हॉट वर्जिन पोर्न स्टोरी रिश्ते में मेरी बुआ लगी मेरी हमउम्र लड़की के साथ पहले सेक्स की है. वो हमारे घर में रह कर पढ़ रही थी. उसने अपनी चूचियां दिखाकर मुझे लुभाया.
मस्त रसीली साईट अन्तर्वासना पर रिश्तों में चुदाई की बहुत सी कहानी पढ़ने के बाद मुझे भी लगा कि मुझे अपनी चुदाई कहानी भी शेयर करना चाहिए.
यह मेरी पहली चुदाई कहानी है. यह कहानी मेरे और मेरी दूर के रिश्ते में लगने वाली फुआ (बुआ) के साथ की कामुक घटना है.
यह बिल्कुल सच्ची घटना है.
मेरा नाम नितिन है. घर में प्यार से सभी नीत बुलाते हैं. मेरा घर दिल्ली में है.
यह हॉट वर्जिन पोर्न स्टोरी उन दिनों की है, जब मैं कॉलेज की पढ़ाई कर रहा था, जिसमें मेरा फाइनल इयर चल रहा था.
मेरे चाचा की शादी थी, जिसमें एक लड़की आयी थी. उसका नाम जया था. जया मेरे चाचा की मौसी की बेटी थी. इस रिश्ते से वो मेरी फुआ लगती थी.
जया के बारे में आपको बता देता हूं.
उस समय उसकी उम्र लगभग 21 साल हो रही होगी. वह देखने में काफी सुंदर थी. उसका रंग साफ, एकदम गदराया सा सुडौल जिस्म, उसकी चूचियों का बड़ा साइज देखकर किसी के भी मुँह में पानी आ जाए. उसके सेक्सी चूतड़ भी बड़े मादक थे. वो एकदम आकर्षित कर लेने वाले शरीर की मालकिन थी.
चूँकि वो मेरे रिश्ते में फुआ लगती थी, इस वजह से मैं उस पर ज्यादा ध्यान नहीं देता था.
शादी के बाद कुछ दिनों में धीरे धीरे सभी लोग चले गए लेकिन जया नहीं गई.
मुझे पता चला कि अब वो यहीं हमारे साथ रहेगी.
मैंने घर में मां से पूछा, तो मां ने बताया कि जया दो बार से लगातार बारहवीं की परीक्षा में फेल हो रही है, जिस वजह से उसकी शादी करने में दिक्कत आ रही है. अब वो तुम्हारे साथ रहकर पढ़ेगी.
मैंने कहा- मां, मुझे तो दिन में कॉलेज और कोचिंग से बिल्कुल भी समय नहीं मिल पाता है.
मां बोलीं- कोई बात नहीं, तू उसे रात में पढ़ा दिया कर.
मेरा कमरा घर के एकदम से आखिर में था, इस वजह से मेरे कमरे के तरफ घरवालों का कम आना-जाना रहता था.
उसी रात को मैं अपना पढ़ाई कर रहा था.
जया मेरे कमरे आई और मेरे बिस्तर पर अपनी किताब और कॉपी लेकर बैठ गई.
उसको इतने करीब से देखने पर मुझे मजा आने लगा.
सच में वो क्या माल लग रही थी.
मैंने जया से पूछा- आप कैसे फेल हो जा रही हो बार बार?
उसने बताया कि मैथ्स में कमजोर होने की वजह से.
फिर मैंने पूछा- तो मैथ्स क्यों लिया?
वो बोली- मेरे साथ की सहेलियों ने मैथ्स सब्जेक्ट लिया था, इसलिए मैंने भी ले लिया.
मैंने कहा- कोई बात नहीं, इस बार अच्छे से मेहनत करना, तो पास हो जाओगी.
हम दोनों साथ साथ पढ़ने लगे.
एक दिन वो नाइटी पहन कर आई पढ़ने के लिए.
उसने नाइटी को ऐसे पहना था कि जिसमें नाइटी के ऊपर से उसके चूचियों के अंगूर साफ उभरे हुए दिख रहे थे.
शायद उसने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी.
हम दोनों बिस्तर पर बैठ कर पढ़ाई करते थे.
आज जब वो लिखने के लिए नीचे झुकती, तो मुझे उसके रसीले चूचे दिखाई देने लगते.
मुझे न जाने क्यों ऐसा लगने लगा था कि जैसे वो अपनी चूचियों को खुद दिखाना चाह रही हो.
