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सेक्स की लत में दीदी ने मेरी मदद की- 1

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डर्टी Xxx गांड सेक्स कहानी मेरे कॉलेज की लड़कियों के साथ गंदे सेक्स की की है. मैं कॉलेज में ऐसे ग्रुप में फंस गया जहां मुझे लड़कियों की गांड चाटने और चोदने की आदत हो गई थी।

दोस्तो, मेरा नाम लकी है।
मैं मुंबई का रहने वाला हूं। मेरे घर में मेरे पापा, मैं और दीदी रहते हैं। पापा सरकारी नौकरी करते हैं।
मेरी मम्मी की मृत्यु बचपन में ही हो गई थी।

आज मैं आपको ऐसी कहानी बताने जा रहा हूं जिसमें कुछ रंडी लंडकियों ने मुझे सेक्स की ऐसी लत लगा दी जिसके कारण मैंने अपनी दीदी की ही चुदाई कर डाली।
तो आप इस डर्टी Xxx गांड सेक्स कहानी को ध्यान से पढ़ना और अपनी राय मुझे बताना कि मैंने क्या सही किया और क्या गलत।

आपको बता दूं कि मेरी दीदी, जिसका नाम रिया है, उम्र में मुझसे चार साल बड़ी है। बचपन से उसी ने मेरी देखभाल की है।

मां के जाने के बाद दीदी ने पढ़ाई छोड़ दी थी।
दीदी मुझसे बहुत प्यार करती हैं। वे मेरा मां की तरह ख्याल रखती हैं।

दीदी दिखने में भी बहुत सुन्दर है, एकदम साउथ की हीरोइन कीर्ति सुरेश की तरह दिखती हैं।
आप इस हीरोइन की फोटो देख कर मेरी दीदी की कल्पना कर सकते हैं।

जब मैंने 12वीं पास कर ली तो अब मुझे कॉलेज में एडमिशन लेना था।
तब मेरी उम्र 19 और दीदी की 23 की हो गई थी।

मैंने सोचा कि दीदी भी मेरे साथ कॉलेज में एडमिशन ले ले।
तो मैंने दीदी से बात की।
लेकिन वे नहीं मानीं तो मैंने पापा को कहा।
पापा ने दीदी को समझाया तो वो मान गई।

मेरा और दीदी का एडमिशन एक ही कॉलेज में हो गया।
अब दीदी मेरे साथ ही कॉलेज जाती थी।

इस कॉलेज में करोड़पति लोगों के बच्चे ज्यादा थे।
कुछ नेता लोगों के थे।
उनका एक ग्रुप था जिसमें ज्यादातर लंडकियां ही थीं, जो बहुत सुन्दर, सेक्सी और एकदम चालू किस्म की थीं।
सारी लड़कियां बड़े घर की होने के कारण कुछ नशे भी करती थीं।

मेरे भी काफी दोस्त बन गए।
मेरे दोस्त उन लड़कियों के ग्रुप के मेंबर थे।
वे अक्सर उन लड़कियों के साथ होटल में जाते और चुदाई करते।

सारी लड़कियां एक नंबर की रंडियां थीं।
उन्होंने मुझे भी ग्रुप में शामिल होने होने को बोला।

मेरा भी मन करता था कि इन सुन्दर-सुन्दर अमीर लड़कियों की चुदाई करूं।
इस लिए मैं उनके ग्रुप में शामिल हो गया।

मैं दीदी से छुपकर उनके साथ घूमता और पार्टी में भी जाता।

इनमें से एक राशिदा नाम की लड़की कॉलेज में सबके सामने मेरे साथ फ्लर्ट करने लगी।
दीदी ने भी ये बात नोटिस की।
तो दीदी ने कई बार मुझे उससे दूर रहने को कहा लेकिन मैं राशिदा की चुदाई करना चाहता था।

