न्यूड मॉम सेक्स कहानी में पढ़ें मैंने अपनी मम्मी स्कूल टीचर से चुदती देखा तो पापा को बताने का निर्णय लिया. पर जब पापा आये तो मम्मी पापा का प्यार देखा और …
दोस्तो, मैं निखिल आप लोगों का फिर से स्वागत करता हूँ. आप लोगों ने मेरी पहली चुदाई की कहानी
मेरी मम्मी की चुदाई सहकर्मी अध्यापक के साथ
पढ़ी थी.
उसका लिंक आपको ऊपर दे दिया है. इस लिंक पर क्लिक करके आप मेरी पहली सेक्स कहानी पढ़ सकते हैं.
उक्त सेक्स कहानी में मैंने अपनी मम्मी की एक गैर मर्द से चुदाई देख कर उनकी सच्चाई को जाना था.
मेरी मम्मी ने अपनी चुदाई उनके स्कूल स्टाफ के एक सर महेश के साथ की थी. उस घटना को मैंने अपनी आंखों से देखा था.
इस घटना के बाद मुझे मेरी मम्मी की हकीकत के बारे में पता चला था.
इस न्यूड मॉम सेक्स कहानी को शुरू करने से पहले मैं आप सबसे एक बार और अपनी मम्मी का परिचय करा देता हूँ.
मेरी मम्मी का नाम निधि है. उनकी उम्र उस समय 34 वर्ष थी, पर वह 25- 26 की उम्र की लगती थीं. उनकी हाइट 5.3 है … गोल चेहरा व वो बहुत गोरी हैं.
मम्मी शरीर से न ज्यादा मोटी और न ही ज्यादा पतली हैं. उनकी फिगर का साइज भी काफी कामुक है. कमर 30 की, गांड 36 की और मम्मे 34-D नाप के हैं.
वे हमेशा ही टाइट साड़ी ही पहनती हैं जिसमें से उनकी मोटी गांड का उभार साड़ी के ऊपर अच्छे से दिखाई देता था.
अपने बॉल जैसे बड़े बड़े चूचों को ढकने के लिए टाइट लोकट वाला ब्लाउज पहनती हैं जिसमें से उनके आधे से अधिक दूध झलकते रहते हैं.
इस वजह से उनके भरे हुए मम्मे काफी आकर्षक लगते हैं.
मम्मी की पीठ ज्यादा खुली हुई रहती है क्योंकि उनका ब्लाउज एक पतली सी पट्टी से अटका रहता है. मम्मी को इस रूप में देखकर कोई भी उनका दीवाना हो जाता है.
वे जब स्कूल या कहीं बाहर जाती हैं तो ज्यादातर ऐसी ही टाइट साड़ी व टाइट ब्लाउज पहनकर जाती हैं जिसमें से उनके चूचे पर साड़ी का पल्लू रहने पर भी उनके संतरों का अनुमान कोई भी आसानी लगा सकता है.
उस दिन महेश सर ने मम्मी की जमकर चुदाई की थी. मैं उस समय जवान हुआ ही था और मुझे भी सेक्स का काफी ज्ञान हो चुका था.
तब से मैं अब अपनी मम्मी की हर हरकत पर नजर रखने लगा था.
शायद मेरी मम्मी भी जान चुकी थीं कि मैं महेश सर और उनके बारे में कुछ तो जान गया हूं. इस कारण से अब महेश सर का हमारे घर आना-जाना बंद हो गया था.
मैं पापा का आने का इंतजार कर रहा था कि पापा के आने के बाद सब कुछ पापा को बता दूँगा.
कुछ दिनों बाद पापा गांव से वापस घर आए.
पापा सुबह 9 बजे ही घर पहुंच गए थे.
उस समय मैं और मम्मी घर में ही थे. मम्मी ने उस समय कसी हुई साड़ी व गहरे गले का ब्लाउज पहनी हुई थीं.
हमेशा की तरह उनके ब्लाउज में से उनके दोनों मम्मों के बीच की घाटी साफ-साफ़ नजर आ रही थी.
पापा को देखकर मम्मी ने बहुत खुशी से उनका स्वागत किया और उनके पैर छूने के लिए नीचे झुकीं तो उनकी साड़ी का पल्लू नीचे गिर गया और उनके आधे से अधिक दूध बाहर दिखने लगे.
मम्मी के मम्मों का मस्त नजारा देखकर पापा बहुत उत्तेजित होने लगे थे और उनकी आंखों में वासना साफ़ दिखने लगी.
पापा की नजरें साफ़ बता रही थीं कि मानो वो मम्मी को वहीं कच्चा चबा कर खा जाने के मूड में थे.
इस बात को मैं भी समझता था कि पापा को बहुत दिनों से कोई चूत चोदने को नहीं मिली होगी.
