रियल फॅमिली पोर्न कहानी मेरी मामी को पटाकर गर्म करके उनके साथ चूत चुदाई के मजे की है. मामा विदेश गए हुए थे. शुरू में तो मामी ने आनाकानी की पर बाद में पूरा मजा दिया.
दोस्तो, कैसे हो आप!
मेरा नाम राज (बदला नाम) है.
मैं दिखने में ठीक हूँ. सांवला रंग है.
यह सेक्स कहानी मेरे और मेरी छोटी मामी के बीच की है.
ये रियल फॅमिली पोर्न कहानी नवम्बर 2019 की है.
मेरे छोटे मामा का लड़का बीमार था, तो मेरे मामा ने मुझे कॉल करके वहां जाने के कहा.
मेरे मामा का घर हमारे घर से 30 किलोमीटर दूर है.
मैं वहां चला गया.
जाते ही मैंने सबसे पहले मामा के लड़के दवाई दिलाई और उसे लेटने के लिए कह दिया.
मेरी दो मामी हैं. मेरे दोनों मामा विदेश में रहते हैं.
मैं आपके मेरी मामी के बारे में बताता हूँ.
वे दिखने में बहुत सुंदर हैं. एकदम पतली हैं लेकिन भरे हुए अवयवों वाली माल सी लगने वाली महिला हैं.
घर पर मैं, मामी और उनके लड़का व लड़की ही थे.
सब सामान्य चल रहा था. हमने रात में जल्दी खाना खा लिया था.
आपको तो पता ही है कि गांव में सब जल्दी खाना आदि खाकर सो जाते हैं और सुबह जल्दी ही उठ जाते हैं.
मैं खाना खाकर टीवी देख रहा था. मामा के दोनों बच्चे सो गए थे.
कुछ देर बाद मामी ने मुझसे सोने के लिए कहा.
हम सब जमीन पर बिस्तर लगा कर सो रहे थे.
उस रात मैं उनके पास सो गया.
एक कोने में मैं था. मेरे पास उनका लड़का, फिर मामी और उनकी लड़की.
हम सब सो गए.
करीब 12:30 बजे उनके लड़के ने मुझे नींद में लात मारी जिससे मेरी नींद खुल गयी.
जब मेरी नजर मामी पर पड़ी तो मैं उन्हें देखता ही रह गया.
नींद में उनकी कमीज ऊपर उठ गई थी जिससे उनका पेट मुझे साफ दिख रहा था.
कमीज चूंकि कुछ ज्यादा ही ऊपर को हो गई थी, तो मुझे उनकी ब्रा भी दिख रही थी
मेरी तो नींद ही उड़ गयी.
पर मैं क्या कर सकता था.
मैं फिर से लेट गया लेकिन जब उनके बेटे ने मुझे फिर से लात मारी तो मैंने मामी को उठाया और लात मारने वाली बात कही.
वे अपने बेटे को दूसरी तरफ करके खुद मेरी बगल में सो गईं.
अब मामी की मादक देह का स्पर्श मिल रहा था तो साली बची खुची नींद भी गायब हो गई थी.
मामी मेरी ओर ही अपना चेहरा किए हुई थीं, उनके गहरे गले की कमीज में से उनके दूध दिख रहे थे.
थोड़ी देर बाद मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने धीरे से अपनी उंगली के उनके मम्मों के बीच की दरार में रख दी.
वे गहरी नींद में थीं तो उन्होंने कुछ नहीं किया.
मेरी हिम्मत भी बढ़ी और वासना ने भी मेरे सर पर हावी होना शुरू कर दिया.
मैंने धीरे धीरे उंगली की जगह अपना हाथ उनके मम्मे पर रख दिया और घुमाने लगा.
वे अब भी बेसुध थीं.
मुझसे रहा नहीं जा रहा था तो मैंने जोर से उनके दूध को दबा दिया.
इससे वे एकदम से जाग गईं और मुझे डांटने लगीं ये क्या कर रहे हो … पागल हो गए हो क्या? मैं तुम्हारी मामी हूँ!
मैं उन्हें देखने लगा.
मामी भी मुझे देख रही थीं.
हमारी आंखें मिल रही थीं.
फिर अचानक से मैंने उन्हें पकड़ा और किस करने लगा.
लेकिन वे मुझे अपने आपसे छुड़ाने लगीं.
मैंने उन्हें बहुत मजबूती से पकड़ा हुआ था.
मैं उन्हें किस करता गया लेकिन वह मुझसे अपने आपको छुड़ाने की नाकाम कोशिश कर रही थीं.
उनकी छुड़ाने की कोशिशों में एक बात साफ समझ आ रही थी कि वे खुद भी नहीं छूटना चाहती थीं.
फिर मैंने अपना एक हाथ नीचे ले जाकर उनकी कमीज को उठाया और उनकी सलवार में हाथ डालने लगा.
पर वे मुझे रोक रही थीं.
उस समय मुझे कुछ नहीं समझ आ रहा था.
मैंने फिर से उनको किस करना शुरू कर दिया.
