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पड़ोस के लड़के ने मेरी सीलतोड़ चुदाई की

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सेक्स विद फ्रेंड स्टोरी मेरे पड़ोस में रहने वाले मेरे हमउम्र लड़के के साथ पहले सेक्स की है. हम शुरू से साथ साथ खेलते आये थे और अच्छे दोस्त थे.

यहाँ कहानी सुनें.

दोस्तो, मेरा नाम नुपूर पटेल है. मेरी उम्र 19 वर्ष की है. मेरा फिगर 32-30-34 का है और हाइट 5 फीट 8 इंच है.

मेरे दूध एकदम तने हुए और नोकदार हैं, जो मेरी टी-शर्ट में बहुत ही ज्यादा मस्त दिखते हैं.

ये मैं उन मर्दों की नजरों में पढ़कर देख लेती हूँ, जो मेरे दूध देख कर गर्म हो जाते हैं.

मैंने अभी अभी अपना 12वीं पास की है.

यह सेक्स विद फ्रेंड स्टोरी 6 माह पुरानी है. उस समय तक मैंने पहले कभी चुदाई नहीं की थी.

मेरे पड़ोस में एक लड़का रहता है जिसका नाम अमित है.

हम लोग शुरू से साथ में खेलते आए हैं.

वो और मैं अच्छे दोस्त थे पर एक तरह से वो मेरे भाई जैसा ही है.

शुरू में तो वो मुझे दीदी बोलता था लेकिन कुछ दिनों से उसने मुझे दीदी बोलना बंद कर दिया.

अब वो मुझे मेरे नाम से बुलाने लगा है. दिखने में तो वो बहुत हैंडसम है, लेकिन मैं उसे अभी भी अपना भाई ही मानती थी.

गर्मियों की छुट्टियां हो गई थीं.

हम दोनों रोज शाम को बॅडमिंटन खेलते थे.

एक दिन खेलते समय मैंने ध्यान दिया कि अमित बार बार मेरे चूचों की तरफ देख रहा है … और वो बार बार चिड़िया को मेरे सीने में मारने की कोशिश कर रहा था.

मैंने उसकी नजरों को पढ़ लिया पर उससे कुछ नहीं कहा.

न जाने क्यों मुझे अपने मम्मों में शटल लगवाने से मजा आने लगा था.

अब तो मैं खुद ही जानबूझ कर उसकी शटल को अपने बूब्स पर लेने लगी थी.

जब कभी शटल मेरे निप्पल से टकराती थी तो मुझे ऐसा लगता था जैसे अमित ने मेरे निप्पल को मींज दिया है.

ये ख्याल ही मेरी चुत में कुलबुली करने लगा था.

अगले दिन वो फिर से मेरे साथ खेलने लगा और उसकी शटल मारने की कल जैसी हरकत फिर से शुरू हो गई.

आज मैं भी मजा ले रही थी तो शायद उसे समझ आ गया था कि मैं भी मजा ले रही हूँ.

इसके चलते उसने आज बहुत बार तो शटल लेते वक्त मेरे दूध को छूने की कोशिश की.

एक बार तो उसने मेरे एक दूध को ये कहते हुए सहला दिया कि शायद तुम्हें इधर ज्यादा जोर से शटल लग गई है.

उसने जैसे ही मेरे एक दूध को छुआ, मैं एकदम से बौखला गई और मैंने उस पर चिल्ला दी.

मैंने उसके साथ खेलना भी बंद कर दिया.

वो भी डर की वजह से मुझसे बात नहीं कर रहा था.

मैं सोचने लगी कि जब तक ये फट्टू मुझसे खुद बात नहीं करेगा, मैं भी इसे लिफ्ट नहीं दूंगी.

एक हफ्ते तक हम दोनों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई.

फिर मेरी मम्मी कुछ दिनों के लिए नाना नानी के घर चली गईं और पापा रोज अपनी ड्यूटी में चले जाते थे.

दो दिन बाद मैं बहुत बोर हो रही थी और बॅडमिंटन खेलने का भी मन हो रहा था. तो मैंने अमित को कॉल किया और उसे खेलने की बात करने लगी.

वो हां करने लगा.

मैंने उससे बोला- मैं तेरे साथ एक शर्त में ही बॅडमिंटन खेलूँगी. अगर तू वो सब करना बंद कर दे.

वो झट से मान गया.

फिर 5 मिनट बाद अमित खेलने आ गया.

आज वो सही से खेल रहा था और ज़्यादा बात भी नहीं कर रहा था.

