सिस मॅाम फक़ स्टोरी में पढ़ें कि मेरे दोस्त की नजर मेरी सौतेली मम्मी पर थी. मेरे पापा नहीं हैं तो मम्मी को भी लंड की जरूरत थी. उन दोनों ने एक दूसरे की जरूरत पूरी की तो मैंने भी …
दोस्तो, मेरा नाम आलोक है.
मेरे पापा ने मेरी मम्मी की मृत्यु के बाद दूसरी शादी कर ली थी.
उस वक्त मैं और मेरी बहन छोटे थे तो हम दोनों के पालन पोषण के लिए पापा ने दूसरी शादी कर ली थी.
मेरी नई मॉम और पापा में करीब दस साल का फर्क था.
पापा की मॉम से शादी होने के दो साल बाद उनकी एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई.
फिर मॉम को पापा की जगह सरकारी जॉब मिल गई और वे हम दोनों का पालन पोषण करने लगीं.
समय निकलते देर न लगी और हम दोनों भाई बहन जवान हो गए.
इधर मेरी दोस्ती अपनी सोसाइटी के ही एक लड़के तुषार से हो गई थी और वह मेरा पक्का दोस्त था.
हम दोनों साथ में कई बार लंड हिला चुके हैं.
तुषार हमेशा ही मेरे घर पर आया करता था.
मेरी मॉम भी उसे बहुत पसंद करती थीं.
यह सिस मॅाम फक़ स्टोरी मेरे दोस्त तुषार, मेरी सौतेली मां पुष्पा और बहन स्वाति के बारे में है.
मैंने देखा था कि वे तुषार को कुछ ज्यादा ही लिफ्ट दे देती थीं.
कभी उसके सामने ही कपड़े बदलने लगती थीं तो कभी बाथरूम से एक तौलिया लपेट कर बाहर आ जाती थीं.
ये सब मैं बड़ी उत्कंठा से देखता था.
पर अपनी मॉम को लेकर मेरे मन में पहले कुछ नहीं था.
मगर बाद में जब मैंने मॉम की हरकतों को देखा तो समझ गया था कि मॉम चुदासी हैं और इनको लंड चाहिए!
एक बार हम दोनों मॉम एंड सन सेक्स वीडियोज देख रहे थे और मूड में थे.
तुषार बोला- यार, ऐसी औरत चोदने को मिल जाए तो मजे आ जाएंगे भाई!
मैंने कहा- तेरी बात तो सही है यार … तू ये बता कि इसकी शक्ल अपने एरिया में किसकी तरह लग रही है?
तुषार ने कुछ आंटियों के नाम लिए और बोला- इन सबका नाम लेने से क्या फायदा. इन सबको तो रोज उनके पतियों का लंड मिलता ही है. कोई ऐसी माल देख जो कई दिनों से लंड की भूखी हो.
मैंने सेक्सी मूड में कह दिया- मेरी मॉम कैसी रहेगी भाई?
मेरे इतना कहते ही तुषार ने कहा- यार, मैं संकोच में नहीं कह रहा था. तेरी मॉम तो अंगार है. वो मिल गई ना … तो बस ये समझ की हमारे लौड़े चैन की चुदाई का मजा लेंगे. आंटी के साथ हम दोनों रोज सेक्स करेंगे. उसको छिनाल बना देंगे साली की फिगर बना देंगे. वैसे भी तेरे घर में हम दोनों के अलावा कोई और होता भी नहीं है.
हमने उस दिन मॉम के बारे में सोचकर अपने लौड़े हिलाए और माल टपका दिया.
उन दिनों छुट्टियों में मेरी बाईस साल की बहन भी घर पर आई हुई थी.
वह बाहर हॉस्टल में रह कर पढ़ रही है.
बहन के आने के दो दिन बाद हमारे रिश्तेदार के घर शादी थी तो मैं और मेरी बहन कार में जाने वाले थे.
मेरी बहन तैयार हुई थी और एकदम कड़क माल लग रही थी.
उतने में तुषार मुझसे मिलने आ गया.
मेरी मॉम और बहन उससे बातें कर रही थीं.
बहन उससे पूछ रही थी कि क्या चल रहा है वगैरह वगैरह.
मैं तैयार हो रहा था. मैं फ्रेश होकर रूम में आया तो देखा तुषार मेरी बहन को ही घूरे जा रहा था.
मुझे पता चल गया कि ये साला मेरी बहन की गांड को ही देख रहा है.
मैं साफ देख पा रहा था कि उसका लंड भी खड़ा हो गया था.
कुछ देर बाद हम लोग घर से निकल गए.
तुषार भी चला गया.
मेरी बहन उस दिन इतनी चिकनी लग रही थी कि क्या ही बताऊं.
