नो कंडोम सेक्स कहानी में पढ़ें कि मुझे एक भाभी ने अपने घर बुलाया. उद्देश्य सेक्स ही था. चुदाई में मैंने कंडोम लगाया तो तो भाभी ने कंडोम हटा दिया.
हैलो फ्रेंड्स, मैं मनुज एक बार फिर से अपनी Xxx चुदाई की कहानी का अगला भाग लेकर आपके सामने हाजिर हूँ.
कहानी के पहले भाग
इंस्टाग्राम पर मिली भाभी की कामवासना
में अब तक आपने पढ़ा था कि भाभी मेरे लौड़े को पकड़ कर उससे खेलने लगी थीं.
अब आगे नो कंडोम सेक्स कहानी:
अब उनसे सब्र नहीं हो रहा था. भाभी अपनी चूत पर उंगली रगड़ने लगी थीं और कहने लगी थीं- मेरे राजा अब आ जाओ, देर न करो … मैं तड़प रही हूँ.
मैंने भाभी को पकड़ कर पलंग पर लिटा दिया.
अपनी जेब से मैंने कंडोम निकाल कर लंड पर चढ़ाया और संगीता भाभी की चूत पर रख कर लंड को उस पर घिसने लगा.
भाभी ने कंडोम निकाल कर फेंकते हुए कहा- इसकी कोई जरूरत नहीं है. कंडोम सेक्स में मजा नहीं आता. खाल से खाल जब रगड़ती है, तभी मजा आता है. अब तुम मेरी चूत पर लंड पटको.
मैंने हाथ में लौड़ा लेकर चूत को पीटना शुरू कर दिया.
पट पट की आवाज आई तो भाभी अह आह करने लगीं.
मैंने फिर से लंड रगड़ना चालू कर दिया.
उनकी आंखें बंद हो गईं.
थोड़ी देर लंड रगड़ने के बाद मैंने चूत के अन्दर पेलना शुरू कर दिया.
हुस्न की कली मदभरी आवाज निकालने लगी- आह आह धीरे राजा.
मैंने बोला- अरे मेरी जान इतना दर्द?
भाभी कहने लगीं- चार महीने हो गए, ये सब नहीं किया.
मैंने थूक लगाया और लंड चूत में डाल दिया. मेरा आधा लंड गर्म गर्म चूत में घुसता चला गया.
संगीता की आंखें भर आईं और उन्होंने एक जोर की चीख निकाल दी, जिससे डुग्गू जग गया.
संगीता भाभी झुंझला कर बोलीं- इसको भी अभी जागना था.
मैंने उनसे कहा- जिसकी मां चुदने वाली हो, उसको भला कैसे नींद आएगी.
संगीता भाभी हंस कर बोलीं- साले बहुत बड़ा कमीना है तू … रुक जरा.
फिर उन्होंने वैसे ही लेटे हुए ही दूध की बोतल बगल से उठा कर डुग्गू के मुँह में लगा दी.
वो चुप हो गया और अब भाभी की टेंशन खत्म हो गई.
मैंने संगीता भाभी की टांगें ऊपर हवा में उठा दीं और अपने हाथों से पकड़ कर फैला दीं.
मेरे सामने भाभी की लाल फुद्दी थी और उसमें मेरा आधा लंड घुसा हुआ था.
मैंने झुक कर आराम आराम से भाभी को चोदना शुरू कर दिया.
संगीता जानेमन मेरे सीने पर हाथ फेरने लगीं और हल्की हल्की आवाज में ‘आ आ आ ई उ …’ करने लगीं.
कुछ देर बाद मैंने उनकी टांगें नीचे की और अपना पूरा वजन भाभी के ऊपर रख दिया.
मैंने पूरा लंड चूत में डाल दिया और चुदाई करने लगा.
वो अपने हाथों से मुझे ऊपर उठाने लगीं और कराहने लगीं- आअअअ … एईई यार निकालो … मुझे दर्द हो रहा है आह अअह, तुम्हारा बहुत अन्दर तक जा रहा है.
मैंने भाभी के होंठों को अपने होंठों की गिरफ्त में कर लिया और उन्हें हचक कर चोदने लगा.
भाभी मस्ती में ‘ईएम्म्म एम्म उएम्म्म …’ कर रही थीं और चुदाई का मजा ले रही थीं.
तभी उसके पति का कॉल आ गया.
वो मोबाइल की स्क्रीन पर देख कर बोलीं- सुनो, मैं इस चूतिया से बात कर रही हूँ, तुम चुप रहना. मैं जल्दी बात कर लूंगी, तुम ज्यादा तेज झटके मत देना.
मैंने कहा- बेबी, कहीं तुम्हारी चीख निकल गई तो!
