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पति के दोस्त को पटाकर चुदाई का मजा लिया

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चीट वाइफ पोर्न कहानी में चुदाई की शौकीन लड़की ने पति के पीछे उसके दोस्त को पटाकर उसके लम्बे लंड से चूत चुदवा ली.

मेरा नाम मीना ठाकुर है. मैं 30 साल की हूं.
मेरी चूचियां 36 इंच की हैं. कमर 30 की और गांड भी 38 की है.

मुझे अलग अलग लंड से चुदने में काफी मजा आता है.
हालांकि मेरे पति को मेरी इस आदत का पता नहीं है.
मेरे पति नौकरी करते हैं.

तो मेरी चीट वाइफ पोर्न कहानी का मजा लें.

मेरे पति अपने काम से पिछले बीस दिन से बाहर गए हुए थे.

उस दिन उनके दोस्त की शादी की सालगिरह थी.
पति ने मुझसे अकेले जाने की बात कही, तो मैंने उनकी बात मान कर हां बोल दी और जाने के लिए तैयार होने लगी.

उन्होंने कहा- उमेश तुम्हारे साथ चला जाएगा.
मैंने कहा- ओके … पर सर्दी है, मैं कार से जाऊंगी और वो बाइक से आते हैं.

वो बोले- मैंने उससे कह दिया है. वो बाइक घर पर छोड़ देगा और तुम्हारे साथ कार से चला जाएगा.
मैंने हामी भर दी.

फिर मैंने जाने के लिए तैयार होना शुरू किया.
अलमारी से लहंगा-चोली निकाली और पहले अपने बदन को देखा.

एक हफ्ते पहले ही मैंने पूरे बदन की वैक्सिंग करवाई थी.
मेरी चूत एकदम चिकनी थी और टपक रही थी. काफी दिनों से लंड का स्वाद नहीं मिला था.

मैंने नीले रंग की पैंटी ब्रा का सैट पहना.
फिर मैंने चोली पहनी, वो भी नीले रंग की थी और उसमें सामने चैन थी. गला भी काफी गहरा था.
मेरे भरे हुए दूध ऊपर से काफी ज्यादा दिखाई दे रहे थे. पीछे से चोली बैकलैस थी जिससे मेरी पीठ पूरी खुली थी और नीचे ब्रा की पट्टी पर चोली का कपड़ा.

यह चोली स्लीव लैस थी तो मैं काफी सेक्सी लग रही थी.
नीचे लहंगा नाभि के काफी नीचे से बंधा था … जो साइड में हुक से मेरी कमर पर बंधा हुआ था.

लहंगा की चुनरी भी नेट की थी, जिसे मैंने चूचों के ऊपर फैला कर डाला हुआ था … जिसमें मेरे दूध एकदम मस्त तने हुए दिखाई दे रहे थे.

अब मुझे उमेश की याद आई, वो अभी तक नहीं आए थे.
मैं उन्हें फोन लगाने की सोचने लगी फिर न जाने क्यों रुक गई.

मेरी नजरों में उमेश का गठीला बदन घूमने लगा.
आज की रात के लिए उसका लंड मुझे अपनी चूत के लिए मुफीद लगने लगा.

कुछ देर बाद उमेश का फोन लगाया मगर नेटवर्क न आने के कारण फोन नहीं लग सका.

मैंने अपनी कार निकाली और कार लेकर अभी सड़क पर आई ही थी कि उमेश का फोन आया.

वो बोला- भाभी, मैं आपको साथ ले लूं?
मैंने कहा- मैं कार से निकली हूं. आप कहां हो?

वो बोला- बस आपके घर के पास पहुंचा हूं.
मैंने कहा- ओके आप आ जाओ … मैं यहीं रुकी हूं.

वो ओके बोल कर 5 मिनट में आ गया.
वो भी नीली शर्ट और पैंट में था.

जैसे ही वो बैठा, मुझे देख कर उसका मुँह खुला का खुला रह गया.

मैंने एक हल्की सी स्माइल दी और कार आगे बढ़ा दी.
वो बार बार मेरे बूब्स को देख रहा था.

मैंने अपनी जीभ निकाल कर अपने होंठ को टच किए बिना अश्लील भाव से घुमाते हुए उसकी तरफ देखा.

वो एकदम से गनगना गया.
उसने अपनी पैंट के अन्दर जेब में हाथ डाल लिया.
वो शायद अपने लंड को चड्डी से बाहर करके उसे एडजस्ट कर रहा था.

तभी उसके होंठ हिले और वो धीरे से बुदबुदाया- क्या माल है!
मैंने कहा- क्या?

