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बहन की कुंवारी सहेली को पहली बार चोदा

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वर्जिन लड़की की चुदाई कहानी में मैंने अपनी बहन की सहेली की सीलतोड़ चुदाई के बारे में बताया है. वह हमारे घर आती थी. मैंने उससे दोस्ती की और चुदाई का कार्यक्रम सेट किया.

दोस्तो, मेरा नाम पीयूष है. मैं छत्तीसगढ़ का रहने वाला हूँ. मेरी हाईट 5 फुट 9 इंच की है. मेरे लंड का साइज़ काफी अच्छा है और ये बहुत मोटा भी है.
मेरा सुडौल लंड मुट्ठ मार मार कर अब बोर हो गया था. उसे चूत का सानिध्य चाहिए था.

उसी समय मेरे जीवन में वह पल आया, जब मुझे एक भरी पूरी कमसिन लड़की के साथ चरमसुख का अनुभव प्राप्त करने का अवसर आया.

इस वर्जिन लड़की की चुदाई कहानी में मैंने अपनी पहली चुदाई लिखी है.

मेरी बहन की सहेलियां स्कूल जाने के लिए रोज हमारे घर पर आती थीं.
उसी ग्रुप में दीप्ति भी आती थी.

जब भी वह आती थी तो मैं बहाने से झांक कर उसके भरे हुए स्तनों को देखता और अपना मन मार कर रह जाता.
उसके जाने के बाद मैं अपना लंड हिला लिया करता था.

लेकिन कब तक मेरा लंड ये तड़प सह पाता!

एक दिन घर में मेरी बहन ने मम्मी को बताया- दीप्ति से मेरी लड़ाई हो गई है, वह लड़कों के चक्कर में रहती है और मुझे भी कहती है कि एक ब्वॉयफ्रेंड बना ले. मेरी उससे अब नहीं जमती.

दोस्तो, मुझे भी दीप्ति को देख कर लगता तो था कि इसके चाल चलन कुछ ठीक नहीं हैं.
बहन की बात से मुझे और भी बल मिला कि मैं उसको आसानी से सैट कर सकता हूँ और जी भरके चोद सकता हूं.

मैंने अपनी बहन के फोन से दीप्ति का नंबर निकाला और उससे बात करना आरम्भ कर दिया.

मैंने उसको पहली बार फोन लगाया तो बस एक बार बोला- क्या हुआ दीप्ति, अब तू हमारे घर क्यों नहीं आती?
वह बोली- बस यूं ही नहीं आती.

मैंने बोला- मेरी बहन से लड़ाई हुई है न!
उसने कहा- हां.

मैंने हंसते हुए कहा- ठीक है, पूरी बात बताओ … ये सब तो फ्रेंड्स के बीच होता रहता है.
उसने बताया- उसकी सोच अलग है और मेरी सोच अलग है.

मैंने बोला- कोई बात नहीं, मेरी बहन की सोच तेरे से नहीं मिलती. लेकिन हमारी सोच तो मिलती है न!
उसने कहा- मतलब तुम भी मेरे टाइप हो!

मैंने कहा- तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है?
उसने कहा- लाइन तो बहुत मारते हैं, लेकिन मुझे कोई ढंग का नहीं मिल रहा है … और जो मिल रहा था, उससे तो बात भी नहीं हो पाती थी. मगर आज कुछ उम्मीद बनी है, देखो अब क्या होता है?
मैं समझ गया कि ये मेरे बारे में ही बात कर रही है.

मैंने कहा- अच्छा, अब फोन रखता हूँ. तुमसे बात करके मुझे अच्छा लगा. यदि तुमको जमता हो तो फोन करना, ओके!
उसने ओके कहा और फोन काट दिया.

ऐसे ही कुछ दिनों में जब एक दिन मैं उससे स्कूल से आते वक्त रास्ते में मिला.
तब मैंने कहा- क्यों आज कोई मिला ढंग का?
उसने कहा- नहीं मिल रहा है यार!

मैंने मजाक ही मजाक में कहा- अरे मैं भी ढंग का नहीं हूं क्या?
तो उसने कहा- हो तो लेकिन …

मैंने कहा- हां … मुझे पता है तुम चैट में कह रही थी न कि जो ढंग का मिलता है, उससे बात नहीं हो पाती. लो आज मैं बात कर रहा हूँ. तुम उस दिन मेरे ही बारे में कह रही थी न!
वह मेरी बात सुनकर मुझे देखने लगी थी.

