हॉट भानजी सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरी नजर मेरी चचेरी बहन की जवान होती बेटी पर थी. वह भी मेरे साथ खुला व्यव्हार करती थी. एक बार वो मेरे घर रहने आई तो हम दोनों के बीच क्या हुआ?
हाय दोस्तो, मैं सुशील कुमार, मेरी उम्र 28 साल है.
गांव में मेरे ताऊ की बेटी जो मुझसे उम्र में कई साल बड़ी है, उसकी बेटी यानि मेरी भांजी बहुत ही खूबसूरत है, उसका गदराया बदन है.
मैंने जब पहली बार उसे देखा तो देखता ही रह गया.
तब वह जवान हो रही थी और मेरी उम्र 24 साल थी।
तभी से मैं उसे चाहने लगा था.
यह हॉट भानजी सेक्स कहानी उसकी लड़की की पहली चुदाई की है.
फिर क्या था … जब भी मौका मिलता, मैं कभी उसके घर पर या उनको अपने घर पर बुलाने लगा।
फिर पूरे 4 साल बाद उसको चोदने का मौका मिला.
वो भी जब मैं किसी की शादी में दीदी के घर गया तब तो मैं दीपिका को देखता ही रह गया.
उसके वो बड़े बड़े चूचे, रसीले होंठ जिनको देख कर ही लन्ड पानी छोड़ दे!
पूरी शादी में मैं बस उसको ही देखता रहा.
उसके घर जाते जाते ही वह मुझसे काफी घुलमिल गई थी.
जब मैं वापस घर आने लगा तो मैं दीदी से बोला- दीपिका को भेज दो मेरे साथ … अपनी नानी का हाथ बटा लेगी तो उनको भी आराम मिल जाएगा.
दीदी ने झट से उसको मेरे साथ मेरे घर भेज दिया।
दीपिका बाइक पर मुझसे ऐसे चिपक कर बैठी जैसे अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ बैठी हुई हो.
उसके नर्म नर्म चूचे मेरी पीठ को छू जाते तो मेरे पूरे बदन में एक करेंट सा दौड़ जाता था.
मैं जानबूझ कर बाईक को झटके देकर चला रहा था।
घर पर मैं उसको चोदने का प्लान बनाने लगा.
इस चक्कर में मैं उसकी हर इच्छा पूरी करने की कोशिश करता था।
फिर कुछ दिनों के लिए मेरी मम्मी पापा को कही जाना पड़ गया.
तो मम्मी ने दीपिका को समझाया- तुम अपने मामा का ख्याल रखना और डर लगे तो मामा के साथ ही सो जाना.
इतना सुनते मेरा लन्ड तो खुशी से उछलने लगा.
उसी रात टीवी पर रोमांटिक हॉरर फिल्म आ गई.
दीपिका और मैं काफी देर तक फिल्म देखते रहे।
मैंने गौर किया कि रोमांटिक सीन में दीपिका अपनी पैंटी सहला रही थी.
और डरावने सीन में मुझसे ‘मामा’ कह कर चिपक जाती थी.
उसके चिपकने से मैं काबू के बाहर हुआ जा रहा था.
फिर मैंने उससे कहा- टीवी बंद कर दो, नहीं तो भूत बाहर आ जायेगा.
तो वह डर गई और चारपाई पर जाकर लेट गई और डर से कांपने लगी.
मैं भी डर का बहाना बनाकर उसके साथ लेट गया.
मुझे तो बस उसको चोदना था.
मैंने उसको कस कर पकड़ लिया लेकिन वो काम्पती ही जा रही थी.
फिर मुझे लगा कि शायद दीपिका सो चुकी है तो मैंने धीरे से उसकी कुर्ती में अपना हाथ घुसा दिया और उसके स्तन को धीरे धीरे सहलाने लगा।
मैंने महसूस किया कि उसके निप्पल एकदम से टाइट हो गए हैं।
शायद दीपिका जाग गई थी लेकिन उसने कोई विरोध नहीं किया.
मैं उसके निप्पलों को सहलाता रहा.
