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सेक्स की चाहत में बेवफाई- 2

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सेक्स लव सेक्स कहानी में पढ़ें कि चूत को लंड की लत लग जाये तो … पति से दूर रहने को मजबूर लड़की बार बार पड़ोस के लड़के से चुद रही थी.

दोस्तो, आप सुधीर और ऋचा की कहानी पढ़ रहे थे। शादीशुदा कपल के सेक्स लव सेक्स कहानी के पहले भाग

चुदाई की चाहत में पड़ोसी से चुद गयी

में अभी तक आपने पढ़ा कि कैसे लॉकडॉउन में ऋचा ने अपनी बिल्डिंग में रहने वाले समीर नाम के लड़के से चुदकर मजे लिये।

उसके बाद जॉब से इस्तीफा देकर वह अपने पति सुधीर के पास गुरूग्राम में आ गयी।

अभी तक समीर को नहीं पता था कि ऋचा उसी के दोस्त सुधीर की बीवी है।

जब समीर दिल्ली में कंपनी के प्रोजेक्ट के काम से गुरूग्राम रहने आया तो ऋचा को सुधीर की बीवी के रूप में देखकर चौंक गया।

ऋचा को भी सारी बातें याद आ गयीं कि कैसे उसकी और समीर की चुदाई की शुरूआत हुई थी।

वो याद करती है कि उस रात समीर ने उसको डिनर पर बुलाया था। तय समय पर समीर खुद उसे लेने आ गया था।

अब आगे की सेक्स लव सेक्स कहानी:

समीर ने फ्लैट महका रखा था और बहुत हल्की लाइट में म्यूजिक चल रहा था।

ऋचा बहुत खुश थी; उसने समीर को किस कर लिया। समीर ने किस तो किया पर एक मंझे हुए खिलाड़ी की तरह कोई जल्दबाज़ी नहीं दिखायी।

समीर ने ऋचा को ड्रिंक ऑफर की।

दोनों बैठ कर ड्रिंक लेने लगे, ऋचा ने सिगरेट जला ली थी।

समीर ने फ्लर्ट करते हुए कहा कि उसकी ज़िंदगी में काश ऋचा पहले आ जाती।

ऋचा ये सुनकर हंस पड़ी।

समीर ने उसे डांस की पेशकश की।

ऋचा समीर के सम्मोहन में फंस चुकी थी; वो डांस के लिए खड़ी हो गयी।

समीर ने लाइट और ज्यादा मंद कर दी।

दोनों डांस करने लगे। समीर ने ऋचा की कमर में हाथ डाला हुआ था। ऋचा ने समीर के कंधों पर हाथ टिका रखे थे।

डांस में धीरे धीरे नजदीकी बढ़ती गयी और थोड़ी देर में ही दोनों के होंठ मिल गये।

अब दोनों ही एक दूसरे में समा जाने को बेताब थे।

ऋचा जानती थी कि वो गलत कर रही है, मगर उसके बस में कुछ भी नहीं था।

वो तो वो सब कुछ करती जा रही थी जो समीर चाह रहा था।

समीर ने उसकी मिडी को पीछे से ऊपर उठाया और उसके चूतड़ों पर हाथ फेरते हुए उसे और जोर से भींच लिया।

ऋचा सिहर गयी।

समीर ने उसकी मिडी और ऊपर करके उसकी पैंटी के अंदर हाथ डाल दिया।

अब ऋचा ने भी समीर की टीशर्ट को उठा कर उतार दिया। जींस समीर ने नीचे कर दी और साथ ही ऋचा की मिडी भी उतार दी।

अब ऋचा सिर्फ ब्रा-पैंटी और पेंसिल हील की सेंडिल्स में थी और समीर सिर्फ अंडरवियर में था।

समीर ऋचा को उठाकर बेड पर ले गया और उसका पूरा बदन चूमने लगा।

ऋचा की सीत्कारें निकल रही थीं, वो जल बिन मछली की तरह तड़प रही थी।

इतने में ही समीर ने उसकी पैंटी को एक ओर से उठा कर उसकी चूत में जीभ अंदर कर दी।

ऋचा तड़प गयी और उसने समीर के बाल कस कर पकड़ लिये।

समीर ने उसकी पैंटी और ब्रा दोनों उतार दी और अपना अंडरवियर भी उतार फेंका।

अब समीर ने ऋचा की दोनों टांगें चौड़ी कीं और अपनी जीभ पूरी घुसा दी।

ऋचा गर्म हो चुकी थी।

वो अपने दोनों मम्में अपने हाथों से मसल रही थी और उह … आह … की आवाजों से कमरा गूंज रहा था।

