आगरा सेक्स कहानी में पढ़ें कि एक जवान लड़की को ताजमहल परिसर में एक नीग्रो पसन्द आ गया तो उसके लंड के बारे में सोच कर लड़की की चूत गीली हो गयी. लड़की नीग्रो से कैसे चुदी.
यह कहानी सुनें.
मेरा नाम सुधा है, मैं आगरा में रहती हूँ. मैं 23 साल की हूँ और एक देसी लड़की हूँ.
मेरी हाइट पांच फीट की है और मेरी गांड काफी मोटी है.
मैंने एक अफ्रीकन नीग्रो के बड़े लंड को कैसे चोदा, आज मैं उसी घटना की आगरा सेक्स कहानी लिख रही हूँ.
हमारे आगरा का ताजमहल जग विख्यात है, बहुत सारे लोग देश विदेश से ताजमहल देखने आते हैं.
मेरा वर्तमान वाला घर ताजमहल वाले एरिया के पास ही है. मैं वहां रोज जाती हूँ और पर्यटकों के फोटो निकालती हूँ.
एक दिन मैंने देखा कि वहां अफ्रीका से एक आदमी आया था ताजमहल देखने और कैमरा से फोटो ले रहा था.
वैसे वह देखने में बहुत ही गंदा और काला था लेकिन फिर भी वह 6 फीट 6 इंच का कद्दावर, मोटा और अलमस्त मर्द था.
उसकी बॉडी एकदम कसी हुई थी.
उसने टी-शर्ट पहनी हुई थी जिसमें से उसके मसल्स दिख रहे थे.
मैं कभी कभी भी पोर्न देखती हूँ. मैंने पॉर्न फिल्मों में देखा है कि काले हब्शियों के लंड कुछ ज्यादा ही बड़े होते हैं.
उसको देख कर मैं सोचने लगी कि इसका लंड भी बड़ा होगा.
बस यही ख्याल दिलोदिमाग में चलने लगा और उसको देख देख कर मेरी चूत से रस झड़ने लगा.
मैं सोचने लगी कि अगर इस आदमी के साथ सेक्स करने का मौका मिले तो मुझे जन्नत ही मिल जाए.
उस दिन काफी भीड़ थी और मैं भीड़ में लोगों से टकराने से बचती हुई अपनी चूत के रस को टपकने से रोकने में लगी हुई थी.
जब मन नहीं माना तो मैं उसके पास गई और हाय हैलो बोल कर उससे बातचीत करने लगी.
वह हिंदी नहीं बोल सकता था इसलिए हमारी बातचीत अंग्रेजी में ही हुई.
वह बहुत ही अच्छे अन्दाज में बात कर रहा था.
मैंने सोचा इसने तो बहुत सारी गोरी लड़कियों की चूत चोद ली होगी.
मैं उसके सामने एक छोटी बच्ची जैसी दिख रही थी.
वह बहुत ही बड़ा किसी पहाड़ जैसा डरावना मर्द था.
उसका नाम जॉनसन था.
फिर मैंने उसे अपना नम्बर दिया.
हम दोनों ने बहुत बातें की.
मैं उसे इशारे देने लगी कि मुझे सेक्स करना है.
वह भी कोई बेवकूफ नहीं था, वह समझ गया था कि मैं क्या चाहती हूँ.
मैं उसकी पैंट को घूर रही थी.
वह कमरे में चलने की बात करने लगा कि वहीं बैठ कर बात करते हैं.
मैंने मुस्कुरा कर कहा- हां, कमरे में ही बैठ कर कुछ गपशप करते हैं.
उसने मेरी पसंद पूछी और मुझसे ही जानकारी लेकर एक होटल बुक कर लिया.
उस समय मैं उससे चुदना नहीं चाहती थी तो मैंने उससे रात को आने का वायदा किया.
वह बोला- ओके, तुम डिनर और ड्रिंक मेरे साथ ही करना.
मैंने हंस कर हामी भर दी और उससे विदा लेकर चली गई.
जब मैं रोज की तरह ताजमहल के कैंपस में अपनी फ़ोटोग्राफी के लिए गई थी, उस समय तक मुझे चुदने का कोई विचार नहीं था.
परन्तु जब जॉन से मुलाकात हुई तब मुझे उसके साथ सेक्स करने की इच्छा बलवती हुई थी.
