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बॉयफ्रेंड के मोटे लंड से चुदाई का आनन्द

  • द्वारा


मैं ओल्ड डेल्ही की देसी लड़की हूँ. मेरी जॉब लगी और एक सहकर्मी से दोस्ती हो गयी. हम साथ घूमने फिरने लगे. एक बार एक रेस्तरां में हमारी नजदीकियां बढ़ गयी और उसने मुझे चूम लिया.

दोस्तो, मेरा नाम डिम्पल है. मैं पुरानी दिल्ली की रहने वाली हूँ.
मेरा फिगर 36-34-40 का है. मैं दिखने में बहुत सेक्सी और हॉट हूँ.

यह ओल्ड डेल्ही की देसी लड़की की रियल सेक्स कहानी है.

मैं दिल्ली में एक कंपनी में जॉब के लिए इंटरव्यू देने गई थी.
मेरा चयन हो गया था.

मैं ऑफिस में गई तो मैं वहां प्रिन्स नाम के सहकर्मी से मिली.
हम दोनों में पहले ही दिन काम को लेकर लड़ाई हो गई.

उसी के बाद लॉकडाउन शुरू हो गया.
चूंकि मेरी कंपनी को लॉकडाउन में भी काम करने की छूट मिली हुई थी तो मैं लगातार जाती रही.

उस दौरान मेरी ड्यूटी प्रिन्स के पास ही लगी हुई थी.
हम दोनों में बिल्कुल नहीं बनती थी.

फिर धीरे धीरे किसी तरह से हम दोनों में बात होने लगी और हम दोनों अच्छे दोस्त बन गए.
अब तो हम दोनों फोन पर बात भी करने लगे थे.

एक दिन की बात है, मैंने प्रिन्स से उसकी जीएफ के बारे में पूछा.
उसने बताया कि उसकी कोई जीएफ नहीं है.

यह सुनकर न जाने क्यों मुझे अन्दर से बहुत अच्छा सा लगा.
अब हम दोनों बहुत करीब आ गए थे.

एक दिन उसने मुझे कॉफी पर बुलाया.
हम दोनों एक रेस्टोरेंट में गए.

वहां एक केबिन में हम दोनों बैठ गए और बात करने लगे.
बातों बातों में उसको मेरे शरीर को टच किया.
मुझे उसका स्पर्श पसंद आया तो मैं कुछ नहीं बोली.

फिर उसने मेरे शरीर को कुछ ज्यादा ही छुआ तो मैं मुस्कुरा दी.

वह एकदम से मेरे होंठों से अपने होंठ लगा कर मुझे चूमने लगा.
मैं अचकचा गई और उसको रोक ही नहीं पाई.

न जाने क्यों … मुझे भी उसके होंठों का रस अच्छा लग रहा था … मैं भी उसका साथ देने लगी.

ये देख कर वह एक कदम और आगे बढ़ गया, उसने मेरी चूचियों को भी दबाना चालू कर दिया.
मैं मदहोश होने लगी.

तभी अचानक मेरे फोन पर किसी का कॉल आया और मैं उससे अलग हो गई.
यह फोन कुछ जरूरी था तो मैं वहां से आ गई.

अब हम दोनों फोन पर घंटों बात करने लगे थे.

एक दिन उसने मुझे मिलने को बुलाया.
वह मुझे एक होटल के कमरे में ले गया.

होटल के रूम में जाते ही उसने मेरी मांग में सिंदूर भर दिया और मेरे होंठों को चूसने लगा.

मैं उसको रोक ही नहीं पाई.
उसके सिंदूर भर देने से मैं भावनाओं में बह गई और उसकी चूमाचाटी में तो साथ देने लगी मगर उसके आगे मैं उसका साथ नहीं दे पाई.

वह मुझसे प्यार भरी बातें करने लगा और मुझसे कहने लगा कि यदि सिर्फ दुनिया को दिखाने से ही हम शादीशुदा हो सकते हैं तो चलो मैं अभी ऑफिस में सबके सामने तुम्हारी मांग में सिंदूर भर दूंगा.

मैंने उससे कुछ नहीं कहा, बस उसके सीने से लग कर रोने लगी.
वह मुझे प्यार से सहलाने लगा और चूमने लगा.

जल्द ही हम दोनों एक दूसरे से गुत्थम गुत्था होने लगे और धीरे धीरे उसने मुझे और खुद को कब नंगा कर दिया, कुछ होश ही न रहा.

