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पहले वासना, फिर प्यार के बाद सेक्स

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लव सेक्स चुदाई कहानी में मैंने अपने पड़ोस की एक जवान लड़की को चोदा. यह मेरा पहला सेक्स था. वह रोज पार्क में घूमने आती थी। मैं उसे वासना की दृष्टि से देखता था.

फ्रेंड्स, कैसे हैं आप लोग!
मेरी पिछली कहानी थी: भैया ने हम दोनों को नंगे देख लिया
जिसे आप सबने बहुत पसंद किया ठा.

सबसे पहले तो मैं आपसे माफी मांगना चाहूंगा कि जो मेरी नई सेक्स स्टोरी लाने में मुझे इतना समय लग गया।
लेकिन पिछले 2 साल में बहुत कुछ हुआ है मेरे साथ जो कि मैं आपके साथ शेयर करूंगा।

इसलिए बने रहिए इस कहानी में मेरे साथ, और जैसा पिछली स्टोरी को प्यार दिया था वैसा ही इस स्टोरी को भी प्यार दें।

दोस्तो, यह लव सेक्स चुदाई कहानी भाभी के साथ हुई रासलीला के 6 महीने बाद की है क्योंकि होली के एक महीने बाद हम दूसरी जगह एक कॉलोनी में शिफ्ट हो गए थे।

वह अमीरों वाली कॉलोनी थी; मतलब वहां सभी अमीर लोग ही रहते थे।
शुरू-शुरू में हम नए शिफ्ट हुए थे तो हमारी किसी से कोई बात नहीं होती थी।

वहां मैं अक्सर शाम के वक्त गार्डन में सैर के लिए जाया करता था।
शाम के वक्त बहुत से लोग वहां आते थे जिनमें दो लड़कियां भी होती थीं, उनमें एक का नाम रिया था, जिसकी यह स्टोरी है।
दूसरी लड़की का नाम माही था।

दोस्तो, रिया और माही दोनों बेस्ट फ्रेंड थीं और साथ में ही दिखती थीं।
दोनों की उम्र लगभग 21-22 साल के करीब थी।

उन दोनों का ही फिगर एकदम से सेक्सी था; देखने में अप्सरा से कम नहीं लगती थीं।

रिया की बात करूं तो वह 32-28-36 के फिगर वाली कड़क माल थी।
वह ज्यादातर जींस और टीशर्ट पहना करती थी जिसमें उसके चूचे और उसकी उभरी गांड देखकर कोई भी उसे चोदने के लिए मचल सकता था।

मेरा भी यही हाल था।
मैंने मन बना लिया था कि रिया को तो पटा कर चोद कर ही रहूंगा।

थोड़े दिन ऐसे ही निकल गए।

फिर हमारे घर के पास से हमारे यहां किसी कार्यक्रम का बुलावा आया।

उस दिन शाम को जब मैं वहां गया तो पता चला कि रिया के घर पर ही वह प्रोग्राम हो रहा था।

उस दिन रिया से मेरी पहली बार औपचारिक मुलाकात हुई थी।
हालांकि हमारे बीच में कुछ भी बात नहीं हुई, बस दोनों एक दूसरे को देखकर मुस्करा दिए।

उस दिन के बाद रिया और मैं एक दूसरे को जानने लगे थे।
गार्डन में भी हाए-हैलो हो जाती थी।

रिया कभी अकेली नहीं मिलती थी, उसके साथ हमेशा माही ही आती थी।
माही के कारण मैं कुछ भी शुरुआत नहीं कर पा रहा था।

कुछ दिन ऐसे ही बीत गए।

फिर एक दिन रिया गार्डन में अकेली आयी।
मैंने उसके पास जाकर पूछा- आज आपकी फ्रेंड माही नहीं आई क्या?
पता नहीं उसने क्या सोचा, और बोली- क्यों, आपको उसके नहीं आने से तकलीफ हो गई क्या?
मैंने कहा- नहीं, लेकिन मैंने आज तक आप दोनों को साथ में ही देखा है, आज आप अकेली आई हो तो पूछ लिया।

