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मेरे बच्चे की माँ की कुंवारी गांड मारने का मजा- 3

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वर्जिन ऐस फक़ स्टोरी में पढ़ें कि कैसे मैंने होटल के कमरे में एक भाभी की कुंवारी गांड मार कर मजा लिया. डिलिवरी के बाद उसके चूतड़ भी मोटे मोटे हो गए थे.

दोस्तो, मैं आर्यन आपको साक्षी की चुदाई की कहानी सुना रहा था.
पिछले भाग
मेरे बच्चे की माँ की कुंवारी गांड मारी
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैंने साक्षी की गांड मार ली थी और उसकी गांड में ही झड़ गया था.
वो मुझसे अलग होने की कोशिश करती हुई कह रही थी कि गांड में बहुत ज्यादा माल भर गया है.

अब आगे वर्जिन ऐस फक़ स्टोरी:

मैंने भी कहा- हां, इस बार हम दोनों बहुत ज्यादा ही झड़ गए हैं. मैंने भी इससे पहले कभी अपने लंड से इतना गाढ़ा और इतना ज्यादा कामरस निकलते नहीं देखा.

साक्षी ने भी हंस कर कहा- हां, मैंने भी आज कुछ ज्यादा ही अपनी चूत का पानी बहता हुआ महसूस किया. शायद वो इसलिए हुआ क्योंकि आज मेरी पहली बार गांड की सुहागरात थी और चुदाई के टाइम तुम बार बार मेरी चूत सहला रहे थे और चूत में उंगली कर रहे थे. इससे मेरे बदन में करंट सा दौड़ रहा था और मेरी चूत बस पानी छोड़ती जा रही थी.

साक्षी मेरी छाती से उठी मगर वो मेरे लंड को गांड में घुसाए हुए ही मेरे ऊपर बैठ गयी.
मैंने पीछे से देखा कि साक्षी की गांड पीछे से मस्त गोल मटोल गुम्बद की जैसी थी.

मैंने साक्षी की गांड पर हाथ रखा और धीरे से उसकी गांड को अपने लंड से थोड़ा ये देखने के लिए उठाया कि मेरा लंड अभी भी खड़ा है और उसकी गांड में फंसा हुआ है.

तभी साक्षी धीरे से उठने लगी.
मैं देख रहा था कि मेरा लंड धीरे धीरे साक्षी की गांड से निकल रहा है और साथ ही साथ गांड से मेरे लंड का पानी कुछ ज्यादा ही निकलने लगा.

अगले ही पल जैसे ही साक्षी पूरी तरह से खड़ी हो गयी तो उसकी गांड से मेरे कामरस की कुछ बूंदें नीचे फर्श पर टप टप करके टपक रही थीं.

मुझे वो सीन देख कर मस्त लग रहा था और उस पर जब वो चली, तो उसकी चाल में कुछ लंगड़ाहट देख कर मेरे चेहरे पर मुस्कान आ गई.

वो लंगड़ा कर चलती हुई बाथरूम चली गयी.

तब मैंने अपने लंड को देखा.
मेरा भी लंड पूरा चिपचिपा था मगर अभी भी पूरी तरह से तना हुआ ऊपर नीचे हो रहा था.

मैं भी बिस्तर से उठा और साक्षी के पीछे पीछे बाथरूम की तरफ चल पड़ा.
साक्षी अन्दर जा चुकी थी.

मैंने देखा कि साक्षी नीचे बैठी थी, वो हाथ में एक जग लेकर पानी से अपनी चूत और गांड को धो रही थी.

मुझे देखकर वो शर्मा गयी और कहने लगी- मैं आ तो रही थी, तुम क्यों आ गए?

मैंने कहा- मैं तुम्हारी चूत और गांड को साफ़ कर देता हूँ. तुम मेरे लंड को साफ़ कर दो.
ये सुन कर साक्षी खड़ी हो गयी और धीरे धीरे लंगड़ाती हुई मेरे पास आ गई.

