अपनी सेक्सी पड़ोसन की चुदाई का मौक़ा मुझसे ही हुई एक गलती के कारण मुझे मिला. एक बार मोबाइल में कुछ देखते हुए मैं पड़ोसी के घर में घुस गया.
मैं राज अहमदाबाद गुजरात से फिर से हाजिर हूं आपके लिए एक मजेदार स्टोरी के साथ।
सबसे पहले आप लोगों का दिल से धन्यवाद जो आपने मेरी पिछली स्टोरी
प्यार सेक्स और चुदाई के अरमान पूरे किये
को इतना प्यार दिया।
बहुत सारे पाठक और पाठिकाओं के मेल भी आए।
आप सभी को शुक्रिया।
अब मैं अपनी नई स्टोरी पर आता हूँ, जो एक बहुत रोमांचित करने वाली सेक्सी पड़ोसन की चुदाई की रियल सेक्स स्टोरी है।
अपने बारे में बता दूँ … मैं साल का जवान मर्द हूँ। मेरी हाईट 6 फीट है और एक बड़े लन्ड का मालिक हूँ जो किसी को भी बहुत अच्छे से संतुष्ट कर सकता है।
आजकल सब को मोबाइल में बहुत काम रहता है। वट्सेप, फेसबुक जैसे सोशल मीडिया के साथ में बहुत सारे काम की कंपनी की एप और मेल भी हम लोग मोबाइल से ही करने लगे हैं।
इस फोन में हम लोग इतने उलझ गए हैं कि कभी कभी पता ही नहीं चलता कि हम क्या कर रहे हैं, किधर जा रहे हैं।
इसी मोबाइल में उलझ जाने की वजह से ही एक प्यार भरा सेक्स का हादसा हो गया।
वही मैं आप के साथ शेयर कर रहा हूँ।
मैं अहमदाबाद में एक बहुमंजिला इमारत में चौथे माले पर फ्लैट में रहता हूँ।
एक दिन काम से आते वक्त मैंने फ्लैट में जाने के लिए लिफ्ट ली और चार नंबर दबा दिया।
पर वो गलती से 5 नंबर दब गया।
मैं फोन में उलझा हुआ था तो मुझे अपनी गलती पता नहीं चली और मैं पांचवीं मंजिल पर पहुंच गया।
लिफ्ट के बगल में ही मेरा घर था तो मैंने घर और घर का दरवाजा देखे बिना डायरबेल बजाई।
मैं तो फोन में उलझा हुआ था। मुझे पता ही नहीं था कि मैं चौथे माले पर मेरे घर पर नहीं, पर पांचवे माले पर वर्मा जी के यहाँ चला गया हूं।
अब मेरी आदत यह है कि मैं घर आते ही अपनी बीवी को हग करता हूँ।
मैंने डोरबेल बजाई तो दरवाजा खुला।
और मैंने घर में जाते ही वर्मा जी की पत्नी को अपनी बीवी समझ कर हग किया।
पर तब मुझे अहसास हुआ कि ये शायद मेरी बीवी नहीं है।
मैंने देखा तो वर्मा जी की बीवी, श्वेता वर्मा वहा खड़ी थी जो तकरीबन 30 साल की होगी।
गलती से मैंने उसे हग कर लिया था।
मैं तुरंत उनसे अलग हुआ और बोला- सॉरी, मुझसे गलती हो गई। काम के चक्कर में, मोबाइल के चक्कर में इतना उलझा था कि मुझे पता ही नहीं चला कि मैं अपने घर में नहीं, आपके घर में आ गया हूँ। आप प्लीज बुरा मत मानना और किसी को बताना मत!
