हॉट माँ बेटी बैड सेक्स कहानी में पढ़ें कि पुणे में मैंने एक कमरा PG पर लिया. वहां सिर्फ माँ बेटी ही थी. पहली ही रात मुझे खाने से पहले शराब परोसी गयी. उसके बाद क्या हुआ?
मेरा नाम पवन है. मेरी उम्र 27 साल है.
मैं पुणे में एमए की पढ़ाई कर रहा हूँ.
मेरा गोरा चिकना लंड है, जिसकी रसभरी चाशनी को अनेकों महिलाओं ने चाट कर चरम सुख का मजा लिया है.
हॉट माँ बेटी बैड सेक्स कहानी एक महीने पहले की है, मैं पुणे में कमरा खोज रहा था.
तब गली गली घूमने के बाद मुझे एक डबल स्टोरी घर दिखा.
वो छोटा सा घर था.
मैंने उसकी डोरवेल बजाई तो अन्दर से एक सुंदर आंटी निकलीं.
आंटी की उम्र 40 साल रही होगी.
मैंने पूछा- आपके यहां कोई खाली रूम है?
वो मेरी तरफ देख कर बोलीं- किसे चाहिए?
मैंने कहा- मुझे.
वो बोलीं- अन्दर आ जाओ.
मैं उसके पीछे अन्दर गया, तो एक हॉट लड़की खड़ी थी.
आंटी की बड़ी सी गांड थी और बड़े बूब्स थे. आंटी अच्छी खासी लंबी थीं. उनकी हाईट यही कोई 5 फुट 8 इंच रही होगी और फिगर 38-32-40 का होगा.
उनकी बेटी भी उनसे कम नहीं थी.
बाद में मुझे पता चला था कि आंटी के पति ने उनको तलाक दे दिया था. वे 15 साल से अकेली ही अपनी बेटी के साथ रह रही थीं.
उन्होंने मुझसे पूछा- अकेले रहोगे या कोई और भी रहेगा?
मैंने कहा- अकेले ही रहूंगा.
आंटी ने अपनी बेटी से कहा- गुलज़ार ऊपर का रूम दिखा कर आ जा.
गुलज़ार मेरे आगे अपनी मां की तरह बड़ी गांड हिला हिला कर सीढ़ी चढ़ रही थी.
मैं उसकी गांड को देख रहा था.
उसने रूम दिखाया, मुझे पसंद आ गया. ये टू बीएचके का फ्लैट था, मुझे अच्छा लगा.
हम दोनों वापस आंटी के पास आ गए.
आंटी से कमरे का किराया आदि तय हुआ.
मैंने एडवांस देते हुए कहा- अभी आकर सामान रख लूंगा.
आंटी ने कहा- मैं तुम्हारे लिए भी खाना बना लेती हूँ.
मैंने उन्हें ओके कहा और अपना सामान लाकर रूम सैट करने लगा.
तब तक 9 बज गए थे.
आंटी ने मुझे आवाज दी.
मैं नीचे गया तो देखा आंटी ने खाना तैयार करके रखा था.
आंटी ने थोड़ी देर में गुलजार को इशारा किया.
वह अन्दर से गिलास और दारू लेकर आ गई.
दारू देख कर मेरे मन में लड्डू फूटा, तो आंटी मुस्करा कर बोलीं- पीते हो?
मैंने कहा- कभी कभी.
वो बोलीं- ठीक है, गुलज़ार एक काम कर आज इसका भी पैग बना और इसे दे दे.
उसने एक गिलास में पैग बनाकर मुझे दे दिया.
उन दोनों ने अपने लिए हार्ड पैग बना लिए.
हम तीनों ने एक दूसरे के बारे में सब जाना और दारू खत्म करके खाना खाते खाते बातें की.
फिर मैं ऊपर सोने के लिए जाने लगा तो आंटी बोलीं- आज नीचे ही सो जाओ. ऊपर कूलर नहीं है. कल मंगा देंगे.
मैं हाथ धोकर लेट गया.
मां बेटी भी अपने रूम में सोने चली गईं.
मुझे नींद नहीं आ रही थी. आंखों में उन दोनों की गांड और चूचे ही खटक रहे थे.
मैं अपने मोबाइल में पोर्न देखने लगा.
रात के 12 बज चुके थे, तभी अचानक मुझे गाली सुनाई दी.
मैंने धीरे से अपना दरवाजा खोला, तो खिड़की से देखा आंटी और उनकी बेटी 69 में एक दूसरे की चूत चाट रही थीं.
वो दोनों गंदी गंदी गाली देकर लेस्बियन सेक्स कर रही थीं.
मेरा लंड तो पहले से ही खड़ा था. मैं लाइव सेक्स देखने लगा और खिड़की के बाजू में छिप कर अपना लौड़ा हिलाने लगा.