उसने मेरे लंड को हाथ में पकड़ा और उसे मसलने लगी.
मैं भी साक्षी की चूत पर हाथ घुमा रहा था.

साक्षी आंखें बंद किए हुए मेरा लंड मसल रही थी और मैं साक्षी की चूत पर पानी डाल कर उसकी चूत की फांकें साफ कर रहा था.

मैंने साक्षी को नीचे बैठने को कहा.
कुछ ही देर में मैंने उसकी चूत और गांड के छेद को साफ़ कर दिया व उसने मेरे लंड को.
फिर हम दोनों वापस बिस्तर पर आ गए.

साक्षी आते समय अभी भी थोड़ी लंगड़ा कर चल रही थी क्योंकि आज पहली बार उसकी गांड का उद्घाटन हुआ था.

मैंने साक्षी के मम्मों को चूसना शुरू कर दिया. मैं बारी बारी से साक्षी के दोनों निप्पल्स को अपने होंठों में लेकर चूसने लगा था.

साक्षी आंखें बंद करके मुझे अपनी बांहों में लिए हुई थी.
वो अपने हाथ मेरे सर पर, कंधों पर, पीठ पर घुमा रही थी और मैं साक्षी के दोनों चूचों को जोर जोर से होंठों में लेकर दबा दबा कर पी रहा था.

साक्षी के मुँह से जोर जोर से आवाजें आने लगीं और उसकी सांसें चढ़ने की आवाजें कमरे को फिर से गर्म करने लगीं.
उसकी गर्म गर्म आहें मुझे और ज्यादा सेक्स का नशा चढ़ा रही थीं और मैं और जोर जोर से उसका दूध पीने का मजा ले रहा था.

वो मेरे कानों में कह रही थी- आंह जानू ऐसे ही करो … और जोर से करो … चूसो इन्हें और जोर से आह.

मेरे लंड का तनाव अपने सातवें आसमान पर आ गया था.
मैं साक्षी को किस करते करते बिस्तर पर लेट गया और उससे कि मैं नीचे लेट जाता हूँ. तुम मेरे लंड पर बैठ जाओ. इस बार तुम अपनी पीठ मेरे सीने की तरफ रखना. मैं अपना लंड तुम्हारी गांड के छेद में घुसते और गांड को चोदते हुए हुए देखना चाहता हूँ.

साक्षी कातिल स्माइल देती हुई बोली- बड़े शैतान हो, मेरी गांड इतना दर्द कर रही है और तुम्हारा हथियार अभी भी इसी की लेना चाहता है.
साक्षी उठ कर खड़ी हो गई और मेरे कहे अनुसार मेरे लंड पर बैठ गयी.

मैंने अपने लंड को हाथ में पकड़े हुए साक्षी की गांड के छेद पर निशाना लगाया हुआ था.

साक्षी जैसे ही नीचे बैठने लगी, मैंने उसके छेद पर उंगली रखी और गांड पर एक थप्पड़ मार दिया.

साक्षी आह की आवाज करती हुई चीखी और उठने लगी.
मैंने उसकी कमर पकड़ कर उसे लंड के सुपारे पर दबा दिया.

साक्षी की गांड के छेद में लंड ने मुँह अड़ा दिया.
मैंने साक्षी की कमर को अपने लंड पर दबाते हुए कहा- अब तुम बैठ जाओ.
साक्षी भी सामने से सर झुकाए धीरे धीरे मेरे लंड पर बैठने लगी.

उसको चूत के नीचे से गांड में घुसता हुआ लंड दिख रहा था.
वो लंड देखती हुई बैठने लगी.

मैंने साक्षी की कमर पकड़ कर रखी थी.
जैसे जैसे साक्षी मेरे तने हुए लंड पर बैठ रही थी, गांड के छेद में धीरे धीरे लंड फंसता हुआ अन्दर जा रहा था.

इस पोजीशन में मुझे और साक्षी दोनों को ही बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था क्योंकि मेरे लंड का तनाव बहुत ज्यादा था.
लंड की चमड़ी पर नसें फूल कर उभरी हुई थीं.

