एक हॉट इंडियन भाभी मुझे कोटा जाने वाली ट्रेन में मिली. रास्ते में हमारी दोस्ती हो गयी. मुझे होटल में रुकना था पर वे मुझे अपने घर ले गयी. वे अकेली रहती थी.
हाय दोस्तो, मेरा नाम राज (बदला हुआ नाम) है.
मैं नोएडा शहर का रहने वाला हूँ.
मेरे लंड का साइज औसत से कुछ बड़ा है. ये 7 इंच लम्बा और तीन इंच मोटा है.
मैं आज आपको अपनी सेक्स कहानी बता रहा हूँ कि कैसे मुझको एक ट्रेन में हॉट इंडियन भाभी मिली और कैसे मैंने उनको उनके घर जाकर चोदा.
कुछ दिन पहले मैं अपना इंटरव्यू देने के लिए दिल्ली से कोटा (राजस्थान) जा रहा था.
ट्रेन में मेरे सामने वाली सीट पर एक आंटी बैठी थीं.
वो दिखने में बहुत ही सेक्सी लग रही थीं. उनका भरा हुआ बदन, गोल गोल चूचे और मस्त गांड … आंटी की कमनीय काया मुझे बेहद सुकून और मजा दे रही थी.
उनसे थोड़ी बातचीत हुई तो पता चला कि वे कोटा की ही रहने वाली हैं. वे दिल्ली अपने पति से मिलने आई थीं और अब वापिस जा रही थीं.
उनके साथ ऐसे ही बातचीत चलती रही.
आंटी के पूछने पर मैंने भी उन्हें बताया कि मैं भी कोटा ही जा रहा हूँ, कल मेरा एक कंपनी में इंटरव्यू है, जो कि एक कंस्ट्रक्शन कंपनी है.
चूंकि हम दोनों को ही कोटा जाना था तो आंटी से ऐसे ही इधर उधर की बातचीत चलती रही.
मैं पूरे रास्ते उनको ही देखता रहा. वे बहुत ही मस्त माल लग रही थीं.
शायद ये बात आंटी ने भी नोट कर ली थी मगर उन्होंने मुझसे कुछ नहीं बोला.
रात के क़रीब 11 बजे ट्रेन ने हमको कोटा उतार दिया.
हम दोनों साथ ही उतरे थे तो मैंने उनकी हेल्प भी की.
उनका बैग मैंने ही ले रखा था और उन्होंने मेरा क्योंकि मेरा बैग छोटा था और उनका बड़ा था.
फिर हम स्टेशन के बाहर आ गए.
वो मुझसे पूछने लगीं कि नाइट में कहां पर रुकोगे?
मैं बोला- मैं किसी होटल में रुक जाऊंगा.
इस पर उन्होंने बोला- अगर तुमको कोई प्राब्लम ना हो, तो तुम मेरे घर पर रुक सकते हो. मुझको भी तुम्हारी हेल्प की जरूरत है.
मैंने पूछा- कैसी हेल्प?
वो बोलीं- मेरा घर पास में ही है, पर ट्रेन की पटरी पार करके जाना होगा और मेरा बैग बहुत भारी है. तुम प्लीज़ मेरा बैग मेरे घर तक ले चलो.
मैंने भी सोचा कि ये बोल तो सही रही हैं और रात भी हो रही है. पता नहीं रूम मिलेगा या नहीं. इससे अच्छा तो इनके घर ही रुक जाता हूँ. मॉर्निंग में निकल जाऊंगा.
तो मैंने उनको ओके बोला और उनका बैग उठा कर हम दोनों चल दिए.
थोड़ी देर में ही हम दोनों उनके घर पहुंच गए.
उन्होंने गेट खोल कर मुझको अन्दर आने का कहा.
मैं अन्दर आ गया और थैंक्यू बोल कर बैठने के लिए पूछा.
वो बोलीं- थैंक्यू तो मुझे बोलना चाहिए, तुमने मेरी इतनी हेल्प जो की है.
इतना कह कर आंटी हंस दीं.
मैं भी थोड़ा सा मुस्कुरा दिया.
फिर उन्होंने मुझसे पूछा- खाने में क्या खाओगे?