एक दिन क्लास रूम में राशिदा मुझे किस कर रही थी कि दीदी ने देख लिया।

दीदी ने मुझे उससे अलग कर एक थप्पड़ मारा और राशिदा को बुरा-भला कहा।
यह बात राशिदा को अच्छी नहीं लगी।

घर आकर दीदी ने मुझे बहुत डांटा और रोने लगी।

मैंने कहा- दीदी, मेरे सारे दोस्त उनके साथ मजा करते हैं, मैं क्यों नहीं कर सकता?
दीदी गुस्से से बोली- उन गंदी और बेशर्म लड़कियों के साथ क्या मजा आता है तुम्हें, अगर आज के बाद तुम उन लड़कियों के साथ दिखे तो मैं तुम्हारी शिकायत पापा से कर दूंगी।

अगले दिन कॉलेज गए तो आज राशिदा और उसकी सहेलियों ने दीदी को परेशान करना शुरू कर दिया।
अब वे जानबूझ कर मेरे ही पास रहती, मेरे साथ फ्लर्ट करती।

एक दिन राशिदा ने मुझे अपने साथ चलने को बोला तो मैं उसके साथ चला गया।
राशिदा मेरे साथ सेक्स करना चाहती थी लेकिन मैंने उसे टाल दिया।
वैसे मन तो मेरा भी बहुत था लेकिन मुझे दीदी का ख्याल आया तो मैं रुक गया, कि अगर दीदी को पता चला तो वो बहुत नाराज होगी।

मैं राशिदा की कार में घूम कर आ गया।
दीदी ने मुझे राशिदा की कार से उतरते देख लिया तो दीदी ने बहुत डांटा।
मैंने कहा- वो मुझे जिद करके अपने साथ घुमाने ले गई थी।

अगले दिन दीदी कालेज में राशिदा और उसकी सहेलियों से भिड़ गई और उन्हें मुझसे दूर रहने को कहा।
मैं दूर से दीदी को झगड़ते देख रहा था।

तभी राशिदा ने अपने मोबाइल में दीदी को कुछ दिखाया।
दीदी की आखें बड़ीं और चेहरा शर्म से लाल हो गया।

राशिदा दीदी से कुछ बोलकर चली गई।
तब मैं दीदी के पास गया तो दीदी अपना सिर झुकाए खड़ी थी।

मैंने दीदी से पूछा- क्या हुआ?
दीदी बोली कि आज से कॉलेज में मैं हर समय उनेक साथ ही रहूं।

अब दीदी अपनी सहेलियों को छोड़कर मेरे साथ मेरे बेंच पर बैठने लगी और घर से कॉलेज और कॉलेज से वापस घर तक वो अक्सर साये की तरह मेरे साथ ही रहती।

फिर एक दिन मेरे पास राशिदा का फोन आया, बोली- तूने तो नया बॉडीगार्ड रख लिया है।
मैंने कहा- ऐसा कुछ नहीं है, दीदी नहीं चाहती कि मैं तुमसे मिलूं।

मैंने राशिदा से पूछा- और कल तुमने ऐसा क्या दिखाया था दीदी को?
वह बोली- हमारे ग्रुप का सेक्स वीडियो था। जिसमें मैं और मेरी सहेलियां लंडकों से गांड चटवा रही थीं। अगर कुछ करना है तो मुझे क्लास के समय कॉलेज के बाथरूम में मिलना।
मैंने भी हां कर दी क्योंकि मेरा भी सेक्स करने का बहुत मन था।

अगले दिन मैं क्लास से दीदी को बाथरूम में जाने का बोल कर चला आया।
एक यही जगह थी जहां दीदी मेरे साथ नहीं आ सकती थी।

राशिदा मुझे गर्ल्स के बाथरूम में ले गई और वहां उसकी एक सहेली खुशी भी पहले से मौजूद थी।

