सेक्सी मौसी चुदाई कहानी में पढ़ें कि मैंने एक दिन मौसी को नंगी देख लिया तो मेरा मन उनकी चूत चुदाई का होने लगा. लेकिन मुझे नहीं पता था कि मौसी मेरे से भी ज्यादा गर्म निकलेंगी.
दोस्तो, मेरा नाम विशाल है और ये मेरी पहली सेक्स कहानी है. यदि कोई गलती दिखे, तो प्लीज नजरअंदाज कर माफ़ कर दीजिएगा.
मेरी उम्र 23 साल है और मेरा रंग साफ है, लेकिन लंड काला है व छह इंच का खासा मोटा है.
यह सेक्सी मौसी चुदाई कहानी दो साल पुरानी उस समय की है, जब मेरा कॉलेज खत्म होने वाला था. वो ठंडी का मौसम था.
मेरी मौसी एक खूबसूरत हुस्न की मालकिन हैं. उनकी उम्र 42 साल है. वो कभी अपने पहनावे पर ज्यादा ध्यान नहीं देती हैं … लेकिन उनका फिगर 34-30-36 का है, जो उन्हें कामुक बनाता है.
उनके दो बच्चे हो गए हैं … लेकिन आज भी वे बड़ी मस्त माल लगती हैं.
मौसी के दोनों बच्चे अभी स्कूल में पढ़ते हैं. एक लड़का तीसरी क्लास और एक लड़की पांचवी क्लास में है.
इस बात से आप हैरान मत हो जाना दोस्तो, उनकी शादी देरी से हुई थी.
मेरा परिवार गांव में रहता है, तो मैं मौसी के साथ रहकर कॉलेज पढ़ाई कर रहा था और मैं स्वभावत: बहुत कामुक हूँ.
इमारत के सबसे ऊपर तीसरे माले पर उनका घर था. दो रूम, एक किचन और एक बाथरूम था.
एक रूम में मैं सोता था; एक रूम में वो अपने बच्चों और मौसा जी के साथ सोती थीं.
मुझे रोज सुबह जल्दी कॉलेज जाना होता था और मैं अपने समय के हिसाब से तैयार होकर चला जाता था.
मौसी के घर में बाथरूम एक ही था.
उस दिन मुझे देर हो रही थी और मैं जल्दी में बाथरूम में घुस गया.
तब मैंने देखा कि मेरी मौसी बाथरूम में नंगी नहा रही हैं.
थोड़ी देर के लिए तो मैं उन्हें बस देखता ही रह गया.
मौसी मेरी ओर देख कर हंस दीं और बोलीं- ऐसे क्या देख रहा है?
तब मुझे होश आया कि मैं कहां हूँ और क्या देख रहा हूँ.
मैं बाहर निकल आया.
फिर जब मौसी नहा कर बाहर निकलीं तो मैं अन्दर घुस गया और जल्दी से तैयार होकर कॉलेज चला गया.
सुबह वाला वो नज़ारा बार बार मेरी आंखों के सामने आ रहा था.
मैंने आज से पहले कभी ऐसा महसूस नहीं किया था.
मेरे दिमाग में मौसी को चोदने के विचार आ रहे थे.
मैंने सब भूलना चाहा, पर नहीं हो पाया.
जब मैं वापस घर आया तो अपनी मौसी से नज़रें नहीं मिला पा रहा था.
तब मौसी के दिमाग में एक खेल चल रहा था, वो मैं समझ ही नहीं पाया था.
उस दिन से उन्होंने मुझे दूसरे रूम में सोने को बोल दिया.
उसके दो दिन बाद शनिवार को स्कूल कॉलेज बंद थे और मैं देर तक सोता रहा था.
उस वक्त मैंने टी-शर्ट और ट्रैक पैंट पहनी थी.
मौसा जी अपनी दुकान पर चले गए थे.
बच्चे भी उनके रूम में सो रहे थे.
