जवान साली चुदाई का मजा मेरे जीजू ने लिया. जीजू का लंड बहुत बड़ा था. दीदी की चूत फट गयी उनके लंड से. वे फिर भी चुदाई की जिद कर रहे थे. तो दीदी ने मुझे बुलाया.
यह कहानी सुनें.
दोस्तो, आज मैं आप लोगों को अपनी उस सच्ची घटना के बारे में बताने जा रही हूं, जिसमें मैं बताने वाली हूँ कि कैसे अपने दीदी के खातिर जीजा से नाजायज संबंध बना बैठी.
मेरा नाम सोनी कुमारी है. मैं यूपी के लखनऊ में रहती हूं. मेरी उम्र 19 वर्ष है और हाइट 5 फुट है.
मेरा पूरा बदन एकदम भरा हुआ है. मेरे बूब्स 32 के और गांड 34 इंच की है, जबकि मेरी कमर 30 की है
कुल मिलाकर मैं दिखने में एकदम आइटम गर्ल लगती हूं.
मेरी दीदी मुझसे 2 साल बड़ी हैं और उनकी शादी दिल्ली में हुई है.
यह जवान साली चुदाई की बात कुछ दिनों पहले की है, जब मैं अपने दीदी के बुलाने पर दिल्ली गई थी.
जब मैं दिल्ली पहुंची, तो मुझे लेने के लिए मेरे जीजाजी अपनी कार लेकर आए.
मैं घर गई तो दीदी बहुत खुश हुईं.
जीजा जी मुझे छोड़ कर चले गए थे, उन्हें कुछ काम था.
मैंने दीदी के संग बैठकर खूब सारी बातें की.
दीदी ने मुझे बताया कि कुछ दिनों से उनके और जीजा के बीच मनमुटाव हो गया है.
मैंने उसका कारण पूछा, तो दीदी ने बताया कि तेरे जीजाजी मेरे साथ रोज संभोग करते हैं. इसके कारण मेरी हालत खराब हो जाती है.
मेरे जीजाजी की हाइट लगभग 6 फीट होगी.
मैंने हंसते हुए कहा- दीदी अब तो आपको स्वर्ग का सुख मिल रहा है, तो फिर टेंशन किस बात की है?
दीदी ने कहा- नहीं सोनी, बात यह नहीं है. दरअसल मेरी योनि में घाव हो गया है, जिसके कारण डॉक्टर ने मुझे कुछ दिनों तक संभोग करने के लिए मना किया है.
मैंने दीदी से कहा- हां तो क्या हो गया, आप जीजा जी से बता क्यों नहीं देती?
दीदी बोलीं- ऐसी कोई बात नहीं है. मैंने उनको समझाने की कोशिश की थी. पर वे नहीं माने. वे बोल रहे हैं तुम अब मुझसे दूर रहना चाहती हो … अगर तुम मुझे खुश नहीं कर सकती, तो मैं दूसरी शादी कर लूंगा.
यह सुनकर मैं चौंक गई.
मेरी दीदी रो रही थीं.
मैंने कहा- ठीक है दीदी, मैं जीजा जी से बात करूंगी.
तो दीदी ने कहा- कोई फायदा नहीं होगा सोनी. रवि को मेरी सहेली ने भी समझाया था.
रवि मेरे जीजा का नाम है.
मैंने दीदी से पूछा- अब हम क्या कर सकते हैं?
दीदी बोलीं- देखो तुम्हारे जीजा अब हफ्ते में कम से कम एक बार सेक्स करते हैं, तो तुम कैसे भी करके एक बार उनको संभाल लो.
यह सुनते ही मैं चौंक गई और बोली- आप यह कैसे सोच सकती हैं. मैं जीजा के साथ ये सब नहीं कर सकती!
मेरी बात पर दीदी रोने लगीं और बोलीं- ठीक है सोनी, फिर मैं जहर ही खा लेती हूं. तुम्हारे जीजा भी खुश रहेंगे और बाकी सब भी खुश रहेंगे.
दीदी जिद्दी स्वभाव की थीं. वे कुछ भी कर सकती थीं इसलिए मुझे उनकी बात माननी पड़ी.
दीदी ने कहा- ठीक है सोनी, तुम आराम करो.
यह कह कर दीदी अपने कमरे में चली गईं.
अब मैं धर्म संकट में फंस चुकी थी.
एक तरफ मेरी जवानी तो दूसरी तरफ मेरी दीदी का घर.