वहां राशिदा ने मुझे एक पाउडर की पुड़िया दी और बोली- इसे चाट!
मैंने उससे पूछा- यह क्या है, तो दोनों हंस कर बोली- ये तुम्हें मर्द बना देगी, तुममें घोड़े जैसी ताकत आ जाएगी।
तो मैंने उस पाउडर को चाट लिया।

मुझे अजीब सा महसूस होने लगा।
राशिदा ने अपनी जींस को घुटनों तक उतार लिया और मेरे सामने घोड़ी बन गई।

उसने गुलाबी पैंटी पहनी हुई थी जिसमें उसकी गांड बहुत मस्त लग रही थी, एकदम गोरी और गोल शेप में!
फिर बोली- जल्दी करो अब!

मैंने भी उसकी पैंटी खीच कर नीचे कर दी।
अब उसकी चूत भी मेरे सामने आ गई।

मैंने कहा- लेकिन मेरे पास कंडोम नहीं है।
वो बोली- कोई बात नहीं, गांड मार लो।

मैंने उसकी गांड में लंड डाल दिया।
लंड आराम से अंदर चला गया।
राशिदा बहुत चुदी हुई लड़कियों में से थी।

उस लड़की राशिदा की गांड चुदाई मैंने जमकर की।

मैंने चोदते हुए अपना सारा माल उसकी गांड में उड़ेल दिया।
फिर मैं जल्दी से क्लास में लौट आया।

दीदी को शक हो गया और बोली- क्या बात है, बहुत समय लगा दिया बाथरूम में?
मैंने कहा- बस, ऐसे ही बाहर घूम रहा था मैं तो!

वे बोली- क्लास के समय बाहर क्यों घूम रहे थे, पढ़ाई करनी है या नहीं?
मैं बोला- बस मेरा मन नहीं था।

बस फिर दीदी ने कुछ नहीं कहा।

उस दिन के बाद क्लास के समय मैं रोज ही अब राशिदा की गांड और चूत चोदने लगा।

अब मुझे धीरे धीरे इसकी लत पड़ने लगी।
वे लोग मुझे रोज वो पाउडर देती थीं और मुझे चुदाई का पूरा मजा आता था।
मैं अब इस सब के बिना एक दिन भी नहीं रह सकता था।

फिर अचानक राशिदा कॉलेज में से गायब रहने लगी।
मैंने उसकी सहेलियों से पूछा तो उन्होंने बताया कि वह अपने पापा के साथ विदेश घूमने गई हुई है एक महीने की छुट्टी लेकर!

यह सुनकर मेरी तो हालत खराब हो गई और मैं सोचने लगा कि मैं एक महीना बिना चुदाई के कैसे रहूंगा।
मुझे अजीब सी बेचैनी होने लगी।
अब तक मुझे नशे और चूत की लत लग चुकी थी।

कई दिन तो मैंने मुठ मारकर काम चला लिया लेकिन अब चूत के बिना नहीं रहा जा रहा था।

मैंने राशिदा की सहेली खुशी से कहा कि वह मेरी मदद करे, मेरे साथ सेक्स कर ले।
लेकिन वह भी पूरी रंडी थी, वह पहले तो मानी ही नहीं।

फिर मैंने उससे मिन्नतें कीं कि वह जो कहेगी मैं करने के लिए तैयार हूं।
ये सुनकर वो मुस्कराई और बोली- सोच लो?
मैंने कहा- सोच लिया, अब मैं बिना चुदाई करे नहीं रह सकता हूं। और मैं किसी लड़की से भी नहीं मिल सकता हूं क्योंकि दीदी हर वक्त मेरे साथ ही रहती है। अब तुम ही मेरी मदद कर सकती हो।

वह बोली- ठीक है, लेकिन तुम्हें मेरी दूसरी सहेलियों को भी चोदना होगा।
यह सुनकर मैं तो और ज्यादा खुश हो गया।