मौसी सुबह को झाड़ू लगाती हुई मेरे रूम में आईं तो उनकी हलचल की वजह से मेरी नींद खुल गयी पर मैं सोने का नाटक करता रहा.
सुबह की रोशनी की वजह से मैंने रजाई चेहरे पर डाल रखी थी मगर वो रजाई एक जगह से फटी थी, जहां से मैं मौसी की हरकतें देख रहा था.
मौसी ने एक टी-शर्ट और सलवार पहनी हुयी थी.
मैंने नोटिस किया कि वो बार बार मेरे लंड की ओर देख रही थीं.
फिर उन्होंने धीरे से पास आकर मेरे पैरों पर हल्के से हाथ फेरा.
इस वजह से मेरे शरीर में झुरझुरी सी दौड़ गयी.
वे थोड़ा मुस्कुराईं और आगे बढ़ कर मेरे नंगे पैरों पर हाथ फेरना शुरू कर दिया.
मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था तो मैं यूं ही सोया रहा.
दस मिनट बाद उन्होंने रजाई के अन्दर हाथ डालते हुए मेरी टी-शर्ट थोड़ी ऊपर की और पेट पर हाथ चलाने लगीं.
मेरा लंड अपने आकार में आने लगा.
तब उन्होंने अचानक से मेरा लंड पकड़ लिया.
उनकी इस हरकत से मैं एकदम से बौखला गया और उठ गया.
बदमानी के डर की वजह से मैं डरा हुआ था लेकिन मौसी हंस रही थीं.
फिर उन्होंने मुझे गले लगाना चाहा मगर मैं बोला- मौसी, ये गलत है.
तब उन्होंने मुझे बताया कि अगर हम किसी को न बताएं, तो किसे पता चलेगा!
फिर मौसी ने मुझे चुदाई के बारे में बताया और लंड और चूत के रिश्ते के बारे में बताते हुए कहा कि दुनिया में सिर्फ लंड और चूत में चुदाई का रिश्ता होता है, बाकी सब तो हमारे समाज के बनाये गए कानून हैं.
उनकी बातों मैं आकर मैं भी बहक गया.
उस वक्त वो मेरे पास ही बैठी थीं और मैं उनके बूब्स से खेलने लगा.
तब उन्होंने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी.
इस उम्र में भी उनके बूब बहुत भरे हुए और सख्त थे.
मैं जोर जोर से उनके मम्मों का रस निकालने लगा.
मौसी कामुक होने लगी थीं.
उनकी मादक आवाज निकली- आह … आहिस्ता दबाओ.
मैं- मौसी में आपको नंगी देखना चाहता हूँ.
सच बता रहा हूँ दोस्तों, ये बोलते वक्त मेरी गांड फट गयी थी.
मौसी- अच्छा बेटा … इतनी जल्दी हिम्मत बढ़ गई. ठीक है, तू खुद ही उतार दे मेरे कपड़े!
मैं जैसे ही उनके कपड़े निकालने को आगे हुआ, उसी वक्त उनके बेटे ने उन्हें आवाज़ लगा दी और वो जल्दी से चली गईं.
उनका बेटा उस वक्त उठ गया था.
मैंने आधे घंटे तक अपना फ़ोन चलाया और नहाने चला गया.
मौसी- तू थोड़ी देर रुक जा, मैं पहले इन दोनों को रेडी कर देती हूँ. बाद मैं तुझे भी कर दूंगी.
उनकी ये बात मैं समझ गया और घर देखने लगा.
कुछ देर बाद उनके बच्चे रेडी हो गए, तब उन्होंने मुझे बाथरूम जाने को बोल दिया, मैंने वैसा ही किया.
उतनी देर में उन्होंने बच्चों को नाश्ता कराया और उन्हें खेलने के लिए भेज दिया.
उसके बाद उन्होंने घर का मुख्य दरवाजा अन्दर से बंद कर दिया और बाथरूम का दरवाजा खटखटाया.