वो बोलीं- ऐसा नहीं होगा, तुम तो अपना काम करो. मैं पहले भी ऐसे करवा चुकी हूं. मेरा पति मुझे ऐसे अक्सर चोदता रहता था और मैं अपने मम्मी पापा से बात करती रहती थी. साला जानबूझकर उसी समय तेज तेज चोदने लगता था और मुझे दर्द दिया करता था.
इतने में मोबाइल की घंटी बंद हो गई और भाभी बोलीं- लो, उसने फोन ही काट दिया.
मैंने कहा- उसे भूल जाओ और लंड का मजा लो संगीता डार्लिंग.
अब आज वही होने वाला था, बस फर्क इतना था कि भाभी के ऊपर उनके पति की जगह में चढ़ा था.
मैंने सोच लिया था कि अब दुबारा से फोन आया तो आज मैं घोड़ी बना कर इसकी गांड मारूंगा.
कुछ देर बाद मैंने लंड चूत से बाहर खींच लिया.
मैं उठा और भाभी के मुँह में लंड देने लगा.
मैंने धीमे से कहा- लंड को चिकना करो. उन्होंने लंड चूसने से मना कर दिया लेकिन उसपर थूक कर एक हाथ से मालिश सी करके उसे लिसलिसा कर दिया.
मैं पीछे से भाभी की चूत के छेद पर आया और लंड चूत पर रख कर सैट कर दिया.
तभी फिर से घंटी बजी.
भाभी ने फोन कान में लगाया और बात करने लगीं.
मैंने उनके मुँह के पास हाथ रख दिया और पहले झटके में जोर से पूरा लंड भाभी की चूत के अन्दर कर दिया.
बेचारी भाभी आज एक लापरवाह आशिक के हाथों में थीं.
वो मुँह से चिल्लाने लगीं तो मैंने मुँह दबा दिया.
उनकी चूत पूरी खुल गई थी.
मैंने भाभी की आंखों में आंसू देखे, तो हाथ से पौंछ दिए.
मैंने इशारे से पूछा- क्या हुआ?
भाभी दर्द भरी सूरत से इशारा करके बोलीं- कुछ नहीं.
अब वो बात करने लगीं और मैंने उनके पैर फैला कर उन्हें हचक कर चोदना शुरू कर दिया.
मेरे हर झटके में उनकी आंख बंद हो जाती.
भाभी हाथ के इशारे से बोलतीं कि आराम से करो.
उनकी बातें चलती रहीं और मैं भाभी को चोदता रहा.
उनकी बात खत्म हो गई और फोन कट गया.
करीब दस मिनट की चुदाई के बाद मैंने लंड निकाल कर भाभी के आगे लाकर कहा- अब इसको मुँह में डाल कर चूसो.
वो बोलीं- ठीक है, आज ये स्वाद भी ले लेती हूं.
मैंने मुँह में लंड पेलना शुरू कर दिया.
लंड चुसाई के ये पल बहुत हसीन पल थे. मेरा लंड अभी झड़ा नहीं था बल्कि अब तो भाभी के मुँह से लंड चूस कर मस्त चिकना हो गया था.
तभी मुझे भाभी की गांड मारने की याद आई.
मैंने भाभी से कहा- जान, एक बार फिर से मेरी कुतिया बनो न!
वो बोलीं- ठीक है, तुम कुत्ता बन जाओ, मैं तो तुम्हारी कुतिया हूँ ही.
मैंने भाभी को डॉगी बना कर पोजीशन में ले लिया.
फिर थोड़ा सा तेल लेकर भाभी की चूत और गांड पर लगाया.
उनकी चूत में मैंने तीन चार बार लंड डाला और कहा- भाभी, तुम्हारी गांड बहुत मस्त दिख रही है, इसमें लंड टिका कर देख लूं?
उन्होंने कहा- हां … लेकिन डालना मत.
मैंने ओके कहा और गांड पर लंड रख कर छेद पर फिराने लगा.
मैंने भाभी को बातों में लगाया और लंड पकड़ कर गांड में ठेल दिया.
भाभी बहुत जोर से चिल्लाईं और सिर नीचे रख कर रोने लगीं.
मैं लंड पेल कर रुक गया था.
अब मैंने उनके पैर सीधे किए और उनके ऊपर लेट गया.
वो- आंह निकालो बाहर … मर जाऊंगी … मुझे पानी दो पानी … प्यास लगी है … आंह निकालो बाहर.
मैंने बोतल से पिलाने की कोशिश की तो वो नहीं पी पाईं.
तो मैंने पानी अपने मुँह में लिया और भाभी के मुँह में डाल दिया.
ऐसा मैंने आठ दस बार किया तो भाभी की प्यास भी बुझ गई और भाभी का दर्द भी कम हो गया.
मैं उनको किस करने लगा और गांड मारनी शुरू कर दी.
भाभी- आंह … स्लो स्लो डालो मेरे मालिक … दर्द होता हो.
