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कुंवारी बड़ी बहन की चुत चुदाई

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Xxx बिग सिस्टर सेक्स कहानी में मैंने अपनी दीदी को मोबाइल पर पोर्न का मजा लेती देखा तो मेरे मन में उनको चोदने का ख्याल आने लगा. और एक दिन मैंने बहन जी को चोदा भी.

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम दक्ष है. मैं 23 वर्ष का हूँ.
मैं फ्री सेक्स स्टोरी का एक नियमित पाठक हूँ.

मैंने कई लोगों की कहानी पढ़ी हैं.
उससे मुझे काफी साहस मिला और आज मैं आपको अपनी बहन की चुदाई की कहानी सुना रहा हूं.

यह Xxx बिग सिस्टर सेक्स कहानी लॉकडाउन की है.

हमारे घर मैं मेरे मम्मी पापा, मेरी दो बड़ी बहनें रहती हैं.

मेरी सबसे बड़ी बहन का नाम शालू है.
उनकी उम्र 26 साल है.

उनका फिगर मुझे काफी आकर्षित करता है. उनकी छातियां 36 इंच की हैं और गांड 40 इंच की है.

पहले मेरी बड़ी बहन के लिए मेरे मन कोई गलत विचार नहीं थे.
लेकिन एक दिन जब मैं घर में सब सो रहे थे तो मेरी बहन अपने फोन में एक गंदी वीडियो देख रही थीं.

मैंने उन्हें ये करते हुए देख लिया था.
उस वक्त तो मैंने उनसे कुछ नहीं कहा लेकिन मेरे मन में उनके लिए गलत गलत ख्याल आने लगे और मैं उनके बारे में सोच सोच कर अपना लंड हिलाने लगा.

अब मौका पाते ही मैं कभी कभी दीदी की ब्रा या पैंटी में मुठ मार लेता था.

एक दिन मैंने उनके फोन को चैक किया.
मेरी दोनों बहनें मोबाइल या कंप्यूटर तकनीक में ज्यादा कुछ नहीं जानती हैं तो दीदी को फोन के बारे में ज्यादा नहीं पता था.

उनके फोन का स्क्रीन लॉक मुझे पता था क्योंकि मैंने ही उन्हें लॉक करना सिखाया था.
फिर जब मैंने दीदी के फोन में गूगल की हिस्ट्री को चैक किया तो मैं दंग रह गया.

मैंने उसमें ब्लू-फिल्मों वाली कई वेबसाईट खुली देखीं.
तो मैं चौंक गया कि मेरी बहन पॉर्न देखने की इतनी बड़ी शौकीन है.

लॉकडाउन की वजह से घर के सभी लोग आस-पास ही रहते थे.

मेरी बहन से मैं उनके मोबाईल की गतिविधियों को लेकर कुछ पूछ ही नहीं पाया.

फिर एक दिन मुझे मौका मिला.
उस दिन हमारे किसी करीबी की मौत हो गई थी.
मम्मी पापा और छोटी बहन वहां चले गए थे.

मैंने मौका पाकर दीदी से उनके फोन के बारे में पूछा.
पहले तो वो मना करने लगी.

मैंने उन्हें उनके फोन की हिस्ट्री दिखाई तो वे डर गईं.
वे मुझे समझाने लगीं कि मम्मी पापा को मत बताना. तुम समझ सकते हो एक लड़की की क्या क्या ख्वाहिशें होती हैं. प्लीज तुम किसी से मत बताना. तू जो कहेगा मैं वो करूंगी.

मैंने उनसे अपने साथ सेक्स करने को कहा.
तो वो गुस्सा हो गईं और मना करने लगीं.

मैंने उन्हें समझाया कि ये क्या बात हुई कि आपको सेक्स देखना तो है, लेकिन करना नहीं है.

दीदी कहने लगीं- तू मेरा भाई है … तेरे साथ सेक्स नहीं कर सकती.
मैंने कहा- क्यों लौड़े पर नाम लिखा होता है कि ये भाई का लंड है और ये किसी गैर का लंड है?

मेरी इस बिंदास बात पर वह एकदम से हंस पड़ीं और बोलीं- तू समझता क्यों नहीं है कि भाई बहन में सेक्स नहीं होना चाहिए.
मैंने कहा- ओके … पर आपने सेक्स कहानियां भी पढ़ी हैं और मैंने हिस्ट्री में चैक किया है कि आपने फ्री सेक्स स्टोरी वाली साइट पर भाई बहन वाली चुदाई की कहानी पढ़ी हैं.