मैंने कुंडी खोल दी और वो अन्दर घुस आईं.
मैं अन्दर नंगा होकर नहा रहा था और मेरा औज़ार तनकर खड़ा था.
वो मेरा कड़क लंड देख कर बोलीं- कितना बड़ा है! तेरे मौसा का तो इससे आधा ही है.
मैं बोला- मेरा लंड छह इंच का है. अब आप अपने भी कपड़े उतारो ना!
मौसी- ज्यादा जल्दी है, तो खुद ही उतार दे.
मैंने जल्दी में मौसी के कपड़े उतारे और उनके बूब्स चूसने लगा.
मौसी- ऐसे नहीं करते बेटा, पहले मैं करती हूँ ठीक है … ध्यान से देखना.
मैं- ओके.
फिर मौसी में मुझे पहले मेरे बदन पर ढेर सारा पानी डाला, फिर साबुन मला और अच्छे से नहलाया.
सबसे आख़िर में उन्होंने मेरे लंड को देखा और बोलीं- तुम अपने लंड की कभी सफाई नहीं करते?
मैं- नहीं.
मौसी- तो अबसे करना शुरू कर दो मेरे लिए. ठीक है, रुको मैं अभी आती हूँ!
इतना बोल कर वो बाहर चली गईं.
आते वक्त उनके हाथ में एक लेडीज़ रेज़र था. उससे उन्होंने मेरे लंड और चूतड़ के नीचे के बाल साफ़ कर दिए, फिर साबुन लगा के अच्छे से साफ किया.
मैं अभी उसी सुख को महसूस कर रहा था कि अचानक से उन्हें ना जाने क्या हुआ कि उन्होंने मेरा लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगीं.
वो अहसास मैं आपको बता नहीं सकता.
मैं तो जैसे जन्नत में पहुंच गया था.
उन्होंने दस मिनट तक मेरा लंड चूसा और मैं उनके मुँह में ही झड़ गया.
वो मेरा सारा माल गटक गईं.
मौसी- बड़ा अच्छा स्वाद मिला. बहुत दिन बाद इतना बेहतरीन माल चखा है.
मैं- इसमें कैसा मज़ा आता है?
मौसी- ठण्ड रख बेटा … अभी तो बहुत कुछ मजा आना बाकी है.
उनके इतना बोलते ही मैंने मौसी को गले लगा लिया और अपनी इच्छा बता दी.
मौसी- ठीक है, लेकिन मैं जैसा कहूँ, तुम्हें वैसा करना होगा.
मैं- मैं सब कुछ करूँगा.
फिर मौसी ने मुझे रेडी होने को बोल दिया.
वे बाहर आकर मेरे कपड़े निकाल कर रखने वाली थीं.
मैं जब बाहर निकला तो मौसी ने एक पुरानी जींस और टी-शर्ट निकाल रखी थी.
मैं- मौसी मेरी चड्डी कहां है?
मौसी- जितना दिया है, उतना पहन ले!
मैं- ठीक है, नाश्ता कहां है?
‘बेड पर बैठ … अभी लेकर आती हूँ.’
फिर पांच मिनट बाद वे छोटे बच्चों की दूध की बॉटल लेकर आईं.
उसमें वो गर्म दूध लेकर आई थीं.
उन्होंने बेड पर बैठ कर मेरा सर अपनी गोद में ले लिया और बोतल से दूध पिलाने लगीं.
मौसी- मेरे बेटे को भूक्कू लगी है! लो आराम से पी लो. अभी तो बहुत मेहनत करनी है मेरे बेटू को!
मैं- अब आप मुझे अपने चूचे चूसने दो ना … इस बोतल की क्या जरूरत है. मुझसे और सब्र नहीं होता.
मौसी- तुझे उसके लिए ताकत की जरूरत होगी, तो अभी चुपचाप पी ले.
