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बस में मिली लड़की की चूत में उंगली

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पुसी फिंगर मास्टरबेशन स्टोरी में पढ़ें कि चंडीगढ़ से दिल्ली की बस में मैं एक लड़की के साथ बैठा. वह मेरे कंधे पर सर रख कर सो गयी. उसके बाद हमने कैसे मजे लिए?

दोस्तो, मेरा नाम विनीत है. (बदला हुआ नाम)
मैं चंडीगढ़ से हूं और मेरी उम्र 30 साल है.

आज मैं आपको अपने साथ हुए एक सच्चे अनुभव की कहानी सुनाता हूं.

यह बात 2016 की है जब मैं साउथ इंडिया में काम करता था.
और तब चंडीगढ़ से डायरेक्ट ट्रेन नहीं होती थी तो मैं दिल्ली ट्रेन पकड़ कर जाता था।

यह पुसी फिंगर मास्टरबेशन स्टोरी मार्च की है जब मैं कुछ दिनों के लिए घर आया हुआ था और मुझे वापस अपनी जॉब पर लौटना था.
तो मैं 35 सेक्टर से दिल्ली की बस में चढ़ गया पिछले दरवाज़े से!

मैं आगे के दरवाज़े से 3 सीट छोड़ कर बैठा था.
बस में ज्यादा भीड़ नहीं थी और सब लोग सो रहे थे.

मैंने कंडक्टर से अपना दिल्ली का टिकट लिया और अपना बैग अपनी सीट की नीचे करके बैठ गया.

बस थोड़ी कम रफ्तार से चल रही थी.
कंडक्टर भी अपनी सीट पर जाकर आगे बैठ गया और ड्राइवर ने लाइट बंद कर दी.
बस में नीले रंग की डिम लाइट जल रही थी.

मैं अपनी सीट पर आराम से बैठा था कि तभी मेरी नजर मेरे आगे से बैठी एक लड़की के पैरों पर पड़ी.
वह खुद तो खिड़की वाली साइड पर बैठी थी और अपने पैर उसने अपनी साथ वाली कुर्सी के हैंडल पर रखे हुए थे.

दोस्तो, मैं आपको बता दूँ कि हर लड़का लड़की के किसी ने कसी अंग से प्रभावित होता है या आकर्षित होता है.
वैसे ही मेरी फैंटेसी लड़कियों के पैर हैं.
और जो लड़की मुझसे आगे बैठी थी उसके पैर तो इतने सुन्दर और गोरे थे कि मेरा दिल कर रहा था कि मैं अभी उसके पैर चाट जाऊन.

नीले रंग की रोशनी उसके पैरों पर पड़ रही थी.
पर क्यूंकि वह खिड़की वाली साइड बैठी थी तो उसका चेहरा नहीं दिख रहा था, बस बाल ही दिख रहे थे.

बस को चलते अभी 10 मिनट ही हुए थे कि एक आदमी और बस में चढ़ गया.

क्यूंकि आगे वाली सीटों पर सवारी बैठी थी तो वह पीछे ही आ गया बिल्कुल मेरे पीछे वाली सीट पर!

लेकिन क्यूंकि बस रुकी थी तो उस लड़की की नींद थोड़ी खुल गई और उसने अपने पैर हैंडल से हटा लिए.

क्यूंकि अब आगे भी कोई बस में चढ़ सकता था और अब उस लड़की के पास बैठ सकता था.
तो मैं फटाफट अपनी सीट से उठ कर उसकी सीट पर बैठ गया।

वह अभी भी थोड़ी सी रही थी.

उसने लाल रंग की कुर्ती और नीली जींस पहनी थी.
एकदम गोरी, काले लंबे बाल आंखों पर नजर का चश्मा और ब्राउन कलर का पर्स बायें कंधे में पहना हुआ था.
उसकी हाइट 5फुट 5 इंच होगी.

मैं उसे देख ही रहा था और मेरा लन्ड टाइट खड़ा था.
वैसे तो मैंने भी ब्लू जींस पहनी हुई थी पर क्यूंकि मेरी जींस ज्यादा टाइट थी तो मेरे खड़े लंड की शेप पता चल रही थी.
इसलिए मैंने अपना लैपटॉप बैग अपनी गोद में रख लिया ताकि किसी को पता ना चले.

फिर थोड़ी देर बाद उसने नींद में अपना सर मेरे बाएं कंधे पर रख दिया और सोती रही.
मैं अपनी बाहें फोल्ड करके बैठा था तो मैंने अपने दाएं हाथ से उसके दाएं हाथ को छुआ.

पर वह नींद में थी इसलिए उसकी तरफ से कोई रेस्पॉन्स नहीं आया.

फिर मैंने अपनी उंगलियां थोड़ी आगे बढ़ाई तो वह थोड़ी उठ सी गई और वापस अपना सर सीट पर सीधा करके लेट गई.

दस मिनट बाद उसका सर फिर से मेरे कंधे पर आ गया, उसका माथा मेरी गर्दन से सटा हुआ था.
तो मुझे और भी ठरक बढ़ रही थी.

उसका माथा मेरी गर्दन के नीचे था और उसके बाल थोड़े थोड़े मेरे होठों पर लग रहे थे.

आप लोग सोच भी नहीं सकते कि मेरे लन्ड की क्या हालत हो रही थी.

फिर मैंने हल्के से नीचे को सर झुकाकर उसके माथे पर एक हल्का सा किस किया.

तो वह थोड़ी सी हिली और मेरी गान्ड फट गई कि कहीं इसे आभास हो गया मेरी हरकत का तो आज तो बहुत पिटेगा.
इसलिए मैंने फटाफट से अपना मुंह हटा लिया.