मैंने बिना रुके आगे कहा- जब भी तुम हमारे घर आती थीं ना, तो हमारी बात नहीं हो पाती थी. लेकिन मैं तुम्हें हमेशा नोटिस करता था कि तुम औरों से अलग हो.

यह कह कर मैं उसके नजदीक हुआ.
वह भी मेरे करीब हो गई.

इस तरह से हम दोनों बिना एक दूसरे को प्रपोज किए काफी नजदीक आ गए और ब्वॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड बन गए.
फोन पर हमारी सेक्स चैट चलने लगी थी.

फिर एक दिन मेरे घर पर कोई नहीं था, सब लोग शादी में गए हुए थे.
मैं अकेला ही घर में रुका रहा था.

तब मैंने उसको शाम को मिलने बुलाया.

मैं फ़ोन पर ब्लू फिल्म चालू करके देखने लगा.
जब वह आ गई, तब मैंने ब्लू फिल्म बंद करके उसको अन्दर बुलाया.
मैं अपना फ़ोन जानबूझ कर सोफ़े पर छोड़ कर अन्दर कोल्डड्रिंक लेने चला गया.

वह बहुत समझदार थी. उसने मेरा खड़ा लंड पैंट के ऊपर से देख लिया था.
मेरे आने तक उसने मेरे फोन की ब्राउजर हिस्ट्री भी चैक कर ली और मुस्कुरा कर फोन रख दिया.

मेरे वापस आने पर उसने मुझे हिस्ट्री दिखा कर कहा- तो क्या तुम अभी ये देख रहे थे. देखो आज ही की डेट है ये. घर में कोई नहीं है तब तुम ये देख रहे थे!

मैंने सोचा कि जब इसको पता चल ही गया है तो जान लेती और चुप बनी रहती. लेकिन ये मुझसे डायरेक्ट पूछ रही है तो इसका भी कुछ मन है.

मैंने बोला- हां यार, यही देख रहा था और हिला भी रहा था. इस उम्र में तो ये सभी लड़के करते हैं … क्योंकि लड़की नहीं है न सेक्स करने को!
उसने कहा- हां, लेकिन हम लड़कियां ज्यादातर ऐसा नहीं करतीं.

मैंने कहा- हां मैंने पढ़ा है वह गाजर मूली आदि ज्यादा खाती हैं न!
इतना कह कर मैं हंस दिया और वह भी हंसने लगी.

फिर हम दोनों ऐसे ही सेक्स के बारे में काफी बात करने लगे.

उसने कहा- मुझे सेक्स के बारे में कभी इतना जानने को नहीं मिला.
मैंने झट से बोल दिया कि जानकारी के साथ साथ तुम एक्सपीरियंस भी कर सकती हो. तुम तो इतनी फ्रैंक भी हो.

उसने कहा- एक्सपीरियंस … वह कैसे?
मैंने कहा- अनजान मत बन दीप्ति, तू मेरी गर्लफ्रेंड तो बन ही गई है. तो मेरे से सेक्स करना चाहेगी क्या?

इस पर वह चुप हो गई.
मैंने झट से उसके होंठों पर किस कर दिया और कहा- तू चाहती तो हिस्ट्री देख कर चुप भी रह सकती थी लेकिन तू इस बारे में बात करने लगी. मतलब तुझे भी खुजली है न सेक्स की … तू भी तो करना चाहती है, बोल ना?
उसने हां में अपना सिर हिलाया.

उस दिन वह चूड़ीदार वाला सलवार सूट पहन कर आई थी और उसके गोल गोल बूब्स और भरी हुई बांहें बहुत मस्त लग रही थीं.

मैंने उसको हग कर लिया और लिपकिस करने लगा.
सके रसीले होंठों को चूसते हुए मैं उसके बालों को हाथ से सहला रहा था.

वह भी बहुत गर्म हो गई थी और मुझे किस किए जा रही थी.
हम दोनों एक दूसरे को कसके पकड़े हुए थे.

मेरा लंड पूरा तन कर खड़ा हो गया था और हम दोनों जबदस्त किस किए जा रहे थे.

मैंने उसको पीछे घुमाया और उसने अपने बालों को झटके से साइड किया.
आह हाय … उस समय वह मुझे हुस्न की मलिका लगी.

मैंने उससे कहा- लाइट ऑफ कर दो.
मैं उसको पीछे से पकड़े रखा था और गाल पर किस किए जा रहा था.
वैसे ही उसने लाइट ऑफ कर दी.

