इंडियन सेक्सी गर्ल की चुदाई कहानी मेरी रिश्तेदारी में मिली एक लड़की की है. वो मुझे पहली नजर में ही पसंद आ गयी थी. पर चुदाई दूसरी मुलाक़ात में हुई.
ये चुदाई की कहानी तब की है, जब मैं अपनी फैमिली के साथ उत्तराखंड अपने रिश्तेदार के घर गया था.
मुझे नहीं पता था कि मेरा ये सफ़र मुझे और मेरी सोच को इतना बदल देगा.
यह इंडियन सेक्सी गर्ल की चुदाई कहानी मेरी लाइफ में सेक्स की शुरूआत की है.
वैसे तो ये सफ़र पिछले महीने शुरू हुआ था मगर इस सफ़र की शुरूआत एक साल पहले ही हो चुकी थी, जिसका अंदाज़ा मुझे भी नहीं था.
उस वक्त मेरी ताई के बेटे की शादी हो रही थी.
उसी शादी में मैं उस इंडियन सेक्सी गर्ल से मिला था.
लेकिन परेशानी ये थी कि मैं एक साधारण सा और शर्मीला सा लड़का था.
जैसे हर लड़के की मनोकामना होती है कि उसके पास कोई लड़की हो, जिसके साथ वो प्यार कर सके, वो इच्छा मुझमें भी थी.
लेकिन मुझे अब तक पता ही नहीं था कि लड़कियों से बात कैसे करते हैं.
इसके अलावा मुझे ये भी लगता था कि यदि मैंने किसी लड़की के साथ बात की … तो कहीं वो मुझे डांट कर मेरी इज्जत का फालूदा न बना दे.
उत्तराखंड में ताई के घर में वो भी काम में लगी थी और मुझे बहुत पसंद आ गई थी.
मैं दूसरों के साथ शादी के कामों में लगा था और मन ही मन सपने भी देख रहा था कि मैं उस लड़की से बातें कर रहा हूँ.
तो मैं ज्यादातर उसके आस पास रहने की कोशिश कर रहा था ताकि कभी तो मेरी इच्छा पूरी हो और वो मुझसे किसी काम के लिए कहे.
मेरे नसीब से ऐसा हो भी गया.
उसके फोन में कोई परेशानी हो गई थी जिसे मैंने ठीक कर दिया था.
इसके बदले उसने एक स्माइल दी और थैंक्स कहा.
फिर जब शादी का प्रोग्राम खत्म हुआ तो हम सब कज़िन्स साथ में बैठे थे. वो लड़की आकर पास में ही सोफे पर बैठ गई.
मैं उस वक्त गुलाब की माला में से गुलाब की पत्तियां निकाल कर खा रहा था.
ये सुनने में अजीब है … लेकिन मैं सच में ऐसा कर रहा था.
वो लड़की मुझे ही देख रही थी.
तभी उसने बोला- तुमने खाना नहीं खाया क्या?
मैं- हां खाया है … क्यों क्या हुआ?
लड़की- तो ये गुलाब क्यों खा रहे हो?
मैं- बस यूँ ही.
अब तक मुझे उस लड़की का नाम नहीं पता था; मैंने पूछा भी नहीं था.
तभी अचानक से उसके भाई ने उसको बुलाया- शमा पानी ला दे.
इस तरह मुझे उसका नाम पता चल गया.
दोस्तो, याद रखना लड़कियां कोई लॉजिक नहीं देखतीं, उनको लड़कों की कब कौन सी बात पसंद आ जाए, कोई नहीं बता सकता.
जब वो अपने भाई के लिए पानी लाई तो उसके पास थोड़ी गुलाब की पत्तियां भी थीं.
वो आकर मेरे बगल वाले सोफे पर बैठ गई और अपना हाथ मेरी तरफ बढ़ा कर बोली- लो ये मैं तुम्हारे लिए लाई हूँ, लेकिन क्या मिलता है इन्हें खाकर?
मैं- कुछ नहीं बस हल्का सा कसैलापन और मीठेपन का मिक्स वाला टेस्ट आता है.
मैंने ऐसा बोला और उसके हाथ से एक एक पत्ती उठा कर खाने लगा.
मुझे देख कर इस बार वो भी एक पत्ती को खाने लगी.