वैसे मैं अपनी सोसायटी का सेक्रेटरी हूँ, मेरी एक स्वच्छ छवि है।
तो वो भी मेरी रिस्पेक्ट करती है।
मैंने उनसे माफी मांगी और बिना उनके हावभाव को देखे फटाफट सीढ़ी उतर के अपने घर आ गया।
मेरी बहुत फट रही थी।
आते ही मैंने शावर लिया और थोड़ा रिलेक्स होने की कोशिश की।
रात को में बाहर टहलने निकला तो नीचे श्वेता वर्मा उसके पति के साथ सोसायटी गार्डन में बैठी थी।
मैंने कुछ बोले बिना सीधा ही टहल कर वापस आ गया।
शायद श्वेता ने अपने पति को कुछ नहीं बताया था … नहीं तो झगड़ा जरूर हो जाता।
थोड़े दिन ऐसे ही नॉर्मल बीते।
कुछ दिन बाद श्वेता मुझे लिफ्ट में मिली और मेरी तरफ देख के हंसने लगी।
मैंने उनसे फिर से सॉरी बोला और वो हंस कर निकल गई।
कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा।
पर जब महीना पूरा हो गया तब मुझे सबसे मेंटेनेंस के पैसे लेने थे।
तब मेरे को ये समझ नहीं आ रहा था कि उनके घर पर कैसे जाऊं।
फिर भी मैं उनके घर गया तो श्वेता वर्मा अकेली थी।
मैंने उन्हें मैंनेटेंस के बारे में पूछा तो वो हंसती हुई बोली- आज तो गलती से नहीं आ गए ना?
और जोर से हंसने लगी।
मैंने फिर से माफी मांगी और बोला- गलती हो गई। उस दिन से मैंने चलते वक्त फोन इस्तेमाल करना ही बंद कर दिया है।
तो वो बोली- तो मैं आप को फोन कैसे करूंगी। सोसायटी का कुछ काम रहा तो! आप तो फोन उठाओगे नहीं ना?
मैं बोला- आप कभी भी मुझे फोन कर सकती हैं। आप के पास मेरा नंबर तो होगा ही!
तो उसने मुझे मिसकॉल किया और बोली- ये मेरा नंबर है।
“सकी आंखों में एक शरारत थी जो मैं पढ़ सकता था।
मैंने उसके नंबर को सेव किया और ऑफिस जाने के बाद उसे मैसेज किया सॉरी करके।
उसने मेरे से बाद में नोर्मल बातें की।
बात करते हुए वो बोली- अब कभी आना पड़े तो गलती से नहीं, ऐसे ही चले आइए।
“पर फिर से मुझसे हग हो गया तो?” मैं फ्लर्ट करते हुए बोला।
वो बोली- आप करिए तो सही, हम बुरा नहीं मानेंगे। आपकी मजबूत बांहों में पहली बार हमें मर्दाना एहसास हुआ। नहीं तो हर बार वही ढीला सा मेरे पति का बदन।
और वो बोलते हुए अटक गई।
आप को उनके और उनके पति के बारे में बता दूँ।
श्वेता 30 साल की खूबसूरत लड़की है। तकरीबन 45 किलो वजन, सेक्सी बदन, सुनहरी गोरा रंग।
गोल्डन रंग किए हुए बाल, और 36-30-34 का बदन है।
दिखने में बहुत खूबसूरत है।
पर उनका पति लम्बा सूकही लकड़ी की तरह बदन वाला आदमी था जिसमें कोई ताकत नहीं थी।
ऐसा लगता था कि कौवा हंसीनी को ले गया।
कोई मेल नहीं था उनका!
कोई भी लड़की यही चाहती है कि कोई उसे भरपूर प्यार करे, जिसके साथ वो सेफ महसूस कर सके। जिसके साथ प्यार में एक मर्दाना अहसास हो।
पर कई सारी औरतें अपने उस प्यार की चाहत को पूरा नहीं कर पा रही।
मेरी और श्वेता की अब रोज बात होने लगी।
सुबह के गुडमॉर्निंग के मैसेज से रात के गुड नाइट मैसेज तक!
