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सोसाइटी की मदमस्त भाभी की जबरदस्त चूत चुदाई

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मस्त भाभी Xxx कहानी में पढ़ें कि हमारी सोसाइटी की एक मस्त भाभी मुझे पसन्द आई और मैं उन्हें लाइन मारने लगा. उनकी भाव भंगिमा से मुझे लगा कि मामला सेट हो सकता है.

दोस्तो, मेरा नाम अर्जुन है.

यह मस्त भाभी Xxx कहानी छह महीने पहले की है.

मेरी सोसाइटी में एक भाभी रहती हैं, उनका बदला हुआ नाम राशि था.
भाभी दिखने में एकदम हॉट हैं. उनका फिगर साइज़ 32-30-34 का है.
उनका एक 5 साल का बच्चा भी है

पहले वे अपने पति के साथ अहमदाबाद में रहती थीं; अभी कुछ महीने पहले ही हमारी सोसाइटी में रहने आई थीं.
उनके पति को अपने काम से ज्यादातर घर से बाहर रहना पड़ता था.

मैंने उन भाभी को देखा तो वे मस्त माल लग रही थीं.
मुझे उनको चोदने का बड़ा मन कर रहा था.

इसलिए मैं उनके बारे में ज्यादा पता लगाने में टाइम खर्च करने लगा और साथ ही समय निकाल कर भाभी को लाइन मारने लगा.

एक दिन वो शाम के समय अपनी छत पर बैठी हुई थीं.
मैंने उनको देखा और मैं भी ऐसे ही फोन में बात करने का नाटक करते हुए अपनी छत पर आ गया.

मैं वहीं से उनको देखने लगा.
थोड़ी देर तक मैं उनको देखते हुए फोन से बात करने का नाटक करता रहा.
वे भी अब मुझे थोड़ी थोड़ी देर में देख रही थीं.

उस दिन मैंने थोड़ी देर वहां से भाभी को लाइन मारी और फिर नीचे चला गया.

दूसरे दिन शाम को वो अपनी छत पर थीं तो मैं भी अपनी छत से उनको देख रहा था.
वे भी मुझे देख रही थीं.

उसी समय मैंने उनको स्माइल दी.
उन्होंने भी स्माइल दी.

थोड़ी देर बाद वे नीचे चली गईं.
मैं सोचता ही रह गया कि मसला सैट हो सकता है, बस कोई जुगाड़ फिट करनी पड़ेगी.

अगले दिन शाम को मैं उनके घर के पास खड़ा था और उनको देख रहा था.

मैंने उनको मोबाइल का इशारा किया, वे मुझे देख रही थीं.

मैंने एक कागज लिया और उसमें मेरा नंबर लिख कर उनको दिखाया.
वे कागज की ओर देखने लगीं.

मैंने वो कागज उनके घर के बाहर गिराया और आगे बढ़ गया.

कुछ देर बाद वो इधर उधर देखती हुई आईं और वो कागज उठा कर अपने साथ ले गईं.
इस तरह से मैंने उनको नंबर दे दिया.

उस वक्त शाम को करीब 7 बजे थे.
मैं भाभी के फोन आने का इंतज़ार करने लगा.
लेकिन उस दिन उनका फोन नहीं आया.

दूसरे दिन सुबह के 10 बजे थे.
उस वक्त मुझे एक नए नंबर से कॉल आया.

मैंने फोन उठाया तो सामने से एक जनाना आवाज़ आई.
तो मैंने पूछा- जी कौन?
उन्होंने अपना नाम बताया.

वे मुझसे बोलने लगीं- आपने नंबर क्यों दिया?
तो मैंने कहा- आपको पहली बार देख कर आप पर फिदा हो गया हूँ भाभी जी!

कुछ देर हम दोनों की रसभरी बात चलती रही.
इतनी देर में वो मेरे साथ बात करके काफी प्रभावित हो गई थीं.

मेरी उनसे काफी देर तक बात होती रही.
हम दोनों काफी खुली मानसिकता के थे तो जल्द ही सेक्स की बात खुल कर होने लगी थी.

एक दिन दोपहर के समय मेरे घर कोई नहीं था, सब लोग बाहर गए हुए थे.
भाभी भी अपने घर पर अकेली थीं.

मैंने उनको फोन किया और कहा- मुझे आपसे मिलना है, आप मेरे घर आइए. घर पर कोई नहीं है.
उन्होंने कहा- ठीक है, लेकिन कोई देख लेगा तो दिक्कत हो जाएगी.

मैंने उनसे कहा- आप कुछ चीज़ लेकर आइए न … कोई कुछ भी पूछे, तो बोल देना कि चीज देने गई थी.
वो मान गईं.

उस वक्त करीब 3 बजे थे. सड़क सुनसान थी, कहीं कोई नहीं दिख रहा था.
भाभी चुपके से मेरे घर आ गईं.

मैंने दरवाजा बंद कर दिया और उनको किस करने लगा.

