सेक्स विद मामी की इस कहानी में पढ़ें कि मैंने गलती से मामी को नंगी नहाते देख लिया। उनके गदराये बदन ने मेरा लंड गर्म कर दिया. मैंने उनको चोदने की ठान ली।
दोस्तो, मेरा सचिन है; मैं 23 साल का एक नौजवान युवक हूँ।
आज मैं आपको मेरे और मेरी गांव वाली मामी की देसी कहानी बताने जा रहा हूं।
यह सेक्स विद मामी एक सत्य घटना है ; आशा है कि आपको ये कहानी जरूर पसंद आएगी।
दोस्तो, मैं जलगांव (महाराष्ट्र) जिले में मैं मेरी फैमिली के साथ मामा के गांव रहता हूं। मामा का घर मेरे घर के बगल में ही है।
मेरी मामी का नाम वैशाली है। मेरी मामी 39 साल की एकदम गदरायी हुई औरत है।
दिखने में ज्यादा सुंदर नहीं लेकिन एकदम देसी जवानी से भरी सुडौल काया की मल्लिका है।
मामी का साईज 34-36-38 है। मामी के मम्में और गांड उनकी जवानी को चार चांद लगा देते हैं।
उनकी गांड एकदम उभरी हुई दिखती है। जो भी उनको चलते हुए देखे, उसका लौड़ा खड़ा होना ही होना।
गांव में होने के कारण वह ब्रा नहीं पहनती। उसकी वजह से जब चलती है तब उसके बूब्स और गांड एकदम मटकते रहते हैं।
पहले मेरे मन में मामी के बारे में कोई गन्दे विचार नहीं थे लेकिन पिछले साल कुछ ऐसा हुआ जिसकी वजह से उनका और मेरा रिश्ता बदल गया।
उस घटना के बाद हम मामी भांजे से बदलकर वो मेरी रखैल बन गयी।
तब मैं 20 साल का था।
एक दिन दोपहर को मैंने खाना खाया और खटिया पर लेटा हुआ था।
तब ही बाजू वाले घर से मामी ने आवाज लगाई।
उनके मोबाईल में कुछ प्रॉब्लम थी तो वो ठीक करने के लिए मुझे बुलाया था।
मैं गया तब उनके घर में कोई नहीं था, सिर्फ मामी ही थी; मामा खेत में गया था और उनके दो छोटे बच्चे गली में खेल रहे थे।
मैंने मामी से पूछा- क्या हुआ?
वो बोली- मोबाइल में देख तो जरा, कुछ भी नहीं आ रहा है।
मैं मोबाइल लेकर उसको चेक करने लगा।
मामी- क्या हुआ, कुछ पता चला?
मैं- इसमें स्पेस नहीं है इसलिए हैंग हो रहा है। कुछ फालतू की चीजें इसमें हटानी पड़ेंगी।
मामी- तो कर दे डिलीट!
मैं उनकी मोबाइल में गैलरी में गया और स्पेस डिलीट करने लगा।
तभी मेरी नजर गैलरी के वीडियो पर गई।
मामी के मोबाइल में बहुत सारे सेक्स वीडियो भरे हुए थे।
मैंने मामी के मोबाइल से सारे वीडियो डिलीट कर दिए।
अब मोबाइल थोड़ा हल्का चलने लगा।
फिर मैं वहां से निकल गया।
दूसरे दिन सुबह 5 बजे मैं जब सैर करने के लिए जा रहा था तब मुझे मामी के बाथरूम से कुछ आवाज आई।
गांव के बाथरूम मतलब सिर्फ चार लकड़ियां जमीन में गाड़कर उनको प्लास्टिक के कपड़े से लपेट दिया जाता है।
मतलब ऊपर से ओपन ही था।
मैं धीमे पांव चलकर बाथरूम की तरफ गया तो मैंने देखा कि वैशाली मामी नहा रही थी।
वो पूरी नंगी थी और साबुन अपने बूब्स पर रगड़ रही थी।
उसके वो खरबूजे जैसे विशाल वक्ष नंगे देखकर मैं पागल सा होने लगा।
मेरा लंड मेरी पैंट में हलचल करने लगा।
मामी को अंदाजा नहीं था कि मैं उसको छुपकर देख रहा हूं।
वो अपनी चूचियों को सहला रही थी और साबुन से नहला रही थी।
मैंने पहली बार किसी औरत को नंगी देखा था; मेरा साँप मेरी पैंट में तूफान मचाने लगा।
मैं वहाँ से निकल गया और सीधा अपने बाथरूम में गया और लंड को बाहर निकालकर मामी के नंगे जिस्म और सेक्स विद मामी की कल्पना करके मुठ मारने लगा और कुछ ही देर में मैं स्खलित हो गया।
अब मेरे मामी के प्रति विचार हवस भरे हो गए।
