दोस्त की बीवी के साथ सेक्स सेक्स सेक्स … फुल सेक्स! मेरा दोस्त दारू पार्टी के लिए मुझे अपने घर ले गया। रात को नशे में मैंने उन पति-पत्नी की चुदाई देख ली।
नमस्कार दोस्तो, अन्तर्वासना हिन्दी सेक्स कहानी साइट आप सभी का स्वागत है।
मैं राज शर्मा लेकर आया हूं अपनी एक और कहानी जिसमें है सेक्स सेक्स सेक्स … इसे पढ़कर लड़के मुट्ठी मारने को तैयार हो जाएंगे और लड़कियां चूत में उंगली डाल लेंगी।
मेरी पिछली कहानी थी: पुलिसवाली ने बस के सफ़र को रंगीन बनाया
दोस्तो, मैं दिल्ली से सटे गुड़गांव में रहता हूं और वही कंपनी में नौकरी करता हूं।
मेरे साथ मेरे दोस्त भी काम करते थे.
उन्हीं दोस्तों में एक था पंकज कुमार, जो बिहार का था और गुड़गांव के झाड़सा एरिया में रहता था।
वो अक्सर मुझसे बोलता रहता था कि राज भाई मेरे घर चलो, पार्टी करेंगे।
मैं हमेशा बाद में कभी आने की कहकर टाल दिया करता था।
एक बार उसे दस हजार रुपये जरूरत पड़ी तो मैंने दे दिये।
उसने सैलरी में वापस कर दिये और बोलने लगा- भाई आज तो घर चलो, मेरी बीवी ने मछली बनायी है।
मछली मुझे बहुत पसंद थी और मैंने सोचा कि चलो आज पार्टी कर लेते हैं।
फिर हम दोनों उसके घर पहुंच गये।
उसने दो कमरे का मकान ले रखा था।
हम एक कमरे में बैठकर पीने लगे और धीरे धीरे करके अंग्रेजी शराब की एक बोतल खाली कर दी।
अब वो मुझे अंदर ले गया।
मैंने उसकी बीवी को नमस्ते बोला।
फिर उसने मछली चावल और रोटी परोस दी।
हम दोनों खाने लगे।
खाना खाने के बाद मैंने कहा- अब मैं निकलता हूं।
वो कहने लगा- 11 बज गए हैं, यहीं पर रुक जा।
उधर से भाभी कहने लगी कि रुक जाइये।
मैं भी नशे में था तो मैंने भी वहीं पर रुकना ही ठीक समझा।
फिर मेरा वहीं रुकने का तय हो गया।
मगर उनके घर में बेड एक ही था। हम दोनों नशे में थे तो हमने इस बारे में सोचा ही नहीं।
फिर यही तय हुआ कि तीनों ही बेड पर सो जाएंगे।
उसके बाद हम सोने लगे। पहले मैं फिर पंकज और फिर उसकी बीवी, हम इस क्रम में लेटे हुए थे।
मुझे कुछ देर लेटे हुए हुई थी कि पंकज अपनी बीवी को छेड़ने लगा।
उसकी बीवी बोल रही थी कि राज भी है साथ में!
मगर पंकज उसे चूमने लगा।
उन दोनों के चुम्बनों की आवाज मुझे आ रही थी।
कमरे की लाइट बंद थी तो मैंने भी मजा लूटने की सोची। मैं धीरे से हल्की सी आंख खोलकर उन दोनों को देखने लगा।
अब उसने रूपा भाभी का ब्लाउज खोल दिया था और भाभी की चूची दबाने लगा।
भाभी भी गर्म हो चुकी थी। दोनों की आवाज बराबर आ रही थी।
अब उसने रूपा भाभी की साड़ी व पेटीकोट उतार दिया और उसके ऊपर चढ़ गया।
वो मना करती रही और उसने अपना लौड़ा घुसा दिया और चोदने लगा।
पहले तो भाभी चुप रही मगर फिर लंड के नशे में वो भी आह्ह … आह्ह … स्स … आह्ह … करने लगी।
अब मेरा नशा उतरने लगा और पंकज लगातार झटके मारने में लगा हुआ था।
मैं बनियान और अंडरवियर में लेटा था। मेरा लौड़ा खड़ा हो गया और मैंने लंड अंडरवियर से बाहर निकाल लिया। मैं अब खुद को रोक नहीं पा रहा था और सहलाने लगा।
अब पंकज के धक्के तेज हो गए, वो तेजी से चोदता हुआ अपनी बीवी की चूत में खाली हो गया।
मैंने लंड पर हाथ हटा लिया मगर लौड़ा पूरा तना हुआ था।
तो मैंने करवट बदल ली।
जब उसकी बीवी बाथरूम में गयी तो मैंने आंखें खोल लीं।
मैंने पंकज से कहा- यार, तूने तो मूड बना दिया। अब मैं कैसे खुद को शांत करूं?
पंकज अभी भी नशे में था; वो बोलने लगा कि मुठ मार ले।
मगर मैंने कहा- हाथ से नहीं हो पाएगा, यार कुछ और कर!
वो बोला- तो साले मेरी गांड मार ले।
मैंने कहा- नहीं यार, कुछ और जुगाड़ कर!
मैंने उसको दोस्ती का वास्ता दिया तो वो बोला- ठीक है, तो फिर मेरी जगह आकर लेट जा।
मैं यही सुनना चाहता था। मैंने झट से जगह बदल ली।
पंकज एक तरफ लेटकर सो गया। उसका माल निकल चुका था और नशा भी था।
मैं लेटा हुआ रूपा भाभी का इंतजार कर रहा था।
कमरे में अंधेरा था और रूपा भाभी आकर मेरे पास लेट गयी।
10 मिनट बाद मैंने उसकी चूचियों को सहलाना शुरू कर दिया। उसने मेरे हाथ को अलग हटा दिया। थोड़ी देर बाद मैंने उसकी चूचियों को पकड़ कर सहलाना शुरू कर दिया और उसकी जांघों पर हाथ फेरने लगा।
अब धीरे धीरे वो भी गर्म हो गई।
मैंने उसकी चूत में उंगली घुसा दी और अंदर-बाहर करने लगा।
मैं अब उसकी चूचियों को चूसने लगा और वो आह्ह … आह्ह … आह्ह … करने लगी।
मैंने उसे बिस्तर से उठाया और उसके मुंह में लंड डालकर चोदने लगा।
उसने लंड बाहर निकाल दिया और बोली- तुम पंकज नहीं हो!!
मैंने कहा- मैं राज़ हूं। पंकज ने ही मुझे यहां लेटने को कहा था।
भाभी गर्म थी। एक बार तो उसने विरोध किया लेकिन मैंने रिक्वेस्ट की तो वो मान गयी और मैं फिर से उसके मुंह में लंड देकर चोदने लगा।
धीरे धीरे अब वो खुद लंड को चूसने लगी मैंने उसके बूब्स सहलाने शुरू कर दिए।
अब वो पूरी तरह से चुदने के लिए तैयार हो गई थी।
मैंने उसकी चूत के नीचे तकिया लगाया और उसके ऊपर आ गया और लन्ड को सेट करके धक्का लगाया।
उसकी एकदम से हल्की चीख निकली तो मैंने मुंह पर हाथ रखा और पूरा लंड पेल दिया।
फिर मैंने उसके होंठों पर होंठ रख दिए और तेज तेज उसकी चूत में लंड को पेलने लगा।
कुछ देर के बाद उसका दर्द कम हुआ तो वो भी मेरा साथ देने लगी।
पंकज नशे में सो रहा था और मैं रूपा को उसी के बिस्तर में चोद रहा था।
रूपा को मजा आने लगा और वो मेरे लौड़े को अंदर तक ले रही थी।
अब मैंने उसे उठाकर घोड़ी बना दिया और उसकी चूत में लन्ड घुसा दिया।
उसकी आहह … आह्ह … निकलने लगी।
मैं उसे घोड़े के जैसे चोदने लगा; वो अपनी गांड को चलाने लगी।
मैं रूपा के बूब्स दबाने लगा और उसकी गान्ड में हाथ फेरने लगा। वो गांड आगे पीछे करके लंड लेने लगी थी। रूपा की चूत मेरे लन्ड को कसने लगी थी।
फिर मैंने अपने लौड़े की रफ्तार बढ़ा दी और तेज़ी से अंदर-बाहर करने लगा।
उसकी सिसकारियां तेज़ हो गईं और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया।