मैंने पूछा- कैसा लगा टेस्ट!
शमा- हूँउ … कुछ खास नहीं … बस ठीक ठीक है.
इस तरह से हमारी बातचीत शुरू हुई.
एक दिन बाद वो अपने घर चली गई.
अभी एक महीने पहले जब मुझे पता चला कि हम सब उसी लड़की के घर किसी शादी में जा रहे हैं तो मैं बहुत उत्सुक हो गया था.
लेकिन मुझे डर ये भी था कि अब हो सकता है कि वो मुझे कोई भाव ही न दे.
ये सब सोचते सोचते मैं उसके घर में पहुंच गया.
उसने दरवाज़ा खोला और मैंने देखा कि वो सिंपल सूट में पतली सी लड़की मेरे सामने खड़ी थी, जिसके चुचे और गांड का उभार अभी उठने शुरू ही हुए थे.
मैं उसको देखकर मुस्कुरा दिया.
वो भी मुस्कुरा दी.
मुझे वो पहचान गई थी और उसने पहला अकेला मौक़ा पाते ही मुझे ‘गुलाब की पत्ती वाले बाबू …’ कह कर मुझे चिढ़ा भी दिया था.
मैं भी उसकी इस बात से मुस्कुरा दिया था.
फिर हम सब अन्दर कमरे में आ गए.
कुछ देर बाद सब घूमने निकल गए. दिन भर घूमने के बाद जब हम सब वापस घर आए तो सब लोग बहुत ज्यादा थक चुके थे.
सब लोग खाना आदि खाकर बिस्तर में गिरते ही सो गए लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी.
वैसे भी मुझे किसी नयी जगह पर एकदम से नींद नहीं आती.
मैं, शमा और एक कज़िन हम सब छत पर बैठे फोन चला रहे थे.
अचानक शमा उठी और फोन को चार्जिंग में लगाने चली गई.
उसके जाने के एक मिनट बाद ही मेरी कज़िन भी सोने चली गई.
बस मैं अकेला ही छत पर बैठा रह गया.
कुछ समय बाद शमा वापस आई और बोली- क्या बात है, तुमको नींद नहीं आ रही है. गर्लफ्रेंड से बातें कर रहे हो क्या?
मैं- नहीं तो ऐसी कोई बात नहीं है.
शमा- क्यों जी … बताओ बताओ हमें भी क्या बात कर रहे हो … छिपाओ मत.
मैंने कहा- अरे कुछ नहीं है.
वो मेरे फोन में देखती हुई बोली- फिर फोन में क्या कर रहे हो … व्हाट्सैप चला रहे हो?
मैंने बोला- मैं व्हाट्सैप नहीं चलाता … हम दोनों बस कॉल करते हैं.
वो मुस्कुरा दी और बोली- मतलब गर्लफ्रेंड के साथ लगे हो.
मुझे लगा कि अगर मैं कहूँगा कि मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है, तो वो सोचेगी कि मैं लूज़र हूँ, जो कि शायद मैं तब तक था भी.
मैंने उसकी तरफ देख कर मुस्कान बिखेर दी.
शमा- बढ़िया … यानि तुम्हारा भी मेरे जैसा ही है … मैं भी बस कॉलिंग ही करती हूँ. अपनी दीवार से उस तरफ देखो … वो रहा मेरे ब्वॉयफ्रेंड का घर.
उसकी ये बातें सुनकर मुझे बुरा तो लगा, लेकिन मैं कोई प्रतिक्रिया भी नहीं कर सकता था.
मैं- ये सही है फिर तो तुमको तो कोई प्राब्लम ही नहीं है.
वो मंद मंद मुस्कराने लगी.
फिर मैंने थोड़ी हिम्मत करके पूछा- तो अभी तक तुमने उसके साथ कुछ किया … आई मीन किस हग वगैरह!
शमा- नहीं, अभी तक तो कुछ नहीं किया … हां बस एक बार उसने मुझे हग किया था, मैं उसी वक्त उससे अलग हट गई थी … और किस भी नहीं किया है. तुम बताओ … तुमने क्या क्या कर लिया है!