उसके गोल रसदार चूचों को देखकर मेरा लंड एकदम से खड़ा हो जा रहा था जिसे छिपाने के लिए पानी पीने का बहाना मारकर बाहर आ गया था.
अब मैं और जया दोनों दोस्त की तरह पढ़ाई करने लगे.
धीरे-धीरे मैं उसकी तरफ आकर्षित होने लगा था.
पढ़ाई के बीच, मैं उसके शरीर को किसी न किसी बहाने से छूने की कोशिश करता. पेन या किताब के बहाने से उसके हाथ को, तो कभी पीठ को छू लेता था.
उसके शरीर को छूते ही मेरे शरीर में एकदम से हलचल सी हो जाती थी.
मजे की बात ये थी कि वो भी मेरे छूने से कुछ भी ऐसी प्रतिक्रिया नहीं करती थी जिससे ये लगे कि उसको बुरा लगा हो.
एक दिन पढ़ाई के वक्त उसकी चूचियों को देखकर मेरे मन में ऐसा लगा जैसे अभी उसके नाइटी को फाड़कर उसकी रसीली चूचियों को चूस लूं.
यही सोचते सोचते मेरा लंड भी एकदम से तन कर खड़ा हो गया.
मैं तुरंत उठकर बाथरूम में गया और मुझसे रहा न गया तो मैं अपना लंड निकलकर मुठ मारने लगा.
आंखें बंद करके मन में जया की चूचियों को याद करके मैं अपने लंड को हिला रहा था.
थोड़ी देर बाद एकदम से मेरा वीर्य तेजी से बाहर आ गया और बाथरूम के दीवार पर मेरा वीर्य चिपक गया.
इसके बाद मैं शांत हो गया.
फिर चेहरा और हाथ धोकर वापस कमरे में आ गया.
जया पूछने लगी- कहां गए थे? इतनी देर कैसे लग गई?
मैंने कहा- कुछ नहीं, बस बाथरूम गया था.
उस रात को सोने से पहले दुबारा जया के नाम मुठ मारी.
उसके चूचों और उसका शरीर मेरे नजरों के सामने घूमता रहता था.
कुछ दिनों बाद पढ़ाई के दौरान हंसी मजाक की बातें हो रही थीं.
तभी जया ने मुझसे पूछा- तुमने कोई गर्लफ्रेंड बनाई है या नहीं?
मैं उसके इस सवाल से एकदम से चौंक गया.
मैंने कभी इसकी उम्मीद भी नहीं की थी कि ये मुझसे ऐसा कुछ कहेगी.
मैंने बोला- नहीं.
जया बोली- क्यों नहीं बनाई?
मैंने कहा- कोई अच्छी खूबसूरत लड़की मिले, तब तो बनाऊं, पर ये आप क्यों पूछ रही हो?
इस पर वो कुछ नहीं बोली, बस हल्के से मुस्कुरा दी.
उस रात जब मेरी पढ़ाई खत्म हो गई तो मैंने कहा- अब आप जाओ मेरी पढ़ाई हो गई है, मैं सोने जा रहा हूँ.
जया बोली- तुम सो जाओ, मैं थोड़ी देर और पढूंगी.
कमरे की लाइट जल रही थी इसलिए मैं चादर ओढ़कर सो गया.
रात को गर्मी के कारण नींद खुली तो मैंने चादर हटा दी.
फिर बिस्तर पर से ही आंख खोलकर देखा तो कमरे की लाइट बंद हो चुकी थी.
मैंने अपनी आदत के अनुसार अपने लोअर में हाथ डालकर अपने लंड को बाहर निकाला और जया को याद करके हिलाने लगा.
कुछ देर बाद मेरा सारा वीर्य फचाक से निकलकर मेरे पेट पर पसर गया. वीर्य की कुछ बूंदें बिस्तर पर गिर गईं.
फिर मैं वापस सो गया.
सुबह उठा और नित्यकर्म से फारिग होकर मैं नाश्ता कर रहा था.
जया मुझे देखकर हल्के हल्के से मुस्कुरा रही थी.
मैंने पूछा- क्या हुआ … क्यों मुस्कुरा रही हो?
वो बोली- कुछ नहीं, बस कुछ याद आ गया था, इसलिए.
मैं बिना ध्यान दिए कॉलेज निकल गया.
रात में जया और मम्मी साथ में कमरे में आईं.
मम्मी मुझसे बोलीं- जया फुआ की परीक्षा होने में अब केवल दो महीने बचे हैं, इसलिए ये रात को थोड़ा ज्यादा देर तक पढ़ेगी. तुझे कोई दिक्कत तो नहीं है न?
मैंने कहा- नहीं मम्मी, मुझे कोई दिक्कत नहीं है.
इतनी बात के बाद मम्मी और फुआ कमरे से चली गईं.
उस रात को जब मेरी नींद खुली, तो देखा अभी तक लाइट जल रही है और जया वहीं पर बैठी है.
मेरे लंड में एकदम से खुजली मची थी.
मैं उठकर बाथरूम में गया और मुठ मारकर आकर सो गया.
धीरे-धीरे मेरे मन में जया को चोदने की बात गहराने लगी थी पर रिश्ते में वो मेरी फुआ लगती थी इस वजह से मैं बात आगे नहीं बढ़ा पा रहा था.
उसी रात को मैंने महसूस किया कि मेरे बिस्तर पर कोई मुझसे चिपक कर सोया हुआ है.
कमरे में नाइट बल्ब जल रहा था.
मैंने देखा तो वो जया सोई हुई थी.
नाइटी के ऊपर के बटन खुले हुए थे जिससे उसके दोनों चूचे और उसके बीच की दरार साफ दिखाई दे रही थी.
उसकी चूचियों को देखकर मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा था.
अब मुझे नींद बिल्कुल भी नहीं आ रही थी.
मैं थोड़ा सा साइड में होकर लेट गया.
कुछ देर बाद जया का पैर मेरे पर आ गया तो मैंने उसके पैर को थोड़ा देर रखा रहने के बाद हटा दिया.
कुछ देर बाद जया ने करवट ली और मेरे बगल में आकर मुझसे सट गई और अपना हाथ मेरे सीने पर रख दिया.
वो मेरी छाती के बालों को धीरे धीरे सहलाने लगी.
मैं एकदम से रोमांच से भरता जा रहा था.
लेकिन तभी मैंने जया का हाथ हटाया और कहा- ये क्या कर रही हो आप … ये गलत है!
अब उसने उठकर बैठते हुए कहा- तुम मेरी चूचियों को रोज प्यासी नजरों से देखते हो … और बीच बीच में बाथरूम जाकर मुठ मारते हो. रोज आधी रात को मुझे याद करके बिस्तर पर लंड हिलाते हो, तब वो सब गलत नहीं है?
मैं तो उसकी बात सुनकर एकदम से चौंक गया.
मैं- आपको ये सब कैसे पता?
उसने बताया- मैं तुम्हें कई दिनों से नोटिस कर रही थी कि तुम मेरी चूचियों को निहारते हो, मेरे चूचियों को देखकर तुम्हारा खड़ा लंड बता देता था कि तुम्हारे दिमाग में क्या चल रहा है. उस रात को जब तुम अपना लंड हिला कर मुठ मार रहे थे, तब मैं तुम्हारे कमरे में ही यही देखने के लिए चुपचाप कोने में खड़ी थी. और आज रात को जब तुमने देखा कि लाइट जल रही है, तब तुम बाथरूम में जाकर मुठ मारकर आए.
मैंने कहा- सॉरी मुझे नहीं पता था आप ये सब नोटिस करोगी.
जया ने पूछा- क्या मैं तुम्हें अच्छी लगती हूँ?
मैंने बोला- हां.
फिर वो बोली- इससे पहले कभी किसी लड़की को चोदा है?
मैंने बोला- नहीं.
जया बोली- रोज तुम्हारे पैंट में टाइट लंड को देखकर मेरा भी मन करता था, पर मैं इसलिए कभी नहीं बोल पायी कि कहीं तुमको बुरा न लग जाए.
अब मुझे इस बात अहसास हुआ कि आग दोनों तरफ लगी हुई है.
फिर मैंने नाटक करते हुए कहा- लेकिन ये गलत है, आप मेरी फुआ लगती हो और किसी को पता चल गया तो?
जया बोली- ये बात हम दोनों के बीच में रहेगी और बिल्कुल रोज की तरह हमारा पढ़ाई जारी रहेगी. तुम रिश्ते नाते मत देखो, बस हम दोनों प्यासे हैं, उस बात को समझो.
इतना कहकर उसने मेरा हाथ पकड़कर अपनी रसदार चूचियों पर रख दिया.
वो अपनी आंखें बंद करके सिसकारी लेती हुई मेरे हाथों से अपने चूचियों को दबवाने लगी.
धीरे-धीरे मेरा लंड भी खड़ा होने लगा था. मेरा धैर्य भी जबाब दे चुका था.
वो मेरे और करीब आ गई जिससे उसके शरीर से निकलने वाली मादक गंध मुझे एकदम से बेकाबू किए जा रही थी.