मैंने भी उससे कुछ नहीं बोला लेकिन खेलते खेलते मेरा पैर फिसल गया और मैं गिर गई.

अमित ने आकर मुझे उठाने की कोशिश की लेकिन पैर में मोच आने की वजह से मैं उठ ही नहीं पा रही थी.

दर्द की वजह से मुझे रोना भी आने लगा था.

अमित मुझे देख रहा था, तो मैंने उससे बोला- अब ऐसे क्या देख रहे हो, कुछ करो … किसी भी तरह से मुझे मेरे घर ले चलो!

यह सुनकर अमित मेरे पीछे आ गया और मुझे उठाने लगा.

उठाते समय उसके हाथ मेरे दूध से ऊपर चले गए और हल्के से मेरे दूध दब गए.

उसने तुरंत अपना हाथ हटा लिया जिससे मैं फिर से गिर गयी.

मैंने उसको गाली देते हुए कहा- साले कुत्ते गिरा क्यों दिया मुझे … उठा और घर लेकर चल!

फिर उसने सावधानी से मुझे उठाया और घर तक लेकर गया.

घर आते ही वो मेरी मम्मी को आवाज़ देने लगा.

मैंने उसे बताया कि मम्मी नाना के घर गयी हैं और पापा ड्यूटी गए हैं.

वो मुझे अन्दर लेकर गया और सोफा पर बैठा दिया.

मैं दर्द से दोहरी हुई जा रही थी तो वो अन्दर से बाम और पट्टी लेकर आ गया.

उसने मेरे पैर में बाम लगा दी और मालिश करने लगा.

वो बहुत प्यार से मालिश कर रहा था.

मुझे उसके हाथों का स्पर्श बहुत सुखद लग रहा था.

फिर मैंने उससे पूछा कि तेरी गर्लफ्रेंड कौन है?

उसने कहा कि मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है.

मैंने पूछा- क्यों?

उसने बोला- ऐसे ही.

फिर मैंने पूछा- किसी को पसंद करता है क्या?

उसने कहा- हां करता तो हूँ.

मैंने पूछा- कौन है वो!

उसने बताने से मना कर दिया.

फिर मैंने उससे बोला कि मैंने सब देखा था कि तू उस दिन की तरह से मेरे बूब की तरफ देख रहा था और उसमें चिड़िया मारने की कोशिश कर रहा था.

ये सुनकर वो डर गया.

मैंने मुस्करा कर उससे कहा- कोई बात नहीं … चलता है.

उसने धीरे से कहा- नुपूर, मुझे तुमसे कुछ कहना है.

मैंने बोला- हां बोल ना!

उसने कहा- यार, मैं तुम्हें बहुत ज़्यादा पसंद करता हूँ और मैं बहुत दिनों से बोलने की कोशिश कर रहा था लेकिन बोल नहीं पा रहा था.

मैं उसे देख कर मुस्कुराने लगी.

वो मेरे करीब आकर बैठ गया.

मैंने उससे कहा- ऐसा नहीं हो सकता, मैं तुझसे बड़ी हूँ और मैं तुझे अपना भाई मानती हूँ.

पर वो मान ही नहीं रहा था, बार बार यही बोल रहा था- यार मान जाओ ना … मैं तुम्हें बहुत खुश रखूँगा, जो तुम बोलोगी, मैं वो करूंगा.

फिर मैंने भी हार मान ली और उससे ओके बोल दिया.

उसने मुझे ख़ुशी से गले लगा लिया और धीरे से मेरी गांड को दबा दिया.

मैंने उसे अपने से अलग किया और बोला- तू ये क्या कर रहा है?

उसने कहा- तुझे प्यार करने को जी कर रहा है.

मैं बोली- मुझे प्यार करने का मन क्यों कर रहा है?

वो बोला- तू बहुत हॉट है.

मैंने- तुझे कैसे मालूम?

वो- यार, एक दिन मैं तेरे घर आया था और मैंने आंटी से तेरे बारे में पूछा था, तो आंटी ने बोला था कि तू अपने कमरे में है. मैं तेरे कमरे में गया भी था, लेकिन जैसे ही मैंने दरवाजा खटख़टाने को सोचा, तो देखा कि तेरे कमरे का दरवाजा खुला हुआ है. फिर मैंने उसे हल्का सा खोल कर देख तो तू शीशे के सामने खड़े होकर कपड़े बदल रही थी. मैं वहीं रुक गया और तुझे देखने लगा था. तभी से मैं तुम्हें चोदना चाहता हूँ.

ऐसा बोलकर वो मेरे दूध दबाने लगा.