मुझको भूख लग रही थी तो मैंने उनसे कहा- आंटी, चावल बना लो, जल्दी बन जाएंगे.
तो उन्होंने भी ओके बोल दिया और बोलीं- मैं चेंज करके आती हूँ, तब तक तुम भी उस सामने वाले कमरे में चले जाओ और चेंज कर लो.
आंटी मुझको एक तौलिया देकर अपने रूम में चली गईं.
मैं भी अपने कपड़े बदलने चला गया और हाथ मुँह धोकर मैंने अपने कपड़े चेंज कर लिए.
मैंने एक लोअर और टी-शर्ट डाल ली.
थोड़ी देर बाद आंटी अपने कमरे में से निकल आईं.
मैं उनको देखता ही रह गया.
क्या कयामत लग रही थीं, बिल्कुल सेक्सी माल.
उन्होंने काले रंग की सिल्की नाइटी पहनी हुई थी जो उनकी बाजुओं और गले पर से जालीदार थी और उसमें से उनका शरीर बिल्कुल दूध की तरह चमक रहा था.
मैं उनको ऐसे ही देखता रहा.
इस पर वो बोलीं- क्या हुआ, अच्छी नहीं लग रही हूँ क्या?
मैं- अरे आप तो सच में बहुत अच्छी लग रही हो आंटी!
इस पर वो बोलीं- मैं तुमको आंटी दिखती हूँ क्या?
इस पर मैं चुप रहा.
फिर उन्होंने बोला- तुम मेरा नाम ले सकते हो या भाभी बोल सकते हो.
तो मैंने उनको भाभी बोलना ज्यादा ठीक समझा.
फिर उन्होंने दुबारा कुछ अदा से पूछा- कैसी लग रही हूँ … अब फिर से बताओ!
इस पर मैंने कहा- बहुत अच्छी लग रही हो भाभी!
इस पर वो मुस्कुरा दीं और खाना बनाने के लिए रसोई में चली गईं.
मैं भी अपने फोन में लग गया.
थोड़ी देर बाद भाभी ने आवाज दी- राज, इधर आओ.
मैं भाभी के पास चला गया और बोला- जी भाभी, बताएं?
उन्होंने कहा- खाना कहां खाओगे, मेरे कमरे में चलें?
मैंने कहा- हां ठीक है.
उन्होंने मुझको प्लेट और गिलास पकड़ाते हुए कहा- तुम इनको लेकर चलो, मैं खाना लाती हूँ.
मैं भाभी के रूम में जैसे ही घुसा, उसमें परफ्यूम की बहुत ही प्यारी महक आ रही थी.
मैंने देखा कि बेड पर भाभी की ब्रा और पैंटी पड़ी हुई थी.
तभी भाभी आ गईं और बोलीं- खड़े क्यों हो, बैठो!
मैंने ब्रा पैंटी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि भाभी आपके कपड़े पड़े हैं.
भाभी ने जैसे ही अपनी ब्रा पैंटी को देखा तो सॉरी बोल कर उठाने लगीं और बैठने को बोलीं.
मैं प्लेट साइड में रख कर बैठ गया.
फिर मैंने पूछा- आप परफ्यूम कौन सा यूज करती हो, आपके रूम से बहुत अच्छी महक आ रही है.
इस पर वो हंस कर बोलीं- सब लेडीज परफ्यूम हैं, तुम्हारे मतलब के नहीं हैं.
अब वो खाना लगाने लगीं.
खाना खाते हुए हम बातें कर रहे थे.
भाभी ने पूछा- खाना कैसा है?
मैं- बहुत अच्छा है.
भाभी- और घर कैसा लगा?
मैं- घर भी अच्छा है.
फिर भाभी ने धीरे से पूछा- और घर वाली कैसी लगी?
मैं थोड़ा चौंका और बोला- वो भी बहुत अच्छी है.
इस पर वो थैंक्यू बोल कर खाना खाने लगीं.
हम दोनों ही मुस्कुरा रहे थे और एक दूसरे से नजरें चुरा रहे थे.
फिर भाभी ने मेरे बारे में पूछा- इंटरव्यू का टाइम क्या है?
तो मैंने बोला- कल 11 बजे है.
भाभी- फिर कोई प्राब्लम नहीं है. मैं तुम्हारे लिए नाश्ता बना दूंगी, खाकर ही जाना.
मैंने भी ओके बोल दिया.
फिर हम दोनों ने खाना खत्म किया और भाभी अपने काम में लग गईं.
मैं उनके कमरे में ही लेटा रहा.
काम खत्म करके भाभी कमरे में आ गईं और बोलीं- तुम और कुछ भी तो बताओ?
मैंने बोला- क्या पूछना चाहती हैं?
इस पर भाभी बोलीं- अगर तुम्हारी जॉब यहीं पर लग गई, तो फिर तुम कहां पर रहोगे?
इस पर मैंने बोला कि कमरा लेना पड़ेगा रेंट पर!
भाभी- क्या तुम मेरे घर पर ही रह सकते हो?
मैं- नहीं भाभी, आपके घर पर कब तक रहूंगा?
भाभी- जब तक तुम रहना चाहो.
मैं- नहीं भाभी, ऐसे मुझको अच्छा नहीं लगता.
भाभी- चलो ठीक है, किराये पर रह लेना. जो किराया तुम बाहर दोगे, वो मुझको दे दिया करना. तुम्हारे सहारे से मेरा भी मन लग जाया करेगा.
मैंने थोड़ा सोचा और बोला- ठीक है, पहले इंटरव्यू तो देने दो. तभी तो पता चलेगा!
इस पर भाभी बोलीं- ओके, तुम्हारी जॉब पक्की है.
मैं हंस दिया और बोला- आपको कैसे पता?
वो बोलीं- बस पता है.
मैंने बोला- देखते हैं
इस पर भाभी बोलीं- अगर लग गई, तो तुम मेरे घर पर ही रहोगे ना?
मैंने भी ओके बोल दिया.
फिर थोड़ी बातचीत करके मैंने कहा- भाभी अब सो जाना चाहिए, सुबह मुझको जाना भी है.
इस पर भाभी बोलीं- अरे हां, मुझको भी जॉब पर जाना है.
भाभी भी किसी कंपनी में जॉब करती थीं.
मैंने बोला कि मैं किधर सो जाऊं?
भाभी बोलीं- यहीं मेरे पास सो जाओ. दोनों साथ में सो जाएंगे.
ये कह कर वो हंस दीं.
मैंने मना करते हुए कहा- नहीं, मुझको दूसरे रूम में लिटा दो.
इस पर भाभी बोलीं- दूसरे रूम में सफाई नहीं है. तुम यहीं मेरे रूम में ही सो जाओ.
मैंने उनसे बिस्तर मांगा और नीचे डाल कर उस पर लेटने की कहने लगा.
भाभी बोलीं- यहीं मेरे बेड पर ही सो जाओ.
मैंने मना कर दिया.
भाभी ने भी ज्यादा कुछ नहीं बोला और वो मुझे गद्दा देकर बेड पर लेट गईं और मैं नीचे.
हम दोनों सो गए.
रात के क़रीब 2 बजे में उठा और वाशरूम चला गया.
जब वापस आया तो देखा भाभी मेरी तरफ पीठ करके लेटी हुई थीं और उनकी नाइटी ऊपर जांघों तक उठी हुई थी.
ये देख कर मेरी हालत खराब हो गई.
मेरा सोया हुआ नाग जाग गया और फुफकार मारने लगा.
लेकिन मैं कंट्रोल करके सो गया.
सुबह भाभी ने 7 बजे उठा दिया और बोलीं- उठो राज, चाय पी लो.
मैंने मना करते हुए कहा- भाभी, मैं चाय नहीं पीता.
इस पर भाभी बोलीं- कोई बात नहीं थोड़ी सी पी लो. मैंने तुम्हारे लिए बहुत प्यार से बनाई है.
मैंने भाभी की तरफ देखा तो उनकी आंखों में कुछ अलग ही चमक थी और बात करने का तरीका भी बदल चुका था.
अब वो हर बात डबल मीनिंग में कर रही थीं लेकिन मैं अनजान बनते हुए सब कुछ इग्नोर कर रहा था.