तभी मैंने मन ही मन फैसला किया कि चाहे मुझे अपनी जवानी को ही क्यों न दांव पर लगानी पड़े, मैं हर हाल में अपनी दीदी की मदद करूंगी.
मेरे मन में डर भी लग रहा था क्योंकि मैंने कभी संभोग नहीं किया था.
देर शाम को मैं बाथरूम जा रही थी.
तभी दीदी के कमरे से आवाज आई.
जीजा जी बोल रहे थे कि आज तो मुझे खुश कर दो!
दीदी ने कहा- ठीक है मेरे राजा, आज खाना खाने के बाद हम दोनों रोमांस करेंगे.
इस पर जीजा जी खुश हो गए और उनको किस करने लगे.
कुछ देर बाद हम लोगों ने खाना खाया और मैं अपने रूम में आ गई. रात के करीब 10:00 बज रहे थे.
दीदी का मैसेज आया- सोनी अलमारी में से नाइटी ले लो और मेरे रूम में आ जाओ.
मैंने कहा- दीदी, मुझे डर लग रहा है.
दीदी बोलीं- तुम डरो मत, मैंने रवि की आंखों पर पट्टी बांध दी है और मैं भी साथ में रहूंगी.
मैंने अपने सारे कपड़े खोले और दीदी की लाल नाइटी पहनकर उनके रूम में आ गई.
वहां मैंने देखा जीजा पलंग पर लेटे हुए थे और वे बिल्कुल नंगे थे.
दीदी उनका सांप जैसा काला लम्बा का लंड अपने मुँह में लेकर चूस रही थीं.
मैंने पहली बार किसी मर्द का लंड देखा था इसलिए मैं डर गई.
तभी दीदी ने इशारा किया कि बेड पर आ जाओ.
मैं बेड पर आ गई.
दीदी बोलीं- रवि डार्लिंग, अब मैं तुम्हारे औजार को अपनी चूत में ले रही हूँ.
मेरे जीजा बोले- ओके डार्लिंग, मैं तैयार हूं.
दीदी ने मुझे इशारे से अपनी नाइटी उतारने के लिए बोल दिया.
उन्होंने मेरे मुँह पर एक पट्टी बांधी और मुझे जीजा के लौड़े पर बैठने के लिए बोल दिया.
मैं डरते डरते उनके लंड पर बैठने लगी.
उनका सुपारा मेरी चूत की दरार पर टच हुआ.
उन्होंने नीचे से अपनी गांड उठा कर ऐसा धक्का मारा कि आधा लंड अन्दर हो जाए.
वही हुआ भी, उनका लौड़ा मेरी चूत को चीरता फाड़ता हुआ आधा अन्दर घुस गया.
मेरी चूत से खून निकलने लगा और मैं दर्द के कारण तड़पने लगी.
मुँह पर पट्टी होने के कारण मैं चिल्ला ही ना पाई परंतु मेरी आंखों से आंसू गिरने लगे.
तभी जीजा ने एक और जोरदार छक्का मारा और उनका पूरा औजार मेरी चूत में समा गया.
मेरे बदन में करंट जैसा लहर उठी और मेरा पूरा बदन सिहर गया.
दीदी मेरे बालों को सहला रही थीं और बूब्स दबा रही थी, जिसके कारण मेरा दर्द कुछ कम हुआ और जीजा ने धीरे-धीरे आगे पीछे करते रहे.
कुछ देर बाद मेरा दर्द कम हो गया और मेरे मुँह से कामुक सिसकारियां निकलने लगीं.
जैसा मेरी दीदी ने बताया था, उनकी सुहागरात वाले दिन जीजा जी ने दीदी को चोद चोद कर अधमरा कर दिया था.
इस वक्त बिल्कुल वैसा ही मेरा हाल हो गया था.
दर्द भी हो रहा था और मजा भी आ रहा था.
काफी देर की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद मेरी चूत से पच पच की आवाज आने लगी.
मेरे जीजा जी चूत से लंड निकाल कर उठे और उन्होंने मुझे घोड़ी बना दिया.
मैं कुतिया सी बनी अपनी चूत में जीजा जी के लौड़े के घुसने का इंतजार कर रही थी.
मगर जीजा जी ने मेरी गांड में अपना औजार सैट कर दिया.
उनका लंबा और मोटा औजार मेरी गांड को चीरता हुआ अन्दर घुसता चला गया.
जीजा जी धाँय धाँय करते हुए अपने लौड़े को मेरी गांड में आगे पीछे करने लगे.
