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मेरी बीवी की चूत में नीग्रो का लंड- 2

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नीग्रो सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरे पति ने मुझे एक नीग्रो के काले लंड से चुदवा दिया था. अगले दिन रेस्तरां में मुझे वही नीग्रो मिल गया. तो हम दोनों ने क्या किया?

दोस्तो, आपने मेरी सेक्स कहानी के पहले भाग
मेरे पति ने अफ्रीकन नीग्रो से चुदवाया
में मेरी बीवी सीमा की एक नीग्रो से चुदाई की कहानी पढ़ी थी.
आज आप मेरी बीवी सीमा की जुबानी फिर से उसकी नीग्रो सेक्स कहानी का मजा लें.

हाय मेरा नाम सीमा है और मैं 25 साल की हाउस वाइफ हूँ.
मेरे 34-30-36 के फिगर के बारे में आपने सेक्स कहानी के पहले भाग में पढ़ ही लिया था.

मेरा फिगर देख कर हैरी नाम का वो अफ्रीकन पागल हो गया था जिसने मुझे मनाली के होटल में सारी रात में कई बार चोदा था.

आप सभी जानते हैं कि वो चुदाई मेरे पति के कहने पर हुई थी.
मैंने अपने पति की इच्छा को पूरी करने के लिए ही नीग्रो से चूत चुदाई की थी.
पर मुझे ये नहीं पता था कि मैं वापस उससे चुदने वाली हूँ.

हुआ ये कि हम दोनों मनाली में अपनी छुट्टी खत्म करके वापस पुणे जाने के लिए तैयार हो गए थे.

पर टिकट की कुछ समस्या आ गई थी जिस वजह से हम दोनों को अभी वापस जाने में एक दो दिन और लगने वाले थे.

मेरे पति को पुणे में काम था इसलिए वो मुझे होटल में छोड़ कर ट्रैवेल एजेंट के पास हमारी टिकट की जानकारी लेने चले गए.
उनको वापस आने में शाम होने वाली थी.

हालांकि ये उन्होंने मुझे बताया था कि देर लग जाएगी.

मैं होटल में अकेली बैठे बैठे बोर हो गई थी तो मैं वहीं आस पास बाहर पैदल घूमने निकल गई.

उस दिन मैंने घुटनों तक आने वाली एक फ्रॉक पहनी हुई थी. अन्दर ब्रा पैंटी पहनी हुई थी.
मैं थोड़ी देर घूम फिर कर एक कॉफ़ी शॉप पर कॉफ़ी पीने चली गई.

थोड़ी देर बाद वहां वही नीग्रो लड़का हैरी भी कॉफ़ी पीने आया था.
उसने मुझे देखा और सीधा मेरी टेबल पर आकर बैठ गया.

मैं उसको देख कर डर गई थी क्योंकि मुझे लगा वो मुझे कहीं सबके सामने कुछ गलत न बोलने लगे.

पर हैरी ने ऐसा कुछ नहीं किया.
वो भले आदमी की तरह आया और मुझसे अच्छे से बातें करने लगा.

उसका ये रवैया देख कर मैं उसके साथ थोड़ी खुल कर बात करने लगी.

हम दोनों ने कॉफी खत्म की और साथ में बाहर आकर घूमने लगे.

घूमते हुए हम दोनों होटल की पीछे वाली तरफ को चले गए.
वहां उस वक़्त कोई नहीं था.

तभी हैरी ने मुझे खींच कर अपनी ओर ले लिया.
मैं कुछ समझ पाती, उसके पहले ही उसने मुझे किस करना शुरू कर दिया.

मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं.
मैं उससे छूटने की कोशिश करने लगी और जैसे तैसे उससे अलग होकर उसे डांटने लगी.

पर उस पर सेक्स का असर था तो वो मुझे वापस किस करने लगा.
इस बार मैं भी बहक गई और उसका साथ देने लगी.

कुछ ही पल में हैरी इतना उतावला हो गया कि उसने मुझे अपनी गोद में उठा लिया और किस करने लगा.
इसी दौरान न जाने कब उसने मेरी फ्रॉक के अन्दर हाथ डालकर मेरी पैंटी खींच कर उतार दी.

पैंटी उतरते ही मैं कुछ कहने को हुई मगर उस वक्त उसने मेरा मुँह अपने होंठों में दबाया हुआ था तो मैं कुछ कह ही न सकी.
मैं छटपटाई तो उसने मुझे छोड़ दिया और मेरी पैंटी लेकर जाने लगा.

मैंने उससे कहा- मेरी पैंटी दो.
वो हंसते हुए बोला- पैंटी चाहिए तो मेरे रूम में आ जाओ. अब तुमको पैंटी वहीं मिलेगी.

अब मैं वहां अकेली नीचे से नंगी खड़ी रह गई थी.