अब रूम में थोड़ा अंधेरा हो गया था, जिस वजह से दीप्ति भी सहज हो गई थी.
यह अंधेरा शीशे की वजह से बाहर के लोगों के लिए दिखने वाला नहीं रह गया था.
हालांकि कम वाट के बल्व के कारण इतना उजाला था कि हम दोनों को अभी भी एक दूसरे को देखने में दिक्कत नहीं थी.

अब हम दोनों आईने के सामने गए और उसने आइने में देखा कि मैंने उसको पीछे से पकड़ कर रखा है और उसके गाल को किस कर रहा हूँ.

यह देख कर वह मुस्कुरा कर बोली- मेरी धड़कनें बढ़ रही हैं.
मैं उसको चुंबन करते हुए उसकी गर्दन पर अपनी गर्म गर्म सांसें छोड़ने लगा और उसके मम्मों को कमीज के ऊपर से दबाने लगा.

जैसे ही मैंने उसे एक दूध को दबाया तो उसके मुँह से ‘ओह माई गॉड …’ निकल गया.
मैं समझ गया कि यह बहुत तड़प रही है.
इतने में ही इसका यह हाल है. अभी तो कपड़े भी नहीं उतरे.

मैंने उससे कहा- तेरा तो इतने में ही ये हाल है, अभी तो कपड़े भी नहीं उतरे!
उसने बोला- तो देरी क्यों कर रहे हो? उतार दो ना!

यह बोलते हुए उसने मेरी टी-शर्ट को उतार दिया और मैं उसकी कुर्ती को उतारने लगा.
मगर वह कुर्ती थी, कोई टी-शर्ट नहीं थी.

अब मैंने उसको पीछे घुमाया और उसका टॉप ऊपर उठाने लगा.
उसने अपना हाथ ऊपर कर दिया.
जैसे ही कुर्ती उसके बूब्स को पार कर उसकी बगलों से गुजरी, मैंने उसकी क्लीन बगल देख कर जैसे पागल ही हो गया.

उसी पल मैं उसकी बगलों में अपनी गर्म सांस छोड़ने लगा.
जब तक उसने अपना हाथ उठाए रखा था.

फिर जब कमीज हाथ से निकल गया, तब मैंने उसकी क्रीम कलर की ब्रा के ऊपर से उसके बूब्स दबाने शुरू कर दिए.

उसने कहा- पीयूष धीरे दबाओ, मैं बहुत सेंसिटिव हूं.
मैं बोला- अच्छा!

उसके एक हाथ को उसकी पीठ में घुमाते हुए पकड़ लिया.
उसकी पीठ मेरी साइड थी और अब उसकी क्लीन बगल एक तरह से क्रॉस हो गई थी.

मैंने एक हाथ से उसका पकड़ा हुआ था और दूसरे हाथ से उसके बूब्स दबा रहा था.

अब मैंने उसके मम्मों को ब्रा के ऊपर से चूसना शुरू कर दिया और साथ ही में उसकी एक बगल को भी सूंघने लगा.
वह तो बावली हो गई और हांफती हुई ‘हन्ह … हन्ह … हन्ह …’ करने लगी.

उसने अपने नीचे वाले होंठ को दांतों में दबा लिया.

अब ऐसे ही मैंने अपने एक हाथ से मम्मों को छोड़ा और उसकी ब्रा निकाल दी.
उसके दूसरे हाथ की तरफ से उसकी ब्रा निकालते हुए देखा कि उसके पहले हाथ के बगल में उसकी ब्रा फंस कर रह गई थी. क्योंकि मैंने अपना एक हाथ उसकी पीठ में लगा कर उसे अपने से सटा रखा था.

कुछ पल बाद मैंने किस खत्म किया. उसके आजाद हो चुके गोरे गोरे बूब्स को देखा और एक को मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया.
उसकी आह निकल गई और वह मेरे मुँह में अपना दूध खुद ही देने लगी.

उसकी वासना देख कर मैंने एक हाथ से उसका दूसरा आम दबा भी रहा था.
मैंने उसके निप्पल को जोर जोर से चूसना शुरू किया और बीच बीच में उसकी क्लीन वैक्सिंग की हुई बगल को भी चूम लेता था.

कुछ देर ऐसा ही चलता रहा और वह ‘उम्म्ह … उम्म्ह ..’ किए जा रही थी.
उसको उसका हाथ दर्द देने लगा था, तो वह सीधी होना चाहती थी.

