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दोस्त की विधवा पत्नी ने मरवाई चूत- 1

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पंजाबी भाभी की वासना ने उसे मेरे पास लाकर खड़ी कर दिया. वह मेरे दोस्त की विधवा है. दोस्त की मौत के बाद मैं उससे कम ही मिलता था. उसने उलाहना दिया मुझे तो मैं भी खुल गया.

यारो, मैं जगतार सिंह चंडीगढ़ में रहता हूं।
49 वर्ष का होने के बावजूद स्वस्थ हूं।

मैं एक प्राइवेट फैक्ट्री में सुपरवाइजर था लेकिन लॉक डाउन की वजह से मेरी नौकरी छूट गई।
उसके बाद मैंने कहीं भी नौकरी नहीं की।

मैं एक समय भोजन करना भूल सकता हूं, लेकिन सुबह और शाम को 6 किलोमीटर सैर करना कभी नहीं भूलता।

मेरी पत्नी की मौत हो चुकी है लेकिन जब वह जिंदा थी तब मैं उसकी रोजाना चुदाई करता था।

भगवान की कृपा से आज तक जिस भी लड़की और महिला की चुदाई की, वह मेरे लंड की मुरीद बन गई।
अब भी रोजाना चुदाई करने की इच्छा तो रहती है लेकिन परिवार के साथ रहने से अपनी इस इच्छा को दबाना पड़ता है।
कभी कभी कॉलगर्ल का सहारा भी ले लेता हूं।

मैं अपने शादीशुदा बेटे, बहू और पांच वर्ष के पोते के साथ उसके कंपनी के फ्लैट रहता हूं।

यह कहानी एक पंजाबी भाभी की वासना की है.

फ़रवरी 2021 में एक दिन पोते सिमर को एक्टिवा पर स्कूल वैन तक छोड़ने गया तो वहां मेरे फ्रेंड गुरबख्श सिंह, जो बैंक मैंनेजर था, की पत्नी कुलवंत भाभी अपनी पोती कीरत को छोड़ने आई हुई थी।
वैसे सिमर को मेरी बहू स्टॉपेज पर छोड़ने जाती है।

पहले मैं आपको कुलवंत के बारे में बता दूं।
वह 43 वर्ष की है लेकिन दिखती 35 की है।
साढ़े पांच फीट कद और पतले शरीर की मालिक वह बहुत खूबसूरत और सेक्सी है।
उसका शरीर इतना सेक्सी है कि हर कोई उसे चोदना चाहेगा।

ड्रेस सेंस भी कुलवंत की कमाल की है।
वह जो भी ड्रेस पहनती है, उसमें वह किसी अप्सरा से कम दिखाई नहीं देती।

जीन टॉप पहन कर वह एक जवान लड़की ही लगती है।
हाउसवाइफ होने के बावजूद वह घर में भी हर समय तैयार हो कर रहती है।

भाभी की निगाहों में मुझे अपने प्रति प्यार दिखाई देता था। वह बहुत ही सेक्सी अंदाज़ में आखों से बात करती है।
मुझे भी उससे बातें करना अच्छा लगता था।
वह मुझे चाहती है, इसका मुझे एहसास है।

वह चाय पकड़ाने के बहाने वह अपने गुलाबी होंठों को काटते हुए कई बार अपने गोल मटोल बूब्स भी दिखा चुकी है।
मैं चाहता तो उसे कभी भी चोद सकता था।
पर कुलवंत ने भी कभी मुझसे अपने प्यार का इज़हार नहीं था किया।

लेकिन इसके बावजूद मैं अपने दोस्त से किसी भी हालत में गद्दारी नहीं कर सकता था।

पांच वर्ष पहले गुरबख्श की सड़क हादसे में मौत हो जाने के बाद मैंने उनके घर जाना बंद कर दिया था।
उसकी मौत के एक वर्ष बाद कुलवंत ने अपने इकलौते बेटे जसवंत की शादी कर दी।
लेकिन किसी निजी कार्य की वजह से मैं उस शादी में शरीक न हो सका था।

अब आगे का किस्सा पढ़ें:

कुलवंत ने सेक्सी निगाहों से देखते हुए मुझे नमस्ते की।

“नमस्ते भाभी, क्या बात आज एक अरसे बाद दिखाई दी हो?”
“जगतार, तुम भी गुरबख्श की मौत के बाद हम से दूर क्यों रहने लगे हैं? क्या तुझे हमारी कभी याद नहीं आई? क्या तुम हमारे साथ कोई रिश्ता नहीं रखना चाहते? जसवंत की शादी में भी शरीक नहीं हुए। पहले तो अक्सर आते थे। मुझे अच्छा भी लगता था। कोई गलती हो गई क्या मुझसे?”