उसकी चूमाचाटी से मैं गर्म हो गई थी और मुझे अपनी चूत में उसके मोटे लंड का अहसास बेकाबू करने लगा था.
मैंने सोचने लगी कि क्या करूं, दोबारा अपनी चूत इसके साथ रगड़वा लूं.

तभी मेरे दिमाग में मेरे पति का ख्याल आ गया. मैंने अपने पति को कॉल करके सारी बात बताई.

मेरे पति भी काफी उत्साहित होकर सब बातें सुनने लगे और बोले- अगर तुमको हैरी के साथ सेक्स करना है, तो कर लो. वैसे भी मुझे आने में देर हो जाएगी.
ऐसा बोल कर उन्होंने फोन रख दिया.

इधर हैरी ने मुझे गर्म करके छोड़ दिया था और उधर मेरे पति ने मुझे चूत चुदवाने की आजादी दे दी थी.
इसलिए मैंने मन बना लिया और हैरी के बताए हुए रूम नम्बर में जाने का फैसला कर लिया.

मैं अपनी नंगी गर्म चूत में मनाली की ठंडी हवा के मस्त झौंकों का अहसास करती हुई मन ही मन उत्तेजित होने लगी.

मेरे दिमाग में हैरी के दस इंच लम्बे और काफी मोटे लंड का जादू चलने लगा.
मैं अपने होंठ दबाती हुई उसकी चुदाई की कल्पना में अपनी चूत चिपचिपी करने लगी.

अगले कुछ ही पलों में मेरे कदम हैरी के कमरे की तरफ बढ़ गए.
मैंने उसके कमरे के सामने जाकर दरवाजे को खटखटाया.

हैरी को भी शायद मेरे आने का अंदाजा था इसलिए उसने झट से दरवाजा खोल दिया.
मैं बिना उससे कुछ बोले सीधे अन्दर चली गई.

जैसे ही मैं अन्दर गई, मुझे जोरों की पेशाब आ रही थी तो मैं सीधे बाथरूम में चली गई.

पेशाब करके मैंने चूत को धोया और उधर टंगी एक साफ़ तौलिया से चूत साफ करने लगी.

मैं जब अपनी चूत को तौलिया से रगड़ रही थी तो मुझे बेहद सनसनी हो रही थी तो मैं अपना एक पैर कमोड के ऊपर रख कर चूत घिसने सी लगी.

तभी मुझे मेरी फ्रॉक पीछे से ऊपर होने का अहसास हुआ.
मैं कुछ समझती उससे पहले हैरी पीछे से मेरी फ्रॉक में घुस गया और उसने सीधा मेरी चूत पर मुँह लगा दिया.

वो मेरी नंगी चूत को चूसने लगा.
मैं तभी एकदम से चौंक गई.

मैंने मेरी चूत को उसके मुँह से हटा कर एक बाजू में कर दिया.
मैं उसे डांटने के झूठा नाटक करने लगी.

पर हैरी को पता था कि मैं सब नाटक कर रही हूँ.
इसलिए उसने मुझे गोद में उठाया और बेड पर लाकर पटक दिया.

मैं अभी उससे कुछ कहती, उससे पहले वो मेरे ऊपर चढ़ गया और मुझे किस करने लगा.

पहले ही मैं अपनी वासना में फुंकी जा रही थी.
उसके ऊपर चढ़ जाने से मैं और ज्यादा गर्म होने लगी क्योंकि हैरी ने मुझे किस करते हुए एक हाथ मेरी चूत पर रख कर मेरी चूत को रगड़ना शुरू का दिया था.

मैं भी अब बहकने लगी और उसका साथ देने लगी.

हैरी को समझ आ गया कि मैंने उसको खुद को सौंप दिया है तो अब वो मुझे और ज्यादा बेताबी से किस करने लगा.

इसी तरह हम दोनों कब नंगे हो गए, हमें पता ही नहीं चला.

हैरी मेरे पूरे बदन को चूमने चाटने लगा और अंत में वो मेरी चूत पर आ गया.
उसने मेरी दोनों टांगें फैला दीं और मेरी फूली हुई चूत की फांकों में अपनी लंबी जुबान से एक बार ऊपर से नीचे तक चाट लिया.

उसकी खुरदुरी जीभ ने मेरी चूत को एक तरह से रगड़ सा दिया था.
साथ ही मेरी चूत का दाना एकदम से कड़क हो गया था और जीभ का स्पर्श उसे तमतमा सा गया था.

मेरी चूत पहले से ही नम होने लगी थी, हैरी की जीभ ने मेरी चूत के रिसाव को और तेज कर दिया. मेरी गांड उठने लगी थी और मैं उससे चूत चटवाने को मचलने लगी.

वो भी अपनी पूरी जीभ को नुकीला करके मेरी चूत के अन्दर डालने लगा.
मेरी चूत की दीवारों को जोर जोर से चाटने लगा.
इससे मैं और ज्यादा तड़फ उठी और जल बिन मछली की तरह मचलने लगी.