वे अभी भी मुझसे छूटने की पहले जैसी ही हलकी सी कोशिश कर रही थीं.
मैंने मौका देख कर अपना हाथ उनकी सलवार में डाल दिया.
मेरा हाथ सीधा उनकी चूत पर जा लगा.
उनकी आह निकल गई.
मैंने धीरे से अपनी दो उंगलियां मामी की चूत में डाल दीं.
अब वे मुझसे छूटने की कोशिश कर तो रही थीं लेकिन नाम मात्र की … वरना किसी की चूत में हाथ लगा कर देखो तो वह ऐसी बिदकेगी, मानो न जाने क्या कर देगी.
फिर सबसे बड़ी बात यह कि वे शोर भी नहीं कर रही थीं.
इसी से मुझे समझ आ गया था कि वे खुद चुदवाना चाहती हैं.
फिर मैंने अपनी एक उंगली उनकी चूत में डाल दी.
उनको बहुत दर्द हुआ क्योंकि मेरे मामा जी पिछले 3 साल से बाहर थे.
अब वे मुझसे बार-बार दबी जुबान से कह रही थीं- छोड़ दो, छोड़ दो.
लेकिन मैं नहीं सुन रहा था.
अंत में मामी ने कहा- छोड़ दे नहीं तो मैं तुम्हारे मम्मी डैडी को बता दूंगी.
यह सुनकर अब मेरी गांड फट गई.
मैंने उनको छोड़ दिया और कमरे से बाहर आ गया.
उस रात मैं बाहर ही सोया और मुझे डर लग रहा था कि कहीं वह सुबह सबको बता ना दें.
जब सुबह हुई तो मैं काफी लेट उठा.
तब तक मेरी नानी भी वहां आ चुकी थीं.
मेरी नानी मेरे बड़े मामा के घर रहती हैं.
मुझे डर लग रहा था कि कहीं मेरी मामी ने मेरी नानी को सब कुछ पता तो नहीं दिया?
लेकिन जब मेरी नानी से मेरी बात हुई तो मुझे लगा, उन्होंने ऐसा कुछ नहीं बताया.
मामी घर की सफाई कर रही थीं.
जब वे मेरे पास को आईं तो मुझे देखकर बोलीं- मेरे पेट में दर्द हो रहा है.
रात में मैंने उनकी चूत में बहुत तेज तेज उंगली की थी जिससे उनको बहुत दर्द हो रहा था.
तो मैंने कहा- आराम से करवा लेतीं तो दर्द होता ही नहीं.
यह सुनकर मामी ने कुछ नहीं कहा.
उसी दिन मम्मी का कॉल आ गया और मैं घर चला गया.
कुछ दिनों बाद मुझे फिर मामा के घर पर कुछ काम निकल आया था इसलिए मैं वहां गया.
मैं वहां पर शाम को पहुंचा और सीधा छोटे मामा के घर गया.
मैंने मामी को नमस्ते कहा और सामान रख कर अन्दर जाकर बैठ गया.
मैं बच्चों के साथ टीवी देखने लगा.
मामी मेरे लिए चाय बनाकर लेकर आ गईं.
इस बार सर्दियों का मौसम था इसलिए मैंने कंबल ओढ़ रखा था.
मामी को किसी का कॉल आया हुआ था.
वे मुझसे बातें करती हुई मेरे पास आकर बैठ गईं.
उन्होंने भी अपने ऊपर कंबल ले लिया.
फिर मेरे दिमाग में एक शरारत सूझी.
मैंने उनका हाथ पकड़ लिया और अपने लंड पर रख दिया.
उन्होंने अपना हाथ फिर पीछे खींच लिया.
लेकिन मैंने उनका हाथ से पकड़ कर अपने लंड पर रख लिया.
अपना हाथ पीछे करके मामी मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा रही थीं और फोन पर बात कर रही थीं.
फिर वे किचन में गईं.
मैं उनके पीछे आ गया.
मैंने उनको पीछे से जाकर पकड़ लिया और गले में चूमने लगा.
मामी- कोई आ गया तो मारे जाएंगे. बच्चों को सो जाने दो, फिर मैं तुमसे बात करती हूं.
मैंने भी उनकी बात मान ली और कमरे में जाकर टीवी देखने लगा.
इस बार मैंने उन्हें अपनी तरफ को सोने का कहा.
उन्होंने हंस कर आंख दबा दी.
जब बच्चे सो गए तो मैं उन्हें उठाकर दूसरे कमरे में ले गया.
इस बार मुझे लग रहा था कि वे मुझे सब कुछ करने देंगी क्योंकि इस बार उनके चेहरे पर एक अलग मुस्कुराहट थी.
जब हम दूसरे कमरे में गए तो मैं उन्हें किस करने लगा.
वे मुझे कह रही थीं- मत करो यार, यह सब गलत है!
मैंने कहा- कुछ गलत नहीं है आप बस मेरा साथ दो.
वे कुछ नहीं बोलीं.
मैंने उनको किस करते हुए बेड पर लेटा लिया और अब वे भी मेरा साथ दे रही थीं.