ऋचा झटके से उठी और समीर का लंड अपने मुंह में ले लिया। उसकी लंबी उँगलियों में समीर का मूसल नाच रहा था।

समीर की तो मानो जान निकलने को हो रही थी। उसने ऋचा से खुशामद की कि वो उसका लंड अपने मुंह से निकाल दे वर्ना वो उसके मुंह में ही छूट जाएगा।

ऋचा तो उसका लंड छोड़ने को तैयार ही नहीं थी। बस उसने स्पीड धीमी कर दी थी।

समीर ने ऋचा को ऊपर बेड पर वापस लिटाया और उसकी टांगें ऊपर करके चौड़ी कर दीं.

उसने अपना लंड अब एक झटके के साथ उसकी मखमली चूत में घुसेड़ दिया। ऋचा की चीख निकल गयी मगर समीर ने कोई दया नहीं की।

वो लंड को घुसाता रहा और पूरा घुसाकर ही थोड़ा रुका।

अब वो ऋचा के होंठ चूमने लगा और हल्के धक्के लगाने लगा।

फिर धीरे धीरे उसकी चुदाई की स्पीड बढ़ती गयी। उसके जबर्दस्त धक्कों ने जल्दी ही ऋचा को वासना के गहरे सागर में डुबा दिया।

अब ऋचा भी बोल रही थी- और ज़ोर से जानू … मजा आ गया आह्ह … आज तो मेरी गुलाबो को पूरा मजा आयेगा … आह्ह चोद मेरे राजा। आह्ह … आह्ई आह्ह … उफ्फ आह्ह .. हाय … करता रह।

बहुत दिनों बाद ऋचा को चुदाई का भरपूर मजा आ रहा था।

अब ऋचा की बारी थी। उसने समीर को नीचे लिटाया और चढ़ गयी उसके ऊपर; वो उछल उछलकर समीर को चोदने लगी।

समीर उसके मम्में कसकर पकड़े हुए था, बल्कि मसल रहा था।

ऋचा तो बदहवास सी ज़ोर ज़ोर से उछल रही थी। नीचे से समीर भी उचक रहा था।

फ़च फ़च की आवाजों और ऋचा की बड़बड़ाहट से पूरा कमरा वासनामयी हो गया था।

जब समीर को लगा कि वो अब छूटने ही वाला है तो उसने ऋचा को नीचे बेड पर गिराया और झपट कर उसकी चूत में अपना लंड घुसेड़ कर स्पीड बढ़ा दी।

वो तेजी से उसे चोदने लगा।

ऋचा की चुदास देखने लायक थी।

मगर उसका भी होने ही वाला था; वो भी हाँफ रही थी।

समीर ने तभी एक ज़ोर का झटका मारा।

ऋचा को जैसे ही आभास हुआ कि समीर का निकलने वाला है, उसने समीर के नीचे से निकलने का प्रयास किया मगर समीर ने उसे कसकर पकड़ रखा था तो ऋचा चीख कर ही रह गयी।

इतने में ही समीर का माल छूट पड़ा और समीर ने उसकी चूत अपने माल से भर दी।

ऋचा भौंचक्की सी रह गयी।

ये क्या हो गया? बिना कोंडोम के … अब कोई गड़बड़ हो गयी तो क्या होगा?

इस स्थिति में उसकी आँखों से आँसू निकाल आये।

समीर ने उसके गालों को प्यार से चूमकर कहा कि कोई गड़बड़ नहीं होगी। वो उसे पिल्स दे देगा।

ऋचा बड़ी मुश्किल से शांत हुई। डिनर लेकर वो अपने फ्लैट पर आ गयी।

अपनी आदत के हिसाब से उसने सनी को सारी बात मेल पर लिखीं और अपने किये पर अफसोस किया।

वो बार बार यही कहती रही कि उसने कुछ नहीं किया। वो तो जो समीर कहता गया उसमें उसका साथ देती रही।

सनी उससे बहुत नाराज हुआ कि फिर उसमें और जानवरों में क्या फर्क रह गया क्योंकि जानवर तो बिना सोचे समझे सेक्स करते हैं।

