छोड़कर सामग्री पर जाएँ

मेरे पहले प्यार और पहले सेक्स की कहानी- 2

  • द्वारा


टीन गर्लफ्रेंड सेक्स कहानी में पढ़ें कि मैंने अपने दोस्त की कजिन से सेटिंग की. मैं उससे सेक्स करना चाहता था पर वो डरती थी. मैंने कैसे उसकी सील तोड़ी?

दोस्तो, मैं आपको अपनी गर्लफ्रेंड कोमल की चुदाई की कहानी सुना रहा था.
कहानी के पहले भाग
दोस्त की बहन से प्यार और इजहार
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैंने अपनी पड़ोस की दीदी के घर कोमल के दूध दबाए थे और उसके साथ चूमाचाटी कर ली थी.

उसी रात को कोमल का मेरे पास फोन आया तो हम दोनों आज के अनुभव को लेकर बात करने लगे.

अब आगे टीन गर्लफ्रेंड सेक्स कहानी:

मेरी पहले उससे नॉर्मल बात हुई. फिर मैंने उससे आज दोपहर के बारे में पूछा तो उसने बताया कि उसके दोनों बूब्स दर्द कर रहे हैं.
क्योंकि पहली बार उसके बूब्स इतने मसले गए थे.

मैंने उसे सॉरी बोला.
इसके बाद मैंने उससे बहुत बार पूछा कि मजा आया या नहीं.

तब उसने थोड़ा बहुत बताया कि उस वक्त अजीब सी फीलिंग हुई थी, जब तुम बूब्स को चूस रहे थे.
मैंने उसे इतवार को मिलने को बोला पर वो मान ही नहीं रही थी.

वो बोल रही थी कि दो बार मिल लिये, अब बाद में मिलेंगे.
पर मैं मानने वाला नहीं था.

हम दोनों अपनी जिद पर अड़ गए थे.

मैंने टाइम देखा तो रात के 11 बज चुके थे.

उसके भैया भी कंपनी से आने वाले थे, हमने एक-दूसरे को बाय आई लव यू बोल कर फ़ोन रख दिया और सो गए.

शुक्रवार को रात को नौ बजे उसका कॉल आया.
करीब एक घंटा बात करने बाद मैं अपनी वापस जिद पर आ गया पर वो मना करने लगी क्योंकि उसको डर लगता था.

फिर मैंने उसको बोला- मुझे अभी वीडियो कॉल पर तुम्हारे बूब्स देखने हैं.
उसने साफ मना कर दिया जिससे मैंने फोन काट दिया.

मुझे पता था कि ये वापस फ़ोन करेगी.
उसका फोन आया भी पर मैंने कॉल नहीं उठाया.

उसके बाद मैं अपना मोबाइल बन्द करके सो गया.

शनिवार को मैंने पूरे दिन उससे बात नहीं की और रात को भी मोबाइल बन्द करके सो गया.
रविवार सुबह आठ बजे मेरी नींद खुली.

मैं नाश्ता करके फ्रेश होकर एकदम तैयार होकर परफ्यूम लगाया.
फिर एक डेरी मिल्क साथ लेकर 10-30 बजे तक मालती दीदी के घर जाकर बैठ गया.

दीदी ने डेरी मिल्क लेते हुए मुझे पूछा- कोमल कब तक आएगी?
मैंने बोला- बस आने ही वाली है.

मुझे पता था कि वो आएगी क्योंकि मैंने कॉल पर बोल दिया था कि मैं दीदी के घर तुम्हारा इंतजार करूंगा.
वो करीब साढ़े ग्यारह बजे आ गयी.

मैं उसे देख उठ कर ऊपर वाले कमरे में चला गया.
पांच मिनट बाद वो भी आ गयी.

उसने मेरा चेहरा पकड़ कर बोला- इतना गुस्सा. आपको तो बहुत ही ज्यादा गुस्सा आता है, ज़रा मेरी मजबूरी भी तो समझा करो.
मैं- पिछले 3 महीनों से समझता ही आ रहा हूँ.

कोमल- अब तो आ गयी हूँ ना. जान अब तो मुस्कुरा दो.
मैंने उसे जोर से गले लगाया. उसने भी मुझे अपनी बांहों में भर लिया.

काफी देर तक हम ऐसे ही चिपके रहे. उसके बाद मैं उसे किस करने लगा.

किस करते हुए मैंने उसे बिस्तर पर गिरा दिया और उसके ऊपर चढ़ कर किस करने लगा.

दस मिनट बाद वो भी मेरा साथ देने लगी.
मेरे हाथ उसकी कमर और पीठ पर घूम रहे थे.

फिर मैं उसके चूचों को दबाने लगा, जिससे उसे दर्द हो रहा था और मजा भी आ रहा था.

उसकी सांसें तेज़ हो रही थीं.
उसके चुचे दबाने पर उसके मुँह से ‘सीईईई …’ की आवाज आ रही थी जिसे सुनने में मुझे बहुत मजा आ रहा था.

फिर मैंने उसकी कुर्ती उतारने की कोशिश की, उसने थोड़ा विरोध किया पर मैं उतारने में कामयाब हो गया.