मैं- मैंने तो कुछ भी नहीं किया यार … सच पूछो तो मुझे किस करना आता ही नहीं है. मैं सोचता हूँ कि उसे कैसे किस करूं … और मैंने किसी तरह उसे किस किया भी, तो पता नहीं उसको अच्छा नहीं लगा, तो खामखां इन्सल्ट और हो जाएगी. तुम्हें किस करना आता है क्या?
मैं शमा को सिड्यूस करने की कोशिश कर रहा था क्योंकि मूवी और सेक्स कहानी में मैंने हर बार कुछ इसी तरह से शुरुआत देखी थी.
शमा ने मेरी आंखों में झांकते हुए कहा- हां, मुझे तो किस करनी बहुत अच्छी तरह से आती है लेकिन कभी की नहीं. अच्छा तुम मुझे जरा अपना फोन देना … मुझे अपने वाले से बात करनी है.
मैं- ओके मैं तुम्हें फ़ोन तो दे दूँगा लेकिन फिर क्या तुम मुझे सिख़ाओगी कि किस कैसे करते हैं!
शमा सोच में पड़ गई कि वो क्या जवाब दे … लेकिन वो भी मेरी इन बातों से कुछ कुछ उत्सुक होने लगी थी.
मगर सामने से उसने मुझे ये कह कर मना कर दिया- मैं नहीं सिखा सकती हूँ … कहीं कोई देख लेगा, तो मुसीबत हो जाएगी.
मैं- अरे यार अब तक तो सब सो गए हैं चुपके से सिखा दो … कहीं ऐसा ना हो कि हम दोनों अपने पार्टनर को चुम्मी करें और इज्जत का कचरा हो जाए. वो क्या कहेंगे कि तुमको चुम्मी करनी ही नहीं आती.
शमा कुछ पल सोचती रही फिर उठी और नीचे जाने लगी.
मुझे लगा कि शायद ये बुरा मान गई.
लेकिन जब मैंने उसे मुड़ते देखा तो पाया कि वो एक हाथ की उंगली से अपने होंठों पर रख कर चुपचाप रहने का इशारा कर रही थी और दूसरी उंगली के इशारे से मुझे अपने करीब बुला रही थी.
मैं दबे पांव उसके पास गया. चूंकि सब आस-पास ही सो रहे थे इसलिए हल्ला करना खतरनाक था.
हम दोनों सीढ़ियों के बीच में खड़े थे. मैं शमा के साथ पहली किस के लिए बहुत उत्सुक था.
शमा मेरे पास आई, उसने मेरा हाथ अपनी कमर पर रखा और अपनी बांहें मेरे गले में डाल दीं.
शमा दिखने में बहुत सुंदर थी और रात की चांदनी रोशनी में उसका चेहरा चमक रहा था.
उसने अपना चेहरा मेरे क़रीब किया और फिर वो हुआ, जिसका इंतज़ार था.
उसने अपने होंठों के बीच मेरे होंठ दबा लिए और चूमने लगी.
मैंने भी देर नहीं की और उसकी क़मर को टाइटली पकड़ कर उसके होंठों को अपने होंठों के बीच जकड़ लिया.
अब हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूसने चूमने लगे.
मेरा हाथ धीरे धीरे उसकी पजामी के अन्दर जाने लगा. मैंने बहुत अच्छे से उसकी पतली मुलायम सी कोमल गांड को अपने हाथ से महसूस किया.
वो भी मेरी तरफ को आ गई.
मैं जितना उसकी गांड पर हाथ फेरता और जैसे जैसे उसे दबा कर अपनी ओर खींचता … उसकी चुम्मी और भी ज्यादा गहरी होती चली जाती.
फिर अचानक से एक आहट हुई और हम दोनों जल्दी से सीढ़ियों से वापस अपने अपने बिस्तर की तरफ को भागे.
हम दोनों की गर्म गर्म सांसें बहुत तेजी से चल रही थी. मैंने सीढ़ियों की ओर देखा तो एक बिल्ली थी, जिसकी आहट पाकर हम दोनों डर गए थे.
अब हम दोनों की ही वासना उफान पर आ चुकी थी. बिना अपनी मंज़िल पर पहुंचे इस रात का सफ़र रुकने वाला नहीं था, ना ही मुझे नींद आ रही थी और न ही शमा को.