वे मेरे मुँह से यह सब सुनकर हैरान हो गईं और बोलीं- हिस्ट्री में ये भी मालूम चल जाता है?
मैंने कहा- हां, लो मैं आपको दिखा देता हूँ कि कब और कितने समय पर आपने क्या देखा है.

जब मैंने उन्हें दिखाया तो वे मान गईं और बोलीं- ये आज के बाद दोबारा फिर कभी नहीं होगा.
मैंने उन्हें विश्वास दिलाते हुए हां बोल दिया.

मन ही मन मैं खुश हो गया क्योंकि जो एक बार में ही मान गई, उसे दोबारा मनाने में कितना टाईम लगेगा.

मैंने उनसे कहा- तो दीदी आपने मेरी बात को लेकर क्या सोचा है?
अब वे चुप हो गईं.

‘आपने भाई बहन की चुदाई की कहानी वाली साइट खोली है, तो पढ़ी भी होगी!’
वे बोलीं- हां पढ़ी है लेकिन …

मैंने कहा- लेकिन वेकिन छोड़ो दीदी … बिजली बंद हो जाती है, तो अंधेरे में कुछ नहीं दिखाई देता है कि चूत में किसका लंड जा रहा है.
दीदी हंस कर बोलीं- तुम बहुत गन्दा बोलते हो.

मैंने कहा- हां और आप जिस तरह का ज्ञान ब्लू फिल्म से प्राप्त करती हैं, वो बहुत साफ सुथरा होता है ना!

दीदी बोलीं- उसकी बात अलग होती है.
मैंने कहा- हां वो तो सब बिना लंड चूत के ही दिखाया जाता है ना!

दीदी बोलीं- तो तू क्या चाहता है?
मैंने कहा- बताया तो है कि आप लेटो और मुझे सेवा का अवसर दो.

दीदी बोलीं- चुदाई को सेवा कहा जाता है क्या?
मैंने कहा- हां यह चूत सेवा है, गांड सेवा है.

यह कहते हुए मैंने अपना लंड खोल कर दीदी के सामने लहरा दिया.

मेरा मदमस्त कर देने वाला लंड उनकी आंखों में वासना का तूफान लाने लगा था.

मैंने कहा- हाथ में लेकर देख लो दीदी, मजेदार है.

दीदी ने कहा- अभी इसे अन्दर कर लो.
मैंने कहा- क्यों?

उन्होंने मुझसे कहा- अभी तुम कमरे में अन्दर जाओ. मैं अभी नहा कर आई.
मैंने उनसे कहा- चलो साथ में नहाते हैं.

तो वे मना करने लगीं और बोलीं- थोड़ा सब्र करो, आज तुम्हारा और मेरा पहली बार है … इसे कुछ खास बनाते हैं.
मैं उनकी बात मान गया और कमरे में जाकर बैठ गया.

मैं उनका इंतजार करने लगा और 10 मिनट बाद वे आ गईं.

उन्होंने नाइट सूट पहन रखा था.
वे जैसे ही कमरे में घुसीं, तो मैं उन पर टूट पड़ा.

उन्होंने मुझे पीछे किया और बेड पर जाकर बैठ गईं और कहने लगीं कि मुझे डर लग रहा है. कहीं मैं पेट से ना हो जाऊं.
मैंने उन्हें समझाया और कहा कि मैं आपको गोली लाकर दे दूंगा.

पर वो नहीं मानी. बहुत समझाने के बाद दीदी ने हां कर दी.
मैंने उन्हें किस करना शुरू कर दिया. पहले वो मुझे हटा रही थीं, लेकिन कुछ देर बाद वो मेरा साथ देने लगीं.

उन्हें गर्म होता देख मैंने उनके कपड़े उतारना शुरू कर दिए.
मैंने पहले उनकी टी-शर्ट उतारी, तो उन्होंने मुझे लाइट बंद करने को कहा. लेकिन मैंने नहीं की और उनकी टी-शर्ट उतार दी.

उन्होंने अन्दर ब्रा नहीं पहन रखी थी.
मैं एक हाथ से दीदी की चूचियां दबाने लगा और एक हाथ से उनकी दूसरी चूची के निप्पल से खेल रहा था.

शालू दीदी अब मुझे अपनी निप्पल पिलाने के लिए ऊपर खींचने लगीं.
मैंने उनकी चूचियों को एक एक करके चूसना शुरू किया.

उनके मुँह से अब कामुक आवाजें आना शुरू हो गईं और वे आह आह करने लगीं.
मैं अब दीदी की नाभि पर जीभ डाल कर चाटने लगा तो वे और ज्यादा आहें भरने लगीं.

शालू दीदी अब बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगी थीं.
मैंने उनका पजामा भी उतार दिया.

