देसी गर्ल हॉट चूत कहानी में पढ़ें कि मैंने एक सादी सी लड़की को सेक्स के लिए टिकाया और उसे होटल में चुदाई के लिए ले गया. पूरी रात मैंने उसे चोदा.
दोस्तो, मैं आपको अपनी गर्लफ्रेंड रिया की चूत चुदाई की कहानी सुना रहा था.
कहानी के पहले भाग
गर्लफ्रेंड की कोरी चूत की पहली चुदाई
में मैंने पहली बार होटल के कमरे में अपनी जान रिया को चोद दिया था.
अब आगे देसी गर्ल हॉट चूत कहानी:
उस रात चार बजे तक मैंने तीन बार रिया की चूत चुदाई की थी.
चुदाई के बाद थकान बहुत ज्यादा हो गई थी तो हम दोनों नंगे ही चिपक कर सो गए थे.
सुबह जब हम दोनों की नींद खुली तो वो बड़ी मासूम लग रही थी.
मैंने उसके होंठों का चुम्बन लिया तो वो जाग गई और मुस्कुरा कर मेरे सीने पर सर रख कर लेट गई.
फिर कुछ ही समय बाद वो मेरे ऊपर आ गई और मुझे किस करने लगी.
उसने मेरे माथे पर किस किया.
मेरे पूरे चेहरे को चूमने के बाद मेरे होंठों से उसने अपने होंठ लगा दिए और बड़े ही जोश से किस करने लगी.
नीचे मेरी गर्दन पर किस करने लगी और जीभ से भी चाट रही थी.
इसी तरह नीचे जाती हुई वो मेरी छाती पर किस करने लगी, अपनी जीभ मेरे निप्पलों पर घुमाने लगी.
मुझे तो बहुत ही मजा आ रहा था.
इतने प्यार से वह मेरे पूरे जिस्म को चूम और चाट रही थी.
फिर वह और नीचे को आ गई और मेरे पेट पर चाटने लगी.
जैसे ही वह मेरे पेट पर अपनी जीभ घुमाती, तो मेरे पूरे शरीर में एक सिहरन सी दौड़ पड़ती.
अब वह मेरे लंड पर भी किस करने लगी.
उसने मेरे लंड को अपनी जीभ से भी चाटा. उसने मेरे लंड को मुँह में अन्दर नहीं लिया.
मेरी ऐसा करवाने की कोई इच्छा भी नहीं थी.
कुछ देर तक रिया ने मेरे पूरे लंड को अच्छे से जीभ से चाटा.
फिर वह ऊपर आ गई और कामवासना में लीन होकर मेरे ऊपर लेट गई.
वो अपनी चूत मेरे लंड पर टिका कर आगे पीछे होने लगी.
मेरे लंड ने फिर से चूत के होंठों का जायजा लिया और चूत को रगड़ देने लगा.
इससे रिया कामुक कर देने वाली सिसकारियां निकालने लगी.
मैंने कहा- जान छतरी लगा लेने दो.
वो ‘हूँ …’ कह कर लंड से हट गई और मैंने सिरहाने रखे कंडोम के पैकेट से एक कंडोम अपने लंड पहन लिया.
मैं फिर से चित लेट गया और वह मेरे ऊपर चढ़ गई.
उसने मेरे लंड को अपनी चूत पर सैट किया और चूत को लंड पर रगड़ने लगी.
उससे जल्दबाजी में लंड अन्दर नहीं लिया जा रहा था.
तभी मैंने अपना हाथ नीचे करके उसकी चूत में उंगली डाल कर छेद का अंदाजा लगाया और लंड को चूत पर सैट करके ऊपर को धक्का लगा दिया.
मेरा मूसल सा कड़क लंड उसकी हॉट चूत में सरक गया.
लंड अन्दर लेते ही वह सिसकारियां भरने लगी और बड़े जोश में आगे पीछे होने लगी.
मैं अब कभी उसकी कमर को तो कभी उसकी गांड को पकड़ कर आगे पीछे हिलाने लगा.
चुदाई में बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था और मेरी जान तो जन्नत की सैर पर थी.
इस बार मैं धक्के नहीं लगा रहा था वो ही बस अपनी गांड को बड़े जोश से आगे पीछे हिला रही थी.
उसकी हिलती हुई चूचियां मेरे मुँह और जीभ को ललचा रही थीं.
मैं बार बार चूची की नोक को अपने मुँह में दबाने की कोशिश करता मगर वो मछली सी फिसल कर अपनी चूची हटा देती.
इस खेल से वो काफी खिलखिला रही थी मगर मैं सफल हो गया और उसकी एक चूची को अपने मुँह में दबा ही लिया.
वो आह करती हुई लंड पर चूत पटकने लगी.
इस बार चुदाई में बहुत मजा आ रहा था और झड़ने में भी काफी समय लग रहा था.
कुछ और देख बाद मैं झड़ने को हुआ तो मैं उसकी गांड को पकड़ कर और ज़ोर ज़ोर से लंड पेलने लगा.
उसे भी अपनी गांड लंड पर चलाने में मैं उसकी मदद करने लगा.