कुलवंत भाभी ने उलाहनों की झड़ी लगा दी.

मैं बोला- नहीं भाभी, ऐसी कोई बात नहीं। मैं तो इस लिए नहीं आता कि कहीं लोग हमारे बारे में गलत बातें न करने लग जाएं। वरना दिल तो मेरा भी आप से मिलने को बहुत करता है।

वह बोली- जगतार, जब भी घर में तेरे बारे में कोई बात होती है तो जसवंत की पत्नी गगन हमेशा ही कहती है कि मम्मी, अगर जगतार अंकल पापा के फ्रेंड थे तो हमारे घर क्यों नहीं आते?

फिर कुलवंत बहुत ही सेक्सी अंदाज़ में बोली- जगतार, प्लीज कभी कभी आकर हमें मिल जाया करो। हमें अच्छा लगेगा।

इस दौरान मै उसके बूब्स देख रहा था।
भाभी ने मुझे अपने बूब्स देखते हुए देख लिया था।

स्कूल वैन समय पर न आने पर मैंने स्कूल में फोन किया।
पता चला कि वैन खराब हो गई है।

कुलवंत को वैन खराब होने का पता लगा तो उसने बच्चों को स्कूल छोड़ने के लिए मुझे अपने घर से उनकी कार लाने को कहा।
मैं उनके घर कार लेने गया तो मुझे पहली बार कुलवंत की बहु गगन ने मस्ते अंकल बोल कर कार की चाबी दी।

गैराज से कार निकाल कर जाने लगा तो गगन मुस्कुराते हुए बोली- अंकल, अगर आप के पास समय हो तो प्लीज़ बच्चों को स्कूल छोड़ कर मम्मी के साथ पंचकूला वाले फ्लैट किराया लेने जाना पड़ेगा। वहां थोड़ी मरम्मत भी करवानी है।
मेरे हामी भरने पर गगन ने कुलवंत को फोन कर दिया।

मैं कार लेकर निकला तो गगन मेरी तरफ़ सेक्सी निगाहों से देख रही थी।

कार लेकर मैं कुलवंत के पास पंहुचा तो सिमर और कीरत कार की पिछली सीट पर बैठ गए।
कुलवंत मेरे साथ थी।
सफेद रंग की शर्ट के नीचे ब्रा न पहने होने से उसके बूब्स बहुत मस्त दिखाई दे रहे थे।

ड्राइव करते समय मेरी नजर बार बार उसके बूब्स पर जा रही थी।
उसने भी मुझे बूब्स देखते हुए देख लिया था।

कुलवंत ने सेक्सी निगाहों से मेरी तरफ देखते हुए कहा- प्लीज, आगे देख कर ड्राइव करो. इधर उधर देखते हुए कहीं कार किसी और गाड़ी में ना ठुक जाए।

बच्चों को स्कूल छोड़ने के बाद हम पंचकूला चले गए।

फ्लैट पर पहुंच कर पता चला कि किरायेदार अपने गांव में गया हुआ था।

कुलवंत ने एक कमरे का ताला खोल कर मुझे डबल बैड पर बैठने को कह कर वह अटैच बाथरूम में घुस गई।

बाद में उसने बाथरूम की मरम्मत के लिए प्लम्बर को फोन किया।
वह बिज़ी था।

“जगतार, आज तो कोई भी काम नहीं हुआ। थोड़ी देर आराम करने के बाद घर चलेंगे।”
मुझे अब तक यह यकीन हो गया था कि कुलवंत आज मुझसे अपनी चूत ज़रूर मरवाएगी।

मैंने उसके सेक्सी बूब्स और नशीली आंखों में देखते हुए पूछा- और सुनाएं भाभी, ज़िंदगी कैसे गुजर रही है?