मुझे जॉन से मिलने से पहले अपने जिस्म के अनचाहे बाल भी साफ करने थे और शायद उसको भी मेरे लिए तैयार होने का वक्त चाहिए था.
हम दोनों की बातचीत में दबे और छिपे शब्दों में रात को सेक्स की बात पक्की हो गई थी.
फिर मैं अपने घर आई और कमरे में आते ही मैंने खुद को नंगी किया और अपनी रस टपकाती चूत को दर्पण में देखा.
चूत पर बड़ी बड़ी झांटें उगी हुई थीं और एकदम बदसूरत चूत लग रही थी.
मैंने चूत धोई और उस पर वीट क्रीम लगा कर कमोड पर बैठ गई और एक सिगरेट दबा कर धुआं उड़ाने लगी.
हाथ में मोबाईल था तो फ्री सेक्स कहानी पढ़ने लगी.
मोबाईल को मैंने सामने लगे एक बेसिन की पट्टी पर रख दिया.
FSK की साइट में भी मैंने एक काले हब्शी से चुदाई की कहानी को पढ़ा.
उस गर्म और कामुक सेक्स कहानी में एक जॉन जैसा सांड एक 19 साल की कमसिन लौंडिया को अपने लौड़े पर बिठा कर झूला झुला रहा था.
वह सब पढ़ते पढ़ते मैं अपनी एक हाथ की उंगली को चूत में फिराने लगी.
दूसरे हाथ में सिगरेट फंसी थी … चुदाई का मजा मैं उंगली की रगड़ से लेने लगी थी.
कुछ देर बाद सिगरेट बुझा कर मैंने वीट क्रीम को नैपकिन से पौंछ कर चूत को चिकना कर लिया.
फिर नहा कर बाहर आ गई.
रात को मैं वहां उस होटल के कमरे में पहुंची.
मेरा दिल धक धक कर रहा था, आज से पहले मैं कभी ऐसे मर्द से नहीं चुदी थी.
वह मेरे लिए बियर और वोड्का लेकर आया.
हम दोनों ने बातें की.
फिर वह मुझे किस करने लगा, मैं तो खुद यही चाहती थी.
उसने अपने ऊपर के कपड़े उतार दिए.
उसका काला बदन नंगा हो गया था.
फिर मैंने भी अपने ऊपर के कपड़े उतार दिए.
हम दोनों ने बहुत देर तक किस की, उसके होंठ बहुत ही बड़े थे.
अफ्रीका के लोगों के होंठ ऐसे होते हैं कि क्या ही बताऊं. किस करने का बड़ा मजा आ रहा था.
‘उम्माह उमाह …’
मैं फुल गर्म हो गई थी.
उसने अपना पैंट निकाला, उसका लंड बाहर आ गया. उसका लंड बहुत ही काला था … लेकिन जैसे जादू था उसमें.
उसका लंड 9 इंच का था और एकदम तना हुआ मोटी ककड़ी के जैसा लंड … फुंफकार मार रहा था.
मैंने उसके लौड़े को हाथ में ले लिया.
वह तो मेरे हाथ में भी नहीं आ रहा था. मैं जॉन के सामने घुटनों के बल बैठ गई और उसके लौड़े को मुँह में लेकर चूसने की कोशिश करने लगी.
जॉन सिगरेट अपने होंठों में दबाए धुआं उड़ा रहा था और अपने दोनों हाथों से मेरे सर को अपने लौड़े पर दबा रहा था.
मेरा छोटा सा मुँह था और उसका मोटे केले जैसा बड़ा मूसल सा लंड … अन्दर ले पाना कठिन लग रहा था.
साला ये लौड़ा मेरे मुँह में नहीं जा पा रहा है, तो ये मेरी चूत में कैसे जाएगा. मैं यही सोच कर डर गई.
मगर तारीफ थी उस काले नीग्रो जॉन की, वह बड़े आराम से काम ले रहा था.
कुछ देर किसी तरह से लौड़े के सुपारे को चाट कर और लंड को ऊपर से नीचे तक जुबान से चाट कर मैंने जॉन को संतुष्ट किया और उसके आंडों से खेलने लगी.
करीब दस मिनट के इस सेशन में मैंने और जॉन ने एक ही सिगरेट से मजा लिया.