वो सकपका गया और जल्दी से बात बनाते हुए बोला- नया माल खुलने वाला था भाभी, मैं उसके बारे में बोल रहा था.
मैं बोली- अच्छा … उसका यूज अच्छे से करना देवर जी.

इस पर वो अचानक से बोला- भाभी, खाली जगह देख कर थोड़ा कार रोक लेना.
मैंने सुनसान देख कर साइड में कार लगा दी.
वो उतर कर पीछे को चला गया.

मैं साइड मिरर से देखने लगी.

वो वहां पर वो अपने पैंट की जिप खोल कर लंड निकाल कर मूतने लगा.
मैं साइड मिरर को एडजस्ट करके देखने लगी थी जिससे उसका लंड साफ दिख रहा था.

उसका लंड मेरे पति के लंड से पतला था पर लंबा ज्यादा था.

मुझे लंड देख कर कामवासना ने घेर लिया.
मैंने अपनी चोली की चैन थोड़ी नीचे को सरका दी जिससे मेरे बूब्स और ज्यादा दिखने लगे.

वो एक हाथ से लंड पकड़े हुए था और दूसरे हाथ से फोन पर किसी से बात कर रहा था.

फिर वो कार में आकर बैठ गया. मैंने देखा कि साले ने अपनी पैंट की चैन नहीं लगाई थी.
हम चलने लगे. अब वो मेरे खुले मम्मों को और ज्यादा कामुक निगाहों से देख रहा था.

मैंने कहा- तुमने अपनी चैन बंद नहीं की.
वो एकदम से ओह कहते हुए अपनी चैन को बंद करने लगा.

वो मेरे दूध देखता हुआ मुझसे बोला- राज किस्मत वाला है.
मैं हंस दी.

कुछ देर में हम पहुंच गए.
मैं उतरी तो दरबान ने आगे बढ़ कर मुझसे कार की चाबी ले ली और गाड़ी पार्क करने चला गया.

मैंने अन्दर जाकर सीमा को गिफ्ट दे दी.
सीमा ने मुझे गले लगाया.
फिर उसके पति ने भी मुझे गले लगाया और धीमे से बोला- काफी सेक्सी लग रही हो!

मैंने कमर चिपका कर उसके लंड को चूत से रगड़ दिलाई और उससे ये कहती हुई अलग हो गई- आओ कभी हवेली पर … मजा दूंगी.
वो वासना से मुझे देखने लगे और मैं खिलखिला कर अलग हो गई.

उस समय उमेश मेरे पीछे था.
मेरे पति के कुछ और दोस्त भी थे. वो सब दारू पी रहे थे.

सर्दी थी तो मेरा मन भी कर रहा था कि मैं भी दो पैग लगा लूँ.

मैंने उमेश को इशारा किया और वो मेरे हाथ में एक तगड़ा पैग बना कर थमा गया.
मैं पैग हाथ में लिए एक टेबल के पास बैठ गई, उधर और लेडीज भी बैठी थीं.
वो सब ड्रिंक कर रही थीं.

मैं एक महिला से बात करने लगी.
उससे बात करते हुए मेरे तीन पैग हो गए थे और चखना लेते लेते ही मेरा पेट काफी भर गया था.

अब नशे में मेरी चूत भी लंड लंड करने लगी थी.

समय कुछ ज्यादा हुआ … तो लोग जाने लगे.

उमेश मेरे पास आकर बोला- आपने कुछ खाया या नहीं?
मैं बोली- हां मैंने खा लिया.

वो कहने लगा कि तो चलें?
मैंने हां में सर हिला दिया.

फिर मैंने सबका अभिवादन किया और उमेश के हाथ का सहारा लेकर बाहर निकल आई.

बाहर आते ही वो एकदम से मुझसे चिपक गया.
उसकी पैंट से बाहर से ही फूला हुआ दिख रहा लंड को देखकर मैंने कहा- कुछ दिक्कत है क्या?
वो बोला- हां.

मैंने कहा- क्या?
वो बोला- चलो रास्ते में बताता हूँ.

कार पार्किंग में थी. मैंने दरबान को चाभी दी तो वो कार निकाल लाया.
मैं दरवाजा खोलने लगी तो उमेश मेरे पास आकर पीछे से मेरी गांड से सट कर बोला- इसे मैं चला लूँ?

उसकी दो अर्थी बात मेरे समझ में आ गई थी.
मैं अपनी गांड को उसके लंड से सटाती हुई अपना मुँह मोड़ कर उसके होंठों के पास होंठ करके बोली- मुझे मर्द चलाए, तो अच्छा लगता है.

