हॉट भाभी की सुहागरात के लिए सारी तैयारी का जिम्मा मुझे दिया गया. भैया भाभी की लाइव सुहागरात देखने का मन था मेरा … मैंने इसका जुगाड़ कैसे किया?
प्रिय पाठको, नमस्कार, आपका प्यारा अनुराग अग्रवाल उर्फ़ अनु आपके सामने हाजिर है.
आपने मेरी पिछली सेक्स कहानी
पड़ोसन लड़की की गांड की चुदाई की
को पढ़ा, इसके लिए आपका तहेदिल से धन्यवाद.
अन्तर्वासना पर कहानियां पढ़कर मुझे भी अपने अनुभव सेक्स कहानियों के रूप में लिखने को हौसला हुआ.
आपके मेल और कमेंट्स से उत्साह बढ़ा और बस मैंने भी अपनी आपबीती लिखनी शुरू कर दीं.
मुझे विश्वास है कि आपको इन कहानियों को पढ़कर बहुत मजा आएगा.
दोस्तो, चूत का नशा क्या होता है, ये आपको भी जरूर पता होगा.
कितना मजा आता है औरत की चूत चोदने में, ये वही बता सकते हैं जो भांति भांति की उम्र की औरतों लड़कियों आदि की चुत में अपना लंड पेल कर मजा लेते हैं.
जब मैंने पहली बार चुत में लंड पेला तो मुझे भी चूत का नशा चढ़ गया था.
फिर तो जहां देखा तो बस हसीन-हसीन चूत ही दिखाई देने लगी थीं और कुछ नसीब ने भी साथ दिया तो अनेको किस्म के छेद चोदने को मिले.
आज भी इन हसीन चूतों ने मेरे दिल को बेकरार किया हुआ है.
इस चूत चुदाई के नशे में एक से एक हसीन और दिलकश माल मेरी जिन्दगी में भी आईं, उनके साथ हुए हर सेक्स किस्से को मैं आपसे एक एक करके साझा करूंगा.
मेरी सबसे पहली माशूका हिमानी थी जो मेरी ताई जी के घर के पास ही रहती थी.
मेरे भैया की शादी के मौके पर मैंने उसको पटाकर उसकी नशीली चूत और गांड का रसपान कर लिया था. उसे मैंने आपको अपनी सेक्स कहानी
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में विस्तार से बताया था.
हिमानी की चूत पहली बार चोदने को मिली तो ज्ञान प्राप्त हुआ कि इस छेद में लंड पेलने में कितना आनन्द आता है.
मैंने उसे चोद कर पहली बार महसूस किया था कि कई बोतल शराब का नशा कर लिया हो.
उस अनुभव के बाद मैंने समझ लिया था कि इंसान की जिन्दगी में सेक्स का अहसास अत्यंत ही सुखद होता है.
यह एक ऐसा मीठा अहसास होता है जो कि जिन्दगी भर एक प्यारे से ख्वाब के रूप में हमेशा आपके जहन में तरोताजा रहता है.
आज लगभग 22 साल बाद भी मेरे उस अहसास को आप समझ सकते हैं कि मैं उसे आपके लिए लिख रहा हूँ.
मेरी ताईजी के लड़के संजय भैया की शादी मोहिनी नाम की लड़की से हुई थी.
मोहिनी भाभी शादी में बहुत ही खूबसूरत लग रही थीं.
किसी भी लड़की के लिए उसकी शादी में अपने आपको सबसे ज्यादा खूबसूरत दिखने की भी जिम्मेदारी होती है और जिन्दगी में वो शादी का दिन ही होता है, जब कोई लड़की अपने आपको सबसे खूबसूरत बनाना चाहती है.
वास्तव में आज मोहिनी भाभी भी वहां उपस्थित सभी लड़कियों और औरतों के बीच अलग ही नजर आ रही थीं. उनकी खूबसूरती और सभी पर भारी थी.
उस दिन हम सभी भाभी को विदा कराकर वापस घर आ गए थे.
बहू के आने के बाद के सभी रीति रिवाज भी हो गए थे.
अब भाभी जी को उनके कमरे में भैया के साथ बैठा दिया गया था.
मैं मोहिनी भाभी से कई बार मिल चुका था और फोन पर भी मेरी काफी बार भाभी से बात हुई थी इसलिए वो मुझसे ज्यादा सहज थीं.
मैं भाभी के कमरे में आया तो देखा भैया तो खर्राटे भर रहे थे लेकिन भाभी बेड के एक ओर बैठी थीं.
मेरे अन्दर आते ही भाभी बोलीं- आओ अनुराग!
मैं- भाभी जी, कैसी हो और कैसा लग रहा है हमारा घर?
मोहिनी- भैया जी, बहुत बढ़िया घर है … और बताओ, आप कैसे हैं?
मैं- भाभी जी, बढ़िया … आप आज बहुत हसीन लग रही हो, किसी की नजर न लग जाए.
मैंने मुस्कुराते हुए कहा.
तो मोहिनी भाभी शर्माती हुई बोलीं- भैया जी, कैसी बात कर रहे हो, क्या सच्ची में मैं ऐसी लग रही हूँ?
