हॉट सेक्सी हिंदी स्टोरी में पढ़ें कि कैसे मैंने अपने दोस्त के साथ उसी की गर्लफ्रेंड को आगे पीछे एक साथ चोदा. उसके बाद मैंने उसकी मम्मी को भी चोदा. कैसे?
दोस्तो, मैं रवीश कुमार आपको अपने लालची दोस्त राजू की गर्लफ्रेंड परीशया की थ्रीसम चुदाई की कहानी सुना रहा था.
पिछली कहानी
दोस्त ने अपनी गर्लफ्रेंड की चूत दिलवाई
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैं और राजू अलग अलग करके परीशया की चुत चुदाई का मजा ले चुके थे.
अब आगे हॉट सेक्सी हिंदी स्टोरी:
दस मिनट आराम करने के बाद मेरा खड़ा होने लगा तो मैंने अपना लंड परीशया के मुँह में दे दिया और चुसवाने लगा.
परीशया- राजू, मेरी चुत चाट दो यार, जलन हो रही है. एक राउंड के बाद मैं गर्म पानी से नहा कर और चुत की सिकाई करके आऊंगी.
राजू ने परीशया की चुत को चाटना शुरू कर दिया.
इधर परीशया मेरा लंड चूस रही थी.
पांच मिनट की चुसाई के बाद मेरा लंड खड़ा हो गया तो मैं लेट गया और परीशया को लंड पर बैठने का इशारा कर दिया.
परीशया मेरे लंड पर चुत सैट करके बैठ गई, पूरा लंड चूत में घुस गया.
वह धीरे धीरे लंड पर उठक बैठक लगाने लगी.
राजू ने खड़े होकर उसके मुँह के पास लंड सटा दिया, परीशया ने उसके लंड को चूसना शुरू कर दिया.
अब परीशया मेरे लंड पर कूदती हुई लंड भी चूस रही थी.
राजू का लंड कड़क हो गया तो उसने पीछे से अपना लंड परीशया की गांड के छेद पर सटा दिया.
परीशया- एकदम आराम से धीरे धीरे डालना, पहली बार दोनों छेद में एक साथ चुदूंगी.
राजू ने धीरे धीरे अपना लंड परीशया की गांड में पेल दिया.
परीशया की कराह और उसके चेहरे से पता चल रहा था कि उसकी गांड फट गई है, उसकी आंखों में आंसू आ गए थे.
मैं नीचे लेटा हुआ था, मेरे लंड पर परीशया बैठी हुई थी, उसके ऊपर राजू गांड में लंड डाल कर चोदने को तैयार था.
मैंने और राजू ने धीरे धीरे लंड अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया, जिससे परीशया को दर्द होने लगा.
परीशया- राजू भैनचोद, कहां फंसा दिया मादरचोद. आह अपनी गर्लफ्रेंड को सैंडविच बना कर चुदवा रहा है. आह धीरे धीरे गांड मार भोसड़ी के!
राजू ने ये सुना, तो वो और तेजी में गांड मारने लगा.
मैं भी नीचे से गांड उठा उठा कर चोदने लगा.
परीशया की दोनों तरफ से फट रही थी, हर धक्के के साथ उसके मुँह से दर्द के साथ आह आह ओह ऐह की आवाज सुनाई दे रही थी.
पांच मिनट की चुदायी के बाद परीशया रोने लगी और लंड निकालने को बोलने लगी.
राजू ने परीशया को घोड़ी बना दिया जिससे मेरा लंड चूत से निकल गया और राजू ने अपना चुत में डाल दिया.
वो पूरी तेजी में चोदने लगा.
दस मिनट की ताबड़तोड़ चुदायी के बाद राजू ने अपना माल परीशया की चुत में गिरा दिया.
दोनों बिस्तर पर लेट गए.
परीशया- थोड़ी देर आराम करने दो, फिर नहा कर आती हूं, तो रवीश तुम चोद लेना.
मैं- ठीक है.
परीशया चुदायी से थक कर सो गई, मैं और राजू बाहर आकर बात करने लगे.
राजू- परीशया को चोद कर मजा आया?
मैं- हां, लेकिन परीशया फिर से थ्री-सम के लिए नहीं मानेगी, डबल चुदायी से उसकी गांड फट गई है.
राजू- अभी तो तुमने गांड मारी भी नहीं है, अभी तो और गांड फटेगी.