उन्होंने नीचे लाल रंग की पैंटी पहन रखी थी.
मैं उनकी पैंटी के ऊपर से ही उनकी उनकी रस छोड़ती चूत को चाटने लगा.

वे मेरा सिर पकड़ कर अपनी चूत में दबाने लगीं.
उनकी चूत से पानी टपक रहा था, जिससे उनकी पैंटी गीली हो गई थी.

मैंने अपने मुँह से उनकी पैंटी उतार दी.

शालू दीदी की चूत की खुशबू मुझे दीवाना बनाने लगी.
उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था, बिल्कुल चिकनी चूत थी.

शालू दीदी की चूत थोड़ी काली थी लेकिन गोरी काली का क्या करना था, मुझे तो चूत मिल रही थी और वो भी कुंवारी.

मैंने जब शालू दीदी से पूछा- आपकी चूत काली क्यों है?
तो उन्होंने कहा- सब लड़कियों की काली ही होती है. अब तू बातों में टाईम बर्बाद मत कर और जल्दी से मुझे चोद दे.

शालू दीदी के मुँह से चोदने की बात सुनकर मैं चौंक गया कि जो लड़की अभी कुछ देर पहले सेक्स के लिए मना कर रही थी, वह चुदाई की बात खुल कर कह रही है.

अब जब दीदी मुझे खुद न्योता दे रही थीं, तो मुझे क्या हुज्जत होनी थी.
मैं भी उनकी चूत चाटने लगा.

इधर मेरा लंड पजामा फाड़ कर बाहर आने को हो रहा था.
मैंने शालू दीदी का हाथ अपने लंड रखवा दिया.

उन्होंने मेरा पजामा उतारा और मेरा लंड हिलाने लगीं.

कुछ मिनट बाद शालू दीदी ने जोर से मेरा सर अपनी चूत में दबा लिया और उनका शरीर अकड़ने लगा.
मैं समझ गया कि ये झड़ने वाली हैं.

मैं उनका सारा पानी पी गया.
क्या मस्त स्वाद था उनकी चूत के रस का … मैं आपको शब्दों में बता नहीं सकता.

शालू दीदी मेरा लंड अब भी हिला रही थीं. दीदी ने मेरे लौड़े को जोर से मसल दिया.
मेरे मुँह से आह निकल गई और मैंने कहा- घर का माल है बहना, जरा प्यार से सहलाओ.

दीदी बोलीं- अब पकड़ाया है तो तू चुप रह और मुझे अपने मन की कर लेने दे.

मैंने कहा- ये क्या बात हुई, मेरा लंड है तो मुझे बताना पड़ेगा ना कि कैसे करना है.

दीदी ने लौड़े के सुपारे की खाल को ऊपर सरकाया और गुलाबी रंग के शिश्न मुंड को बाहर निकाल लिया.

सुपारे पर प्री कम की बूंदें चमक रही थीं.
लंड की खूबसूरती देखते ही बनती थी.

मैंने दीदी की एक चूची को अपने हाथ से पकड़ कर हल्के से दबाया तो दीदी की ऊंह निकल गई.
वे मुझे देखने लगीं.

मैंने कहा- लौड़े को मुँह में लेकर चूस लो दीदी.
दीदी ने एक बार लंड को आगे पीछे किया और कहा- ये सब देखा तो है, पर गंदा सा लग रहा है.

मैंने कहा- एक बार चूस कर देखो, यदि गंदा लगे तो मत करना और अच्छा लगे तो मजे लेती रहना.

दीदी ने हिचकिचाते हुए अपनी जीभ की नोक से लंड के आगे के छेद को चाटा और झट से जीभ को हटा ली.

मैंने कहा- क्या हुआ … मजा आया?
दीदी ने बिना कुछ कहे अपने मुँह में लंड को भर लिया.

अगले कुछ ही पलों में दीदी ने लौड़े को अपने मुँह में जितना अन्दर जा सकता था, उतना अन्दर भर लिया और लपर लपर करती हुई चूसने लगीं.

मैंने मदमस्त होकर कहा- दीदी नीचे आंड भी हैं, उन्हें भी चूस लो.

दीदी मस्ती में लंड और अंडकोष चूसने में लगी थीं और मैं अपने लंड को स्खलित होने की सीमा पर पहुंचता हुआ महसूस कर रहा था.

आखिर मेरी तेज आह आह निकलने लगी थी और दीदी भी अपने हाथ से मेरे लौड़े को मुठियाती हुई चूसने में लगी हुई थीं.
उन्हें शायद अहसास ही नहीं था कि लंड से वीर्य की पिचकारी छूट कर सीधे उनके गले में जाएगी.