थोड़ी देर बाद आंटी ने गुलजार को एक लंड कमर में पहना दिया और घोड़ी बन कर उस नकली लौड़े को लेने लगीं.
आंटी गुलजार से बोल रही थीं- तेरे पापा का लंड का साइज छोटा था. अब तू मेरा पति है, चोद अच्छे से मादरचोद.
वह एक मर्द की तरह अलग अलग पोजीशनों में आंटी को गाली देकर चोद रही थी.
जब आंटी का पानी निकल गया तो उन्होंने लंड पहना और गुलजार को चोदने लगीं.
उन दोनों की चुदाई देखने के दौरान मेरा भी दो बार पानी निकल गया.
फिर वो दोनों नंगी ही चिपक कर सो गईं.
मैं भी जाकर सो गया.
जब सुबह मेरी नींद खुली तो गुलज़ार मेरे रूम में थी और मुझे देख रही थी.
उसे देख कर मेरा लंड लोहे जैसे हो गया.
वो बोली- उठो, मम्मी बुला रही हैं.
मैं अपने शॉर्ट्स और टी-शर्ट में था, मैं वैसे ही आंटी के रूम में आ गया.
मैंने देखा कि आंटी नाइटी पहन कर बैठी थीं और सिगरेट पी रही थीं.
मैंने कहा- आपने बुलाया?
वो बोलीं- हां मादरचोद … रात में क्या किया तूने?
मैं डर गया और मैंने कहा- कुछ नहीं आंटी! क्या हुआ?
वो बोलीं- कोई नहीं, तू नशे में रहा होगा साले.
उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और बाहर खिड़की के पास लाईं.
मैंने देखा कि मेरे लंड का बहुत सारा रस दीवार पर लगा था.
आंटी बोलीं- ये क्या है भैनचोद!
मैं सब समझ गया कि आंटी ने मुझे खिड़की के पास खड़ा देख लिया होगा, तब मैं नशे में होने का ड्रामा करने लगा.
आंटी ने जमीन से मेरे रस को उंगली से उठा कर चाटा और मुझे भी चटा दिया.
वो बोलीं- गुलज़ार, इसका रस तो बहुत टेस्टी है.
गुलजार टॉयलेट में थी, वह अन्दर से ही बोली- आप चेक करो, फिर मैं भी चखूंगी.
मुझे समझ में आ गया था कि ये दोनों मां बेटी समलैंगिग सेक्स करती हैं.
आंटी ने मुझे अपनी गोद में बिठा लिया और मेरा लंड पकड़ लिया.
वे बोलीं- इसका तो खड़ा भी है गुलज़ार!
गुलज़ार बोली- साला नशे में होगा, नंगा कर दे मादरचोद को … फिर लौड़ा देख साले का!
आंटी ने मुझे पूरा नंगा कर दिया और मेरे लंड को पकड़ कर बोलीं- ये तो चिकना है और मस्त दिख रहा है. तेरे पापा जैसा बाल भी साफ़ रखता है.
मैंने कहा- मैंने अपनी मम्मी की चुदाई करने के लिए घर पर ही बाल साफ किए थे. मैं बहुत बड़ा मादरचोद हूँ.
आंटी यह सुन कर खुश हो गईं और बोली- 15 साल बाद आज हकीकत में लंड देखा है.
गुलज़ार बोली- ओय मादरचोदी … देखती ही रहेगी या लेगी भी … जल्दी टेस्ट कर भैनचोद को … फिर मैं भी लूंगी.
मुझसे भी रहा नहीं गया और मैं आंटी के ऊपर चढ़ कर उनको किस करते हुए दूध मसलने लगा.
आंटी भी गर्म होने लगीं और मेरा लंड मुँह में ले लिया.
मैं भी 69 में होकर उनकी चूत चाटने लगा.
फिर मैंने आंटी की चूत में उंगली डाली और आंटी को चटाई.
वे बोलीं- मादरचोद तू चाट … मेरी तो चूत ही है भोसड़ी के … मैं तो रोज ही चाटती हूँ. अपना लंड अन्दर डाल भोसड़ी के.
गुलज़ार बोली- मादरचोद पवन डाल दे मेरी मां की चूत में लौड़ा … अपनी मां समझ कर चोद दे मेरी माँ की चुत. ये रंडी तेरी मां का रोल प्ले कर देगी.
आंटी बोलीं- हां बेटा, चोद अपनी मां को … तेरी मां कैसे चुदती है?
मैं भी आंटी को अपनी मां की बातें बता बता कर उनको चोदने लगा.
फिर कुछ ही देर बाद मैंने उनको घोड़ी बना कर जोर जोर से चोदने लगा.
क्या गांड थी आंटी की … चुदाई में बहुत आनन्द आ रहा था.
गुलजार मुझे टॉयलेट से ही डायरेक्शन दे रही थी कि मम्मी लंड को बहुत अच्छे से राइड करती हैं.