अब फच्च फच्च करके गीला लंड सटासट सटासट अंदर तक जाने लगा। मैंने उसे बिस्तर पर सीधा लिटा दिया और उसके ऊपर आ गया।
उसने लंड अपनी चूत में रखा और मैंने झटके से घुसा दिया और उसकी गीली चिकनी चूत में गपागप गपागप अंदर बाहर करने लगा।
गीला लंड फिसलता हुआ बच्चेदानी तक जाने लगा और उसकी आहहह आह्ह … आह्ह … आह्ह … की आवाजें तेज होने लगीं।
अब मैंने अपने लौड़े को चौथे गियर में डाल दिया और पूरी रफ्तार से चोदने लगा।
मेरा लौड़ा पूरा अन्दर तक जाने लगा और फिर एकदम से मेरे लौड़े ने वीर्य छोड़ दिया।
उसकी चूत लबालब भर गई और मैं उसके ऊपर लेट गया।
थोड़ी देर बाद हम दोनों अलग हो गए।
10-15 मिनट हमने बातें कीं तो उसने बताया कि पंकज उसे कभी ऐसे नहीं चोदता है। वो जल्दी जल्दी करता है और फिर झड़कर सो जाता है।
हम दोनों की नींद गायब थी।
पंकज का नशा भी ढीला हो गया था इसलिए मैंने रुपा को पैग बनाने को कहा।
वो उठी और लाइट जलाकर पैग बनाने लगी।
मैंने पैग मारा और रूपा ने फिर नींद में ही पंकज को दारू पिला दी।
मैं अभी रूपा की चूत के और मजे लेना चाहता था। शायद वो भी यही चाहती थी इसलिए जैसा मैं बोल रहा था वो वैसे ही कर रही थी।
दारू पीने के बाद अब लाइट बंद करके हम दोनों बिस्तर पर आ गए और रूपा मेरा लौड़ा चूसने लगी।
मैं उसके बूब्स मसलने लगा और वो लोलीपॉप समझकर मेरा पूरा लौड़ा अंदर लेते हुए चूसने लगी।
अब मैंने उसे 69 पोजीशन में किया और उसकी चूत को चाटने लगा। मैंने उसकी चूत में जीभ घुसा दी और अंदर-बाहर करने लगा। वो भी लंड को मुंह में अंदर तक ले रही थी और मस्ती से चूस रही थी।
मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी एक टांग उठा कर अपने कंधे पर रख ली। फिर मैंने लौडा़ चूत पर लगाया और चूत में लन्ड घुसा दिया और चोदने लगा।
वो आह्ह … ऊईई … आह्ह … करके चिल्लाने लगी।
उसे अब मैं बिना रूके चोदने लगा।
मैं नशे में था और उसकी चीखों से मजा आ रहा था मुझे! मैं और तेज़ तेज़ चोदने लगा।
उसको भी मज़ा आने लगा और वो बोली- राज चोदो … और तेज़ तेज़ … और तेज़ … चोदो।
मेरा लौड़ा मेरे काबू में नहीं था। वो रूपा की चूत में घोड़े के जैसे दौड़ने लगा।
अब रूपा भी गांड चलाने लगी। मैंने उसकी गान्ड पर चांटें मारना शुरू कर दिया वो और जोश में आकर चूत से लंड को दबाने लगी। मैंने झटकों की रफ्तार पूरी बढ़ा दी।
कुछ देर बाद मैंने लंड निकाल लिया और उसके मुंह में डाल दिया।
वो गपागप गपागप चूसने लगी और उसने पूरा लंड गीला कर दिया।
फिर मैं पीछे आ गया; पीछे आकर मैंने उसकी गान्ड में थूक लगाया।
वो बोली- राज नहीं … पीछे नहीं!