ऋचा अपनी गलती मान रही थी। रात को ऋचा ने अपनी माहवारी से दिनों का हिसाब लगाया तो उसे लगा कि वो सेफ है।

अगले दिन समीर ने उसे फोन करके कहा कि उसने पिल्स ले ली हैं और वो उसे शाम को दे देगा।

मगर ऋचा ने उसे कह दिया कि वो सेफ पीरियड में थी, तो पिल्स की जरूरत नहीं।

अगले कुछ दिन ऐसे ही निकल गये। ऋचा भी काफी व्यस्त हो गयी थी यूनिवर्सिटी के काम में और समीर और ऋचा दोनों ही एक दूसरे से दस दिनों तक नहीं मिल पाये और फिर अचानक कोरोना के चलते लॉकडाउन हो गया।

जो जहां था, वहीं का होकर रह गया।

ऋचा को तो यूनिवर्सिटी का काम घर से जारी रखना पड़ा मगर समीर बिल्कुल खाली होकर रह गया।

अब वो ऋचा के फ्लैट में ही आ जाता और काम करती ऋचा को छेड़ता रहता; चूमा चाटी में कोई कसर नहीं थी।

समीर ने एक दो बार सेक्स के लिए दबाव बनाया तो ऋचा का काम का प्रेशर देख कर वो कह नहीं पाता था।

इधर सुधीर के भी दिन में 5-6 फोन आने लगे।

उसके विडियो कॉल होती थीं तो ऋचा समीर को फ्लैट से बाहर कर देती थी। एक हफ्ता निकल गया और एक दिन सुबह सुबह ही समीर के पास ऋचा का फोन आया कि जल्दी आओ।

समीर घबरा गया और वो भागा भागा ऋचा के फ्लैट में पहुँच, ऋचा रो रही थी। उसने समीर को बताया कि वो उसके पीरियड्स नहीं आये हैं तो उसने प्रिगनेन्सी टेस्ट किट मंगवा कर चेक किया तो रिपोर्ट पॉज़िटिव है।

मतलब वो गर्भवती हो चुकी थी। ऋचा रो रही थी कि अब क्या होगा।

समीर भी परेशान हो उठा।

उसने कहा कि शाम तक देख कर बताता हूँ कि क्या हो सकता है।

समीर ने अनेकों डॉक्टरों से बात की मगर कोरोना के चलते सब कुछ बंद था। एक नर्सिंग होम में एक लेडी डॉक्टर तैयार हो गयी। हुई। समीर बहुत मुश्किल से रात के अंधेरे में ऋचा को नर्सिंग होम लेकर गया और रात को ही डॉक्टर ने सफाई की।

अगले दिन वहीं रहकर रात को समीर ऋचा को लेकर वापस फ्लैट पर आया। इस बीच सुधीर के जब भी फोन आये तो उसी डॉक्टर ने सुधीर से बात की और कहा कि घबराने की बात नहीं है, ऋचा को बुखार है, एक दो दिन में वो ठीक हो जायेगी।

ऋचा को कमजोरी थी। उसे नॉर्मल होते होते एक हफ्ता लग गया।

इस बीच ऋचा ने यूनिवर्सिटी में बोल दिया कि वो अब केवल इमरजेंसी के काम देख लेगी वर्ना नहीं।

अब ऋचा ने समीर से भी दूरी बना ली थी। उसे अपने से भी घृणा हो रही थी कि क्यों उसने ऐसा काम किया।

उधर सनी उसे बहुत गुस्सा होता कि उसके लाख समझाने पर भी ऋचा नहीं मानी और अब भुगत रही है।

समीर अधिकतर समय ऋचा के आस पास ही रहता। मगर उनके सम्बन्धों में वो गर्माहट नहीं रह गयी थी।

मगर दोस्तो, ये जिस्म का रिश्ता ऐसा होता है कि कोई इस दलदल से उबर नहीं पाता।

एक महीना निकलते निकलते समीर और ऋचा के जिस्मानी संबंध फिर जुड़ गये।

अब तो ऋचा को भी बिना सेक्स के मजा नहीं आता था। अगले दो-तीन महीने में हफ्ते में दो बार दोनों हम-बिस्तर जरूर होते और मस्ती करते।

