माँ बहन की चुदाई की कहानी में पढ़ें कि कैसे मैंने अपनी रंडी अम्मी और रण्डी बहन की चूत और गांड चुदाई एक साथ होते देखी. मेरी बहन को चुदाई में दर्द हुआ था.
दोस्तो, मैं असलम अपनी बहन और अम्मी की चुदाई कहानी का अगला भाग लेकर हाजिर हूँ.
माँ बहन की चुदाई की कहानी के पिछले भाग
मेरी अम्मी और बहन एक साथ चुदी
में अब तक आपने पढ़ा था कि धीरज और नवीन देसाई दोनों मेरी बहन और अम्मी को चोदने की तैयारी कर चुके थे.
अब आगे माँ बहन की चुदाई की कहानी:
अब धीरज और नवीन सोफ़े पर बैठ गए और मेरी अम्मी और बहन घुटने बल बैठ गईं.
धीरज चाहता था कि मेरी बहन उसका लौड़ा मुँह में ले.
तो मेरी बहन ने धीरज का लंड मुँह में ले लिया और मेरी अम्मी नवीन का लंड चूसने लगीं.
दोनों पूरा लंड अन्दर तक देने लगे. नवीन का लंड काफी बड़ा था. लगभग 7 इंच का मोटा लौड़ा था.
मेरी अम्मी धीरज से बोलीं- इसका हथियार तो काफी बड़ा है … मैं तो मर ही जाऊंगी.
धीरज बोला- हां मां की लौड़ी, आज मेरे सर तुझे चोद चोद कर तेरी चुत का पूरा भोसड़ा बना डालेंगे.
इस पर सबीना हंस दी.
तो धीरज बोला- साली, तू बड़ी हंस रही है … अभी चुत में अन्दर लंड जाएगा, तब रोएगी रंडी.
सबीना मस्त हो गई और वो धीरज का लंड चूसते हुए उसके गोटे मसलने लगी.
अब वो दोनों जोर जोर से मुँह चुदाई करने लगे.
मेरी अम्मी की आंख में से आंसू निकल आए.
नवीन का लंड काफी बड़ा था और वो मेरी अम्मी के गले तक लौड़ा पेल रहा था.
मेरी बहन भी धीरज का लंड मुँह में गले तक लेने लगी थी.
देर तक मुँह चुदाई चली.
अब दोनों मर्दों का वीर्य निकलने को हो गया था.
धीरज ने मेरी बहन के मुँह में … और नवीन ने मेरी अम्मी के मुँह में रस छोड़ दिया.
इसके बाद लंड चूसने का काम चला और दोनों के लंड मेरी अम्मी और बहन ने चाट कर साफ कर दिए.
अब नवीन और धीरज बेड पर सीधे लेट गए.
नवीन ने मेरी अम्मी से अपने लंड की फिर से मालिश करवाई और धीरज ने मेरी बहन से.
इससे दस ही मिनट में दोनों का लंड फिर से तन गए थे.
धीरज मेरी अम्मी और बहन से बोला- अब तुम दोनों सीधी लेट जाओ.
अम्मी और बहन अपनी टांगें खोल कर बिस्तर पर लेट गईं.
नवीन मेरी बहन की टांगों में घुटने के बल बैठ गया और धीरज मेरी अम्मी की.
दोनों ने मेरी अम्मी और बहन की टांगें चौड़ी कर दीं.
नवीन ने मेरी बहन की चुत की फांकों में और धीरज ने मेरी अम्मी की चुत की घाटी के अपने अपने लंड सैट कर दिए.
फिर दोनों ने एक दूसरे को देख कर आंख मारी और एक साथ झटके देते हुए लंड चुत में पेल दिए.
मेरी बहन चीख पड़ी- आह … अम्मी मर गई आह … नहीं मत करो … आह मैं मर गयी!
जबकि मेरी अम्मी को धीरज का लौड़े कुछ खास असर नहीं कर रहा था. मेरी अम्मी धीरज का लंड बड़े आराम से अपनी चुत में ले रही थीं.
अम्मी मेरी बहन से बोलीं- सबीना, लंड झेलने की आदत डाल ले … तभी अच्छी रंडी कहला पाएगी.
नवीन यह सुन कर और जोर जोर से लंड ठोकने लगा और मेरी बहन के दूध मसलने लगा.
धीरज मेरी अम्मी से बोला- साली, तुझे असर क्यों नहीं हो रहा?
नवीन हंस कर बोला- साली का भोसड़ा लंड का गोदाम है. लेकिन इसकी चुत में जब मेरा ट्राला जाएगा, तब इस कुतिया को असर होगा.
धीरज और नवीन हंसते हुए मेरी बहन और अम्मी के साथ धकापेल चुदाई करने लगे.
दोनों ताबड़तोड़ चुत चोदे जा रहे थे.
लगभग 15 मिनट बाद दोनों का पानी छूटने वाला था.
अम्मी बोलीं- नवीन, मेरी बेटी के अन्दर मत निकलना.
नवीन बोला- चुप रह रांड … मैं इसकी चुत में ही रस छोडूंगा. इसे मैं अपने बच्चे की मां बनाऊंगा.
धीरज मेरी अम्मी से बोला- साली उस दिन तो मैंने तेरी भट्टी में छोड़ा था … तब तो तू कुछ नहीं बोली थी. फिर आज तेरी बेटी की चुत में रस छोड़ने से क्यों मना कर रही है?
मेरी अम्मी बोलीं- मैं बच्चा ना होने का ऑपरेशन करा चुकी हूँ लेकिन मेरी बेटी अभी कमसिन है और दवा का भी कोई भरोसा नहीं.
मगर उन दोनों ने अम्मी की बात नहीं सुनी और अपने अपने लंड का पानी छोड़ दिया.
नवीन ने मेरी बहन की चूत में और धीरज ने मेरी अम्मी की चूत में माल गिरा दिया.
फिर वो दोनों सीधे लेट गए.
अब अम्मी और बहन ने अपनी अपनी ब्रा से दोनों के लंड साफ किए और फिर से चूसने लगीं.
दस मिनट में नवीन का लंड फिर से खड़ा हो गया था लेकिन धीरज का अभी नहीं हुआ था इसलिए धीरज मेरी बहन से अभी भी लंड चुसवा रहा था.
नवीन ने अब मेरी अम्मी से सोफ़े पर सीधा लेटने बोला.
अम्मी झट से लेट गईं.
नवीन ने अम्मी की चूत चौड़ी की और अपना मूसल लंड एक धक्के में अन्दर कर दिया.
अम्मी चीख पड़ीं- आह मर गई … आह लंड है या लोहा … साले चुत फाड़ेगा क्या … आंह … मार दिया साले ने!
यह देख कर मेरी बहन, अम्मी को गाली देती हुई बोली- साली रंडी को अब पता चला कि इसका लंड कैसा था. मेरी चुत के चिथड़े उड़ गए थे.
अम्मी कराहती हुई बोलीं- हां भोसड़ी वाली … इसके लौड़े में वाकयी बहुत दम है. न जाने तूने कैसे झेला होगा.
इतनी देर में धीरज का लंड भी खड़ा हो गया था.
धीरज मेरी बहन से सीधा लेटने बोला तो मेरी बहन बेड पर सीधे लेट गयी. धीरज ने मेरी बहन की चुत में अपना लंड सैट करके पेल दिया.
मेरी बहन इस बार हल्की आवाज में ‘आह … आह …’ करके चिल्लाई और लंड के मजे लेने लगी.
धीरज बोला- हां सबीना की चूत मेरे लंड के लिए ठीक है.
नवीन हंस कर बोला- नहीं धीरज, उस साली के लिए मेरा ही लौड़ा मस्त है.
वो दोनों इसी तरह की बातें करते हुए मेरी अम्मी और बहन की चुदाई कर रहे थे.
अब तो मेरी अम्मी और बहन भी मजा ले रही थीं.
मेरी बहन अपनी गांड उठा कर धीरज से बोल रही थी- आह चोद … जम कर चोद साले … मजा आ रहा है.
वो धीरज को किस भी किए जा रही थी.
धीरज बोल रहा था- अरे वाह साली रंडी … कितनी मस्त चुदाई करवा रही है. आह ले और अन्दर तक ले मेरी रांड!
ये दूसरा राउंड था तो काफी देर तक चुदाई चली.
फिर नवीन ने मेरी अम्मी की चूत के बाहर पेट पर पानी छोड़ा और इसी की देखा देखी धीरज ने भी मेरी बहन की चूत ऊपर रस टपका दिया.
अम्मी बोलीं- नवीन, तूने मेरी चूत में रस क्यों नहीं छोड़ा?
नवीन बोला- साली यास्मीन रांड … तेरे पेट में धीरज का बच्चा होगा और तेरी बेटी के पेट में मेरा, समझी रांड.
कुछ देर बाद अम्मी और बहन ने दोनों के लंड चूस कर साफ किए और हिलाने लगीं.
इतने में दरवाजे की बेल बजी तो मेरी अम्मी और बहन डर गईं कि अब कौन आया होगा.
नवीन बोला- डरो मत, मैंने व्हिस्की की बोतल मंगाई है, धीरज जा … ले ले.
धीरज कपड़े पहन कर बाहर आया और उसने बोतल का थैला ले लिया.
थैले में दो बोतल रम की थीं.
नवीन सोफे पर बैठा था. तब तक सबीना अन्दर से गिलास पानी और नमकीन ले आई थी.
नवीन मेरी अम्मी से बोला- चल पैग बना.
अम्मी ने दो पैग बनाए. तब धीरज बोला- मादरचोदी दो क्यों बनाए … चारों के लिए बना न भोसड़ी वाली.
अम्मी बोलीं- मैंने कभी नहीं पी और हम लोगों में शराब पीना हराम है.