मगर मैंने उसकी नहीं सुनी।
उसकी गांड में मैंने उंगली घुसा दी और मैं उंगली अंदर बाहर करने लगा।
फिर मैंने उंगली निकाल कर गांड में और थूक लगाया और लंड को फेरने लगा।
लंड गीला था तो मैंने कमर पकड़कर जोर से दबाया तो लंड भाभी की गांड के छेद में घुस गया।
वो चीखने लगी तो मैंने उसके मुंह को हाथ से दबा लिया और दूसरे से उसकी चूचियों को दबाने लगा।
थोड़ी देर बाद उसका दर्द कम हुआ तो मैंने लंड को ढीला किया और जोर का धक्का लगाया।
वो गूं … गू … करने लगी और मैंने लंड को भाभी की गांड में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया।
उसकी गान्ड बहुत टाइट थी। अब वो गांड आगे पीछे करने लगी।
मैं समझ गया और मैंने अपना लन्ड बाहर निकाल लिया और झटके से घुसा दिया।
अब लंड ने गांड में जगह बना ली थी। अब मैं उसके ऊपर आ गया और सटासट … सटासट अंदर-बाहर करने लगा।
उसकी सिसकारियां आह्ह … आह्ह … करके निकलने लगीं।
मैंने चुदाई की रफ्तार बढ़ा दी।
अब उसकी टाइट गांड में मेरा लौड़ा ढीला पड़ने लगा और झटकों के साथ लंड ने वीर्य की धार छोड़ दी।
उसकी गान्ड वीर्य से भर गयी तो मैंने लंड निकाल लिया और उसके मुंह में डाल दिया।
मेरे लंड को भाभी ने चूस कर साफ़ कर दिया और हम दोनों चिपक कर लेट गए।
फिर बातें करते करते दोनों सो गए।
सुबह 5 बजे मेरी नींद खुली तो बिस्तर पर तीनों नंगे जिस्म पड़े थे।
मैं बाथरूम में गया और पेशाब करके रूम में आ गया।
मैंने दो पैग बनाए। पंकज बहुत बड़ा दारूबाज था। एक पैग मैंने कच्ची नींद में पंकज को पिला दिया और छोटा पैग पीकर बिस्तर पर आ गया।
धीरे धीरे मैं रूपा की चूत को चाटने लगा; उसकी चूचियां दबाने लगा।
फिर मैंने उसकी चूत में जीभ घुसा दी तो वो जाग गई।
मैंने जीभ से जल्दी जल्दी चोदना शुरु कर दिया।
रूपा आह्ह आह्ह … करते हुए सिसकारने लगी। अब वो मेरे सिर को अपनी चूत में दबाने लगी और मैं जीभ घुसाकर गपागप गपागप चोदने लगा।
उसका शरीर अकड़ गया और चूत ने पानी छोड़ दिया।
अब मैं बिस्तर पर लेट गया और वो खुद लंड को मजा लेकर चूसने लगी। वो गपागप लोलीपॉप के जैसे मेरे लौड़े को चूसने लगी।
मैं उसके बूब्स मसलने लगा; कभी उसकी पीठ में हाथ फेरने लगा।
उसने लंड को चूसकर तैयार कर दिया।
मैंने उसे बिस्तर से नीचे उतार दिया और झुका दिया।
अब मैंने उसकी गान्ड पर लंड दबाया तो लंड फिसलता हुआ चूत में घुस गया। फिर मैंने झटके मारना शुरू कर दिया और उसकी चूत को चोदने लगा।
रूपा भाभी को अब दर्द नहीं हो रहा था और वो आराम से लंड ले रही थी।
अब उसकी चूत खुल गई थी जो पंकज नहीं खोल पाया था।
तभी मैंने लंड निकाल लिया और उसकी गान्ड में थूक भर दिया।
उसने मेरे लौड़े पर अपना भी थूक लगाया और गांड पर लंड को रख लिया।
मैंने जोर लगाया और लंड अंदर चला गया।
वो एक बार तो चीखी मगर मैंने लंड को तेजी से अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया और उसकी आवाज को सुनकर भी नहीं रूका।
धीरे धीरे लंड ने अपनी जगह गांड में बना ली और रूपा का दर्द कम हो गया।
मैंने लंड निकाला और थूक लगाया और गांड में फिर से घुसा दिया.