उसने सफेद रंग की ब्रा पहनी हुई थी.
मैं ब्रा के ऊपर से ही उसकी दोनों गेंदों को दबाने लगा.

उसके मुँह से ‘अम्म्म अहह …’ की आवाज आ रही थी.
जोर से चूची दबाने पर वो ‘सीईईई …’ की आवाज करती और धीरे दबाने को कहती.

अब मैंने अपनी टी-शर्ट निकाल दी और उसकी ब्रा भी निकाल दी.

अब हम दोनों ऊपर से नंगे हो चुके थे. उसके चूचे एकदम सफेद थे, जिन पर मटर के दाने के बराबर के ब्राउन निप्पल थे, जो उत्तेजना में कड़क हो गए थे.

मैं अब उसके नंगे चूचों को मुँह में भर कर चूस रहा था. पहले को दबाता और दूसरे को चूसता, फिर दूसरे को दबाता और पहले वाले को चूसता.

इसमें उसे भी मज़ा आने लगा था. उसके मुँह से कुछ तेज आवाजें आने लग गयी थीं.
वो मेरे सिर को पकड़ कर अपने सीने पर दबाने लगी.

दोनों दूध अच्छी तरह चूसने के बाद मैं नीचे आ गया.
उसकी नाभि और सपाट पेट पर हर जगह किस करने लगा.

पेट को चूमते हुए मैंने उसकी लैंगिंग्स को थोड़ा नीचे खिसकाया तो उसने मुझे पकड़ कर ऊपर खींच लिया.

फिर मैं उसे किस करने लगा और करवट लेकर उसे अपने ऊपर ले लिया.
वो मेरे ऊपर होकर मुझे किस कर रही थी.

मैं अपने हाथ उसकी नंगी पीठ पर फेरते हुए नीचे ले गया और उसकी लैंगिंग्स उतार दी.

अब वो सिर्फ पैंटी में थी. मैंने उसे भी झट से उतार दी और अलग फेंक दी.

उसकी चूत पर एकदम छोटे छोटे बालों के मुँह से निकले हुए थे, शायद उसने 3-4 दिन ही बाल साफ किए होंगे.

ये सब करते हुए हमें एक घंटा हो गया था.

मैंने उसे सीधा लेटाया और होंठों पर किस करने लगा. फिर गले पर किस करते हुए उसके चूचों पर किस किया.

नीचे आते हुए मैंने उसकी नाभि को चूमा और नीचे चूत पर आ गया.
मैंने उसकी चूत के ऊपरी हिस्से पर किस किया तो उसने अपनी दोनों टांगें बन्द करके अपनी चूत को छुपा लिया.

उसके पैर खोले मैंने और चूत पर टूट पड़ा.

अपनी चूत पर मेरे होंठ लगते ही उसके मुँह से आवाज निकलने लगी ‘आईई ईई सीईईई ईई …’
मुझे चूत चाटना पसन्द नहीं था पर सेक्स की मदहोशी में उसकी चूत को चाटने और चूसने लगा.

एकदम छोटी सी बहुत ही प्यारी चूत थी उसकी.
मैंने उसकी चूत को पांच मिनट चाटा उसका स्वाद कुछ नमकीन था.

फिर मैंने अपनी जींस और अंडरवियर दोनों उतार कर फेंक दी.
मेरा लंड पूरी तरह से कड़क हो चुका था.

मैं यहां कुछ लम्बी चौड़ी नहीं फेंकूंगा कि मेरा लंड बारह इंच का है या दस इंच का है.
मैंने अपना लंड टेप से मापा था. मेरे लंड का साइज छह इंच में बस कुछ ही सेंटीमीटर कम है. लंड की जड़ से दबाने पर ये छः इंच से कुछ बड़ा हो जाता है.

अब मेरी हालत खराब हो रही थी तो मैंने देर न करते हुए उसको पीठ के बल सीधा लेटा दिया और उसके ऊपर चढ़ गया.
मैंने अपना लंड उसकी चूत पर सैट किया और जोर लगाया, पर लंड चूत में गया ही नहीं.

तभी कोमल ने मुझसे कहा- आराम से करो … मुझे दर्द होगा.

मैंने कमरे में नज़र घुमाई तो मुझे नारियल तेल की डिब्बी दिखी.

उसे उठाकर मैंने अपने लंड पर अच्छी तरह से तेल लगा लिया.
फिर मैंने उसकी चूत में तेल से सनी हुई उंगली डाली, तो वो उचक गयी.

मैंने एक तकिया उसकी गांड के नीचे रखा और लंड चूत पर सैट कर दिया.

एक हाथ से उसके एक कंधे को पकड़ा और दूसरे हाथ से लंड को स्थिर रखने के लिए सहारा दिया.

अब मैंने अपने शरीर को वजन दिया, जिससे मेरे लंड का टोपा उसकी चूत में चला गया.
उसके चेहरे पर दर्द साफ दिखाई दे रहा था.

फिर मैंने अपने दोनों हाथों से उसके दोनों कंधे पकड़े और एक धक्का लगा दिया.
मेरा आधा लंड चूत में चला गया और उसके मुँह से रोते हुए स्वर में आवाज निकली आई- उई मम्मी रे … मर गई.