वह बोली- लेकिन तुम्हें वैसे ही सेक्स करना होगा, जैसे हम कहेंगी।

खुशी मुझे बाथरूम में ले गई।
वहां पर उसकी और भी सहेलियां थीं जिनका नाम रेणु और प्रीति था।

खुशी ने कहा कि मुझे उन तीनों को एकसाथ खुश करना होगा।

फिर खुशी ने अपनी जींस पैंट खोल कर पैंटी खींचकर नीचे कर दी और कहा- मेरी गांड को खुश करो।

मैंने अपना लंड निकला और गांड पर लगाया तो खुशी मेरी तरफ मुस्करा कर बोली- ऐसे नहीं।
मैं उसे देखने लगा तो पास खड़ी रेणु और प्रीति भी हंस पड़ीं।

रेणु बोली- ये तो एकदम बुद्धू है। खुशी इसे बताओ कि कैसे खुश करना है।
खुशी मुस्कराते हुए बोली- बहन के लंड, पहले इसे चाट!

मैंने उन लड़कियों के मुंह की तरफ देखा तो तीनों मुस्करा रही थीं।

अब मुझे भी बहुत जोर से चुदाई की तलब लगी थी इस लिए मैंने उसकी गांड चाटना चालू कर दिया।

पहले खुशी, फिर रेणु, और फिर प्रीति … तीनों ने जमकर अपनी गांड चटवाई और एक-एक करके सभी ने मेरे मुंह में पानी भी झाड़ा और मेरे मुंह में ही मूता भी।
उन्होंने मेरा लंड हाथ से हिलाकर मेरा पानी निकलवा दिया।

अब रोज वे मुझे गांड-चूत चटवती और मेरे मुंह में ही पेशाब करती, और अपना चूत का पानी निकालती।

मैं दीदी से दूर रहने लगा।
दीदी मुझ पर नजर रखती लेकिन फिर भी मैं उन तीनों से किसी न किसी तरह मिल ही लेता था।

राशिदा भी आ गई कुछ दिन बाद … अब चारों मेरे साथ सेक्स करने लगीं।

मुझे तो अब इनकी गांड चाटने की लत लग गई थी।
अब पढ़ाई में भी मैं बहुत कमजोर हो गया और शरीर से भी!

दीदी ये सब नोटिस कर रही थी, दीदी ने कई बार मुझसे बात करने की कोशिश की लेकिन मैं दीदी से कुछ नहीं बोलता था।
तो दीदी ने पापा को भी बोल दिया.

पापा ने मुझे बहुत डांटा क्योंकि मेरे नंबर बहुत कम आए थे जबकि दीदी फर्स्ट डिविजन से पास हुई थी।

एक दिन जब हम चारों सेक्स कर रहे थे तो मैं राशिदा और खुशी की बारी बारी से गांड चाट रहा था।

तभी दीदी बाथरूम में आ गईं।
मुझे इस हालत में देख कर वो गुस्से से चिल्लाई।

मैंने दीदी को नजरंदाज कर दिया तो वे चारों भी हंसने लगीं।
खुशी बोली- ये तो हमारी गांड का कीड़ा है; हमारा कुत्ता है ये!

प्रीति बोली- आ जा, मेरा पानी निकलने वाला है, पी ले।

मैं दीदी से बोला- तुम जाओ, मुझे बहुत मजा आ रहा है।
यह बोलकर मैं प्रीति की चूत चाटने लगा।

दीदी ने बाहर चलने के लिए कहा लेकिन उन चारों ने कहा कि अगर मैं बाहर गया तो फिर वे मुझसे कभी नहीं मिलेंगी।

इतने में रेणु पेशाब करने बैठ गई और बोली- आ, मेरा अमृत पी ले!

मैं उसकी चूत से मूत की धार देखकर पागल हो गया।
मैंने दीदी से अपना हाथ छुड़ाया और रेणु का पेशाब पीने लगा।

दीदी मुझे वहीं पर छोड़कर आ गई।

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