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जीजा की गर्म बहन को चोदा

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वर्जिन गर्ल की चूत सेक्स कहानी में मैंने बताया है कि कैसे मैंने अपने जीजा की कुंवारी बहन की चूत चुदाई की. उसके साथ मेरा पहले से ही मजाक चलता था. वह मेरे कमरे में आई तो …

नमस्कार दोस्तो,
मेरा नाम राजेश्वर सिंह है. मैं हट्टा कट्टा नौजवान हूं.
मैं राजस्थान का रहने वाला हूं.
मेरी उम्र 32 साल है.

मैं बहुत सालों से अंतर्वासना का पाठक हूं.

यह मेरी पहली कहानी है. यह मेरे जीवन की पूर्ण सत्य घटना है जो आज मैं आपको सुनाने जा रहा हूं.

यह घटना आज से 10 साल पुरानी है जब मैं जयपुर में उच्च शिक्षा के लिए अपने गांव से पहली बार आया था।

उस समय मैं बलिष्ठ और तंदुरुस्त दिखता था. आज भी मेरी वैसी ही बॉडी है.
मेरी हाइट 5 फीट 10 इंच है और मेरे लोड़े का साइज सामान्य है लेकिन जब वह अपने आकार में आता है तो किसी भी भाभी को आसानी से शांत कर सकता है.

वर्जिन गर्ल की चूत सेक्स कहानी मेरे और मेरे जीजा की बहन के बीच की है.
उस समय मेरी बहन के शादी को तकरीबन चार 5 महीने हुए थे तो दो तीन बार मेरा मेरी बहन के ससुराल जाना हुआ.

मैं जब भी जाता तो मेरे जीजा की बहन जिसका नाम संगीता है, वह मुझे बहुत ही खुलकर बातें करती थी और हंस कर मुझे देखती.
अब मैं यहां पर आपको बताना चाहूंगा कि संगीता की बॉडी बहुत ही अच्छी है. उसकी साइज 34 30 36 है।

हुआ यूं कि मैं जयपुर रहता था और मेरे जीजा कहीं दूर के रहने वाले हैं तो उनकी बहन ने एग्जाम के फॉर्म भरे हुए थे जिनका सेंटर जयपुर था.
इसलिए उन्होंने मुझे बोला- कल मेरी बहन का एग्जाम है. मैं किसी कारणवश आ नहीं पाऊँगा. तो आज बहन को बस से भेज रहा हूँ. आप उनको उतार लेना और कल से उनका एग्जाम दिलाकर उन्हें वापस चढ़ा देना।

जयपुर में मैं किराये का रूम लेकर रह रहा था जिसमें मेरा एक रूम पार्टनर भी रह रहा था साथ!
तो मैंने मेरे रूम पार्टनर को बोला कि आज मेरे कोई रिश्तेदार आ रहे हैं. तुम कहीं और आज रुक जाना!

वह मेरा कहना मान गया.

मेरे जीजा ने मुझे अपनी बहन के मोबाइल नंबर मैसेज कर दिए थे ताकि जब वह आए तो उसे बस से उतारने में कोई परेशानी ना आए.

मैंने पहले से ही मूड बना रखा था कि आज तो जीजा की सिस्टर को मसल लूंगा और मजा लूंगा.
इसलिए मैंने सारी तैयारियां पहले से ही कर ली थी; एक अच्छा सा परफ्यूम ले आया था, साथ में कंडोम के पैकेट भी ले आया और तेल भी लेकर आया जिससे लन्ड तगड़ा और पूरा मजा दे सके।

6:00 बजे मेरे मोबाइल पर घंटी बजी.
मेरे जीजा की बहन संगीता का फोन था.

वह बोली- मैं 15 मिनट में बस स्टैंड पहुंचने वाली हूँ. आप आ जाना.
मैंने कहा- मैं तो बस स्टैंड पर आपका इंतजार कर रहा हूं पलके बिछाए … आप आइए तो सही!
उसने मजाक में बोला- ऐसा इतनी क्या जल्दी है?

मैंने कहा- जल्दी क्यों नहीं … आप पधार रहे हैं तो आपकी सेवा का मौका मिल रहा है हमें. तो अच्छे से सेवा करेंगे आज!
तो वह बोली- देखते हैं कितनी सेवा करते हो आप! शादी में तो नहीं की थी आपने हमारी सेवा!

मैं पहले ही नहा धोकर सेंट लगाकर रेडी हो कर आया था, दाढ़ी बना चुका था; दिन में ही लोड़े के आसपास के बाल भी साफ कर लिए थे।

थोड़ी देर में बस स्टैंड पर जब मैं इंतजार कर रहा था तो उसकी बस पहुंच गई.

वह लाल सूट में बहुत ही शानदार प्यारी लग रही थी.
मसंगीता को देखते ही मेरे मुंह में लार आ गई और मेरा लोड़े में हरकत होने लगी।

बस से उतरते ही मैंने संगीता से हाथ मिलाया और उसे बोला- आपका स्वागत है!