हम दोनों ने धीरे-धीरे एक दूसरे के कपड़े निकालना शुरू कर दिए थे.
कुछ ही देर में वे पूरे मूड में आ गईं.
अब हम दोनों एक दूसरे के पागलों की तरह चूम रहे थे.
जब मैंने उनके सारे कपड़े निकाल दिए तो वे एक कांटा माल लग रही थीं.
मैं उनके मम्मों को चूसने लगा.
वे मजे से आह भर रही थीं.
मैंने मम्मों को चूसने के बाद नीचे आना शुरू कर दिया.
पेट के नीचे किस करते हुए चूत पर आ गया.
मैंने मामी की चूत पर किस किया तो वे सिहर उठीं.
फिर मैंने चूत के अन्दर जीभ डाल दी और रस चूसना शुरू कर दिया.
मामी- आह हह आहह चूस ले … और आहहह जोर से.
मैंने दस मिनट तक चूत चाटी.
अब मामी मेरा सिर पकड़ कर दबाने लगीं.
मैं समझ गया कि मामी की चूत का काम तमाम होने वाला है; मैं जोर जोर से चूत चूसने लगा.
मामी आह आह करके सर दबा रही थीं.
जल्द ही वे झड़ गईं.
फिर मैंने मामी से मेरा लंड चूसने के कहा पर मामी ने मना कर दिया.
मैंने भी ज्यादा जोर नहीं दिया.
उसके बाद मैंने मामी को नीचे लिटा दिया और उनके ऊपर आकर अपना लंड उनकी चूत पर रगड़ने लगा
मामी हांफती हुई कहने लगीं- आह … अब और मत तड़पाओ … डाल दो अपने लंड को मेरी चूत में!
मैंने देर ना करते हुए एक झटका मारा जिससे मेरा आधा लंड मामी की चूत में चला गया.
उससे मामी को बहुत तकलीफ हुई और वे चिल्लाने लगीं.
तभी मैंने उनको होंठों पर किस करके उनके मुँह को दबा लिया ताकि उनकी आवाज बाहर ना जाए.
दो मिनट बाद मैंने उनको छोड़ दिया.
मामी- बहुत जलन हो रही है बाहर निकालो.
मैं- थोड़ी देर में मजा आने लगेगा.
हालांकि मेरा लंड सामान्य साईज का ही है. यह 5.5 इंच का है लेकिन मामी ने काफी समय बाद सेक्स किया था तो उन्हें दर्द हो रहा था.
अब मैंने उनको किस करना शुरू किया और मौका देख कर एक जोर से झटका दे दिया.
वे तड़पने लगीं और छूटने की कोशिश करने लगीं.
पर मैंने उनको पकड़ रखा था और अपने होंठों से उनका मुँह दबा रखा था.
करीब दो मिनट बाद वे नार्मल हो गईं और नीचे से अपनी गांड उठा कर मजे लेने लगीं.
मैंने उनके मुँह को छोड़ दिया.
अब मामी उछल उछल कर चुदवा रही थीं- आह आह जोर से चोद आहहह … और जोर से.
मैं भी मामी के दोनों मम्मों को बारी बारी से चूस रहा था और गाली देते हुए उन्हें चोद रहा था- साली चुद ले … आज तो मैं तेरी चूत फाड़ दूँगा.
मामी- फाड़ दे मेरी चूत … बना ले अपनी रखैल!
मैंने भी चोदना जारी रखा.
कुछ समय बाद मामी ने मुझे कस कर पकड़ लिया और नीचे से अपनी गांड को जोर जोर से उठाने लगीं- आह और जोर आह आह चोद दे.
दो मिनट बाद मामी चिल्लाती हुई और आह आह करती हुई निढाल हो गईं.
मैं समझ गया कि मामी झड़ चुकी हैं, पर मैं अभी भी उन्हें चोद रहा था.
फिर मैंने मामी को घोड़ी बना दिया और पीछे से उनकी चूत में जोर से झटका दे दिया.
इससे एक ही बार में मेरा लंड मामी की चूत में घुस गया.
मामी को थोड़ा ज्यादा दर्द हुआ, वे आगे को होने लगीं पर मैंने मामी को कमर से पकड़ा हुआ था.
मैं ताबड़तोड़ चोदने लगा.
करीब बीस मिनट तक चोदने के बाद मैंने कहा- मामी, मेरा होने वाला है, कहां निकालूँ!
मामी- अन्दर ही निकाल दे, मैं दवाई ले लूँगी.
यह सुनते ही मैं तेज झटके मारने लगा और 20-30 झटकों के बाद मैं उनके अन्दर ही झड़ कर उनके ऊपर लेट गया.
उस रात हमने तीन बार सेक्स किया.
उस दिन के बाद हम जब भी मिलते थे, हम दोनों चुदाई जरूर करते.
धीरे धीरे हमें प्यार हो गया.
अब हमारा रिश्ता जिस्म का नहीं, प्यार का है.
आशा है आपको मेरी मामी की चुदाई की रियल फॅमिली पोर्न कहानी पसंद आयी होगी.
मुझे मेल करके बताएं.