फिर मैं तैयार होकर जाने लगा तो भाभी बोलीं- इंटरव्यू के बाद मुझसे मिल कर जाना … और बता कर जाना कि क्या हुआ जॉब का?
मैं ओके बोलते हुए निकल गया.
एक ऑटो पकड़ कर मैं इंटरव्यू देने पहुंच गया.
दिन में 3 बजे वापिस आया तो भाभी का घर लॉक था.
मेरे कपड़े अभी भी अन्दर ही थे और मैं भाभी का फ़ोन नबर लेना भी भूल गया था.
मैंने भाभी के आने का वेट किया.
शाम को 5 बजे भाभी आईं.
वो जींस और शर्ट में मस्त पटाखा माल लग रही थीं.
आते ही भाभी बोलीं- ओह सॉरी … मैं तुम्हारा तो भूल ही गई थी कि तुम मेरा इन्तजार कर रहे होगे.
उन्होंने जल्दी से गेट खोला और अन्दर आने को बोलने लगीं.
फिर भाभी बोलीं- तुम थोड़ा रुको, मैं चेंज करके अभी आती हूँ.
आज भाभी लोअर और एक ढीली सी टी-शर्ट पहन कर बाहर आईं.
भाभी बोलीं- हां अब बताओ क्या हुआ?
मैंने कहा कि मुझको घर जाना है.
इस पर भाभी थोड़ा उदास हो गईं और बोलीं- क्या हुआ … इंटरव्यू सही नहीं गया क्या … जॉब नहीं लगी? ऐसा कैसे हो सकता है, तुमको मना कैसे कर सकते हैं वो लोग!
मानो जैसे उनको इस बात का बहुत दुख हुआ हो.
मैंने भाभी से कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है, मेरी जॉब लग गई है और मुझको 3 दिन बाद ज्वाइन करना है.
इस पर भाभी खुश होकर पूछने लगीं कि फिर घर क्यों जा रहे हो?
उनके पूछने से साफ़ पता चल रहा था, जैसे भाभी को मेरा जाना अच्छा नहीं लग रहा था.
मैंने कहा- मेरे पास इतने कपड़े नहीं हैं. मैं अपने घर वालों से भी मिल आऊंगा और अपने कपड़े भी ले आऊंगा. कुछ जरूरी सामान भी लाना है.
इस पर भाभी ने एक आशा भरी निगाहों से पूछा- वापिस तो आओगे ना!
उनकी आंखों से साफ़ लग रहा था जैसे मेरे बिना भाभी का मन ही नहीं लग रहा हो.
मैंने भाभी से कहा- हां भाभी, मैं जरूर आऊंगा.
इस पर भाभी थोड़ा खुश हो गईं और बोलीं- जाओगे कब … ट्रेन कब की है?
मैंने बोला कि कल मॉर्निंग की है. नाइट की ट्रेन में कोई सीट नहीं मिली.
इस पर भाभी बहुत ज्यादा खुश हो गईं और बोलीं- ओके, तो फिर आज तुम्हारे लिए रूम की सफाई करते हैं और शाम को पार्टी करते हैं.
मैंने बोला- पार्टी किस लिए?
भाभी बोलीं- अरे तुम्हारी जॉब लगी है इस लिए पार्टी करते हैं. चलो पार्टी दो.
मैंने उनसे कहा- मगर मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं!
इस पर भाभी बोलीं- कोई बात नहीं पार्टी मैं दे दूंगी, जब तुम्हारी सैलरी आ जाए … तो वापिस कर देना.
फिर हम दोनों ने खाना खाया और रूम की सफाई करने में लग गए.
सफाई करते करते देर हो गई.
भाभी ने पूछा- खाना घर पर खाओगे या बाहर?
मैंने कहा- घर पर ही खाएंगे.
भाभी ने पूछा और पीना?
इस पर मैं थोड़ा चौंका- मतलब?
भाभी बोलीं- ड्रिंक नहीं करते हो क्या?
मैंने बोला- करता हूं मगर …
इससे पहले मैं कुछ और बोलता, तब तक भाभी बोलीं- बस तो फायनल हो गया. तुम बाहर से बोतल ले आना, तब तक मैं कुछ खाने के लिए बनाती हूँ.