मेरा लन्ड भी मेरी जवान भानजी की गांड में बिल्कुल फिट हो गया था।
अब मेरी भानजी गर्म होने लगी थी क्यूंकि उसके चूचे एकदम टाइट हो गए थे और हाथ मेरे अंडरवियर में घुसे जा रहे थे.
मैंने भी उसकी सलवार का नाड़ा खींच कर खोल दिया था.
और फिर धीरे से सलवार को नीचे खिसका दिया.
चूचे कसने के कारण मैंने अपना हाथ कुर्ती से बाहर खींच लिया था और हाथ सीधा दीपिका की पैंटी में डाल दिया.
दीपिका की चूत बिल्कुल चिकनी मक्खन ही तरह पिघली हुई थी.
शायद उसने आज ही अपनी झांटें साफ़ की थी।
मैंने एक उंगली उसकी चूत में डाली तो वह सिसक पड़ी.
मैं समझ गया कि दीपिका जाग रही है, बस सोने का नाटक कर रही है.
उसकी चूत से उंगली निकाल कर मैंने अपनी जीभ में लगाई तो मानो मैं जन्नत में पहुंच गया।
भानजी उसकी चूत का रस चाट कर मेरा 6 इंच का लन्ड चूत में घुसने को आतुर हो गया।
अब मैंने दीपिका का हाथ पकड़ा और सीधा अपने लन्ड पर रखकर उसको को मसवालने लगा.
दीपिका अच्छे से जाग चुकी थी और उसने मेरे लन्ड को कस कर पकड़ लिया और ऊपर नीचे करने लगी.
मुझे बड़ा ही मजा आ रहा था यह देख कर कि मेरी भानजी मेरा साथ दे रही है.
मैंने उसकी आंखों में आंखें डालकर इशारे से पूछा तो वह एकदम शरमा गई और सर हिला कर हां का इशारा दे दिया.
तब मैंने उसको किस करना शुरू किया.
तो वह बोली- मैं करूंगी.
मैंने कहा- ठीक है.
वह मेरे ऊपर चढ़ कर बैठ गई और मेरी शर्ट उतार कर फेंक दिया और बोली- यह बनियान भी उतारो.
मैंने उतार दी.
अब वह मेरे बदन को चूमे जा रही थी, कभी मेरे निप्पल मुंह में लेकर चूसती, कभी मेरे होंठों को चूसती.
मैं भौचक्का सा उसको देखे जा रहा था कि इसको क्या हुआ.
फिर वह बोली- मामा, मुझे अपना ये दिखाओ.
मैंने भी पूछा- क्या?
वह मेरी पैंट की ओर इशारा करके बोली- ये!
मैंने बोला- पहले इसका नाम बताओ?
तो वह शरमा कर धीरे से बोली- लन्ड!
उसके मुंह से लन्ड सुनकर मेरा लंड और टाइट हो गया.
मैंने कहा- अपने आप ही देख लो!
तो उसने मेरी पैंट को खोल कर अलग फेंक दिया और मेरे अंडरवियर को धीरे धीरे खिसकाने लगी.
मेरा लन्ड भी बाहर आने के लिए तड़प रहा था.
एकदम से बाहर आते ही दीपिका ने झट से लंड को पकड़ लिया और बोली- मामा, अब क्या करें?
मैंने कहा- अब तुम लेटो, मैं करूंगा!
वह सीधी लेट गई.
अब मेरी बारी थी.
मैंने उसकी कुर्ती को निकाल कर अलग कर दी.
अब उसकी गोल गोरी चूची पहली बार मेरी आंखों के सामने थी.
मैं एकदम से उनपर टूट पड़ा जैसे बरसों का प्यासा हूँ.
उसके चूचों को मैं अपने मुंह से चूस रहा था और उसके रसीले होंठों को भी चूस रहा था.
उसकी सलवार मैं पहले ही हटा चुका था तो अब पैंटी की बारी थी.
मैंने उससे पूछा- दीपिका, तुम्हारी चूत देख लूं?
वह बोली- देखो न … मैंने कब मना किया है!
मैं उसकी बातों से और उत्तेजित हो गया और उसकी पैंटी को धीरे से खिसका कर देखा तो देखता ही रहा.