मैंने देखा कि वो भी जागी हुई मेरी तरफ देख रही थी.
उसे शायद समझ नहीं आ रहा था कि मैं सो गया हूँ या जागा हुआ हूँ.
उसको सिग्नल देने के लिए मैंने अपना फोन निकाला और उसको ऑन कर दिया.
अब तक मुझे अंदाज़ा हो गया था कि मेरे फोन की रोशनी देखते ही वो मेरे पास खिंची चली आएगी.
यही हुआ भी. उसने फोन की रोशनी देखी और वो इधर उधर देखती हुई उठ कर मेरे करीब आकर लेट गई.
वो मुझसे फिर से फोन मांगने लगी कि उसे अपने ब्वॉयफ्रेंड से बात करना है.
मैंने भी मौके का फ़ायदा उठाया और अपना हाथ उसकी गोद में रखकर उसे फोन दे दिया.
इधर मैं लड़कों और लड़कियों दोनों से कहना चाहूँगा कि जब सेक्स और रोमांस का जोश चढ़ता है तब कुछ होश नहीं रहता.
सबसे बड़ी बात ये कि आपके हाथ पैर और लंड सब खुद ही खुद चलने लगता है.
शमा अपने ब्वॉयफ्रेंड से बातें कर रही थी और अपने हाथ से मेरे बाल सहला रही थी.
इधर मेरे हाथों ने भी अपना काम शुरू कर दिया था. वो कभी उसके गले पर घूमते, तो कभी चूचों के साथ खेलने लगते.
मेरी हरक़तों से शमा इतनी ज्यादा गर्म हो गई थी कि उसकी सांसों से उसके छोटे चूचे भी ऊपर नीचे होते दिख रहे थे.
मैंने उसकी कुर्ती को थोड़ा सा ऊपर करके अपना अन्दर डाल दिया और उसके कुछ करने या कहने से पहले ही मैं उसके चूचों से खेलने लगा; उन्हें दबाने लगा.
दो मिनट में ही उसकी हालत इतनी बुरी हो गई थी कि उससे बात तक नहीं हो पा रही थी.
अब मैंने अपना हाथ निकाला और उसकी चुत की तरफ बढ़ा दिया.
उसने अपनी टांगें चिपका ली थीं और मेरे हाथ को अपनी चुत तक जाने से रोकने लगी थी.
मगर मैं पूरी कोशिश कर रहा था कि उसकी गुलाबी चुत को किसी तरह छू लूं.
काफी कोशिश करने के बाद भी मैं ऐसा ना कर सका.
मैंने अब उसके हाथ से फोन ले लिया और उसको किस करने लगा.
वो उतावली तो पहले से ही थी. उसने भी पलट कर मेरे गाल पर किस कर दिया.
फिर मैंने उसका हाथ पकड़ा और उसे उठा कर वहीं सीढ़ियों पर ले गया. एक मिनट तक हम दोनों ने एक दूसरे को देखा. अब हमारी आंखों में बस प्यास थी और लाज का परदा हटने वाला था.
हम दोनों ने एक दूसरे के होंठों पर होंठों पर रखे और चूमना चूसना शुरू कर दिया.
उसने अपने होंठों के बीच मेरे होंठों को ले लिया और मैंने अपने होंठों को उसके होंठों की गिरफ्त में चले जाने दिया.
वो मस्ती से मेरे होंठों का रस पीने में लगी थी.
मेरे हाथ ने फिर से हरकत शुरू कर दी थी. मेरा हाथ उसके एक चूचे को संतरे के जैसे दबाने लगा और दूसरे हाथ से उसकी गांड अपनी तरफ करके उसे अपने आपसे चिपकाने लगा था.
इस समय हम दोनों को नहीं पता था कि हम कैसे कैसे और क्या क्या कर रहे हैं.
उसकी चुत की रगड़ मेरे लंड पर लग रही थी.
मैंने उसका हाथ अपने लंड पर रख दिया क्योंकि मैं बहुत देर से खुद पर कंट्रोल कर रहा था और अगर उस वक्त मेरा पानी निकल जाता तो अंडरवियर भी उस सुनामी को तबाही मचाने से नहीं रोक पाता.
मैंने जैसे ही अपना लंड उसके हाथ में दिया, मेरी सुनामी तो थम गई … लेकिन तूफान अब भी अपनी तेजी पर था.
