Xxx बड़ी बहन सेक्स कहानी में पढ़ें कि मुझे अपनी बहन बहुत सेक्सी लगती थी. मैंने उसे चोदना चाहता था. मेरे से चुदने वाली एक पड़ोसन ने मुझे बताया कि मेरी बहन चालू माल है.
मेरा नाम जय शर्मा है.
मैं भोपाल (मध्य प्रदेश) में रहता हूं.
मेरे परिवार में हम 4 लोग रहते हैं; मम्मी पापा, मैं और मेरी बड़ी बहन मंजू शर्मा.
यह Xxx बड़ी बहन सेक्स कहानी है इसलिए आप लोगों को हम दोनों के बारे में जानना बहुत जरूरी है.
मम्मी पापा की उम्र 45 , 50 है और मंजू दीदी की उम्र 24 साल है.
मेरी उम्र 21 वर्ष है.
मैं एक हट्टा-कट्टा पहलवान जैसा मर्द हूँ और अपने मुहल्ले की चार भाभियों को पेल चुका हूँ.
भाभियों को पेलने की चर्चा मैंने इसलिए की है क्योंकि मुझे उनसे ही जानकारी मिली थी कि मेरी बहन एक बड़ी वाली चुदक्कड़ लड़की है और एक भाभी के साथ तो वह लेस्बियन सेक्स भी करती है.
उसी के साथ मेरी बहन ने एक बार फोरसम सेक्स भी किया था.
उस भाभी को चोदने के बाद मुझे समझ में आ गया कि मेरी बहन एक रांड है और उसे चोदने में कोई बुराई नहीं है.
हालांकि उस भाभी ने मुझसे कहा भी- मैं कुछ ऐसे सैट कर सकती हूँ कि तू उसको मेरे घर में ही चोद ले!
मैंने कहा- मैं सोच कर बताऊंगा कि मुझे अपनी बहन के साथ सेक्स करना है या नहीं.
भाभी हंस कर बोली थी- लंड और चूत में सिर्फ चुदाई का रिश्ता होता है. भाई बहन का रिश्ता तो दिखाने के लिए होता है.
मैं कुछ नहीं बोला और उस दिन भाभी की चुदाई करके वापस आ गया था.
मैंने भाभी के घर से आते समय उनसे कह दिया था- मैं आपकी चुदाई करता हूँ, इस बात की जानकारी मेरी बहन को नहीं देना वरना आगे से मैं आपको चोदने नहीं आऊंगा.
भाभी ने कसम खाकर हां कह दी थी.
इस तरह से मुझे ये समझ आ गया था कि मेरी बहन की चूत गांड दोनों खुली हुई हैं और उसने एक लंड से बल्कि कई लंड से अपनी चूत गांड चुदवाई है.
अब मैं अपनी दीदी जल्द से जल्द चोदना चाहता था पर सही मौका नहीं मिल पा रहा था कि मैं दीदी को उसकी मर्जी से चोद सकूं.
हालांकि जिस तरह से मैं घर में दीदी को देखता था, शायद उससे मेरी दीदी को समझ आ गया होगा कि मैं उनकी चूचियों और गांड को देखता हूँ.
एक दिन मम्मी पापा दोनों लोग शादी में मामा जी के घर गए हुए थे.
उन्हें तीन दिन बाद वापस आना था.
उस समय घर में मैं और दीदी बस थे.
रात करीब 12 बजे जब मैं बाथरूम करने उठा … तब दीदी के कमरे से कुछ आवाज सुनाई दी.
आवाज सुनकर मैं दीदी के कमरे की तरफ गया और कमरे के अन्दर झांक कर देखा तो दीदी अपने बॉयफ्रेंड धर्मेन्द्र के साथ नंगी थीं और चूत चुदवाती हुई उसे किस कर रही थीं.
मैं वहीं से चिल्लाया- ये सब क्या हो रहा है … क्या घर को रंडीखाना बना दिया है?
मेरी कड़क आवाज को सुनकर दीदी डर गईं और उनका ब्वॉयफ्रेंड भी डर गया.