मेरी गांड फट गई थी मगर मुँह पर पट्टी बंधी होने से कुछ कह ही नहीं पा रही थी.
जीजा जी का समूचा लौड़ा मेरी गांड में आ जा रहा था.
पहले पहल तो मुझे दर्द हो रहा था, परंतु कुछ देर बाद मुझे गांड मराने में सुख मिलने लगा.
जीजा जी किसी घोड़े की तरह मेरी ले रहे थे और आगे हाथ बढ़ा कर मेरी चूचियों को दबाते हुए मसल रहे थे.
काफी देर की लगातार गांड चुदाई के बाद उन्होंने मुझे अपनी बांहों में उठा लिया.
उनका लौड़ा मेरी गांड से बाहर निकल आया.
उन्होंने अपना कड़क औजार मेरी चूत में सैट करके धक्का दे दिया, जिसके कारण एक ही बार में उनका लंड मेरी चूत में घुस गया.
अब मेरे जीजा जी मुझे ऊपर नीचे करके झूला झुलाते हुए चोद रहे थे, साथ ही मेरी चूचियों को अपने दांतों से काट रहे थे और चूस रहे थे.
जीजा बोले- मेरी रानी, एक हफ्ता से तुम्हारी चुदाई नहीं हुई तो तुम बिल्कुल कमसिन हो गई हो … और तुम्हारी चूत भी पहले की तरह टाइट हो गई है. आज बिल्कुल सीलपैक लड़की की चुदाई का मजा आ रहा है.
यह कह कर जीजा जी मुझे तेजी से ऊपर नीचे करने लगे जिसके कारण मेरे मुँह से कामुक सिसकारियां आह आह ओह ‘माय गॉड … आह ओह उम्ह …’ की आवाज निकल रही थी.
तभी मेरे जीजा जी ने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरी दोनों टांगों को ऊपर की तरफ करके अपना लौड़ा मेरी चूत में सैट करके एक जोरदार धक्का देकर जड़ तक पेल दिया और मेरी चूत मारने लगे.
मैं कामुक सिसकारियां ले रही थी और दीदी मेरे बालों को सहला रही थीं.
कुछ देर बाद मेरे जीजा जी बोले- डार्लिंग मैं झड़ने वाला हूं.
दीदी बोलीं- डार्लिंग चूत में मत छोड़ना … आप बाहर छोड़ दो.
जीजा जी अपना लंड मेरे मुँह के पास लेकर आ गए और मुँह में लेने के लिए बोलने लगे.
मैंने दीदी की तरफ देखा तो उन्होंने हाथ जोड़ लिए.
मैंने अपने जीजा का लंड अपने मुँह में ले लिया और जीजा जी कुछ देर बाद मेरे मुँह में ही झड़ गए.
जीजा का माल कितना ज्यादा निकला कि मेरा पूरा मुँह भर गया.
मैं चाह कर भी उनके वीर्य को गिरा ना सकी … उन्होंने अपना लौड़ा मेरे मुँह में रखा था जिसके कारण मुझे उनका सारा वीर्य पीना पड़ा.
तब भी मुझे बहुत मजा आया.
फिर वे मेरे बूब्स दबाने लगे और मेरी चूत को चाटने लगे.
अब जीजा जी बेड पर लेट गए.
तभी दीदी ने मुझे उठने का कहा और मुझे मेरे रूम तक छोड़ने आईं क्योंकि मैं चल नहीं पा रही थी.
फिर दीदी अपने कमरे में जाकर जीजा जी के साथ सो गईं.
करीब एक घंटे बाद जीजा का मूड फिर से बना और उन्होंने दीदी से कहा कि डार्लिंग एक बार और लेने का मन है.
दीदी बोलीं- नहीं जानू, अब आप सो जाओ … मैं थक चुकी हूं.
जीजा जी जबरदस्ती करने लगे. तभी दीदी बाथरूम का बहाना बनाकर मेरे रूम में आ गईं.
उन्होंने मुझसे कहा कि सोनी एक बार और अपने जीजा को संभाल लो.
दीदी ने मुझे अपने कमरे में ले आईं.
मैं बेड पर लेट गई.
जीजा जी मुझे अपनी पत्नी समझ कर मेरे बदन को सहलाने लगे और मेरी चूत को चाटने लगे.
उन्होंने मेरे बूब्स को खूब दबाया और बारी बारी से दोनों दूध पीने लगे.
मैं नंगी पड़ी थी और अपने जीजा जी को अपना दूध पिला रही थी.
