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दूर के मामा की बेटी को माँ बनाया

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प्रेगनंट सिस्टर सेक्स कहानी में मेरी कजिन सिस्टर ने मेरे से मदद मांगी. वह माँ नहीं बन पा रही थी क्योंकि उसका पति उसे ठीक से चोद ही नहीं पाया था.

हाय दोस्तो, मेरा नाम नरेश है.
मेरी उम्र बाइस साल है.
मैं लुधियाना का रहने वाला हूँ और अभी पढ़ाई करता हूँ.

यह मेरी पहली सेक्स कहानी है इसलिए गलती होना अवश्य-सम्भव है और मैं पहले ही आप सभी से माफ़ी मांगता हूँ.

प्रेगनंट सिस्टर सेक्स कहानी मेरी और मेरे दूरे के मामा की लड़की की है जिसके साथ सेक्स करके मैंने उसे माँ बनने में मदद की थी.

यह बात उन दिनों की है जब मैं कुछ दिनों के लिए अपने दूर के मामा के गांव घूमने गया था.
उनका गांव लखनऊ जिले की एक तहसील में पड़ता है. यह लखनऊ के काफी नजदीक है.

मामा जी का घर काफी बड़ा है और उनका चावल निर्यात का व्यापार है.
अपने काम के सिलसिले में मामाजी को ज्यादातर बाहर ही रहना होता था.

मामा के घर में तीन ही लोग हैं.
मामा, मामी और उनकी बेटी निशा (बदला हुआ नाम).

निशा की शादी दो साल पहले हुई थी पर वह उस वक्त अपने मम्मी पापा के साथ ही रह रही थी.

उस दिन मैं अपने मामा के घर पहुंचा ही था कि वहां पर मेरी मुलाकात मामा की लड़की निशा से हुई.

वैसे तो मैं उसे बचपन से जानता था पर इस बार मैं उससे लगभग दो साल के बाद मिला था.

वह कुछ परेशान सी लग रही थी.
पूछने पर उसने बताया कि उसकी सास और पति उसे तंग कर रहे हैं क्योंकि शादी के चार साल बाद भी उसे बच्चा नहीं हुआ. वे उसे धमकी दे रहे थे कि अगर जल्दी बच्चा नहीं हुआ, तो वे अपने लड़के की शादी कहीं और कर देंगे.

यह सुन कर मुझे काफी बुरा लगा.
मैंने उससे पूछा कि तुमने कहीं इलाज नहीं करवाया क्या?
निशा ने बताया कि उसने कई डॉक्टरों को दिखाया है. काफी सारे टेस्ट भी करवाए हैं. पर प्रॉब्लम उसके पति में ही है … जिसे वह मानने को तैयार नहीं है.

इतना बता कर वह मेरे कंधे पर सर रख कर रोने लगी.
मैंने निशा को समझा बुझा कर शांत किया.

वह उस दिन मेरे समझाने से काफी शांत हो गई थी और मेरे साथ बैठ कर उसने काफी वक्त बिताया था.

हम दोनों के बीच एक मजबूत दोस्ती सी हो गई थी. हम दोनों ने अपने मोबाइल नंबर भी ले दे लिए थे.

डिनर के बाद हम दोनों अपने अपने कमरे में चले गए थे.

मैं मोबाइल चला रहा था और दोस्तों के एक ग्रुप में चैट कर रहा था.

उसी वक्त उसका मैसेज आया और उसने कहा- क्या तुम अभी जाग रहे हो?
मैंने कहा- हां मुझे देर रात तक जागने की आदत है.

वह बोली- क्या मैं तुम्हारे कमरे में आ जाऊं. मुझे तुमसे बात करके अच्छा लगेगा.
मैंने हां कह दी और वह मेरे कमरे में आ गई.

हम दोनों लेट कर बातें करने लगे.
उसने बातों ही बातों में मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछा.

मैंने बताया- हां एक है तो … पर अभी हम दोनों एक दूसरे को समझने की कोशिश कर रहे हैं. अभी हमारे बीच प्यार जैसा कुछ नहीं हुआ.
उसने नाम पूछा, तो मैंने गर्लफ्रेंड का नाम कुमुद बताया.