उसने इस बात का कोई जवाब नहीं दिया और फिर आगे की ओर बढ़ गई।
मैं भी उसके पीछे ही चलने लगा।

कुछ देर में हम दोनों साथ में ही टहलने लगे।
फिर एक बेंच पर जाकर बैठ गए।

हमारे बीच थोड़ी बहुत नॉर्मल बातें हो रही थीं।
सूरज ढल रहा था और कुछ ही देर में अंधेरा होने वाला था।

उस दिन पहली बार मैं रिया के इतने करीब जा पाया था।
हम दोनों के चेहरे पर ढलते सूरज की किरणें आ रही थीं।
रिया का चेहरा उनमें चमक रहा था।

फिर अचानक से उसने मेरे हाथ पर हाथ रख दिया और बोली- आज मुझे सूरज को ढलते हुए यहां बैठकर देखना बहुत अच्छा लग रहा है।
तभी मैंने उसके हाथ पर अपना दूसरा हाथ रख दिया और बोला- यह मेरी खुशकिस्मती है।

दोस्तो, उस वक्त मुझे रिया का सेक्सी फिगर नहीं दिख रहा था, न ही उसे चोदने का कोई ख्याल मन में आ रहा था।
उस वक्त हम दोनों के बीच बस एक प्यार भरा अहसास पैदा होता जा रहा था।

फिर कुछ देर तक हम ऐसे ही वहां बैठे रहे, चुपचाप!
फिर हम चलने लगे तो रिया ने अपना नम्बर मुझे दिया।

अब हमारी रोज बात होने लगी।
रिया के साथ मुझे भी प्यार सा होने लगा था।

लेकिन प्यार के साथ पीछे पीछे हवस भी चली आती है।
मुझसे रुका न गया और मैंने रिया से इशारे में ही कह दिया कि मेरा सेक्स करने का मन कर रहा है।

सच कहूं तो रिया ने भी बिल्कुल मना नहीं किया।

बाद में मुझे पता चला था कि वह सेक्स तो पहले ही कर चुकी थी।
कॉलेज टाइम में उसे सेक्स एक्सपीरियंस हो चुका था और अब वह सिंगल रह रही थी।

फिर एक दिन मेरे घर वालों को बाहर जाना था तो मैंने सब प्लान बना लिया और रिया को बता दिया।
उसने भी हां कर दी।
हालांकि अभी हमें 4 महीने ही हुए थे प्यार में आए।

जैसी योजना थी, वैसा ही हुआ और रिया ठीक 7 बजे मेरे घर आ पहुंची।
वह नॉर्मल ड्रेस में आई थी क्योंकि उसने घर पर बोला हुआ था कि वह सहेली के यहां जा रही है।

जैसे ही रिया अंदर आई, मैंने उसे पकड़ा और अपनी बांहों में भर लिया।

वह भी बिल्कुल तैयार होकर आई थी, इसमें उसने भी मेरा साथ दिया।
मैं उसके साथ हर एक पल को जीना चाहता था लेकिन मेरा दिल उसे चोदने के लिए तड़प रहा था।

मगर मैंने कंट्रोल किया और हमने पहले खाना खाया।

थोड़ी देर ऐसे ही बातें कीं।
फिर मैंने उसे अपने बेडरूम की तरफ चलने का इशारा किया।

वह खड़ी हुई और मेरी तरफ हाथ बढ़ाया।

मैंने उसका हाथ पकड़ा और हम बेडरूम की तरफ चल दिए।
फिर हम बेडरूम में गए और मैंने उसे अपनी तरफ खींचा और अपनी बांहों में भर लिया।

मैंने अपना एक हाथ उसकी कमर पर रख दिया और दूसरा उसकी पीठ पर रख कर सहलाने लगा।
हम दोनों एक दूसरे की आंखों में देख रहे थे और उसके होंठों पर लगी लाल लिपस्टिक मुझे अपनी ओर खींच रही थी।

देर न करते हुए मैंने अपने होंठ रिया के होंठों पर रख दिए और किस करने लगा।
वह भी पूरा साथ दे रही थी।