उसने मेरी छाती पर दोनों हाथ रखे और मुझे पीछे धकेलने की कोशिश करने लगी.
पर मैंने उसके कंधे अच्छे से पकड़ कर रखे.

मैं अपना आधा लंड ही आगे पीछे करने लगा पर वो कराहती हुए मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी.

मैंने उससे पूछा- क्या कर रही हो यार!
वो कहने लगी- मुझे दर्द हो रहा है. मेरे ऊपर से हटो, थोड़ी देर बाद ये सब कर लेना.

पर मैंने उसे कसके पकड़ कर रखा.
मैंने अपने दोनों हाथों से उसके चेहरे को पकड़ा और उसकी आंखों में देख कर कहा- जान, मेरे लिए ये दर्द बर्दाश्त कर लो.
उसने हम्म में जवाब दिया और मैं उसे किस करने लगा.

मैं हल्के हल्के से लंड को हिला रहा था.
जैसे ही वो थोड़ी नॉर्मल हुई, मैंने आखिरी धक्का दे मारा.

इस बार उसने मुझे अपनी ओर खींचा और जोर से किस करने लगी.

उसका एक हाथ मेरे गले में था और दूसरा मेरी पीठ पर था.

उसने मुझे काफी ताकत से पकड़ा था. एवं इस बार उसकी आंखों से आंसू निकल रहे थे.

मैं उसे किस कर रहा था और उसकी चूचियों को मसल रहा था.

पांच मिनट बाद उसने अपनी कमर हिलाई तो मैंने भी धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए.

उसे दर्द भी हो रहा था और मज़ा भी आ रहा था.

अब मैंने अपने धक्कों की स्पीड तेज कर दी.
मेरे हर धक्के के साथ उसके मुँह से एक आवाज निकलती और वो भी नीचे से धक्के लगा देती थी.

दस मिनट चोदने के बाद वो मुझे कस कर पकड़ कर झड़ गयी.

उसके झड़ने से पच्च पच्च की आवाज आने लगी.
मैं थोड़ी देर रुका क्योंकि वो थोड़ी ठंडी पड़ गयी थी.

फिर मैं वापस धक्के लगाने लगा.
गर्लफ्रेंड सेक्स का मजा लेती हुई, सी सी करती हुई मेरे चेहरे पर लगे पसीने को पौंछ रही थी और मेरे बिखरे बालों को सही कर रही थी.

अब वो एक बार और आने वाली थी उसने मुझे और मेरे लंड को जकड़ना शुरू कर दिया जिससे मैं भी नहीं टिक पाया.

लगभग 20 मिनट की चुदाई के बाद मैं उसकी चूत में ही झड़ गया.
वो भी मेरे साथ ही झड़ गयी.
मैं पांच मिनट उसके ऊपर ही पड़ा रहा वो मेरे पूरे चेहरे हो बड़े ही प्यार से चूम रही थी.

उसके बाद मैं उसके ऊपर से उठा.
मैंने देखा कि उस तकिये पर खून के धब्बे लगे हुए थे.

मैं कोमल को बाथरूम ले गया, उसे अच्छे से साफ किया.

फिर हमने कपड़े पहने और बाहर आने लगे मैंने देखा कि वो थकी हुई लग रही थी.
उसके बाद हम नीचे आ गए.

दीदी नीचे हॉल में अपना मोबाइल चला रही थीं.
हमें देखते ही वो छेड़ती हुई बोलीं- और कैसी रही तुम्हारी बातें?

मैं अपने चेहरे को इधर उधर घुमाने लगा.

फिर मैं कोमल को दीदी के पास छोड़ कर वापस ऊपर आ गया.

मैंने उस तकिये का कवर निकाल कर अपने पास रख लिया गर्लफ्रेंड सेक्स की निशानी के तौर पर!
थोड़ी देर बाद मैंने कोमल को घर जाने को बोल दिया.

वो घर चली गयी.
मैं भी चला गया.

अपने घर में मैं गर्म पानी से अच्छे से नहाया.
तब मुझे मेरी बांहों पर महसूस हुआ कि मुझे कोमल के नाखून लग गए हैं, जो साबुन लगाने पर जलन कर रहे थे.

रात को दस बजे मुझे कोमल का कॉल आया. उसने मुझे बताया कि उसको बुखार आ गया है.
मैंने उसे सॉरी बोला और आराम करने को बोला.

उसके बाद हम कभी मिल ही नहीं पाए.
मुझे किसी कारण कोमल से अलग होना पड़ा.

पर वो लड़की मेरे लिए बहुत ही लकी थी. उसके बाद से ही मेरी ज़िंदगी में लड़कियों का आने का सफर चालू हुआ.

दोस्तो, मेरी ये सच्ची टीन गर्लफ्रेंड सेक्स कहानी आपको कैसी लगी.
मुझसे जो गलतियां हो गयी हों, वो भी मुझे बताना ताकि अगली कहानी बेहतर तरीके से लिख सकूँ.
मुझे आपके मेल का इंतज़ार रहेगा.
[email protected]

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *