कज़िन Xxx गे कहानी मेरे मामा के बेटे से अपनी गांड मरवाने की है. वो गोरा और लम्बा है और फिट बॉडी है. मैं उसके साथ रहने की कोशिश करता था कि हमारा मिलन हो सके.
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम पार्थ सक्सेना है. यह नाम बदला हुआ है.
आज मैं आपको जो सेक्स स्टोरी बताने जा रहा हूँ, वो मेरी खुद की रियल स्टोरी है.
ये मेरी पहली कज़िन Xxx गे कहानी है. अगर कोई भूल चूक हो जय तो अपने छोटे भाई को माफ कर देना.
मैं मुरादाबाद का रहने वाला हूँ. मेरी लम्बाई 5 फुट 3 इंच है. दिखने में मैं साधारण सा हूँ.
कोई ज्यादा कसरत आदि भी नहीं करता हूँ. बस सुबह जॉगिंग और हल्की फुल्की एक्सरसाइज करता हूँ. कुल मिला कर मेरी बॉडी मस्त सेक्सी स्लिम है. हालांकि रंग सांवला है.
यह बात तब की है, जब मैं बी.कॉम के पहले साल में था.
उस समय मेरी उम्र 20 साल थी.
गर्मी की छुट्टी की बात है. उस टाइम मेरे मामा का लड़का हमारे घर रूकने आया था.
उसका नाम अमित है. उसकी उम्र 22 साल है. रंग गोरा और लम्बाई 5 फुट 6 इंच है और फिट बॉडी है.
उसकी बॉडी मस्त फिट और सेक्सी है. उस पर मेरी नजर हमेशा से ही थी और कहीं ना कहीं मुझे भी लगता था कि वो भी मुझे उसी नजर से देखता था, जिस नजर से मैं उसको देखता था.
वो एक दवाई की फैक्टरी में वर्कर है.
इस बात का जिक्र करना इसलिए जरूरी है क्योंकि उसकी इसी जॉब के चलते हमारा मिलना हो सका था.
वो कहानी में बाद आपको मालूम चलेगा.
कई बार जब वो मुझे गाड़ी पर घुमाने ले जाता था, तो मुझे गाड़ी चलाना सिखाने के बहाने से वो मुझसे चिपक कर बैठ जाता था.
उस टाइम मुझे गाड़ी चलानी नहीं आती थी क्योंकि हमारे पास गाड़ी नहीं थी.
बार बार किसी न किसी बहाने से या तो वो मेरी कमर पकड़ लेता था या मुझसे एकदम से चिपक जाया करता था.
उसके ऐसा करने से मुझे भी काफी अच्छा लगता था, तो मैं कोई भी विरोध नहीं करता था.
एक रात हम सब घर वालों ने खाना खा बिस्तर लगाया ही था कि अचानक से लाइट चली गई.
काफी इंतज़ार करने पर भी जब लाईट नहीं आई तो पापा ने कहा- चलो, आज सब छत पर सोने चलते हैं.
पर मैंने छत पर जाने से मना कर दिया क्योंकि उस दिन कॉलेज में मैंने खूब मस्ती की थी, दोस्तों के साथ खेला था; जिस वजह से मेरे पैर बहुत दुख रहे थे.
मैंने छत पर जाने से मना कर दिया.
पापा बोले- तो तू सो गर्मी में नीचे … हम लोग तो छत पर सोने जा रहे हैं.
सब जाने लगे और भईया भी जाने लगे.
मैं मन ही मन में सोचने लगा कि काश भईया भी रूक जाएं तो आज रात मुझे कुछ करने का ही ना सही, कम से कम उसका लंड ही छूने को मिल जाए.
पर ऐसा कुछ नहीं हुआ.
भईया भी सबके साथ छत पर चले गए और मैं मन छोटा करके अकेला ही अपने बेड पर लेट गया.
फिर आधे घंटा बाद लाइट भी आ गई.
लाइट आने के 5 मिनट बाद छत से किसी के नीचे आने की आहट हुई.
मुझे लगा सब नीचे आ रहे हैं.
ये सोच कर मैं कमरे के दरवाजे की तरफ मुँह करके लेट गया और देखने लगा.
मैंने देखा कि भईया अपने बगल में अपना तकिया और हाथ में फोन पकड़े हुए आ रहा था.
तो मैंने भईया से पूछा- बाकी सब लोग नहीं आ रहे?
भईया ने कहा- नहीं, सबने मना कर दिया. उन्हें लगता है कि शायद 10-15 मिनट बाद लाईट फिर से चली जाएगी. इस वजह से कोई नहीं आया. मैं, बुआ (मतलब मेरी मम्मी और भैया की बुआ ) से बोल कर नीचे सोने आ गया.
ये बोल कर वो मेरे बगल में आकर लेट गया.
जिससे मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ और फिर रूम की लाईट ऑफ करके पंखा चला कर लेट गया.
पर मुझे कहां नींद आने वाली थी. भईया के पास लेट कर मैं ऐसे ही पड़ा रहा.
कुछ टाईम बाद मैंने नींद मैं होने का नाटक करने के बहाने से अपना एक हाथ उसके पेट पर रख दिया.
थोड़ी देर तक मैं ऐसे ही सोने का नाटक करता रहा.
पर मेरा दिल बुलेट ट्रेन की रफ्तार से एक अनजाने डर से तेज तेज धड़क रहा था.
फिर कुछ देर बाद मैंने अपना हाथ थोड़ा नीचे किया और ये देखने के लिए रूक गया कि भईया जाग रहा है या सो रहा है.
पर भईया ने कुछ हरकत नहीं की तो मुझे अब लगा कि भईया अब गहरी नींद में सो गया है.
मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैंने धीरे धीरे करके अपना हाथ भईया के लंड पर रख दिया.
जैसे ही लंड पर हाथ आया, मेरा दिल धक धक करने लगा.
मैंने कुछ टाईम इंतज़ार किया. भईया ने कोई हरकत नहीं की.
फिर तो मानो मैं बिल्कुल निडर हो गया.
भईया का लंड उस समय सोया हुआ था. फिर भी काफी मस्त लग रहा था.
मैंने धीरे धीरे करके अपना हाथ उसके लोवर में डाल दिया और उसके लंड को पकड़ लिया.
उसके लंड के पास एक भी बाल नहीं था एकदम क्लीन था और काफी गर्म था.
लंड को पकड़ते ही मेरे पूरे शरीर मैं करेंट सा दौड़ने लगा. मैं भईया के लंड को धीरे धीरे दबाने लगा और भईया के लंड में तनाव आने लगा.
फिर मैंने अपना हाथ बाहर निकाल लिया.
अब मैं हिम्मत करके धीरे धीरे करके भईया का पजामा निकालने लगा. मुझे पूरा भरोसा था कि भईया गहरी नींद में है.
मैंने कोशिश करके भईया का पजामा उसके घुटनों तक कर दिया और अपने घुटनों के बल बैठ गया.
मैंने जब भैया का लौड़ा अपने हाथ में लिया, तो मैं चौंक गया.
भईया का लौड़ा एकदम पूरा तन कर कमरे की छत को सलामी दे रहा था.
उसका लंड तन कर 7 इंच का हो गया था.
पहले तो मैं ये सोच कर डर गया कि अगर मैं इस लंड को गांड में लूंगा तो ये पक्का मेरी गांड का गुफा बना देगा.
फिर मैंने सोचा कि जब ओखली में सर दे ही दिया है, तो मूसलों से क्या डरना.
अब मैंने नीचे झुक कर भईया का लंड सूंघा, तो मैं पागल ही हो गया.
मैंने अपनी जीभ निकाल कर भईया का लंड चाटा तो मुझे उसमें उसके प्री-क्रीम का नमकीन स्वाद आया.