मैंने उसके गाल पर एक प्यारा सा चुंबन ले लिया.
उसने झट से मेरा सर पकड़ा और मेरे होंठ से अपने होंठ सटाकर चूसने लगी.
हम दोनों एक दूसरे में धीरे धीरे खोते चले जा रहे थे.
अब मेरे ऊपर चुदाई का भूत पूरी तरह से सवार हो चुका था.
मैंने उससे शरीर को चूमते हुए धीरे-धीरे उसकी नाइटी को उतार दिया और उसे लिटा कर उसके पूरे शरीर को चूमने लगा.
जया मेरे चूमने से एकदम से मदहोश हो रही थी.
उसने लाल रंग की ब्रा पहन रखी थी.
उसकी छोटी सी ब्रा में से उसकी चूचियां बाहर आने को बेताब दिख रही थीं.
मैं कभी नीचे होकर उसकी नाभि को चूम रहा था तो कभी ऊपर आ कर उसकी गर्दन को.
जया अपने दोनों हाथों से अपने चूचियों को मसल रही थी.
तभी मैंने उसकी ब्रा खोल दी और उसकी चूचियों को आजाद कर दिया.
आह सच में क्या चूचे थे … कसम से उसके चूचों को देखकर किसी बुड्ढे का लंड भी खड़ा हो जाए.
मैं बारी बारी से दोनों चूचियों को मसल रहा था, कभी कभी उसके निप्पल को चूस भी रहा था.
जया एकदम से ‘सीई सीई …’ करती हुई कामुक सीत्कार भरे जा रही थी.
बीच बीच में वो मदहोश होकर बड़बड़ाने लगती- आंह … चूस ले मेरे राजा … आज निकाल दे मेरी चूचियों का सारा दूध … पी ले मेरे राजा आह आह.
कुछ देर बाद उसने मुझे एकदम से लिटा दिया और मेरे ऊपर आकर मुझे चूमने लगी.
फिर वो मेरे लोअर के ऊपर से ही लंड को सहलाने लगी.
उसके मादक स्पर्श से मेरा लंड और तन गया.
उसने मेरा लोवर उतारा, उसके बाद अंडरवियर भी उतार दिया और मेरे लंड को आजाद कर दिया.
एकदम से खड़े हुए लंड को देखकर जया मुस्कुराने लगी.
उसने मेरे लंड को अपने हाथ में लिया और हिलाने लगी.
मुझे एकदम से आनन्द आने लगा. उसके हिलाने के कारण मैं झड़ने वाला हो गया था.
मैंने उसे बताया तो वो और जोर जोर से लंड हिलाने लगी.
कुछ देर के बाद एकदम से एक तेज धार के साथ मेरा वीर्य निकल गया और जया के चेहरे पर छपाक से जाकर पड़ा.
वो सिहर गई और हंसती हुई उसने अपने चेहरे को पौंछ लिया.
वो बोली- मैं तुम्हारा लंड चूसना चाहती हूँ.
मैंने कहा- हां, चूस लो मेरी रानी.
फिर मैंने उससे कहा- एक मिनट इधर आओ.
वो मेरे करीब आई.
मैंने उसके लोअर को और उसकी पैंटी को एक साथ उतार दिया और कहा- मुझे भी तुम्हारी चूत चूसनी है.
वो बोली- पहले मुझे चूसने दो, उसके बाद तुम.
उसने घुटनों के बल बैठ कर लंड चूसना चालू किया तो ऐसा लगा मानो वो न जाने कब से लंड चूसने के लिए मरी जा रही थी.
जैसे बच्चे लॉलीपॉप चूसते हैं, वो उसी तरह से लंड चूसने में लगी थी.
कुछ ही देर में मेरा लंड फिर से तन कर खड़ा हो गया.
अब मैंने उसे लिटा दिया क्योंकि मुझसे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था.
उसको लिटाकर मैंने उसकी दोनों टांगों को फैला दिया और उसकी बुर को गौर से देखने लगा.
शायद उसने आज ही अपनी बुर के बाल की सफाई कर ली थी जिस कारण से जया की बुर एकदम चिकनी दिखाई दे रही थी.
उसकी बुर की फांकें हल्की लाल सी दिख रही थीं.
मैं उसकी जांघों को चूमते हुए उसकी बुर तक आ पहुंचा.
मेरे होंठ जैसे ही जया की बुर पर लगे, वैसे ही वह सीत्कार भरने लगी.