उसकी चूत बिल्कुल चिकनी थी जैसे अभी रोएं तक नहीं निकले थे.
गोरी चूत में गुलाबी फांकें और उन फांकों के बीच में लाल फ़ूल था.
मैंने पहली बार किसी की चूत इतने करीब से देखी थी.
और वो भी अपनी सगी भांजी दीपिका की!
वह बोली- मामा, अब क्या करेंगे?
मैंने कहा- अब मैं तुम्हारी चूत को अपनी जीभ से चाटूंगा और तुम मेरे लन्ड को चाटना!
वह बोली- ठीक है।
अब हम दोनो 69 की पोजिशन में थे.
मैंने जैसे ही अपनी जीभ चूत में लगाई तो दीपिका एकदम अकड़ गई और अपनी चूत हिलाने लगी और मेरे लन्ड को भी चाटना शुरू कर दिया उसने.
उसके मुंह लगाते ही मेरा लन्ड हवा से बातें करने लगा जो ज्यादा नहीं 6 इंच लम्बा और लगभग 2.5 इंच मोटा था.
मेरा लंड उसके मुंह में सही से आ भी नहीं रहा था.
मगर वह उसको बराबर चूस रही थी.
लंबी चुसाई के बाद मेरे लन्ड ने अपना पूरा पानी मेरी भांजी के मुंह में छोड़ दिया.
मुंह में पानी पड़ते ही वह बोली- छी … ये क्या है?
मैंने कहा- अरे ये क्या … इसको पी जाओ!
तो उसने पूरा पानी चाट कर साफ़ कर दिया और बोली- टेस्टी था मामा, और पिलाओ!
मैंने कहा- रुको, जरा सबर करो. अभी तो यह शुरुआत है.
फिर उसने भी अपनी चूत का सारा पानी मेरे मुंह पर छोड़ दिया.
तब वह बोली- अब क्या करेंगे?
मैंने कहा- अब चुदाई होगी मेरे लन्ड से तुम्हारी चूत की … तुमको दर्द बर्दाश्त करना होगा.
वो बोली- ठीक है, करो!
फिर मैं उठा और टाइम देखा.
रात के 12 बज चुके थे.
मैं रसोई में गया और नारियल तेल की शीशी ले आया.
वह बोली- इसका क्या करोगे मामा?
मैंने कहा- तुम्हारी प्यारी चूत को पिलाना है. नहीं तो तुम रोने लगोगी.
वह बोली- नहीं मामा, सच्ची में मैं नहीं रोऊंगी.
मैंने कहा- ठीक है. तो फिर चूत चुदाई के लिए तैयार हो तुम?
वह बोली- हां मामा जी.
मैंने थोड़ा तेल लिया और अपनी उंगली से उसकी चूत के छेद में चलाने लगा.
उंगली अंदर जाते ही वह मचलने लगी.
मैंने दूसरी उंगली भी उसकी चूत में डाल दी.
अब वह और तेज मचलने लगी.
जब मैंने तीसरी उंगली डाली तो वह बोली- मामा जी, उंगली नहीं, लन्ड को डालो!
मैंने कहा- ठीक है, तुम मेरे लन्ड को गीला करो.
वह बोली- ठीक है.
मेरी जवान भानजी ने मेरे लन्ड को चाट कर पूरा गीला कर दिया.
फिर मैंने उसकी टांगों को ऊपर किया और फैलाने को कहा.
उसने टांगें फैला दी.
अब मैंने अपना लन्ड उसकी चूत के मुंह पे रखा तो मुझे लगा कि वह मेरे लन्ड को अपनी ओर घसीट रही हो.
उसकी चूत बहुत ही टाईट थी.
मैंने कई बार कोशिश की लेकिन मेरा लंड भानजी की सीलबंद चूत के अंदर नहीं गया.
वह बोली- क्या हुआ मामा?
मैंने कहा- दर्द होगा, रोना नहीं!
वह बोली- आप डालो!
तो मैंने तेल से उसकी चूत और अपने लन्ड पर मालिश की और लन्ड को चूत के मुंह पर लगा कर उसकी टांगों को कस कर पकड़ा और फैला कर एक जोर का झटका मारा.