मैंने उसे मना किया लेकिन वो नहीं माना. फिर मुझे भी मज़ा आने लगा और मैं भी उसका साथ देने लगी.

उसने मुझे किस करना शुरू कर दिया और धीरे धीरे मेरे कपड़े उतारना शुरू कर दिए. मेरा दर्द एकदम से न जाने खत्म सा हो गया.

सबसे पहले उसने मेरी टी-शर्ट उतारी और मेरी लोवर भी उतार दी. अब मैं उसके सामने काले रंग की ब्रा पैंटी में रह गई थी.

मैं शर्म से गड़ी जा रही थी लेकिन मेरे मन में एक अजीब सी सनसनी हो रही थी और मजा भी आ रहा था.

तभी उसने मुझे अपनी गोद में उठाया और मेरे बेडरूम तक लेकर गया.

मेरी चूचियां उसके सीने से रगड़ रही थीं और मुझे बेहद उत्तेजना होने लगी थी तो मैंने अपनी आंखें मूंद लीं और उसके स्पर्श का सुख लेने लगी.

उसने मुझे कमरे में ले जाकर बिस्तर पर लिटा दिया और अपने कपड़े उतारने लगा. उसने अपनी टी-शर्ट और लोवर उतार दिया और मेरे ऊपर आकर मुझे किस करने लगा.

मैंने अपनी बांहें उसके गले में डाल दीं और आंख बंद करके उसके चुम्बनों का मजा लेने लगी.

कुछ पल बाद उसने मेरी ब्रा और पैंटी भी उतार दी और वो अपने होंठों से मेरे दोनों दूध बारी बारी से चूसने लगा.

मैं एकदम से गर्म होने लगी और मेरे मुँह से हल्की हल्की आह निकलने लगी.

जब वो मेरे निप्पल पकड़ कर खींचता तो मुझे मेरी चुत में एक अजीब सी खुजली होने लगती.

वो बहुत ही मजे से मेरे दोनों दूध चूस रहा था.

तभी उसने अपना एक हाथ मेरी चुत पर लगा दिया और उसे मसलने लगा.

उसके हाथ को अपनी गीली हो चुकी चुत से लगते ही मुझे बेहद गर्म अहसास होने लगा और मैंने अपनी कमर उठा कर उससे अपनी चुत मिंजवाने की कोशिश करने लगी.

करीब 5 मिनट के बाद वो उठा और मेरे पैरों के बीच आकर मेरी जांघों को चूमने लगा.

धीरे धीरे वो चूमते हुए मेरी चुत तक आ गया. उसकी गर्म सांसें मेरी चुत को एक अजब सा नशा दे रही थीं और मैं उसके सर पर हाथ रखे हुए उसे सहला रही थी.

तभी वो मेरी चुत को चाटने लगा.

मुझे एकदम से आग सी लग गई और मेरे मुँह से एक लम्बी सिसकारी निकल गई.

जैसे जैसे वो मेरी चुत को चाट रहा था, वैसे वैसे मेरे मुँह से सिसकारियां तेज तेज निकलने लगीं- उम्म्म आह … श धीरे आह उम्म्म!

मैं उसके सर को पकड़े हुए मजे से अपनी चुत चटवा रही थी. साथ ही अपने एक हाथ से खुद अपने दूध दबा रही थी.

कुछ देर तक चुत चाटने के बाद वो उठा और उसने अपनी चड्डी को भी उतार दिया.

जैसे ही उसने अपनी चड्डी उतारी तो मैं अवाक रह गयी.

उसका लंड पूरी तरह से तना हुआ था. करीब 7 इंच का मोटा लंड मेरे सामने गुर्रा रहा था.

मुझे थोड़ा सा डर लगने लगा क्योंकि मैंने आज तक चुदाई नहीं की थी.

उसने मुझे लंड चूसने को बोला, मैंने भावावेश में आकर उसका लंड पकड़ लिया और मुँह में ले लिया.

लेकिन मुझे उसका स्वाद अच्छा नहीं लगा तो मैंने उसे तुरंत निकाल दिया.

उसने मेरी आंखों में देख कर फिर से लंड चूसने का इशारा किया, मगर मैंने उससे लंड चूसने से मना कर दिया.

उसने कुछ नहीं कहा और मुझे अपने नीचे लिटा लिया.

वो मेरी दोनों टांगों को फैला कर मेरी चुत के सामने अपना लंड हिलाने लगा.

मैं उसे देख रही थी.

उसने अपने लंड का टोपा मेरी चुत के ऊपर रख कर घिसा तो मुझे अप्रतिम मजा आने लगा.