मैंने उसकी बुर को चुसना शुरू कर दिया; बुर का मुँह खोल कर जीभ अन्दर डालकर अच्छी तरह से चूसने लगा.
बुर के दाने को जीभ से सहलाते ही जया आहें भरने लगी.
उसने मेरा सिर पकड़ कर अपनी बुर पर दबा रखा था.
वो एकदम से बेचैन होने लगी, उसकी बुर एकदम से गीली हो चुकी थी.
अब वो चुदने के लिए पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी, जिस वजह से बुर ने पानी छोड़ दिया था.
उसकी बुर का पानी चूसने में मजा आ रहा था.
वह मेरे बाल पकड़ कर बोली- अब और इंतजार नहीं होता नीत, जल्दी से अपना लंड मेरे बुर में डालो और मुझे चोद डालो.
मैंने भी ज्यादा वक्त नहीं लगाया. मैंने अपने लंड को जया की बुर पर लगाया और थोड़ा रगड़ने लगा.
जया सीसी आह करती हुई बोली- अब और मत तड़पाओ नीत जल्दी से डालो.
मैंने धीरे धीरे अपने लंड को जया की बुर में डालना शुरू किया.
वो एकदम से अन्दर जा नहीं रहा था तो अपने हाथ ले लंड को पकड़ा और दो तीन बार में जोर लगा कर लंड को आधा अन्दर घुसा दिया.
हॉट वर्जिन जया की बुर से हल्का हल्का खून निकलने लगा.
लंड अन्दर जाने के कारण जया के मुँह से दर्द भरी चीख भी निकल रही थी.
मैं डर के मारे उसके होंठों को अपने होंठों से दबाकर चूसने लगा और धीरे-धीरे अपने लंड के धक्कों की स्पीड बढ़ाकर अपना लंड जया के बुर में पेलता गया.
धीरे-धीरे जया को भी मजा आने लगा और वह अपने चूतड़ों को उछाल उछाल कर मेरा सहयोग करने लगी.
चुदाई के साथ ही साथ आनन्द के मारे वो बड़बड़ाने भी लगी- आह उह … चोदो और जम कर चोदो नीत … आंह आज पूरा फाड़ कर रख दो … मेरी बुर का भोसड़ा बना दो.
मैंने भी कहा- हां मेरी जया रानी … आज मैं जी भर कर चोदूंगा, बहुत दिनों से चूत चोदना चाहता था और चूचियों को भी खूब चूसूंगा.
मेरे लंड को बुर की गर्माहट महसूस हो रहा था.
जया अब झड़ने वाली थी तो वो और एकदम से बोलने लगी- आंह और जोर से नीत … और जोर से चोदो फाड़ दो आहआह आह आई लव यू नीत.
उसने मुझे कस कर पकड़ लिया और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया.
लेकिन अभी तक मेरा पानी नहीं निकला था, मैंने चुदाई जारी रखी.
मुझे ऐसा महसूस हो रहा था मानो मैं एक बहुत ही सुखद दुनिया में खो गया हूँ.
मुझे और जया को पहली चुदाई का अनुभव हो रहा था. हम दोनों को मस्त मजा आ रहा था.
कुछ देर बाद मुझे ऐसा लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ.
मैंने बोला- कहां छोड़ना है?
जया बोली- ये मेरी पहली चुदाई है, मैं पहला रस अपनी बुर में ही लूंगी.
मैंने अपनी स्पीड को बढ़ा दिया और उसकी बुर में ही सारा वीर्य झाड़ दिया.
मुझे बहुत ही मजा आ रहा था. मैंने अपना लंड बाहर निकाला और जया की बुर को चाट कर साफ कर दिया.
जया ने भी मेरे लंड को साफ कर दिया.
फिर हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर सो गए.
सुबह ज्यादी उठकर वो अपने कमरे में चली गयी.
अगले दिन मैंने उसे बच्चा न ठहरने वाली दवा लाकर दे दी.
फिर जब तक वो मेरे घर में रही, हम दोनों पति पत्नी की तरह चुदाई का आनन्द लेते रहते थे.
इसके बाद उसकी शादी हो गई, वो अपने ससुराल चली गई.
आज सात साल हो गए. मैं उसे आज भी बहुत मिस करता हूँ.
अगली चुदाई कहानी में मैं आपको बताऊंगा कि कैसे वो मेरे बच्चे की मां बनी.
मेरी ये पहली चुदाई कहानी है, आपको कैसी लगी हॉट वर्जिन पोर्न स्टोरी, अपनी राय जरूर दें.
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