लगभग एक घंटे के बाद परीशया सोकर उठी और बाथरूम में घुस गई.
बीस मिनट तक अकेली नहाने के बाद उसने हम दोनों को आवाज लगाई- तुम लोग भी नहाओगे क्या?
राजू- नहीं, तुम नहा कर आ जाओ.
परीशया- आओ न, साथ में नहाते हैं.
मैं- चलो, अच्छा आइडिया है, नहाते हुए चुदायी करेंगे.
हम तीनों बाथरूम में घुस गए.
परीशया ने मुझे दिखाते हुए, टूथपेस्ट से तीन बार कुल्ला किया और दो बार फेस पैक से मुँह धोया.
मैं समझ गया कि परीशया मुझे किस करना चाहती है.
परीशया ने शॉवर चला दिया, हम तीनों पर पानी गिरने लगा.
मैंने परीशया को सामने से गले लगा लिया और किस करने लगा.
परीशया मेरे पेट और पीठ पर साबुन लगाने लगी, मैं अपनी छाती को परीशया के चूचों को रगड़ कर साबुन लगा रहा था.
थोड़ी देर के बाद परीशया घूम गई और राजू को किस करती हुई उसे साबुन लगाने लगी और मैं उसके पीठ पर छाती को रगड़ते हुए गर्दन पर किस करने लगा.
परीशया ने राजू को चुत चाटने का इशारा किया और उसे फर्श पर बैठा कर चुत चटवाने लगी.
मैंने फिर से परीशया के होंठों को चूसना शुरू कर दिया और चूचों को दबाने लगा.
दस मिनट चुत चटवा कर परीशया झड़ गई और अपने दोनों हाथ गले में फंसा कर ऐसे झूल गई, जैसे वो हवा में उड़ रही हो.
वो संतुष्ट नजर आ रही थी.
परीशया- राजू, मैंने तुम्हारी बात मान कर थ्री-सम सेक्स किया. तुम्हें भी मेरी एक बात माननी पड़ेगी.
राजू- क्या?
परीशया- मुझे तुम्हारे मुँह में पेशाब करना है.
राजू- पागल हो क्या?
परीशया- तुम मत पीना, थूक देना.
थोड़ी देर बहस के बाद परीशया ने राजू को मुँह में मुतवाने के लिए मना लिया.
परीशया ने दो ग्लास पानी पिया और बिस्तर पर लेट गई.
अब परीशया की गांड मारने की मेरी बारी थी.
मैंने उसके मुँह में लंड दे दिया और लंड चुसवा कर गीला करवाने लगा.
परीशया ने थूक से लंड को पूरा भिगो दिया और अपनी गांड पर वैसलीन लगा ली क्योंकि मेरा सुपारा थोड़ा मोटा था.
मैंने परीशया के दोनों पैरों को अपने कंधे पर रखा और लंड को गांड में पेलने की कोशिश करने लगा.
राजू ने लंड को पकड़ कर गांड के छेद पर रखा और मैंने धीरे धीरे अपने लंड को परीशया की गांड में पेल दिया.
मैं परीशया को किस करते हुए उसकी गांड मार रहा था और उसके चूचों को मसल रहा था.
पांच मिनट गांड मारने के बाद मैंने राजू को चुत में लंड पेलने को बोला.
राजू लेट गया. उसके लंड पर परीशया ने बैठ कर चुत में लंड घुसवा लिया.
मैंने पीछे से उसकी गांड में लंड पेला और चोदने लगा.
उसके दोनों छेद में लंड होने से गांड में कसावट आ गई थी, जिससे चोदने में दुगना मजा आ रहा था.
दस मिनट चोदने के बाद मैं उसकी गांड में झड़ गया और बिस्तर पर लेट गया.
राजू ने परीशया को घोड़ी बनाया और चुत और गांड एक साथ चोदने लगा.
पांच सात धक्के गांड में मारता, फिर लंड निकाल कर चुत में पांच सात धक्के मारता.
राजू ने करीब पंद्रह मिनट तक चुत और गांड को चोदा और उसके मुँह में अपना माल गिरा दिया.
परीशया- आज बहुत मस्त नींद आने वाली है, पूरा बदन टूट रहा है.
राजू- अभी तो समय है, एक एक राउंड और हो जाएगा.
परीशया- अब अगली बार!
मैं- तुमने तो कहा था कि पहली और आखिरी थ्री-सम है.
परीशया- तुम लोग मान जाओगे क्या?