नंगे होने के बाद वह मेरे ऊपर चढ़ गया और मेरी चूत से अपना लौड़ा रगड़ने लगा.
मगर उसने इस बात का अहसास ही नहीं होने दिया कि वह अपना लंड मेरी चूत में पेलने वाला है.
वह बस मेरे होंठों से होंठ लगा कर मुझे चूम रहा था और मेरे मुँह में अपनी जीभ देने लगा था.

मुझे उसकी जीभ चूसने में इतनी अधिक उत्तेजना होने लगी कि मैंने अपनी चूत को उसके लौड़े से खुद ही रगड़ना चालू कर दिया.
उसका लंड एकदम कड़क था और मेरी चूत की फांकों में घुसने की कोशिश कर रहा था.

उसी समय कुछ ऐसा हुआ कि उसने अपना लंड मेरी चूत में फंसा दिया और सुपारे को अन्दर धकेल दिया.

उसका मोटा सुपारा मेरी चूत को चीर कर अन्दर टक्कर मारने लगा था.
मुझे बहुत दर्द हो रहा था लेकिन उसका मुँह मेरे मुँह से जुड़ा हुआ था और चीख की आवाज निकल ही नहीं पा रही थी.
ओल्ड डेल्ही की देसी लड़की की बुर फट चुकी थी.

मैंने उसे हटाने की कोशिश की मगर उसने मुझे जकड़ा हुआ था.

तभी उसने अपने लंड को पावर देते हुए एक काफी जोर का शॉट मार दिया और उसका लौड़ा मेरी चूत की गहराई में समा गया.
मेरी सिसकारी तो निकली पर आवाज नहीं निकल सकी.

कुछ देर के लिए वह रुक गया और मेरी कसमसाहट खत्म होने तक उसने मुझे हिलने ही नहीं दिया.
फिर जब चूत में लंड ने जगह बना ली और अन्दर से रस ने लौड़े को चिकनाहट देते हुए चुदाई शुरू करने का संकेत दे दिया, तब उसने मेरे मुँह से अपना मुँह हटाया और वह मुझे नशीली आंखों से देखने लगा.

सच में वह पल ऐसा था कि जिसे मैं लिख कर बता ही नहीं सकती.
मुझे बहुत मजा आने लगा था.

तभी उसने झुक कर मेरी एक चूची के निप्पल को अपने होंठों में भर कर खींचा तो मेरी मादक आह निकल गई.

शायद निप्पल या चूची का निश्चित रूप से चूत से कोई गहरा नाता होता है.
इधर उसने मेरी चूची को खींच कर चूसा, उधर मेरी गांड ने नीचे से उठ कर उसे चुदाई शुरू करने का संकेत दे दिया.

उसने मुझे धीरे धीरे चोदना चालू कर दिया.
कसी हुई चूत में उसका मोटा लंड चलने से मुझे मीठा दर्द होने लगा.

कुछ ही समय में चिकनाहट भरे रस के कारण चूत और लंड का संघर्ष होने लगा और मस्ती सी छाने लगी.
हम दोनों ही एक दूसरे से हारना चाहते थे मगर पीछे हटना कोई नहीं चाहता था.

कुछ बीस मिनट के इस सारे घमासान में मुझे प्रिंस के लंड से रस अपने अन्दर घुसता सा महसूस हुआ और उसी पल खुद के अन्दर से कुछ कटता सा लगा.
मैं निढाल होती चली गई और मेरी आंखों से आंसुओं की धार बह निकली.

प्रिंस मेरे गालों को चाट कर मेरे सारे आंसू पी गया.

उस दिन प्रिन्स ने मुझे मस्त तरीके से दो बार चोदा.

मेरी पहली बार की चुदाई ही ऐसी हुई थी कि मैं उस पर निहाल हो गई.
इसके बाद हम दोनों फोन पर गंदी गंदी बातें करने लगे.

प्रिन्स ने मेरी मांग में सिंदूर भरा था तो मैंने उसको अपना पति स्वीकार कर लिया था.
उसके बाद प्रिन्स मुझे कई बार अलग अलग होटलों के कमरों में ले गया और वहां हर बार उसने मुझे सेक्स का असली सुख दिया.

उसने मेरी चूत में अपनी जीभ डाल कर उसको चाटना और चूसना भी शुरू कर दिया था.
मेरे हाथ उसके शरीर पर चलते थे और मुँह से मादक आवाजें निकलती थीं.