वे झट से चादर लपेट कर एक तरफ खड़ी हो गईं.
धर्मेन्द्र ने भी एक तकिया उठा कर अपने लंड पर लगा लिया और एक कोने में खड़ा होकर थरथर कांपने लगा.
दरवाजा बंद था तो मैंने घुड़की देते हुए दरवाजा खुलवाया.
धर्मेन्द्र ने अपना बाक्सर पहना और दरवाजा खोल दिया.
मैं अन्दर आ गया और मैंने सबसे पहले दरवाजे की कुंडी लगा दी.
धर्मेन्द्र कमरे से जाने के लिए कोशिश करने लगा तो मैंने उसे हाथ से धक्का देकर बिस्तर पर गिरा दिया.
मैंने दीदी को देखा.
तब दीदी ने मुझसे सॉरी कहा और धर्मेन्द्र ने भी सॉरी कहा.
मैंने भी दीदी की चुदाई का सही समय समझ कर दिमाग चलाया कि यही सही समय है और इसका फायदा उठाया जाना चाहिए.
अब मैंने पहले तो उन दोनों को अपने काबू में किया और उनसे कान पकड़ कर माफी मांगने का कहा.
इस तरह से धर्मेन्द्र ने अपने कान पकड़े और उसने मुझसे माफी मांगी.
फिर मेरी बहन मंजू की बारी आई.
तो मैंने उससे कहा- मैं मम्मी पापा को सब बताऊंगा कि घर में चकला चल रहा था और तुम सिर्फ धर्मेन्द्र के साथ ही नहीं बल्कि और भी कई मर्दों के साथ सेक्स करती हो.
यह सुनकर धर्मेन्द्र ने मेरी दीदी की तरफ देखा और वह कुछ गुस्से में दिखने लगा.
मंजू दीदी ने अपने जुगाड़ को गुस्सा होते देखा तो उन्होंने मेरी बात का विरोध किया- छोटे, यह तुम क्या कह रहे हो. मैं धर्मेन्द्र से प्यार करती हूँ. मेरी इतनी सी गलती है कि मैंने इसे घर बुलाया है.
मैंने कहा- धर्मेन्द्र के सामने तुम ज्यादा पवित्र बनने का नाटक न करो. सारे मुहल्ले में तुम्हारे चर्चे हैं. कहो तो अभी निहारिका भाभी से तुम्हारी बात कराऊं?
निहारिका भाभी के साथ मेरी बहन ने लेस्बियन सेक्स और ग्रुप सेक्स किया था.
उनका नाम सुनते ही मेरी बहन के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगीं.
वे चुप हो गईं.
अब धर्मेन्द्र मंजू दीदी से कहने लगा- तुम ऐसी होगी, मुझे नहीं पता था.
मैंने उसी वक्त धर्मेन्द्र को गाली देते हुए कहा- ओए भोसड़ी के … ईमानदारी के चोदे … ज्यादा चरित्रवान बनने की कोशिश न कर. मादरचोद तो तुम भी हो, जो आधी रात को मेरी बहन चोदने मेरे ही घर में आए थे.
वह चुप हो गया और इस तरह से वे दोनों मेरे काबू में आ गए.
अब तक दीदी ने बाथरूम में जाकर ब्रा पैंटी और सलवार कुर्ता पहन लिया था.
फिर मैंने धर्मेन्द्र को माफ कर दिया और धर्मेन्द्र ने मेरे कंधे पर हाथ रख कर कहा- थैंक्स फॉर एवरीथिंग.
मैं चिल्लाया- साला घंटा थैंक्स … तेरी मां को चोदूँ … मेरी बहन को चोदकर मुझे थैंक्स कह रहा है.
यह सुनते ही धर्मेन्द्र चुप हो गया.
मेरी तेज आवाज सुनकर दीदी बाहर आ गईं और मेरी ओर देखकर थोड़ी उदास होकर देखने लगीं.
दीदी सलवार सूट में बहुत अच्छी लग रही थीं.