उस समय मुझे बड़ा मजा आ रहा था.
उसी समय जीजा जी अपना लंड मेरी चूत में प्रवेश कराने लगे.
उनका औजार मेरी चूत में नहीं जा पा रहा था.
चूत एकदम सूखी थी.
तभी दीदी बोलीं- अरे डार्लिंग कुछ तो लगा लो … कम से कम थूक ही लगा लो!
तभी जीजा ने अपना लौड़ा मेरे मुँह के पास लेकर आए और दीदी ने मुझे इशारा किया कि प्लीज एक बार फिर से मुँह में ले लो.
मैंने जीजा का औजार अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी.
वे मेरे बाल पकड़कर मेरे मुँह को आगे पीछे कर रहे थे और उनका आजाद लंड मेरे गले तक जा रहा था.
मेरी सांस फूलने लगी थी.
तभी कुछ देर बाद उन्होंने मेरे मुँह से लौड़ा निकाल कर मेरी चूत में एक ही झटके में घुसा दिया और आगे पीछे करने लगे.
अब मुझे पूरा मजा आ रहा था और मैं खूब मजे से उनके औजार का आनन्द ले रही थी.
आधा घंटा की लगातार और मजेदार चुदाई के बाद उन्होंने मुझे पलट दिया और मेरी गांड में अपना औजार सैट करके धक्का लगा दिया.
मैं मन से पूरी तरह से संभोग का मजा ले रही थी.
फिर जीजा जी ने मुझे अपने लौड़े पर बैठा लिया और नीचे से अपनी गांड उठा उठा कर धक्का मारने लगे.
कोई 15 मिनट बाद उन्होंने मुझे अपनी बांहों में लेकर 90 डिग्री के कोण पर सैट कर दिया और मेरी चूत में अपना हथियार एक झटके में पेल दिया.
मेरा दिल पूरी तरह से मचल रहा था और मैं कामुक सिसकारियां ले रही थी.
मेरी सिसकारियां और पच पच की आवाज से पूरा रूम गूंज गया था.
इसके बाद मेरे जीजा जी मेरी चूचियां दबाने लगे और बोले- आज तक इतना मजा तुमने पहले कभी नहीं दिया मेरी डार्लिंग. तुम चाहो तो मैं तुम्हारी छोटी बहन सोनी को भी चोद दूं.
इस पर दीदी बोलीं- पागल हो क्या … वह आपकी छोटी साली है!
तो जीजा जी ने हंसते हुए कहा- मुझे भी पता है कि साली आधी घरवाली होती है.
उन्हें क्या पता था कि जिसको वह चोदने की बात कर रहे थे, वह पहले से ही उन्हीं के लौड़े पर टंगी थी.
लगभग 2:00 बजे उन्होंने अपना सारा वीर्य मेरी चूत में गिरा दिया.
वे मेरी चूत को चाटने लगे और मेरे बूब्स को पीने लगे, फिर वे जवान साली चुदाई का मजा लेकर सो गए.
तभी दीदी ने मुझे उठाया और अपने कंधे का सहारा देते हुए मेरे कमरे तक ले गईं.
मैं इतनी ज्यादा थक चुकी थी कि ठीक से चल भी नहीं पा रही थी.
दीदी ने मुझे कुछ दवाइयां लाकर दीं और बोलीं- इन्हें खा लो और सो जाओ, सुबह तक आराम हो जाएगा.
मैंने दवाई खा ली.
सुबह जब मैं उठी और बाथरूम गई तो मैंने देखा कि मेरी चूत फूल गई थी और बिल्कुल गुलाबी हो गई थी.
सुबह जीजा जी बोले- चलो सोनी टहलने चलते हैं.
मैंने मना कर दिया और बोली- मेरी तबीयत खराब है. ट्रेन में सफर करने के कारण मैं थकी हुई हूं.
अब मेरी दीदी और जीजा जी दोनों खुशी-खुशी रहते हैं.
मेरा जब भी मन करता है … मैं दीदी से कह कर जीजा जी की आंखों पर पट्टी बंधवा कर उनकी जगह चली जाती हूं.
दोस्तो, क्या मैंने गलत किया या सही किया … मुझे पता नहीं है. आप लोग अपनी राय जरूर दें.
और आपको इस जवान साली चुदाई का मजा मिला या नहीं?
आपकी प्यारी सोनी
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लेखिका की पिछली कहानी थी: चाचा ने मेरी सील तोड़ी