ट्रेन ट्रेवल सेक्स का मजा मैंने एक नवविवाहिता के साथ रेलगाड़ी के थर्ड एसी के डिब्बे में लिया. हमारे कूपे में 6 बर्थ थीं. उसमें मैं, मेरा दोस्त, एक नया जोड़ा और एक माँ बेटी थी.
नमस्कार दोस्तो, मैं एक बार फिर से आपके लिए चलती ट्रेन में चुदाई की कहानी लेकर हाजिर हूँ.
मैंने ट्रेन ट्रेवल सेक्स का मजा लिया इस कहानी में!
मेरी पिछली कहानी
पति से लंड चुसवाकर पत्नी की चुदाई
भी रेलगाड़ी में चुदाई की थी.
एक दिन मेरा दोस्त सुनील मेरे पास आया और बोला कि विशू चल मेरे गांव चलते हैं.
मैं बोला- यार गांव में मैं बोर हो जाऊंगा.
तो वो बोला- साले 4 दिन ही तो रहना है और 4 दिन में मैं तुझे रोज नयी नयी लौंडियां भी तो चुदवाऊंगा. बोल क्या बोलता है?
मैं बोला- यार, अचानक से गांव जाने का क्या प्लान बना लिया?
वो बोला- यार बीवी का खत आया है. मां की तबियत खराब है, तो जाना पड़ेगा. और अकेले जाने में मैं बोर हो जाऊंगा.
मैंने कहा- अबे भोसड़ी के, जब तू खुद ही कह रहा है कि बोर हो जाएगा, तो मेरे लौड़े को किसकी चुत में डलवाएगा?
वो हंस कर बोला- अबे तू समझा नहीं. मैंने गांव में बहुत कांड किए हैं, एक दर्जन भाभियों को प्रेग्नेंट किया है और कई लड़कियों की सील भी तोड़ी है. मैंने तो हमारे गांव के सरपंच की बीवी को भी नहीं छोड़ा है. उसकी चुत से मेरा ही बालक पैदा हुआ है.
मैं बोला- यार जितना सोचा था, तू उससे भी ज्यादा कमीना निकला. चल देखूं तो तू झूठ बोल रहा है या सच. पर रोज एक चुत तू मुझे दिलवाएगा … प्रॉमिस कर.
वो बोला- प्रॉमिस यार.
रात को हम दोनों स्टेशन पहुंचे.
ट्रेन समय पर थी. हम दोनों ने थर्ड एसी के डिब्बे में अपने रिजर्वेशन करवाए थे.
हम दोनों जाकर अपनी सीट पर बैठ गए. हमारे कूपे में टोटल 6 बर्थ थीं. दो हमारी और बाकी की चार खाली थीं. हम दोनों पर्दे डालकर आराम से बैठ गए.
अगला स्टेशन पर एक नया जोड़ा आया. लगता था, जैसे उनकी अभी अभी शादी हुई हो.
उनके पीछे एक औरत और उसकी बच्ची चढ़ी.
एक तरफ की बर्थें हमारी थीं, लोवर और मिडल. हमारे ऊपर की एक सीट उस औरत की थी, जिसके साथ एक बच्ची थी. मतलब ऊपर की दोनों बर्थ उनकी थीं.
दूसरे जोड़े की सामने वाली लोवर और मिडल बर्थ थी.
उन्होंने सामान रख दिया.
फिर उस औरत ने हमसे कहा- मैं यहां नीचे बैठ जाती हूँ. मेरी ऊपर वाली सीट है. बच्ची के सोते ही ऊपर चली जाऊंगी.
इस तरह से हम चारों नीचे ही एड्जस्ट हो गए.
अब विंडो पर उसकी लड़की थी जो बाहर का नजारा देख खुश हो रही थी.
उसके बगल में उसकी मम्मी थी.
उसके बगल में मेरा दोस्त था और आखिर में मैं था.
सामने वाली सीट पर नया जोड़ा था.
मेरा दोस्त उस औरत के साथ सट कर बैठा था. उसकी बांह और इसकी बांह टच हो रही थी.
ये हरामी उससे कुछ ज्यादा ही रगड़ सुख ले रहा था और उस गर्म किए जा रहा था.
मैं सामने वाले कपल की ओर देख रहा था. वो दोनों भी रोमांटिक हुए जा रहे थे. उनके बीच हाथ पकड़ना, चुम्मा लेना, ये सब चल रहा था.
उन्हें देख कर मेरी हालत और नियत खराब हो रही थी.
मैंने भी दिमाग लगाया.
मैं ‘जगह कम है …’ ऐसा बोल कर नीचे बैठ गया.
सब मेरी ओर देखने लगे.
मैं बोला- यहां मैं कंफर्टेबल हूँ.
रात का समय था.
मैंने दोस्त से कहा- लाईट बंद कर दो.
मेरे दोस्त ने लाईट बंद कर दी.