चुस्त सलवार सूट होने के कारण मुझे दीदी के बूब्स उनके कुर्ते के ऊपर से ही काफी बड़े लग रहे थे.
मेरी कामुक नजरों को धर्मेन्द्र ने भांप लिया था और वह साला मेरी दीदी को चोदने के बाद उन्हें रांड समझ कर अब मुझे दीदी को चोदते हुए देखना चाहता था.
मैंने कहा- आज मैंने तुम दोनों को सेक्स करते हुए पकड़ा है दीदी, कल को कोई और भी आपके ऊपर चढ़ेगा. तब क्या करोगी आप?
धर्मेन्द्र ने मेरी बात को समझ लिया और दीदी को इशारा किया.
दीदी ने भी मेरी बात को समझ लिया और मौके का फायदा उठाना ठीक समझा.
तब दीदी ने जल्दी से अपनी सलवार कुर्ती उतार दी.
उसने अन्दर से काली ब्रा पैंटी पहनी थी.
उसमें दीदी और भी सेक्सी लगने लगी थीं.
दीदी के बड़े बड़े बूब्स काली ब्रा में फंसे हुए थे.
दोनों बूब्स को देखने से ऐसा लग रहा था कि ब्रा के दोनों कपों में बड़े बड़े आम फंसे हों.
दीदी को इस हालत में देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया था.
फिर धर्मेन्द्र ने दीदी को इशारा किया.
वे मेरे पास आईं और मेरी पैंट की जिप खोल कर नीचे झुक गईं.
मेरे सारे बदन में ठंडक सी दौड़ गई जब मंजू दीदी ने मेरे लंड को मुँह में भर लिया.
मैं आह आह करने लगा.
मंजू दीदी ने मेरे लंड को एक झटके में लॉलीपॉप की तरह मुँह के पूरा अन्दर कर लिया.
दूसरी तरफ दीदी का बॉयफ्रेंड धर्मेन्द्र ने भी अपना लंड बाक्सर से बाहर निकाल लिया था.
उसका लंड मेरे लंड से बहुत छोटा था लगभग मेरे लंड से आधा.
अब धर्मेन्द्र ने दीदी की सलवार का नाड़ा खोल दिया.
उसने दीदी की पैंटी को साइड में कर दिया.
वह मेरी दीदी की गांड को सूंघने और चाटने लगा.
इधर दीदी ने मेरे लौड़े में आग लगा दी थी.
जब मैंने अपना हाथ आगे बढ़ा कर दीदी के एक दूध को मसलना शुरू किया, तब दीदी के अन्दर भी वासना का सैलाब बह निकला.
वह भारी चुदासी हो गई थीं.
दीदी ने मेरे लंड को मुँह से बाहर निकाला और कहा- चल जय, अब डाल दे.
यह सुनकर धर्मेन्द्र साइड हो गया और मैं नीचे लेट गया.
दीदी मेरे ऊपर चढ़ गईं.
मंजू दीदी ने मेरे बड़े लंड को हाथ से पकड़ कर अपनी चूत के ऊपर सैट किया और इशारा कर दिया.
उसी समय मैंने अपने लौड़े को झटका दे मारा.
दीदी कराह उठीं क्योंकि उन्होंने कभी इतना बड़ा लंड नहीं लिया था.
अभी मेरा लंड 2 इंच ही अन्दर घुसा था कि दीदी रोने लगीं और मुझे बाहर निकालने को कहने लगी थीं.
मैंने अपना मुँह दीदी के मुँह पर रखा और जोर का झटका दे दिया.
मेरा पूरा लंड दीदी की चूत में चला गया था और दीदी के चूत से हल्का सा खून भी निकलने लगा था.
धीरे धीरे दीदी मेरे लौड़े को अपनी चूत में नचा रही थीं.
दीदी के चोदने का यही तरीका बहुत कातिलाना लग रहा था.
मैं दीदी के बूब्स पकड़ कर झटके पर झटके मारने लगा.
दीदी आह आह कर रही थीं और उछल उछल कर लंड और चूत को लड़वा रही थीं.