फिर कंपनी के काम से प्रिंस को एक महीने के लिए बाहर ट्रेनिंग पर जाना पड़ा.
मैं मायूस हो गई.

उस दिन उसने मुझे होटल में ले जाकर खूब चोदा. फिर वह चला गया.

जब वह वापस आया तो वह अपनी जॉब पर नहीं आया, उसने मुझे होटल के कमरे में ही बुलाया.
मैं भी ऑफिस से छुट्टी लेकर उसकी बांहों में खुद को मसलवाने के लिए आतुर थी.
मेरी चूत में बेहद खुजली हो रही थी.

उस दिन काफी समय से मुझे चुदाई का सुख नहीं मिला था, जिस वजह से मैं सेक्स की प्यासी थी, मुझ पर सेक्स का भूत सवार था.
प्रिन्स में मुझे जन्नत की सैर करवानी शुरू की.

उसने मुझे पूरी नंगी करके बेड पर चित लिटा दिया और मेरी टांगों को फैला कर मेरी चूत को चाटने लगा था.

मैंने भी उसका सर अपनी चूत में ऐसे दबा लिया था मानो मैं उसे सर के बल अपनी चूत में अन्दर घुसेड़ लूँगी.

कुछ ही देर में मैंने अपना सारा पानी उसके मुँह में ही छोड़ दिया.
प्रिन्स ने भी मेरी चूत का सारा पानी चाट लिया.

उसके बाद प्रिन्स ने अपना मोटा लंड मेरे मुँह में डाल दिया.
मैं भी उसके लौड़े को पागलों की तरह चूस रही थी.

उस दिन उसका लौड़ा आम दिनों से बहुत ज्यादा कड़क लग रहा था.
मुझे उसका लंड चूसने में बहुत मजा आ रहा था.

मैंने उससे कहा भी- जान आज तो ये कुछ ज्यादा ही मोटा लग रहा है!
वह बोला- हां मेरी जान, इतने दिनों से इसे तुम्हारी चूत का स्वाद चखने को नहीं मिला. इसमें माल भर गया है इसलिए ये मोटा हो गया है.

मुझे उसकी बात सुनकर अन्दर से बड़ा अच्छा लगा कि मेरे आशिक का लंड मेरी चूत के लिए तड़फ रहा है.
मैंने उसका लौड़ा चूसने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

उसने भी मेरे बाल पकड़ रखे थे और वह मुझे आगे पीछे करता हुआ मेरा मुख चोदन कर रहा था.
मैं उसका लौड़ा चूसने के साथ साथ उसके आंड भी सहला रही थी.

कुछ मिनट बाद प्रिन्स ने आह आह करते हुए अपने लंड का सारा पानी मेरे मुँह में ही छोड़ दिया.
उसके वीर्य को मैंने आज पहली बार चखा था.
सच में बहुत गाढ़ा और स्वादिष्ट वीर्य था.
मैं उसके लौड़े का सारा पानी चाट कर खा गई.

फिर प्रिन्स ने कमरे के फ्रिज से बियर की बोतल निकाली और मेरे स्तनों पर बियर डाल कर उन्हें खूब चूसा.

इसी तरह उसने मुझे नीचे खड़ा करके मेरी पूरी बॉडी पर बियर डाल कर मुझे तबीयत से चूसा.
मैं भी मदहोश हो गई थी और उसके लौड़े को सहला रही थी. उसका लंड फिर से तन गया था.

अब उसने मुझे बेड पर लेटा दिया और मेरी टांगों को खोल कर अपने दोनों कंधों पर रख लिया.
चूत खुल कर लौड़े के निशाने पर आ गई थी और लंड के लिए व्याकुल हो रही थी.

उसने अपना लंड मेरी चूत पर रखकर एकदम से झटका दे मारा और उसका मोटा लंड मेरी चूत के अन्दर घुसता चला गया.
मैं चिल्ला पड़ी और ‘आह मर गई … धीरे चोद कमीने …’ कह रही थी.

मुझे दर्द हो रहा था और वह बहुत तेज झटके मार रहा था.

कुछ ही देर में दर्द गायब हो गया.
अब मेरे मुँह से मादक आवाज़ आ रही थी और मुझे बड़ा मजा भी आ रहा था.

वह अपने लौड़े को मेरी चूत के अन्दर बाहर करते हुए झटके मार रहा था.

मेरे मुँह से बहुत तेज आवाज़ आ रही थी और मैं अपनी चुदाई के मजे ले रही थी.
उसने मुझे जन्नत की सैर करवा दी थी.