ऐसे ही चोदते हुए मैं झड़ गया और वह भी मेरे ऊपर निढाल होकर लेट गई.
अब वह काफी थक चुकी थी तो मेरे सीने पर अपनी तेज गर्म सांसों को छोड़ने लगी.
मैं रिया की थकान को महसूस करने लगा.
कुछ पल बाद जब वह मेरे ऊपर से उठी तो मेरा लंड चूत से बाहर निकल आया.
रिया मेरे बाजू में लेट गई.
मैं उठ कर बाथरूम में जाकर लंड साफ करके और फ्रेश होकर आ गया.
उसके पास आकर मैं उसको अपनी बांहों में भर कर लेट गया.
थकान काफी हो गई थी तो हम दोनों आंख लग गई.
करीब आधे घंटे बाद जब आंख खुली तो दिन काफी चढ़ चुका था.
उठते ही हम दोनों फिर से एक दूसरे को किस करने में लीन हो गए.
कभी होंठों पर, तो कभी गले पर चुम्बन चलने लगे.
हमारी वासना फिर से जागृत हो गई.
मैंने तुरंत ही उसको बेड पर सीधे लेटा दिया और खुद उसके ऊपर चढ़ गया.
मैं उसको बेतहाशा चूमने लगा. होंठों से होता हुआ नीचे उसके मम्मे चूसने लगा.
मम्मों से खेलने के बाद मैं नीचे पेट तक पहुंच गया.
मेरी जीभ उसके पूरे पेट को चाटने लगी और रिया खिलखिलाने लगी.
मैं कभी होंठों से पेट को चूमता तो कभी जीभ से चाटता.
वह भी अपनी आंखें बंद करके मादक सिसकारियां भरती हुई पूरा आनन्द ले रही थी.
मैंने उसकी टांगें सीधी कर दीं और खुद उनके ऊपर बैठ कर उसके हाथों को साइड में करके पकड़ लिया ताकि वो ज्यादा छटपटा ना सके.
फिर अपना मुँह सीधा उसकी चूत पर लगा दिया और जीभ से लपलप करके चूत चाटने लगा.
कभी मैं उसकी चूत के दाने पर जीभ फेरता तो कभी जीभ चूत के अन्दर तक डाल कर चाटने लगता.
वह अपनी चूत पर मेरी जीभ का ऐसा प्रहार पाकर बहुत मज़े से चूत चटाई करवा रही थी.
मैंने उसकी चूत को करीब दस मिनट तक लगातार बेतहाशा चाटा.
चूत की चटाई खत्म होने के बाद मैंने जल्दी से कंडोम पहना और उसकी टांगों के बीच आकर लंड को चूत पर टिका दिया.
जैसे ही मैं अन्दर डालने के लिए ज़ोर लगाने लगा तो वह बोली- बेबी, दर्द हो रहा है, आराम से करना.
मैंने बोला- चिंता मत करो जान, तुम कई बार इसे अन्दर ले चुकी हो, फिर भी मैं धीरे से ही करूंगा.
मैंने बड़े प्यार से लंड को चूत में घुसा दिया.
पूरा लंड अन्दर घुसाने के बाद मैंने उसके होंठों पर किस किया और धीरे धीरे धक्के देकर चुदाई करने लगा.
वो- आंह आंह स्लो करो जान … जलन हो रही है.
मैं लंड चूत में पेलने के साथ बोल रहा था कि हां धीरे ही करेंगे मेरी जान, नहीं होगा दर्द.
कुछ ही धक्कों के बाद वह बहुत गर्म हो हो गई थी.
उसने मेरी कमर को अपनी टांगों से जकड़ लिया और बड़ी ही कामुक भरी आवाज में आहें भरती हुई बोलने लगी- आंह जानू ज़ोर ज़ोर से करो.
उसके ऐसा बोलते ही मैं बड़े जोश में आकर ज़ोर से धक्के लगा कर उसको चोदने लगा.
वह तो वासना में लीन होकर ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी.
तभी मैंने अपने एक हाथ से उसके मुँह को बंद किया और धकापेल चूत चुदाई करने लगा.
फिर मैं ऊपर को उठ गया और उसकी तरफ बांहें फैला कर इशारा किया.
उसको पकड़ कर ऊपर उठा लिया और उसको उठा उठा कर चोदने लगा.
वह भी नीचे से जोर लगा कर लंड को चूत के पूरा अन्दर कर रही थी.
जब ऐसे चुदाई हो रही थी तो ठप-ठप और फच-फच की कामुक आवाजें पूरे कमरे में गूंज रही थीं.
मैं अब और नहीं रुक सकता था तो मैंने उसको नीचे लिटाया और पूरा उसके ऊपर लेट कर ताबड़तोड़ चूत चुदाई करने लगा.
इसी चुदाई में न जाने मैं कब झड़ गया, पता ही न चला.
झड़ने के काफी समय तक लंड चूत के अन्दर डाल कर वैसे ही उसके ऊपर लेटा रहा.
वह मेरी पीठ पर अपने हाथ फिराती रही.
कुछ देर बाद मैं उठा और फिर से लंड साफ करके वापिस आ गया.
मेरे बाद वो भी बाथरूम में गई और फ्रेश होकर आ गई.
मैं उसको बांहों में लेकर अपने जिस्म से उसके जिस्म को सटा कर लेट गया.
हम दोनों आधा घंटा तक ऐसे ही पड़े एक दूसरे के जिस्म को महसूस करते रहे.
थोड़ी देर बाद वह मुझसे बोली- चलो जान अब उल्टा घूम जाओ.
मैंने कहा- जो हुकुम जान.
मैं बिस्तर पर उल्टा होकर लेट गया और वह मेरी पीठ पर बैठ गई. मुझे बेतहाशा चूमने और चाटने लगी.
पहले मेरी गर्दन के पास चूमा, फिर उसने मेरे कंधों से होती हुई मेरी बांहों तक को चूमा.
इसके बाद रिया मेरी पीठ पर अपनी जीभ चलाने लगी और नीचे मेरी कमर पर भी बहुत चूमा.
अब वो वैसे ही मेरे ऊपर लेट गई. हम दोनों को काफी तेज भूख लग आई थी.
मैंने कुछ खाने को मंगाया और खाने के बाद सो गए.
एक घंटा आराम करने के बाद मेरी नींद खुल गई.
रिया जागी हुई थी और मेरे लंड से खेल रही थी.
ऐसी जोशीली और कामवासना से भरी हुई लड़की के साथ अपना पहला सेक्स सुख पाकर मैं बहुत ही खुश था और मेरे आनन्द की कोई सीमा नहीं थी.
रिया के सहलाने से मेरा लंड फिर से कड़क हो गया था और चूत चुदाई के लिए एकदम तैयार खड़ा था.
देर ना करते हुए मैंने कंडोम पहना और उसकी साइड में लेट कर उसके मम्मे दबाने लगा, चूसने लगा.
मैंने अपना हाथ नीचे उसकी हॉट चूत पर रखा और अपनी एक उंगली अन्दर डाली, तो वह उछल गई.
मैं उंगली अन्दर बाहर करने लगा और वह बहुत सिसकारियां लेने लगी.
उसने मेरा हाथ पकड़ रखा था, पर मैं फिर भी उंगली से चुदाई करता रहा.
ऐसा करने के बाद मैं उसकी टांगों के बीच आ गया और उसने अपनी टांगें ऊपर उठा दीं.
मैंने एक तकिया उसकी गांड के नीचे रखा और लंड उसकी चूत पर रख कर अन्दर डाल दिया.
रिया की चूत चुदाई एक बार फिर से शुरू हो गई.
वह भी मेरे पूरा साथ दे रही थी और चुदाई का पूरा मज़ा ले रही थी.
तभी मैंने अपने दोनों हाथ नीचे ले जाकर उसकी गांड के नीचे रख लिए और उसकी गांड को थोड़ी सी ऊपर उठा दिया.
उसने भी अपने हाथ मेरी पीठ से नीचे करके मेरी गांड पर रख लिए और ज़ोर लगा कर लंड को और अन्दर तक करने लगी.
चुदाई में बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर पन्द्रह मिनट की दमदार चूत चुदाई के बाद मैं ऐसे ही झड़ गया और वह भी मेरे साथ ही झड़ गई.
उस टाइम करीब साढ़े चार बज चुके थे. हम दोनों एक दूसरे को बांहों में लेकर फिर से सो गए.
करीब साढ़े छह बजे हमारी आंख खुली तो हमने एक दूसरे को किस किया और होंठों को भी चूसने लगे.
मेरा एक बार और चुदाई का मन हुआ तो होंठों पर किस करते हुए अपना हाथ नीचे ले गया और उसकी चूत पर ऊपर से ही फिराने लगा.
इतने में वह गर्म हो गई, तो मैंने मौका पाकर जल्दी से कंडोम पहना और उसने टांगें फ़ैला दीं.
मैंने लंड चूत पर सैट करके ज़ोर लगा कर चूत में डाल दिया और चुदाई करने लगा.
लंड अन्दर घुसते ही उसने अपनी बांहों से मेरी पीठ और अपनी टांगों से मेरी कमर को जकड़ लिया और अपनी चूत चुदाई का मज़ा लेने लगी.
इस बारी हम दोनों को ही झड़ने में ज्यादा देर नहीं लगी.
पांच मिनट की अति तीव्र और उत्साहित चूत चुदाई के बाद हम झड़ गए.
फिर कुछ समय ऐसे ही एक दूसरे की बांहों में लेटे रहने के बाद हम उठे और अपनी हालत ठीक करके कपड़े पहनने लगे.
हम दोनों तैयार होकर बेड पर बैठ गए, एक दूसरे को हग किया और प्यार से किस की.
कुछ देर बाद हम दोनों नहा कर रेडी हुए और घर के लिए निकल गए.
उसे घर छोड़ने के बाद मैं अपने घर निकल गया.
दोस्तो, यह थी देसी गर्ल की हॉट चूत कहानी. उम्मीद करता हूं कि आपको पसंद आई होगी.
मुझे मेल करें.
धन्यवाद.
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