जीजा साली की सेक्सी कहानी मेरी बीवी की बड़ी बहन की है. वो मेरे साथ बहुत मजाक करती थी. उसके व्यवहार से लगता कि मुझसे सेक्स करना चाहती है.
नमस्कार दोस्तो, मैं विकी एक बार फिर से इस कामुक कहानी की दुनिया में आपका स्वागत करता हूं.
मेरी पिछली कहानी
लॉकडाउन में जवान भांजी चुद गयी मामा से
को पढ़कर अपने बहुमूल्य कमेंट देने के लिए आप लोगों का बहुत-बहुत धन्यवाद.
आज की जीजा साली की सेक्सी कहानी मेरी नहीं है।
मेरे बहुत सारे पाठकों में से एक पाठक ने मेल किया कि क्या मैं उनकी कहानी को प्रकाशित कर सकता हूं।
मैंने उसे कहा- आप अपनी कहानी भेज दीजिए अगर मुझे समय मिला तो मैं उसे प्रकाशित कर दूंगा.
इस कहानी को और ज्यादा उत्तेजक बनाने के लिए मैंने कुछ अपनी तरफ से भी जोड़ा है लेकिन मूल रूप से कहानी जो उनके द्वारा कही गई है कि यह सच्ची कहानी है।
उनकी जुबानी यह कहानी सुनिए।
नमस्कार, मेरा नाम अमन यादव है. मैं उत्तर प्रदेश के बिजनौर का रहने वाला हूं।
मेरी पत्नी का नाम शिवानी है.
मेरी उम्र अभी वर्तमान में 33 साल है और मेरी पत्नी की उम्र में 31 साल है.
हम लोगों की शादी बहुत पहले हो गई थी. आज मेरे शादी को कोई 11 साल हो गए हैं।
हम लोग जब अपनी जवानी की दहलीज पर कदम रख रहे थे तो उसी उम्र में मेरी शादी हो गई।
हमने अपनी जवानी का एक पल भी बर्बाद नहीं किया और हम पति पत्नी ने भरपूर चुदाई का मजा लिए।
मैं देखने में भी अच्छा खासा हेंडसम और स्मार्ट हूँ।
मेरी पत्नी भी चुदाई में हर वक्त मेरा साथ देती है और भरपूर चुदाई का मजा लेती है।
यह कहानी मेरी और मेरी पत्नी की नहीं, मेरी पत्नी की एक बड़ी बहन प्रिया की है. उसकी उम्र 35 साल है, तो वो मेरी पत्नी से बड़ी है.
कहते हैं कि छोटी साली हो तो मजाक करने में बहुत मजा आता है।
लेकिन मेरी पत्नी की बहन प्रिया मुझे कभी अहसास नहीं होने दिया कि मेरी कोई छोटी साली नहीं है।
वह भी मुझे छोटी साली की तरह ही मजाक करती और कभी-कभी तो उससे ज्यादा! आगे बढ़कर मजाक करती … वह मुझे टच करके मजाक करती।
और मैं भी कभी-कभी मजाक में जब उसकी नशीली आंखों को देखकर उत्तेजित हो जाता तो उसे भी टच करता।
लेकिन आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं हुई क्योंकि कहीं ना कहीं मेरे मन में यह बात थी कि मेरी पत्नी की बड़ी बहन है; अगर मैं कुछ करूंगा तो बात कहीं बनने की जगह बिगड़ ना जाए।
और जो यह नयनसुख और हल्की छेड़छाड़ होती है वह भी ना बंद हो जाए।
लेकिन पता नहीं क्यों मुझ से बात करने का हर बहाना ढूंढती रहती; कोई भी मौका जाने नहीं देती; चाहे वह फोन पर हो चाहे आमने सामने!
उसे जब भी मौका मिलता कोई न कोई बहाना करके मेरे यहां आ जाती।
वह इतनी खुली हुई थी कि शिवानी के सामने ही कभी-कभी मुझे मजाक करती … मेरा चेहरा शर्म से पानी पानी हो जाता।
बाद में मैं अगर शिवानी से शिकायत करता तो शिवानी बोलती- देखिए प्रिया दीदी आप की साली है और आप जीजा साली के बीच में मुझे नहीं पड़ना! मेरी कोई छोटी बहन नहीं है तो समझना प्रिया मेरी बड़ी बहन भी है और छोटी बहन भी! तो थोड़ा मजाक करती है मजाक कर लेने दीजिए और मजा लीजिए.
फिर मेरी पत्नी बोली- आपको प्रिया दीदी अच्छी नहीं लगती?
मैंने कहा- ऐसी बात नहीं है … फिर भी!
धीरे धीरे मुझे भी उसकी मौजूदगी अच्छी लगती और मेरे मन में भी कहीं ना कहीं यह बात उफान मरने लगी कि कुछ ना कुछ तो बात है।
अगर थोड़ा सा भी आगे बढ़ा जाए तो इसकी चूत की चुदाई करने को भी मिल सकती है।
जब मन में यह बात आने लगी तो मैं भी अब कोई ना कोई जुगाड़ करता किसी तरह उससे बात करूं अकेले में … और घुमा फिरा कर पूछूं कि क्या मुझसे चुदाई करेगी या नहीं.
मैं उसे कुछ ज्यादा टच करने लगा.
इसका जवाब भी हो बहुत ही नशीली अंदाज में देती.
इसी तरह वक्त बीतता गया और हम दोनों के मन में दूसरे से शारीरिक सुख पाने की लालसा बहुत ज्यादा होने लगी थी।
लेकिन पहल हम दोनों में से कोई भी करने से डरता था।
इसी तरह वक्त बीतते हुए जब मेरा बेटा 4 साल का हुआ तो उसका जन्मदिन आया.
इस बार भी वो अकेली ही आई।
जन्मदिन से 1 दिन पहले तो मैं उसे बस स्टैंड पर लेने के लिए गया.
इस बार मैं थोड़ा ज्यादा बन ठन कर गया था।
मुझे देखते ही प्रिया बोली- क्या बात है … बहुत ज्यादा स्मार्ट लग रहे हैं आप! कहीं बिजली गिराने का इरादा तो नहीं?
तो मैं भी बोला- आप तो मेरी पत्नी की बड़ी बहन हैं … छोटी साली होती तो बिजली की जगह बहुत कुछ गिरा देता!
उसने मेरी कही बात को समझ लिया और बोली- अच्छा जी! बड़ी हूँ तो क्या हुआ … हूँ तो आपकी साली ही ना! तो फिर आइए कोशिश कीजिए गिराने का बिजली के अलावा भी!
वो आगे बोली- जो भी गिराइएगा, मैं भी उसे बड़े प्यार से लूंगी और आपको गिराने में भरपूर मजा दूंगी।
रास्ते में आते वक्त वो मुझसे मस्ती और ज्यादा चिपकने लगी।
मुझे भी अच्छा लगा, मैं भी मजाक में बोला- लगता है इस बार आप बहुत कुछ करवा ही लोगी।
उन्होंने शर्माते हुए कहा- चल हट!
उसके बाद हम घर आए।
शाम का टाइम था तो मैं, मेरी पत्नी और प्रिया तीनों छत पर टहल रहे थे.
हम तीनों का चाय पीने का मन करने लगा तो प्रिया ने कहा- तुम दोनों ऊपर पर ही रहो, मैं चाय बना कर लाती हूं।
इस पर मेरी पत्नी बोली- आप भी जाइये, दीदी को मदद कर दीजिए.
मैं तो इसी मौका की तलाश में ही था पर मैंने उससे बनते हुए कहा- तुम तुम जानती हो कि वे कितना मजाक करती हैं। अकेले में और ज्यादा मजाक करती हैं तो मुझे शर्म आती है।
तो प्रिया ने कहा- अरे साली है आपकी … वह मजाक नहीं करेगी तो कौन करेगी? और उस पर आपका भी तो हक है हक लीजिए और मजा कीजिए।
मैं भी उसके पीछे पीछे चल दिया. वह अपनी गांड मटकाती हुई नीचे आ गई।
उसके चलने के अन्दाज़ से लगता था कि मुझे चुदाई का ऑफर दे रही है।
वह चाय बनाने के लिए लगी. हम दोनों बात करने लगे.