मम्मी ने सेक्सी लुक में स्माइल देकर अपना पल्लू ठीक करते हुए पापा को और ज्यादा छेड़ने लगीं.
ये सब मैं देख रहा था.
फिर मैं वहां पापा के पास चला गया तो मम्मी किचन में चली गईं.
मैं पापा को महेश सर और मम्मी के बारे में सब कुछ बताना चाहता था मगर न जाने क्यों मेरी हिम्मत नहीं हुई.
पापा को कुछ देर पहले मैंने मम्मी के लिए इतना अधिक रोमांटिक होते देखा था तो मेरे दिमाग में एक खुराफात सूझी.
मैंने तय कर लिया कि यदि मैं अभी पापा को कुछ नहीं बताऊंगा तो मुझे मम्मी पापा की चुदाई भी देखने को मिल सकती है.
इसलिए मैंने पापा को कुछ नहीं बताया.
पूरा दिन इधर उधर की बातों में ही निकल गया.
इस पूरे दिन में मैंने महसूस किया कि पापा मम्मी की चुदाई के लिए तड़प रहे थे.
मम्मी भी पापा को अपनी आधा अधूरा जिस्म दिखा दिखा कर और तड़पा रही थीं.
मेरे घर में होने के कारण दिन में उन दोनों की चुदाई नहीं हो सकी.
फिर जैसे तैसे रात हो गई.
रात को खाना खाकर 9 बजे के आस पास मैं सोने चला गया.
मम्मी मुझे दूध देकर अपने रूम में चली गईं, जहां पापा पहले से ही थे.
कुछ देर बाद मम्मी मेरे रूम में आईं और उन्होंने दूध का खाली ग्लास उठाया और मुझे चैक किया कि मैं सोया हूँ या नहीं.
मैं सोने का नाटक करने लगा.
मुझे मालूम था पापा आज मम्मी को चोदे बिना नहीं रह सकते.
फिर मम्मी अपने रूम में चली गईं.
और जैसे ही दरवाजा बंद होने का आवाज आई, मैं उठ गया और अपने रूम से निकलकर उनके रूम के खिड़की के पास आ गया.
उधर कूलर लगा हुआ था, जिस कारण से मम्मी के कमरे की आधी खिड़की खुली रहती थी.
वहां से उनके रूम को आसानी से देखा जा सकता था कि अन्दर क्या हो रहा है.
मैं वहीं से अन्दर देखने लगा.
उनके रूम में धीमी रोशनी वाली लाइट जल रही थी.
मम्मी पापा दोनों बेड पर बैठे थे और बातें कर रहे थे.
मम्मी ने उस समय पीले रंग की साड़ी टाइट बांधी हुई थी और मैचिंग का ब्लाउज पहना हुआ था.
मम्मी एकदम सजी-धजी हॉट माल लग रही थीं.
उनके सामने पापा बनियान और चड्डा पहने हुए थे.
कुछ मिनट तक दोनों बातें करते रहे.
फिर पापा ने मम्मी को अचानक से जोर से अपनी तरफ खींचा और अपने सीने से लगा लिया.
मम्मी हंसने लगीं और पापा से लिपट कर बातें करने लगीं.
मम्मी हंसती हुई अचानक से बेड से उठ कर जमीन में खड़ी हो गईं.
उनके साथ ही पापा भी उनको पकड़ने के लिए उठ गए.
उन्होंने मम्मी को पकड़कर एक दीवार से सटा दिया और अपने दोनों हाथों से मम्मी की दोनों हथेलियों को कसकर पकड़ लिया.
अब पापा, मम्मी के होंठों में अपना होंठ देकर किस करने लगे.
दोनों लगातार एक दूसरे के होंठों को चूस रहे थे.
पापा, मम्मी की गर्दन में किस करते करते थोड़ा पीछे होकर अपने दोनों हाथों से मम्मी की गांड को दबाने सहलाने लगे.
मम्मी का हाथ पापा के सिर पर, तो कभी उनके पीठ पर चल रहा था.
वो दोनों लगातार एक दूसरे की जीभ को चूस रहे थे.
फिर मम्मी को बेड में गिराकर पापा उनके ऊपर चढ़ गए और उनके दोनों हाथों को अपने हाथों से लॉक करके उनके होंठों पर, गालों पर, कानों में, गर्दन पर अपने होंठ और जीभ फिराने लगे.
पापा किसी भूखे प्यासे कुते की तरह मम्मी को चूमने चाटने लगे थे.
मम्मी भी पूरे जोश में पापा का साथ दे रही थी, उनकी सांसें बहुत तेजी से चल रही थीं.
पापा ने अब मम्मी को उल्टा करके पेट के बल लेटा दिया और उनकी पीठ में बंधी ब्लाउज की डोरियों को खोलकर पीठ को किस करने लगे.