मैंने उन्हीं की ब्रा उठाई और मुँह में डाल दी. भाभी की अवाज निकलना बंद हो गई.
अब मैंने मर्द की तरह भाभी की चुदाई शुरू कर दी.
वो आंसू बहा रही थीं और मैं जोर जोर से धक्के देने में लगा था.
कुछ देर बाद मेरा पानी निकलने वाला था तो मैंने चूत में लंड डाला और काम पर लग गया.
थोड़ी ही देर में पिचकारी चूत में निकल गई और सीधा करके उनके ऊपर लेट गया.
मैंने अपना गर्म गर्म लार्वा चूत में डाल दिया.
मैं बोला- मैंने चूत में पानी निकाल दिया.
वो बोलीं- अरे यार, ये क्या किया तूने, पागल है क्या यार … पानी बाहर निकाल देता.
वो जल्दी से उठ कर बाथरूम में चली गईं.
भाभी को दस मिनट हो गए थे, वो बाहर नहीं आईं.
तब मैं भी बाथरूम में पहुंच गया.
उधर सीन देख कर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
भाभी अपनी चूत में उंगली डाल कर धो रही थीं.
मैंने लंड हिला कर भाभी से कहा- यार, मेरे इसको भी पानी से धो दो, फिर तुम्हें इसको चूसना है.
मैंने लंड साफ करके उनको पकड़ा दिया.
भाभी लंड को मुँह से चूसने लगीं.
मैं लंड चुसाई से सातवें आसमान पर था.
मैंने कहा- चूत क्यों धो रही थीं. तुम तो कह रही थीं कि तुम्हें दूसरा बेबी चाहिए और तुम्हारा पति अब बच्चा देने में असमर्थ है!
भाभी मेरी बात सुनकर कुछ सोचने लगीं.
शायद उन्हें मेरे लंड से बच्चा लेने की बात जम गई थी.
वो कहने लगीं- ठीक है, मैं तैयार हूँ. अब मुझे चोदो और इस बार तुम अपना पानी फिर से मेरे अन्दर डाल देना. ठीक है.
बाथरूम में शॉवर चालू करके मैंने भाभी को आईने के सामने वाशबेसिन से टिका दिया.
एक पैर ऊपर किया और लंड को हाथ से पकड़ कर पीछे से पेल दिया.
पानी की बूंद बूंद उनके मम्मों पर गिर रहा था.
मैं भाभी की चुदाई का मजा लेते हुए धक्के मार रहा था.
नीचे लंड ओर चूत की लड़ाई का खेल चल रहा था.
मैं भाभी की गर्म सांसों को महसूस करके उन्हें चोदता जा रहा था.
मदहोशी में हम दोनों इतने ज्यादा खो गए थे कि पता नहीं चला कि कब भाभी ने पानी छोड़ दिया.
चूत से पच पच की आवाज आने लगी.
अब भाभी चिल्लाने लगीं.
मुझे उनकी आवाज से और जोश आ रहा था.
मस्त चुदाई के बाद मैंने भाभी की चूत को लंड रस से भर दिया और नहा कर बाहर आ गए.
कुछ देर बाद मैं कपड़े पहन कर अपने घर आ गया.
कुछ दिनों बाद भाभी लगातार एक हफ़्ते तक मेरे घर आईं.
वो आतीं और मेरा लंड खड़ा करवाकर चुदाई करवातीं और अपने घर चली जातीं.
इस सबमें आधा घंटा का समय लगता था.
मुझे पता नहीं था कि वो क्या कर रही थीं.
एक दिन मैंने उनसे पूछा तो उन्होंने बताया कि आजकल हसबैंड घर आए हैं, तो मैं ज्यादा समय नहीं दे पाती हूँ. बस यहीं आकर अपनी प्यास बुझा लेती हूँ.
फिर बाद में एक दिन भाभी ने बताया कि अब तुम बाप बन जाओगे, मैं प्रेग्नेंट हो गई हूँ. मेरी कोख में तुम्हारा बच्चा पल रहा है.
एक पल के लिए मुझे डर सा लगा कि ये क्या बवाल हो गया. लेकिन फिर सोचा कि ठीक है.
समय पर भाभी को एक लड़का पैदा हुआ.
इस वजह से मुझे करीब एक साल तक भाभी की चूत चोदने नहीं मिली.
बच्चे के बाद भाभी सेक्स करने रेडी हो गई थीं. उनकी हेल्थ भी रिकवर हो गई थी.
लेकिन अब मुझे काम ज्यादा आ गया था तो मैं जा नहीं पा रहा था.
अब देखो, कब मिलन होता है.
इस बार भाभी कह रही हैं कि उनके मम्मों में दूध भरपूर आ रहा है.
मुझे भाभी के मम्मों का दूध पीने की बड़ी इच्छा है.
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