हम लोग फोन के जरिये हमेशा साथ में ही रहते थे और ढेर सारी बातें करते थे।
रहने को हम ऊपर नीचे फ़्लैट में अलग अलग रहते थे, पर वैसे पूरे दिन एक दूसरे के साथ ही रहते थे। और बातों ही बातों में हम एक दूसरे को सब बातें शेयर करते थे प्यार की, सेक्स की।
कभी कभी मैं अब जानबूझ कर सीधा ही उनके घर पर चला जाता और चाय नाश्ता करके, किस करके आ जाता था।
एक दिन सुबह को मैं टेरेस पर जा रहा था।
तभी देखा कि उनका पति जॉब के लिए निकल रहा था।
मैं टेरेस से नीचे उतरा तो देखा तो उसका दरवाजा खुला हुआ था।
तो मैं अंदर चला गया।
वो जैसे मेरी ही प्रतीक्षा कर रही थी।
जाते ही मैंने किस कर लिया।
तो वो बोली- मैं आप का ही इंतजार कर रही थी। मुझे पता था। आप जरूर आओगे।
मैं बोला- आता क्यों नहीं … तुझे मिलने का एक भी मौका मैं ना छोड़ूं।
“तो आज मत जाओ, जॉब पर और यहाँ आ जाओ।”
मुझे तो इतना ही चाहिए था।
मैं घर पर जाकर बैग पैक करके निकला और नीचे की तरफ लिफ्ट की ताकि मेरी पत्नी को ऐसा लगे कि मैं नीचे गया हूँ।
फिर मैं 5 नम्बर दबाकर सीधे श्वेता के घर पे चला गया।
उसका घर का दरवाजा खुला हुआ ही था।
मैंने अंदर जाते ही घर का दरवाजा बंद किया और सीधा श्वेता को बांहों में भर लिया।
श्वेता मेरी बांहों में समा गई।
वो हाईट छोटी थी 4’9″ की और मैं ठहरा 6 फीट लंबा।
तो मैंने उसे ऊपर उठा लिया और होंठों में होंठ मिलाकर चुम्बन करने लगा।
वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी।
मैंने पागल की तरह उसके चेहरे के ऊपर किस की बारिश की बौछार कर दी।
उसके गुलाबी होंठों के ऊपर मैंने बहुत किस की और उसे बाइट भी किया। उसके रसीले होंठों को काफी देर तक किस करने के बाद मैंने नीचे उतारा।
वो मेरे कंधे तक भी नहीं पहुंचती थी पर प्यार के मामले में बहुत मस्त थी।
उसको अपने ऊपर उठा के किस करने का मजा ही अलग था।
फिर मैंने उसे उठा लिया और सीधे उसे बेड पर पटक दिया और किस करने लगा।
उसने शॉर्ट और टीशर्ट पहना हुआ था।
धीरे धीरे उसके कपड़े निकलते गए और वो मेरी बांहों में समाती गई।
उसका टीशर्ट, ब्रा और लोवर मैंने उतार दिया और भूखे शेर की तरह मैं उसके ऊपर टूट पड़ा।
मैंने उसके गले को पकड़ कर किस की और उसके गले को इस तरह से बाइट किया जैसे कोई शेर हिरण का शिकार करते वक्त उसके गले को पकड़ता है।
उसके गले में मेरे बाइट का निशान पड़ चुका था।
वो हिरनी की तरह छटपटाने लगी।
पर मैं कहाँ उसे छोड़ने वाला था और शायद वो खुद भी नहीं छूटना चाहती थी।
मैंने उसको बांहों में से छोड़ा और उसके बड़े बड़े चूचों को पकड़ लिया और उन्हें चूसने लगा।
वो सिसकारियां लेने लगी और मेरे माथे को अपने हाथों में भींच कर उसके चूचे की तरफ दबाने लगी।
मैं उसके निप्पल चूसने लगा।
फिर उसके निप्पलों को मेरे दोनों दांतों के बीच में भर कर अपनी जीभ से उसे दायें बायें घुमाने लगा।
वो इस तरह के चूसने से वो पागल हो गई और फिर ज़ोर ज़ोर से उसके उभार को दबाने और चूसने लगा।
निप्पलों को इस तरह से चूसने से वो बुरी तरह से सिसकारियां लेने लगी।
तब मैं उसकी जांघों को किस करने लगा और उसकी जांघों को किस करते हुए उसकी चूत की ओर आगे बढ़ा और उसपर किस किया।
उसकी चूत में से अलग ही किस्म की खुशबू आ रही थी जो मुझे पागल कर रही थी।
मैंने उसकी चूत को चूसना शुरू किया।
हाँ … चूत को किस करना नहीं बल्कि उसे चूसने में जो मजा है, वो अदभुत है।
मैंने उसकी चूत के दोनों होंठों को अपने दोनों हाथों से पकड़ा और उसकी भगनासा के दाने को अपने मुंह में लेकर चूसने लगा।
फिर मैंने उसके पेट की नाभि में जीभ घुसाकर चाटा.