दूसरी तरफ साक्षी की गांड भी सिर्फ एक ही बार चुदी थी तो वो इतना ज्यादा खुली नहीं थी.
अभी भी गांड का छेद बहुत ज्यादा कसा हुआ था.

वो जैसे जैसे मेरे लंड पर बैठ रही थी, मेरा लंड साक्षी की वर्जिन ऐस के छेद को चीरता हुआ अन्दर जा रहा था.

लंड पूरा चला गया तो मैं जैसे जन्नत में आ गया था.
मैं नीचे से साक्षी की गांड को सहला रहा था मसल रहा था. कभी जोर जोर थप्पड़ मार देता था.

साक्षी भी लंड पर कूदने लगी थी.
हम दोनों को ही मजा आने लगा था.

करीब दस मिनट तक साक्षी मेरे लंड पर कूदती रही.
फिर उसने कहा- मेरे घुटने दर्द कर रहे हैं जान … मैं अब नीचे लेट जाती हूँ. तुम मेरे ऊपर आ जाओ.

मैंने कहा- ठीक तुम ऐसा करो, ऐसे ही मेरे सीने पर लेट जाओ.
वो लेट गई.

मैंने अपने होंठ उसकी गर्दन पर रख दिए और उसे चूमना शुरू कर दिया.
साथ ही मैंने अपना एक हाथ उसकी चूत पर रखा और एक उंगली को अन्दर डाल दिया.

साक्षी की चूत का रस मेरी उंगली पर लग गया.
मैंने ऐसे लेटे हुए साक्षी की गांड में नीचे मेरे लंड को धक्का देना शुरू कर दिया.

इस वर्जिन ऐस फक़ के मिल रहे आनन्द में साक्षी और भी ज्यादा आहें भरने लगी.
अब मेरे मुँह में साक्षी के होंठ थे.

एक हाथ से मैं उसकी चूची को दबा रहा था और दूसरे हाथ की उंगलियां साक्षी की चूत में अन्दर बाहर हो रही थीं.

मैं इतना ज्यादा गर्म हो गया था कि मैं साक्षी के होंठों को काटने लगा था और जोर जोर से उसकी चूची को दबाने लगा था.
साक्षी की चीख मेरे होंठों में दबी की दबी रह गयी थी.

मैं नीचे से अपनी गांड उठा कर अपने लंड को साक्षी की गांड में और भी ज्यादा गहराई तक घुसाने लगा था.
साक्षी किसी तरह से मेरे होंठों से अपने होंठ निकाल कर आवाज भरने लगी. उसकी सांसें बहुत ज्यादा तेज हो गई थीं.

वो मेरे कान में बोली- मेरी चूत में पूरी उंगलियां पेल डालो और जोर जोर से चोदो मेरी चूत को. मेरे गांड को तेज तेज मारो … आह मेरा पानी निकलने वाला है.
ये सुनते ही मेरे अन्दर का जानवर जग गया.

मर्द को बस औरत की चीख सुनना ही पसंद है. मर्द को ख़ुशी ही तब होती है, जब औरत चुदाई के समय ऐसे दर्द से कराहती है और वो उसे उकसाती है कि चोदो और चोदो.
मुझे भी ऐसा ही मजा आने लगा था.

मैं साक्षी की चूत में अपना पूरा हाथ डालने लगा, साथ ही साथ चूची को जोर से दबा दबा कर मसल रहा था.
साक्षी भी जोर जोर से अपनी गांड मेरे लंड पर घुमा रही थी.

साक्षी के ऐसा करने से मेरे लंड और लंड के नीचे गोटियां दब गयी थीं क्योंकि मैं नीचे लेटा था और मेरा लंड साक्षी की गांड में घुसा हुआ था.
ऊपर से साक्षी का सारा वजन मेरे लंड पर और लंड की गोटियों पर ही था.