उधर धर्मेन्द्र दीदी की गांड को देखकर मुस्कुरा रहा था.
ऐसा लग रहा था कि वह दीदी की गांड मारने की सोच रहा था.
अब उसने दीदी को देखा और इशारा किया, फिर अपने लौड़े में थोड़ा थूक लगा कर लौड़े को चिकना कर लिया.
उसने दीदी को पकड़ा और दीदी ने इरादा समझ कर हिलना बंद कर दिया.
तभी धर्मेन्द्र ने लंड को गांड में सैट किया और एक ही झटके में अपना आधा लंड पेल दिया.
उसका लंड दीदी की गांड में चला गया तो वे चिल्लाने लगीं- ऊईई मां मर गई अह्ह्ह् … भैन के लंड … एक एक करके चोद लो ना … आह मेरी गांड फट गई.
धर्मेन्द्र ने दीदी की गांड पर जोर का चांटा मारा और बोला- साली रंडी ले … ले कुतिया मेरा लंड अपनी गांड के अन्दर ले.
दीदी ने भी कहा- साले भोसड़ी के पहले पूरा डाल तो सही … आह.
मैं खुली आंखों से दोनों को गाली गलौच करते देख रहा था.
धर्मेन्द्र ने दीदी का कंधा पकड़कर ऐसा झटका दिया कि उसका पूरा लंड गांड में घुस गया.
दीदी चीखती हुई उछल पड़ीं.
अब एक साथ दो दो लंड दीदी को चोद रहे थे.
अह यसस्स ऊईईई अहह ओह की आवाजें गूंज रही थीं.
पांच मिनट तक इसी पोजीशन में चुदाई चली.
फिर धर्मेन्द्र ने दीदी की चूत लेने की बात कही.
उसने कहा कि जय तुम पीछे आ जाओ.
मैंने जैसे ही लंड निकाला तो दीदी फिर से ‘अह्ह्ह ह’ कर उठीं.
मैंने दीदी से कहा- दीदी, आपकी गांड तो मस्त है.
धर्मेन्द्र ने भी कहा- सही कहा जय, तुम्हारी दीदी की गांड मस्त है और टाइट भी है.
मैंने जैसे ही अपना लंड दीदी की गांड के अन्दर डाला तो दीदी कंपने और रोने लगीं.
वे मुझे मना करने लगीं.
उस टाइम मेरा लौड़ा मुश्किल से 4 इंच ही अन्दर गया था.
दीदी लौड़े को बाहर निकालने को कहने लगीं.
तो मैंने उन्हें गाली देते हुए कहा- रंडी साली … गैर मर्दों के लंड तो तू मजे से ले लेती हैं और भाई जब चोद रहा है तो भैन की लौड़ी नाटक कर रही है.
ऐसा बोलते हुए मैंने दीदी के चूतड़ में एक जोर का चांटा मारा और उनकी गांड में एक जोर का धक्का लगा दिया.
जिससे मेरा लौड़ा अन्दर तक चला गया था.
Xxx बड़ी बहन की गांड से खून निकलने लगा दीदी रोने लगीं.
उनकी रोने की आवाज सुन कर धर्मेन्द्र ने दीदी की चूत से लंड बाहर निकाला और उनके मुँह में डाल दिया.
इससे दीदी डॉगी स्टाइल में चुदवा रही थीं और मुँह में अपने बॉयफ्रेंड का लौड़ा भी चूस रही थीं.
कमरे के साइड में लगे दर्पण में दीदी बिल्कुल कातिलाना रांड लग रही थीं.
वे ब्लू फिल्म की सेक्सी एक्ट्रेस जैसी ल रही थीं.
मैंने और धर्मेन्द्र ने दीदी को कई बार छेद बदल बदल कर चोदा और झड़ कर सो गए.
इस प्रकार से मेरी दीदी को चोदने की मेरी ख्वाहिश पूरी हो गई.
अब दीदी और मैं लगभग रोज रात को चुदाई का मजा ले लेते हैं.
आपको Xxx बड़ी बहन सेक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज बताएं.
[email protected]