सबको साहूलियत हो गई, सब अपने अपने में लग गए.
मैंने भी अपना एक हाथ उस औरत की साड़ी में डाल दिया और उसके पैरों को छूने लगा.
उसने कुछ नहीं कहा.
मैं धीरे धीरे अपना हाथ उस औरत के पैर से रगड़ने लगा.
अब मैंने अपना हाथ वहां से निकाल लिया. उस औरत ने मेरी तरफ मुस्कुरा कर देखा. अब मैंने पलटी मारी और जोड़े की तरफ मुड़ गया.
उसका पति मजे ले रहा था और उसने अपना हाथ अपनी जोरू की चोली में डाल कर दूध मसलने लगा था.
मैंने उस नई चुत के भी पैर को छुआ. उसने भी कुछ नहीं कहा.
मैं नींद में होने का नाटक कर रहा था. मैंने अपने हाथ से उसके पैरों को रगड़ा.
उसने हलचल की, तो मैं डर सा गया और अपना हाथ रोक लिया, पर पैर पर हाथ रखे रहा.
उसका पति उसके चुचे दबाए जा रहा था.
मैंने अपने हाथ को फिर से हरकत दी, उसे थोड़ा और ऊपर ले गया.
इस बार उसकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई.
मैं अपना हाथ अब उसके घुटने तक ले जाकर फेर रहा था.
वो भी शायद एन्जॉय कर रही थी.
मुझे उसका चेहरा नहीं दिख रहा था पर महसूस हो रहा कि वो मुझे देखने का प्रयास कर रही थी.
मेरा हौसला बढ़ा.
मैं अब और ऊपर जाना चाह रहा था. मैंने अपना हाथ दोनों पैरों को छूते हुए ऊपर ले जाने लगा.
पर मैं आगे नहीं पहुंच पाया.
मैंने फिर से कोशिश की, पर सफल ना हो सका.
उस नई लड़की की हंसी छूट गई.
मैं समझ गया कि वो मुझ पर हंसी है.
मैंने अपना हाथ निकाल लिया.
अब उसने कुछ अपने पति से कहा और दोनों सोने की कोशिश करने लगे.
उसका पति पीछे की ओर था और वो आगे थी.
मेरे सर की तरफ उसका पैर था. उन्होंने कंबल ओढ़ लिया.
कम्बल का हिस्सा उसने सीट के नीचे तक सरका दिया. मेरे लिए ये काफी था.
मैंने कम्बल में हाथ डाला, तो महसूस किया कि उसके पैरों पर साड़ी नहीं है.
मैं समझ गया कि उसके पति ने साड़ी ऊपर कर दी होगी.
अपना हाथ मैं घुटनों के ऊपर ले गया. उसकी जांघों का नर्म मुलायम हिस्सा मेरे हाथ से लगा.
मैंने उसकी जांघों को सहलाना शुरू कर दिया और ऊपर की ओर बढ़ चला.
अब उसकी कोमल चुत को मेरा स्पर्श हुआ. उसका पति अभी भी चुचे दबाने में मस्त था.
मैंने अपनी एक उंगली उसकी चुत में सरका दी, मुझे अहसास हुआ कि चुत गीली हो चुकी है.
दो दो मर्द उस गर्म किए जा रहे थे.
मेरा तापमान बढ़ चुका था.
पर क्या करता.
मैंने उसकी चुत में उंगली अन्दर बाहर करना चालू रखा.
मैं पीछे मुड़ा और देखा कि मेरे दोस्त ने भी कम्बल ओढ़ लिया था और अन्दर उस औरत को दबाए जा रहा था, किस कर रहा था.
तभी उसकी छोटी सी लड़की बोली- मम्मी, मुझे नींद आ रही है.
उसकी आवाज सुनकर मेरा दोस्त और उससे लगी हुई वो औरत, दोनों सीधे हो गए.
उस औरत ने अपनी लड़की को ऊपर वाली बर्थ पर सुलाया और वो फिर से नीचे बैठ गयी.
मेरा ये भाई फिर से चालू हो गया.
अब दोनों कम्बल में थे. मैं अकेला नीचे सो रहा था.
थोड़ी देर हुई ही थी कि बाजू वाले जोड़े ने चुदाई का काम चालू कर दिया. वो कम्बल में ही अपनी औरत को पेलने लगा. सीट हिल रही थी. कम्बल आगे पीछे हो रही थी.
उनके झटके मुझे भी हिला रहे थे.
करीब दस मिनट में उनका काम हो गया.
वो बंदा बाथरूम जाकर आया और मिडल बर्थ पर सो गया.
फिर उसकी बीवी उठी और वॉशरूम जाकर आयी. वो नीचे वाली बर्थ पर कम्बल ओढ़कर सो गयी.
यहां मेरे दोस्त ने भी उस औरत को बर्थ पर चित लिटाया और उस पर चढ़ गया.
कुछ देर मैं खामोश रहा.