कुछ देर बाद पापा ने मम्मी को सीधा लेटा दिया और उनके साड़ी के पल्लू को हटाकर मम्मी के बॉल जैसे चूचों को ब्लाउज के ऊपर से ही सहलाने लगे.
पापा अपने दोनों हाथों से एक-एक दूध को दबाने और मसलने लगे.
फिर पापा ने मम्मी के ब्लाउज के ऊपर के दो बटन को खोल दिया और अपने दोनों हाथों से मम्मी के कंधे के नीचे ले गए.
अपने हाथ नीचे ले जाकर पापा ने मम्मी के कंधे में फंसे ब्लाउज को पकड़कर थोड़ा नीचे सरका दिया. इससे मम्मी की काले रंग की ब्रा की पट्टी दिखने लगी.
ब्लाउज कुछ और हटा तो ब्रा में से मम्मी की चूची दिखने लगीं.
उनकी काले रंग की ब्रा में कैद उनके चूचे आधे नंगे दिखने लगे.
पापा ने उस जगह पर हाथ फेरते हुए अपनी जीभ को दोनों चूची के बीच की नाली में लगा दिया. पापा अपनी जीभ को मम्मों की घाटी में ले जाकर अधनंगे दूध को चूसने और चूमने लगे.
इससे मम्मी की धड़कनें बहुत तेज हो गईं और उनकी प्रत्येक सांसों के साथ सीना उठने बैठने लगा.
मम्मी के दोनों स्तन बहुत अधिक ऊपर नीचे होने लगे थे और उनके मुँह से ‘आ … ईस्स …’ की हल्की हल्की सिसकारियां निकलने लगी थीं.
धीरे धीरे पापा मम्मी के नीचे आने लगे और मम्मी के पेट को चूमने लगे.
वो मम्मी की नाभि में अपनी जीभ को घुमाने लगे.
इससे मम्मी सिहरने लगीं.
फिर पापा ने मम्मी की साड़ी और ब्लाउज को पूरा निकाल दिया जिसमें से उनकी गोरी गोरी खरबूजों जैसी चूचियां ब्लैक ब्रा के अन्दर पूरी टाइट हुई दिख रही थी.
ब्रा इतनी अधिक टाईट थी कि मम्मी के मम्मे आजाद होने को आतुर दिख रहे थे.
पापा अपने दोनों हाथों में मम्मी के चूचों को भरकर पूरी तरह से मसलने की कोशिश कर रहे थे.
मम्मी आंह आंह कर रही थीं.
पापा ने मम्मी के चूचे मसलते मसलते ही उन्हें ब्रा की कैद से आजाद कर दिया.
मम्मी की चूचियों के निप्पल्स एकदम टाइट हो गए थे और किसी कड़क अंगूर की तरह रसभरे दिख रहे थे. मम्मी के चूचुक इतने कड़क थे कि आसमान को सलामी दे रहे थे.
पापा ने झट से मम्मी की एक चूची को अपने मुँह में भर लिया और निचोड़ निचोड़ कर खींचते हुए पीने लगे.
साथ ही पापा, मम्मी के दूसरे चूचे को हाथ से दबाने व सहलाने लगे.
कुछ देर बाद पापा ने अपनी बनियान को उतार दिया और सीधे लेट गए.
अब मम्मी पापा के ऊपर आ गईं और उनके चड्डे और चड्डी दोनों को एक साथ निकाल दिया.
पापा का लंड पूरे जोश में सलामी दे रहा था, पापा का लंड सात इंच के करीब रहा होगा. उनका लंड महेश सर के लंड से बड़ा और मोटा भी था.
मम्मी पापा के लंड को अपने हाथों से सहलाने लगीं, फिर मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं.
कुछ देर तक लंड चूसने के बाद पापा ने मम्मी को सीधा लेटा दिया और अपने लंड को मम्मी के दोनों चूचों के बीच में रख दिया.
मम्मी अपनी दोनों चूचियों को अपने दोनों हाथों में पकड़कर पापा के लंड को मम्मों में फंसाने लगीं.
उन्होंने पापा के लंड को अपने चूचों में पूरी तरह से जकड़ लिया था.
पापा मम्मी के मम्मों को चोदने लगे. पापा के प्रत्येक धक्के में लंड आगे आ रहा था तो मम्मी अपनी जीभ से लंड को छूने का प्रयास कर रही थीं.
लगातार दस मिनट तक दूध चोदने के बाद पापा अपने लंड को मम्मी के मुँह में डालकर मुखचोदन करने लगे.
कुछ देर बाद पापा की स्पीड बढ़ गई और पापा, मम्मी के मुँह में ही झड़ गए.