“जैसे तुम्हारी भाभी के बगैर! जगतार, सच पूछो तो दिन तो किसी न किसी तरह कट जाता है, अकेले रात काटनी कठिन हो जाती है। क्या तुम्हारी हालत भी मेरी जैसी ही नहीं है?”
“मेरी तो आपस भी बदतर है।”

“जगतार, मुझे शुरु से ही तुमसे बातें करना अच्छा लगता है।”
“मुझे भी भाभी!”
“सच कह रहे हो?”
“मैं झूठ क्यों बोलूंगा आपसे?”

वह मुझे प्यार और सेक्सी निगाहों से देखने लगी।

“भाभी बुरा न मानो तो एक बात कहूं?”
“कहो जगतार!”

“भाभी आप किसी से फ्रेंडशिप करके अपनी ज़िंदगी को खुशियों से क्यों नहीं भर लेती?
कुलवंत ने मुझे बहुत हैरानी से देखा।

“भाभी बुरा मत मान जाना, मैंने तो तुम्हें अपनी समझ कर कह दिया। वरना जो आपका दिल कहे, वही करें।”
“इसमें बुरा मानने वाली कोई बात नहीं … लेकिन यह हो नहीं सकता।”

“क्यों नहीं हो सकता भाभी? आप तो अभी जवान हैं। जीवन भर अकेले रहना बहुत कठिन है।”
“जगतार, अगर किसी से मेरी फ्रेंडशिप हो भी गई तो समाज क्या कहेगा? क्या लोग मेरे और गगन के बारे में बातें नहीं करेंगे?”

“लोगों का तो काम ही दूसरों की बातें करना होता है।”
“जगतार लोग हमारा जीना हराम देंगे। वैसे भी इस उम्र में मुझसे फ्रेंडशिप कौन करेगा? मर्द जवान महिला और लड़की को ही पसंद करते हैं।”
“भाभी आप भी किसी से कम नहीं। शादी से पहले अगर आप मुझे मिली होती तो मैं आपसे ही शादी करता।”
“तुम भी न जगतार, जो मुंह में आए बोल देते हो।” कुलवंत मेरी बात सुनकर खुश हो गई, मेरा हाथ सहलाने लगी।

आंखों में देखते हुए अपने होठों पर जीभ फेरते हुए मैंने कहा- भाभी, कोशिश तो करें, तुम्हारे चाहने वालों की लाइन लग जाएगी।
मेरी बात सुनकर हंसते हुए बोली- मैं इतनी भी सुन्दर नहीं हूं।

“भाभी काश, आप मेरी आंखों से देख पाती। हीरे की परख एक अच्छा ज़ौहरी ही कर सकता है।”
मेरा हाथ सहलाते हुए कुछ समय आंखें बंद रखने के बाद वह बोली- औरों को छोड़ो जगतार … अगर तुम को हीरे की इतनी ही परख है तो तुम ही मेरे साथ सच्ची फ्रेंडशिप क्यों नहीं कर लेते?
मैंने कोई जवाब न दिया।

“तुम जवाब क्यों नहीं दे रहे? मैंने तो पहले ही कहा था कि इस उम्र में मुझसे कोई भी व्यक्ति सच्ची फ्रेंडशिप करने के लिए तैयार नहीं होगा।”
“ऐसी बात नहीं है भाभी … आप बहुत पैसे वाली हैं और मैं…” मैं कभी भी आपकी कोई ख्वाहिश पूरी नहीं कर पाऊंगा।”
“जगतार तुम पैसे की चिता ही मत करो। भगवान का दिया हुआ बहुत कुछ है। खेतीबाड़ी है, मुझे पेंशन मिलती है। गुरबख्श भी मेरे लिए बहुत पैसे छोड़ के गए हैं। ऊपर से जसवंत भी जरूरत से अधिक पैसा भेज देता है। घर में खाने वाले तीन लोग ही हैं।”

उसने मेरी आंखों में देखते हुए पूछा- जगतार एक बात बताओ? क्या मैं तुम्हें सुन्दर और सेक्सी दिखाई नहीं देती?
“आप बहुत सुन्दर और सेक्सी हैं भाभी। मैं भी आपको चाहता हूं। अपने दिल की रानी बना कर रखना चाहता हूं। लेकिन अपने दोस्त गुरबख्श की आत्मा से धोखा नहीं कर सकता।”