मगर अब बिना सावधानी का प्रयोग किये ऋचा समीर को नजदीक नहीं आने देती थी।

होते होते कोरोना का ज़ोर कम हुआ और फ्लाइट्स शुरू हुईं।

ऋचा ने पैकअप किया और समीर को अलविदा कह कर सुधीर के पास आ गयी।

आज इतने दिनों बाद समीर फिर सामने था।

ऋचा तो जैसे सपने से जागी। अब उसे बहुत संभल कर चलना होगा। ऋचा अपनी और सुधीर की खुशहाल ज़िंदगी पर समीर का साया नहीं पड़ने देना चाहती थी।

तभी समीर का फोन आ गया।

उसने ऋचा से कहा कि कंपनी ने उसके लिए एक होटल में रूम बुक किया हुआ है और वो कल सुबह होटल में चला जायेगा।

ऋचा बोली कि होटल में उसे सुधीर नहीं रहने देगा।

मगर साथ ही ऋचा ने समीर को आगाह किया कि वो बहुत संभाल कर रहे। कहीं भी हंसी मज़ाक में कोई बात न निकल जाये।

ऋचा ने पूछा कि शाम को कब तक आओगे?

समीर बोला कि वो फारिग तो 5 बजे तक हो जायेगा मगर घर पर सुधीर के आने के बाद ही आयेगा।

ऋचा बोली कि नहीं कोई बात नहीं तुम काम खत्म होने पर आ जाना, सुधीर तो लेट ही आता है।

फिर ऋचा दोपहर को मार्केट घूम आयी। वो दो तीन घंटे पार्लर में भी फेशियल, पैडिक्युर-मेनिक्योर करा आयी।

घर आकर उसने अपने नेल्स पेंट किये और थोड़ी देर सो भी गयी।

उसे मालूम था कि आज रात को सुधीर और समीर ड्रिंक पार्टी करेंगे तो रात को डिनर बाहर लेना है तो लेट ही हो जायेगा।

समीर और सुधीर साथ साथ ही आये।

ऋचा पूरी महक रही थी। आज उसकी खूबसूरती उफान पर थी।

सुधीर ने तो आशिक़ाना अंदाज में उसे समीर के सामने ही चूम लिया।

ऋचा ने उनकी ड्रिंक टेबल तैयार कर रखी थी। नमकीन काजू सुधीर की पसंद के थे और पनीर के पकौड़े समीर को बहुत पसंद थे।

सुधीर समीर से बोला कि फटाफट चेंज करके आ, मैं जरा फ्रेश होकर आता हूँ।

सुधीर के जाते ही समीर ने प्रशंसात्मक नजर ऋचा पर डाली और एक फ्लाइंग किस दे दिया।

ऋचा के गाल लाल हो गए।

ड्रिंक्स के लिए बैठते ही ऋचा ने सुधीर को याद दिला दी कि डिनर बाहर लेना है तो जल्दी फिनिश करना।

बात सही थी।

फिर भी तीनों की महफिल जमी तो एक डेढ़ घंटा लग ही गया।

साढ़े नौ बजे तीनों रेस्टोरेन्ट पहुंचे।

डिनर लेकर 11 बजे तक घर आये। लिफ्ट में घुसते समय सुधीर को ध्यान आया कि ऋचा ने सिगरेट मँगवाई थीं जो गाड़ी में रखी हैं।

उसने लिफ्ट से बाहर आते हुए उन दोनों से कहा- तुम चलो, मैं गाड़ी में से कुछ सामान लेकर आता हूं।

सुधीर के जाते ही समीर ने लिफ्ट में अपने फ्लोर का बटन दबा दिया, लिफ्ट चल दी।

ऋचा समीर से चिपट गयी। दोनों के होंठ मिल गये। इससे ज्यादा कुछ हो नहीं सकता था लिफ्ट में।

अपनी मंजिल पर पहुँच कर दोनों ने सुधीर का इंतज़ार किया।

पाँच मिनट में ही सुधीर आ गया।

तीनों फ्लैट में आ गये। आज ऋचा बहुत स्मार्ट लग रही थी तो सुधीर भी उसे जमकर चोदने के मूड में था।

उधर ऋचा ने चूमाचाटी करके समीर की आग भड़का दी थी।

इधर ऋचा की चूत तो गीली हो रही थी अब उसे लंड चाहिए था, वो चाहे समीर का हो चाहे सुधीर का या दोनों का।