उसे देख कर मेरा भी लंड खड़ा हो गया था.
मुझे ऐसा लग रहा था कि गाड़ी साइड में लगा कर इस रंडी को यहीं चोद दूँ.
कुछ देर बाद हम लोग शादी के प्रोग्राम में पहुंच गए.
वहां भी सारे लोग मेरी बहन को घूर रहे थे.
इधर मेरी मॉम ने तुषार को कॉल करके किसी काम से वापस घर बुला लिया था तो तुषार आ गया.
मॉम ने उसे किराना दुकान से सामान लाने भेज दिया.
कुछ देर बाद वह वापस आया और सामान देकर वहीं पर बैठ गया.
वह मेरी मॉम की गांड को घूर रहा था.
मेरी मॉम की गांड कुछ 36 डी साइज़ की रही होगी.
हालांकि मेरी मॉम विधवा हैं, लेकिन उनकी गांड और फिगर काफी मेंटेन है.
तुषार और मॉम में कुछ देर ऐसी ही बातें चलती रहीं.
फिर मॉम तुषार से कहने लगीं- तुम्हारी बॉडी मस्त है.
वैसे तुषार एक छह फीट लंबा और अच्छा खासा बॉडी वाला बंदा है.
उसका लंड सात इंच लंबा है.
तुषार बोला- हां आंटी, जिम में मेहनत करके बॉडी बनाई है.
मॉम ने कहा- यार, तुम आलोक को भी जिम में ले जाया करो.
तुषार ने कहा- आंटी, उसे तो कितनी बार कहा है, लेकिन वो आता ही नहीं. उसका स्टैमिना भी मुझसे कितना कम है.
मॉम ने हंसते हुए कहा- तुम्हारा स्टैमिना कितना है?
तुषार बोला- मैं जिम में 150 किलो का वजन उठाता हूँ रोज … और काफी कुछ कसरतें भी करता हूँ. एक झटके में दो सौ डिप्स लगाता हूँ.
उसकी बातें सुनकर मॉम गर्म हो रही थीं.
मॉम ने तुषार की बातें सुनकर उससे कहा- तुम्हारी कोई जीएफ है?
तुषार समझ चुका था कि आंटी चुदना चाहती हैं.
तुषार ने कहा- अरे कहां आंटी … कोई पटी ही नहीं.
आंटी ने कहा- मतलब तुम अभी भी वर्जिन हो?
‘हां आंटी कोई करने ही नहीं देती.’
तभी मेरी मॉम ने कहा- तुम्हें मैं कैसी लगती हूँ. मेरे साथ सेक्स करोगे?
इतना कहते ही तुषार सोफे से उठा और खिड़की के पास चेयर पर बैठीं मॉम के पास जाकर किसिंग करने लगा.
मॉम भी उसका साथ देने लगीं.
अब मॉम जोर जोर से सिसकारियां ले रही थीं- मेरे राजा आज मेरी सारी गर्मी मिटा दे … मैं कितने दिनों से तुझसे चुदना चाहती थी तुषार!
तुषार ने मॉम के ब्लाउज के ऊपर से ही उनके दूध दबाना शुरू कर दिए.
फिर तुषार ने मम्मी के साड़ी के अन्दर हाथ डाला और उनकी चूत को सहलाने लगा था.
मॉम ने भी तुषार के 7 इंच लंड को हाथ में ले लिया और वे उसे मजे से सहला रही थीं.
तुषार ने मम्मी को गोद में उठाया और हमारे बेडरूम में अन्दर ले गया.
उसने मॉम को बेड पर लुढ़का दिया.
मम्मी अब पूरी नंगी हो चुकी थीं.
मम्मी ने तुषार का पैंट निकाला और उसका 7 इंच लंबा लंड देखकर मानो पागल सी हो गईं.
वे कहने लगीं- मैंने आज तक इतना लंबा लंड नहीं देखा.
“रुक रंडी … आज मैं तेरी सारी खुजली मिटा देता हूँ मेरी रानी.”
वे भी कहने लगीं- हां, आज मेरी आग बुझा दे.
तुषार- पहले लंड चूस कुतिया.
मॉम ने झट से तुषार का लंड मुँह में भर लिया और मेरी मॉम उसके लंड को ऐसे चूस रही थीं मानो कितनी बड़ी छिनाल हों.
मॉम ने कुछ मिनट तक तुषार का लंड चूसा और उसका लंड चूस चूस कर 8 इंच का कर दिया.
फिर तुषार ने मम्मी की चूत पर लंड को रखा और पहला झटका दिया.
लंड के अन्दर घुसते ही मेरी मां की बड़ी जोर से आवाज निकली.
वे कराहती हुई कहने लगीं- साले भोसड़ी के, आज तक मेरे पति ने इतने अन्दर तक लंड नहीं डाला. मादरचोद मेरी जान लेगा क्या आज!