मैं रोज उनको चोदने के सपने देखता था; मुझे वो जब भी सामने आती तो मेरा लौड़ा उनको सलामी देने लगता।
कैसे भी करके मैं उनको पेलना चाहता था।
मामी रोज खेत में जाती थी मामा के साथ; उनके बच्चे स्कूल जाते थे।
इधर मैं मामी को पेलने के लिए मरा जा रहा था मगर मुझे कोई अवसर नहीं मिल रहा था।
फिर एक दिन चमत्कार सा हो गया।
एक रात मामा घर पर आया और बोला कि उसको किसी जरूरी काम से आठ दिनों के लिए राजस्थान में जाना है।
उन दिनों खेत में सिंचाई का काम चल रहा था।
तो मामा मेरे से बोला- तू मामी के साथ खेत में जाया कर और सिंचाई के काम में थोड़ी मदद किया कर।
मैं मामा की बात सुनकर एकदम खुश हो गया।
मामी के साथ पूरा दिन खेत में रहूँगा ये बात सोचकर मुझे बहुत खुशी हो रही थी।
मैंने मामा को हां बोला और मामा उसी रात राजस्थान के लिए निकल गया।
अगली सुबह मैं और मामी जल्दी उठ गए थे।
मामी ने मेरी भी रोटियां बना ली थीं और मुझे आवाज लगाई।
मैं उनके साथ चलने लगा; मामी आगे आगे और मैं उनके पीछे पीछे चल रहा था।
मेरी नजर मामी की गांड पर टिकी हुई थी।
वो चल रही थी तब उसकी गांड मटक रही थी। मंगल ग्रह के वो दो टुकड़े मेरे पजामे के तनाव को बढ़ा रहे थे।
ऐसा लग रहा था कि यहीं इसको नंगी करके पेल दूँ लेकिन मैंने अपने ऊपर संयम बनाकर रखा था।
थोड़ी देर के बाद हम खेत में पहुंच गए।
मामा का खेत बहुत अंदर था, उस तरफ काफी सन्नाटा था।
ज्यादातर खेत गांव के पास ही थे मगर मामा का खेत अड़चन वाली जगह पर था।
मामी ने वहां पहुँचकर मुझे बोला- देख ये है हमारा खेत!
ज्यादा बड़ा नहीं था खेत, मगर एकदम सुंदर जगह पर था।
मामी बोली- चल पहले मोटर चालू कर दे।
तो मैं मोटर की तरफ गया।
मोटर चालू करने के बाद मामी और मैं खेत में जो घास उग रही थी उसको काटने लगे।
मामी नीचे बैठकर काट रही थी जिससे उनकी गांड बहुत बड़ी और कामुक दिख रही थी।
काम के चक्कर में उनका पल्लू भी सरक गया था जिससे उनके आधे से ज्यादा मम्में दिख रहे थे।
पसीना आने के कारण उनका शरीर और भी ज्यादा कामुक लग रहा था।
तभी उनकी नज़र और मेरी नज़र एक हो गयी; उन्होंने मुझे उनके चूचे घूरते हुए देख लिया।
उनकी नजर मेरी पैंट के तनाव पर गयी। मेरे लंड की शेप को वो आंखें फाड़ कर घूर रही थी।
फिर उन्होंने अपना पल्लू ठीक किया और काम में लग गयीं।
मुझे आज कैसे भी करके उनको चोदना था तो मुझे एक आईडिया आया।
मैं जोर जोर से चिल्लाने लगा और अपने कपड़े झटकने लगा।
मामी तभी मेरे पास आकर बोली- क्या हुआ?
मैं- लगता है मेरी पैंट में कोई कीड़ा घुस गया है। मुझे काट रहा है।
मामी- तो पैंट निकालकर देख ले ना!
मैं- मामी मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है, आप ही देख लो न जरा!
नाटक करने लगा मैं!
मामी थोड़ी चौंक गयी लेकिन उसने बाद में मेरी पैंट नीचे करने को बोला।
फिर मैंने मेरी पैंट नीचे की और वो मेरी जांघ और पैर पर देखने लगी कि कोई कीड़े ने काटा है कि नहीं।
तभी मामी की नजर मेरे अंडरवियर में फ़नफनाते हुए लंड पर गयी।
वो मेरे हथियार का साइज देखकर शायद चौंक गयी थी क्योंकि उनकी आंखें मेरे लंड को अंडरवियर के बाहर से ही घूर रही थीं।
तभी मैंने मेरा अंडरवियर नीचे किया और मेरा लंड सीधा मामी के होंठों पर टिक गया।
उनके लिए यह बात अनपेक्षित थी इसलिए पहले वो घबरा गयीं और ऊपर उठकर मुझे डाँटने लगीं।
मामी- ये क्या कर रहा है तू? मैं तेरी मामी हूं। तुझे शर्म नहीं आयी ऐसी हरकत करते हुए?