मेरी टांगें खुद ब खुद हवा में उठ गईं.

मुझे नहीं मालूम था कि आगे क्या होने वाला है बस ये लग रहा था कि ये अपना लंड जल्दी से मेरी चुत में ठांस दे.

मैंने गांड उठाकर लंड चुत में लेने का उपक्रम किया, उसी समय उसने धक्का दे दिया.

लेकिन लंड चुत में न जाकर फिसल गया.

उसने दोबारा से उसने लंड को चुत में रखा और फांकों में फंसा कर एक जोरदार धक्का लगा दिया.

इस बार उसका आधा लंड मेरी चुत को चीरता हुआ अन्दर घुसता चला गया.

मुझे ऐसा लगा कि किसी ने गर्म सरिया मेरी चुत में पेल दिया हो.

मुझे बहुत तेज़ दर्द उठा और मैं चिल्लाने लगी; उसे अपने ऊपर से दूर करने लगी.

लेकिन उसकी पकड़ मजबूत थी, वो हटा ही नहीं.

वो मुझे ज़ोर ज़ोर से किस करने लगा और मेरे दूध मसलने लगा.

कुछ देर बाद जब मेरा दर्द कम हुआ, तो उसने दोबारा से धक्का मारना शुरू कर दिया.

दूसरा धक्का लगते ही उसका पूरा लंड मेरी चुत के अन्दर चला गया.

मेरी एक बार फिर से चीख निकल गयी.

मगर इस बार वो लगातार धक्के देने लगा.

कुछ देर के बाद मैं भी चुदाई के मजे लेने लगी.

करीब दस मिनट तक उसने मेरी चुत की ताबड़तोड़ चुदाई की.

अब वो कुछ थक गया था तो उसकी सांसें तेज तेज चलने लगी थीं.

मैं भी हांफ रही थी लेकिन मुझे इस वक्त वो बहुत प्यारा लग रहा था.

मैं उसके सीने को सहलाने लगी.

उसने कहा- अब तुम ऊपर आ जाओ.

मैं कुछ नहीं बोली.

उसने बिना लंड चुत से निकाले मुझे अपने ऊपर ले लिया और खुद नीचे लेट गया.

लंड चुत में जन्नत का मजा दे रहा था तो मैं गांड उचकाती हुई अपनी चुत चुदवाने लगी.

मेरे दोनों दूध उसके मुँह के सामने झूल रहे थे तो वो मेरे एक दूध को पी रहा था और दूसरे दूध के निप्पल को अपनी दो उंगलियों में लेकर मींज रहा था.

मुझे बेहद सनसनी हो रही थी और मेरी चुत अब रिसने लगी थी.

करीब 5 मिनट तक यूं ही लंड की सवारी करने के बाद मैं हांफने लगी तो उसने मुझे उठने का इशारा किया.

मैं उसके लंड से उठ गई तो उसने मुझे झट से कुतिया बना दिया.

वो अब मुझे पीछे से चोदने लगा.

मैं अब तक दो बार झड़ चुकी थी लेकिन वो मुझे चोदता ही जा रहा था.

कुछ मिनट बाद मेरी चुत में जलन होने लगी तो मैंने उससे कहा कि बस अब छोड़ दो … मेरा दो बार हो गया है.

उसने कहा- हां बस मैं भी झड़ने ही वाला हूँ.

अब उसने अपनी रफ़्तार एकदम से बढ़ा दी और मेरे दूध मसलता हुआ मेरी चुत में ही झड़ गया.

हम दोनों बिस्तर पर गिर गए और अपनी सांसें नियंत्रित करने लगे.

कुछ देर के बाद अमित ने घड़ी देखी, तो रात के 9.30 बज गए थे.

वो जल्दी से उठा और अपने कपड़े पहने कर जाने लगा.

बाहर जाते हुए उसने मुझे देखा और मुझे किस करके चला गया.

मैं भी अपनी चुत पर हाथ रखे उसके प्यार को महसूस कर रही थी.

फिर मैं भी उठ कर साफ़ हुई और कपड़े पहन कर लेट गई.

दोस्तो, यह मेरी पहली चुदाई की कहानी आपके सामने थी.

मुझे उम्मीद है कि आपको पसंद आई होगी.

आप अपने रिव्यू मुझे मेल कर सकते हैं … और हां मैंने सेक्स विद फ्रेंड स्टोरी आपके साथ शेयर की है तो इसका मतलब ये नहीं है कि मैं किसी के लंड से चुदने के लिए रेडी हो जाऊंगी.

धन्यवाद.

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