी चलाने लगे.

सुरेश अंकल ने आते ही अपना 6 इंच का लौड़ा मेरी चूत पर सैट किया और धक्का देकर मेरी चूत के अन्दर घुसेड़ दिया.
मुझे उनके लौड़े से कुछ ज्यादा दर्द नहीं हुआ, बल्कि मैंने उनके लंड से चुदाई के मज़े लेने शुरू कर दिए.

उधर मेरी दोनों चूचियाँ एक साथ मसली जा रही थीं.
नीचे मेरी चूत में 6 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लौड़ा अपना कमाल दिखा रहा था.

मैं किसी रंडी से कम नहीं लग रही थी. सुरेश चाचा मुझे गाली दे देकर चोद रहे थे.
वो मुझे चोदते हुए कह रहे थे- कुतिया रंडी साली छिनाल … लंड पिलवाने में तो भैन की लौड़ी एक नंबर है. इसकी चूत को चोद चोद कर भोसड़ा बना दूँगा.

मैं गालियां सुन कर और भी मस्त हो रही थी … और ज्यादा चुदासी होने लगी थी.

वो कुछ ही देर में झड़ गए.

अब रोहित अंकल की बारी थी.
मैं तो और भी चुदासी हो गई थी.

मैं तुरन्त पलटी और मैंने रोहित अंकल का लंड अपने मुँह में भर लिया.

वो मेरी इस हरकत पर एकदम से चौंक गए और मस्ती से अपने लौड़े की चुसाई का मजा लने लगे.

मैं मस्ती से चाचा का लंड अन्दर तक लेती हुई चूसने लगी.
सुरेश अंकल अपनी पैंट बंद करके मेरी गांड पर चमाट मारने लगे. साथ ही वो मेरी चूत में उंगली घुसा कर अपना वीर्य निकालने लगे.

फिर मुझे घोड़ी बना देखकर चाचा ने कहा- घोड़े का लंड भी तो घोड़ी के भोसड़े में घुसना चाहिए!

सुरेश अंकल ने कहा- इस बहन की लौड़ी की चूत तो भोसड़ी की जगह भोसड़ा है … लेकिन चोदने में एकदम चिकनी और मस्त टाइट चूत है. अभी ज्यादा नहीं इस्तेमाल हुई है.

तो रोहित अंकल ने मेरे दोनों दूध पकड़ कर मुझे घूमने का इशारा किया.
मैंने वैसा ही किया.

उन्होंने मुझे सीट पर ही घोड़ी बनाया और अपना लंड घुसेड़ने लगे.
इधर सुरेश अंकल मुझे दोबारा चोदने की तैयारी में अपना लंड मेरे मुँह में घुसेड़ने लगे थे.

इधर जैसे ही मैंने उनका लंड मुँह में लिया, उधर पीछे से जोरदार धक्के के साथ सात इंच का मोटा लंड मेरी चूत में घुस गया.

इधर झटके की वजह से सुरेश अंकल का लंड मेरे गले तक घुसने लगा था.
उनको भी मजा आने लगा था. वो और जोर से मेरे सर को पकड़ कर डीप थ्रोट करने लगे.

पीछे से मेरी चूत चुदाई सातवें आसमान पर थी.

Xxx चाचा भतीजी सेक्स से मैं तुरन्त ही झड़ने लगी थी.
मेरी आँखों में पानी आ गया था.

चाचा ने आगे से कहा- बस करो … बेचारी मर जाएगी. अभी पूरी तरह से रंडी बनी नहीं है रांड, अब हम इसे धीरे धीरे बना देंगे.

रोहित अंकल मेरी कमर पकड़ कर कसके धक्के देने में लगे थे और सुरेश अंकल ने अपना रस फिर से छोड़ दिया था.

उनका लंड बाहर निकल गया तो मैं सीत्कार करने लगी और गाली देने लगी- आह …. साले बहनचोद … मेरी चूत फाड़ दी … आह अब रुकना मत भोसड़ी के … मेरी चूत मार भोसड़ी के … आज से मैं तेरी रंडी हूँ.
ये कहती हुई मैं मस्ती में चुदने लगी.

रोहित अंकल भी गाली देते हुए मुझे चोदने लगे- हां, चुदक्कड़ साली रांड … अब जब भी कहे … तू चूत खोलकर हमारे सामने नंगी हो जाएगी … बोल देगी ना या नहीं?

मैंने भी कहा- हां दूँगी अंकल … ये चूत आज से आपकी ही है.

इतने में वो अपना लंड निकाल कर कहने लगे- बता कहां लेगी माल?
मैंने कहा- मेरे बूब्स पर!

उन्होंने मुझे घुमा कर मेरी चूचियों पर सारा माल गिरा दिया.
मेरा झड़ना अभी बाकी था.

मैंने कहा- मुझे और चुदना है.
चाचा ने कहा- अब वेन्यू पर आ ही गए हैं. तुम कपड़े पहन कर तैयार हो जाओ.
रोहित अंकल ने कहा- मैं पहना देता हूँ.

उन्होंने मेरे मम्मों से अपना माल साफ किया और मेरे एक दूध को चूसने लगे.

फिर वो मुझे ब्रा पहनाने लगे.
अब आगे की सेक्स कहानी बाद में लिखूँगी.

अभी के लिए पढ़ते रहें फ़्री सेक्स कहानी.कॉम और मुझे बताएं कि आपको मेरी Xxx चाचा भतीजी सेक्स कहानी कैसी लगी?
[email protected]

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *