हॉट बाँडेज सेक्स कहानी में पढ़ें कि कैसे अपने पड़ोसी कपल से BDSM सेक्स का बदला अपने भाई के साथ मिल कर उनके घर में ही लिया.
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कहानी के पिछले भाग
मेरा भाई भी सेक्स के खेल में शामिल हुआ
में आपने पढ़ा कि मैं अपने पड़ोसी कपल निधि तपिश के सेक्स भरा बदला लेने के लिए अपने भाई को लेकर उनके घर गयी.
निधि को मैंने अपनी आधी अधूरी योजना बता कर फुसला लिया और वो मेरी बात मानने लगी.
अब आगे हॉट बाँडेज सेक्स कहानी:
तब मैंने निधि को इशारा किया तो वो दो कफ्फ और लाई और तपिश के पैरों को भी पोल से बांध दिया।
मैंने तपिश का लोड़ा चूस चूस कर ऐसा मदहोश किया हुआ था कि उसे पता नहीं चला।
अब मैंने यश को इशारा किया और वो निधि की चूत चाटने लगा।
उसने नीचे बैठ कर निधि का पैर अपने कंधे पर रखा और निधि की चूत चाटने लगा।
मेरे ही इशारे पर यश ने अपनी जीभ निधि की गांड पर लगायी और उसे चाटने लगा।
निधि की वासनामयी आवाजों से पूरा कमरा गूँज रहा था।
उधर तपिश का लंड भी पूरा खड़ा हो गया था।
मैं उठी और निधि के पास आयी, यश को कहा- अब छोड़ दे इसे!
मैंने निधि से कहा- देख अब तपिश को मजा देने का समय आ गया।
यह सुनकर तपिश बहुत खुश हुआ।
मैंने निधि को कहा- तुम तपिश के लोड़े पर बैठो और उसके पैरों की तरफ मुंह करो। मैं उसका लोड़ा तुम्हारे अंदर सेट करूँगी और तब तुम झटके से उस पर बैठना।
और मैंने उससे पूछा- कोई क्रीम है?
तो उसने कहा- अलमारी में है … पर क्यों?
मैंने कहा- तुम चाहती हो कि तपिश को मजा आए तो जैसा मैं कहती करती रहो।
उसने ‘ठीक है’ कहा।
अलमारी से मैंने क्रीम निकाली और चुपचाप दो हैंड कफ्फ भी निकाल लिये।
मैंने चुपके से कफ्फ यश को पकड़ाए और आकर तपिश के लंड पर क्रीम लगाई और उसके लंड को रगड़ने लगी।
क्रीम की वजह से उसका लंड पूरा तन कर चमकने लगा।
मैंने निधि को उस पर बैठने को कहा और कहा- इसको अंदर मत लेना अभी।
वो उसके लंड पर थोड़ा ऊपर होकर बैठी।
तब मैंने तपिश को देखा और उसको आंख मारी।
वो बहुत खुश लगा।
मैंने तपिश का लंड पकड़कर निधि की गांड पर सेट किया और मैंने यश को इशारा किया और उसने निधि के कंधे से जोर से दबाकर निधि को नीचे कर दिया।
तपिश का लोड़ा निधि की गांड फाड़ता हुआ अंदर घुस गया।
लगभग आधे से ज्यादा तपिश का लंड निधि की गांड में घुस गया।
निधि चिल्लाई- मार डाला … मेरी गांड फाड़ दी।
तपिश को अच्छा लग रहा था।
मैंने उससे कहा- यार धीरे-धीरे इसकी गांड चोद ताकि तेरे साथ इसको भी मजा आये।
तपिश ने धीरे-धीरे अंदर बाहर करना शुरू किया।
थोड़ी देर में निधि को भी मजा आने लगा।
तब मैंने उसे कहा- अपने पैर फैला!
जैसे ही उसने पैर फैलाये तपिश का लंड पूरा उसकी गांड में घुस गया।
वो चिल्लाई- हाय मार दिया।
मैंने उससे कहा- यार अभी मजा आएगा। तू तपिश के ऊपर थोड़ा लेट जा!
वो लेट गई।
तपिश को बड़ा मजा आ रहा था।
पर असली पिक्चर तो बाकी थी।
मैंने निधि के दोनों पैर पकड़ लिये और यश ने निधि के दोनों हाथों में कफ्फ लगाकर पोल से बांध दिये।
निधि बोली- ये क्या कर रही हो?
मैंने कहा- जान अभी बहुत मज़ा बाकी है … जरा देखती जा!
वो चुप हो गई।
नीचे से तपिश उसकी गांड चोद रहा था।
मैंने यश को इशारा किया तो वो अलमारी से दो कफ्फ और निकाल लाया और तब उसने दोनों कफ्फ निधि के पैरों में लगाकर पोल से बांध दिये।
निधि चिल्लाई- ये क्या है?
मैंने कहा- जान जरा थोड़ी देर और देखती जाओ।
मैंने अलमारी से डिल्डो निकाला, निधि के पास आई और डिल्डो उसकी चूत में डाल दिया।
वो चिल्लाने लगी- यार छोड़ दे … मैंने कभी दो एक साथ नहीं लिये।
मैंने कुछ नहीं सुना और डिल्डो का वाइब्रेटर शुरु कर दिया।
निधि चिल्लाई- प्लीज इसे बंद करो।
मैंने यश को कहा- यार तू अपना लंड इसको चूसने को दे दे ताकि ये चुप हो जाये।
यश ने अपना लण्ड निधि के मुंह में ठूंस दिया। यश उसके मुंह को चोदने लगा।
अब उसके तीनों छेद में लोड़े थे।
मैंने उसके निप्पल चूसने शुरु कर दिये।
तभी उसका पेट और पैर कांपने लगे।
मुझे पता चल गया कि उसका पानी निचुड़ रहा है।
उधर तपिश भी चिल्लाया- मैं गया!
और उसने अपने पानी से निधि की गांड भर दी।
पर वो अपना लंड निकाल नहीं सकता था क्योंकि निधि की पोजिशन ऐसी थी।
उधर यश निधि का मुंह पूरे जोश से चोदे जा रहा था।
और तभी उसने कहा- मेरा हो गया!
मैंने कहा- निधि की नाक पकड़कर पानी इसके मुंह में निकाल दे।
उसने सारा पानी निधि के मुंह में निकाल दिया।
मैंने देखा यश का पानी जरूरत से ज्यादा निकला था।
निधि आधा पानी पी गयी और आधा मुंह से निकालकर अपनी चूचियों पर गिरा दिया।
मैंने वो सारा पानी उसकी चूचियों पर रगड़ दिया।
फिर मैंने डिल्डो की स्पीड बढ़ा दी।
वो चिल्लाई- प्लीज नहीं।
उधर तपिश का भी लंड वाइब्रेशन की वजह से खड़ा होकर हिलने लगा।
मैंने यश को कहा- यार, निधि को तेरा लोड़ा बहुत पसंद है, उसे चूसना है. तू उसके मुंह में दे दे और उसकी चूची को मसल उसे अच्छा लगता है।
यश ने अपना लंड दोबारा निधि के मुंह में दे दिया।
तभी तपिश ने कहा- यार, मेरा पानी निकलने वाला है इसे रोक!
मैंने उससे कहा- यार अच्छा है बिना मेहनत के पानी निकल रहा है।
तभी तपिश ने हुंकार भरी और निधि की गांड अपने पानी से फिर से भर दी।
निधि की गांड पहले से ही भरी थी तो तपिश का पानी उसकी गांड से निकलकर तपिश के अंडों पर फैल गया।
तभी निधि ने यश का लंड मुंह से निकाला और चिल्लाई- मैं गई, मैं गई, मेरा पानी निकल गया।
मैंने डिल्डो की स्पीड फुल कर दी।
वो बोली- इसे बंद कर दे प्लीज … और तू जो कहेगी मैं कर लूंगी।
मैंने तपिश की तरफ देखा।
उसने आँखें बंद कर रखी थी। शायद उसे मजा आ रहा था और उसका लण्ड तेजी से हिल रहा था।
मैंने निधि से कहा- तपिश को तो बहुत मज़ा आ रहा है।
निधि ने कहा- मेरा सारा पानी निकल चुका है। प्लीज बक्श दे।
तब मैंने यश को इशारा किया तो उसने अपना लोड़ा निधि के मुंह में दे दिया ताकि वो चुप हो जाये।
मैंने निधि के निप्पल को जोर से खींच दिया।
थोड़ी देर में ही निधि ने अपना पानी छोड़ दिया और पूरी तरह से ढीली हो गई पर मैंने डिल्डो बंद नहीं किया।
वो बोली- प्लीज निकाल दे!
तब मैंने कहा- अभी तपिश का नहीं निकला।
थोड़ी देर में उसका और तपिश दोनों का एक साथ पानी निकल गया।
निधि का पानी उसकी चूत से निकलकर उसके चूतड़ में जा रहा था।
तपिश का पानी उसके अंडों पर!
दोनों पूरी तरह निढाल हो गए थे।
तब मैंने डिल्डो बंद करके उसकी चूत से निकाल दिया।
उसने मुझे थैंक्स कहा।
मैंने उसे कहा- तूने कहा था तू सब कुछ करेगी तो इसलिये निकाल दिया … नहीं तो वापिस डालूं?
उसने कहा- नहीं नहीं … मैं सब कुछ करूँगी।
तब मैंने यश को कहा- क्या तू इतना मोटा लंड लेकर सूखा घर जायेगा? देख इधर आ कितनी सुन्दर लाल चूत है।
निधि चिल्लाई- प्लीज … मेरी और लेने की हिम्मत नहीं है।
मैंने उसे कहा- पिछले इतवार को मैं भी ऐसे ही थी।
तब उसे समझ आया कि आज मैं उसकी नहीं सुनूँगी।
फिर वो चुप हो गई।
यश मेरे पास आया.
मैंने उसे कहा- आज तेरा स्टेमिना देखना है।
उसने निधि की चूत में अपना लंड घुसा दिया और उसे आगे पीछे करने लगा।
थोड़ी देर में निधि को मजा आने लगा।
मैंने यश को रोका और उसके पास गयी। उसका लोड़ा वैसे ही निधि की चूत में फंसा रहने दिया और अपनी दो उंगलियां निधि की चूत में डालने लगी।
निधि चिल्लाई- प्लीज लण्ड के साथ उंगलियां मत डाल मेरी चूत फट जायेगी।
मैंने कुछ नहीं सुना और दो उंगलिया जबरदस्ती डाल दी।
वो चिल्लाने लगी- मर गई … मर गई।
फिर मैंने उसके जी-स्पॉट को रब किया तो वो पागलों की तरह चिल्लाने लगी- आह आह आह!
और थोड़ी देर में उसने अपना पानी छोड़ दिया।
मेरी उंगलियां और यश का लंड दोनों गीले हो गये।
मैंने अपनी उंगलियां निकाली और यश को भी उसका लण्ड निकालने को कहा.
यश ने कहा- मेरा तो हुआ नहीं।
तब मैंने कहा- यार वेट कर … सब होगा।
मैंने अपनी उंगलियां निधि के चूचे पर साफ़ करी और निधि को कहा- चल यश का लोड़ा चाट कर साफ़ कर।
उसने अपना मुंह खोल दिया.
यश ने अपना खड़ा हुआ लण्ड उसके मुंह में दे दिया और निधि ने उसे चाट कर साफ़ कर दिया।
मैंने निधि से कहा- मैं तेरे हाथ पैर खोल रही हूं पर तुझे तपिश का लण्ड चाट कर साफ़ करना है।
उसने कहा- ठीक है।
मैंने उसके हाथ पैर खोल दिए।
उससे उठा नहीं जा रहा था तो मैंने उसको पकड़कर उठाया और उसको तपिश के पैरों के बीच में बिठा दिया।
वो नीचे झुककर तपिश का एकदम सफेद हुआ लण्ड चाटने लगी।
मैंने उसे कहा- इसे चूस कर खड़ा कर!
तपिश को कुछ होश नहीं था।
निधि ने उसका लण्ड चूसना शुरु कर दिया और थोड़ी मेहनत के बाद तपिश का लण्ड थोड़ा सा खड़ा हो गया।
मैंने निधि से कहा- चल अब इसके लण्ड को अपनी चूत में डाल कर इस पर कूद!
उसने कहा- अब मुझसे नहीं होगा।
मैंने उसे कहा- जान सब होगा … तू बस इस पर आ जा, बाकी मैं कर दूँगी।
वो बड़ी मुश्किल से आकर उस पर बैठ गयी।
मैंने तपिश का लोड़ा निधि की चूत पर सेट किया और निधि को कंधे से दबाकर नीचे कर दिया।
निधि की चूत पहले ही पूरी खुल गई थी इसलिये तपिश का लण्ड निधि की चूत में आराम से घुस गया।
मैंने निधि को पकड़कर ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया।
तब तपिश ने आंख खोली और उसका लण्ड भी बड़ा होने लगा।
निधि को भी पता चल गया कि तपिश का लण्ड बड़ा हो गया है।
मैंने निधि को आगे झुका दिया और तपिश को कहा- क्या यार … निधि का दूध नहीं पियोगे।
तपिश ने उसका एक निप्पल अपने मुंह में ले लिया।
उधर मैंने यश को निधि के पीछे आने का इशारा किया।
वो निधि के पीछे आया और मेरे इशारे के बाद उसने निधि की खुली हुई गांड में अपना लोड़ा डाल दिया।
निधि चिल्लाई- मार डाला।
वो उठने लगी तो मैंने उसके कंधे पकड़ लिये और मैंने तपिश से कहा- इसके निप्पल को दांत से पकड़ और इसको उठने मत दे। तेरे को भी तो मजा आ रहा है।
तपिश ने उसके निप्पल को दांत से पकड़ लिया तो वो उठ नहीं पाई।
मैंने यश को कहा- देखते हैं कि तू कितना तेज इसकी गांड को चोदता है और अपना पानी निकालता है।
यश ने अपनी पूरी स्पीड से निधि की गांड को चोदना शुरु कर दिया।
पूरे रूम में निधि की आवाजें गूँज रही थी।
पांच मिनट में यश ने अपने पानी से निधि की गांड भर दी।
तब मैंने निधि को सीधा किया और यश का लण्ड चाट कर साफ़ करने को कहा।
उसने मुंह खोल दिया और यश ने अपना सना हुआ लण्ड उसके मुंह में दे दिया।
निधि ने उसे चाट कर साफ़ कर दिया।
अब मैंने निधि को तपिश के लोड़े पर ऊपर नीचे करना शुरु कर दिया।
तभी तपिश और निधि एक साथ चिल्लाये- मैं गई … मैं गया!
और दोनों ने अपना पानी छोड़ दिया।
निधि निढाल होकर जमीन पर गिर गई और तपिश ने भी थक कर आँखें बंद कर ली।
तब मैंने तपिश के भी हाथ पैर खोल दिये।
अब मैंने बाथरूम में जाकर टब में गर्म पानी चालू कर दिया।
कुछ देर में टब भर गया।
निधि को मैंने कहा- टब में गर्म पानी है चलकर सिकाई कर ले।
मैंने निधि को सहारा दिया और टब में लिटा दिया और अपने हाथ से उसकी चूत और गांड की सिकाई करी।
करीब आधे घंटे की सिकाई के बाद उसे अच्छा लगा।
तो मैंने उससे पूछा- कैसा लगा मेरा बदला? तुम दोनों ने मुझे धोखे से फँसाया था, मैंने तुझे बता कर फंसा दिया।
ये सुनकर हम दोनों हंसने लगी।
उसने कहा- यार मजा तो बहुत आया। इतना पानी तो मैं एक हफ्ते मे भी नहीं निकालती। पर यार तूने मेरी चूत और गांड दोनों सुजा दी। अब तो मैं इस हफ्ते तपिश को हाथ भी नहीं लगाने दूँगी।
मैंने कहा- मजा तो तपिश को भी बहुत आया। इतना पानी तो उसने भी कभी एक साथ नहीं निकाला होगा।
निधि बोली- यार, एक साथ एक आदमी इतना पानी कहां निकालता है। वो बेचारा तो थक गया था।
मैंने कहा- था एक आदमी जो एक बार में पांच पांच बार पानी निकालता था वो भी लण्ड को चूत से निकाले बिना!
तो उसने पूछा- कौन है वो?
मैंने कहा- कभी और बताती हूं।
तभी एकदम से यश आया और कहा- दीदी मुझे बहुत तेज सू सू लगी है. दूसरे बाथरूम में तपिश है और उसने बंद कर रखा है। क्या मैं सू सू कर लूं?
तब मैंने कहा- रुक!
यश ने अपना लण्ड हाथ में पकड़ा हुआ था।
मैंने निधि से कहा- आज तू मेरी सारी बात मानेगी तूने प्रॉमिस किया है।
उसने कहा- हां जान, अब तू बता क्या करना है?
मैंने कहा- टब से बाहर आ नीचे बैठ जा और आँखें बंद कर ले। आज तुझे एक नया एक्सपीरियंस कराती हूं।
वो बाहर आ गई और घुटनों पर बैठकर आँखें बंद कर ली।
मैंने कहा- अपना मुंह खोल और जब तक मैं ना कहूं बंद मत करना और कुछ मत बोलना वर्ना एक घंटे के लिए डिल्डो तेरे अंदर डाल दूँगी।
वह बोली- अरे यार कुछ नहीं करूँगी, धमकी मत दे।
और वो चुपचाप मुंह खोल कर बैठ गई।
मैंने यश को उसके सू सू की धार निधि के मुंह मे मारने का इशारा किया।
यश ने अपना लोड़ा पकडा और उसे निधि के मुँह की तरफ सेट करके अपने सू सू की धार निधि के मुंह मे मार दी।
निधि ने कुछ नहीं बोला वो गर्म गर्म यश का सू सू पीने लगी।
मैंने यश को कहा- यार इसे नहला भी दे। इसके सिर पर मूत!