मैं छोटे बच्चे की तरह बोतल से दूध पीने लगा और सारा दूध पी गया.
फिर मैंने उनके चूचों से खेलना शुरू किया. धीरे धीरे दबाने लगा.
तब मौसी ने अपनी टी-शर्ट ऊपर कर दी और वो मुझसे अपने चूचे चुसवाने लगीं.
मैं छोटे बेबी की तरह उन्हें चूस रहा था. इसमें उन्हें भी मज़ा आ रहा था.
मैं खुद पर कण्ट्रोल नहीं कर पा रहा था लेकिन मौसी ने आराम से करने को कहा था इसलिए बहुत तकलीफ हो रही थी.
कुछ मिनट बाद मौसी ने मुझे बूब्स से हटा कर मेरा चेहरा अपने चेहरे के सामने ले लिया और मेरे होंठ चूसने लगीं.
वे बहुत जोर जोर से मेरे होंठ चूस रही थीं, लग रहा था जैसे अभी मेरे होंठ खा जाएंगी.
शायद हवस उनके भी सर पर चढ़ गई थी.
वे बार बार मेरी जीभ चूस रही थीं.
मेरा लंड पैंट में खंभा बनता जा रहा था.
दस मिनट किस के बाद उन्होंने बोला- कुछ सीखा?
मैंने हां में सर हिला दिया.
फिर उन्होंने मेरा टी-शर्ट को निकाला और बेड पर लिटा कर मेरे निप्पल चूसने लगीं.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
मेरी छाती पर थोड़े बाल हैं, लेकिन इसके बावजूद वो चूसे जा रही थीं.
सही कहूँ तो वो मेरे सारे जिस्म को जोर जोर से चूसे जा रही थीं.
फिर मौसी धीरे धीरे नीचे की ओर सरकने लगीं, मेरी नाभि को चाट कर चिकनी बना दिया.
कुछ देर चाटने के बाद मेरी जींस उतारने लगीं तो मैंने कहा- कोई आ जाएगा!
मौसी- आज कोई नहीं आएगा. जब तक मैं बच्चों को बुलाने नहीं जाती, तब तक वो नहीं आने वाले … और तेरे मौसा जी तो दुकान से ही बाहर जाने वाले हैं. यदि वो गए … तो वो सोमवार को ही वापस आएंगे.
मैं- क्यों?
मौसी- वो दुकान के लिए सामान लेने दूसरे शहर जाने वाले हैं. जाएंगे तो उनका फ़ोन आएगा … और फिर मजे ही मजे होंगे.
मैं- सच, मौसी! तब तो मैं आपको बहुत प्यार करूँगा.
मौसी- अच्छा, क्या करोगे? कुछ आता तो है नहीं … पहले सीख लो, बाद में मौका दूंगी.
मैं- ओके.
फिर मौसी ने मेरी जींस उतार कर मुझे नंगा कर दिया.
मेरे लंड ने जींस के अन्दर बहुत चिकनाई फैला दी थी.
मेरे लंड को मुठियाते हुए मौसी बोलीं- कितना अच्छा लंड है, बहुत मजे आने वाले हैं.
मौसी ने पहले मेरे लंड को थूक से चिकना बना दिया, बाद में पूरा मुँह में भर कर चूसने लगीं.
इस वजह से मैं ज़्यादा देर तक टिक नहीं पाया और कुछ ही मिनट में दुबारा झड़ गया.
वे पहले की तरह मेरा सारा माल पी गईं.
लड़कों को पता होगा कि पहली बार लंड चुसवाने का अहसास कैसा होता है.
फिर वो अपनी सलवार उतार कर मेरी बगल में आकर पैर खोल कर लेट गईं.
उन्होंने मुझसे चूत चूसने को बोला.
मैं बिना कुछ बोले उनके पैरों के बीच में आकर उनकी चूत देखने लगा.
मौसी- क्या हुआ, कभी चूत नहीं देखी क्या?