पापा का वीर्य बहुत ज्यादा ही निकल गया था जो कुछ मम्मी की मुँह से बाहर निकलने लगा था.
लगभग तीन चौथाई वीर्य मम्मी के मुँह में चला गया और शेष को पापा ने मम्मी की चूचियों में छोड़ दिया था.
मम्मी अपने मुँह में लिए पूरे वीर्य को निगल गईं और बाकी को अपने चूचों में मलने लगीं.
पापा ने बहुत दिनों से चुदाई का सुख नहीं लिया था इसलिए उनका जी नहीं भरा था.
कुछ देर बाद पापा फिर से मम्मी के होंठों को चूसने लगे.
पापा की उत्तेजना बढ़ी, तो उन्होंने मम्मी के पेटीकोट को निकाल दिया.
मम्मी की चड्डी पूरी तरह से गीली हो गई थी.
वो भी एक बार झड़ गई थीं.
अब पापा ने मम्मी की पैंटी को भी निकाल दिया और वो मम्मी की चूत को हाथ से सहलाने लगे.
मम्मी ने अपनी टांगों को खोल दिया और पापा ने मम्मी की चूत में एक उंगली डाल दी.
तो मम्मी एकदम से मचलने लगीं और पापा उंगली को हिलाने लगे.
पापा ने कुछ देर बाद मम्मी की दोनों टांगों को पकड़ा और फैला कर उनकी चूत में मुँह डाल दिया.
पापा चूत चूसने लगे और अपनी जीभ से मम्मी की चूत को चोदने लगे.
मम्मी भी बिन पानी के मछली की तरह फड़फड़ाने लगीं.
कुछ देर बाद मम्मी पूरी तरह से अकड़ गईं और अपनी गांड उठाती हुई एक बार फिर से झड़ गईं.
पापा ने मम्मी की चूत का सारा रस चाट लिया.
अब पापा ने अपना लंड फिर से मम्मी के मुँह में दे दिया और मम्मी ने लंड को चाट चाट कर पूरी तरह से हथियार बना दिया.
पापा का लौड़ा किसी नाग की तरह फुंफकार रहा था.
उन्होंने मम्मी को बेड पर चित लेटा दिया और अपने लंड को हाथ से पकड़ कर मम्मी की चूत में रगड़ने लगे.
मम्मी ने लंड को अपने हाथों में पकड़ा और अपनी चूत की फांकों में सैट कर दिया.
उसी समय पापा ने एक जोरदार धक्का दे दिया.
मम्मी की तेज आवाज में चीख निकल गई और वो अपनी जगह से एक फिट ऊपर को खिसक कर चली गई थीं.
पापा ने एक ही धक्के में पूरा का पूरा लंड चूत में धकेल दिया था जो शायद मम्मी की बच्चेदानी से टकरा गया.
कुछ देर रुककर पापा अपने लंड को मम्मी की चूत में लंड ऊपर नीचे करने लगे.
मम्मी की आवाजें मद्धिम पड़ने लगी और वो भी लंड का मजा लेने लगीं.
पापा लगातार अपनी स्पीड बढ़ाते हुए पूरे जोश से मम्मी को चोदने लगे.
मम्मी भी उनका पूरा साथ दे रही थीं. वो पापा के हर झटके का जवाब अपनी गांड उठा उठा कर दे रही थीं.
इस धमाधम चुदाई में मम्मी के खरबूजों जैसे चूचे हर झटके के साथ ऊपर नीचे हो रहे थे.
कुछ देर बाद पापा बेड के नीचे खड़े हो गए और मम्मी को बेड के किनारे करके खींच कर उनकी दोनों टांगों को अपने कंधों पर रखकर ताबड़तोड़ चुदाई करने लगे.
मम्मी मजे से चुदाई करवा रही थीं.
कुछ देर बाद पापा ने मम्मी को घोड़ी बनाया और पीछे से लौड़ा पेल कर चूत चुदाई करने लगे.
बाद में एक बार फिर से पापा मम्मी की मिशनरी पोजीशन में धमाकेदार चुदाई होने लगी.
दस मिनट की चुदाई के बाद दोनों एक साथ झड़ गए और दोनों नंगे ही एक दूसरे से लिपट कर सो गए.
मुझे इसके बाद ये समझ आया कि मम्मी ने उस दिन महेश सर के साथ चुदाई की अपेक्षा पापा के साथ की चुदाई में ज्यादा एन्जॉय किया और वो काफी सन्तुष्ट भी लग रही थीं.
मम्मी पापा के कारण से मैंने पापा को कुछ भी न बताने का तय कर लिया था.
दोस्तो, आपको मेरी न्यूड मॉम सेक्स कहानी कैसी लगी, कमेंट और मेल से जरूर बताएं.
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