यश उसके सिर पर मूतने लगा।
मैंने निधि को कहा- निधि गर्म गर्म पानी है … अपने मुंह पर और शरीर पर रब कर ले, तेरी सिकाई हो जायेगी।
निधि ने वैसा ही किया।
यश का होने के बाद मैंने निधि को कहा- चल अब नहा कर बाहर आ जा।
ऐसा कहकर मैं और यश हंसते हुए बाहर आ गये।
बाहर तपिश बैठा था।
थोड़ी देर में निधि भी आ गई।
मैंने दोनों से पूछा- मजा आया?
तपिश बोला- हां यार पहली बार बिना कुछ किये मेरा इतना पानी निकला है। इतना तो मैंने एक साथ चार चार लड़कियों को चोदकर भी नहीं निकाला। अब तो मेरा कुछ दिनों का काम तमाम हो गया। देखो मेरा नुनु भी सिकुड़ के कितना छोटा हो गया है।
हम सब हंसने लगे।
निधि बोली- हां यार, मजा तो बहुत आया. और लास्ट में जो गर्म पानी पिया उसका टेस्ट थोड़ा थोड़ा अच्छा लगा। मेरी तो चूत और गांड पूरी फूल गई है। अब तो मैं तपिश को कुछ दिन हाथ नहीं लगाने दूँगी।
मैंने कहा- यार, एक काम करो … तुम दोनों लंच पर हमारे घर आ जाओ. और यश तुम भी नेहा को लंच पर बुला लो। ये लोग नेहा से भी मिल लेंगे। अगले हफ्ते हम नेहा को यहां लंच के लिये बुला लेंगे. फिर तुम उसके साथ यहां पर मजे कर लेना और थोड़ा बहुत मजे तपिश को भी करने देना।
तपिश और निधि ने कहा- हां ये ठीक है।
यश ने भी हां में सिर हिला दिया।
हम थोड़ी देर ऐसे ही बातें करते रहे।
तभी तपिश बोला- अरे मैं एक बात बताना भूल गया अंजलि, मेरी रिचर्ड से बात हुई थी और वो तुम्हें अस्थाई रूप से तीन महीनों के लिये रिक्रूट करने को राजी हो गया है. सैलरी करीब 700 डॉलर होगी और परमानेन्ट होने पर 2000 – 2500 डॉलर होगी। अब ये तुम पर है कि तुम परमानेन्ट होगी या नहीं होगी। पर तुमको ऑफर लेटर देने से पहले वो तुमसे मिलना चाहता है।
मैंने कहा- ठीक है … पर लॉकडाउन में मिलेंगे कैसे?
तपिश ने कहा- वो नोएडा ऑफिस के गेस्ट हाउस में रहता है. अगर तुम कहो तो मैं उसे अगले इतवार तुम्हारे साथ लंच के लिये कह देता। तुम कुछ अच्छा नान वेज बनाकर उसके लिये ले जाना। वो अपने आप तुम्हारे लिये पास का इंतजाम कर देगा।
मैंने कहा- नहीं यार, मैं अकेली नहीं जाऊंगी।
तपिश ने कहा- यार निधि को ले जाना, निधि की अच्छी बनती है रिचर्ड से!
मैंने निधि की तरफ देखा तो उसने भी हां में सिर हिला दिया।
तब मैंने ठीक कहा।
फिर मैंने और यश ने निधि और तपिश को बाय कहा और अगले दिन 2 बजे आने को कहा।
इसके पश्चात हम दोनों भाई बहन ने दरवाजे पर अपने अपने कपड़े पहने और घर आ गये।
अगले दिन क्या हुआ, वो अगले भाग में बताती हूं।
तब तक बाय और लड़कों और लड़कियों बताना कि इस बार तुम्हारा कितना पानी निकला।
यह हॉट बाँडेज सेक्स कहानी आपको कैसी लगी?
अंजलि
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हॉट बाँडेज सेक्स कहानी का अगला भाग: लॉकडाउन में मिला शानदार चुदाई का मजा- 6