वे भी मेरा साथ दे रही थीं, मेरे होंठों को काट रही थीं.

दस मिनट तक बड़ी बेताबी से किस करने के बाद वे बोलीं- मेरा बच्चा घर में सो रहा है. मैं बाहर से दरवाजा बंद करके आई हूँ. मुझे जल्दी जाना पड़ेगा.
मैंने उनसे कहा- आप एक मिनट रूको.

मैंने भाभी को एक चॉकलेट दी और उनको एक बार और किस किया.
वे हंस कर चली गईं.

अब हम दोनों मौका देख रहे थे कि चुदाई का चान्स कब मिलता है.

दूसरे दिन शाम को वो बोलीं- मेरे घर आ जाओ.
मैं सबकी नज़रों से बचता हुआ भाभी के घर में गया.

उन्होंने मुझे बैठने को कहा.
मैं बैठ गया.

भाभी मुझसे बोलीं- क्या लोगे चाय या कॉफी?
मैंने बोला- कुछ नहीं, सिर्फ़ पानी पिला दो.

वे मेरे लिए पानी लाईं.
मैंने उनसे पूछा- आपका बच्चा कहां है?
उन्होंने बताया कि वह ट्यूशन गया हुआ है.

हम दोनों ने ऐसे ही दो मिनट बात की इसके बाद मैंने उनको पकड़ लिया और किस करने लगा.
वे भी मुझे चूम रही थीं.

मैंने अपना एक हाथ भाभी के दूध पर रखा और उनके दूध को दबाने लगा.
वे आह भरे जा रही थीं.

और उनका हाथ मेरे लंड पर आने की कोशिश कर रहा था.
शायद के मेरे लौड़े को सहलाने में कुछ हिचक रही थीं.

मैं उन्हें किस करते करते उनकी चूत के ऊपर हाथ घुमाने लगा था.
भाभी ने कहा- चलो बेडरूम में चलते हैं.

फिर उनके बेडरूम में जाते ही मैंने भाभी के सारे कपड़े उतार दिए. उन्होंने भी मेरी शर्ट उतार दी और मेरी छाती पर किस करने लगीं.

मैं उनके नंगे हो चुके बूब्स दबा रहा था और बारी बारी से उनके दूध चूस भी रहा था.

वो बोलीं- खड़े रह कर ही सब करोगे क्या?
मैंने उनको बेड पर लिटाया और उनके पूरे बदन पर किस करने लगा.

थोड़ी देर बाद भाभी ने मुझे नीचे कर दिया और वो मेरे ऊपर आकर मुझे किस करने लगीं.
वो मेरी छाती पर आ गईं और धीरे धीरे सरकती हुई मेरी पैंट के पास आ गईं.

भाभी ने मेरी आंखों से आंखें मिलाते हुए मुझे आंख मारी और मेरी पैंट के हुक खोलने लगीं.
हुक खोलने के बाद भाभी ने पैट के दोनों हिस्से पकड़े और बड़ी कामुकता से मेरी आंखों में अपनी आंखों को गड़ाए हुए पैंट के दोनों हिस्से ऐसे खोल दिए मानो किसी बकरे की टांगें चीर रही हों.

उनके इस कृत्य से पैंट की जिप खुलती चली गई और मेरी फ्रेंची में फूले हुए लौड़े को एक झटके से फ्रेंची को नीचे करके खोल उसे आजाद कर दिया.

लंड किसी फनफनाते हुए नाग की तरह आसमान की तरफ मुँह करके खड़ा हो गया.

भाभी ने मेरे लौड़े को किसी सांप की गर्दन पकड़ने की स्टाइल में पकड़ा और लौड़े को हिलाने लगीं.
उनका हाथ लगने से लंड में एकदम से सख्ती बढ़ने लगी.

भाभी ने अपना सर झुकाया और मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगीं.
अय आह … मुझे करंट सा लगा.

सच में उनके मुँह की गर्मी ने मेरे लौड़े को जन्नत का सुख देना शुरू कर दिया था.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.

वे मेरे लौड़े के गुलाबी टोपे को धीरे धीरे जीभ से चाट रही थीं और मेरी आंखों में अपनी नशीली आंखों से देखती हुई अपने दांतों से लंड को खा जाने जैसा कर रही थीं.

अपने जीवन में उस पल को भूल पाना बड़ा मुश्किल है, ये मेरे लिए अब तक का सबसे कामुक पल थे.
अभी भी सेक्स कहानी लिखते समय मेरे लौड़े में हरकत होनी शुरू हो गई.

कुछ देर बाद भाभी मेरे लंड के ऊपर बैठ गईं और धीरे धीरे लंड को अपनी चूत में लेने लगीं.

उनको हल्का सा दर्द हो रहा था मगर वो अपनी आंखें बंद करके लंड को धीरे धीरे अन्दर ले रही थीं.

उस वक्त बार बार उनके मुँह से निकले जा रहा था- आह आह रुको न … धीरे आह बहुत मोटा है तुम्हारा … आह.’

