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ट्रेन में लड़के से गांड चुदाई का मजा लिया

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गांड फाड़ चुदाई कहानी मेरी अपनी है. मैं कई लड़कियां चोद चुका हूँ. पर मेरा मन अपनी गांड में लंड लेने का था, मैं अपनी गांड मरवा के देखना चाहता था.

दोस्तो, मेरा नाम ध्यानद्वीप है. लोग मुझे आबिर नाम से जानते हैं. मैं एक बाईसेक्सुअल हूं, मुझे लड़की और लड़का दोनों में रूचि है.

अब तक मेरी चार गर्लफ्रेंड रह चुकी हैं और मैंने कई बार उन गर्लफ्रेंड की चुत को फाड़ा भी है. लेकिन अब मेरा मन अपनी गांड में लंड लेने का है.

ये गांड फाड़ चुदाई कहानी उस समय की है जब मैं भरपूर जवान हो गया था.
उस समय मैं बारहवीं कक्षा में पढ़ता था.
किस तरह एक जवान लड़के ने ट्रेन में मुझे पेला था, आज आपको मैं वही बताने जा रहा हूं.

उस समय गर्मी का मौसम था और गर्मियों की छुट्टी भी शुरू हो गयी थीं.

मैंने छुट्टी में अपने गांव नानी के घर जाने का प्लान बनाया.
मेरे पेरेंट्स भी मेरे साथ जाने वाले थे लेकिन दीदी के कुछ काम की वजह से मम्मी-पापा रूक गए और मुझे अकेले ही पहले भेज दिया.

गर्मी की वज़ह से मैंने फर्स्ट क्लास एसी के एक एक्स्ट्रा केबिन की टिकट बुक की थी.

मम्मी-पापा मुझे स्टेशन छोड़कर घर चले गए.

मेरे केबिन में दो ही लोगों के लिए बर्थ थी.
मैं बाहर ही खड़ा था.

मैं दिखने में बहुत ही आकर्षक और चिकना लौंडा था. मुझे देखकर लड़के हों या लड़की, दोनों पागल हो सकते थे. मेरी गोल बड़ी आंखें, गुलाबी होंठ, गोरा बदन और चिकना चेहरा है. मेरी गांड भी एकदम गोल है.

गर्मी के पसीने से मेरा चेहरा और भी खिल उठा था. मैं थोड़ा पतला सा हूँ और मेरी हाईट करीब 5 फिट है.

मेरे शरीर में उभरती हुई जवानी साफ साफ दिखाई दे रही थी.

मेरे केबिन में एक लड़का आ गया, उसकी सीट मेरे साथ ही थी.
वह लड़का भी काफी हैंडसम और गोरा था. उसका कड़ियल जिस्म देख कर साफ़ पता चल रहा था कि वो लड़का जिम जाता था. उसकी हाईट लगभग साढ़े पांच फिट थी. उसका शरीर काफी मस्त था.

मैं भी उसको देखता ही रह गया. उसकी आंखों में किसी को पाने की चाहत साफ़ दिखाई दे रही थी.

ट्रेन चलने लगी तो मैं अन्दर आ गया और अपनी सीट पर आकर बैठ गया.

शुरूआत में तो मेरी उस लड़के से कुछ बात नहीं हुई, लेकिन धीरे धीरे हम दोनों में बातें होने लगीं.

उसने अपना नाम अविनाश बताया और उसकी उम्र 20 साल की बताई. वो मेरे से एक साल बड़ा था. वह किसी एजेंसी में काम करता था.

हमारी बातें चलती रहीं.
बातों ही बातों में वह मेरे शरीर और जांघों के बीच बार बार देखे जा रहा था.

कुछ देर बाद उसने मुझे अचानक से पूछा- आबिर, तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं?
मैंने कहा- हां भैया है न!

उसने कहा- अरे वाह, तब तो तुमने सेक्स भी किया होगा?
उसकी इस बात पर मैं एक बार को तो हैरान रह गया.

फिर मैंने भी कहा‌- हां एक बार नहीं … बहुत बार किया है. आपकी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है क्या भैया?

जब मैंने उससे ये पूछा, तो उसने ना बोलते हुए कहा- क्या तुमने कभी किसी का लंड भी लिया है?
मैंने कहा- नहीं भैया, कभी नहीं लिया।

उसने ये सब बिना शर्माए ही पूछा लिया था तो मैंने भी उसे बिंदास बता दिया.
शायद वो मेरे करीब आना चाहता था लेकिन नहीं आ पा रहा था.

कुछ देर बाद रात होने लगी थी. इसलिए पर्दे लगा दिए गए.

अब मैंने मन बना लिया था कि आज तो इसका लंड लेना ही है इसलिए मैंने जानबूझ कर अपना रूमाल सीट के नीचे गिरा दिया और अपनी गांड उसकी तरफ करते हुए रूमाल उठाने लगा.