धीरे से मैंने भी अपना हाथ शमा की चुत पर रख दिया और उसकी चुत की उभरी हुई फांकों को सहलाने लगा.
मैंने महसूस किया कि उसकी चुत गीली हो चुकी थी.
हमारी सांसें किसिंग की वजह से बहुत फूल चुकी थीं और अब मामला अपनी चरम सीमा पर पहुंचने को था.
तभी मैंने उसकी कुर्ती निकाली और एक चुचे पर किस किया.
वो सिहर उठी और उसने अपनी चूची को मेरे मुँह से हटा दिया.
मैंने अब उसकी गर्दन का रुख़ किया और गले पर किस करते करते मैं फिर चुचों पर जाने लगा.
वो अब मेरे मुँह को हटा नहीं रही थी बल्कि चूचे चूसे जाने के मज़े ले रही थी और मेरे बालों से खेल रही थी.
मैंने उसके छोटे से निप्पल को अपने होंठों में दबाया और पीना शुरू कर दिया.
वो आह आह करती हुई अब मेरे मुँह में अपना पूरा दूध घुसेड़ने की कोशिश करने लगी थी.
उसकी चूची पीते पीते मैंने उसकी पजामी के नाड़े को खोल दिया और वो नीचे गिर गई.
उसने ऊपर ब्रा भी नहीं पहनी थी और न ही पैंटी पहनी थी. वो एकदम नंगी मेरी बांहों में थी.
मैंने अपनी भी पैंट उतारी और अंडरवियर में खड़े होकर उसको खुद से चिपकाए रखा.
मेरा लंड उसकी गीली चुत से टक्कर मारने लगा था … कुछ ही देर में मेरा अंडरवियर भी गीला हो गया था.
मैंने उसे एक पल के लिए खुद से अलग किया और उसे पूरी नंगी देखने लगा.
सेक्स की प्यास के मारे उसकी सांसें बहुत तेज हो गई थीं.
उसके होंठ अपने अन्दर के रस को मेरे मुँह में उड़ेलने के लिए बेताब थे. उसकी जीभ मेरी जीभ से लड़ाई के लिए लपलप कर रही थी. उसके ऊपर नीचे होते चुचे किसी स्प्रिंग की तरह दबाए जाने के इंतजार में दिख रहे थे.
उसकी प्यासी चुत से एक बार पानी निकल चुका था और अब वो चुदाई की प्यास में तड़प रही थी.
तभी उसके मुँह से एक हल्की सी आवाज़ निकली- प्लीज़ अभी रूको मत … जल्दी करो … कोई आ जाएगा. यदि कोई आ गया ना … तो मैं इस आग से मर जाऊंगी.
मेरा हाल भी बिल्कुल उसके जैसा ही था.
मैंने अपना लंड अंडरवियर से निकाला, दूसरी सीढ़ी पर उसका पैर रखा और चुत में लंड सैट करके एक हल्का सा धक्का मारा.
मेरा थोड़ा सा लंड उसकी चिकनी चुत में उतर गया था.
उसने दर्द के कारण अपना हाथ मुँह पर रखा और किसी तरह अपनी चीख रोकी; साथ ही उसने अपने दूसरे हाथ की पांचों नाख़ून मेरी पीठ में गाड़ दिए.
मैंने फिर एक धक्का लगाया और आधा लंड चुत के अन्दर घुस गया.
इस बार मैंने किस करके उसकी चीख रोकी क्योंकि हम इस हालत में थे कि किसी की आहट होने पर भी अपनी जगह से नहीं हिलते. ये आर या पार करने वाला वक्त था.
मैंने एक आखिरी धक्का लगाया और मेरा पूरा लंड उसकी चुत की जड़ में ठेल दिया.
इससे उसकी आंखें फट सी गईं लेकिन किस की वजह से वो कुछ नहीं बोल पाई, बस छटपटा रही थी.
जब वो कुछ शांत हुईं, तो मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर से हटाए.
वो लम्बी सांस लेती हुई बोली- मैं जानती थी कि पहली बार में दर्द होता है … लेकिन इतना ज्यादा होगा, ये मुझे नहीं पता था.