और वहां से हम टैक्सी करके रूम पर आ गए.
क्योंकि मैं सिर्फ एक सिंगल रूम में रहता था तो वहीं पर नीचे बिस्तर लगा रखा था मैंने!
हमारे किराए के रूम में कोई बेड नहीं था.

और साइड में खाना बनाने का सामान रखा था.
मैंने पहले सोच रखा था कि आज खाना बाहर ही खाएंगे.

तो रूम पर पहुंचने के बाद मैंने कहा- संगीता जी, आप कपड़े चेंज कर लीजिए और आराम से बैठ जाइए. आपको पढ़ाई करनी तो थोड़ी देर पढ़ाई कर लीजिए. फिर अपन खाना बाहर खाने जाएंगे.
संगीता बोली- मैंने तो पढ़ाई पहले से कर रखी है. अभी तो आपसे बातें करनी है आज! चलो पहले खाना ही खा आते हैं. वापस आकर ही चेंज कर लूंगी।

हम दोनों ने शादी की पुरानी बातें याद करते करते ही पास में एक ढाबे पर खाना खाया और फिर खाना खाकर वापस आ गए रूम में!

संगीता ने बाथरूम में जाकर अपने कपड़े चेंज किये. वह टी-शर्ट और पजामा पहन के बाहर आई.
उसे देखकर मुझे लगा कि उसने अंदर के कपड़े नहीं पहने हैं क्योंकि उसकी निप्पल बाहर से दिखाई दे रही थी टीशर्ट में! जैसे अभी बाहर निकल कर निमंत्रण दे रहे थे चूसने के लिए।

मैंने मजाक में संगीता से पूछा- वाह संगीता जी, क्या हाल-चाल है आपके! आप तो बड़े सुंदर लग रहे हो. और कोई बॉयफ्रेंड है या नहीं?
वह हंसने लगी और बोली- नहीं नहीं, इन चक्करों में नहीं पड़ती मैं … मैं तो सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान दे रही हूँ.

फिर उसने पूछा- यहां तो सिर्फ एक ही बिस्तर है, हम सोएंगे कहाँ?
तो मैंने मजाक में कहा- क्यों एक पर नहीं सो सकते क्या? जब मेरी बहन को आपका भाई लग रहा है तो आज मैं बदला नहीं लूंगा क्या?
वह हंसने लगी और बोली- मेरे भाई ने तो आपकी बहन से शादी की है. तो उसका तो हक है कि वह जैसे चाहिए वैसे आपकी बहन को पकड़े, रुलाए, चूसे, चोदे!

इतनी खुली बातें सुनकर मैं हैरान रह गया और मुझे लग गया कि आज सुनीता पक्का मुझ से चुदकर ही जाएगी।

मजाक करते करते 11:00 बजने को हो गए.
तो मैं बोला- अब चलो सोते हैं.
इस पर वह बोली- सो तो जाएंगे. लेकिन आपने तो बोला था आज आपकी सेवा करेंगे. कहां गई आपकी सेवा? या फिर आप में दम ही नहीं है हमारी सेवा करने का? आप हमेशा ऐसे ही बोलते हो और करते कुछ नहीं हो. सिर्फ बातें आती हैं आपको!

वह मुझे उकसा रही थी।

मैं बोला- चलो करते हैं आपकी सेवा … बताइए क्या करना है?
तो वह बोली- चलो आप इतना ही कह रहे हो तो थोड़ी देर पैर ही दबा दीजिए. मैं सफर करके आई हूँ, थक गई हूँ. देखते हैं आपकी सेवा में कितना दम है.
वह मेरी आंखों में देख कर इस तरह से कह रही थी जैसे कह रही हो कि सेवा नहीं और ही कुछ लगवाना चाह रही हो।

फिर वह बोली- चलो रहने दो … आप पैर को छोड़ो, थोड़ा सर ही दबा दो. मेरा सर बहुत दर्द कर रहा है!
मैंने बोला- चलो ठीक है, आप मेरी गोद में सर रख लो, मैं आपका सर दबा देता हूं. मुझे हेड मालिश बहुत अच्छी आती है तो मैं आपको अभी रिलैक्स कर दूंगा.

उसने अपना सर मेरी गोद में रख लिया और मैं हल्के हल्के उसका सर दबाने लगा.
अब सर दबाते दबाते मैं कभी उसके गालों पर हाथ करता तो कभी उनके कानों पर … तो कभी उसके कंधों पर हाथ लगाकर दबाता.

तब वह बोली- कंधे भी दबा दो ना प्लीज … वहां बहुत आराम मिल रहा है.

तो मैं धीरे-धीरे उसके कंधों की मालिश भी करने लगा.
मेरा हाथ बार बार उसकी ब्रा की पट्टी पर जा रहा था. वह मेरी अंगुली पर अटक कर बार-बार खिंच रही थी.

अब मैंने महसूस किया कि उसकी सांसें गर्म हो रही थी और मेरा लौड़ा उसके सर के नीचे धीरे-धीरे खड़ा हो रहा था.