उसके बाद मैंने उसे उलटा किया और उसके चूतड़ों को कहता, उनपर दांतों से काटा.
फिर मैंने श्वेता की गांड तक को एक कुत्ते को तरह चाटा।
इस तरह की लंबी लंबी किस और चाटने से श्वेता की चूत पानी छोड़ने लगी।
उसने इतना पानी छोड़ा जैसे वो मूत दी हो और मैं उस पानी को सब पी गया।
उस पानी में अलग ही खुशबू थी और टेस्ट भी अलग ही था।
मैं जैसे मदहोश हो चुका था।
श्वेता भी बहुत मजे ले रही थी। वो बुरी तरह से सिसकारियां ले रही थी और और हांफ रही थी।
वो बोली- यार, कमाल कर दिया तुमने, अभी तक कहाँ थे तुम! इतना पहली बार मैं झड़ी हूँ।
मैं बोला- अभी तो ये शुरुआत है, अभी मैं जमकर तुम्हारी ठुकाई करूंगा, तब तुम बोलना!
फिर मैंने उसकी नंगी टाँगें चौड़ी की ओर उसके उसके ऊपर आ गया। मैंने उसके दोनों हाथ मेरी बांहों में दबा लिए और उसकी चूत की दरार में अपना मोटा लण्ड फिराने लगा.
फिर एक झटके से मैंने उसकी चूत में लंड डाल दिया।
वो इस झटके के सहम गई।
मैंने उसे जोर से जकड़ लिया।
फिर मैं उसकी चूत को धीरे धीरे चोदने लगा।
साथ में मैं उसके होंठों को किस कर रहा था और पागल की तरह उन्हें चूस रहा था।
मैंने उसके गले पर एक लम्बा किस किया जिससे लव बाइट का निशान हो गया।
मैं उसको पागल की तरह चोद रहा था।
फिर मैं उसके दोनों पैरों को उठा कर उसको चोदने लगा।
इससे लन्ड पूरा उसकी चूत में जा रहा था।
पांच मिनट तक लगातार चोदने के बाद मैं फिर उसे दूसरे आसन में बदल कर चोदने लगा।
वो भी शायद काफी वक्त के बाद ऐसी अच्छी खासी चुदाई का मजा ले रही थी।
फिर मेरा जब होने को आया तो मैं उसकी चूत में ही झड़ गया।
मैंने उसकी पूरी चूत मेरे लावा से भर दी और मैं उसके ऊपर ही लेट गया।
थोड़ी देर बाद मेरी आंख खुली तो फिर से चुदाई का खेल शुरु कर दिया।
उसको मैंने शाम के पांच बजे तक पांच बार अलग अलग तरीके से सेक्सी पड़ोसन की चुदाई की।
शाम को उससे चला भी नहीं जा रहा था।
जैसे तैसे उसने घर का सब काम निपटाया और जल्दी ही सो गई।
दूसरे दिन मैं जॉब के लिए एक घंटा पहले निकल गया और सीधे उसके घर गया।
मैंने उसके पूरे बदन को मालिश की और एक जल्दी वाला सेक्स का एक राउंड लेकर ऑफिस पहुंच गया।
काफी लंबे अरसे तक मैंने उसको चोदा और फिर मेरी ट्रांसफर हो गई और मुझे वो शहर छोड़ना पड़ा।
पर आज भी जब भी हमें मौका मिलता है, हम जरूर मिलते हैं।
प्रिय पाठको, मैं आशा करता हूँ कि आपको मेरी सेक्सी पड़ोसन की चुदाई की कहानी पसंद आई होगी।
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