वही हुआ, लंड अपने चरम पर पहुंच गया और उसके मुँह से तेज तेज पिचकारी फच्च फच्च करती हुई दीदी के मुँह में जाने लगीं.
दीदी एक बार को तो समझ ही नहीं पाईं कि यह क्या हुआ.

जब तक वे कुछ समझ पातीं, तब तक तो लंड खाली हो गया था.

फिर जैसे ही उन्होंने नमकीन स्वाद महसूस किया, वे लंड को मुँह से निकाल कर मेरी तरफ देखने लगी थीं.

मैंने देखा कि दीदी के मुँह में वीर्य के कतरे थे और वे अपने मुँह को चलाती हुई कुछ अजीब सा लुक दे रही थीं.

मैंने कहा- कैसा लगा?
एक दो पल बाद दीदी ने हंसते हुए कहा- टेस्टी है.

यह कहते हुए उन्होंने लटके हुए लौड़े को पकड़ कर फिर से मुँह में ले लिया और लपर लपर करती हुई चूसने लगीं.

कुछ देर बाद लंड खड़ा हो गया तो मैंने अपना लंड उनकी चूचियां के बीच में दबाया और दोनों चूचियों को पकड़ कर हिलाने लगा.

थोड़ी देर बाद मेरे लंड ने फिर से अपना पानी छोड़ दिया.
सारा पानी शालू दीदी की चूचियों पर गिर गया.

शालू दीदी चिल्लाने लगीं- ये तूने क्या किया? मैं अभी तो नहा कर आई थी. फिर से नहाना पड़ेगा.
मैंने जल्दी से उनकी पैंटी से ही उनकी चूचियां को साफ कर दिया.

तब मैंने कहा- चुदाई के बाद तो आपको नहाना ही पड़ेगा दीदी.
वे हंस दीं और मुझे किस करने लगीं.

मैंने भी शालू दीदी को फिर से किस करना शुरू कर दिया.

शालू दीदी फिर से गर्म होने लगीं और मेरा लंड भी तैयार हो गया था.

देर किए बिना मैंने उनकी गांड के नीचे तकिया लगाया और उनकी चूत पर अपने लंड को सैट कर दिया.
मैंने अपना लंड डालने की कोशिश की तो लंड अन्दर नहीं गया.

तो मैंने फिर से कोशिश की लेकिन शालू दीदी की चूत बहुत ज्यादा टाईट थी.

ऐसा करने से दीदी को भी दर्द हो रहा था तो उन्होंने मुझे रसोई से सरसों का तेल लाने को कहा.
मैं झट से तेल लेकर आ गया.

शालू दीदी ने तेल से मेरे लंड की अच्छे से मालिश की और मैंने दीदी की चूत की.

दीदी की चूत से फिर पानी निकलने लगा.
अब उनकी चूत और ज्यादा चिकनी हो गई.

मैंने दीदी की चूत में लंड सैट किया और पेल दिया.

लंड पेलते ही शालू दीदी चिल्लाने लगीं और मुझे धक्का देने लगीं.
मैंने उन्हें पकड़ लिया और उनके होंठों को चूसने लगा.

थोड़ी देर बाद शालू दीदी थोड़ी सामान्य हुईं लेकिन अपनी चूत से खून निकलता देख कर वो डर गईं.

फिर मेरे समझाने पर वो समझ गईं और अपनी गांड उठा कर चुदवाने लगीं.

कुछ ही देर में समा बदल गया.
अब दीदी जोर जोर से चिल्लाने लगीं- आह दक्ष तेज … और तेज आ आ आह … चोद मुझे आह … चोद साले भोसड़ी वाले चोद मुझे … भैन के लंड चोद मादरचोद.

मैं भी उनकी गालियों से जोश में आ गया और उन्हें पूरी ताकत से जोर जोर से चोदने लगा.

दस मिनट की चुदाई में शालू दीदी दो बार झड़ गई थीं.

अब मेरा भी माल निकलने वाला था.
मैंने शालू दीदी को बोला.

तो वे बोलीं- मजा खराब मत कर … तू अन्दर ही निकाल दे. मैं अपनी चूत में तेरा माल महसूस करना चाहती हूँ.
बस 4-5 तेज़ धक्कों के बाद मैं शालू दीदी की चूत में झड़ गया.

उस दिन मैंने दीदी को दो बार चोदा.
Xxx बिग सिस्टर सेक्स में पूरी तरह से तृप्त हो गई थीं.

अब जब भी हम दोनों को मौका मिलता है, मैं शालू दीदी की चूत चुदाई कर लेता हूँ.

मेरी Xxx बिग सिस्टर सेक्स कहानी आपको कैसी लगी, मुझे मेल करके जरूर बताएं.
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