मैं- हां भाभी जी, वास्तव में आज तो आप बहुत ही सुन्दर लग रही हो. आज तो भैया भी आपकी खूबसूरती का जमकर मजा लेंगे.
मोहिनी भाभी शर्माती हुई बोलीं- भैया, तुम भी कैसी बात करते हो, देखो अपने भैया को, खर्राटे भर रहे हैं.
मैं- शायद थकान मिटा रहे हैं. कोई बात नहीं, रात तक ठीक हो जाएंगे.
मैंने भी हंसते हुए भाभी जी से कहा और बोला- आज रात को तैयार रहना.
मोहिनी भाभी मुझे आंख मारती हुई बोलीं- अच्छा जी, चलो देखते हैं आज रात को!
तभी बाहर से किसी ने मुझे आवाज दी- अनुराग … अनुराग!
मैं भाभी से बोला- शायद कोई बुला रहा है, मैं अभी आता हूँ. वैसे भाभी रात के लिए अभी से आपको गुडलक बोल देता हूँ और आपके कमरे की सजावट भी मुझे ही करवानी है.
ऐसा कहकर मैं बाहर आ गया.
पर मेरा दिल भाभी पर फिदा हो गया था. आज वो किसी हसीना से कम नहीं लग रही थीं.
माथे पर टीका, लाल रंग का शादी का जोड़ा, नाक में नथ, गले में एक सुन्दर जड़ाऊ हार पहने हुए भाभी रूपवती लग रही थीं.
उन्हें देखकर मेरा मन तो बस उन पर ही लट्टू हो गया था.
उनके बूब्स, मटकती गांड को देखकर मेरा मन डोले ही जा रहा था.
मैं मन ही मन सोच रहा था कि काश मैं भी भाभी के हुस्न का दीदार कर पाता.
अचानक ऐसा सोचते ही मेरे मन में एक बहुत सुन्दर युक्ति आई कि किस प्रकार आज भैया और हॉट भाभी की सुहागरात देख कर मजा लिया जा सकता है.
भैया और भाभी के सुहागरात वाले कमरे को सजाने की जिम्मेदारी मुझे ही दी गई थी.
घर में बहुत सारे काम थे और आज महिला संगीत का कार्यक्रम भी पास ही की एक धर्मशाला में आयोजित था.
घर में मेहमानों की चहल-पहल थी और नई नवेली दुल्हन के स्वागत में घर की सभी स्त्रियां बहुत उत्साहित थीं.
नई नवेली दुल्हन के आने पर घर में बहुत सारे रीति रिवाज होते हैं, बस सभी उन्हीं में लगे हुए थे.
मैं भी बहुत उत्साहित था.
एक तो नई भाभी आने की खुशी थी और दूसरी हिमानी के साथ बिताए उन पलों की याद मेरे जहन में बसी हुई थी.
उस रात मैंने पहली बार किसी स्त्री के गुप्त रहस्य को जाना था.
दोस्तो, एक बात तो है कि एक बार इस गुप्त रहस्य को जानने के बाद तो हर वक्त ऐसा महसूस होता कि बार-बार इस गुप्त रहस्य का पता लगाया जाए कि स्त्री की चूत की गइराई कितनी होती है.
स्त्री की गहराई जिसे आज तक कोई नहीं जान पाया.
मैं भी कितना मूर्ख हूं, किस चीज की गहराई नापने की बात कर रहा हूं.
कुछ देर बाद मैं दुबारा से भैया और भाभी वाले कमरे में गया, जहां अब बहुत ही ज्यादा गहमागहमी थी.
भाभी एक तरफ अपना मुँह पर घूंघट डाले बैठी थीं … और बहुत सारी महिलायें उनके पास बैठी थीं.
तभी ताई जी ने कमरे में प्रवेश किया और वहां खड़ी कामवाली जिसका नाम रेखा था, उससे कहा- रेखा, संजय और बहू के लिए चाय नाश्ता लगा लाओ. बहू भूखी होगी … और ये रात भर से सोई नहीं है, थकी भी होगी.
फिर ताई जी मोहिनी भाभी की ओर मुँह करके बोलीं- बहू, चाय नाश्ता करके थोड़ी देर आराम कर लो, फिर 3 बजे से महिला संगीत है. बहुत सारे मेहमान आने वाले हैं. नाच गाने का प्रोग्राम है.
मोहिनी भाभी ने हां में अपना सिर हिलाया.
इतना कहकर ताई जी वहां से चली गईं.
मैं वहीं भैया व भाभी के पास बैठकर उनसे बातें करने लगा.
भाभी हंस कर बोलीं- अच्छा छोटे देवर जी, आप तो बहुत परेशान करते हो.
मैं भी हंसने लगा और बोला- भाभी जी बहुत परेशान करूंगा आपको, आप हैं ही इतनी सुन्दर … अच्छा थोड़ी देर में आप धर्मशाला जाने के लिए तैयार हो जाओ.
दोस्तो, उस समय इस तरह के कार्यक्रम के लिए धर्मशाला ही मिलती थीं. आज की तरह होटल और कैटरिंग की व्यवस्था नहीं होती थी.