मैं अभी भी मेरा लंड नंगा करके खड़ा था।
मैं- मामी मुझे आप बहुत पसंद हो, प्लीज मान जाइए ना?
मामी- तू पागल हो गया है क्या? तुझे मैं ऐसी वैसी औरत दिखती हूं क्या? तेरे मामा को घर आने दे, मैं उनको सब बता दूंगी।
मुझे मामी डांट तो रही थी लेकिन उनकी नज़र अभी भी मेरे तने हुए मूसल जैसे लंड पर टिकी हुई थी.
फिर मैंने जल्दी से आगे बढ़ कर उनका हाथ मेरे हाथ में लेकर मेरे लंड पर रखवा दिया।
मामी के हाथ में मेरा लंड जाते ही उसके चेहरे पर एक कामुक चमक आ गयी।
मगर फिर भी उसने लंड से हाथ हटा कर मुझे डांटना चालू कर दिया।
अब मुझे डर भी लगने लगा कि कहीं ये सच में मेरे घर और मामा को सब बता ना दे।
मगर अब जो होगा सो होगा ऐसा सोचकर मैंने ठान लिया कि आज तो इस गदरायी मामी को पेलना है।
मैंने मामी को मेरी बांहों में भींच लिया और उनको किस करने लगा।
फिर मैंने उनके होंठों को अपने होंठों में ले लिया और उनके रस भरे होंठों का रसपान करने लगा।
वो मेरा साथ भी ड़े रही थी पर मामी अभी भी मुझसे छुड़वाने का थोड़ा बहुत प्रयास कर रही थी।
फिर मैंने उनके ब्लाऊज के बटन खोल दिए जिससे उनके आधे मम्में दिखने लगे।
अब मैं एक हाथ से उनके मम्में दबाने लगा और उनके होंठों को भी ताबड़तोड़ किस करने लगा।
मामी धीरे धीरे शांत होने लगी; उनके चेहरे पर एक कामुक लहर छाने लगी।
शायद वो भी अब गर्म होने लगी।
लग रहा था कि अब वो मुझसे छूटने का बस नाटक कर रही थी।
तभी मैंने उनका ब्लाउज पूरा निकाल दिया।
अब उनके पपीते जैसे गोल और बड़े बोबे मेरे सामने नंगे हो गए।
मामी के बोबे नंगे होते ही वो शर्म से लाल होने लगी और अपने हाथों से बोबों को ढकने लगी।
उनके मम्मों को देखकर मेरा लौड़ा और ज्यादा फूल गया।
इधर मामी भी मेरे तने हुए लंड को देखकर हल्की सी मुस्करा रही थी।
मैं उनके चूचों को मसलने लगा तो मामी बोली- सचिन यह गलत है। हमारा रिश्ता क्या है और तू क्या कर रहा है?
मैं- कुछ गलत नहीं है मामी, आप डरिए मत, बस करने दीजिए।
मामी- किसी को पता चल गया तो मेरी बहुत बदनामी होगी।
मैं- किसी को कुछ भी नहीं पता लगेगा।
ये कहकर मैंने फिर से उनको दबोच लिया। उनको खेत में ही लिटा दिया और उनको किस करने लगा।
मामी भी अब ज्यादा नखरे ना करके मेरा साथ देने लगी।
मैंने दस मिनट तक मामी के होंठों का रस पिया।
फिर मैंने उनकी साड़ी और पेटीकोट निकाल दिया।
मामी अब मेरे सामने पूरी नंगी पड़ी थी।
मैं उनके बोबों पर टूट पड़ा। मुझे बोबों को मसलने और काटने में पूरा मजा रहा था।
मामी अब बहुत गर्म हो गयी थी और उनकी सिसकारियां निकल रही थीं- श्स्स … और दबाओ जोर से … खा जा मेरे बोबों को … पी ले पूरा दूध!
उनकी वासना बढ़ गयी.