वह हंसने लगी और बोली- क्या तुम्हारी उससे फटती है?
मैंने हंस कर कहा- हां कुछ ऐसा ही समझ लो यार … अभी कैसे उससे बात करूँ, कुछ समझ ही नहीं आता.

उसने पूछा- उससे फोन पर बात होती है?
मैंने कहा- हां होती है.

उसने कहा- अभी उसे फोन लगा सकता है क्या?
मैंने कहा- इतनी रात को कभी नहीं लगाया.

वह बोली- तू लगा … मैं बात करती हूँ उससे!
मैंने लगा दिया.

गजब हो गया.
एक घंटी में ही उसने फोन उठा लिया.

इससे पहले कि मैंने कुछ कहता, निशा ने फोन मेरे हाथ से ले लिया और फोन स्पीकर पर करके उससे बात करने लगी.

निशा- हैलो भाभी, कैसी हो?
कुमुद अचकचा गई और उसने कहा- आप कौन हैं और नरेश के फोन से क्यों बात कर रही हैं?

निशा- मैं नरेश की बहन बोल रही हूँ और उसकी तरफ से आपसे बात कर रही हूँ. यदि आपको मेरा भाभी कहना ठीक नहीं लगा हो, तो मैं सॉरी कहती हूँ.

कुमुद- अरे नहीं दीदी, वह बात नहीं है, पर नरेश के फोन से आपने ऐसा कहा तो मैं एकदम से समझ नहीं पाई. मैं आपसे कल बात करती हूँ. अभी मैं मम्मी से बात कर रही थी.

निशा समझ गई कि कुमुद को शर्म आ रही है मगर वह भाभी सुनकर खुश हो गई है.

तब निशा ने ‘ओके भाभी बाय’ कहा और फोन काट दिया.

मेरी गांड फट रही थी कि ये क्या बवाल हुआ.
पर निशा ने हंस कर मेरे लिए कुमुद को लगभग सैट कर दिया था.

सच में निशा बहुत तेज स्पीड वाली लड़की थी.
उसकी तेज स्पीड वाला दूसरा नमूना अभी सामने आने वाला था.

फिर उसने कुछ देर मुझसे बात करके कुछ इस तरह का इशारा दिया कि वह मुझे इस्तेमाल करना चाहती है.
मैंने फिलहाल चुप रहना ठीक समझा.

फिर वह अपने कमरे में चली गई और मैं भी सो गया.

अगले दिन निशा ने अपनी तेज गति की बॉल से मुझे घायल करते हुए कहा- क्या तुम मेरी माँ बनने में मदद कर सकते हो?
मैंने उसकी तरफ देखा तो उसने सीधा मेरे लौड़े को पकड़ कर कहा- बोलो ना!

अब मैंने भी मन बना लिया था कि इसे चोदने का मजा लेना ही चाहिए.
मैंने उससे कहा- ये सब घर में कैसे हो पाएगा?

तो उसने बताया कि कल हम सब चार दिन के लिए शादी में जाने वाले हैं. मैं बहाना बना कर मना कर दूंगी. फिर बात बन सकती है.
मैंने निशा से कहा- आज तक मैंने कभी सेक्स नहीं किया है.
उसने कहा- वह मैं सब बता दूँगी.

अगले दिन निशा के मम्मी पापा शादी में चले गए और मुझे निशा का ख्याल रखने के लिए बोल गए.

मैं उन्हें कार से लखनऊ चारबाग स्टेशन तक छोड़ कर वापस गांव आ गया.
कार में हमारे साथ निशा भी गई थी.
हम दोनों वापस घर आ गए.

अब हम घर में दो ही लोग बचे थे.

घर में आते ही निशा मुझे किस करने लगी.
पहली बार कोई लड़की मेरे होंठों को चूस रही थी.

थोड़ी देर बाद उसने मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए और मैंने भी उसके कपड़े उतार दिए.
मैं पहली बार किसी लड़की को ब्रा और पैंटी में देख रहा था.