वो बोला- मैं ऐसे चलाऊंगा कि आपको खुश कर दूँगा.
ये कह कर उसने मेरी कमर पकड़ी और लॉक खोला.

मैं गांड से लंड को रगड़ती हुई हटी और दूसरी तरफ जाकर बैठ गई.
हम दोनों की आंखों में बात पक्की हो गई थी.

वो कार मैं बैठ कर अपने पत्नी को फोन करके बोला- मेरी मोटरसाइकिल खराब हो गई है. मैंने बहुत कोशिश की है मगर वो ठीक नहीं हुई है. अब मैं आज नहीं आ पाऊंगा. कल सुबह आऊंगा.

फोन का स्पीकर खुला हुआ था और उन दोनों की बात हो रही थी.

उसकी पत्नी सुनंदा बोली- ओह शिट यार … आज चुदने का बहुत मन कर रहा है.
वो मेरे दूध देखता हुआ बोला- यार मन तो मेरा भी बहुत कर रहा है … किसी तरह आने की जुगाड़ बन गई तो तुम्हें खुश करता हूँ.

इसके बाद फोन कट गया और वो मेरी तरफ देखने लगा.
मैंने भी दूध उठा कर हंस दिया.

उसने मेरा हाथ पकड़ा और पैंट के ऊपर रखा और मैं भी लंड सहलाने लगी.

उसने गाड़ी दौड़ा दी और जल्द ही हम दोनों मेरे घर के सामने खड़े थे.

घर के पहले ही मै बोली- मेरे बाजू में रहने वाला मुझ पर बहुत ध्यान देता है. तुम पीछे सीट में छुप जाओ. गैरेज से अन्दर आना!
उसने कहा- ठीक है.

फिर उसने गाड़ी पार्किंग में घुसेड़ने से पहले सड़क पर ही एक किनारे लगाई और हम दोनों ही बाहर निकल आए.

वो ड्राइविंग सीट से हट कर पीछे वाली सीट पर लेट गया.
मैं आगे बड़ी और ड्राइविंग सीट पर आ गई.

वो पीछे से हाथ बढ़ा कर मेरे लहंगे के ऊपर से मेरी चूत को सहलाने लगा.
मैं पहले से ही चुदासी हुई पड़ी उसके हाथ लगाने से चूत एकदम से खौल गई.

मैंने गैरज में कार लगाई और कार नीचे से उतर गई.
उसने कहा- कार में ही आ जाओ.

ये कह उसने अपना लंड बाहर निकाल दिया.
मैं उसके पास गई और उससे कसके लिपट गई.

लंड चूसने लगी तो अचानक से मैं कुछ देख कर खांसने लगी.
तभी उमेश भी मेरा इशारा समझ गया और वो बोला- तुम सच कह रही थी, वो देखो सामने साला कमीना खड़ा है और अपन दोनों को देखने की कोशिश रहा है.

उसके ये कहते ही मैंने एक गाली दी- उसकी मां की चूत … बहन के लौड़े को एकाध दिन चूत चटवा ही देती हूँ.
ये कहते हुए मैं कार से निकल कर अलग हो गई और घर का दरवाजा खोल कर उमेश को इशारे से बुलाया.
वो नजरें बचाता हुआ आया और मैंने उसको अन्दर भेज दिया.

मैं वापस आई और कार का दरवाजा बंद करके अन्दर चली गई.
अन्दर उमेश हॉल में खड़ा था.

मैं उसके पास गई.
उसने मुझे अपने पास खींच कर गले से लगा लिया.

मैंने उसके होंठों में होंठ लगा दिए और उसके होंठों को चूसने लगी.
वो मेरे साथ भी ऐसा करने लगा.

उसके हाथ मेरे बदन को सहलाने लगे और एक हाथ से मेरे दूध दबाने लगा.
इसी के साथ वो अपने दूसरे हाथ से मेरी चूत को मसलने लगा.

मैं भी तो गरमाई हुई थी तो कैसे पीछे रहती … मैंने भी हाथ आगे बढ़ा दिया और उसके लंड को अपने हाथ से पकड़ कर मसलने लगी.
मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.

कुछ देर बाद वो मुझको सोफे पर ले आया.
उसने मुझे सोफे के आगे खड़ा कर दिया और मेरी चोली को उतारा.

उसके बाद उसने मेरे होंठों को चूमते हुए मेरे लहंगा के बाजू में लगे बटन को खींचा, तो लहंगा माफ़ी मांगता हुआ नीचे गिर गया.
अब मैं उसके सामने सिर्फ ब्रा पैंटी में खड़ी थी.
उसने मेरी पैंटी की इलास्टिक में उंगलियां फंसाईं और उसको चूत से नीचे सरका दिया.

चूत की छटा निहारते हुए उसने कहा कि क्या माल खुला है मेरी जान!
मैंने उससे कहा- साले, मुझको नंगी कर दिया है और ख़ुद को अभी भी ढके रखे हो. लंड को बाहर निकालो और तुम भी नंगे हो जाओ.

ये सुनकर वह तुरंत अपने कपड़े उतारने लगा.
अगले कुछ पलों में मादरजात नंगा खड़ा था.

मैंने उसके पास जाकर कहा- अब मुझे मस्त कर दो.
वह अपने हाथ से मेरी चूत को सहलाने लगा.
मैं पैर फैला कर खड़ी होकर चूत रगड़वाने का मजा लेने लगी.

मैंने कहा- आंह जान, तुम तो बहुत अच्छा रगड़ते हो.
वो बोला- वो छोड़ मेरी जान … अब ये बता कि कहां मरवाओगी. यहां सोफे पर लोगी या बेड पर?

उतने में मेरे पति का फोन आ गया.

मैं स्पीकर पर बोली- हाय जानू!
वो बोले- हाय रानी … घर आ गई?
मैं बोली- हां.

उन्होंने फोन पर किस किया तो मैं उमेश को चुम्मी ली और इशारा किया कि थोड़ा रुकना होगा.
वो मेरे मम्मों को दबाने लगा.

मैं अपने पति से मस्ती करती हुई उमेश के साथ बेडरूम में आ गई.
अब मैं पति से कहने लगी- जानू अब तुम सो जाओ … मुझे नींद आ रही है.
वो मेरे साथ फोन सेक्स के लिए बोले.

इधर मैं लंड से चुदने को तैयार थी. उमेश का लंड भी पानी छोड़ रहा था.

मैंने पति से ‘नहीं …’ बोल कर फोन काट दिया और उमेश के लंड को पकड़ कर देखा कि ये कितना ज्यादा पागल है. हर समय चोदने के तैयार रहता है.

उमेश ने मुझको बेड पर गिरा दिया और कहा- तुम तो माल ही ऐसी हो. कौन छोड़ेगा तुमको!
वो फिर से मेरे बदन को सहलाने लगा और मेरे पैरों को अलग करके चौड़ा दिया.

उसने मेरी चूत को फैला कर उस पर अपने होंठ लगा दिए और दोनों हाथों से मेरे दोनों मम्मों को दबाने लगा.
मुझे असीम सुख की प्राप्ति होने लगी.

वो मेरे मम्मों को नाखून गाड़ कर मसलने लगा.
मैं भी उसके सिर को पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगी.

वो अपनी नाक से जोर जोर से सांस छोड़ने लगा. इससे मैं पागल हो गई थी.

कुछ पल बाद वो मेरे ऊपर चढ़ गया और मेरे एक दूध को काटने लगा.
मैं अपने हाथ से उसके खड़े लंड को सहलाने लगी.

वो अपने लंड को मेरे हाथों की मदद से मेरी चूत की फांकों में लगा कर रगड़ने लगा.
उसका सुपाड़ा मेरी चूत के मुँह में लगा तो मैं सिसकारियां भरने लगीं.

वो अपने दोनों हाथ मेरे दोनों बगल में बिस्तर पर टिका कर अपने मुँह से मेरे एक दूध को खींचते हुए काटने लगा.
मुझे एक साथ डबल मजा मिल रहा था.

चूत में लंड की गर्मी का मजा और निप्पल को खींचे जाने का मीठा मजा.
मेरी कामुक कराहें बढ़ने लगीं.

वो भी बदल बदल कर मेरे दोनों मम्मों को चूसने और काटने लगा.

उसका लंड भयानक सख्त लगने लगा था और बस किसी भी पल वो मेरी चूत की बखिया उधेड़ने के लिए हमला कर सकता था.

मैं भी समझ गई कि आज एक नए लंड को अपने चूत में डलवा कर चुदने का मजा लेना है.
मैं यह सोच कर ही एकदम से कामुक हो जाती हूं कि एक नया लंड चूत में जाएगा.

उधर मेरे ऊपर झुका हुआ उमेश मेरे अंडरआर्म को साफ देख कर मेरे दूध छोड़ कर उनको चूमने चाटने लगा.
मैं इससे एकदम से भड़क उठी और लंड को फांकों से मथने सी लगी … गांड उठा कर लंड अन्दर लेने की कोशिश करने लगी.

मगर वो साला मेरी चूत में लंड पेलना ही नहीं चाहता था.