फिर मैंने वापस अपना हाथ उस नई चुत वाली के कंबल में डाल दिया.
अबकी बार मैं सीधा उसकी चुत से खेलने लगा.
वो भी साथ दे रही थी, मेरा हाथ दबाए जा रही थी.
कुछ देर खेलने के बाद मैंने उसके पति का जायजा लिया, वो सो गया था.
बस मैं उठ कर उसके पीछे चला गया.
उसने मेरे कान में फुसफुसाया- मेरे पति देख लेंगे.
मैं बोला- तेरा पति सो गया.
वो कुछ नहीं बोली.
बस फिर क्या था.
मैंने अपना 7 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा लंड उसके हाथ में पकड़ा दिया और उसे किस करने लगा.
वो भी साथ दे रही थी.
फिर मैंने उसे सैट किया और अपना लंड उसकी चुत पर सैट करके एक करारा धक्का दे दिया.
मेरा लंड चुत की फांकें चीरता हुआ अन्दर तक घुसता चला गया.
वो चिल्लाने को हुई, पर उसके होंठ मेरे मुँह में थे, इसलिए आवाज दब कर रह गई.
उसकी आंख से आंसू आ रहे थे.
पर मैं उसे चोदे जा रहा था. धक्के पे धक्के लगाए जा रहा था और उसके चुचे मसले जा रहा था.
कुछ देर में वो शांत हो गई.
मैंने उसका एक पैर मोड़ कर अपने ऊपर ले लिया.
उससे उसे सहूलियत हो गयी.
हमारी धकापेल चलने लगी.
करीब 15 मिनट तक ताबड़तोड़ चुदाई चली और मैं छूटने को हो गया.
मैंने पूछा- पानी कहां निकालूँ?
वो बोली- अन्दर ही डाल दो.
उसी वक्त मेरी पिचकारी छूट गई और उसकी चुत में पूरा रस भर गया.
मैं उठा तो देखा सामने वाली औरत हमें देख रही थी.
मेरा दोस्त जगह पर नहीं था.
मैं मुस्कुरा दिया.
वो भी हंस दी.
फिर मैं उठ कर वॉशरूम गया.
मेरा दोस्त बाहर निकल रहा था.
मैंने पूछा- कैसी थी?
वो बोला- मजा आ गया. तेरी कैसी थी?
मैंने कहा- एकदम टाइट.
वो हंस दिया.
मैं वॉशरूम से बाहर आया और आकर उससे बोला- जाके आ.
वो उठी और सबसे पहले उसने ऊपर अपने पति को देखा. वो घोड़े बेच कर सो रहा था.
फिर वो वॉशरूम जाकर आयी. फिर हम दोनों बातें करने लगे.
मैंने चुदायी के बाद उससे जान पहचान की थी.
फिर हम सब सो गए.
सुबह उठा तो वो सो रही थी, बला की खूबसूरत लग रही थी.
मुझे अभी ऐसा लगा कि कल रात मैं एक हूर को चोद रहा था.
एक बार और चुदाई करने की इच्छा हुई पर सुबह हो चुकी थी.
फिर भी मैंने उसकी किस ली.
तभी उसने आंख खोली और एकदम से डर गयी.
मैंने उसे शांत रहने का इशारा किया. कुछ ही देर में स्टेशन आ गया.
मैंने चाय लेकर उसको दी.
तब उसने स्माईल दी.
क्या लवली होंठ थे उसके … मैं पागल हुआ जा रहा था.
वो भी खुश थी.
उसकी नजरें और स्माईल मुझे बुला रही थीं.
उसका पति भी जाग गया पर फिर भी एक बार मिलने की ख्वाहिश दिल में जगा गयी.
फिर मैंने दोस्त को उठाया.
वो भी मेरे माल को देख कर हैरान हो गया था.
मैंने एक कागज़ पर अपना फोन नम्बर लिख कर उसकी तरफ देखा और सीट पर रख दिया.
उसने इधर उधर देखा और मेरा रखा हुआ कागज उठा लिया. कुछ देर बाद उसने अपने मोबाइल उठा कर नम्बर डायल किया. मैंने झट से अपना मोबाइल साइलेंट कर दिया.
उसकी घंटी मेरे सेल पर बजी और हमारे नम्बर साझा हो गए.
उसके बाद हमारा स्टेशन आ गया और मैं अपने दोस्त के साथ उतर गया.
मेरा दोस्त बोला- अबे साले, वो तो अभी की ताजा ब्याही लग रही थी. तेरे साथ कैसे सैट हो गई?
मैंने कहा- पता नहीं. मैंने तो बस जरा सी कोशिश की थी.
मेरा दोस्त मुस्कुराने लगा.
मैंने भी सोच लिया कि अगली बार उससे जब भी मुलाक़ात होगी, तब उसे आराम से चोदूंगा.
आपको मेरी ये ट्रेन ट्रेवल सेक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज मुझे मेल से जरूर बताएं.
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