उससे मेरी गोल गांड देख कर रहा नहीं गया और मैंने ध्यान दिया कि उसका लंड झट से खड़ा हो गया था.
उसकी पैंट में उसका लंड फूला हुआ दिखने लगा था. उसका लंड बहुत ही लंबा और मोटा था.

वह अपने लंड को छुपाने लगा और शायद उसे बिठाने के लिए वो मुठ मारने बाथरूम की तरफ चल दिया.

उसके मोटे लंड को देख कर मेरे अन्दर भी गर्मी चढ़ने लगी थी.

बाथरूम से वापिस आकर वो अपनी एजेंसी के बारे में बताते हुए मेरे करीब आकर बैठ गया और मुझसे चिपकने की कोशिश करने लगा.
वह काफ़ी गर्म हो चुका था, अब मुझे भी उसकी गर्मी का अहसास होने लगा था.

वह धीरे धीरे मेरी जांघों को सहलाने लगा.
ये देख कर मैं शर्मा गया और मैंने उसका हाथ अपनी जांघ से हटा दिया.

वह फिर से मुझे सहलाने लगा, मेरे सर के बालों पर हाथ फेरने लगा.
मैं सुन्न हो गया.

मेरा लौड़ा भी हरकत में आने लगा था.

मैंने उसे रोका नहीं और उसके सहलाने का मजा लेने लगा.
उसने देखा कि मेरी तरफ से कोई विरोध नहीं है तो अगले कुछ ही पलों में वह लड़का किसी छिपकली की तरह मुझसे चिपक गया और मुझे चूमने लगा.

अब मेरा लौड़ा एकदम कड़क हो गया और वह ये देख कर मेरी पैंट के ऊपर से ही मेरा लौड़ा सहलाने लगा.

एक बार को तो मैं थोड़ा घबराया लेकिन उसने मुझे सम्भाल लिया.
मैं भी उसको किस करने लगा और मजे लेने लगा.

तभी उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने लौड़े पर रख दिया.
उसका लंड बहुत ही लंबा और मोटा था.
मैं एक मर्द का लंड सहलाने लगा.

अगले दस मिनट तक हम दोनों किस करते रहे.

तभी उसने मेरे कान में कहा- आज रात को मेरे इस गर्म लोहे की हवस निकाल देना जानू, बहुत दिन से तड़प रहा है.
मैंने कुछ नहीं कहा और उसका लंड हिलाता रहा.

तभी दरवाजे पर दस्तक हुई और हम दोनों अलग होकर बैठ गए.
उसने दरवाजा खोला तो सामने डिनर लेकर एक बंदा खड़ा था.

चूंकि ये लम्बी यात्रा थी और इसी वजह से हमको डिनर सर्व हुआ था.

कुछ देर बाद डिनर खत्म हुआ और बाथरूम आदि से फ्री होकर उसने केबिन को अन्दर से बंद कर दिया.

अब वो मुझसे लिपट गया और मुझे चूमने लगा.
उसमें इतनी हवस भरी हुई थी कि वह मुझे पागलों की तरह चूमने लगा था.
वो मेरे गुलाबी मुलायम होंठों को काट काट कर चूमने लगा था. मेरे होंठों से खून निकल आया था.

फिर उसने मुझे उसकी शर्ट उतारने को कहा और पैंट को भी.

देखते ही मैंने उसे नंगा कर दिया. उसके शरीर में एक भी बाल नहीं था, शायद उसने खुद के जिस्म से सारे बालों को साफ कराके रखा हुआ था.

मैंने उसकी गर्दन पर से होते हुए उसे लौड़े तक चूमा तो वो मदहोश हो गया और कामुक आवाजें निकालने लगा- आह हहह … उमह हहहह!

अब उसने मेरी तरफ देखा और मेरी शर्ट उतारने लगा.
मुझे भी कोई आपत्ति नहीं थी.

अगले कुछ ही पलों में उसने मुझे भी पूरा नंगा कर दिया और फिर से मुझे चूमने लगा.

कुछ पल बाद उसने मेरा सिर पकड़ कर अपने लौड़े पर दबा दिया और मेरे छोटे से मुँह में अपना मूसल लंड घुसेड़ दिया.

मुझसे सांस भी नहीं ली जा पा रही थी. मगर मुझे उसका लंड मस्त लग रहा था, मैं भी बड़े मजे से लंड चूसने लगा.

वो भी आंख बंद करके मदहोश सा हो गया और मदभरी सिसकारियां लेने लगा- आहह … ममहह … चूसो और चूसो … हाय्मम!

दस मिनट तक मैं लंड चूसता रहा और उसने अपना सारा माल मेरे मुँह में गिरा दिया.
मैं मजे से उसका वीर्य पी गया.

अब वह मेरा लंड हिलाने लगा और मुझे सीट पर लिटा दिया.
उसने अपने होंठ मेरी छाती पर मेरे गुलाबी निप्पलों पर लगा दिए और वो मेरे दूध चूसने लगा.

मुझे भी सनसनी होने लगी और मैं भी उसके मजे लेने लगा.