मेरा 2 इंच लन्ड का सुपारा चूत में घुस चुका था.
मेरी भांजी दर्द से तड़प उठी और बोली- मामा जी, मैं मर जाऊंगी.
मैंने कहा- मरोगी नहीं … बस शांत रहो, अभी मजा आयेगा.
मैं एक हाथ से उसकी चूची का निप्पल मसलने लगा और दूसरे हाथ से उसकी चूत सहलाने लगा.
जब उसको थोड़ी राहत महसूस हुई, तब मैं धीरे धीरे अपनी कमर चलाने लगा गया.
तभी मैंने उसकी चूत में थोड़ा सा तेल और लगाया.
मैंने पूछा- अब ठीक है?
उसने हां में सर हिलाया.
मैंने अब कमर की स्पीड बढ़ा दी.
अब मेरा 4 इंच लन्ड चूत में घुस चुका था और दीपिका को भी मजा आने लग गया था.
और अब मुझे भी मजा आ रहा था.
मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी.
अब मेरा पूरा लन्ड भानजी की चूत खा चुकी थी.
रात का 1 बज रहा था.
सन्नाटे में केवल आहह … उह्ह्ह और फचाफच की आवाज ही आ रही थी.
तभी दीपिका बोली- मामा, तुमने ये क्या कर दिया? अपनी भांजी को कोई ऐसे चोदता है क्या? चोदना था तो अपनी बहन को चोद लेते!
मैं एकदम से शांत हो गया।
वह बोली- अरे रुक क्यों गए? जब चोद ही दिया है तो कस के चोदो मेरे चोदू मामा! मैं तो मजाक कर रही हूं. चोदो और जोर से!
उसकी बातें सुनकर मेरा लन्ड बिलकुल ढीला पड़ गया।
मैंने कहा- तुमने तो डरा ही दिया था. अब मेरे लन्ड को चूसो.
चूसने के लिए उसने तुरंत मेरे लन्ड को लपक लिया और बहुत जोरदार चुसाई की.
मेरा लन्ड चूत में घुसने को फिर से तैयार हो गया था.
मैंने लन्ड दीपिका की चूत में लगाया और एक ही झटके में पूरा 6 इंच लन्ड चूत में समा गया.
इस बार दीपिका बहुत जोर से चिल्लाई, बोली- मामा, बदला ले रहे हो क्या? चोदने को कहा था. आप तो मेरी कुंवारी चूत को फ़ाड़ ही डालोगे!
मैंने कहा- सॉरी भानजी जी, अब लो चुदाई का मज़ा!
फिर क्या आधे घण्टे तक खचाखच खचाखच खचाखच चलती रही।
वह बोली- मामा, अब मैं जब बोलूंगी तो आप ही मुझे चोदने घर आना.
मैंने कहा- हां क्यों नहीं, मैं तो तुमको 4 साल पहले ही चोद देता. लेकिन मौका ही नहीं मिला तुम्हें चोदने का!
वह बोली- वैसे मामा, अभी तक आपने कितनी लड़कियों को चोदा है?
मैंने कहा- तुम्हारी मम्मी को चोदने की बड़ी तमन्ना थी जो तुमने पूरी कर दी।
वह बोली- वाह मामा जी, मम्मी के बदले मेरी चूत फाड़ दी. अच्छा हुआ जो मम्मी को नहीं चोदा.
मैंने पूछा क्यों?
वह बोली- मम्मी को चोदने में आपको उतना मजा नही आता जितना मुझे चोदने में आया होगा! सही कहा न मैंने?
मैंने कहा- हां!
हॉट भानजी सेक्स के लिए आगे की बात करती हुई बोली- लेकिन मामा, अब आप जब भी चोदोगे तो मुझे ही चोदोगे. और मैं जब भी चुदाऊंगी तो आप ही को चोदना पड़ेगा. ठीक है?
मैंने कहा- ठीक!
और 2 साल हो चुके हैं हम लोगों को चुदाई करते हुए!
तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी और मेरी हॉट भानजी सेक्स कहानी?
जरूर बताएं.
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