ये मुझे बहुत पसंद आया.
मैंने धीरे धीरे करके उसके लौड़े को चाटना शुरू कर दिया था.
मुझे लगा कि भईया सो रहा है, तो मैं आराम से मज़ा लेकर उसके लौड़े का स्वाद लेने लगा.
तभी अचानक भईया बोल पड़ा- और मत तड़पा मेरी रानी … अब तो इसको अपने होंठों से दबा ले!
ये देख कर कि भईया जाग रहा है, मेरी तो गांड ही फट गई.
मैं डर के मारे दूर हट गया.
भईया ने मेरा हाथ पकड़ कर अपने ऊपर खींचा, जिससे मैं सीधा उसके ऊपर जा गिरा और मेरे होंठ उसके होंठों से टकरा गए.
भईया ने मेरे होंठों को चूमते हुए कहा- डर मत मेरी जान!
मैंने डरते डरते भईया से पूछा- आप सो नहीं रहे थे?
तो भईया ने कहा- बाबू, तुम्हारे साथ जब भी सोता हूँ, मुझे नींद कब आती है. मैंने तो तब से ही अपने आपको रोका हुआ था, जब तुमने मेरे पेट पर हाथ रखा था. उसी टाईम से मैंने तुमको अपने साथ खींचने से बस जाने कैसे रोका हुआ था.
ये बोलते हुए भईया ने एक लम्बा स्मूच किया और अपनी जीभ मेरे मुँह में घुसाने लगा.
मुझे क्या … ये तो मेरे लिए और भी अच्छा था. मैं खुद ये ही चाहता था.
मैं भी भईया को किस करने लगा.
एक हाथ से मैं भईया का लौड़ा हिला रहा था और दूसरे से उसको जकड़ कर किस कर रहा था.
तभी अचानक से भईया ने मेरा सर पकड़ा और अपने लौड़े के पास ले जाकर रोका और बोला- मेरी जान अब रूका नहीं जाता. चूस ले इसको … ना जाने कितनी बार तेरी स्माइल को देख कर मुठ मारी है. आज तो तू सच में इसको चूस चूस कर इसका रस निकाल दे.
मैं ये सब सुन कर बहुत खुश हुआ कि भईया भी मुझे पसंद करता है.
भईया का लौड़ा मैं अपने मुँह में डाल कर चूसने लगा मगर भईया का बड़ा लौड़ा पूरा मेरे मुँह में कहां आने वाला था.
फिर भी मैं मजे से उसके लौड़े को चूसने लगा और भईया अपना सर छत की तरफ करके आंखें बन्द करके स्मूच करने लगा.
भैया ‘आह आह इस्स …’ की आवाज निकालने लगा.
तो मैंने भईया का लौड़ा अपने मुँह से निकाल कर कहा- भईया, धीरे धीरे बोलो या चुप हो जाओ, किसी ने सुन लिया तो आफत हो जाएगी.
भईया बोले- मेरी जान मत डर … कोई नहीं आएगा. सुबह 7 या 8 से पहले कोई भी नहीं उठने वाला.
मैंने पूछा- ऐसा क्यों?
तो भईया ने बताया- जिस दवाई फैक्ट्री में मैं वर्कर हूँ. उसमें नींद की दवाई भी बनती है. उधर की मेहरबानी से ही आज हम दोनों मजा करेंगे.
उसने पूरी बात बताई.
दरअसल भईया ने हमारे खाने के बाद सबके खाने में चुपके से वो दवा मिला दी थी.
मैंने पूछा- आपने मेरे खाने में क्यों नहीं मिलाई थी?
तो भईया बोले- मैं जानता था. जो मैं तुमसे चाहता था, तुम भी मेरे साथ सेक्स करना चाहते हो. जिस तरह तुम मुझे अपने आपको छूने देते थे और मुझे देखते थे, मैं समझ गया था.
मैं भैया को चूमने लगा.
फिर भईया बोले- अब बहुत बात हो गई, अब चुपचाप चूस लो. मुझसे रूका नहीं जा रहा है.
मैं भईया के लौड़े को मस्त चूसने लगा. मैं कभी उसको चाटता, कभी उस पर थूकता … और फिर से चाटता.
तभी भईया ने मेरे सिर पर हाथ रखा और अपना लौड़ा मेरे गले तक उतार दिया.
इससे मुझे एकदम से घबराहट होने लगी मुझसे सांस लेते नहीं बन रहा था.
मैं नाक से सास लेने लगा और भईया मेरे मुँह को चोदने लगा.
कुछ पांच मिनट तक बड़ी बेदर्दी से मेरा मुँह चोदने के बाद भईया ने अपना सारा माल मेरे मुँह में ही निकाल दिया.
फिर भी उसने लौड़ा मेरे मुँह से नहीं निकाला जिससे मजबूरन मुझे उसके लंड का माल पीना पड़ा.
फिर उसने अपना लौड़ा मेरे मुँह से निकाला, तब मैंने लम्बी सांस ली.
पहले तो मुझे घिन सी लगी, पर जब उसके माल का नमकीन स्वाद मिला तो मुझे बहुत पसन्द आया.
फिर भईया ने मुझे आपने ऊपर खींचा और मेरे होंठों और मुँह पर लगे अपने माल को चाटने लगा, फिर मेरे होंठों को काटने और चूमने लगा.
देर तक किस करने के बाद भईया ने मुझे पलट कर पहले मेरी टी-शर्ट उतारी और मेरी स्लिम बॉडी को चूमने और चाटने लगा.
मेरी बॉडी पर एक भी बाल नहीं है, जिससे भईया की जीभ मेरी बॉडी पर आराम से फिसल रही थी.
तभी भईया ने मेरा एक निप्पल अपने मुँह में ले लिया और दूसरी घुंडी पर अपनी उंगलियां फिराने लगा.
मैं पागलों की तरह आवाज करने लगा.
तभी भैया को उठा कर मैं उसकी गोदी में बैठ गया और उसको किस करते हुए मैंने उसकी भी टी-शर्ट को उतार दिया.
भईया की बॉडी पर हल्के हल्के बाल थे, जो मुझे हमेशा से बहुत पसंद थे.
मैं उसकी बॉडी को चाटने लगा और धीरे धीरे करके मैं और भईया पूरे नंगे हो गए.
मैंने देखा कि भईया का लौड़ा फिर से खड़ा होने लगा था.
भईया ने मुझे बेड पर सीधा लेटा दिया और अपना लौड़ा मेरे मुँह में दे दिया.
उसके टट्टे मेरी नाक पर लगने लगे. भईया मेरा मुँह चोदने लगा.
कुछ टाईम बाद भईया का लौड़ा अपने मुँह से निकाल कर मैं बोला- भईया अब नहीं रूका जाता. अब बस मुझे अपनी बीवी बना लो.
भईया बोले- सोच लो, बहुत बड़ा है. ले लोगे पूरा?
मैंने कहा- आपके लिए तो जान भी हाजिर है भईया.
भईया हंसने लगा और मुझे एक प्यारी किस करके बोला- तो जाओ तेल ले आओ, नहीं तो तुमको बहुत दर्द होगा.
मैं जल्दी से उठा और भगाता हुआ किचन में जाकर सरसों का तेल कटोरी में ले आया.
मैंने भईया को तेल दे दिया और औंधा लेट गया.
भईया हंसने लगे और बोले- मेरे बाबू को बहुत जल्दी है!
मैंने हंस कर कहा- हां.
भईया ने मुझसे सीधा किया और मेरी टांगें उठा कर अपने कंधे पर रख लीं.
फिर तेल लेकर अपने लौड़े पर लगाया और पूरा लौड़ा एकदम चिकना कर लिया.