अब जैसे-जैसे मैं कंधे पर हाथ लगा रहा था, मेरे शरीर में करंट से आने लग गया और नीचे से लौड़ा झटके देने लगा.
जिसे संगीता ने महसूस कर लिया और उसने मालिश के बहाने उल्टा मुंह कर लिया.
जिससे अब उसका मुंह मेरे लोड़े के पास था और वह मेरे पजामे के ऊपर से लोड़े को महसूस कर रही थी और उसे अपने मुंह को टच कर रही थी बार-बार.

अब मुझे लगा कि लोहा गर्म हो रहा है तो अब चोट मार देनी चाहिए.
तो मैं कंधों से मालिश करते करते उनकी पीठ पर और पेट से हाथ आगे ले जाते ले जाते धीरे-धीरे उसके बूब्स दबाने लगा.

वह भी मजे लेकर दबवाने लगी.

और थोड़ी देर ऐसी हरकत करते करते उसने बिना कुछ बोले एकदम से सीधी होकर और मेरे मुंह को पकड़कर अपने होंठों में दबा लिया.
एक लंबा सा किस हमने बहुत देर तक किया. एक दूसरे के होंथों, एक दूसरे की जीभ मुंह में लेकर चूसी.

मैंने धीरे-धीरे उसके सारे कपड़े उतार दिए.
वह सिर्फ एक छोटी सी चड्डी में थी जो नाम मात्र की चड्डी थी जिसमें सिर्फ एक पट्टी थी और कुछ नहीं था.
उस भी मैंने निकाल दिया.

जब मैंने उसकी चूत को देखा तो देखता ही रह गया.
उसके बहुत ही शानदार छोटे लाल लाल होंठ थे जिनसे रस टपक रहा था.

संगीता की चूत एक दम क्लीन शेव थी. शायद आज ही उसने उसकी सफाई की थी.
मेरे को देखने से लगा कि वह चूदाई के पूरे मूड में ही घर से निकली थी।

अब वह खुल कर मजे लेने लगी और उसने खुद ही मेरा पजामा खोल दिया और लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी.

मैंने भी देरी ना करते हुए उसकी चूत पर अपनी जीभ लगा दी और उसे चाटने लगा.

चूमने चाटने का यह दौर तकरीबन 10 मिनट चला और फिर हम एक दूसरे के मुंह में झड़ गये.

कुछ देर ऐसे ही पड़े रहने के बाद हमने फिर एक दूसरे के अंगों को चाटना शुरू किया.

अब मेरा लौड़ा फिर से खड़ा हो गया.

इस बार मैंने उसे घोड़ी बनाया और लोड़े पर कंडोम लगाकर और धीरे से अपना लंड उसकी चूत पर लगाया.
वह बोली- मैं अभी तक कुंवारी हूं, प्लीज थोड़ा ध्यान से करना. मुझे बहुत डर लग रहा है. मुझे दर्द होगा.

मैंने धीरे-धीरे आराम से उसकी चूचियों को पहले कुछ देर तक रगड़ा, मसला.

उसके बाद जब वह गर्म हो गई तो मैंने उसे घोड़ी बनाकर लोड़ा उसकी चूत पर मसला.
और धीरे धीरे लोड़े को अंदर घुसाने की कोशिश करने लगा.

मेरा लोड़ा थोड़ा अंदर जाकर धीरे-धीरे हरकत करने लगा.
अब जब वह पूरी गर्म हो गई तो मैं धीरे-धीरे और बढ़ गया आगे … और एक झटके में उसकी कमर पकड़ के पूरा लंड एक साथ चूत की जड़ तक पहुंचा दिया.

तो वह चिल्ला उठी, उसकी आंखों में आंसू आ गए.
वह दर्द से कराह रही थी क्योंकि उसके खून भी आया था और उसकी सील टूट चुकी थी.

मैंने कुछ देर शांत रहते हुए उसके पेट पर किस किए, बालों पर किस की.

उसके बाद उसे जब मजा आने लगा तो मैंने धीरे-धीरे झटके लगाने शुरू किये.
अब वह खुद भी मस्ती में आने लगी.

मैंने उसे सीधी किया और उसके ऊपर आ गया.

ऐसे हमारा वर्जिन गर्ल की चूत सेक्स का पहला दौर तकरीबन 10 मिनट में खत्म हुआ.
तब तक उसका पानी निकल चुका था.

मैं भी पूरा पानी कंडोम में निकाल कर मैं साइड में होकर लेट गया.

अब वह मेरी बाहों में आकर ‘आई लव यू’ कहने लगी और मुझसे चिपक गई.

इस तरह हमने पहली चु दाई की.
उस रात में मैंने उसकी गांड नहीं मारी पर अलग-अलग तरीकों से पूरी रात में सुबह तक दो बार और चुदाई की.

मैंने बाद में उसकी गांड का उद्घाटन कैसे किया. यह जानने के लिए मेरी अगली कहानी का इंतजार कीजिए.
वर्जिन गर्ल की चूत सेक्स कहानी पर मुझे आप सब लोगों का प्यार भरे मेल का इंतजार रहेगा.
मेरी मेल आईडी नीचे है.
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