राजू- तुम अगली बार का बोल रही हो, तो ठीक है, दो चार दिन बाद का प्लान बनाते हैं.
परीशया- राजू, बाथरूम में चलो और अपना वादा पूरा करो.
हम तीनों बाथरूम में गए, राजू बाथरूम के फर्श पर लेट गया. रिया उसकी छाती पर बैठ गई.
जैसे ही राजू ने मुँह खोला, परीशया ने मुँह में मूतना शुरू कर दिया.
राजू ना चाहते हुए भी थोड़ी पेशाब को पी गया और बाकी उसके मुँह से बाहर गिर गई.
परीशया- राजू, तुम्हें दिक्कत नहीं हो, तो अगली बार मैं रवीश से अकेले में चुदूंगी. इसका लंड मस्त है.
राजू का थोड़ा मुँह उतर गया, लेकिन वो राजी हो गया.
हम लोग फ्लैट से निकल कर अपने अपने घर चले गए.
उसके बाद हर चौथे दिन परीशया को दोनों मिल कर चोदते … या राजू व्यस्त होता, तो मैं अकेले भी परीशया को चोद देता.
मेरी और राजू में दोस्ती और भी अच्छी हो गई थी. अगर उसकी किसी चालू लड़की से दोस्ती होती, तो वो कोशिश करता कि चुत का स्वाद मुझे भी मिले. बात बन जाने पर मैं उसकी चालू माल की चुदायी कर लेता था.
महीने में एक दो बार राजू मेरा लंड भी चूस देता था.
मैं राजू के घर लगभग रोज जाता था तो मुझे रमेश अंकल के दोस्त के छोटे भाई प्रकाश अंकल हमेशा दिखते.
वो रीना आंटी से बात करते रहते थे.
प्रकाश अंकल ने राजू को बचपन में ट्यूशन पढ़ाई थी और वो पूरे परिवार से घुल-मिल गए थे.
एक दिन राजू को ट्रैफिक पुलिस ने पकड़ लिया तो राजू ने मुझे फोन किया और घर से ड्राइविंग लाइसेंस लाने को कहा.
मैं उसके घर पहुंच गया, राजू हड़बड़ी में घर पर फोन करना भूल गया था.
घर के बाहर प्रकाश अंकल की बाइक खड़ी थी, मेन गेट बंद था.
मैंने आवाज लगाई तो लगभग पांच मिनट बाद आंटी ने दरवाजा खोला.
मैंने उनसे ड्राइविंग लाइसेंस मांगा, तो उन्होंने कहा कि रुको मैं ला रही हूं.
आंटी को ड्राइविंग लाइसेंस नहीं मिला तो आंटी ने राजू से बात की और घर में जल्दी से ढूंढने को बोला.
राजू ने मुझसे भी खोजने को बोला कि जल्दी खोज कर लाओ.
मैं घर के अन्दर गया तो प्रकाश अंकल के जूते आंटी के रूम के बाहर दिख गए और चॉकलेट फ्लेवर कंडोम की सुगंध आने लगी.
मैं- क्या बना रही हैं आंटी, चॉकलेट की सुगंध आ रही है.
आंटी का मुँह उतर गया, वो समझ गईं कि वो पकड़ी जा चुकी हैं- कुछ तो नहीं बना रही हूं, मुझे तो चॉकलेट की सुगंध नहीं आ रही है.
मैंने आंखें नचाते हुए कहा- आंटी मुझे तो आपसे चॉकलेट की सुगंध आ रही है.
रीना आंटी- तुम्हारी नाक खराब हो गई है.
मैं- प्रकाश अंकल घर के नीचे बाइक लगा कर कहीं चले गए हैं क्या?
रीना आंटी समझ गईं कि वो फंस गई हैं और कुछ उपाय नहीं है.
रीना- राजू को लाइसेंस देकर थोड़ी देर में अकेले घर आना.
मैं- ठीक है.
हम दोनों ने लाइसेंस खोजा और मैं राजू के पास चला गया.
एक घंटे के बाद रीना आंटी का फोन आया- कहां हो, अकेले घर आ जाओ, तुमसे बात करनी है.
मुझे चुत मिलने की उम्मीद दिख रही थी, तो मैंने एक पैकेट कंडोम ले लिया.
मैं राजू के घर पहुंच गया, शायद रीना आंटी तुरंत नहा कर निकली थीं.
उन्होंने दरवाजा खोला और अपने रूम में चली गईं.