मैं- नहीं मौसी.
उनकी चूत काली थी.
उन्होंने अपनी झांटें अच्छे से साफ की थीं.
मैंने उंगली से छुआ, तो वो गीली और चिकनी थी.
चूत से आने वाली महक मुझे पागल बना रही थी.
मैंने थोड़ी देर उंगली चलाई और फिर चूसने लगा.
यह मेरा पहला मौका था … तो मुझे उल्टी होने जैसा फील हुआ.
“पहली बार चूत चूसने पर ऐसा होता है. चिंता मत करो, इससे कुछ नहीं होता और आदत लग जाएगी.”
हुआ भी वैसा ही.
जब मुझे ठीक लगने लगा तो मैं उनकी चूत को जोर जोर से चाटने लगा.
मैं उनकी चूत की दोनों फाँकों को खोल कर अन्दर तक चूसने लगा.
इस वजह से वो पागल होने लगीं.
मैंने नोटिस किया कि जब मैं उनकी चूत के दाने को चूसता हूँ, तो उनके शरीर में झुरझुरी होने लगती थी.
मुझे चूसते हुए दो मिनट ही हुए होंगे, तभी उन्होंने मेरा सर अपनी चूत दबा दिया और वो आह, आह करती हुई झड़ने लगीं.
मैं उनका सारा पानी पीने लगा. मैं भी हवस की आग में उनका सारा पानी पी गया था.
वो पानी बड़ा नमकीन था.
मौसी- आज तक मुझे चुसाई में इतना मज़ा कभी नहीं आया. भांजे आई लव यू.
मैं- आई लव यू टू, मौसी.
मौसी- जब हम अकेले हों, तब मुझे मौसी नहीं … गुड्डी बुलाना और अपनी बीवी समझना.
उन्हें सब प्यार से इसी नाम से बुलाते थे.
मैं- ठीक है गुड्डी … अब अधूरा काम पूरा करें!
मौसी- हां चलो, जल्दी करो. तेरा लंड तो बैठने का नाम ही नहीं ले रहा है.
मौसी ने पहले मुझे लेटा दिया और मेरा लंड अपनी चूत में सैट करके बैठने लगीं.
धीरे धीरे उन्होंने पूरा लंड अपनी चूत में ले लिया और मेरे लंड पर कूदने लगीं.
मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था.
मौसी सिसकारने लगीं.
वे ज्यादा देर नहीं कर पाईं और कुछ ही मिनट में झटकों के साथ मेरे लंड पर झड़ने लगीं.
उनका चिकना पानी मुझे अपने लंड पर महसूस हो रहा था.
सेक्सी मौसी चुदाई के बाद ऐसे ही मेरे ऊपर लेट गईं.
मौसी- तेरा लंड तो बहुत तगड़ा है रे. तेरे मौसा तो कभी मुझे इतनी जल्दी गर्म करके झाड़ नहीं पाए.
मैं- गुड्डी, अभी मेरा नहीं हुआ.
मौसी- पता है. लेकिन मैं थक गई हूँ. थोड़ी देर रुक जाओ. तुम्हारा पहली बार है ना … इसलिए देर लग रही है.
मैं- आपको मौसा अभी भी चोदते हैं?
मौसी- चोदते हैं, पर अब उनमें पहले जैसा दम नहीं रहा. ज्यादा देर तक नहीं टिक पाते.
मैं- गुड्डी चिंता मत करो … मैं हूं ना. अब से आपकी प्यास मैं बुझा दूंगा.
दोस्तो, मौसी की चुदाई की कहानी को अगले भाग में लिख कर बताऊंगा कि चुदाई में क्या हुआ.
आपको यह सेक्सी मौसी चुदाई कहानी कैसी लग रही है, कृपया मेल से बताएं.
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सेक्सी मौसी चुदाई कहानी का अगला भाग: मेरी पहली चुदाई मौसी के साथ- 2