कुछ ही देर में मेरा पूरा लंड उनकी चूत में चला गया था.
भाभी पूरा लंड लेने के बाद थोड़ी देर ऐसे ही लौड़े पर बैठ कर अपनी चूचियां मसलने लगीं.

मैंने भी उनकी चूची को पकड़ा और उन्हें अपनी ओर नीचे खींचने लगा.

भाभी मेरे होंठों से होंठ मिलाकर लंड को चूत में समायोजित करने लगीं.
फिर चूत ने कुछ रस सा छोड़ा तो भाभी मेरे लंड की सवारी करने लगीं.

मस्त चूचियां हिल रही थीं और वो खुद से अपनी चूचियां मेरे मुँह में देने की कोशिश कर रही थीं.
मैं भी अपने मुँह में निप्पल लेकर खींचता और भाभी की मादक आह सुनकर नीचे से लौड़ा ठांस देता.

ऐसे ही कुछ देर अपने लौड़े पर उछालने के बाद मैंने उनको अपने नीचे लिया और उनके ऊपर आ गया.
मैंने उनके पैरों को अपने दोनों कंधों पर पर रख कर उनकी चूत में लंड पेल दिया.

फिर मैंने उनकी इतनी तेज रफ्तार से चुदाई की कि वो ‘आह आह मर गई मेरी फट आई आह … धीरे धीरे चोदो …’ चिल्लाने लगीं.

मैं दस मिनट तक उनकी जमकर चुदाई करता रहा.
उनको थोड़ा दर्द हो रहा था.

थोड़ी देर बाद मेरी तेज रफ्तार वाली चुदाई से मस्त भाभी Xxx मजा लेने लगीं.
मैं उनको स्पीड में चोदता रहा.

करीब 5 मिनट बाद भाभी ने अपनी चूत से पानी छोड़ दिया.
उनकी चूत से छूते पानी की वजह से अब पछ फछ की आवाज़ आ रही थी.

मैं उनको अभी भी ताबड़तोड़ चोद रहा था.
फिर मैंने भाभी को डॉगी स्टाइल में होने को बोला.
वे फट से कुतिया बन गईं.

मैंने पीछे से अपना लंड उनकी चूत में पेल कर उनके बूब्स दबाते मसलते हुए चुदाई करने लगा.

मैंने अपने हाथ उनकी कमर में डाले और फुल स्पीड में भाभी की चुदाई करने लगा.

करीब 15 मिनट बाद मैं झड़ने वाला था.
तो मैंने उनसे पूछा- रस कहा डालूँ?
भाभी ने कहा- मेरी चूत में ही निकाल दो.

मैं उनकी चूत में ही झड़ गया.
झड़ने के एक मिनट तक मैं उनकी वैसे ही चुदाई करता रहा, फिर उनके साथ ही लेट गया.

हम बात कर रहे थे.

भाभी ने कहा- आज तक मुझे ऐसा मज़ा नहीं मिला, जितना तुमसे मिला अर्जुन!

यूं ही बात करते करते मैं भाभी के मम्मों को चूसने लगा तो मेरे लंड ने वापिस करंट पकड़ लिया.
मैं भाभी से बोला- मुझे आपकी चुदाई और करनी है.

ये बोल कर मैंने उनके जवाब का इंतजार ही नहीं किया और उनके ऊपर चढ़ गया.

कुछ ही पलों मैंने उनके पैर उठाए और ज़ोर ज़ोर से चुदाई करने लगा.
इस बार दस मिनट तक चुदाई करने के बाद उनकी चूत से पानी निकल गया.

मैंने उनसे कहा- आप बेड पकड़ कर खड़ी रहो.
भाभी ने वैसे ही किया.

मैंने उनके पीछे से चुदाई करना चालू कर दिया.
चोदने के साथ साथ मैं उनके दूध भी दबा रहा था और उनकी गर्दन में किस कर रहा था.

ऐसे ही चुदाई करते करते मैं झड़ गया और मैं उनको पकड़ कर बेड पर गिर कर लेट गया.

थोड़ी देर बाद भाभी उठीं और बोलीं- मुझे बच्चे को ट्यूशन से लेने जाना है.
वे नहाने चली गईं.

उनके बाद मैं भी नहाने चला गया.
मैं नहा कर आया, तो वो मेरे लिए शर्बत लेकर खड़ी थीं.

शर्बत पीने के बाद मैं अपने घर चला गया.

फिर भाभी ने फ्री होकर मुझे कॉल किया.
वे बोलने लगीं- आज तो तुमने मुझे जन्नत की सैर करा दी. आज मैं तुमसे बहुत खुश हूँ.
अब हम दोनों को जब भी मौका मिलता है, हम जमकर चुदाई करते हैं.

दोस्तो, आपको मेरी रियल मस्त भाभी Xxx कहानी कैसी लगी. आप मुझे मेल करके जरूर बताएं.
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