अपने आप ही सारा इंतजाम करना होता था. पर इन सब कामों में बहुत मजा आता था.
शादी के समय सभी कई दिनों तक शादी के कार्यक्रमों का आनन्द लिया करते थे.
घर के पास ही सेठ जी की धर्मशाला थी, वहीं पर महिला संगीत का कार्यक्रम था.
मैं, राघव भैया और बहुत सारे रिश्तेदार महिला संगीत के कार्यक्रम का प्रबन्ध कर रहे थे.
हलवाई, टैन्ट और बहुत सारा कार्य था, जिसकी देखभाल मैं, राघव भैया उनकी मित्र मण्डली कर रही थी.
मैं वापिस ताई जी के घर आ गया था, कुछ सामान घर से धर्मशाला ले जाना था और कुछ धर्मशाला से घर पर.
यही सब काम निबटा रहा था मैं … अब तक घर पर हिमानी भी आ गई थी.
हिमानी मेरी गर्लफ्रेंड थी, जिसकी नथ मैंने कल ही भैया की शादी में उतारी थी.
वो भाभी के नजदीक ही बैठी थी.
मैं जैसे ही कमरे में घुसा, मेरी नजर हिमानी पर पड़ी और मैंने उसे दूर से ही एक प्यारी पप्पी दे दी.
वो मुस्काई, कुछ सकुचाई और मेरी प्यारी पप्पी का जवाब उसने भी आंख दबाकर दे दिया.
मैं भाभी के कमरे में आया.
वहां बैठी अन्य महिलाओं व भाभी जी से जल्दी तैयार होकर धर्मशाला जाने की बात कहकर बाहर आ गया.
घर के अन्य सदस्य व मेहमान भी अब धर्मशाला जा रहे थे.
ताई जी मुझसे बोलीं- अरे अनुराग, अपनी भाभी को तू धर्मशाला ले जाएगा, ये तेरी जिम्मेदारी है.
मैंने भी मुस्कराकर हामी भर दी.
भाभी को मैं अपनी नई बाईक पर बैठा कर धर्मशाला ले आया.
एक महीने पहले ही मैंने अपनी नई बाईक ली थी, बाईक पर बैठा कर भाभी को धर्मशाला लाने में मुझे असीम आनन्द की प्राप्ति हुई.
आप खुद समझदार हैं, भाभी के गोल गोल गुब्बारे मेरी पीठ को आनन्दोलित कर रहे थे.
उनके गुब्बारों को स्पर्श मुझे मदहोश किए जा रहा था.
अब हम दोनों धर्मशाला आ गए और उधर महिला संगीत का प्रोग्राम चालू हो गया.
सभी हंसी खुशी महिलाओं के नाच गाने का आनन्द ले रहे थे.
मैं और हिमानी भी भाभी के बगल में ही बैठकर मजा ले रहे थे.
भाभी को मैं बहुत उत्साहित कर रहा था- मोहिनी भाभी आज बहुत बढ़िया नाचना है, आपको भैया की कसम, ऐसा नाचना है कि सबकी छुट्टी कर देनी है.
तो भाभी मुझे आंख मारती हुई बोलीं- मेरे प्यारे देवर जी, चिन्ता ना करो, बस आप देखते जाओ. आज तो मैं सबकी छुट्टी ही कर दूंगी.
उन्होंने दो तीन गानों जिनमें से
गोरी हैं कलाइयां, ला दे मुझे हरी हरी चूड़ियां,
छोड़ के आई बाबुल का घर
उन पर बहुत ही बढ़िया डांस किया.
भाभी के इस बढ़िया डांस पर वहां खड़ी हमारी ताईजी, बुआजी व भैया ने वार फेर कर भाभी को बहुत सारे रूपए दिए.
हिमानी भी मेरे पास ही बैठी थी, उसने भी दो तीन गानों पर बहुत बढ़िया डांस किया.
सभी इस महिला नाच गाने का आनन्द ले रहे थे, अपने दोस्तों के साथ व्यस्त थे. इस मौके पर शराब का सरूर ना हो, तो प्रोग्राम का मजा ही अधूरा था.
छोटे भैया ने तो बहुत ज्यादा ही पी ली थी और बड़े भैया के दोस्तों ने भी भैया को भी काफी शराब पिला दी थी इस कारण उनकी स्थिति भी अच्छी नहीं थी.
अब प्रोग्राम लगभग समाप्ति की ओर था.
नाच गाना, खाना पीना सभी कार्य अच्छी प्रकार से समाप्त हो गए थे.
सभी मेहमान चले गए थे, अब हम सब भी वापिस घर की ओर आने लगे थे.
दोस्तो इस सेक्स कहानी के अगले भाग में आपको मोहिनी भाभी की सुहागरात का सीधा प्रसारण पढ़ने को मिलेगा.
आपको ये हॉट भाभी की सुहागरात कहानी कैसी लग रही है, प्लीज़ मुझे मेल करें.
आपका अनुराग
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हॉट भाभी की सुहागरात कहानी का अगला भाग: भैया भाभी की सुहागरात का लाइव दर्शन- 2