कुछ ही पलों में हमारा प्यार अब वासना में तब्दील हो चुका था।
जिस्म से एक-एक करके कपड़े उतरते चले गए और हम दोनों कब नंगे हो गए पता न चला।

वह अब केवल ब्रा और पैंटी में मेरे सामने थी।
मै अंडरवियर में था और मेरा 7 इंच का लंड मेरे अंडरवियर को जैसे फाड़ने पर उतारू हो रहा था।

रिया भी मेरे अंडरवियर के तम्बू को देख रही थी।
मैंने पूछा- क्या देख रही हो!
वह शर्माकर मुस्करा दी और मेरे कच्छे में तने हुए लंड पर हाथ फेरते हुए मेरे बदन से आ लिपटी।

उसका हाथ लगते ही मेरा लंड और ज्यादा फड़फड़ा उठा।

तो मैंने उसे अपनी गोद में उठाया और बेड पर लेटा दिया।

मैं उसके ऊपर आ गया और उसके शरीर पर चुम्बनों की बरसात कर दी।

हल्के हल्के चुम्बनों से मैं उसके जिस्म पर जहां-तहां प्यार कर रहा था।
वह भी हर एक चुम्बन पर सिहर जाती थी; उसके रोंगटे खड़े हो रहे थे।

फिर मैंने उसकी ब्रा को खोलना शुरू किया।
उसने भी मेरा साथ दिया।

मैंने ब्रा निकाल दी और उसकी चूचियां अब आजाद होकर बाहर झूल गईं।
उसके 32 के बूब्स को मैं मुंह में लेकर चूसने लगा।

मैं बारी बारी से एक एक बोबे को मुंह में लेकर उसका निप्पल चूस रहा था।
इससे रिया की सिसकारियां निकलना शुरू हो गईं।

उसकी चूचियां पीते हुए मेरी हवस और ज्यादा बढ़ रही थी।
मेरा लंड पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत से टकरा रहा था।

फिर मैं उसकी चूचियों को जोर जोर से भींचते हुए पीने लगा।
उसकी आग भी अब और ज्यादा भड़क गई।

मैं उसे चूमते हुए नीचे की ओर आने लगा।
फिर मैंने उसकी पैंटी को भी उतार दिया।

उसकी चूत मेरे सामने नंगी थी। चूत पर एक भी बाल नहीं था।
उसने हाल ही में शायद सफाई की थी।

मैंने हाथ से चूत को रगड़ना शुरू कर दिया।
उसकी सिसकारियां अब और ज्यादा तेज हो गईं- आह्ह … अहह … उफ्फ … अस्स्स।

फिर मैंने मोके की नजाकत को समझते हुए एक उंगली उसकी चूत में डाल दी।
वह अचानक हुए इस हमले से उचक पड़ी।
मैंने अपना काम चालू रखा।

मैंने उसकी दोनों टांगों को फैला लिया और उसकी चूत पर जीभ से चाटने लगा।

उसको और ज्यादा नशा होने लगा।
उसने मेरे सिर को अपनी चूत पर दबाना शुरू कर दिया।

मैंने भी चूत में जीभ को अंदर देकर गहराई तक चोदना शुरू कर दिया।
वह जोर जोर से सिसकारियां लेते हुए चूत चटवाने का मजा ले रही थी।

लगभग 15 मिनट तक मैं उसकी चूत को लगातार चाटता रहा।
मैं भी हांफने लगा था।

फिर अचानक से उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया।
मेरा मुंह उसकी चूत के पानी में भीग गया।
मुझे रिया का चूतरस बहुत स्वादिष्ट लगा।

फिर मैं उठा और उसे किस करने लगा।
उसने अपना एक हाथ मेरे लन्ड पर रख दिया और सहलाने लगी।

फिर खुद ही उठकर मेरे लन्ड के पास जाकर उसे अपने मुंह में भर लिया।

आह! क्या एहसास था दोस्तो … बयान नहीं कर सकता।
उसने थोड़ी देर ही मेरे लन्ड को चूसा लेकिन मजा आ गया!

