नंगी साली की गांड चूत का मजा मुझे खुद उसने पहल करके दिया. एक बार हम दोनों कार से शौपिंग करने जा रहे थे तो रास्ते में सेक्स की बात हुई और मैं उसे होटल ले गया.
मैं सागर, भोपाल का रहने वाला हूँ.
मेरी साली प्रिया की उम्र 22 साल है और उसकी फिगर 32-30-36 की है. लंबे बाल, गुलाबी होंठ … गजब की माल है.
उसकी गांड को देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए.
मेरी साली जब अपनी गांड मटका कर चलती है, तो लौंडों के लंड खड़े हो जाते हैं और पानी छोड़ने लगते हैं.
मैं खुद भी उसके नाम की बहुत मुठ मारता हूँ.
यह नंगी साली की गांड चूत की कहानी एक साल पहले की है.
मेरी साली भोपाल अकेली घूमने आई थी.
मैं उसे स्टेशन लेने गया.
लाल रंग के सलवार सूट में वह क्या माल लग रही थी. उसे देखते ही लंड खड़ा होने लगा.
वह ट्रेन से उतरी और हम दोनों हल्की सी मुस्कान का आदान प्रदान हुआ.
वह नजदीक आई और धीरे से बोली- अब क्या देखते ही रहोगे जीजू?
मैंने भी हल्की सी चुटकी लेते हुए कहा- अब देखने वाली चीज को भी न देखें तो उसके साथ न्याय नहीं होगा.
वह हंस दी और बोली- घर चलो अब … न्याय-अन्याय दीदी के सामने तय किया जाएगा.
मैंने हंसते हुए उसके हाथ से सामान लिया और बातें करते हुए बाहर आ गए.
बाहर कार में सामान रख कर घर की तरफ निकल आए.
सारे रास्ते मैं उससे ही बात करता रहा और उसके चूचे घूरता रहा.
मेरा लंड कड़क हो गया था और पैंट से साफ दिखाई देने लगा था.
शायद उसने मेरे खड़े लंड को देख लिया था.
कुछ ही देर में हम दोनों घर पहुंच गए.
उसे घर छोड़ कर मैं ऑफिस निकल गया.
ऑफिस में काम में मन नहीं लग रहा था, बस अपनी सेक्सी साली के बड़े बूब्स ही दिख रहे थे.
शाम को मैं करीब 8 बजे घर आया.
दोनों बहनें टीवी देख रही थीं. मैं फ्रेश हुआ और बाथरूम से बाहर आ गया.
तब तक खाना मेज पर लग गया था.
खाना खाने के बाद इधर उधर की बातें हुईं और सब सोने की तैयारी करने लगे.
सुबह साली को घुमाने ले जाने का प्लान बनाया था, उसे कुछ शॉपिंग भी करनी थी तो मैं साली को लेकर घर से निकला.
साथ में पत्नी को भी जाना था पर ऐन टाइम पर उसकी कमर में दर्द होने लगा और उसने साथ चलने से मना कर दिया.
मुझे इस बात से एक अनजाना सा सुख मिला कि अब मैं अपनी साली के साथ अकेला ही रहूँगा.
हम दोनों कार से निकले तो उससे बात होने लगी.
मैंने पूछा- और सुनाओ साली साहिबा. हमारे साढ़ू जी कैसे हैं?
पहले तो वह चौंकने का नाटक करने लगी- आपका साढ़ू जी कहने से क्या मतलब है?
मैंने कहा- अब इतनी छोटी भी नहीं रह गई हो तुम कि साढ़ू जी का मतलब भी न समझो!
वह इस बात से अब कुछ उदास सी लगने लगी थी.
मैंने पूछा- क्या हुआ मैडम कुछ परेशान लग रही हो?
वह बोली- कुछ नहीं जीजू. बस ऐसे ही.
मेरे बार बार पूछने पर उसने बताया कि उसका ब्रेकअप हो गया है.
मैं यह जानकर बहुत खुश हुआ.
फिर भी मैंने उसे समझाया- कोई बात नहीं, मैं हूँ ना. जो भी प्राब्लम हो तुम मुझे बता सकती हो.
वह खुश हो गई और बोली- आप कितने अच्छे हो. काश मेरा बीएफ भी आपकी तरह होता. मुझे भी आपकी तरह ही पति चाहिए.
मैंने हंस कर कहा- आधा तो हूँ ही तुम मुझे ही पूरा बना लो.
वह सोच में पड़ गई कि ‘आधा तो हूँ ही …’ से क्या मतलब हुआ?
उसने पूछा कि इसका क्या मतलब हुआ कि आधा तो हूँ ही?
मैंने कहा- अरे भई साली आधी घरवाली होती है कि नहीं?