साक्षी के गांड घुमाने से मेरा लंड अन्दर और ज्यादा कस कर तन गया था.
ऐसा लग रहा था कि अब अगर साक्षी इसी तरह मेरे लंड पर अपनी कमर घुमाती रही तो मेरे लंड का लावा साक्षी की पूरी गांड को भर देगा.

तभी साक्षी तेज आवाज करती हुई झड़ने लगी.
मैं भी उसकी चूत में तेज तेज उंगली करने लगा.
मेरा पूरा हाथ साक्षी की चूत के रस से भर गया था.

कुछ देर के बाद साक्षी ठंडी हो गयी.

मैंने उसकी चूत से हाथ निकाला और उसकी कमर को पकड़ कर लंड पर गांड खींचने लगा.

मुझे बस ऐसा लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ लेकिन मैं झड़ नहीं पा रहा था.
हर बार साक्षी जब अपनी गांड मेरे लंड पर रगड़ती, मुझे ऐसा लगता कि अब मेरा लावा अन्दर छूट जाएगा.

लेकिन ऐसा हो नहीं रहा था.
मुझे अब थोड़ी थकान लगने लगी थी.
मेरा लंड अभी तना हुआ था.

मैंने साक्षी को घोड़ी बनने को कहा तो साक्षी मेरे लंड से उठने लगी.

जैसे ही साक्षी की गांड के छेद से मेरा लंड बाहर निकला, वो और भी ज्यादा कड़ा और तना हुआ लग रहा था.
लंड की सारी नसें फूल गयी थीं. लंड का सुपारा तो बहुत ज्यादा लाल हो गया था.

मुझे समझ आया कि साक्षी मेरे लंड पर बैठी थी इस कारण मेरे लंड से लावा नहीं निकल रहा था.

अब साक्षी मेरे सामने घोड़ी बन गयी.
मैंने पीछे से चूत में अपना लंड रखा.

साक्षी बोली- अब चूत मारोगे मेरे राजा?
मैंने कहा- नहीं जान, तुम्हारी चूत का थोड़ा काम रस लंड पर ले लेता हूँ क्योंकि लंड बहुत ज्यादा तना हुआ है और तुम्हारी गांड का छेद बहुत टाइट है. कहीं तुम्हारी गांड मेरे लंड की चमड़ी न उखाड़ दे.
इस पर हम दोनों हंसने लगे.

मैंने लंड साक्षी की चूत पर घिसना शुरू कर दिया.
साक्षी भी घोड़ी बने अपनी कमसिन गांड आगे पीछे करके अपनी चूत का चिपचिपा पानी मेरे लंड पर मलने लगी.

पीछे से साक्षी किसी पोर्न स्टार की तरह अपनी गांड आगे पीछे करके लंड को चूत के रस से चिपचिपा कर रही थी.

फिर मैंने लंड साक्षी की चूत से निकाला और उसकी गांड के छेद पर रख दिया.
पहले साक्षी की गांड पर थोड़ा हिलाया और अपने लंड का सुपारा साक्षी की गांड में सटाक से घुसा दिया.

साक्षी के मुँह से ‘आह मर गई …’ की चीख निकली.
मैंने ऊपर से लंड पर थोड़ा थूका ताकि वो और चिकना हो जाए.

अब मैंने एक जोरदार धक्का लगाया. इस बार मेरा पूरा लंड अन्दर समा गया.
अब साक्षी जोर से चिल्लाई- उई मां मर गयी आह फट गई मेरी आह.

मैंने जोर से उसका सर नीचे तकिया पर पटका क्योंकि उसकी चीख से कोई और आ सकता था.
मैंने साक्षी से कहा कि पूरा अन्दर चला गया है, अब कुछ नहीं होगा. अब मैं आराम आराम से तेरी गांड मारता हूँ.

वो शांत हो गई.
मैंने ऐसे ही कुछ मिनट तक साक्षी की गांड में अपने लंड को अन्दर बाहर पेलता रहा.

मेरे लंड का सारा लावा अब बस निकलने ही वाला था.
मैंने साक्षी से कहा कि अब मेरा पूरा माल निकलने वाला है. मैं इससे तुम्हारी पूरी गांड भरना चाहता हूँ. तुम भी थोड़ा मेरे लंड पर अपनी गांड और अन्दर को घुसाओ.