ये सुनकर मैं सीधा लेट गया और आंटी मेरे लंड के ऊपर अपनी चूत रख कर बैठ गईं.
मुझे बहुत मजा आ रहा था.
आंटी गाली देकर चुद रही थी और बोल रही थीं- गुलज़ार मादरचोद अब तू भी आ जा, मैं झड़ने वाली हूँ.
वे अपने बड़े बड़े बूब हिला हिला कर जल्दी जल्दी मेरे लंड पर अपनी चूत घिसने लगीं.
उनकी चूत से पच पच करके बहुत सारा रस बाहर निकलने लगा.
उन्होंने अपनी चूत मेरे मुँह पर रख दी, मेरे बाल पकड़ कर दोनों पैर चिपका कर चूत रगड़ कर उसका सारा रस मेरे मुँह में डाल दिया.
मैंने भी जीभ डाल डाल कर पूरी चूत को चाट लिया.
अभी मेरे लंड ने रस नहीं छोड़ा था. तो आंटी बोलीं- गुलजार बाहर आ जा … इस मादरचोद का रस नहीं निकला अभी … आज से ये ही मेरा पति है, पहली बार मुझे चरमसुख मिला है.
यह सुनकर गुलज़ार भी अपनी गांड धोकर बाहर आई और मेरे लंड को चूसने लगी.
मैं आंटी की चूची मसल रहा था.
आंटी बार बार अपनी गांड मेरे लंड पर घिस कर गुलज़ार के मुँह में मेरा लंड दे रही थीं और बोल रही थीं कि इस भैनचोद को अपना बाप समझ कर चुद जा इससे और मेरी गांड का स्वाद इसके लंड से चाट ले.
गुलजार भी मेरा लंड आंटी की गांड में डालती, फिर निकाल कर चूसती.
मुझे बहुत मजा आ रहा था.
पूरा घर गंदी गाली और आंटी की गांड की मादक खुशबू से सराबोर हो गया था.
फिर गुलजार ने आंटी को बोला- आप मेरे मुँह पर अपनी चूत रख दो … क्योंकि मुझको आपकी चूत चाटनी है.
आंटी अपनी चूत गुलज़ार के मुँह पर रख कर रगड़ने लगीं.
मैं उनके पीछे से पकड़ के दूध मसलने लगा.
फिर मैंने अपना लंड आंटी की गांड में डाल दिया.
आंटी बोलीं- मादरचोद, मेरी गांड बहुत गहरी है … तेरी मां जैसी नहीं … तेरे लंड को इसकी थाह नहीं मिलेगी. इस भैनचोदी की में डाल.
मैंने अपना लंड निकाल लिया.
आंटी ने मेरे लंड पर बहुत सारा थूक लगाया और गुलजार की गांड में भी बहुत थूक भर कर चिकनी कर दी, फिर मेरा लंड पकड़ कर उसकी गांड में सैट कर दिया.
मैंने एक ही झटके में पूरा लंड गुलजार की टाइट गांड में ठेल दिया.
उस मादरचोदी की गांड बहुत टाईट थी.
वो चिल्ला पड़ी और मैं बेरहम कसाई की तरह उस छिनाल की गांड मारने लगा.
आंटी गुलजार के ऊपर 69 में हो गईं और उसको अपनी चूत चाटने को बोलने लगीं.
वो खुद अपनी बेटी की चूत चाटने लगीं.
गुलजार भी गर्म हो गई थी.
वह मुझसे बोलने लगी- मादरचोद मेरा बाप बन जा … और मुझको अपनी बेटी समझ कर चोद भोसड़ी के.
मैं भी उसकी गांड में स्पीड से लंड अन्दर बाहर करने लगा और आंटी गाली दे दे कर उसके मुँह पर चूत रगड़ रही थीं.
मैंने कहा- मेरा होने वाला है.
गुलजार बोली- रुक मादरचोद, मेरी मां के मुँह में रस छोड़ना. उस छिनाल को मेरी गांड का रस बहुत पसंद है.
आंटी ने भी जल्दी से मेरा लंड निकाला.
मेरे लौड़े में गुलजार की गांड का गू लगा था और पीला रस था.
आंटी ने मेरे लौड़े को तुरंत अपने मुँह में ले लिया और जोर जोर से चूसने लगीं.
मेरा भी उस मादरचोदी रांड के मुँह में ही रस निकल गया.
उसने भी लौड़ा चाट कर पूरा रस पी लिया.
मेरा और आंटी का तो पानी निकल गया था लेकिन गुलजार की चूत का रस अभी भी बाकी था.
वो उठी और बोली- भैनचोदो … तुम दोनों पति पत्नी बन गए तो क्या अपनी रंडी बेटी का पानी नहीं निकालोगे?