तुषार ने उनकी बातों को एक कान से सुना और दूसरे कान से बाहर निकाल दिया.
उसने अब जो शॉट मारना शुरू किया तो मॉम की फट गई.
मगर कुछ ही देर में मॉम भी उछल उछल कर मेरे दोस्त के मोटे लंबे लंड से चुदने के मजे ले रही थीं.
मॉम कहने लगीं- तूने तो मुझे जवानी के दिन याद दिला दिए … आह चोद दे मेरी जान.
वे दोनों लोग चुदाई में इतने व्यस्त थे कि दरवाजा खुला ही छोड़ दिया था.
रात के 9 बज गए थे और वे दोनों धकापेल में लगे थे.
चुदाई शुरू होने से पहले जब तुषार को लगने लगा था कि वह मेरी मॉम को चोद देगा, तभी उसने मुझे मैसेज से बता दिया था कि जल्दी से घर आ जा.
मैंने उसके मैसेज को पढ़ लिया था और अपनी बहन को शादी से घर ले आया.
घर आते ही देखा कि मेरी मां पूरी नंगी होकर बेड पर लेटी थीं और तुषार मम्मी के ऊपर चढ़ा हुआ था.
उन दोनों की फुल मस्ती में चुदाई चल रही थी.
हम दोनों बहन भाई ये देख कर शॉक हो गए.
फिर जैसे ही मम्मी ने हम दोनों को देखा तो वे अपने आपको बेडशीट से छुपाने लगीं.
लेकिन ये सब देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया था.
मैंने अपनी बहन को देखा, वह तुषार के लंड को घूर रही थी.
तुषार ने कुछ न सोचते हुए कहा- आ जाओ, तुम भी मजे ले लो दीदी.
यह कहते ही मेरी दीदी जरा गर्म हो गई थीं और शायद उनके मन में ये आ गया था कि जब मॉम को चुदवाने में कोई हर्ज नजर नहीं आ रहा था तो उन्हें क्या दिक्कत थी.
उन्होंने वासना भरी आंखों से मेरी तरफ देखा तो मैंने भी सर हिला कर उन्हें चुदने की अनुमति दे दी.
उसी समय तुषार ने दीदी को उठाकर बेड पर लिटा दिया और उनके कपड़े फाड़ने लगा.
इधर मैंने भी कपड़े उतार दिए और जाकर अपनी मॉम के दूध दबाने लगा.
मैं मॅाम फक़ के लिए तैयार था.
तुषार ने मेरी बहन को चूमते हुए कहा- साली चिकनी, कितनी हॉट है दीदी तू … मेरा कितने दिन से तेरे ऊपर दिल आया था. तेरी गोल मटोल छोटी सी गांड छोटे छोटे चूचे और तू इतनी क्यूट है कि बस कुछ ही मत पूछो.
ये कहकर तुषार ने दीदी के चूत पर थूक लगा दिया और लंड घुसाने लगा.
पहले तो लंड जा ही नहीं रहा था, फिर झटका देने के बाद अन्दर घुस गया.
लंड अन्दर जाते ही मेरी बहन चिल्लाने लगी- उई मम्मी … इतना बड़ा लौड़ा … आह जल्दी बाहर निकाल साले तुषार … मेरी फट गई … आह इसे बाहर निकाल कुत्ते … बहुत दर्द हो रहा है.
तुषार कहां कुछ सुनने वाला था … उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी और दीदी की चूत में जोर जोर से धक्का लगाने लगा.
कुछ ही देर में उसने मेरी बहन की चूत का मानो भोसड़ा बना दिया था.
इधर मैं अपनी मम्मी की चूत में लंड पेल कर उन्हें चोदे जा रहा था.
काफी देर तक मस्त चुदाई चली.
फिर हम दोनों झड़ गए और हमारे नीचे दबी मेरी मॉम और बहन भी तृप्त हो गईं.
हम सब नंगे एक दूसरे से लिपट के सो गए.
उस दिन के बाद हर दो दिन में हम सब मजे करते हैं.
तुषार ने मेरी मम्मी को चोद चोद कर चौड़ा कर दिया है, उनकी गांड फुला दी और चूचे भी बड़े बड़े कर दिए हैं.
मेरी बहन की छोटी सी गांड को भी हम दोनों दोस्तों ने मिल कर बड़ा कर दिया है.
अब हम चारों कहीं भी और कभी भी चुदाई कर लेते हैं.
कभी बाथरूम में, कभी किचन में, तो कभी हॉल में.
दोस्तो, यह एक सच्ची सेक्स कहानी है. आपको कैसी लगी यह सिस मॅाम फक़ स्टोरी?
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