सुधीर ने समीर से कहा- भाई, मैं तो सोने जा रहा हूँ, तुझे कुछ चाहिए हो तो ऋचा को बोल दे।

उसने सोचा कि जब मैं रूम में चला जाऊंगा तो ऋचा भी पीछे पीछे आ जायेगी।

समीर के मन में आया कह दूँ कि मुझे तो ऋचा की चूत चाहिए, पर ऐसा वो कैसे कहता।

वो ऋचा की ओर देख कर मुस्करा दिया और बोला- बस मुझे एक गिलास गर्म पानी दे दो, फिर आप लोग सो जाना।

ऋचा समझ गयी कि समीर उसे छोड़ेगा नहीं।

मगर सुधीर के सामने वो कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी।

उसने फटाफट पानी गर्म करके फ्लास्क में रखा और बाहर टेबल पर रख कर समीर को आवाज दी कि पानी रखा है।

समीर बहुत भुनभुनाया, वो सोच रहा था कि जैसे ही ऋचा आयेगी वो उसे दबोच लेगा और एक सेशन फटाफट सेक्स का कर लेगा।

मगर ऋचा ने तो उसकी योजना पर पानी फेर दिया।

ऋचा रूम में चली गयी और रूम लॉक कर लिया।

रूम में सुधीर उसका इंतजार कर रहा था। उसने ऋचा को जकड़ लिया और उसके होंठों पर अपने होंठ टिका दिये।

ऋचा भी चुदासी हो रही थी। दोनों ने फटाफट कपड़े उतारे और बेड में घुस गये। सुधीर ने उसके मम्में दबोच लिये।

ऋचा की चीख निकल गयी; वो बोली- पागल हो गये हो क्या?

इधर सुधीर को तो मस्ती चढ़ी हुई थी। वो ऋचा से चिपट गया। ऋचा को मालूम था कि आज चुदाई घमासान होगी।

उसने भी सुधीर का लंड कसकर पकड़ लिया और उसे मसलने लगी।

सुधीर ने उसके मम्में मुख में ले लिये। सुधीर ने अचानक उसके निप्पलों पर काट लिया.

ऋचा फिर चीखी, कहने लगी- कुछ तो ख्याल करो। बराबर वाले रूम में समीर है। उसके पास आवाज पहुंच रही होगी।

ये सुनकर सुधीर बोला- तो क्या हुआ, आवाज जाने से क्या होगा?

ऋचा बोली- उसका खड़ा हो जायेगा।

सुधीर मस्ती में बोला- खड़ा हो जायेगा तो वो भी आ जायेगा।

ऋचा ने उसे एक धौल लगाया- ऐसे कैसे आ जायेगा वो?

सुधीर बोला- पूछ लेता हूँ।

ऋचा मुस्करा कर नीचे घुस गयी और उसका लंड मुंह में ले लिया।

अब सताने की बारी ऋचा की थी। उसने लंड चूस चूस कर सुधीर का बुरा हाल कर दिया।

सुधीर उससे गिड़गिड़ा कर बोला- हट जाओ मेरा निकलने वाला है।

तब ऋचा उठी और सुधीर के ऊपर बैठ कर उसका लंड अपनी चूत में कर लिया और लगी ज़ोर ज़ोर से उछलने।

सुधीर को वो चोदने लगी।

वहीं समीर के ख्याल से ऋचा की चूत तो दीवानी हो रही थी और उसकी स्पीड भी बढ़ी हुई थी।

सुधीर ने ऊपर आने की एक जोरदार कोशिश की और ऋचा को नीचे लिटा कर उसकी टाँगें चौड़ी कर अपना मूसल पेल दिया।

फिर लगा अपनी स्पीड बढ़ाने … वो मस्ती में ऋचा को चोदने लगा।

आज एक अलग ही मजा आ रहा था था उसको अपनी बीवी की चूत मारने में।

फिर चोदते हुए उसने एक झटके से उसने अपना माल ऋचा की चूत में निकाल दिया।

दोनों थक कर निढाल हो गये।

ऋचा ने सिगरेट सुलगा ली। उसे नींद नहीं आ रही थी।

लिफ्ट में चूसे समीर के होंठों की गर्मी उसके होंठों पर बाकी थी।

उसका मन कर रहा था कि वो एक बार समीर के रूम में जाकर उससे चिपट कर सो जाये, मगर ये कैसे संभव था।

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