पर उसका माथा मेरे गले से बिल्कुल ही चिपका हुआ था तो ठरक भी कम नहीं हो रही थी।

मुझे खुद को कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा था.
मैंने सोचा कि जो होगा देखा जाएगा.

तब मैं धीरे धीरे से अपने दाएं हाथ की उंगलियां आगे बढ़ाते हुए उसके दाएं मम्मे को छूने की कोशिश करने लगा.
मैंने अपने हाथ की तर्जनी उंगली और अंगूठे से उसके दाएं मम्मे पर हल्का हल्का छुआ.
तो उसने तभी आंखें खोल ली और मेरी गान्ड फट के चार हो गई.

लेकिन उसने कोई रेस्पॉन्स नहीं किया बल्कि वह आंखें बंद करके मेरे कंधे पर सर रख कर आराम से सोने का नाटक करने लगी.
अब तो मुझे पता चल ही गया कि उसको भी मज़ा आ रहा है.

तो मैं हाथ से उसके मम्मे को हल्का सा जोर से सहलाने लगा.
वह भी मजे के साथ कुछ नहीं कर रही थी और उसकी गर्म सांसें मेरे गले पर महसूस हो रही थी।

वैसे तो बस की लाइट बंद थी और नीली लाइट जल रही थी और यह पब्लिक बस थी, ना कि स्लीपर … तो ज्यादा कुछ कर भी नहीं सकते थे.
क्यूंकि हम आगे से तीसरी सीट पर ही बैठे थे इसलिए लिमिट में रह कर ही मज़ा ले सकते थे।

फिर मैंने उसके माथे पर दोबारा से किस किया तो उसने आंखें बंद किए ही सर ऊपर कर लिया.
वह भी चाहती थी कि मैं उसके लिप्स पर किस करूं.

तो मैंने अच्छे से साथ वाली सारी सीट देख कर और पीछे वाली सीट देख कर और आगे देखकर कन्फर्म किया कि कहीं कोई देख तो नहीं रहा!
सब सो रहे थे.

फिर मैंने उसके लिप्स पर एक स्मूच की और मैंने अपना हाथ उसकी कुर्ती में डालना चाहा.
पर उसकी कुर्ती का गला तंग था तो इस वजह से मेरा हाथ नहीं जा रहा था.

त वह थोड़ी कुर्ती ऊपर करके बैठ गई और मैंने कुर्ती के नीचे से हाथ डाला और उसके पेट पर हल्के हल्के से सहलाने लगा.
फिर उसकी ब्रा के ऊपर से ही मैं उसके मम्मे दबाने लगा.

वह और जोर से सांस लेने लगी.

फिर मैंने उसके ब्रा के अंदर हाथ डाला.
उसके मम्मे ज्यादा बड़े नहीं थे पर मेरी मुठ्ठी में आ रहे थे.

मैंने उसकी चूची को खींचा तो उसकी सिसकारी निकल गई.

फिर मैंने अपना हाथ बाहर निकाल लिया और अपने बाएं हाथ से उसके दाएं हाथ कि उंगलियां सहलाने लगा.
उसने भी मेरा हाथ दबा दिया.

फिर मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने लौड़े पर रख दिया.

वह पैंट के ऊपर से ही मेरा लौड़ा सहलाने लगी क्यूंकि मैंने अपनी गोद में बैग रख हुआ था इसलिए वह मेरी साइड और ऊपर दोनों कवर कर रहा था.

फिर मैंने दोबारा से उसकी कुर्ती में हाथ डाला और उसकी पैंट का बटन खोल दिया.

धीरे धीरे मैं उसकी पैन्टी में नीचे हाथ ले गया.
मेरी उंगलियां गीली हो गई.
मैं समझ गया कि उसकी चूत पहले ही गीली हो गई थी.

फिर मैंने अपनी बीच वाली उंगली उसकी चूत में डाल दी.
पुसी फिंगर मास्टरबेशन से उसे मजा आया और उसने तभी मेरी गर्दन पर काट लिया और अपनी आवाज़ दबा ली.

मैं अपनी उंगली धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा और वह मेरे लौड़े को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगी.
उसने मेरी ज़िप खोल दी.

लेकिन क्यूंकि मैंने नीचे कच्छा पहना था तो लौड़ा उसे मिल नहीं रहा था.

फिर मैंने अपने हाथ से लौड़ा निकालकर पकड़ लिया और ऊपर नीचे करने लगी.

कुछ मिनट में ही उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया जिससे वह ढीली सी पड़ गई और अब हल्के हल्के से मेरी मूठ मारने लगी.

मैंने हाथ निकाल कर उसकी चूत का नमकीन पानी अपनी उंगलियों से चाटा.

तब मैंने उसे हल्के से पूछा कि क्या वह मुंह में लोड़ा ले सकती है.
तो उसने कहा- अभी रिस्क है क्योंकि यह पब्लिक बस है.
मैं बोला- ठीक है.

मेरी मुठ मारते हुए उसे काफी देर हो गयी थी तो मेरा वीर्य निकलने वाला था.
मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और तेज़ी के साथ ऊपर नीचे करने लगा.

जल्दी ही उसका हाथ मेरे वीर्य से भर गया और मेरा लन्ड पूरा चिपचपा हो गया.

उसने हाथ बाहर निकाल लिया और अपनी उंगली चाट ली और अपनी कुर्ती के पल्ले से साफ कर दी.

फिर उसने मेरा लोड़ा भी अपनी कुर्ती के पल्ले से ही साफ कर दिया।

अगर आप जानना चाहते है कैसे मैंने उसकी चुदाई की तो मुझे ईमेल कीजिए.
मुझे बताएं कि आपको यह पुसी फिंगर मास्टरबेशन स्टोरी कैसी लगी?
मेरी ईमेल है
[email protected]

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