उसने अपनी ब्रा अपने बदन से निकाल कर मेरी तरफ मुँह किया और अपने एक दूध को फिर से मेरे मुँह में दे दिया.

मैंने उसको अपनी बांहों में ले लिया और हम दोनों फिर से किस करने लगे.

किस करते हुए मैंने उसके चूड़ीदार पजामे में हाथ डालना चाहा तो उसने अपना नाड़ा खोल दिया.

मैंने भी अपनी उंगली उसके चूत के फांकों में दे दी.
उसको अंदाजा भी नहीं था कि इससे उसको कैसा लगेगा.

वह फड़फड़ा गई और चिल्ला दी- ओह … मैंने कहा न कि मैं बहुत सेंसिटिव हूं!
तो मैंने बोला- सेंसटिव है, तो क्यों अपना पजामा खोल रही थी!

ये बोल कर मैंने भी अपना पैंट खोल दिया और चड्डी भी.
वह मेरा लंड देखते ही रह गई कि लंड इतना बड़ा और मोटा होता है!

मैंने कहा- पकड़ कर भी देख ले!
उसने मेरा लंड हाथ से पकड़ा और कुछ देर बाद झुक कर पहले मेरे लंड का सुपारा खोला और उस पर अपनी गर्म जीभ लगाई.

मैंने कहा- और इंतजार नहीं होता, अपने मुँह में भर ले.
वह धीरे धीरे करके मेरा लंड मुँह में भरने लगी, जिससे मेरी ‘ओह … ओह …’ की आवाज आने लगी.
मैं भी उसके मुँह को चोदने लगा.

मैंने सोचा ये साली ऐसे ही चूसती गई, तो मैं इसके मुँह में झड़ जाऊंगा.
मैंने उसके मुँह से लंड निकाल लिया और उसको गोद में उठा कर किस करने लगा.

फिर मैंने उसे बिस्तर पर लेटा दिया और उसकी टाइट पजामी को पूरा निकाल दिया.
उसकी पैंटी को घुटने तक कर दिया.

फिर मैंने धीरे से उसकी चूत की फांक पर अपनी जीभ रखी तो वह तिलमिला उठी और ‘आह … आह …’ करने लगी.

मैं उसकी चूत में अपना मुँह लगा कर चाटने लगा.
उसकी चूत की फांकों को उंगलियों से फैला कर अन्दर तक चूत में जीभ घुसा घुसा कर चाटने लगा.

वह तिलमिला रही थी और बोल रही थी- ओह माय गॉड आह … मर जाऊंगी मैं … आह!

मैंने उसकी यह बात सुन कर अब उसको चोदने का निश्चय किया ताकि वह मेरे मुँह में न झड़ जाए.

मैंने उसकी पैंटी पूरी तरह उतार दिया और उसके ऊपर आ गया.

हम दोनों ने एक दूसरे को कसके पकड़ लिया था और किस करने लगे थे.

मैंने अपना सुपारा उसकी चूत के मुहाने में रख दिया.
तो वह और जोर से किस करने लगी.

मैंने उसको रोका और बोला- तैयार हो जा चुदने के लिए.

तब मैंने उसकी फैली हुई टांगों के बीच उसकी चूत में अपना लंड रगड़ा और दीप्ति को जोर से हग करते हुए कहा- रेडी हो न!
वह बोली- हां, लेकिन धीरे डालना. मेरा फर्स्ट टाइम है न … तो मैं बहुत डर रही हूं.

मैंने कहा- हां वह मुझे समझ में आ रहा है कि तू कितना डर रही है साली.
वह हंस दी.

हम दोनों ने एक दूसरे को कसके हग किया और मैंने जोर से लंड उसकी चूत में डाल दिया.
मेरा चिकना लंड आधा अन्दर घुस गया और उसकी चीख निकल गई.

वह कसमसा कर बोली- आंह निकालो निकालो … मुझे दर्द हो रहा है.
मगर मैं कहां रहम करने वाला था.

मैंने उसको बोला- हां बस अभी निकालता हूँ.
उसे लगा कि मैं अब निकाल दूंगा लेकिन मैंने जैसे ही नीचे देखा, उसकी चूत से खून निकल रहा था.

दीप्ति दर्द के मारे आंख बंद की हुई थी.

उसने नहीं देखा था कि उसकी चूत से खून निकल रहा है.
मैंने लंड सुपारे तक बाहर निकाल कर दुगनी ताकत से फिर से पेल दिया.