मैंने अपने हाथ से उमेश को अपने सीने पर जकड़ा और अपने दसों नाख़ून उसकी पीठ पर गाड़ दिए.
उमेश की आह निकल गई.

वो मुझे चूमते हुए बोला- आह जानू क्या हुआ … मैं डर गया!
मैंने कहा- अब अन्दर करो ना!

उसने कहा- रानी, मैं तुमको जब भी देखता हूँ तो पागल हो जाता हूं. आज मौका मिला है बेबी … प्लीज़ थोड़ा और मस्ती करने दो ना … फिर चोदता हूँ.

इधर मैं तो बस किसी तरह से लंड अन्दर लेकर चुदना चाहती थी.
मैं उससे बोली- पहले एक बार तुम मुझको पूरी ताकत से चोद दो. उसके बाद मेरे साथ जितनी चाहो, उतनी मस्ती कर लेना.
उमेश ने ‘ओके मेरी जान …’ कहा और थोड़ा ऊपर उठ कर अपने गीले लंड को मेरी गीली चूत के छेद में सैट करके सुपारे को अन्दर पेलने को दबाने लगा.

मैं मादक सिसकारी निकालने लगी.

उसने अपने एक हाथ को मेरे एक दूध के ऊपर रखा और एकदम से मेरी चूत में लंड को धक्का दिया.
मैं आई उफ्फ चिल्लाई और वो अपने लंड के सुपारे को दबाने लगा.
उसका लंड चूत में फंस गया था.

उसने कमर ऊपर करके मेरी गीली चूत पर मारा एक जोर का धक्का, तो मेरी जान निकल गई.

अभी उसका आधा लंड भी नहीं घुसा था कि उसने अपने दोनों हाथों को मेरी कमर पर रख कर एक जोरदार धक्का दे दिया और उसका पूरा लंड अन्दर चला गया.

अब वो रुक रुक कर हल्के हल्के धक्के लगाने लगा, मेरे दूध को दबाने लगा और धक्का लगा कर मेरे को मस्त करने लगा.
मैं भी उसके साथ कमर को पकड़ कर अपनी कमर ऊपर नीचे करने लगी और आह आह करने लगी.

बीसेक धक्के लगवाने के बाद मैं मजा लेने लगी थी.

मैं बोली- तुम को कैसा लग रहा है?
उसने कहा- तुम तो बहुत ही अच्छे से चुदती हो.

यह कहकर और जोर से धक्का मरने लगा.
दोनों की गीले होने के कारण चट चट फच डच की आवाज सुनाई देने लगी.

ये आवाजें अन्दर के माहौल को और भी सेक्सी बना रही थीं.

उमेश की ‘हाय हाय हाय जान … मेरी रानी …’ की आवाजें निकल रही थीं कि मैंने अपनी कमर को ऊपर कर लिया.
उसी वक्त उसकी कमर चलने के साथ साथ उसके उपद्रवी गोटे मेरी गांड पर हमला करने लगे.

उसके लंड के चौकीदार मेरी गांड पर लग लग कर चट चट की मधुर ध्वनि माहौल को वासनामय बना रहे थे.

उमेश बोला- मेरे रानी रंडी जान ये बता कितने लंड अन्दर ले चुकी हो?
मैं सिसकारी भरने लगी और कहने लगी- वो सब छोड़ो. तुम तो बस मजा लो!

वो मेरे को मस्त करने लगा मैंने भी उसके होंठों से अपने होंठ जोड़ दिए और दोनों ही अच्छे से बाहर अन्दर करने लगे.

हमें चुदाई करते हुए करीब 20 मिनट हो गए थे.

तभी उसने जोर से कहा- आह मेरा निकलने वाला है.
मैं बोली- अन्दर ही आ जाओ.

अब लंड चूत एकदम चिपक गया था. लंड ने चूत में उल्टी कर दी थी.
उसने अपना पानी मेरी चूत में ही निकाल दिया था.
मैंने लंड रस को महसूस किया और शिथिल हो गई.

मेरी गांड के छेद के ऊपर से हम दोनों का पानी बह कर बाहर आने लगा, जिसका अलग मजा था.

कुछ देर बाद मैंने उससे कहा- राजा अब तो मेरे ऊपर से उठो.
वो हटा तो मैं वाशरूम गई और वो लेटा रहा.

मैं वापस आकर लेट गई.
अब वो बाशरूम गया.
और हम लेट गए, सो गए.

आपको मेरी चीट वाइफ पोर्न कहानी पढ़कर कैसा लगा, प्लीज़ मुझे बताएं, मुझे इसका इंतजार रहेगा.
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