“ऐसा क्यों सोचते हो? मैं तुम्हें उस समय से चाहती हूं जब तुम गुरबख्श के रहते हमारे घर आया करते थे।”
“जगतार, अब अगर मेरे दिल में तूने प्यार का स्वर छेड़ ही दिया है तो सुरीले राग भी तुम्हें ही निकालने पड़ेंगे।”
“तुम मुझे बहुत अच्छे लगते हो। मैं तुम्हें प्यार और खुशी देना चाहती हूं। प्लीज मुझे सदा के लिए अपनी बना लो।” यह बोलते हुए उसने मुझे अपनी बांहों में ले लिया।

वह मेरे होठों को चूमते हुए बोली- आई लव यू जगतार!
“आई लव यू टू भाभी!” कहते हुए मैं भी उसे अपनी बाहों में लेकर उसके होठों को चूमने और चूसने लगा।

“जगतार, जब मैं अकेली होती हूं तो प्लीज मुझे भाभी न बोला करो, मुझे कुलवंत ही कहा करो।”

पंजाबी भाभी की वासना उफान पर थी, उसने अपनी गर्म जीभ मेरे मुंह में डाल दी।
मैं उसकी जीभ चूसने लगा।

मैंने अपनी जीभ उसके मुंह से डाल दी और वह बडे़ सेक्सी अंदाज़ से मेरी जीभ चूसते हुए पैंट के ऊपर से ही मेरा लंड सहलाने लगी।

उसकी कमीज़ में हाथ डाल कर बूब्स दबाने शुरू किए तो वह बोली- जगतार भगवान कसम बहुत मजा आ रहा है। प्लीज थोड़ा और जोर से दबाओ। निचोड़ दो इन्हें! पांच वर्ष बाद इनको किसी का प्यार मिल रहा है।
बूब्स दबाते हुए मैंने कहा- कुलवंत आज मैं बहुत खुश हूं। मुझे अब जीने का सहारा मिल गया है।

वह गर्म हो चुकी थी।

मैंने उसके कपड़े उतार कर बैड पर लिटा दिया।
उसने शर्माते हुए अपनी आंखों पर हाथ रख लिया।

मैं भी लेट गया तो वह मेरे ऊपर लेट कर मुझे चूमने लगी- जगतार, आज तुम मेरी बरसों की प्यास मिटा देना। तुम बहुत सेक्सी हो। काश पहले मिले होते!
“कुलवंत, मैं भी कई वर्षों से तुम्हें जी भर कर प्यार करना चाहता था।”

मैं बूब्स दबाते हुए निप्पल चूसने लगा।
कुलवंत मेरा सिर अपनी छाती पर दबाते हुए बोली- जगतार, अच्छी तरह से सारा दूध पी लो। आह… ह… ह… ह… बहुत अच्छा लग रहा है। आह बहुत मज़ा आ रहा है। प्लीज निप्पल और बूब्स को धीरे धीरे दांतों से भी काटो। आह ऐसे ही जगतार … बूब्स पर दांतों के निशान बना दो।

फिर वह बोली- प्लीज, अब तुम भी अपने कपड़े उतार दो।
“यह काम तो मेरी जान तुझे ही करना पड़ेगा।”

कुलवंत ने मेरी पैंट और शर्ट उतार दी।
मेरा अंडरवियर उतार कर लंड को हाथ में लेकर बोली- तुम्हारा लंड तो गुरबख्श से बहुत बड़ा और मोटा है।
उसके बूब्स और निपल्स मसलते हुए मैंने कहा- कुलवंत यह जैसा भी है अब तुम्हारा है।

मैं उसकी नाभि में जीभ घुसा कर चाटने लगा।
“आह … उह … उई … ई … ई … जगतार बहुत मजा आ रहा है। जगतार तुम प्यार बहुत अच्छे से करते हो। गुरबख्श तो दो मिनट प्यार करने के बाद ही मेरी फुद्दी में अपना छोटा सा लंड घुसा देता था, पांच सात झटके मारने के बाद वह झड़ कर दूसरी तरफ मुंह करके सो जाता था। मैं उससे फुद्दी मरवा कर कभी भी संतुष्ट नहीं थी हुई।’

शेष कहानी अगले भाग में पढ़ें।
दोस्तो, आपको मेरी यह सच्ची पंजाबी भाभी की वासना की कहानी कैसी लगी?
प्लीज मेरी इमेल पर और कॉमेंट करके जरूर बताएं।
oldisgold57punjabisardar@gmail.com

पंजाबी भाभी की वासना की कहानी का अगला भाग:

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