इस बात पर धीरज और नवीन हंस कर बोले- भोसड़ी वाली, उसमें गैर मर्द से चुदाई हराम नहीं है … साली ड्रामा मत कर चल गिलास बना और पी ले … कुछ नहीं होता. दारू पीने से चुदाई में मजा आएगा.
फिर अम्मी ने चारों गिलास बनाए और मेरी अम्मी व बहन शराब पीने लगीं.
अम्मी को पहले पहल तो शराब कड़वी लगी, फिर नवीन ने कहा- दर्द की दवाई समझ कर पी ले.
धीरज ने उठ कर अम्मी और बहन की नाक दबा कर बंद कर दी ताकि वो दोनों पूरा पैग पी जाएं.
एक पैग अन्दर गया तो अम्मी को मजा आने लगा.
मैंने देखा कि सबीना तो बड़े मजे से रम का स्वाद ले रही थी. इसका मतलब ये था कि सबीना पहले भी दारू पीती रही थी.
अब चारों ने दो दो पैग गटक लिए थे.
अम्मी और बहन फिर से उन दोनों के लंड चूसने लगी थीं.
थोड़ी देर तक अम्मी और बहन लंड चूसती रहीं.
फिर नवीन मेरी बहन से बोला- चल अब तू उल्टी लेट जा!
मेरी बहन उल्टी लेट गयी और नवीन ने अपना बेल्ट निकाला और बोला- अब मैं तुझे ब्रूटल सेक्स का मजा दूँगा.
अम्मी बोलीं- नहीं नवीन, ऐसा मत कर उसने पहले कभी नहीं किया होगा.
नवीन बोला- भोसड़ी की … तू बीच में चुदुर चुदुर न कर … तू धीरज का लंड चूसती रह. मुझे अपनी लौंडिया के मजे लेने दे … भैन की लौड़ी ज्ञान पेल रही है.
तभी धीरज ने मेरी अम्मी के गाल पर चुम्मा लिया और बोला- मेरी अच्छी रांड … चुपचाप मजे दे और ले.
नवीन ने मेरी बहन की गांड पर बेल्ट से दो निशान बना दिए. मेरी बहन ने अपने चेहरे पर ख़ुशी जाहिर की, तो मैं सकते में आ गया कि सबीना तो साली पूरी पोर्न एक्ट्रेस निकली.
अब नवीन मेरी बहन से लंड चूसने को बोला. उधर मेरी अम्मी धीरज का लंड चूस रही थीं.
कुछ ही देर में दोनों के लंड खड़े हो गए.
नवीन ने मेरी बहन को डॉगी बना दिया और धीरज ने मेरी अम्मी को. वो दोनों उन दोनों की गांड में लंड डालने लगे.
अम्मी और बहन की गांड बहुत टाईट थी.
नवीन ने सबीना के चूतड़ों पर हाथ फेर कर कहा- साली तूने पहले कभी गांड में लंड नहीं लिया क्या?
मेरी बहन धीमी आवाज में बोलीं- नहीं लिया … आह दर्द हो रहा है.
मगर नवीन ने कहा- आज ले ले … फिर तू दोनों तरफ से मजा लेने लगेगी.
इस पर सबीना बहन नवीन से बोली- ओके मगर धीमे धीमे डालो.
उधर अम्मी की गांड में धीरज का लंड जा रहा था तो वो भी कराह रही थीं.
अम्मी धीरज से बोलीं- आंह धीमे पेल हरामी … तेरे लंड से दर्द कर रहा है.
मगर वो दोनों नहीं माने और जोर से लंड गांड में पेलने लगे.
अम्मी और बहन चीखने लगी थीं.
नवीन और धीरज मेरी अम्मी और बहन की गांड में लंड ठोके जा रहे थे.
दोनों ने काफी देर तक गांड मारी और मेरी अम्मी और बहन की गांड बदल बदल कर गांड चुदाई के मजे लिए.
फिर दोनों ने ही अपने अपने लंड का पानी गांड में छोड़ दिया.
नवीन ने मेरी बहन की गांड में … और धीरज ने मेरी अम्मी की गांड में.
उस दिन ऐसे ही दोनों ने पूरे दिन में चार राउंड चुदाई की, जिसमें एक बार नवीन और धीरज ने मेरी अम्मी की सैंडविच चुदाई भी की.
अब नवीन मेरी अम्मी से बोला- तू अपनी बेटी की मेरे लंड से शादी करा दे. इससे मैं भी सेक्स करूंगा और दूसरों से भी कराऊंगा.
मेरी अम्मी बोलीं- इससे मेरा क्या फायदा होगा?
नवीन बोला- तू जो बोले वो होगा. तेरी चुत की खुजली भी शांत हो जाएगी और तेरे पूरे परिवार की जिम्मेदारी भी मेरी होगी.
मेरी अम्मी मान गईं.
दोस्तो, इस तरह से मेरी अम्मी और मेरी बहन की चुत गांड में लंड का मजा मिलने लगा था. आपको मेरी माँ बहन की चुदाई की कहानी कैसी लगी, प्लीज़ मेल जरूर कीजिए.
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