मैंने कहा- क्यों नहीं, बोलो कैसे चुदोगी मेरी पापा की परी!
आंटी बोलीं- इस मादरचोद को तो जब अपन दोनों मिल कर चोदेंगे, तब आराम लगेगा.
बस फिर क्या था. मैंने गुलजार के मुँह में अपना लंड दे दिया.
उसने चूसा और खड़ा कर कर दिया.
वह भी खड़ी हो गई और मुझसे चिपक कर मुझे किस करने लगी.
मैंने उसे फिर पीछे से पकड़ा और उसके दोनों बड़ी बड़ी चूतड़ों की दरार में अपना लौड़ा फंसा दिया, उसके दूध मसलने लगा.
वह भी गर्म हो रही थी और अपनी गांड हिला रही थी.
जब तक आंटी भी स्ट्रिपर जैसा बड़ा सा लंड कमर में पहन लिया. वो उसके आगे से खड़े खड़े चिपक गईं.
फिर हम एक दूसरे को किस करने लगे.
आंटी मेरे पीछे से चिपक गईं और मेरी गांड में अपना लंड रगड़ने लगीं.
मुझे बहुत आनन्द आने लगा क्योंकि मेरे पापा भी मेरी गांड मारते थे, जब मैं अपनी मम्मी को चोदता था.
क्योंकि मेरी मम्मी की गांड बड़ी हो गई थी तो पापा का लंड ढीला पड़ने लगा था.
तब मम्मी ने मुझे से अपनी चूत चुदवाया, जिससे पापा मेरी गांड मार सकें.
मुझे नकली लौड़े से गांड मरवाना अच्छा लगा.
आंटी ने जब अपना लौड़ा मेरी गांड में रगड़ा तो मैंने गुलज़ार को बेड पकड़ कर झुका दिया और उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया.
उधर आंटी ने भी मेरी गांड में लंड डाल दिया.
मैं जितने झटके लगाता, उतना मुझे मजा आता और मैं आंटी को गाली देने लगा- चोद मादरचोदी … मेरी गांड मार कुतिया.
जब आंटी झटका देतीं, तो मेरा लंड अपने आप गुलजार की चूत में पूरा चला जाता.
फिर मैंने आंटी को आगे किया और गुलजार की चूत में आंटी ने अपना लंड डाला.
मैंने अपना लंड आंटी की गांड में पेल दिया.
आंटी की गांड मेरी मम्मी जैसी बड़ी थी.
मेरा लंड ढीला पड़ रहा था, बहुत बड़ा छेद हो गया था साली का.
मैंने कहा- मादरचोद तेरी गांड है या कुंआ!
वो बोलीं- भैनचोद आगे आ जा, टाइट माल है. मैं भी तेरी गांड का कुंआ बना दूंगी.
मैंने आंटी को फिर से पीछे किया और गुलजार को सीधा लिटा कर उसकी चूत में लंड पेलने लगा.
आंटी मेरे ऊपर आकर मेरी गांड में लौड़ा पेल रही थीं.
इसलिए मेरा लंड झड़ नहीं रहा था.
गुलज़ार भी बहुत गर्म हो गई थी और मुझसे पूरी चिपक कर गाली देने लगी थी- मादरचोद, जल्दी जल्दी चोद … और मम्मी साली भोसड़ी की तू भी इसकी गांड तेजी से चोद … और डबल झटके का मजा दे मुझे.
आंटी ने अपनी स्पीड बढ़ा दी और गुलज़ार ‘ऊ ऊ आ आ …’ करके गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी.
तब आंटी ने मेरी गांड से अपना लंड निकाल लिया जिससे मेरा भी रस निकल जाए.
तभी गुलजार आ आआ करके झड़ गई.
मेरा भी होने वाला था, तो मैंने बाजू में खड़ी आंटी को पकड़ा, उनके मुँह में बाल पकड़ कर लंड दे दिया और झड़ने लगा.
गुलजार बोली- ओए मादरचोद … मुझे चोदा तूने तो मुझे भी अपना रस पिला!
मैंने गुलजार की छाती पर बैठ कर उसके मुँह में झटके लगाए और उसके मुँह में बाकी का रस निकाल दिया.
आंटी ने गुलजार की चूत चाटी और इस तरह से हम तीनों ने एक दूसरे को जम कर चोदा.
उस दिन से मैं और मेरी मम्मी पापा गुलजार आंटी सब मिल कर सेक्स करते हैं.
हम सब बहुत फैंटसी और हीरो हीरोइन की चुदाई का रोल प्ले करते हैं, अपने रिश्तेदारों, पड़ोसियों का और नए दोस्त ग्रुप सेक्स के लिए बनाते हैं.
आपको मेरी हॉट माँ बेटी बैड सेक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज कमेंट करके जरूर बताएं.
आपका प्यारा पवन