जल्दी ही हम दोनों 69 की पोजिशन में आ गए.
मैंने हैरी का लंड अपने हाथ में पकड़ा तो वो मुझे पहली बार से ज्यादा मोटा और लम्बा लगा.

चूंकि अब मुझे उसके लंड से चुदने का डर खत्म हो गया था तो मैं मजे से उसके लंड के लाल सुपारे पर अपनी जीभ फिराने लगी.

उसका सुपारा भी अपने दो छोटे छोटे छिद्रों से प्रीकम की बूंदें छोड़ने लगा था, जिसे चाटने में मुझे बड़ा ही मजा आ रहा था.
मैं बार बार अपनी जीभ से इसके लंड के नमकीन अमृत को चाटते हुए अन्दर तक चूसे जा रही थी.

फिर मैं लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी.
उसका लंड काफी मोटा था तो मैं दो इंच से ज्यादा अन्दर नहीं ले पा रही थी.

दूसरी तरफ हैरी मेरी टांगों को फैलाकर मेरी चूत चाटने में लगा था.
वो आज मेरी चूत का भोसड़ा बनाने की नियत से चाटे जा रहा था.

कुछ ही देर में हम दोनों झड़ गए और हम दोनों ने एक दूसरे के लंड और चूत का पानी पी लिया.
हम दोनों बेड पर हांफते हुए लेट गए.

थोड़ी देर बाद हैरी वापस मुझे किस करने लगा जिसमें मैं भी उसका साथ देने लगी.

मुझे किस करते हुए हैरी कब मेरी टांगों के बीच में आ गया और कब उसने मेरी चूत पर लंड रख दिया, मुझे पता ही नहीं चला.
हम दोनों इतने गर्म हो गए थे कि हम दोनों में से कोई पीछे हटने को तैयार नहीं था.

तभी हैरी ने एक जोर का झटका मारा और उसका पूरा लंड एक ही झटके में मेरी चूत में घुसता चला गया.

मुझे थोड़ा दर्द हुआ, पर हैरी मेरे दर्द परवाह किए बिना धीरे धीरे लंड अन्दर बाहर करने लगा.

जब मैं सही हुई तो इसके बाद में उसने अपनी रफ्तार बढ़ा दी और जोर जोर से लंड को मेरी चूत में पेलने लगा.

उसका लंड मुझे मेरी बच्चेदानी तक महसूस होने लगा था.
मुझे उसके झटके इतने अच्छे लगने लगे कि मैं भी नीचे से अपनी गांड उठा कर पूरा लंड अन्दर लेने की कोशिश करने लगी.

हैरी और मेरी चुदाई का पहला राउंड लंबा चला जिसमें मैं तीन बार झड़ी और अंत मैं जब हैरी झड़ा, तब मैंने उसकी कमर को पैरों से पूरी तरह से कसके जकड़ लिया था.
इससे उसका पूरा लंड मेरी चूत की जड़ तक जाकर झड़ने लगा था.
मेरी चूत उसके लंड के रस से भर गई थी.

हैरी हांफते हुए बहुत देर तक लंड मेरी चूत में डाले हुए पड़ा रहा.

फिर जैसे ही वो नीग्रो सेक्स के बाद मेरे ऊपर से उठा, मैं उठ कर बाथरूम में चली गई और अपने आप को साफ करने लगी.

उसके लंड का काफी सारा वीर्य मेरी चूत से टपकने लगा.

मैं उंगली से अपनी चूत से उसका वीर्य निकालने जा रही थी.
फिर मैंने हैंडशॉवर अपनी चूत में लगा दिया और उधर रखी एक लंड के आकार की शैंपू की शीशी को अपनी चूत में डालकर उसका वीर्य निकालने की कोशिश करने लगी.

कुछ देर बाद मैंने मूता और चूत को साफ़ करके अपने कपड़े पहनने लगी.

मैं बाहर आकर हैरी से अपनी पैंटी मांगने लगी.
पर उसका मन अभी और चुदाई करने का था इसलिए उसने मुझे वापस अपनी बांहों में ले लिया और मेरे मना करने पर भी मुझे चोदने लगा.

मेरे पति के वापस आने तक हैरी ने मुझे तीन बार और चोदा.
फिर मैं उससे विदा लेकर अपने रूम में आ गई.

उसी रात को हमारी वापसी के टिकट बुक हो गए थे तो हम दोनों अपने घर को निकल गए.

दुबारा चार बार की चुदाई में मैं इतनी ज्यादा थकी हुई थी कि मैं पूरे रास्ते सोकर ही आ गई.

दोस्तो, ये थी मेरी अफ्रीकन नीग्रो के लम्बे मोटे लंड से चुदाई!
आपको कैसी लगी नीग्रो सेक्स कहानी… प्लीज़ मुझे मेल करके जरूर बताएं.
तब तक के लिए विदा.
[email protected]

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