उन्होंने मुझको 3 हजार रूपए दिए और बोलीं- एक रेड लेबल की बोतल और कुछ फ्रूट और कुछ ड्राई फ्रूट ले आना … और हां एक सिगरेट का पैकेट भी ले आना.
मैं उनसे पैसे लेकर दुकान पर बोतल लेने पहुंचा, तो देखा 1970 रुपए की एक बोतल मिल रही थी.
सच में मैं तो कभी ब्लेंडर प्राइड से ऊपर ही नहीं गया था.
खैर … मैंने एक बोतल ले ली और कुछ फ्रूट और ड्राई फ्रूट लेकर घर आ गया.
तब तक भाभी ने खाना तैयार कर दिया था. आलू गोभी की सब्जी और पूरियां बन चुकी थीं.
भाभी ने मुझे आया देख कर कहा- तुम चेंज कर लो, ये कपड़े गंदे हो गए हैं. जल्दी से नहा कर फ्रेश हो जाओ, तब तक मैं भी नहा कर फ्रेश हो जाती हूँ.
मैंने कहा- मगर मेरे पास दूसरे कपड़े नहीं है भाभी!
भाभी ने मुझे एक बॉक्सर और एक टी-शर्ट लाकर दी और बोलीं- ये पहन लो.
मैं भी उनके दिए कपड़ों को लेकर अपने रूम में आ गया और नहा कर कपड़े पहन लिए.
जब मैं भाभी के रूम में पहुंचा तो भाभी अभी नहा रही थीं.
मैंने आवाज दी, तो वो बोलीं- तुम सामान लगाओ, तब तक मैं आती हूँ.
उन्होंने मुझको गिलास और पानी की बोतल बताई और प्लेट वगैरह के बारे में बताया कि किचन में सब रख दिया है.
मैंने सब कुछ सैट कर दिया, फ्रूट काट दिए और ड्राई फ्रूट भी प्लेट में सजा लिए.
दोनों गिलासों में पैग बना कर रख भी दिया.
मैं ड्राइंग रूम में बैठा था और टेबल पर सब सामान तैयार था.
जैसे ही भाभी अन्दर कमरे में आईं, मैं उनको देखता ही रह गया.
भाभी ने भी मेरी तरह ही एक छोटी सी कच्छी पहनी हुई थी और छोटी सी बनियान पहनी थी, जिसमें से भाभी की सिर्फ चूची और चूत भर छिप पा रही थी, बाकी सब कुछ दिख रहा था.
मेरी नज़र भाभी के चूचों पर थी. मैं सिर्फ उनको ही देखे जा रहा था और ये बात भाभी ने भी भलीभांति समझ ली थी.
उन्होंने इठला कर पूछा- क्या देख रहे हो?
मैं उनकी चूचियों से नज़र हटाते हुए बोला- कुछ नहीं बस आपकी खूबसूरती देख रहा था.
वो हंसने लगीं और मैं पानी की बोतल उठा कर गिलास में पानी डालने लगा.
भाभी मेरे पास ही मेरे बगल में बैठ गईं.
उनके बदन से बहुत अच्छी खुशबू आ रही थी, उनके परफ्यूम की ये महक मदहोश कर देने वाली थी.
फिर हम दोनों ने एक एक पैग लिया और चियर्स बोल कर सिप करने लगे और बातें करने लगे.
भाभी बोलने लगीं- तो मैं तुम्हें कैसी लग रही हूँ?
मैंने कहा- सच में भाभी, आप बहुत अच्छी लग रही हो.
भाभी बोलीं- बहुत अच्छी लग रही हूँ या कुछ और भी लग रही हूँ?
इस पर मैं कुछ नहीं बोला और पैग को एक झटके में खाली कर दिया.
दूसरा पैग बनाने के लिए मैंने बोतल उठा ली.
भाभी ने कहा- अरे इतनी जल्दी क्या है … रुको अभी. इस बार पैग मैं बनाती हूँ.
ये कह कर भाभी ने अपना पैग खींचा और मेरे हाथ से बोतल लेकर दूसरा पैग बना दिया.
फिर पैग रेडी करके भाभी ने सिगरेट की डिब्बी उठाई और एक सिगरेट होंठों से लगा ली.