मैं- चलो कोई बात नहीं … अब जो होना था, हो गया. अब दर्द नहीं होगा, बस मजा आएगा.
ऐसा कहकर मैंने उसे किस करना शुरू किया और धक्के शुरू कर दिए.
मैंने जैसे ही किस करना बंद किया, उसकी धीमी आवाज में कामुक कराहें आनी शुरू हो गईं- आह आह ओह आहम्म करते रहो … आह करते रहो … आह.
अब मैंने पूछा- कैसा लग रहा है!
वो बोली- आह मजा आ रहा है … बहुत मज़ा आ रहा है … काश आहह हम ऐसा रोज़ कर पाते आह. अब बातें मत करो … टाइम कम है.
मैं भी तेज़ी से अपने काम में लग गया और उसकी सील पैक चुत की चुदाई की स्पीड बढ़ा दी.
रुक रुक कर मैं अपनी उंगली भी उसकी गांड में घुमाता रहा और दबा-दबा कर उसकी चूचियों को मसलता रहा.
पूरी मेहनत मेरी थी और वो अपनी चुत में लंड लिए बस ‘आह आह ओह करते रहो …’ बोल बोलकर मेरी मेहनत की तारीफ कर रही थी.
फिर क़रीब 10 मिनट बाद हम दोनों का पानी निकलने वाला हो गया था.
दोस्तो, जब आपका सेक्स का फर्स्ट टाइम होता है और बिना किसी पॉवर वाली दवा के, आप चुदाई करते हैं तो हद से हद 8-10 मिनट ही टिक पाते हैं. ज्यादातर तो बस 4-5 मिनट में ही निपट जाते हैं.
जब मुझे लगा कि लंड का पानी निकलने वाला है … तो मैंने लंड चुत से बाहर निकाला और उधर ही सुनामी बहा दी.
मेरा इतना अधिक पानी निकला कि ऊपर से नीचे जाने वाली सीढ़ियों पर पिचकारी दूर तक फिंकी.
थोड़ा रस शमा के पेट पर भी आया.
झड़ते समय मेरी आंखें बंद हो गई थीं और मैं मानो समाधि की मुद्रा में चला गया था.
फिर जैसे ही मैंने होश सम्भाला तो देखा कि शमा की भी पानी निकालने वाली हालत है.
मैंने तुरंत अपनी उंगली उसकी चुत में की … और अन्दर बाहर करके किस करने लगा.
कुछ ही सेकेंड्स में उसकी चुत से थोड़े खून के साथ पानी निकल गया.
वो बेजान सी होकर मुझ पर गिर गई और मैं खुद भी निढाल सा होकर उसे गोद में लेकर उधर ही सीढ़ियों पर बैठ गया.
हम दोनों को हमारी मंज़िल मिल चुकी थी.
शमा नंगी मेरी गोद में बैठी थी. मेरा लंड और उसकी चुत दोनों में जलन हो रही थी. लंड चुत दोनों ही सूज चुके थे.
जब वो थोड़ा संभली, तो मुझे देखकर मुस्कुराई और शर्मा कर मेरे गले से लग गई.
फिर वो बोली- जल्दी से फ्रेश होकर लेट जाते हैं. काफी देर हो गई है.
मैंने कहा- साथ में चलते हैं.
वो बोली- नहीं … साथ में बाद में कभी कर बाथ ले लेंगे.
मैं कुछ नहीं बोला.
हम दोनों ने एक बहुत मस्त किस किया और वो लंगड़ाती ही बाथरूम में चली गई. हम दोनों बारी बारी से फ्रेश हुए.
फिर पहले वो गई, उसके बाद जैसे ही मैं फ्रेश होकर बाहर आया तो देखा कि उसके भाई बाथरूम में आने को थे.
मैंने सोचा कि अच्छा हुआ हम दोनों एक साथ फ्रेश नहीं हुए.
इसके बाद वो अपने बिस्तर में घुस गई और सो गई. मगर बाकी बची हुई रात मैं करवटें बदलते बदलते सोचता रहा कि अब दुबारा उसे कैसे चोदूं.
आपको मेरी ये कुंवारी इंडियन सेक्सी गर्ल की चुदाई कहानी कैसी लगी, प्लीज़ मुझे मेल जरूर करें.