थोड़ी देर बाद उसने मेरी निक्कर भी उतार दी.
अब मैं बिल्कुल नंगा हो गया था.
मुझे शर्म आ रही थी.

निशा ने मेरा लंड देखा तो कहने लगी- तुम्हारा हथियार तो बहुत बड़ा है.
मैंने कहा- क्यों, तेरे पति का इतना बड़ा नहीं है क्या?

इस पर उसने बताया कि उसके पति का लंड तो बहुत छोटा है और अन्दर डालने से पहले ही उसके लंड का पानी निकल जाता है. उसको कभी सही से चुदाई का सुख ही नहीं मिला है. शायद ही कुछ बार उसके पति का लंड अन्दर घुस पाया था, मगर अन्दर घुसने के तुरंत बाद उसका रस टपक गया था.

इस सब बात से मुझे पता लगा कि उसके पति के वीर्य में बच्चा पैदा करने की सामर्थ्य नहीं थी इसीलिए वह आज तक माँ नहीं बन पायी.

उसके बाद निशा मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी.
मुझे बहुत मजा आ रहा था.

लगभग दस मिनट लंड चूसने के बाद मेरा शरीर अकड़ने लगा और मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया.

निशा मेरे लंड से निकले वीर्य को पी गई और उसने लंड को चाट कर साफ कर दिया.

अब मैंने उसकी ब्रा खोल दी और उसके दूध चूसने लगा.
उसके दूध काफी बड़े बड़े थे.

मुझे उनके साथ खेलने और चूसने में बहुत मजा आ रहा था.
कुछ ही देर बाद मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा.

मैंने निशा को बेड पर लिटा दिया और उसकी पैंटी उतार दी.

अब निशा पूरी नंगी मेरे सामने बेड पर लेटी थी.

मैं जिंदगी में पहली बार किसी लड़की को नंगी देख रहा था.
उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था.
शायद उसने आज ही अपनी चूत साफ की थी.

उसके कहने पर मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुँह पर लगाया और अन्दर डालने के लिए दबाव डालने लगा.
पर मेरा लंड अन्दर नहीं जा पाया क्योंकि उसका छेद बहुत ही छोटा था.

काफी कोशिश करने के बाद भी मैं अपना लंड अन्दर नहीं डाल पाया.

निशा झुंझला कर उठी और ड्रेस रूम से वैसलीन की डब्बी ले आयी.
उसने ढेर सारी वैसलीन अपनी चूत के मुँह पर लगाई और मेरे लंड के अगले हिस्से पर भी लगा दी.

फिर लेट कर उसने टांगें फैला कर चूत खोल कर मुझे दिखाई.
मैंने उसे देखते हुए लंड हिलाया तो निशा ने चूत के अन्दर लंड डालने का इशारा किया.

तब मैंने अपना लंड उसकी चूत पर लगाया और जोर से धक्का दे दिया.

इस वजह से मेरे लंड का अगला हिस्सा उसकी चूत में चला गया और वह दर्द से बिलबिला उठी.

मैंने और तेज दाब लगा दी तो लंड ने चूत की झिल्ली फाड़ दी.

उसकी चूत से थोड़ा खून वैसलीन के साथ मिल कर बाहर आ गया था.

उसका खून बह रहा था और मुझे ऐसा लग रहा था मानो मैंने अपना लंड किसी जलती भट्टी में डाल दिया हो.

मैंने ज्यादा समय बर्बाद न करते हुए फिर से धक्का दिया जिससे मेरा आधा लंड अन्दर चला गया.
उसकी आंखों में पानी आ गया.

मैंने अपना लंड थोड़ा बाहर निकाला और फिर से जोर से धक्का दे दिया.
इससे मेरा पूरा लंड अन्दर चला गया.

अब मैं धीरे धीरे लंड अन्दर बाहर करने लगा.

कुछ देर के बाद निशा को भी चुदाई का मजा आने लगा था.
वह भी नीचे से अपनी कमर उठा कर मेरा साथ दे रही थी.