बातों बातों में उसकी सेक्स लाइफ के बारे में बात में बात चली तो वो थोड़ा मायूस हो गई.
मैंने पूछा- क्या हुआ?
तो उन्होंने कहा- मेरे हस्बैंड कुछ करते तो है नहीं … ऊपर से शराब पीते हैं और रात को चुदाई करते वक्त भी तुरंत झर जाते हैं। मै प्यासी ही रह जाती हूँ तो उनके साथ सोने का मन भी नहीं करता!
उसके चेहरे पर उदासी आ गई पर आंखों में एक चमक थी.
मैंने उनके चेहरे पर हंसी लाने के लिए बोला- तू मेरी साली है, आखिर मैं किस काम आऊंगा।
वह अपने उनके चेहरे पर कामुकता वाली शर्मा गई और आपने चेहरा को झुकाते हुए मुझे बोली- चल हट … ऐसा कैसे हो सकता है? शिवानी को मालूम चलेगा तो वह क्या सोचेगी?
मैं तुरंत ही बात को पकड़ते हुए कहा- मतलब आपको दिक्कत नहीं है ना?
तो उसने झट से कहा- तुम बात को बहुत ज्यादा पकड़ते हो!
फिर भी दबे शब्दों में कहा- शिवानी?
एक बार फिर मैं आप लोगों को बता देना चाहता हूं मेरी पत्नी बहुत ही खुले विचारों वाली है. गांव में रहकर भी उसकी सोच चुदाई के मामले में शहर की लड़कियों से बहुत ज्यादा खुला और आगे की है। उसके लिए पति पत्नी के रिश्ते का मतलब होता है की चुदाई में मैं उसे संतुष्ट करूं और वो मुझे! शिवानी मुझे कभी रोकती नहीं है कुछ करने के लिए … पर मैंने इसका कभी भी गलत फायदा नहीं उठाया. लेकिन आज लगता है उठा लेता … अब उठा लूंगा।
मैंने उसे कहा- शिवानी को कुछ पता ही नहीं चलने देंगे। और आपके चेहरे पर भी खुशी ला देंगे, आपकी प्यास भी बुझा देंगे।
इतना बोलते करते मैं उसके पास चला गया. वो अपने आप मेरे होठों से लग गई, उसने मुझे किस करना शुरू कर दिया.
उधर गैस पर चाय उबल रही थी, इधर हम एक दूसरे में समा आने को बेताब थे, हमारे जज्बातों का सैलाब उफान पर था।
मैं तो उसी समय चुदाई करने के मूड में था।
लेकिन उसी ने मुझे रोकते हुए बोला- शिवानी को शक हो जाएगा। मौक़ा मिलते ही करेंगे.
मैंने उसकी चूची को ऊपर से दबाया, उसकी चूत को साड़ी के ऊपर से सहलाते हुए बोला- इसकी प्यास मैं बुझा कर रहूंगा।
उसने भी मेरा मजा लेते हुए कहा- अच्छा जी, देखते हैं बुझा पाओगे कि नहीं।
मैंने सोचा था कि उसी रात में हमारे बीच कुछ ना कुछ हो जाएगा.
लेकिन उस रात कुछ नहीं हुआ।
अगले दिन मेरे बेटे का जन्मदिन था।
हमने बेटे का जन्मदिन भी मनाया और दिनभर एक दूसरे को देख कर मुस्कुराते रहे।
मुझे लग गया कि आज इसकी चुदाई करने का पूरा मौका मिलेगा रात में!
केक काटने के बाद बच्चे अपने कमरे में सोने के लिए चले गए।
मैं प्रिया और मेरी पत्नी शिवानी गेस्ट रूम में बैठकर ही बातें करने लगे।
बातें खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही थी।
मेरी पत्नी बोली- लगता है आप दोनों की बातें खत्म नहीं होगी. मैं जा रही हूं सोने! आपकी बातें जब खत्म हो जायें तो आ जाना सोने के लिए! मुझे नींद बहुत आ रही है. मैं दिनभर की थकी हुई हूँ।
इतना बोल कर वह चली गई.