मैं भी उनके पीछे रूम में चला गया.
रीना- जो कुछ भी तुम्हें पता चला है, वो अपने तक ही रखना. राजू को या अपने किसी दोस्त को नहीं पता चलना चाहिए.
मैं- मैं कुछ समझा नहीं आंटी?
रीना- मुझे जो बोलना था, मैंने बोल दिया है, बाकी तुम समझदार हो.
मैं- ठीक है, मैं किसी को कुछ नहीं बोलूंगा.
मैंने थोड़ी हिम्मत और बेशर्मी दिखाते हुए पॉकेट से कंडोम निकाला और बिस्तर पर रख दिया.
रीना आंटी ने कंडोम देखा और फिर मेरी तरफ देखा.
वो बिना कुछ बोले बिस्तर पर लेट गईं, जैसे उन्होंने समर्पण कर दिया हो.
रीना- दरवाजा बंद कर दो और बल्ब भी बंद कर दो.
मैंने तुरंत दरवाजा बंद किया और बल्ब भी बंद कर दिया, जिससे रूम में लगभग अंधेरा हो गया.
मैं बिस्तर पर रीना आंटी के बगल में लेट गया और उनके हाथ को पकड़ लिया.
इससे आगे बढ़ने में मैं थोड़ी झिझक महसूस कर रहा था.
रीना- जो करना है, जल्दी करो. ज्यादा समय नहीं है.
मैं रीना आंटी के उपर चढ़ गया और उनके होंठों को चूमने लगा.
रीना आंटी ऊपरी मन से चुद रही थीं.
मैंने उनके होंठों को अच्छे से दस मिनट तक चूसा.
फिर मैंने आंटी के चूचों को दबाना शुरू किया, तो पता चला कि उन्होंने नाईटी के नीचे ब्रा नहीं पहनी हुई है.
मैं किस करते हुए नाइटी के अन्दर हाथ डाल कर चूचों को मसलने लगा.
हमारे पास ज्यादा समय नहीं था, तो मैं आंटी की चुत को सहलाने लगा.
हाथ लगाते ही समझ में आया कि रीना आंटी ने पैंटी भी नहीं पहनी थी.
मैंने रीना आंटी की नाईटी को जांघ तक उठा दिया और चुत में उंगली करने लगा.
आंटी की चुत पर बड़े बड़े घुंघराले बाल थे.
मैं आंटी को उठा कर उनकी नाईटी को उतारने लगा तो उन्होंने मना कर दिया और कहा- जल्दी से ऐसे ही कर लो, कोई आ जाएगा तो दिक्कत हो जाएगी. तुम भी सिर्फ अपनी जींस को घुटने तक करना.
रीना आंटी ने ये बोलते हुए अपनी नाईटी के दो बटनों को खोला और चूचों को बाहर निकाल लिया.
मैंने अपना लंड निकाला और रीना आंटी के मुँह के पास ले गया. उन्हें लंड चूसने का इशारा किया.
रीना आंटी- मैंने आज तक ये सब नहीं किया, मुझसे ये सब नहीं होगा.
मैंने भी दोबारा नहीं बोला और रीना आंटी के ऊपर चढ़ कर उनकी चुत में लंड रगड़ने लगा.
छेद पर लंड लगाया और हल्का सा धक्का दे दिया. मेरा पूरा लंड सड़ाक से चुत में फिसल गया.
रीना आंटी की भोसड़ा बन चुकी चुत में मैंने अपना लंड घुसा कर उन्हें चोदना शुरू कर दिया.
आंटी को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था कि कब लंड अन्दर और कब बाहर जा रहा है, वो बिंदास लेट कर चुद रही थीं.
चुत में ना कसावट थी, ना रीना आंटी सहयोग कर रही थीं.
मैंने भी सोचा कि मुफ्त की रंडी है, अपना माल गिराओ और निकलो.
मैंने तेजी में बीस मिनट तक चोदा और चुत में झड़ गया.
चुदाई के बाद मैंने अपनी जींस पहन ली.
रीना आंटी ने अपनी नाईटी नीचे करके अपने चूचों पास के बटन लगा लिए.
रीना आंटी- आज जो भी हुआ, हम दोनों के बीच रहना चाहिए.
मैं- ठीक है.
उसके बाद मेरी और रीना आंटी की चुदायी महीने में एक दो बार हो जाती थी.