फिर मैं खड़ा हुआ और कंडोम निकाल कर अपने लन्ड पर चढ़ा लिया।
मैंने पूछा- तैयार हो न मेरी जान?
वह बोली- कब से तैयार हूं मैं तो, तड़पाओ मत, अब डाल दो … मुझे चोद दो प्लीज!

फिर क्या था, मैंने भी उसकी गीली मुलायम चूत पर अपना मोटा लन्ड रगड़ना चालू कर दिया और एक ही झटके में फच से पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया।

रिया की चीख निकल गई इस हमले से!
उसकी आंखों में पानी आ गया।

रिया पहले भी चुदी हुई थी लेकिन उसकी चूत में बहुत कसावट थी।

दोस्तो, थोड़ी देर रुकने के बाद मैंने धीरे धीरे धक्के देना चालू किए।
कुछ ही मिनटों में रिया का दर्द मजे में बदल गया।
लेकिन हर झटके का मजा उसके चेहरे पर साफ दिख रहा था।

उस वक्त मैं और वह सिर्फ अपनी हवस मिटाना चाहते थे।
अब वह मुझे अपने ऊपर खींचते हुए किस करने लगी।

नीचे से वह चूत उठाकर मेरा साथ देने लगी।
मेरा लंड अब उसकी चूत की पूरी गहराई नापने लगा था।

दोस्तो, इतना मजा आ रहा था चूत चोदने में कि बस मन कर रहा था दिन रात इसे ऐसे ही चोदता रहूं।
लेकिन ऐसा हो नहीं सकता था।

कुछ देर बाद मैंने उसको घोड़ी बनने के लिए कहा।
वह घोड़ी बन गई।

मैंने पीछे से उसकी चूत में लंड डाला और घोड़ी की तरह चोदने लगा।
अब उसको फिर से दर्द हो रहा था।
लेकिन अबकी बार धक्कों में दर्द कम और मजा ज्यादा था।

मैं लगातार उसे पेले जा रहा था।
लगभग 25 से 30 मिनट तक हमने सेक्स का मजा लिया।

फिर मेरा वीर्य निकलने को हो गया।
मैंने कहा- होने वाला है!
वह बोली- अंदर नहीं, पेट पर छोड़ना।

मुझे चूत में छोड़ने का मन कर रहा था लेकिन ऐसा नहीं कर सकते थे।
रिस्क का काम था।

इसलिए मैंने ऐन वक्त पर लंड को बाहर निकाल लिया।
एक दो बार हिलाते ही मेरे लंड से वीर्य की पिचकारी उसके चूचे तक उछल कर गिरी।
फिर बाकी का सारा वीर्य पेट पर गिर गया।

मैं झटके देते हुए शांत हो गया।
मैंने अपने अंडरवियर से उसके पेट पर लगे वीर्य को साफ किया।

फिर हम बिस्तर पर निढाल हो कर लेट गए।
उसके चेहरे पर लव सेक्स चुदाई से मिली संतुष्टि साफ झलक रही थी।

हम वहीं पर नंगे सो गए और अगली सुबह वह अपने घर चली गई।

मुझे रिया के साथ चुदाई का पहला अनुभव मिला था और वह रात मेरी जिंदगी की सबसे हसीन रात थी।

तो दोस्तो, इस तरह से मैंने रिया से दोस्ती की।
हम दोनों में प्यार हुआ और फिर चुदाई हुई।

लेकिन अभी मेरे पास आपको बताने के लिए बहुत कुछ है इसलिए आप जुड़े रहिए।
इस लव सेक्स चुदाई कहानी को पढ़ने में आपको कितना मजा आया, जरूर बतायें।
आपकी प्रतिक्रियाओं का मुझे इंतजार रहेगा।

आप मुझे मेरी ईमेल पर मैसेज कर सकते हैं, या फिर कमेंट्स बॉक्स में अपना कमेंट जरूर लिखें।
जल्द ही आपसे एक और नई कहानी में मुलाकात होगी।
तब तक के लिए विदा।
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