हम दोनों के चेहरे पर हवस की मुस्कान आ गई.
थोड़ी देर बाद मैं पेशाब करने के बहाने उठा और आश्वस्त हो गया कि मेरी पत्नी सो चुकी है या नहीं!
उसके बाद मैं प्रिया के रूम में आया।
वह तो जैसे इंतजार में ही बैठी थी।
जैसे ही उसके रूम का दरवाजा लगाया, वो मुझसे चिपक गई और मुझे किस करने लगी, कहने लगी- मेरी जीजा राजा … मेरी प्यास बुझा दो। मैं तो कब से इस इंतजार में थी. तुम ही नहीं बात को आगे बढ़ा रहे थे. मेरे बार बार तुम्हारे यहां आने का मकसद यही था कि मैं तुमसे चुदूं!
प्रिया मुझसे पूरा चिपक रही थी।
हम दोनों एक दूसरे में समा जाना चाहते थे. मुझे भी आज एक नई चूत मिल रही थी चोदने के लिए!
मैं किस करते हुए उसके होंठों को जोर से चूसने लगा। मैं जीजा साली की सेक्सी हरकतों का पूरा मजा लेना चाहता था।
वह कहती जा रही थी- मैं अब सिर्फ तुम्हारी हूं, मुझे चोद दो। मेरी प्यास बुझा दो, मुझे और ज्यादा प्यासी नहीं रहना है।
मैं भी धीरे करके मैं उसे नंगी करने लगा, उसकी चूची को जोर जोर से सहलाने लगा।
वह भी मुझे पूरा मजा लेने दे ले रही थी।
अब मैं अपने आप को भी नंगा कर चुका था, उसकी चूत को अपने हाथ से सहला रहा था।
किस करते हुए मैंने उसे ले जाकर बिस्तर पर लेटा दिया।
अब मैंने नीचे आकर उसकी चूची को मुंह में भर लिया और जोर से चूसने लगा।
एक चूची को मैं जोर जोर से दबाने लगा.
वह भी अब और ज्यादा तड़पने लगी।
वो कहने लगी- चोदो … मुझे चोदो!
तड़पकर प्रिया बोली- मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूं. यह सब बाद में भी करना. बहुत दिनों से मेरी चूत की प्यास नहीं बुझी है। अब तुम मुझे जब चाहो जहां चाहो जैसे चाहो भरपूर चोद सकते हो। लेकिन अभी के लिए मेरी चुदाई जल्दी कर दो। बाद में ही तुम्हें जो करना होगा जैसे करना होगा करना।
मैं भी वक्त की नजाकत को समझते हुए साली की चूत पर लंड रगड़ने लगा।
जैसे ही लंड उसके चूत पर रगड़ने लगा, वह तो मानो पागल हो गई और मुझसे चुदाई की भीख मांगने लगी।
मुझे जोर से बांहों में भरने लगी, मेरे होठों पर फिर से अपने होंठ रखकर किस करने लगी, बोलने लगी- जल्दी करो ना!
मैंने अब अपने लंड को उसकी चूत की फांकों पर फंसाया, उसकी कमर को पकड़ा और उसके होठों पर होंठ रखकर एक जोर का धक्का दिया।
मेरा लंड उसके चूत में समा गया।
वह तो जोर से चीखने वाली थी लेकिन मैंने उसकी चीख दबा दी।
नहीं तो शिवानी जाग जाती।
उसके चेहरे पर एक मदहोशी और एकाएक धक्के से उत्पन्न दर्द उसकी आंखों में साफ देखा जा सकता था.
लेकिन फिर भी वह मुझे अपनी ओर खींच रही थी, अपनी कमर हिला रही थी और दर्द के बावजूद मुझे अपनी चुदाई करने के लिए आमंत्रण कर रही थी।
अब मैं उसकी चूत में लंड रखे हुए ही थोड़ा सीधा हुआ तो उसने मेरा हाथ अपनी चूची पर रख दिया, बोली- इसे भी चुदाई करते हुए दबाओ।
मैंने भी उसके आज्ञा का पालन करते हुए उसकी चुदाई अब चालू कर दी और उसकी चूची को दबाने लगा.