प्रिन्स मुझे ताबड़तोड़ चोदे जा रहा था और मैं उसके लंड से चुदती जा रही थी.

प्रिन्स का मोटा लौड़ा मेरी चूत को फाड़ सा रहा था.
मैं भी मदहोश होकर चुद रही थी.

कुछ देर बाद प्रिन्स ने अपना लंड दोबारा मेरे मुँह में डाल दिया और मैं उसके लौड़े को चूसने लगी.

सच में मुझे ऐसी चुदाई से काफी मजा आ रहा था.
उसका लौड़ा चूसने में भी बहुत मजा आ रहा था.

प्रिन्स मुझे किस करने लगा.
वह मुँह में जीभ डालकर मस्त किस कर रहा था.
मैं पागल होती जा रही थी.

मैंने उसको अपनी चूत पीने का इशारा किया.
साले ने मना कर दिया.

वह बहुत मस्त चूत चूसता था मगर उसे उस समय कुछ और सूझ रहा था.

मैंने प्रिन्स को बेड पर लेटा दिया और उसके लौड़े के ऊपर चूत टिका कर बैठ गई.
कुछ देर बाद उसने इशारा किया तो मैंने अपनी चूत को लंड से हटा कर उसके मुँह पर रख दिया.

अब मैं अपनी चूत चटवाने लगी.
प्रिन्स ने अपनी जीभ मेरी चूत में पूरी अन्दर डाल दी.
मैं पागल हो गई.
ऐसा लग रहा था कि बस वह मेरी चूत को खा ही जाए.

उसने मेरी चूत को काफी मस्त तरीके से चूसा और मैंने दोबारा उसके मुँह में ही पानी छोड़ दिया.

प्रिन्स को मेरी चूत क रस पीना बहुत पसंद था.
वह मेरी चूत का पानी पी गया.

सच में उसने मुझे आज फिर से जन्नत दिखाई थी; उसने बता दिया था कि असली सेक्स क्या होता है.

उस दिन मैं किसी बाजारू रांड की तरह उससे चुदी थी.

बाद में प्रिन्स ने मुझे अपने लंड पर बिठा कर झटके देने शुरू कर दिए थे.

उसका लंड मुझे अपनी चूत में किसी कीले की तरह गड़ता सा महसूस हो रहा था.

प्रिन्स ने मुझे अलग अलग पोजीशनों में करीब आधा घंटा तक चोदा.

मैं उसको रोक ही नहीं पाई और उसका पूरा साथ देती रही.

मुझे बेहद दर्द होने लगा था. उससे ज़्यादा मुझे प्रिंस की चुदाई की भूख मिटाने की चिंता थी.

मेरी चूत उसके होंठों और लौड़े की दीवानी हो गई थी.

फिर प्रिन्स ने मुझे सोफे पर बैठाया और मुझसे दोबारा अपना लंड चुसवाया.
मैं उसको मना ही नहीं कर पाई.

मैंने आज 3 बार उसके लौड़ा को चूसा था. मुझे लौड़ा चूसना पसंद नहीं था लेकिन मैं अपने आशिक के लौड़े को चूसना पसंद करने लगी थी.

फिर प्रिन्स ने मुझे बेड पर लेटा कर दोबारा से मेरी चुदाई शुरू कर दी.
वह उस दिन इतनी मस्त चुदाई कर रहा था कि मेरा मन कर रहा था कि बस उससे चुदती ही रहूँ.

उसने मुझे पागल कर रखा था.
प्रिन्स के लौड़े की में दीवानी हो चुकी थी.

उस दिन उसने मुझे 3 बार चोदा था.
मैं बिल्कुल निढाल हो चुकी थी.

उस दिन प्रिन्स ने हर बार अपना वीर्य मेरे अन्दर ही छोड़ दिया था जिससे मैं प्रेग्नेंट हो गई थी.

मैं अब तक प्रिन्स से 2 बार प्रेग्नेंट हो चुकी हूँ.
तब भी मैं प्रिन्स से प्यार करती हूँ और उससे बार बार चुदने लगी थी.

दोस्तो, आगे की सेक्स कहानी में मैं आपको बताऊंगी कि कैसे उसने मेरी गांड मारी.
ओल्ड डेल्ही की देसी लड़की की चुदाई कहानी को पढ़ कर आप जरूर बताएं कि आपको कैसी लगी.
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