वो कश खींचती हुई बोलीं- राज, एक बात पूछूं?
मैं- हां भाभी, पूछो ना!
भाभी- सच बताओगे या झूठ?
मैं- सच बताऊंगा भाभी.
भाभी- तुम्हारी कितनी गर्लफ्रेंड हैं?
ये सुन कर मैं भाभी की तरफ देखने लगा.
भाभी ने मेरी तरफ आंख दबाते हुए कहा- बताओ ना!
मैं- भाभी बस एक ही है.
भाभी- उसके साथ कभी सेक्स किया है तुमने?
मैं- हां भाभी.
भाभी- कितनी बार?
मैं- बस दो बार. भाभी सिगरेट दो न!
भाभी- अच्छा.
ये कहते हुए उन्होंने सिगरेट को मेरी तरफ बढ़ा दिया.
मैंने भी कश मारा और भाभी की तरफ देखने लगा.
अब भाभी मुझको बहुत ज्यादा सेक्सी लग रही थीं, बस मन कर रहा था कि इन हॉट इंडियन भाभी को पटक कर बस चोद दूँ.
भाभी ने झुक कर चूचियां दिखाईं और पूछा- क्या देख रहे हो … कुछ सोच रहे हो क्या?
मैं चुप रहा.
भाभी- बताओ ना राज, क्या सोच रहे हो?
मैं- कुछ नहीं भाभी.
भाभी- बताओ ना प्लीज़, तुमको मेरी कसम … क्या सोच रहे हो बताओ?
मैं- भाभी आप न बहुत सेक्सी लग रही हो!
भाभी हंसती हुई बोलीं- हां वो तो मुझको पता है कि मैं सेक्सी हूँ. तुम्हारे भैया भी यही बोलते हैं.
वो अंगड़ाई लेकर हंसने लगीं.
मैं- भाभी, भैया यहां पर क्यों नहीं रहते?
वो बोलीं- तुम्हारे भैया दिल्ली में जॉब करते हैं … और मेरी जॉब यहीं पर है. इसलिए हम दोनों अलग रहते हैं. लेकिन जब मन करता है, तो मिल लेते हैं. अभी मैं उनसे मिलने ही गई थी. कभी वो भी मिलने आ जाते हैं.
मैं कुछ नहीं बोला.
भाभी- तुम बताओ, तुम कैसे मिलते हो अपनी गर्लफ्रेंड से?
मैं- जब भी मौका मिलता है, तो मिल लेते हैं … नहीं तो कोई बात नहीं!
इन बातों के बीच हमारे गिलास खाली हो गए थे.
भाभी ने बोतल उठाई और पैग बनाने लगी.
हम दोनों ने पैग खत्म किया और मैंने सिगरेट सुलगा ली.
तब मैंने महसूस किया कि भाभी का हाथ मेरी जांघ पर घूम रहा था.
मैंने भाभी की तरफ देखा तो भाभी मुस्कुरा रही थीं.
फिर भाभी ने मेरे हाथ से सिगरेट ली, कश मार कर मेरे मुँह पर धुआं मारती हुई बोलीं- मुझको तुम बहुत अच्छे लगने लगे हो.
मैं- भाभी अच्छी तो आप भी मुझको बहुत लगती हो, पर क्या करूं आपकी शादी हो गई है, नहीं तो मैं अभी के अभी आपसे शादी कर लेता.
ये कह कर मैं हंसने लगा.
भाभी- कोई बात नहीं, शादी तो मैं भी तुमसे नहीं कर सकती, पर तुम मेरे साथ कुछ भी कर सकते हो.
इस पर मैं सोचने लगा और बोला- कुछ भी?
भाभी बोलीं- हां, कुछ भी जो तुम्हारा मन करे.
मैंने फिर से कहा- देख लेना, मैं कुछ भी कर सकता हूँ?
भाभी बोलीं- करके दिखाओ, तभी तो पता चलेगा कि क्या क्या कर सकते हो?
दोस्तो, मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी सेक्स कहानी में मजा आ रहा होगा.
अगले भाग में हॉट इंडियन भाभी की मस्त चुदाई की कहानी का मजा मिलेगा. बस आप मुझे मेल करना न भूलें.
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