फिर लंड को एकदम सख्त अवस्था में करके मैं पूरी नंगी होकर बिस्तर पर चित लेट गई.
मैंने अपनी दोनों टांगें फैला कर चूत खोल दी थी.
वह मेरी नंगी चूत को देखता हुआ मेरे ऊपर चढ़ गया और मेरी देसी चूत में अपना घोड़े जैसा लंड डालने लगा.
मेरी चूत बहुत गीली थी. उसने किसी तरह से सुपारा फांकों में सैट किया और धक्का दे दिया.
मेरी आंखें मुंद गईं और मुट्ठियां भिंच गई थीं. उसका मोटा लंड फंस फंस कर अन्दर जाने लगा था.
मुझे बहुत दर्द हुआ, वैसे तो मैं कुंवारी नहीं हूँ. मैं अपने मित्र से चुदवा कर अपना कौमार्य भंग करवा चुकी थी.
उसके बाद भी मैं काफी बार अलग अलग लौड़ों से चुदी हूँ … लेकिन इस भयंकर वाले लंड के सामने वह सब लौड़े तो लंड नहीं लुल्लियां थे.
वह सही मायने में मेरी चूत फाड़ रहा था.
ऐसा लग रहा था मानो आज ही मैं असल तरीके से अपना कुंवारापन गंवा रही हूँ.
कुछ ही देर में उसका पूरा लंड मेरी देसी चूत में घुस गया और उसने आगे पीछे करके मुझे चोदना चालू कर दिया.
अब तक मेरा दर्द भी खत्म हो गया था.
मेरी चूत बहुत ही टाइट है, उस पर जॉन ऐसे हिला हिला कर लंड अन्दर डाल रहा था कि काफी मजा आ रहा था.
मैं कुछ ऐसी पोजीशन में थी कि मुझे अपने पेट में उसका लंड जाता हुआ दिखाई दे रहा था.
लंड के अन्दर जाते ही जोर से आवाज आती फछ फछ … और निकलते वक्त पक्क पक्क की आवाज आती.
मैं तो समझो जन्नत में पहुंच गई थी.
वह अब बड़ी बेरहमी से मुझे चोद रहा था और मैं ‘आह यस फ़क मी …’ करके उसके साथ चुदाई का मजा ले रही थी.
उसके दोनों हाथों के पंजे काफी विशाल थे.
वह अपने दोनों हाथों से मेरे स्तन बेदर्दी से मसल रहा था.
मेरी चूचियों की तो समझो मौज हो गई थी. मेरे निप्पल बहुत तंग हो गए और मैं बस चुदाई की मिठाई चखने में तल्लीन हो गई थी.
उसका चोदने का अन्दाज बहुत ही कातिल था.
वह बहुत ही पहुंचा हुआ मर्द था और आसानी से झड़ने वाला मर्द भी नहीं था.
उसको मुझे चोदते हुए आधा घंटा हो गया था.
उसके चेहरे पर थकान का जरा सा भी प्रभाव नहीं दिख रहा था और ना ही वह अभी झड़ने की किसी स्थिति में दिख रहा था.
जबकि मैं अब तक दो बार चूत से रस फेंक चुकी थी.
दोस्तो, सच बता रही हूँ कि उस दिन मैं जॉन के काले लंड से एक घंटा तक चुदी.
जब उसका लंड चूत में अन्दर जाता और बाहर आता, तो लौड़े की जवानी देख कर मैं उसकी दीवानी हो जाती.
मेरी आंखें नशे में झूम रही थीं और मेरे मुँह से गहरी आवाजें निकल रही थीं ‘आआह आअह … हाय मर गई.’
मेरी चूत से लगातार पानी निकल रहा था. ऐसा स्खलन मुझे आज पहली बार मिला था.
गजब का नशा छा गया था.
पूरी चुदाई में मैं न जाने कितनी बार झड़ चुकी थी, मुझे खुद भी होश नहीं था.
आज से पहले इतना पानी चूत से कभी नहीं निकला था.
फिर मैं उसके ऊपर आ गई. उसका 9 का लंड हाथ में लेकर मैं अपनी गांड के छेद पर घुमाने लगी.
वह हंसने लगा.
मैंने कहा- हंसो मत बेटा … ये मेरी गांड में नहीं जाएगा.
वह बोला- तो गांड क्यों घिस रही है?