वह चुदाई का आनंद लेने लगी भरपूर … कहने लगी- मुझे भरपूर मजा आ रहा है।
उसकी चुदाई करते हुए मुश्किल से 4 से 5 मिनट हुए होंगे वह झर गई।
लेकिन मैंने धक्के देने चालू रखें।
थोड़ी देर बाद वह भी फिर से मजे लेने लगी और मेरा साथ देने लगी.
मैं भी उसे किस करने लगा जोर-जोर से! साथ में उसकी चुदाई करने लगा.
इस तरह चुदाई करते करते करीब हम दोनों को 20 मिनट गुजर गए।
मेरा भी पानी छोड़ने की कगार पर था, मैंने कहा- मेरा पानी निकलने वाला है मेरी जान!
वह बोली- अंदर ही निकाल लो. मैं इसे महसूस करना चाहती हूं.
मैं बाद जोर जोर से धक्के मारने लगा, ऐसा लग रहा था कि मैं उसकी चूत को फाड़ दूंगा।
वह भी मुझे अपने में समा लेना चाह रही थी।
चूत मारते मारते मैं उसकी चूत में झरने लगा और साथ में वह भी एक अजीब अकड़न के साथ झरने लगी.
हम दोनों एक साथ झड़ गए।
उसके बाद मैंने उसके चेहरे पर संतुष्टि का भाव देखा था।
वह अपनी आँखें बंद किए हुए थी।
मैं उसके ऊपर झुका और उसके गाल पर किस करते हुए कहा- कैसा लगा?
वह अपनी आंखें बहुत ही प्यार से खोलते हुए मुझे उम्मीद की नजरों से देखते हुए बोली- मैं बहुत खुश हूँ.
मैं उसके बालों को सहलाने लगा और आंखों में देखने लगा और होठों पर एक प्यारी सी किस करते हुए पूछा- प्रिया, अब कैसे फील कर रही हो?
तो उसने कहा- मेरे चेहरे से तुम्हें मेरी खुशी नहीं झलक रही है क्या?
साली ने मेरे होठों पर एक किस किया और मुझे कहा- बहुत बहुत धन्यवाद तुम्हारा अमन! तुमने आज मुझे पूरा खुश कर दिया अब से मैं तुम्हारी हूं। और तुम अभी समझना कि तुम्हारी एक नहीं दो-दो बीवियां हैं।
मैं भी मजे में उसकी चूची दबाते हुए कहा- अच्छा जी?
उसने कहा- हां।
वो बोली- मेरी चूत की चुदाई अब तुम्हें ही करनी है।
मैंने उसके हाथ को पकड़ा और उसकी आंखों में देखते हुए बोला- ठीक है। हमें जब भी मौका मिलेगा, मैं तुम्हारी चुदाई अवश्य करूंगा। अभी मैं जाता हूं. तुम भी सो जाओ … नहीं तो कहीं शिवानी उठ गई तो तुम जानती हो क्या होगा!
वह बोली- ठीक है.
मैं उठ कर चलने लगा तो मैंने उसे एक बार मुड़ कर देखा तो प्रिया कपड़े पहनने लगी थी।
उसके बाद वो अपने रूम का दरवाजा लगा कर सो गई।
मैं भी शिवानी के बगल में लेट गया शिवानी को पकड़कर!
शिवानी तो जैसे से नींद में बेसुध पड़ी थी।
मैंने उसे डिस्टर्ब करना उचित नहीं समझा और सो गया।
इस तरह मेरी पत्नी की बड़ी बहन के साथ मैंने पहली चुदाई की.
वह मुझसे संपूर्ण संतुष्ट हो गई थी और थक भी गई थी.
मुझे भी उस रात उसकी जुदाई करके भरपूर मजा आया।
उसकी बड़ी बड़ी चूची को चूस कर मैंने भरपूर मजा लिया।
उसके चेहरे पर संतुष्टि की भाव स्पष्ट दिख रहा था।
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