अब लंड सटृ से अंदर चला गया।
मैंने लंड फिर निकाल लिया और फिर घुसाया।
ऐसा जल्दी जल्दी 4-5 बार किया तो अब गांड का छेद पूरा ढीला हो गया और लन्ड आसानी से अंदर बाहर करने लगा।
अब रूपा खुद गांड मटकाने लगी।
फिर मैंने उसे बिस्तर पर घोड़ी बनाया और गांड में लंड डालकर चोदने लगा।
अब रूपा भी बराबर से गांड आगे पीछे करने लगी और लंड को जवाब देने लगी।
रूपा ने बताया कि शादी के पहले उसके गांव के सरकारी डॉक्टर ने उसकी गान्ड में लन्ड घुसा दिया था। उसे बहुत दर्द हुआ था। तब से उसने कभी गांड में लंड नहीं डलवाया था।
अब तो उसकी गान्ड और चूत दोनों छेदों को मेरे लौड़े ने खोल दिया था।
तब मैंने उसकी गान्ड से लंड निकाल लिया और उसे बिस्तर पर सीधा लिटा दिया और उसके ऊपर आ गया।
मैंने उसकी चूत में लन्ड घुसा दिया और तेज़ तेज़ झटके मारने लगा।
अब लंड सटासट सटासट अंदर बाहर होने लगा था। मैंने रफ्तार बढ़ा दी और तेज़ी से चोदने लगा।
मेरा लंड अंदर उसकी बच्चेदानी में टकराने लगा। उसकी सिसकारियों से मेरा जोश और बढ़ने लगा।
लन्ड को मैंने चौथे गियर में डाल दिया और सटासट … सटासट … चोदने लगा।
5 मिनट तक मैंने बिना रुके जमकर भाभी को चोदा और फिर हम दोनों का पानी एक साथ निकल गया।
मैं लंड डालकर ऐसे ही लेटा रहा।
थोड़ी देर बाद हम दोनों अलग हो गए।
अब उजाला हो गया था। हम दोनों बाथरूम जाकर साथ नहाये। रूपा ने लंड चूस चूस कर साफ़ किया और फिर हमने एक दूसरे को साबुन लगाया।
नहाने के बाद दोनों कपड़े पहनकर रूम में आ गए।
पंकज अभी तक नंगा लेटा हुआ था, हमने उसके ऊपर चादर डाल दी।
फिर मैंने उसे जगाया तो वो बोला- राज भाई रात को थोड़ी ज्यादा हो गई थी।
मैंने कहा- हां मुझे भी बहुत नींद आई।
वो बोला- तेरी भाभी कहां है? चाय पी कर जाना।
बस इतना बोलकर वो फिर से सो गया।
उधर रूपा भाभी चाय बना रही थी। मैंने पीछे से उसे पकड़ लिया और चूमने लगा।
वो बोली- राज … रातभर सेक्स सेक्स सेक्स … इतने में भी तुम्हारा मन नहीं भरा?
मैंने कहा- भाभी, आप बहुत मस्त हो, मेरा तो फिर से मन हो रहा है।
मैं ऊपर से भाभी की चूचियों को दबाने लगा और उसकी गान्ड पर चांटें मारने लगा।
वो बोली- राज छोड़ो, अब नहीं।
वो नीचे बैठ गई और चाय छानने लगी। मैंने लंड निकाल लिया और उसका सिर पकड़ कर उसके मुंह में डाल दिया और चोदने लगा।
उसने लंड को निकाल दिया तो मैंने फिर से घुसा दिया और झटके देने लगा। उसने फिर से निकाला और मैंने फिर घुसा दिया।
अब वो भी हार गयी और लंड को चूसने लगी।
मैं उसके मुंह को वहीं खड़ा खड़ा चोदने लगा।
मैंने झटकों की रफ्तार बढ़ा दी और गले तक पेलने लगा। अब मैंने उसे कसकर पकड़ लिया और वो चूसने लगी।
तभी मेरी आंखें बंद हो गईं और लंड से ज्वालामुखी फूट पड़ा। मेरे वीर्य से रूपा का मुंह भर गया और वो गटागट करके पी गई और लंड को निचोड़ कर साफ़ कर दिया।
थोड़ी देर हमने बात की और फिर मैं जाने लगा।
वो बोली- राज … आते रहना। तुम्हारे दोस्त की बीवी को अपने लौड़े का मज़ा देते रहना।
मैंने कहा- भाभी, आप जब बुलाओगी आ जाऊंगा मैं!
वो बोली- राज तुम मस्त चोदते हो, अपने दोस्त को भी सिखाओ।
मैंने हंसते हुए कहा- इसमें तो मेरा ही घाटा है।
वो भी हंसने लगी और बोली- अच्छा … दोस्त की बीवी को चोदने में बहुत मजा आता है क्या?
मैंने कहा- भाभी, आपको चोदने में आता है। पंकज ने पहले नहीं बताया कि भाभी इतनी अच्छी मछली खिलाती है।
भाभी बोली- आपका घर है, जब खाना हो आ जाना।
फिर मैंने उसे गले लगाया और उसके होंठों को चूसने लगा।
वो भी साथ देने लगी।
फिर दोबारा आने का वादा करके मैं गुड़गांव अपने रूम पर आ गया।
उसके बाद भी मैंने कई बार रूपा भाभी को चोदा।
आपको मेरे दोस्त की बीवी की चुदाई की कहानी कैसी लगी मुझे जरूर बताना।
सेक्स सेक्स सेक्स कहानी पर कमेंट करना न भूलें।
मेरा ईमेल आईडी है [email protected]