वह हंस दी और बोली- अच्छा ये मतलब है. पर जीजू आधे से क्या होता है? पूरा बन कर दिखाओ तो जानें.
मैंने कहा- मुझे हां कहने में एक पल भी नहीं लगने वाला. लो अभी से ही मैं तुम्हारा पति हो गया हूँ. बस मांग भरने की देरी है.
वह हंस दी और बोली- आप मज़ाक कर रहे हो ना!
मैंने कहा- नहीं यार, सच कह रहा हूँ.
वह किलक कर बोली- क्या सच?
मैंने कहा- हां.
वह खुश हो गई और बोली- मैं आपको बहुत पसंद करती हूँ. आई लव यू जीजू.
मैंने भी लव यू टू बेबी कहा.
उसने मेरे गाल पर किस कर दिया तो मेरा लंड खड़ा हो गया.
मैंने कहा- मांग भर दूँ क्या?
वह इठला कर बोली- हां, नीचे की मांग भर दो.
उसने इतना कहा और मेरा लौड़ा टनटन करने लगा.
तभी उसने खड़े होते लंड को देखा और बोली- क्या मैं इसे पकड़ लूँ?
मैंने हां कहा … और उसने झट से लंड पकड़ लिया.
मैं तो जैसे सातवें आसमान में था.
मैंने कहा- कोई देख लेगा रास्ते में … ये सब इधर मत करो.
वह हंस दी और उसने लौड़े को सहला कर छोड़ दिया.
उसके बाद मैंने उससे कहा- क्या शॉपिंग करनी है मैडम?
वह बोली- किसी कपड़े की दुकान में चलो.
फिर हम दोनों एक कपड़े की शॉप में गए उसने वहां से मेरी पसंद की जालीदार ब्रा पैंटी ली और हम निकल गए.
अब वह बोली- जीजू कहीं अकेले में चलते हैं.
मैंने कहा- अकेले से मतलब कमरे से ही है ना!
वह आंख दबाती हुई बोली- हां मुझे अपनी वो वाली मांग भरवानी है.
मैंने उसकी चुदाई की मंशा को समझ लिया था इसलिए ओके कहा और एक होटल के सामने गाड़ी रोक दी.
हम दोनों अन्दर गए और मैंने एक कमरा बुक कर लिया.
हम दोनों रूम में गए, मैंने गेट बंद किया और बेड पर जाकर लेट गया.
वह गांड मटका कर चलती हुई आई और मेरे पास लेट गई.
हम दोनों किस करने लगे और जल्दी ही गर्म हो गए.
फिर एक दूसरे के कपड़े उतारने लगे.
मैंने उसे पूरी नंगी कर दिया और उसके गोरे 34 इंच के दूध दबा दबा कर चूसने लगा.
वह भी बहुत गर्म हो गई थी और पागलों की तरह मुझे चूमने लगी.
मैंने उसे अपनी गोदी में बिठा लिया और उसके दोनों दूध बारी बारी से चूसने लगा.
वह भी काम वासना से पीड़ित हो गई थी तो अपने हाथ से अपने मम्मे को पकड़ कर मेरे मुँह में दे रही थी.
मैं भी उसके निप्पल को होंठों से पकड़ कर उसकी आंखों में देखता हुआ खींचता, तो उसकी मादक सिसकारी निकल जाती.
कुछ ही देर में वह बोलने लगी- जीजू अब जल्दी से पेल दो. कब से आपके लंड के लिए तड़प रही हूँ.
यह सुनकर मेरा जोश और बढ़ गया.
मैंने उसे लिटाया और उसके पेट से नाभि तक किस करते हुए उसकी चूत तक पहुंच गया.
जैसे ही मैंने अपनी साली की चूत में जीभ डाली, वह मचल उठी और मेरा सर अपनी चूत में दबाने लगी.
क्या गर्म चूत थी यारो!
वह पागल हो रही थी और बोली- जल्दी से चोदो जीजू … वर्ना मैं मर जाऊंगी. अपना लंड पेल दो मेरी चूत में … फाड़ दो मेरी चूत को.
मैं उठ कर उसके बगल में खड़ा हो गया और उससे लंड चूसने को कहा.
उसने झट से मुँह खोल दिया.
मैंने अपना लंड उसके मुँह में दे दिया.
वह लंड को चूसने लगी और जल्दी ही उसने पूरा लंड चूस कर गीला कर दिया.
अब वह फिर से व्याकुल भाव से बोली- अब डाल दो ना जीजू!
उसकी तड़प देख कर मैंने जल्दी से चूत पर लंड सैट किया और एक जोर का धक्का दे मारा.
मेरा उसकी चूत को चीरता हुआ अन्दर चला गया.