दोस्तो, मुझे किसी लड़की, भाभी, आंटी से दोस्ती करना, उनकी चुदायी के किस्से सुनना बहुत पसंद हैं.
मैंने रीना आंटी से बातचीत करना शुरू की, तो पता चला कि रीना और रमेश अंकल ने लव मैरिज की थी.
रमेश अंकल ने उनकी सील तोड़ी थी. शुरू के सात साल अंकल ने उन्हें दबा कर चोदा था.
तीन बच्चे होने के बाद अंकल ने रीना पर ध्यान देना कम कर दिया क्योंकि अंकल ने अपने साथ काम करने वाली लड़की को पटा लिया था और उसकी चुत के मजे ले रहे थे.
रीना ने रंगे हाथ अंकल को पकड़ लिया था, तब से दोनों के रिश्ते खराब हो गए थे.
प्रकाश अंकल रिया को ट्यूशन पढ़ाने आते थे, रीना आंटी अकेली थीं तो प्रकाश अंकल से पट गईं और लंड के मजे लेने लगीं.
दस साल से प्रकाश अंकल रीना आंटी को चोद रहे थे.
प्रकाश अंकल की चुदायी से रीना आंटी एक बार प्रेगनेंट भी हो गई थीं, तो रमेश अंकल को पता चल गया था.
उसके बाद से उन दोनों का रिश्ता पूरी तरह से बर्बाद हो गया था.
बची हुई कसर रिया ने पूरी कर दी, वो स्कूल में पूरी तरह से बिगड़ गई थी. लड़कों से गिफ्ट लेना और बदले में वो उन्हें अपनी चुत चोदने देती थी.
रिया स्कूल में चुदती हुई पकड़ी गई तो उसे स्कूल से निकाल दिया गया.
एक बार वो बॉयज लॉज में चुदने गई और उसको कुछ और लड़के चोदना चाहते थे, जिसके लिए वहां हंगामा हो गया था.
पड़ोसियों ने पुलिस कंप्लेंट कर दी, रिया को थाने उठा कर ले गए और समझा कर छोड़ दिया.
लेकिन अब पुलिस वाले भी उसे बुला कर चोदने लगे थे.
रिया रात में अपने दोस्तों को अपने रूम में बुला लेती थी और उनसे चुदती थी.
अंकल ने रंगे हाथ रिया को पकड़ लिया तो रमेश अंकल ने रिया के बिगड़ने का कारण रीना को बताया और घर आना लगभग बंद कर दिया.
रिया अभी किसी पैसे वाले लड़के से पटी हुई थी.
रीना ने मुझे दोस्त समझ कर दिल हल्का करने के लिए अपने साथ रिया की कहानी भी बता दी.
इससे मेरे दिमाग में रिया की चुत घूमने लगी.
मैंने आंटी से कहा- यदि मैं रिया की ले लूँ, तो आपको कोई दिक्कत तो नहीं होगी?
मेरी बात सुनकर आंटी ने कुछ नहीं कहा.
अब मैंने रिया को घूरना शुरू कर दिया, मैं उसके चूचों को देखता.
रिया भी मेरी नियत समझने लगी थी लेकिन वो कुछ कर नहीं सकती थी.
उसने इतने कांड कर रखे थे कि उसकी बात का भरोसा नहीं किया जाता.
रिया का जन्मदिन आने वाला था, रिया अपनी मां से एक घड़ी मांग रही थी.
घड़ी थोड़ी महंगी थी, तो रीना ने बाद में लेने का बोल कर टाल दिया.
ये बात मुझे मालूम थी.
रिया के जन्मदिन पर मुझे खाने पर बुलाया गया.
मैंने रिया के चूचों को घूरते हुए कहा- हैप्पी बर्थडे दीदी.
रिया- थैंक्यू.
मैंने रिया को मैसेज से घड़ी की फोटो भेजी और उसे छत पर आने को बोला.
मैं छत पर चला गया, रिया पीछे से छत पर आ गई.
मैंने उसे घड़ी दी और हैप्पी बर्थडे रिया बोला.
रिया ने मुझे गले लगा कर थैंक्यू कहा.
रिया- रात में यहीं रुक जाना, मौका मिला तो रिटर्न गिफ्ट दे दूंगी.
मैं- ठीक है.
अब मैं समझ गया था कि वो मुझसे चुदने को राजी है. उसकी चुदाई की हॉट सेक्सी हिंदी स्टोरी अगले भाग में लिखूँगा.
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