काफी देर की चुदाई के बाद निशा झड़ गई थी.

उसके पानी के साथ मेरा लंड फिसलने लगा और कमरे में फच फच की आवाजें आने लगीं.
कुछ ही देर में मैं भी झड़ गया और मैंने अपना सारा माल उसकी चूत में ही गिरा दिया.

जब मैंने अपना लंड बाहर निकाला, तो देखा कि मेरे लंड की चमड़ी भी थोड़ी सी छिल गई थी.
लंड के मुँह के पास से भी खून निकल रहा था.

काफी देर तक मैं निशा के साथ ही नंगा पड़ा रहा.
ऐसे ही नंगे पड़े पड़े हम दोनों सो गए.

जब मेरी आंख खुली तो शाम के पांच बज गए थे.
मैंने निशा को उठाया.

हम दोनों बाथरूम में गए वहां हमने अपने आपको साफ किया.
बाथरूम में हम दोनों एक साथ ही नहाए और मस्ती करने लगे.

इस मस्ती में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
निशा ने मेरा लंड पकड़ लिया और उसे अपने मुँह में लेकर चूसने लगी.

कुछ देर बाद मैंने निशा को झुकने को बोला और पीछे से अपना लंड उसकी चूत पर लगा दिया.
मगर लंड को चूत का सही छेद नहीं समझ आ रहा था तो निशा ने खुद मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत के छेद में सैट कर दिया.

मैंने लंड अन्दर डाला और हम दोनों ने धकापेल सेक्स किया.
उसके बाद चूत लंड में जलन होने लगी थी, तो बाहर आकर हम दोनों ने बोरोलीन लगाई और एक एक दर्द निवारक दवा ले ली.

शाम का खाना हम दोनों ने बाहर से ही मंगवा लिया.
खाना खाने के बाद हम दोनों ने कुछ देर टीवी पर एक फिल्म देखी.

उस रात भी हमने दो बार सेक्स किया.
अगले चार दिन तक हम दोनों ने खूब सेक्स किया.

जब निशा के मम्मी पापा वापस आने का दिन था तो उसकी मम्मी ने फोन करके कहा कि वे दस दिन बाद आ पाएंगी. पापा अकेले ही घर आ रहे हैं.

फिर जब मामा जी आए तो हम दोनों भाई बहन की तरह रहने लगे और सामान्य जीवन बिताने लगे.

सुबह से उसके पापा बोले कि उन्हें आवश्यक काम से दिल्ली जाना है.
वे चले गए और उनके जाने बाद हम दोनों ने चुदाई शुरू कर दी.

उसी दौरान एक दिन मैंने निशा की गांड भी मारी.
गांड चुदाई कोई आसान खेल नहीं है.
हम दोनों को ही बहुत दर्द हुआ पर एक बार गांड में लंड सैट हो जाने के बाद काफी मजा आता है, ये सही बात है.

फिर दसवें दिन निशा की मम्मी वापस आ गईं.
निशा को अपनी ससुराल वापस जाना था तो मैं मेडिकल से स्टैमिना बढ़ाने वाली कुछ दवाएं ले आया और मैंने निशा को देते हुए कहा- वह अपने पति को ये दवाएं खिला कर उससे चुदाई करवा ले ताकि उसे शक ना हो.

उसने वैसे ही किया.
सील टूट जाने की वजह से उसके पति ने कई बार सेक्स भी किया.

फिर एक महीने बाद निशा ने फ़ोन करके बताया कि वह अब माँ बनने वाली है. वह और उसके परिवार वाले बहुत खुश हैं.

मुझे भी अपने लंड पर नाज हुआ कि चलो मेरी बहन का घर टूटने से बच गया.
हालांकि निशा के द्वारा कुमुद से बात करने पर उसने मुझसे बात करना छोड़ दी थी.

दोस्तो, आपको ये प्रेगनंट सिस्टर सेक्स कहानी कैसी लगी.
आप मुझे मेल करके बता सकते हैं.
मुझे आपकी मेल का इन्तजार रहेगा.
मेरी मेल आईडी है
[email protected]

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