वह जोर से चीखी- ऊऊहह मांआ फाड़ दी मेरी चूत … आह छोड़ दो मुझे … मुझे नहीं चुदना.
साली जोर जोर से ‘छोड़ो छोड़ो’ कह रही थी.
मैंने उसे जकड़ रखा था और उसके मुँह पर अपना मुँह लगा कर उसकी चिल्लपौं को बंद किया.
कुछ देर बाद उसकी चूत ने लंड को जज़्ब कर लिया था और अब उसकी भाषा बदल गई थी.
वह गांड उठा कर लंड अन्दर लेने लगी थी और कहने लगी- आह जीजू, सच में बड़ा मजा आ रहा है … आज से मैं आपकी रंडी हूँ. जब चाहो जैसे चाहो चोद लेना जीजू … आप मेरी गांड भी मार लेना. साले बीएफ का लंड तो कुछ भी नहीं है आपके लौड़े के सामने … आह पेलो जीजू … अअपनी साली की चूत का भोसड़ा बना दो.
मैंने एक उंगली नंगी साली की गांड में घुसा दी.
वह मुझे पागलों की तरह चूमने लगी और गांड उठा कर लौड़े को अन्दर लेने की चेष्टा करने लगी.
मैं भी फुल स्पीड में अपनी साली की चूत चुदाई कर रहा था.
उसकी चूत से पानी की धार बह रही थी.
कुछ बीस मिनट बाद मेरा माल निकलने वाला हो गया था.
मैंने उससे पूछा- मलाई किधर निकालूँ?
वह बोली- चूत में ही डाल दीजिए. मेरी चूत बहुत प्यासी है. मेरी चूत के अन्दर ही अपना माल डालो जीजू. मुझे अपने बच्चे की मां बना दो.
मैं भी यही चाहता था कि चूत में ही रबड़ी छोड़ी जाए.
तो मैं साली की चूत के अन्दर ही झड़ गया और उसके ऊपर ही गिर गया.
मैं उसके होंठ चूसने लगा.
कुछ ही पलों में हम दोनों शांत हो गए और फ्रेश हो गए.
अपने अपने कपड़े पहन कर हम दोनों रेडी हुए.
मैंने उसको गले लगाया और किस करके घर के लिए निकल गए.
घर पहुंच कर वह बहुत खुश थी.
वह यहां 15 दिन रुकी और लगभग हर दिन किसी न किसी तरह से मौका और जगह देख कर मैं उसकी चुदाई कर ही लेता था.
अगर ज़्यादा टाइम नहीं रहता तो वह मेरे लंड की मुठ मार देती है या चूस लेती थी.
वह अब में मेरे लंड की दीवानी हो गई.
एक दिन तो कार से हम जा रहे थे, तो वह बोली- जीजू एक बार चोदो ना!
मैंने कार सुनसान जगह पर लगाई और शीशों पर अखबार चढ़ा कर शुरू हो गए मैंने उसे पीछे वाली सीट पर लिटा कर उसके दूध खूब चूसे और वहीं नंगी करके उसके निप्पल खींच खींच कर चूसने लगा.
वह ‘आआई उउई …’ करने लगी.
मैं उसकी चूत में उंगली करने लगा. मैं नीचे जाकर चूत में जीभ डालने लगा.
तो वह मचल गई और सिसियाने लगी- आह अब जल्दी से लंड डालो जीजू … नहीं रहा जाता. मेरी चूत का भोसड़ा बना दो चोदो ना … मुझे क्यों तड़पा रहे हो यार … डालो ना चूत में लंड.
पर मैं उसकी चूत चूसता रहा.
वह तड़फती रही.
फिर मैंने लंड चूत में लगाया और रगड़ने लगा.
वह बड़बड़ाने लगी- प्लीज़ जीजू अब डाल दो लंड … नहीं तो मैं मर जाऊंगी.
मैंने अपना लंड एक ही झटके में पूरा अन्दर पेल दिया और ताबड़तोड़ झटके देने लगा.
जल्द ही वह पानी पानी हो गई और उसने अपने पैट पटकना शुरू कर दिया.
मैं 20 मिनट तक लगातार उसे चोदता रहा.
अब मैं झड़ने के करीब आ गया था.
वह दो बार झड़ चुकी थी.
अब मैंने भी उसकी चूत में ही रस टपका दिया और चिपक कर किस करने लगा.
वह मस्त हो गई थी.
तो दोस्तो, ये थी मेरी मादक साली की चुदाई की कहानी. आपको कैसी लगी यह नंगी साली की गांड चूत कहानी?
कमेंट्स में ज़रूर बताएं.
आगे और भी रस है जिसे मैं अपनी अगली सेक्स कहानी में लेकर आऊंगा.
आपका सागर
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