साक्षी समझ गयी.
उसने ठीक वैसे ही अपनी गांड आगे पीछे करना शुरू कर दी.

कुछ ही देर बाद मेरे लंड से एक जोर की पिचकारी साक्षी की गांड में छूट गयी.

मैं आंखें बंद किए बस चुपचाप रस छोड़ता रहा.
उस वक्त साक्षी भी धीरे धीरे मेरे लंड पर अपनी गांड को आगे पीछे कर रही थी.

मैं काफी देर तक झड़ता रहा और मेरे लंड से रुक रुक कर लावा साक्षी की गांड भरता रहा था.

फिर कुछ देर मैं ऐसे ही शांत खड़ा रहा और जब सब शांत हो गया. तो मैं वैसे ही उसके बगल में लेट गया.

कुछ देर बाद साक्षी भी नार्मल हो गयी और उठ कर बाथरूम चली गयी.

कुछ मिनट के बाद साक्षी बाहर आयी और आकर मुझे चूमने लगी.
साक्षी कहने लगी- अब मैं तुम्हारी हो गयी हूँ. आज से मेरी गांड, चूत , मेरी चूचियों का दूध सब तुम्हारा है. तुमने मुझे बहुत बड़ा तोहफा दिया है. आज मेरी गांड की सुहागरात थी. अब तुम जब चाहो मुझे बुला सकते हो. मैं तुम्हारे लिए जरूर आऊंगी.

साक्षी मुझे चूमती हुई मेरे बगल में लेट गयी.
कुछ देर हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे से बात करते रहे.

फिर मैं उठ के बाथरूम गया और पेशाब करने लगा. मेरा लंड अब भी तना हुआ था तो बहुत कठिनाई हुई मूतने में.

मैंने लंड को पानी से धोया और बाहर आया तो देखा कि साक्षी अपने पेट के बल लेट गई थी.

तब मैंने कारण पूछा तो साक्षी ने बताया कि उसकी गांड का छेद दर्द कर रहा है.
मैंने कहा- थोड़ी देर होगा तुम ऐसे ही लेटी रहो. मैं तुम्हारी गांड के छेद पर थोड़ा तेल लगा देता हूँ.

मैंने तेल की शीशी उठाई और साक्षी की गांड के छेद पर तेल लगा कर हल्के हाथ से मसाज देने लगा.
साक्षी आंखें बंद किए चुपचाप लेटी थी.

कुछ देर बाद साक्षी की गांड का छेद थोड़ा सा खुल गया था और गुलाबी दिख रहा था.
उसने मसाज से मना कर दिया.

मैंने साक्षी की पीठ पर किस किया और कहा- ठीक है अब मैं चलता हूँ तुम ऐसे ही कुछ देर आराम करो. बाद में घर चली जाना.

हम दोनों एक साथ इस होटल से बाहर नहीं जाना चाहते थे क्योंकि किसी को कुछ पता न चल जाए.

साक्षी ने भी कहा- हां ये सही है. मैं कुछ देर ऐसे ही सो जाती हूँ और बाद में घर चली जाऊंगी.
मैंने कहा- ठीक है.

तो दोस्तो, साक्षी ने इस तरह से मेरा सपना पूरा करवाया और वर्जिन ऐस फक़ के अपने वचन का भी पालन किया.
आखिर वो मेरे बच्चे की मां जो बनी थी.

इस तरह से मेरा पहली बार किसी कुंवारी गांड को चोदने का सपना आखिरकार सच हुआ.

आपको मेरी ये वर्जिन ऐस फक़ स्टोरी कैसी लगी, प्लीज आप मुझे कमेंट करके जरूर बताएं. मुझे आप लोगों के मेल का इंतजार रहेगा.
आपके बहुत सारे मेल मुझे मेरी पिछली सेक्स कहानी के लिए आए थे, उसके लिए धन्यवाद.
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