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एक साथ दो लंड गांड में लेने की ख्वाहिश

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डर्टी गे सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरा मन था कि मैं दो लंड से एक साथ मजा करूं. मैंने अपने चोदू को बताया तो उसने अपने दोस्त को बुला लिया. फिर क्या हुआ?

दोस्तो नमस्कार. आपने मेरी पहली सेक्स कहानी

असली गांडू हूं मैं

को खूब सराहा था, उसके लिए आप अभी का धन्यवाद.

अब मैं अपनी अगली सेक्स कहानी पेश करता हूं.

ये डर्टी गे सेक्स कहानी एक प्रतिशत भी काल्पनिक नहीं है, हां कहानी को चटपटा बनाने के लिए थोड़ा सा तड़का लगाया है.

जैसा कि आपको पता है कि मुझे साई नाम का एक आदमी पुणे में मिला था, वो 35 साल का था.

उसके साथ मैंने बहुत बार सेक्स किया और भी बहुत सी नई नई चीजें की.

एक बार की बात है, मैं उसके सेक्स कर रहा था.

सेक्स खत्म होने के बाद मैंने उससे बोला- यार मैंने कभी थ्रीसम नहीं किया है, मेरा बहुत मन है. क्या हम लोग ट्राई करें?

पहले तो वो झिझका, क्योंकि वो नहीं चाहता था कि मैं किस और का लौड़ा चूसूं.

बहुत मस्का लगाने के बाद वो मान गया लेकिन वो बोला- तीसरा लड़का मैं ही लाऊंगा.

मैंने पूछा- क्या कोई पहले से ही नजर में है?

उसने कहा- हां मेरा एक दोस्त है, मैं उसको लेकर आऊंगा.

मैंने पूछा- वो दिखने में कैसा है और उसका लौड़ा कैसा है … आपके जैसा ही है ना?

वो बोला- उसका लौड़ा भी तगड़ा है, तू अपनी गांड में लेकर खुश हो जाएगा.

मैं अभी से खुश होने लगा कि एक साथ दो दो लौड़े चूसने को मिलेंगे.

उसने रविवार का दिन तय कर लिया.

मैंने भी कहा- ठीक है.

रविवार को तकरीबन दस बजे सुबह वो मेरे रूम पर आ गया.

तीसरे लड़के का नाम सोमू था, मेरे पुराने यार साई ने उसे मेरे बारे में ज्यादा कुछ नहीं बताया था.

मैंने दोनों को बैठने के लिए कहा और पानी के लिए पूछा. सोमू ने मना किया, लेकिन साई ने पानी पी लिया.

वो बोला- मैं पानी नहीं पीऊंगा तो फिर तुझे कैसे पिलाऊंगा.

इस पर हम दोनों ने धीमे से मुस्कुरा दिया, लेकिन सोमू को कुछ समझ नहीं आया.

साई ने उठकर मुझे किस करना शुरू किया तो मैं भी उसका साथ देने लगा.

जैसा कि मैंने पहले बताया था कि साई को लौड़ा चुसवाना बहुत पसंद है, इसलिए उसने मुझे अपनी टांगों के बीच घुटनों के बल बैठने को बोला.

मैं बैठ गया.

उसने अपनी पैंट खोल कर उतार दी और मुझे अपनी जांघों के बीच रगड़ने लगा.

मैं भी उसके अंडरवियर के ऊपर से ही साई का खड़ा होते लंड को चाटने लगा.

कुछ ही पलों में उसके लंड से प्रीकम आने लगा था, जिसके कारण लौड़े की जगह पर अंडरवियर गीला हो गया था.

साई ने मुझसे प्रीकम चाटने के लिए बोला और सोमू को बोला- देख बेटा सोमू, अब ये मेरा प्यारा सा गांडू कितना मस्त चाटेगा.

मैंने साई के अंडरवियर के ऊपर से प्रीकम चाटा.

माल साफ़ करने के बाद उसने अपना अंडरवियर नीचे उतारा और गोटी मेरे मुँह में भरने लगा.

मैं उसकी गोटियों को चूसने चाटने लगा.

गोटियां चटवाते चटवाते वो अपनी गांड भी चटवाने लगा.

मैं मज़े से उसकी गांड चाट रहा था.

सोमू ये सब देख रहा था. उसका लौड़ा पैंट में फनफना रहा था.

मैं साई की गांड के छेद को चाटे जा रहा था.

तभी साई ने फटाक से घूम कर अपना लौड़ा मेरे मुँह में पेल दिया.