बोबों को जी भर कर दबाने और मसलने के बाद मैंने मामी की चूत पर मेरी जीभ रख दी और चाटने लगा।
मामी की चूत पानी छोड़ रही थी।
वे मेरा सिर अपनी चूत पर दबाने लगी और जोर जोर से आहें भरने लगी- आह … बहुत मजा आ रहा है … तेरे मामा ने कभी ऐसा नहीं किया … आंउच … उईमा … आह …
मामी सिसकारियां निकालने लगी।
बहुत देर तक चूत चुसाई के बाद मैं भी बहुत गर्म हो गया और मामी भी मेरा लंड लेने के लिए तड़प रही थी।
मैंने मेरा लंड उनकी चूत पर सेट किया और मामी की तरफ देखा।
मामी मेरी तरफ वासना भारी नजरों से देख रही थी।
मेरा लंड उनके इस कामुक रूप को देखकर बहुत ज्यादा तन चुका था।
फिर भी मैं मामी को थोड़ा और तड़पाना चाहता था। मैंने मेरे लंड का सुपाड़ा उनकी चूत पर रखा लेकिन अन्दर नहीं डाल रहा था।
मामी ने मेरी तरफ सवालिया नज़र से देखा। वो मेरा लंड खाने के लिए इतना तड़प उठी कि लंड को अंदर लेने के लिए अपनी कमर को उठाने लगी।
उनकी हरकत देख कर मुझे बहुत मजा आ रहा था।
मामी- सचिन … और मत तड़पा … डाल दे अपना लंड मेरी चूत में … मैं मरी जा रही हूं … ओह … आह … पेल दे जल्दी मुझे!
अब मामी की चूत अंगार बरसा रही थी.
फिर मैंने मौके की नजाकत को समझ कर मामी को और तड़पाना ठीक नहीं समझा। लंड चूत पर सेट करके मैंने मामी के दोनों बोबों को हाथ में पकड़ा और नीचे से जोरदार झटका मारा।
एक ही धक्के में मेरा आधे से ज्यादा लंड मामी की फुद्दी को चीरता अंदर चला गया।
लंड के अंदर जाने से मामी को तकलीफ होने लगी; वो जोर से चिल्लाने लगी और अपना सिर इधर उधर पटकने लगी।
मैंने उनको नॉर्मल होने दिया और एक जोरदार झटका मारा जिससे मेरा पूरा का पूरा लंड मामी की चूत में समा गया।
मैं दे दनादन शॉट लगाने लगा।
मेरे हर धक्के के साथ मामी के बोबे झूले की तरह हिल रहे थे।
वैशाली मामी के झूलते बोबों को देखकर मैं और पागल होने लगा और ज्यादा ज़ोर से मामी को पेलने लगा।
मामी को अब बहुत मजा आ रहा था; वो अपनी कमर उठा उठाकर नीचे से मेरा लंड खा रही थी।
खेत में एकदम सन्नाटा होने के कारण हमारी चुदाई की फच-फच की आवाजें आ रही थी।
मामी अब पागल हुई जा रही थी। उन्होंने मेरे होंठों को अपने होंठों में ले लिया और काटने लगी।
उन्होंने अपने नाखून मेरी पीठ में गड़ा दिए, मेरे को उसने कसकर बांहों में ले लिया था और उनके पैर मेरे पैरों को जकड़ चुके थे।
मामी – आह … उईमा … अशsss … करो और जोर से चोदो मुझे … फाड़ दे मेरी चूत … तेरे मामा तो कुछ कर ही नहीं पाते … बरसों से प्यासी हूं … मिटा दे मेरी खुजली … आउच … चोद … जोर से चोद।
जो मामी थोड़ी देर पहले चूत देने से इनकार कर रही थी वो अब मेरे लंड को भूखी शेरनी की तरह अपनी चूत में खा रही थी।
उनकी कामुक बातों को सुनकर मेरा जोश और भी ज्यादा बढ़ रहा था।
मैं और जोर से उसकी ताबड़तोड़ ठुकाई करने लगा।
धक्के मारते मारते मैं उनके बोबों को काट रहा था। मामी मस्ती में उनका बोबा मेरे मुंह में दे रही थी।
उनकी चूत अब पानी छोड़ रही थी।
मैंने स्पीड बढ़ा दी।
25 मिनट की ताबड़तोड़ सेक्स विद मामी के बाद मेरा और मामी का पानी निकलने वाला था।
मामी ने अपना रस छोड़ दिया और निढाल हो गयी।
मेरा निकलने वाला था तो मैंने मामी को पूछा- कहां निकालूं?
मामी बोली- अंदर ही डाल दे, मैं तेरा अमृतरस मेरी चूत में लेना चाहती हूं।
मैंन दो धक्कों के बाद मेरी पूरी टंकी मामी की चूत में खाली कर दी और निढ़ाल होकर उसके ऊपर लेट गया।
हम दोनों एक दूसरे की बांहों में पड़े थे।
जबरदस्त चुदाई की वजह से हम दोनों पसीने से लथपथ पड़े थे।
हम काफी थक गए थे। एक दूसरे की बांहों में थोड़ी देर आराम करने के बाद हम उठ गए।
मेरी वैशाली मामी एकदम खुश थी।
कई दिनों बाद उनकी संतुष्टि हुई थी।
उस पूरे दिन में हमने 4 बार ठुकाई की। मैंने मामी की चूत का भोसड़ा बना दिया।
शाम को हम घर आ गए। हम दोनों काफी खुश थे।
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सेक्स विद मामी कहानी का अगला भाग: देसी मामी को खेत में पेला- 2