वह दर्द के मारे गाली देने लगी- निकाल साले भोसड़ी के … निकाल ना मेरी चूत से अपना लंड.
मैं बोला- दो मिनट और सह ले मेरी बन्नो … फिर खुद ही बोलेगी कि पूरा डाल.

उसी समय मैंने उसकी टाइट चूत में पूरी ताकत से लंड पेलना शुरू कर दिया.

दोस्तो, सच बता रहा हूँ कि उस वक्त मुझे बहुत मजा आ रहा था.
उसकी चिकनी टाइट चूत में मेरा लंड पूरी तनाव में लफ लफ करके तड़प रहा था.

उसकी चूत की गर्मी से मेरा लंड सिक सा रहा था.
मैंने अब तेज तेज झटके देने शुरू कर दिए और पूरे कमरे में फट फट की आवाज आने लगी.

मैंने बहुत तेज तेज झटके देने शुरू किए और दीप्ति कराहती हुई मुझे कसके जकड़ी हुई थी और किस किए जा रही थी.

उसकी दर्द भरी आवाजें न जाने कहां बंद हो गई थीं.
कुछ देर बाद मैं थक गया तो दीप्ति अपना गांड उठा उठा कर चुद रही थी.

मैंने दीप्ति से कहा- क्यों बे साली … तुझे अब दर्द नहीं हो रहा ही कुतिया!
वह हंस कर बोली- साले, हो तो रहा है … लेकिन तेरे लौड़े से चुदवाने में मज़ा भी आ रहा है.

अब मैं और दीप्ति दोनों ही एक दूसरे को सपोर्ट कर रहे थे.
वह भी गांड उठा उठा कर चुद रही थी, मैं भी धक्के मारे जा रहा था.

हम दोनों एक दूसरे को कस के पकड़े हुए थे, तभी मेरा वीर्य निकलने वाला हो गया था.
मैंने ये महसूस करते ही अपनी स्पीड बहुत बढ़ा दी.

वह भी शायद समझ गई थी; उसने भी जोर जोर से उचक कर साथ देना चालू कर दिया.
उसने मुझसे कहा- मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा है और मुझे अपनी चूत में कुछ फील हो रहा है.

ये कह कर उसने जोर से मुझे पकड़ा और गले से लगा लिया.
मैं बोला- तू झड़ने वाली है पागल … और मैं भी.
वह कुछ नहीं बोली.

अंत में कुछ पलों में वह झड़ गई और उसके झड़ते ही उसकी चूत की गर्मी से मैंने भी अपना पूरा रस उसकी चूत में ही डालना शुरू कर दिया, मैं भी झड़ गया.

झड़ते हुए हम दोनों ने और जोर से एक दूसरे को पकड़ लिया.
हम दोनों का बदन ऐंठने लगा.

मैं निढाल होकर उसी के ऊपर लेट गया.
वह भी निढाल हो गई.

मैंने उसकी चूत से लंड नहीं निकाला था, हम दोनों वैसे के वैसे ही सोए रहे.

थोड़ी देर बाद मेरा लंड का तनाव कम हुआ और अपने आप उसकी चूत से बाहर आ गया.
मैंने उसको किस किया और कहा- मजा आ गया आज तो!

उसने भी मुझे किस किया और बोली- अब से मैं हमेशा तुमसे चुदवाऊंगी. ये लंड अब मेरा है.
मैँ हंस दिया.

वर्जिन लड़की की चुदाई के बाद हम दोनों उठे तो उसने देखा कि उसकी चूत में खून लगा हुआ था.
एक बार को उसने मेरी तरफ विस्मय से देखा और हंस दी.

हम दोनों बाथरूम गए और अपने लंड और चूत से खून साफ किया.
अब हम दोनों ने कपड़े पहने और मैंने दीप्ति को किस किया.

मैं- अगली बार जब कभी भी मन हो, आ जाना.
उसने भी कहा- हां अगला मौका मिलते ही कॉल करना.

कुछ देर बाद वह अपने घर चली गई.

दोस्तो, आपको कैसी लगी दीप्ति की सील तोड़ने वाली चुदाई की कहानी. उम्मीद है आपको वर्जिन लड़की की चुदाई कहानी पसंद आई होगी.
अब जब अगली बार उसको चोदूंगा, तब आपको सेक्स कहानी लिख कर जरूर बताऊंगा.
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