मैं किसी चॉकलेट बार की तरह हल्के हल्के से उसका लंड चूसने लगा.

लौड़ा चूसते चूसते मैंने सोमू की पैंट के ऊपर से ही उसका लौड़ा पकड़ लिया और उसे सहलाने लगा.

साई ने सोमू से बोला- पैंट उतार दे.

उसने जल्दी से अपने सारे कपड़े उतार दिए.

साई ने मेरी फिरकी लेते हुए कहा- तू तो पूरे जोश में आ गया.

मैंने कुछ नहीं कहा, मुझे इस वक्त अपनी थ्रीसम वाली तमन्ना पूरी होती दिख रही थी.

साई का लौड़ा मैंने मुँह से निकाल कर सोमू का लौड़ा ले लिया और चूसने लगा.

सोमू का लौड़ा सवा सात इंच का था और लंड की मोटाई भी अच्छी थी.

मगर साई का लौड़ा उससे ज्यादा तगड़ा था.

चूंकि मुझे साई के लौड़े को चूसने की आदत हो चुकी थी तो सोमू का लौड़ा निगलने में मुझे जरा भी वक्त नहीं लगा.

मैंने तुरंत ही उसके लौड़े को गले तक उतार लिया और उसे मज़े देने लगा.

जब मैं उसके लौड़े को गले तक निगलता तो उसकी आंह निकल जाती और मेरे नाक के नथुनों में उसकी झांटों की खुशबू मदहोश करने लगती.

ये भी एक कारण है कि मैं सोमू के लौड़े को बड़े मजे से निगल रहा था.

थोड़ी देर की लंड चुसाई के बाद साई अपना लौड़ा मेरे मुँह में देने के लिए मेरे गाल पर लंड से थपकी देने लगा.

अब मेरा अरमान पूरा होने को था.

मैं दोनों के लंड चूसने लगा.

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.

जो लौड़ा चूसता है, ये मजा वही बता सकता है. हर लौड़े का स्वाद अलग होता है. मुझे दो दो लंड का स्वाद एक साथ मिल रहा था.

अब दोनों एक साथ मेरे मुँह पेलने लगे. मैं कभी इसका, तो कभी उसका लौड़ा चूसने लगा.

मुझे बेहद सनसनी हो रही थी.

काफी देर तक दोनों के लौड़े चूसने के बाद सोमू अपनी गोटियां चटवाने लगा.

साई अब बेड पर बैठ गया था.

मैं वहीं घुटने के बल बैठे बैठे सोमू का गोटियां चूसने में लगा था.

साई ने बोला- सोमू पीछे घूम जा, ये गांड भी मस्त चाटता है.

सोमू पीछे घूम गया और अब मैंने उसकी गांड के छेद पर जीभ फेरना शुरू किया.

वो मदहोश होने लगा.

मैं और जोर जोर से गांड चाटने लगा.

इतने में साई उठा और बोला- मेरा लौड़ा भी चूस!

मैं कभी सोमू का गांड चाटता, कभी साई का लौड़ा.

सोमू दूसरी तरफ मुँह करके झुका हुआ था.

वो हम दोनों को नहीं देख पा रहा था.

साई ने अपने लौड़े पर थूका और मेरे मुँह में अपना लौड़ा उतार दिया.

मैं उसका थूक से सना हुआ लौड़ा चूसने चाटने लगा.

कुछ देर बाद साई हट गया और मैंने सोमू की गांड चाटना फिर से शुरू कर दिया.

इस बार साई अपना लंड हिलाते हुए बेड पर बैठ कर सीन देख रहा था.

थोड़ी देर बाद साई ने मुझे बुला लिया और मुझे अपनी टांगों के बीच आने को कहा.

मैं उसकी टांगों के बीच आकर उसका लौड़ा चूसने लगा.

अब सोमू हम दोनों की गे ब्लू फिल्म को लाइव देखने लगा.

कुछ देर बाद साई का लौड़ा थोड़ा सा ढीला पड़ गया था फिर भी वो मेरे मुँह में लौड़ा पेले जा रहा था.

अचानक से मुझे कुछ कड़वा नमकीन सा लगा.

मैंने साई की तरफ देखा तो उसने मुझे आंख मारी और मुस्कुराते हुए बोला- चूसता जा भोसड़ी के!

आंख से मैंने सोमू के होने का इशारा किया.

तो उसने सोमू को बोला- एक बार हॉल से घूम कर आना.

सोमू ने पूछा- क्यों?

साई बोला- तू जा ना प्लीज़.

वो जैसे ही हॉल में गया, साई ने मुझे बोला- रस पी जा मेरी छम्मक छल्लो.

मैं साई के लंड से निकला मूत पी गया और अपने मुँह से लौड़ा निकाल दिया.

वो बोला- पी ना यार मेरा मूत. पहले भी तू पिया है, मैं सोमू के सामने नहीं पिलाना चाहता क्योंकि मैं नहीं चाहता तू मेरे अलावा किसी और का मूत पिए.

मैंने बोला- ठीक है.

अब वो बेड पर से उतर कर खड़ा हो गया और मेरे मुँह पर निशाना लगा कर मूतने लगा.

वो थोड़ा सा मूता, मैंने उसे पिया.

इतने में ही सोमू की आने की आहट सुनाई दी.

उसने मुझे हल्के से बोला- मुँह में लेकर पी.

सोमू आया और बोला- क्या हुआ, मुझे बाहर क्यों भेजा था?

साई ने बोला- कुछ नहीं, ऐसे ही.

अब साई मेरे मुँह में लौड़ा डाल कर मूतने लगा, मैं उसे पीने लगा.

वो खुद पर कंट्रोल करके धीरे धीरे मूत रहा था ताकि मैं पूरा मूत पीता जाऊं.

उसने पूरा मूत मेरे मुँह में उतार दिया और अपना लौड़ा निकाल लिया.

फिर भी मूत की बूंदें टपक रही थीं, मेरे होंठ पर दो चार बूंदें गिरीं, जिसे मैं जल्दी से चाट गया.

सोमू ने ये देख लिया और पूछा- क्या ये मूत पी रहा था?

साई ने बोला- नहीं बे, बस लौड़ा चूस रहा था. तू भी चुसा ले … तब तक मैं कंडोम लगाता हूँ.

मैं साई का मूत पीने के बाद सोमू का लौड़ा चूसने लगा.

सोमू के लौड़े से प्रीकम आ रहा था, वो मैं चाटता जा रहा था.

इतने में साई ने पीछे से आकर मेरी गांड में लौड़ा डालना चालू कर दिया.

मेरी गांड ने साई का लौड़ा लेने में कोई तकलीफ़ नहीं दिखाई बल्कि गांड का मुँह लंड लीलने के लिए फट से खुल गया.

अब साई का लौड़ा मेरी गांड में था और सोमू का लंड मेरे मुँह में.

दोनों मिल कर मुझे चोद रहे थे; मुझे बेहद अच्छा लग रहा था.

थोड़ी देर बाद, सोमू ने कंडोम लगाया और वो मुझे चोदने लगा.

अब बारी बारी से मैं दोनों के लंड से चुद रहा था.

सोमू ने साई को बोला- क्यों ना दोनों लौड़े एक साथ इसकी गांड में डाले जाएं!

साई ने बोला- इससे पूछ!

सोमू ने बोला- ये तेरा मूत पी रहा था, इससे क्या पूछना?

मैं बोला- हां ठीक है, दोनों एक साथ डालो.

साई अब लेट गया, मैं उसके लौड़े पर गांड फंसा कर बैठ गया. सोमू ने पीछे से लौड़ा डालना चालू किया.

मुझे बहुत दर्द हुआ, तो मैंने बोला- धीरे धीरे करो.

सोमू धीरे धीरे मेरी गांड में लौड़ा डालने की कोशिश करने लगा. फिर भी उसका लौड़ा अन्दर नहीं जा रहा था.

उसने जोर से झटका दे दिया, इससे मुझे बहुत तेज़ से दर्द हुआ.

मैं चिल्ला उठा.

इतने में साई बोला- रुक जा सोमू.

सोमू रुक गया.

उसने मुझसे बोला- अगर तुझे दर्द हो रहा है … तो हम लोग नहीं करेंगे.

मैंने बोला- दर्द तो हो रहा है, एक बार फिर से कोशिश करो, मैं देखता हूँ.

सोमू ने फिर से लौड़ा पेलना चालू किया, दर्द अब भी बहुत तेज हुआ.

मैं बोला- रुक जाओ.

सोमू के लंड निकलते ही मैं साई के लौड़े से भी उठ गया और खड़ा होकर इधर उधर चलने लगा.

मुझे बहुत तेज़ जलन होने लगी थी. ऐसा लग रहा था जैसे मेरी गांड में मिर्ची भर दी गई हो.

मैं बोला- ये वाला रहने देते है, फिर कभी करेंगे.

वो दोनों मान गए.

अब दोनों ने कंडोम लौड़े से हटा दिया और मेरे मुँह को अपने लौड़े से वार करने लगे.

मैंने लंड चूसना शुरू किया और इसका मज़ा लेने लगा.

मैं बारी बारी से दोनों का लौड़ा चूस रहा था.

दोनों का रस निकलने वाला हो गया था तो मैं चित लेट गया और उन दोनों को खड़े होकर लंड हिलाने के लिए बोला.

मैंने बोला- लंड का रस सीधा मेरे मुँह में गिराओ.

दोनों ने वैसा ही किया, दोनों का लावा एक साथ निकला और मेरे मुँह में टपटप गिरने लगा, कुछ इधर उधर भी गिरा.

जितना मेरे मुँह में गिरा, उतना मैं पी गया.

दोनों के लौड़े के रस का स्वाद अलग अलग था, पर अच्छा था.

दोनों ने अपने लंड मेरे मुँह पर झाड़ दिए और बेड पर लेट गए.

सोमू ने साई से पूछा- सच बता, ये मूत भी पीता है क्या?

साई ने मना किया, फिर भी सोमू को शक हो गया था.

जैसा कि आप सबको मालूम है, लौड़े से रस निकलने के बाद पेशाब सबको आती है. साई को भी आयी, लेकिन सोमू सामने था.

उसने सोमू को बोला- जा, जाकर लौड़ा साफ़ कर ले.

वो उठ कर जाने लगा.

साई जल्दी से उठ कर मेरे मुँह में लौड़ा भर कर मूतने लगा.

मैं तैयार नहीं था इसलिए पी नहीं पाया और कुछ मूत फर्श पर गिर गया.

साई को थोड़ा गुस्सा आ गया और बोला- जाने दो, आगे से कीमती माल को खराब मत करना.

वो फिर से मेरे मुँह में धार मारने लगा.

मैं उसके नमकीन अमृत की बूंदें को पीने लगा.

अभी मैं मूत पी ही रहा था कि सोमू आ गया और उसने देख लिया.

साई मुस्कुराया और बोला- हां ये मूत भी पीता है … लेकिन सिर्फ मेरा. इसलिए तुझे नहीं बता रहा था.

उसने साई से कहा- एक बार मुझे भी इसके मुँह में मूतने दे, मैंने आज तक किसी के मुँह में नहीं मूता.

साई ने साफ मना कर दिया और वो मूतता रहा, मैं उसका मूत पीता रहा.

उसने अपने मूत की एक एक बूंद मेरे मुँह में गिरा दी और बोला- अब उठ जा और जाकर साफ़ कर ले.

सोमू ने उससे बहुत बोला कि उसे भी मूतने दे, लेकिन साई नहीं माना.

फिर हम तीनों ने अपने अपने को साफ किया और आकर बैठ गए.

सोमू की चाहत खत्म ही नहीं हो रही थी, वो अभी भी उसी मुद्दे पर अटका हुआ था.

उसने साई से फिर पूछा- क्या ये हमेशा पीता है?

साई ने बोला- हां … मगर सिर्फ मेरा.

सोमू बोला- इसकी शुरुआत कैसे हुई थी?

साई बोला- एक बार जब हम दोनों बाहर घूमने गए थे. हम दोनों एक मॉल में थे, तो मुझे बहुत ज़ोर से पेशाब आई थी. मगर उस समय सब बाथरूम भरे थे, तो फिर हम दोनों एक रेडीमेड कपड़ों के शोरूम में घुस गए और उधर ट्रायल रूम में घुस कर कपड़े ट्राई करने लगे. उसी दौरान मैंने इसके मुँह में मूता था. तब जाकर मुझे आराम मिला था.

मैंने कहा- हां … और वो सिनेमा हॉल की बात भी बताओ न.

साई- हां, एक बार सिनेमा हॉल में इसने मेरा लौड़ा चूसा था और लौड़े का वीर्य और मूत दोनों पी लिए थे. जब कभी भी हम नाइट आउट करते हैं, तब रात को मैं इसके मुँह में ही मूतता हूँ.

मैंने भी बोला- हां अब तो मुझे साई के मूत पीने की आदत हो गई है. ये कभी भी कहीं भी मुझे अपना मूत पिला सकता है. मैं इसे कभी मना नहीं करता.

सोमू ने बोला- तुम दोनों का सही है यार. तुम दोनों एक दूसरे के पूरक लगते हो.

फिर दोनों ने पानी पिया और चले गए.

आपको मेरी डर्टी गे सेक्स कहानी कैसी लगी, मुझे मेल जरूर लिखें.

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