फिर जब मैंने बोला कि ‘भईया जल्दी करो ना’ तो भईया बोला- रूक तो जा मेरी जान … पहले कमरे की लाइट जला लूँ देख तो लूँ कि मेरी जान बिना कपड़ों के कैसी लगती है.
भईया ने कमरे की लाइट ऑन कर दी और मुझे देखने लगा.
मेरा हल्का सांवला चिकना शरीर देख कर भईया पागल हो गया.
मैं भईया के हल्के वालों वाला शरीर देख कर गर्म होने लगा.
फिर जब मैंने भईया का गोरा तेल से चमकता हुआ लौड़ा देखा तो मैं तो बावला हो गया.
मैंने कहा- भईया अब बस देर मत करो. जल्दी से इसको मेरे अन्दर करके अपना बना लो.
भईया मेरे पास हुए और मेरी टांगें उठा कर मेरी कुंवारी गांड में उंगली पेल कर तेल लगाने लगा.
फिर झुक कर किस करते हुए कहा- मेरे लिए बस थोड़ा दर्द झेल लोगे ना!
मैंने बोला- आप चिन्ता ना करो, आपके लिए जान हाजिर है भईया!
ये सुन कर भईया बहुत खुश हुआ और मुझे एक किस देकर अपना लौड़ा मेरी कुंवारी गांड पर रख कर रगड़ने लगा.
अचानक से भईया ने हल्का सा धक्का मारा तो उसके लौड़े का टोपा मेरी गांड में हल्का सा घुस गया.
मुझे मीठा सा दर्द हुआ, पर मैंने भईया को नहीं बताया.
मगर भईया समझ गए और वो झुक कर मुझे किस करने लगे.
फिर वो मुझसे बोला- तुम मुझे कबसे पसंद करते हो?
मैंने कहा- जब मैंने आपको नहाते हुए देखा था.
भईया बोले- तुमको मुझमें क्या अच्छा लगता है?
मैंने कहा- आपके होंठ.
भईया ने मुझे किस किया और बोले- अभी तुम कहां हो?
मैंने कहा- आपकी बांहों में.
फिर भईया बोले- तुमको दर्द हो रहा है?
मैंने कहा- हां थोड़ा थोड़ा.
तभी भईया ने मुझे एक किस किया और बोले- लो तुम आज से मेरे हुए.
तभी मुझे महसूस हुआ कि मेरी गांड में भईया का पूरा लम्बा लौड़ा मेरी गांड में घुस चुका है और मेरी गांड से हल्का खून आने लगा है.
भईया ने बातों बातों में पता ही नहीं चलने दिया और कब अपना लौड़ा पूरा अन्दर घुसा दिया.
उस टाइम मुझे हल्का दर्द हुआ और जलन हो रही थी.
भैया कुछ पल रूका और उसने हल्का सा लंड बाहर निकाल कर वापस अन्दर डाल दिया.
मुझे बहुत दर्द हुआ और मेरी आंखों से आंसू निकल आए.
भईया को ये देख कर बहुत बुरा लगा क्योंकि अभी हम कुछ भी कर रहे थे, पर फिर भी भईया मुझे बहुत प्यार करते थे.
वो मेरा बहुत ख्याल रखता था.
तब भईया बोला- बाबू तुमको दर्द हो रहा है … तो रहने देते हैं.
ये बोल कर भईया उठने लगा.
उसको खींचते हुए मैंने अपने ऊपर लिया, जिससे मेरी टांगें फोल्ड होकर बिल्कुल मेरे कंधे पर आ गईं.
मैंने कहा- भईया कुछ पाने के लिए थोड़ा दर्द सहना पड़ता है.
भईया ये सुन कर बहुत खुश हुआ और मुझे किस करने लगा.
किस करते करते वो अपना लौड़ा अन्दर बाहर करने लगा.
Xxx गे सेक्स में शुरू के कुछ मिनट तक मुझे बहुत दर्द हुआ, फिर बाद में मुझे मजा आने लगा.
अब मैं मजे से ‘अअह इस्स भईया जोर से … और जोर से करो आह आज मुझे अपनी बीवी बना लो.’ चिल्लाने लगा.
भईया भी सीत्कार करते हुए बोला- हम्म मेरी जान, आज से तू मेरी रानी … और मैं तेरा राजा हूँ.
फिर भईया जोर जोर से मुझे चोदने लगा.
कमरे में पंखा चलने के बाद भी गर्मी लग रही थी.
भईया मेरे सीने से चिपक कर मुझे चोद रहा था. मेरा और उसका पसीना सीने पर चपक चपक की आवाज कर रहा था.
भईया ‘हम्म मेरी जान …’ करते हुए अपना पूरा लौड़ा मेरी गांड से बाहर निकाल कर अन्दर डाल रहा था जिससे मुझे और मजा आ रहा था.
बीच बीच में भईया मुझे हेलीकॉप्टर शॉट भी मार रहे थे.
जब जब भईया मुझे हेलीकॉप्टर शॉट मार रहा था तो मैं मस्ती में चिल्ला रहा था ‘आह मजा आ गया भईया.’
मेरे मुँह से ये सुन कर भईया और खुश हो जाता और जोर जोर से मुझे चोदने लगता.
इस पोजीशन में काफी देर तक चुदने के बाद मेरी टांगें दुखने लगीं.
तभी मैंने बोला- भईया, पोजीशन चेंज करें!
तभी भईया बोले- ठीक है.
भईया ने जब अपना लंड मेरी गांड से निकाला तब मुझे अजीब सा मजा आया.
फिर मैं भईया को सीधा लेटा कर उसके लंबे लौड़े पर बैठ गया.
भईया ने अपने हाथ मेरी कमर पर रखे और मैं उसके लौड़े पर कूदने लगा.
मैं ‘आह चोदो भईया मुझे चोदो आह मजा आ रहा है.’ चिल्ला रहा था.
तो भईया भी कमर उठा कर कहता- ले मेरे बाबू ले.
भईया जोर जोर से चोदने लगा.
मैं भी और तेजी से उसके लौड़े पर कूदने लगा.
तभी अचानक भईया ने मुझे उल्टा पटका और चित लेटा कर अपना लौड़ा घुसा कर जोर जोर से चोदने लगा.
मैं मजा लेने लगा.
तभी भईया का लौड़ा कड़क हो गया.
मैं समझ गया कि भईया अब झड़ने वाला है.
दो मिनट बाद भईया मेरी गांड में झड़ गया और मेरे ऊपर चित लेट गया.
मैं और भईया दोनों आराम से सांस लेने लगे.
भईया मुझे किस करने लगा और जब उसका लौड़ा छोटा होने लगा तो वो उठ गया.
मेरी गांड में से उसका माल निकलने लगा और बहुत जलन होने लगी.
दर्द भी बहुत हो रहा था.
फिर भईया उठ गया.
पहले उसने अपना लौड़ा साफ किया और उसके बाद मेरी गांड को साफ करने लगा.
भईया की इस क्रिया पर मुझे उस पर बहुत प्यार आया.
मेरी गांड साफ करने के बाद भईया ने मुझे कपड़े पहनने में भी मदद की.
फिर अपने कपड़े पहन कर मुझे एक दर्द निवारक गोली दे दी.
वो मेरे पास आकर लेट गया और मुझे किस करते हुए मुझसे प्यार करने लगा.
फिर भईया मुझे आई लव यू बोल कर सो गया.
उस दिन के बाद जब भी मैं नानी के घर जाता या भईया हमारे घर आता, तब हम दोनों साथ रहते और साथ में ही सोते.
उस रात के बाद भईया मुझे और ज्यादा प्यार करने लगा.
तो दोस्तो, यह मेरी और मेरे ममेरे भाई के साथ की गे सेक्स कहानी थी.
आशा करता हूँ कि आपको मेरी ये कज़िन Xxx गे कहानी जरूर पसन्द आएगी.
मुझे मेल करें.
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