मैं हंसती हुई उसके लंड पर अपनी चूत फंसा कर बैठ गई और ऊपर नीचे होकर चूत रगड़वाने लगी.
उसका लंड लेने का मजा अलग ही लेबल का था … मैं उस सुख को बयान ही नहीं कर सकती.
अब वह भी जोर लगाकर नीचे से अपनी गांड उठा उठा कर मेरी चूत चोदने लगा.
उसके मोटे लंड के चोदने से मेरी बुर लाल हो गई थी.
साला कल्लू क्या धक्के मार रहा था.
मैंने उसकी छाती पर झुक कर उसके मुँह में अपना एक दूध दे दिया. इससे वह अतिउत्तेजित हो गया और इस तरह से चूचियां चुसवाने से वह कुछ ही देर बाद झड़ गया.
मैं बहुत ही ज्यादा थक गई थी.
उसके बाद हम दोनों अलग अलग हुए और उसने पैग बना कर नीट दारू में आइस क्यूब डाल कर एक गिलास मुझे पकड़ा दिया.
मैं काफी प्यासी हो गई थी. मैंने एक ही झटके में गिलास खाली करके उसके गिलास को भी अपने हाथ में ले लिया.
वह हंस पड़ा और उसने अपने लिए फिर से गिलास भर लिया.
मैंने दूसरे गिलास से एक सिप लिया और उसकी सिगरेट की डिब्बी से एक सिगरेट निकाल कर अपने होंठों में दबा ली.
उसने लाइटर से मेरी सिगरेट को लौ दिखा दी.
हम दोनों करीब आधा घंटा तक यूं ही शराब और सिगरेट का मजा लेते रहे.
उसके बाद मैं कपड़े पहन कर घर वापस आ गई.
उसी रात को उसकी फ्लाइट थी, तो वह भी वापस चला गया.
सुबह उठ कर मैंने देखा कि मेरी चूत खुल गई थी.
उसके लंड ने वाकई मेरी चूत का भोसड़ा बना दिया था.
चूत का छेद काफी बड़ा हो गया था.
मैं अपनी चूत में उंगली डालने लगी, तो उंगली से कोई सनसनी ही नहीं हो रही थी.
मुझे उसका बड़ा और काला लंड याद आने लगा.
मेरी हवस फिर से जाग गई.
फिर जैसे तैसे मैंने अपनी चूत में एक खीरा डाल कर आग बुझाई.
अब मैं उस जैसे किसी बड़े और मोटे लौड़े वाले मर्द से शादी करना चाहती थी.
फिर मैंने एक मद्रासी लड़के से शादी कर ली.
पति का काला लंड केवल 5 इंच का है जो लगभग हर भारतीय लड़के का होता है.
मेरा पति मेरी चूत चोदता है लेकिन मुझे जॉन के जैसा मजा नहीं आ पाता है.
फिर भी शादी के बाद किसी गैर मर्द से नहीं चुदी हूँ. मैं अपने पति को धोखा नहीं देना चाहती हूँ.
वैसे मेरा पति चूत चाटने में बड़ा एक्सपर्ट है.
मैं अपने पति से अपनी चूत बहुत चुसवाती हूँ.
फिर भी उसके साथ चुदने में जॉन जैसा मजा न मिल पाने के कारण मेरी प्यास बुझ नहीं पाती है.
एक दिन हमारी लड़ाई हो गई.
मैंने पति के लंड को बुरा भला कह दिया.
उसने भी तेज स्वर में कहा- तेरे चूचे भी बहुत छोटे हैं. मैंने कभी कहा कुछ?
मुझे बहुत बुरा लगा.
अब मैं समझ रही हूँ कि मुझे ऐसा नहीं कहना चाहिए था.
काफी समय तक हम दोनों के बीच बात नहीं हुई.
मैं चुदने के लिए तड़प रही थी.
फिर सोचा कि जैसा भी है, मेरा पति है.
मुझे चुदास थी तो मैंने अपने पति से माफी मांग ली और उस रात उसने मेरी चूत जबरदस्त चाट कर चार बार चोदी.
तो यह आगरा सेक्स कहानी थी मेरी बड़े लंड से चुदाई की!
आपको कैसी लगी, बताएं.
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लेखक की पिछली कहानी थी: आंटी की चूत की खुशबू