कुछ ही देर बाद उसका लौड़ा फिर से खड़ा हो गया. उसने अपने बैग में से कोल्ड क्रीम निकाली और अपने लंड में लगाने लगा.

मैं देख रहा था कि उसने अपने लंड पर क्रीम लगा कर उसे एकदम सफ़ेद कर लिया था.

फिर उसने मेरी गांड के छेद पर भी क्रीम लगाना शुरू कर दी.

उसने अपनी उंगली पर धीरे सारी क्रीम ली और एकदम से मेरी गांड में उंगली डाल दी.
मैं चिल्ला उठा- आह … भैया धीरे करो प्लीज़ … ये मेरा पहली बार है.

मगर वो अब कहां रुकने वाला था; उसने मेरी गांड में पूरी उंगली चलानी शुरू कर दी.
क्रीम के कारण मेरी गांड में चिकनाहट आ गई थी तो मुझे उसकी उंगली से मजा आने लगा.

फिर उसने एक उंगली के बाद दो उंगलियां मेरी गांड में डालीं तो कुछ दर्द के बाद मेरी गांड ढीली हो गई और मैं उसकी दो उंगलियों का मजा लेने लगा.

तभी उसने अपनी तीन उंगलियां मेरी गांड में डाल दीं.
अब मैं चिल्ला उठा लेकिन उसने मेरे मुँह को दबोचा हुआ था.

मेरी गांड बहुत टाईट थी. मगर तीन उंगलियों से मेरी गांड कुछ ढीली हो गई थी.

अब उसने अपना लंड मेरी गांड पर सैट कर दिया.
मुझे उसके लंड का अहसास काफी मीठा लग रहा था.
मैंने गांड हिला कर उसे इशारा दिया तो उसने सुपारा अन्दर पेल दिया और जोर से धक्का देकर दो इंच लंड मेरी गांड में ठांस दिया.

उसका लंड काफी हार्ड था … मुझसे उसका लौड़ा सहन नहीं हो रहा था.

मैंने आगे को होकर उसका लौड़ा अपनी गांड से निकाल दिया.
मेरी गांड में से खून भी निकलने लगा था.

लेकिन तभी उसने मुझे फिर से दबोचकर किस किया और अपना लंड एक बार में ही पूरा का पूरा गांड में घुसा दिया और धक्का देने लगा.

मैंने सीट को कसकर पकड़ लिया क्योंकि मुझे दर्द हो रहा था. मैं गांड फाड़ चुदाई में दर्द से कांप उठा था.
उसका लंड मेरी गांड फाड़ रहा था. ऐसा लग रहा था कि कोई गर्म सरिया मेरी गांड में घुस गया हो.

मेरी कसमसाहट देख कर वह लौड़ा अन्दर घुसा कर कुछ देर रुक गया.
अब मेरा दर्द थमने लगा.

धीरे धीरे वो लौड़ा अन्दर बाहर करने लगा और अब मुझे भी मजा आने लगा- आह … ओओहह … हहहहह … फक मी हार्ड!

अब मैं भी अपनी कमर हिलाकर उसका साथ देने लगा.

मेरी मस्ती देख कर उसके धक्के तेज होने लगा.

करीब बीस मिनट तक मेरी गांड चोदने के बाद उसका रस झड़ने लगा और उसने अपना गर्म वीर्य मेरी गांड में छोड़ दिया.
मुझे उसके गर्म वीर्य से राहत मिलने लगी.
उसने भी मेरी गांड में पूरा रस निकालने के बाद ही लंड बाहर निकाला.

अब मेरी गांड से उसके लंड रस की बूंदें बाहर टपकने लगीं.

वो लंबी लंबी सांसें लेता हुआ मेरी तरफ आ गया और अपने लंड को मेरे सामने हिलाने लगा.
मैं समझ गया और मैंने अपना मुँह खोल दिया.
उसने लंड मेरे मुँह में दे दिया और मैंने उसका लंड चाट कर साफ कर दिया.

उसके बाद वो मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगा.
मैंने पहली बार किसी मर्द के मुँह में लंड दिया था तो मुझे बहुत मजा आ रहा था.

कुछ देर लंड चुसवाने के बाद मेरा माल झड़ने लगा और मैंने उसके मुँह में ही अपना माल गिरा दिया.
वो भी मेरा माल पी गया.

मैं तो जैसे जन्नत की सैर कर रहा था.

वो जीभ से चटखारे लेता हुआ बोला- वाह क्या माल है बे तेरा … इतना स्वादिष्ट.

उसने मेरे लंड रस की एक एक बूंद चाट कर लंड साफ़ कर दिया.

फिर फ्रेश होकर हम दोनों सो गए.

अगली सुबह मैं अपनी गंतव्य स्थान पर पहुंच गया.
मुझे लेने मेरी नानी आई हुई थीं.

ऐसे ही मैंने अपनी पहली बार गांड मरवाई.

दोस्तो, कैसी लगी आपको मेरी गांड फाड़ चुदाई कहानी, प्लीज़ मेल जरूर करें.
dboro380@gmail.com

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